Padosi aunty ki chudai ki kahani – पडोसी आंटी की चुदाई का सुख

मैं बोला- आंटी अब सब कुछ आपने देख ही लिया है तो अब क्या बचा है, इतना भी क्या शरमा रही हैं आप?

इतना बोल कर मैंने अपना पजामा अपनी टांगों से बिल्कुल ही उतार कर अलग कर दिया और अब मैं आंटी के सामने पूरा का पूरा ही नंगा होकर खड़ा हो गया.
मैंने कहा- मैंने आपको अपनी चूत को खुजलाते हुए देख लिया है आंटी.

सविता आंटी अपनी ओर से कोई पहल नहीं कर रही थी. वो चुपचाप खड़ी हुई थी गर्दन को नीचे किये हुए.

फिर वो धीरे से मेरे करीब आई और बोली- आप किसी को इस बारे में बताना नहीं.

ये कहते हुए आंटी ने नीचे ही नीचे मेरे लंड को अपने कोमल से हाथ से छूते हुए उसको जोर से दबा दिया.

वो सिसकारते हुए बोली- आह्ह, बहुत ही मस्त लंड है आपको तो, ऐसा क्या लगाते हो आप इस पर?

मैंने कहा- एक बार इसका स्वाद चख कर देख लो, आपको खुद पता लग जायेगा कि क्या लगाता हूं.

आंटी ने मुझे थोड़ा एक तरफ धकेल लिया और तुरंत अपने घुटनों पर बैठ कर मेरे लंड को मुंह में भर लिया.

आंटी के मुंह में मेरा लंड था और मैं जैसे हवा में उड़ने लगा. आंटी मेरे लंड को लोलीपॉप के जैसे मस्ती में चूसने लगी. ऐसा लग रहा था कि वो मेरे लंड की बहुत ही ज्यादा प्यासी हो चुकी थी.

मेरे लंड के सुपारे की स्किन को पीछे करके मेरे गहरे गुलाबी रंग के सुपारे को चाटने लगी. मैं तो मदहोश होने लगा था. आंटी मेरे लंड को ऐसे प्यार कर रही थी जैसे वो लंड नहीं कोई छोटा बच्चा हो.

पांच मिनट तक आंटी ने मेरे लंड को चूसा और जब मुझसे रुका न गया तो मैं आंटी को उठा कर अंदर रूम में ले गया. मैंने लात मार कर दरवाजा बंद किया और आंटी को ले जाकर बेड पर पटक दिया.

लिटाते ही मैं आंटी पर टूट पड़ा. उसके गदराये जिस्म को बेतहाशा चूमने लगा. उसके बदन को चूमते हुए मैंने उसके कपड़े खोलने शुरू कर दिये. पहले उसका ब्लाउज उतारा और फिर उसका पेटीकोट खोल दिया.

आंटी अब ब्रा और पैंटी में थी. मैंने जोर से उसकी ब्रा को जैसे निचोड़ते हुए उसके बूब्स को इतनी जोर से दबाया कि आंटी की दर्द भरी सिसकारी निकल गयी और वो कराहते हुए बोली- आह्ह, आप तो बहुत ही ज्यादा मजबूत हो. मेरे आम को ऐसे निचोड़ रहे हो जैसे सारा रस आज ही पी लोगे.

मुझे होश ही नहीं था कि आंटी क्या बक रही है. मैंने आंटी की ब्रा को खींच कर फाड़ दिया और उसकी चूचियों को मसलते हुए उन्हें बारी बारी से मुंह में भर कर पीने लगा. आंटी मस्त होकर कामुक आवाजें निकालने लगी और मेरे सिर को पकड़ कर मेरा मुंह अपनी चूचियों पर दबाने लगी.

फिर मैंने आंटी की पैंटी को उतार फेंका और उसकी चूत में मुंह दे दिया और उसको जोर जोर से होंठों से खींचते हुए उसको चूसने और काटने लगा. आंटी पगला गयी. मेरे मुंह को जैसे अपनी चूत में अंदर घुसाने की कोशिश करने लगी.

दो मिनट के अंदर ही मैंने आंटी की चूत को चूस चूस कर उसे पागल कर दिया और वो सिसकारते हुए बोली- आह्ह, बस कीजिये. अब और नहीं रुक पाऊंगी. इसे आपका हथियार अंदर चाहिए अब. अब ये और तड़प बर्दाश्त नहीं कर पायेगी.

मैंने कहा- बस दो मिनट और रुको मेरी जान, मैं तुम्हारी चूत की प्यास अच्छे से बुझाऊंगा. थोड़ा सब्र करो.

उसके बाद मैंने अपने लंड को आंटी के मुंह की ओर कर लिया और मैं आंटी की चूत को चाटने लगा.

आंटी मेरे लंड को मुंह में भर कर पागलों की तरह चूसने लगी और मैं आंटी की चूत का रस बूंद-बूंद चूसने लगा. 69 में काफी देर तक हम दोनों ने एक दूसरे के अंगों को चूसा और चाटा और फिर मैंने आंटी को नीचे पटक लिया.

उसकी टांगों को पकड़ उसकी चूत को खोल लिया और अपना मोटा सुपारा उसकी चूत के छेद पर सेट करके एक जोर का धक्का दे दिया. आंटी की चिकनी हो चुकी चूत में आधा लंड जा फंसा. ऐसा लगा जैसे आंटी की चूत में किसी ने मिर्ची लगा दी हो.

वो तड़पने लगी. तभी मैंने दूसरा धक्का भी मार दिया और पूरा लंड आंटी की चूत में फंसा दिया. वो मुझे पीछे करने लगी लेकिन मैंने उसको कस कर दबोचा हुआ था.

फिर धीरे धीरे मैंने सविता आंटी की चूत में अपना लंड पेलना शुरू किया. कुछ ही देर में आंटी मेरे मोटे और लम्बे लंड से चुदाई का मजा अपनी चूत में लेने लगी.

पूरा रूम हम दोनों की कामुक सिसकारियों से गूंज उठा- आह्ह और जोर से चोदो. आह्ह और तेज. इतना सेक्सी मस्त लंड मैंने कभी अपनी चूत में नहीं लिया था. बहुत मजा आ रहा है इस दमदार लौड़े से चुदते हुए. चोदते रहो … आह्ह… सारा दिन चोदते रहो मुझे. आह्ह और चोदो, और जोर से.

आंटी के इस तरह के बोल मेरे अंदर के जोश को और बढ़ा रहे थे.

मैं पूरा जोर लगा कर आंटी की चूत को फाड़ने लगा. करीब 15 मिनट तक मैंने आंटी की चूत को चोदा और फिर उसकी चूत में ही झड़ गया. आंटी की चूत को चोद चोद कर मैंने उसका छेद खोल दिया. जब मैंने आंटी की चूत से लंड बाहर निकाला तो उसकी चूत पूरी फैली हुई दिख रही थी और उसके अंदर की लाल गुफा साफ साफ नजर आ रही थी.

इस तरह से सविता आंटी की चुदाई करके मैंने उसकी प्यास को शांत किया.

उस दिन के बाद आंटी के साथ मेरा ये Indi Sex Stories चुदाई वाला सिलसिला शुरू हो गया और न जाने कितनी ही बार मैंने उसकी चूत चोद कर मजा लिया और उसकी चूत की प्यास को भी शांत किया.

उसके बाद मैंने फिर वहां से रूम बदल लिया था. फिर आंटी से कॉन्टेक्ट नहीं हो पाया. नई जगह पर आने के बाद फिर से मुझे आंटी की चूत याद आने लगी. मेरा लंड फिर से मुझे परेशान करने लगा मगर उसके बाद अभी तक मेरे पास चूत का जुगाड़ नहीं हो पाया है.

Dosto ye meri Savita aunty ki chudai ki kahani apko jarur pasand ayi hogi. Mei aur bhi Hindi Sex Stories dalata rahunga. Aap India Sex Stories padhate rahiyega.

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4 Comments

  1. Mera 7 inch ka land hei

    Koron lockdown mei meine meri padosan ko chod diya, uska pati Rajasthan me fas gaya tha.
    Wo akeli baccho ke saath thi. To meine hi uski har tarah ki madat ki.
    Uske badale usne muze pure lockdown chodne diya. kabhi kabhi din mei 2 baar bhi choda usko.
    Me ye kahani likhakar bheju kya?

  2. ManishSis

    Mere ghar ke samane ek teacher ki biwi rehati hei. Bohot hot hei. Use roj aate jaate line deta hun. Agar ek hint bhi de na, sali ko ghar me ghus ke chodunga.

  3. AshishRomantic

    Meri tenant 2 ladkiya thi. Lockdown me wo fas gayi aur rent dene ke bhi paise nahi the. Meine unka kharcha uthaya aur rent bhi nahi liya. Badle me dono ne muze khub chodane diya. Usme se 1 to vergine bhi thi.

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