Jija sali ka pyaar जीजा साली का प्यार – Jija Sali Sex

जीजा साली का प्यार–3

गतान्क से आगे,,,

अपनी दुलारी साली को दर्द से बिलबिलाते देख कर मुझे दया तो बहुत आई लेकिन मैने सोचा अगर इस हालत मे मैं उसे छोड़ दूँगा तो वो दुबारा फिर कभी इसके लिए राज़ी नही होगी.

मैने उसे हौसला देते हुए कहा. “बस साली थोड़ा और दर्द सह लो. पहली बार चुदवाने मे दर्द तो सहना ही पड़ता है. एक बार रास्ता खुल गया तो फिर मज़ा ही मज़ा है.”

मैं कामिनी को धीरज देने की कोशिश कर रहा था मगर वो दर्द से छटपटा रही थी.

मैं मर जाऊंगी जीजू… प्लीज़ मुझे छोड़ दीजिए…बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा है.. प्लीज़ जीजू…निकाल लीजिए अपना लंड”, कामिनी ने गिड़गिदाते हुए अनुरोध किया.

लेकिन मेरे लिए ऐसा करना मुमकिन नही था. मेरी साली कामिनी दर्द से रोती बिलखती रही और मैं उसकी टाँगो को कस कर पकड़े हुए अपने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करता रहा. थोड़ी थोड़ी देर पर मैं लंड का दबाव थोड़ा बढ़ा देता था ताकि वो थोड़ा और अंदर चला जाए.

इस तरह से कामिनी तकरीबन 15 मिनट तक तड़पती रही और मैं लगातार धक्के लगाता रहा.

कुछ देर बाद मैने महसूस किया की मेरी साली का दर्द कुच्छ कम हो रहा था. दर्द के साथ साथ अब उसे मज़ा भी आने लगा था क्योकि अब वह अपने चूतड़ को बड़े ही लय-ताल मे उपर नीचे करने लगी थी.

उसके मूह से अब कराह के साथ साथ सिसकारी भी निकलने लगी थी.

मैने पूछा. “क्यो साली, अब कैसा लग रहा है? क्या दर्द कुछ कम हुआ?

हा जीजू, अब थोड़ा थोड़ा अच्छा लग रहा है. बस धीरे धीरे धक्के लगाते रहिए. ज़्यादा अंदर मत घुसाईएगा. बहुत दुखता है.” कामिनी ने हान्फ्ते हुए स्वर मे कहा.

ठीक है साली, तुम अब चिंता छोड़ दो. अब चुदाई का असली मज़ा आएगा.”

मैं हौले हौले धक्के लगाता रहा. कुछ ही देर बाद कामिनी की चूत गीली होकर पानी छोड़ने लगी..

मेरा लंड भी अब कुछ आराम से अंदर बाहर होने लगा.

हर धक्के के साथ फॅक-फॅक की आवाज़ आनी शुरू हो गयी.

मुझे भी अब ज़्यादा मज़ा मिलने लगा था.

कामिनी भी मस्त हो कर चुदाई मे मेरा सहयोग देने लगी थी.

वो बोल रही थी, आब अच्छा लग रहा है जीजू, अब मज़ा आ रहा है.ओह जीजू…..ऐसे ही चोदते रहिए….और अंदर घुसा कर चोदिये जीजू….आ आपका लॅंड बहुत मस्त है जीजू जी…..बहुत सुख दे रहा है.

कामिनी मस्ती मे बड़बदाए जा रही थी. मुझे भी बहुत आराम मिल रहा था.

मैने भी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी. तेज़ी से धक्के लगाने लगा. अब मेरा लगभग पूरा लंड कामिनी की चूत मे जा रहा था मैं भी मस्ती के सातवे आसमान पर पहुच गया और मेरे मूह से मस्ती के शब्द फूटने लगे.

हाई कामिनी, मेरी प्यारी साली, मेरी जान…आज तुमने मुझ से चुदवा कर बहुत बड़ा उपकार किया है…. हा…. साली. तुम्हारी चूत बहुत टाइट है….बहुत मस्त है…तुम्हारी चूची भी बहुत कसी कसी है. ओह्ह….बहुत मज़ा आ रहा है.

कामिनी अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर चुदाई मे मेरी मदद कर रही थी. हम दोनो जीजा साली मस्ती की बुलंदियो को छू रहे थे.

तभी कामिनी चिल्लाई, …जीजू… मुझे कुछ हो रहा है……आ हह….जीजू…. मेरे अंदर से कुछ निकल रहा है…. ऊहह.. जीजू… मज़ा आ गया…..ह..उई…. माअं….

कामिनी अपनी कमर उठा कर मेरे पूरे लंड को अपनी बूर के अंदर समा लेने की कोशिश करने लगी.

मैं समझ गया कि मेरी साली का क्लाइमॅक्स आ गया है.

वह झाड़ रही थी.

मुझ से भी अब और सहना मुश्किल हो रहा था.

मैं खूब तेज-तेज धक्के मार कर उसे चोदने लगा और थोड़ी ही देर मे हम जीजा साली एक साथ स्खलित हो गये.

बरसो से ईकात्ठा मेरा ढेर सारा वीर्य कामिनी की चूत मे पिचकारी की तरह निकल कर भर गया..

मैं उसके उपर लेट कर चिपक गया.

कामिनी ने मुझे अपनी बाँहो मे कस कर जाकड़ लिया.

कुछ देर तक हम दोनो जीजा-साली ऐसे ही एक दूसरे के नंगे बदन से चिपके हान्फ्ते रहे.

जब साँसे कुछ काबू मे हुई तो कामिनी ने मेरे होटो पर एक प्यार भर चुंबन लेकर पूछा, “जीजू, आज आपने अपनी साली को वो सुख दिया है जिसके बारे मे मैं बिल्कुल अंजान थी. अब मुझे इसी तरह रोज चोदियेगा. ठीक है ना जीजू?”

मैने उसकी चूचियो को चूमते हुए जबाब दिया, “आज तुम्हे चोद्कर जो सुख मिला है वो तुम्हारी दीदी को चोद्कर कभी नही मिला..तुमने आज अपने जीजू को तृप्त कर दिया.”

वह भी बड़ी खुश हुई और कहने लगी, “आप ने मुझे आज बता दिया कि औरत और मर्द का क्या संबंध होता है.”

वा मेरे सीने से चिपकी हुई थी और मैं उसके रेशमी ज़ुल्फो से खेल रहा था..

कामिनी ने मेरे लंड को हाथ से पकड़ लिया.

उसके हाथो के सपर्श से फिर मेरा लंड खड़ा होने लगा, फिर से मेरे मे काम वासना जागृत होने लगी.

जब फिर उफहान पर आ गया तो मैने अपनी साली से कहा पेट के बल लेट जाओ.

उसने कहा, क्यूँ जीजू?

मैने कहा, “इस बार तेरी गांद मारनी है. “

वह सकपका गयी और कहने लगी, “कल मार लेना.”

मैने कहा, “आअज सब को मार लेने दो कल पता नही में रहूं कि ना रहूं.”

यह सुनते ही उसने मेरा मूह बंद कर लिया और कहा, “आप नही रहेंगे तो मैं जीकर क्या करूँगी?”

वह पेट के बल लेट गयी. मैने उसकी चूतर के होल पर वसलीन लगाया और अपने लंड पर भी, और धीरे से उसकी नाज़ुक चूतर के होल मे डाल दिया.वह दर्द के मारे चिल्लाने लगी और कहने लगी, “निकालिए बहुत दर्द हो रहा है”.

मैने कहा, सबर करो दर्द थोड़ी देर मे गायब हो जाएगा.

उसकी चूतर फॅट चुकी थी और खून भी बह रहा था.

लेकिन मुझपर तो वासना की आग लगी थी. मैने एक और झटका मारा और मेरा पूरा लंड उसके चूतर मे घुस गया …

मैं अपने लंड को आगे पीछे करने लगा. उसका दर्द भी कम होने लगा. फिर हम मस्ती मे खो गये.

कुछ देर बाद हम झाड़ गये. मैने लंड को उसके चूतर से निकालने के बाद उसको बाँहो मे लिया और लेट गया .

हम दोनो काफ़ी थक गये थे. बहुत देर तक हम जीजा साली एक दूसरे को चूमते-चाटते और बाते करते रहे और कब नींद के आगोश मे चले गये पता ही नही चला.

सुबह जब मेरी आँखें खुली मैने देखा साली मेरे नंगे जिस्म से चिपकी हुई है.

मैने उसको धीरे से हटा कर सीधा किया, उसकी फूली हुई चूत और सूजी हुई चूतर पर नज़र पड़ी, रात भर की चुदाई से काफ़ी फूल गये थे.. बिस्तर पर खून भी पड़ा था जो साली के चूत और चूतर से निकला था.

मेरी साली अब वर्जिन नही रही. नंगे बदन को देखते ही फिर मेरी काम अग्नि बढ़ गयी. धीरे से मैने उसकी गुलाबी चूत को अपने होटो से चूमने लगा. चूत पर मेरे मूह का स्पर्श होते ही वह धीरे धीरे नींद से जागने लगी.

उसने मुझे चूत को बेतहासा चूमता देख शरम से आँखें बंद कर ली और कहा, समझ गयी फिर रात का खेल होगा फिर जीजा साली का प्यार होगा…

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*** समाप्त ***

Jija Saali Ka Pyaar–3

gataank se aage,,,

Apanee dulaaree saalee ko dard se bilbilaate dekh kar mujhe dayaa to bahut aayee lekin maine sochaa agar is haalat me mai use chod dungaa to wo dubaaraa fir kabhee isake liye raajee nahee hogee.

Maine use hausalaa dete hue kahaa. “Bas saalee thodaa aur dard sah lo. Pahalee baar chudawaane me dard to sahanaa hee padataa hai. Ek baar raastaa khul gayaa to fir majaa hee majaa hai.”

Mai Kamini ko dheeraj dene kee koshish kar rahaa thaa magar wo dard se chatapataa rahee thee.

Mai mar jaaoongee jeeju… please mujhe chod deejiye…bahut jyaadaa dard ho rahaa hai.. please jeeju…nikaal leejiye apanaa land”, Kamini ne gidgidaate hue anurodh kiyaa.

Lekin mere liye aisaa karanaa mumakin nahee thaa. Meree saalee Kamini dard se rotee bilakhatee rahee aur mai usakee taango ko kas kar pakade hue apane land ko dheere dheere aage peeche karataa rahaa. Thodee thodee der par mai land ka dabaav thodaa badhaa detaa tha taaki wo thodaa aur andar chalaa jaaye.

Is tarah se Kamini takareeban 15 minata tak tadapatee rahee aur mai lagaataar dhakke lagaataa rahaa.

Kuch der baad maine mahasoos kiyaa kee meree saalee kaa dard kuchh kam ho rahaa thaa. Dard ke saath saath ab use majaa bhee aane lagaa thaa kyoki ab wah apane chootad ko bade hee lay-taal me upar neeche karane lagee thee.

Usake muh se ab karaah ke saath saath siskaaree bhee nikalane lagee thee.

Maine poochaa. “Kyo saalee, ab kaisaa lag raha hai? Kyaa dard kuch kam huaa?

Haa jeeju, ab thodaa thodaa achchaa lag raha hai. Bas dheere dheere dhakke lagaate rahiye. Jyaadaa andar mat ghusaaeeyegaa. Bahut dukhataa hai.” Kamini ne haanfte hue swar me kahaa.

Theek hai saalee, tum ab chinata chod do. Ab chudaaee kaa asalee majaa aayegaa.”

Mai haule haule dhakke lagaataa rahaa. Kuch hee der baad Kamini kee choot geelee hokar paanee chodne lagee..

Meraa land bhee ab kuch aaraam se andar baahar hone lagaa.

Har dhakke ke saath fach-fach kee aawaaj aanee shuru ho gayee.

Mujhe bhee ab jyaadaa majaa milane lagaa thaa.

Kamini bhee mast ho kar chudaaee me meraa sahayog dene lagee thee.

Vo bol rahee thee, Aab achchaa lag raha hai jeeju, ab majaa aa raha hai.oh jeeju…..aise hee chodate rahiye….aur andar ghusaa kar chodiye jeeju….aah aapkaa land bahut mast hai jeeju jee…..bahut sukh de rahaa hai.

Kamini mastee me badbadaaye jaa rahee thee. Mujhe bhee bahut aaraam mil rahaa thaa.

Maine bhee chudaaee kee speed badhaa dee. Tejee se dhakke lagaane lagaa. Ab meraa lagabhag pooraa land Kamini kee choot me jaa rahaa thaa mai bhee mastee ke saatawe aasamaan par pahuch gayaa aur mere muh se mastee ke shabd footane lage.

Haee Kamini, meree pyaaree saalee, meree jaan…aaj tumane mujh se chudawaa kar bahut badaa upakaar kiyaa hai…. haa…. saalee. tumhaaree choot bahut tight hai….bahut mast hai…tumharee choochee bhee bahut kasee kasee hai. Ohh….bahut maja aa rahaa hai.

Kamini apane chootad uchaal-uchaal kar chudaaee me meree madad kar rahee thee. Ham dono jija saalee mastee kee bulandiyo ko choo rahe the.

Tabhee Kamini chillaayee, …Jeeju… mujhe kuch ho rahaa hai……aah hhh….jeeju…. mere andar se kuch nikal rahaa hai…. oohh.. jeeju… maja aa gayaa…..hh..uuee…. maaan….

Kamini apanee kamar uthaa kar mere poore land ko apanee boor ke andar samaa lene kee koshish karane lagee.

Mai samajh gayaa ki meree saalee kaa climax aa gayaa hai.

Vah jhad rahee thee.

Mujh se bhee ab aur sahanaa mushkil ho rahaa thaa.

Mai khoob tej-tej dhakke maar kar use chodane lagaa aur thodee hee der me ham Jija saalee ek saath skhalit ho gaye.

Baraso se eekatthaa mera dher saaraa veerya Kamini kee choot me pichakaaree kee tarah nikal kar bhar gayaa..

Mai usake upar let kar chipak gayaa.Kamini ne mujhe apanee baanho me kas kar jakad liyaa.

Kuch der tak ham dono jija-saalee aise hee ek dusare ke nange badan se chipake haanfte rahe.

Jab saanse kuch kaaboo me huee to Kamini ne mere hotho par ek pyaar bhar chumban lekar poochaa, “Jeeju, aaj aapane apanee saalee ko wo sukh diyaa hai jisake baare me mai bilkul anjaan thee. Ab mujhe isee tarah roj chodiyegaa. Theek hai na jeeju?”

Maine usakee choochiyo ko choomate hue jabaab diyaa, “Aaj tumhe chodkar jo sukh milaa hai wo tumharee Didi ko chodkar kabhee nahee milaa…..tumane aaj apane jeeju ko tript kar diyaa.”

Wah bhi badi khush hui aur kehane lagi, “Aap ne mujhe aj bata diya ki aurat aur mard ka kya samband hota hai.”

Wah mere seene se chipki hui thi aur main uske reshami julfo se khel raha tha..

Kamini mera land ko hath se pakad liya.

Uske hatho ke saparsh se phir mera land khada hone laga, phir se mere me kaam vasana jagrit hone lagi.

Jab phir ufhan par aa gaya to maine apni saali se kaha Pet ke bal let jao.

Usne kaha, Kyun jeeju?

Maine kaha, “Ish bar teri Gaand marni hai. “

Wah sakpaka gayi aur kehane lagi, “Kal mar lena.”

Maine kaha, “Aaaj sab ko mar lene do kal pata nahi mein rahoon kin a rahoon.”

Yeh sunte hi usne mera muh band kar liya aur kaha, “Aap nahi rahenge to main jeekar kya karoongi?”

Wah pet ke bal let gayi. Maine uski chutar ke hole par vaslin lagaya aur apne land par bhi, aur dheere se uski najuk chutar ke hole me dal diya.

Wah dard ke mare chilane lagi aur kehane lagi, “Nikaliye bahut dard ho raha hai”.

Maaine kaha, “Ssabr karo dard thodi der me gayab ho jayega.â€

Uski chutar phat chuki thi aur khoon bhi beh raha tha.

Lekin mujhpar to vasana ki aag lagi thi. Maine ek aur jhataka mara aur mera pura land uske chutar me ghus gaya …

Main apne land ko aage peeche karne laga. Uska dard bhi kam hone laga. Phir ham maste me kho gaye.

Kuch der bad ham jhad gaye. Maine land ko uske chutar se nikalne ke baad usko baho me liya aur let gaya .

Ham dono kafi thak gaye the. Bahut der tak ham jija saalee ek dusare ko choomate-chaatate aur baate karate rahe aur kab neend ke aagosh me chale gaye pataa hee nahee chalaa.

Subhah jab meri aankhein khuli maine dekha saali mere nange jism se chipki hui hai.

Maine usko deere se hata kar sidha kiya, uski puli hui choot aur suji hui chutar par nazar padi, raat bhar ki chudai se kafi phool gaye the.. Bistar par khoon bhi pada tha jo saali ke choot aur chutar se nikala tha.

Meri saali ab virgin nahi rahi. Nange badan ko dekhate hi phir meri kaam agni bad gayi. Dheere se maine uske gulabi choot ko apne hoto se chumne laga. Choot par mere muh ka sparsh hote hi wah dheere dheere neend se jagane lagi.

Usne mujhe choot ko betahasa chumta dekh sharam se aankhein band kar li aur kaha, Samajh gayi phir raat ka khel hoga phir Jija saali ka pyaar hogaâ….

*** SAMAPT ***

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