भरी जवानी मे औरत के बिना जीवन गुजारना और ऊपर से एक बच्चे की परवरिश की ज़िम्मेदारी सचमुच बड़ा ही मुश्किल था. लेकिन छ्होटी साली कामिनी ने नवजात बच्चे को अपने छाती से लगा कर घर को काफ़ी कुच्छ संभाल लिया.Jija Sali Sex
अपनी दीदी के गुजरने के बाद कामिनी अपनी मा के कहने पर कुच्छ दिनो के लिए मेरे पास रहने के लिए आ गयी थी. कामिनी तो वैसे ही खूबसूरत थी, बदन मे जवानी के लक्षण उभरने से और भी सुंदर लगने लगी थी.
औरत के बिना मेरा जीवन बिल्कुल सूना सूना सा हो चुका था. लेकिन सेक्स की आग मेरे शरीर और मन मे दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही थी. राते गुजारना मुश्किल हो गया था. कभी कभी अपनी साली कामिनी के कमसिन गोलाईयो को देख कर मेरा मन ललचाने लगता था. जैसा नाम वैसा ही उसका कमसिन जिस्म. कामिनी जो काम की अग्नि को बढ़ा दे.
मगर वह मेरी सग़ी साली थी यही सोच कर अपने मन पर काबू कर लेता था. फिर भी कभी कभी मन बेकाबू हो जाता और जी चाहता कि कामिनी को नंगी करके अपनी बाहो मे भर लू. उसके छ्होटी छ्होटी कसी हुए चूचीयो को मूह मे भर कर देर तक चूसता रहू और फिर उसे बिस्तर पर लेटा कर उसकी नन्ही सी चूत मे अपना मोटा लॅंड घुसा कर खूब चोदू.”
एक दिन मैं अपने ऑफीस के एक दोस्त के साथ एक इंग्लीश फिल्म देखने गया. फिल्म बहूत ज़्यादा सेक्सी थी. नग्न और संभोग के द्रश्यो की भरमार थी. फिल्म देखते हुए मैं कई बार उत्तेजित हो गया था सेक्स का बुखार मेरे सर पर चढ़ कर बोलने लगा था. घर लौटते समय मैं फिल्म के चुदाई वाले सीन्स को बार बार सोच रहा था और जब भी उन्हे सोचता, कामिनी का चेहरा मेरे सामने आ जाता मैं बेकाबू होने लगा था. मैने मन बना लिया कि आज चाहे जो भी हो, अपनी साली को चोदूगा ज़रूर.
घर पहुचने पर कामिनी ने दरवाजा खोला. मेरी नज़र सबसे पहले उसके भोले भाले मासूम चेहरे पर गयी फिर टी-शर्ट के नीचे धकी हुई उसकी नन्ही चूचियो पर और फिर उसके टाँगो के बीच चड्धी मे छुपी हुए छ्होटी सी मक्खन जैसी मुलायम बुर पे..
मुझे अपनी और अजीब नज़रो से देखते हुए कामिनी ने पूच्छा, “क्या बात है जीजू, ऐसे क्यो देख रहे है?”
मैने कहा, “कुच्छ नही . कामिनी..बस ऐसे ही…… तबीयत कुच्छ खराब हो गई.”
कामिनी बोली. “आपने कोई दवा ली या नही?अभी नही.”
मैने जबाब दिया और फिर अपने कमरे मे जा कर लूँगी पहन कर बिस्तर पर लेट गया.
थोड़ी देर बाद कामिनी आई और बोली, “कुच्छ चाहिए जीजू
मंन मे आया कि कह दू.”“साली मुझे चोद्ने के लिए तुम्हारी चूत चाहिए.” पर मैं ऐसा कह नही सकता था.
मैने कहा “. कामिनी मेरी टाँगो मे बहुत दर्द है. थोड़ा तेल ला कर मालिश कर दो..”
“ठीक है जीजू,” कह कर कामिनी चली गयी और फिर थोड़ी देर मे एक कटोरी मे तेल लेकर वापस आ गयी. वो बिस्तर पर बैठ गयी और मेरे दाहिने टाँग से लूँगी घुटने तक उठा कर मालिश करने लगी.
अपनी 18 साल की साली के नाज़ुक हाथो का स्पर्श पाकर मेरा लॅंड तुरंत ही कठोर होकर खड़ा हो गया.
थोड़ी देर बाद मैने कहा, “. कामिनी ज़्यादा दर्द तो जाँघो मे है. थोड़ा घुटने के उपर भी तेल मालिश कर दे.”
“जी जीजू” कह कर कामिनी ने लूँगी को जाँघो पर से हटाना चाहा. तभी जानबूझ कर मैने अपना बाया पैर उपर उठाया जिससे मेरा फुनफूनाया हुआ खड़ा लॅंड लूँगी के बाहर हो गया.
मेरे लॅंड पर नज़र पड़ते ही कामिनी सकपका गयी. कुच्छ देर तक वह मेरे लॅंड को कनखियो से देखती रही. फिर उसे लूँगी से ढकने की कोशिश करने लगी.
लेकिन लूँगी मेरे टाँगो से दबी हुई थी इसलिए वो उसे धक नही पाई.
मैने मौका देख कर पूछा, “क्या हुआ कामिनी?”
“जी जीजू. आपका अंग दिख रहा है.” कामिनी ने सकुचाते हुए कहा
“आंग, कौन सा अंग?” मैने अंजान बन कर पूच्छा.जब कामिनी ने कोई जवाब नही दिया तो मैने अंदाज से अपने लॅंड पर हाथ रखते हुए कहा, “अरी! ये कैसे बाहर निकल गया?”
फिर मैने कहा, “साली जब तुमने देख ही लिया तो क्या शरमाना, थोड़ा तेल लगा कर इसकी भी मालिश कर दो.”
मेरी बात सुन कर कामिनी घबरा गयी और शरमाते हुए बोली, “जीजू, कैसी बात करते है, जल्दी से ढाकिये इसे.”
“देखो कामिनी ये भी तो शरीर का एक अंग ही है, तो फिर इसकी भी कुच्छ सेवा होनी चाहिए ना.तुम्हारी दीदी जब थी तो इसकी खूब सेवा करती थी, रोज इसकी मालिश करती थी. उसके चले जाने के बाद बेचारा बिल्कुल अनाथ हो गया है. तुम इसके दर्द को नही समझोगी तो कौन समझेगा?” मैने इतनी बात बड़े ही मासूमियता से कह डाली.
“लेकिन जीजू, मैं तो आपकी साली हू. मुझसे ऐसा काम करवाना तो पाप होगा,”
ठीक है कामिनी, अगर तुम अपने जीजू का दर्द नही समझ सकती और पाप – पुन्य की बात करती हो तो जाने दो.” मैने उदासी भरे स्वर मे कहा.
मैं आपको दुखी नही देख सकती जीजू. आप जो कहेंगे, मैं कारूगी.”
मुझे उदास होते देख कर कामिनी भावुक हो गयी थी.. उसने अपने हाथो मे तेल चिपॉड कर मेरे खड़े लंड को पकड़ लिया. अपने लंड पर कामिनी के नाज़ुक हाथो का स्पर्श पाकर, वासना की आग मे जलते हुए मेरे पूरे शरीर मे एक बिजली सी दौड़ गयी.
मैने कामिनी की कमर मे हाथ डाल कर उसे अपने से सटा लिया.
“बस साली, ऐसे ही सहलाती रहो. बहुत आराम मिल रहा है.” मैने उसे पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा.
थोड़ी ही देर मे मेरा पूरा जिस्म वासना की आग मे जलने लगा. मेरा मन बेकाबू हो गया. मैने कामिनी की बाह पकड़ कर उसे अपने उपर खींच लीया. उसकी दोनो चूचिया मेरी छाती से चिपक गयी. मैं उसके चेहरे को अपनी हथेलियो मे लेकर उसके होंठो को चूमने लगा.
कामिनी को मेरा यह प्यार शायद समझ मे नही आया.वो कसमसा कर मुझसे अलग होते हुए बोली. “जीजू ये आप क्या कर रहे है?”
कामिनी आज मुझे मत रोको. आज मुझे जी भर कर प्यार करने दो.”
“लेकिन जीजू, क्या कोई जीजा अपनी साली को ऐसे प्यार करता है?” कामिनी ने आश्चर्या से पूछा.
“साली तो आधी घर वाली होती है और जब तुमने घर सम्हाल लिया है तो मुझे भी अपना बना लो. मैं औरो की बात नही जानता, पर आज मैं तुमको हर तरह से प्यार करना चाहता हू. तुम्हारे हर एक अंग को चूमना चाहता हू. प्लीज़ आज मुझे मत रोको कामिनी.” मैने अनुरोध भरे स्वर मे कहा.
“मगर जीजू, जीजा साली के बीच ये सब तो पाप है” , कामिनी ने कहा.
“पाप-पुन्य सब बेकार की बाते हैं साली. जिस काम से दोनो को सुख मिले और किसी का नुकसान ना हो वो पाप कैसे हो सकता है? “
“लेकिन जीजू, मैं तो अभी बहुत छ्होटी हू.” कामिनी ने अपना डर जताया.
“यह सब तुम मुझ पर छोड़ दो. मैं तुम्हे कोई तकलीफ़ नही होने दूँगा”, मैने उसे भरोसा दिलाया.
कामिनी कुछ देर गुमसुम सी बैठी रही तो मैने पूछा, “बोलो साली, क्या कहती हो?”
ठीक है जीजू, आप जो चाहे कीजिए. मैं सिर्फ़ आपकी खुशी चाहती हू.”
मेरी साली का चेहरा शर्म से लाल हो रहा था. कामिनी की स्वीकरति मिलते ही मैने उसके नाज़ुक बदन को अपनी बाहो मे भींच लीया और उसके पतले पतले गुलाबी होंठो को चूसने लगा.
मैं अपने एक हाथ को उसकी टी-शर्ट के अंदर डाल कर उसकी छ्होटी छ्होटी चूचियो को हल्के हल्के सहलाने लगा. फिर उसके निप्पल को चुटकी मे लेकर मसलने लगा.
थोड़ी ही देर मे कामिनी को भी मज़ा आने लगा और वो शी….शी. .ई.. करने लगी.
मज़ा आ रहा है जीजू…. आ… और कीजीए बहुत अच्छा लग रहा है.
अपनी साली की मस्ती को देख कर मेरा हौसला और बढ़ गया. हल्के विरोध के बावजूद मैने कामिनी की टी-शर्ट उतार दी और उसकी एक चूची को मूह मे लेकर चूसने लगा. दूसरी चूची को मैं हाथो मे लेकर धीरे धीरे दबा रहा था.
कामिनी को अब पूरा मज़ा आने लगा था.
क्रमशः…………………Jija Saali Ka Pyaar–1
Bhari jawaanee me aurat ke binaa jeevan gujaaranaa aur oopar se ek bachche kee paravarish kee jimmedaaree sachmuch badaa hee mushkil thaa. Lekin chhotee saalee Kamini ne navajat bachche ko apane chhati se laga kar ghar ko kafhi kuchh sambhal liya.
Didi ke gujarane ke bad Kamini apanee maa ke kahane par kuchh dino ke liye mere pas rahane ke liye aa gayee thi. Kamini to waise hee khoobasoorat thee, badan me jawaanee ke lakshan ubharane se aur bhee sundar lagane lagee thee.
Aurat ke binaa meraa jeevan bilkul soonaa soonaa saa ho chukaa thaa. Lekin sex kee aag mere sharir aur man me din par din badhtee hee jaa rahee thee. Raate gujaaranaa mushkil ho gayaa thaa. Kabhee kabhee apanee saalee Kamini ke kamasin golaaiyo ko dekh kar meraa man lalachaane lagataa thaa. Jaisa naam waisa hi uska kamsin jism. Kamini jo kaam ki agni ko bada de.
Magar wah meree sagee saalee thee yahee soch kar apane man par kaaboo kar letaa thaa. Fir bhee kabhee kabhee man bekaaboo ho jaataa aur jee chaahtaa ki Kamini ko nangee karake apanee baaho me bhar loo. Usake chhotee chhotee kasee hue choocheeyo ko muh me bhar kar der tak choosataa rahoo aur phir use bistar par letaa kar usakee nanhee see choot me apana motaa land ghusaa kar khoob chodoo.”
Ek din mai apane office ke ek dost ke saath ek english film dekhane gayaa. Film bahoot jyaadaa sexy thee. Nagna aur sambhog ke drashyo kee bharamaar thee. Film dekhate hue mai kaee baar uttejit ho gayaa thaa sex kaa bukhaar mere sar par chadh kar bolane lagaa thaa. Ghar lautate samay mai film ke chudaaee waale seens ko baar baar soch rahaa thaa aur jab bhee unhe sochataa, Kamini kaa cheharaa mere saamane aa jataa mai bekaaboo hone lagaa thaa. Maine man banaa liyaa ki aaj chaahe jo bhee ho, apanee saalee ko chodoogaa jaroor.
Ghar pahuchane par Kamini ne darawaajaa kholaa. Meree nazar sabase pahale usake bhole bhaale maasoom chehare par gayee fir tee-shart ke neeche dhakee huyee usakee nanhee choochiyo par aur fir usake taango ke beech chaddhee me chupee hue chhotee see makkhan jaisee mulaayam bur pe..
Mujhe apanee aur ajeeb najaro se dekhate hue Kamini ne poochhaa, “kyaa baat haee jeeju, aise kyo dekh rahe hai?”
Maine kahaa, “kuchh nahee . Kamini..bas aise hee…… Tabeeyat kuchh kharaab ho gaee.”
Kamini bolee. “apane koee dawaa lee yaa nahee?Abhee nahee.”
Maine jabaab diyaa aur fir apane kamare me jaa kar lungee pahan kar bistar par let gayaa.
Thodee der baad Kamini aayee aur bolee, “kuchh chaahiye jeejujee mann me aayaa ki kah doo.”
“Saalee mujhe chodne ke liye tumhaaree choot chaahiye.” Par mai aisaa kah nahee sakataa thaa.
Maine kahaa “. Kamini mere taango me bahut dard hai. Thodaa tel laa kar maalish kar do..”
“Theek hai jeeju,” kah kar Kamini chalee gayee aur fir thodee der me ek katoree me tel lekar waapas aa gayee. Wo bistar par baith gayee aur mere daahine taang se lungee ghutane tak uthaa kar maalish karane lagee.
Apanee 18 saal kee saalee ke naajuk haatho kaa sparsh paakar meraa land turant hee kathor hokar khadaa ho gayaa.
Thodee der baad maine kahaa, “. Kamini jyaadaa dard to jaangho me hai. Thodaa ghutane ke upar bhee tel maalish kar de.”
“Jee jeeju” kah kar Kamini ne lungee ko jaangho par se hataanaa chaahaa. Tabhee jaanaboojh kar maine apanaa baayaa pair upar uthaayaa jisase meraa funfunaayaa huaa khadaa land lungee ke baahar ho gayaa.Mere land par najar padate hee Kamini sakapakaa gayee. Kuchh der tak wah mere land ko kankhiyo se dekhatee rahee. Fir use lungee se dhakane kee koshish karane lagee.
Lekin lungee mere taango se dabee huee thee isaliye wo use dhak nahee paayee.
Maine maukaa dekh kar poochaa, “kyaa hua Kamini?”
“Jee jeeju. Apakaa ang dikh rahaa hai.” Kamini ne sakuchaate hue kahaa
“Aang, kaun saa ang?” Maine anjaan ban kar poochhaa.
Jab Kamini ne koee javaab nahee diyaa to maine andaaj se apane land par haath rakhate hue kahaa, “Aree! Ye kaise baahar nikal gayaa?”
Fir maine kahaa, “Saalee jab tumane dekh hee liyaa to kyaa sharmaanaa, thodaa tel Lagaa kar isakee bhee maalish kar do.”
Meree baat sun kar Kamini ghabaraa gayee aur sharmaate hue bolee, “Jeeju, kaisee baat karate hai, jaldee se dhakiye ise.”
“Dekho Kamini ye bhee to shareer kaa ek ang hee hai, to fir isakee bhee kuchh sevaa honee chaahiye naa.Tumhaaree Didi jab thee to isakee khoob sevaa karatee thee, roj isakee maalish karatee thee. Usake chale jaane ke baad bechaaraa bilkul anaath ho gayaa hai. Tum isake dard ko nahee samajhogee to kaun samajhegaa?” Maine itanee baat bade hee maasoomiyata se kah daalee.
“Lekin jeeju, mai to aapakee saalee hoo. Mujhase aisaa kaam karawaanaa to paap hoga,”
Theek hai Kamini, agar tum apane jeeju kaa dard nahee samajh sakatee aur paap – punya kee baat karatee ho to jaane do.” Maine udaasee bhare swar me kahaa.
Mai aapako dukhee nahee dekh sakatee jeeju. Aap jo kahenge, mai karoogee.”
Mujhe udaas hote dekh kar Kamini bhaavuk ho gayee thee.. Usane apane haatho me tel chipod kar mere khade land ko pakad liyaa. Apane land par Kamini ke naajuk haatho kaa sparsh paakar, vaasanaa kee aag me jalate hue mere poore shareer me ek bijalee see daud gayee.
Maine Kamini kee kamar me haath daal kar use apane se sataa liyaa.
“Bas saalee, aise hee sahalaatee raho. Bahut aaraam mil rahaa hai.” Maine use peeth par haath ferate hue kahaa.
Thodee hee der me meraa puraa jism vaasanaa kee aag me jalane lagaa. Meraa man bekaaboo ho gayaa. Maine Kamini kee baah pakad kar use apane upar kheench leeyaa. Usakee dono choochiyaa meree chaatee se chipak gayee. Mai usake chehare ko apanee hatheliyo me lekar usake hotho ko choomane lagaa.
Kamini ko meraa yah pyaar shayad samajh me nahee aayaa.Vo kasamasaa kar mujhase alag hote hue bolee. “Jeeju ye aap kyaa kar rahe hai?”
Kamini aaj mujhe mat roko. Aaj mujhe jee bhar kar pyaar karane do.”
“Lekin jeeju, kyaa koee jija apanee saalee ko aise pyaar karataa hai?” Kamini ne aashcharya se poochaa.
“Sali to adhi ghar wali hoti hai aur jab tumane ghar samhal liya hai to mujhe bhi apana bana lo. Mai auro kee baat nahee jaanataa, par aaj mai tumako har tarah se pyaar karanaa chaahataa hoo. Tumhaare har ek ang ko choomanaa chaahataa hoo. Please aaj mujhe mat roko Kamini.” Maine anurodh bhare swar me kahaa.
“Magar jeeju, jija saalee ke beech ye sab to paap hai” , Kamini ne kahaa.
“Paap-punya sab bekaar kee baate hain saalee. Jis kaam se dono ko sukh mile aur kisee kaa nuksaan na ho wo paap kaise ho sakataa hai? “
“Lekin jeeju, mai to abhee bahut chhotee hoo.” Kamini ne apanaa dar jataayaa.
“Yah sab tum mujh par chod do. Mai tumhe koee takaleef nahee hone doongaa”, Maine use bharosaa dilaayaa.
Kamini kuch der gumasuma see baithee rahee to maine puchaa, “Bolo saalee, kyaa kahatee ho?”
Theek hai jeeju, aap jo chaahe keejiye. Mai sirf aapakee khushee chaahatee hoo.”
Meree saalee kaa cheharaa sharm se laal ho rahaa thaa. Kamini kee sweekrati milate hee maine usake naajuk badan ko apanee baaho me bheench leeyaa aur usake patale patale gulaabee hontho ko choosane lagaa.
Mai apane ek haath ko usake tee-shart ke andar daal kar usakee chhotee chhotee choochiyo ko halke halke sahalaane lagaa. Fir usake nippl ko chutkee me lekar masalane lagaa.
Thodee hee der me Kamini ko bhee majaa aane lagaa aur wo shee….shee. .ee.. karane lagee.
Majaa aa rahaa hai jeeju…. Aah… Aur keejeeye bahut achchaa lag rahaa hai.
Apanee saalee kee mastee ko dekh kar meraa hausalaa aur badh gayaa. Halke virodh ke baavajood maine Kamini kee tee-shart utaar dee aur usakee ek choochee ko muh me lekar choosane lagaa. Doosaree choochee ko mai haatho me lekar dheere dheere dabaa rahaa thaa.
Kamini ko ab pooraa majaa aane lagaa thaa.
kramashah…………………