मैं अम्मी को इस तरह नंगा अपने सामने देख के भूल ही गया कि मैं कहाँ हू और क्यो आया हू
अम्मी ने जब देखा कि मैं सिर्फ़ उन को घुरे ही जा रहा हू तो उन को एहसास हुआ कि वो अपने बेटे के सामने नंगी खड़ी हैं और वो फॉरन वॉशरूम की तरफ भागी भागते हुए उन की बड़ी गान्ड का नज़ारा देखने के काबिल था क्या बताऊ
अम्मी के वॉशरूम मे जाते ही मैं भी वहाँ से वापिस निकल कर घर को चल दिया मेरे दिमाग़ मे आँधी चल रही थी
और मैं ये सोचता हुआ चला जा रहा था कि मैने ये जो भी देखा है क्या वो सच था . क्या मेरी मा इस हद तक भी गिर सकती है लेकिन कोई भी जबाब नही था मेरे पास समझ नही रहा था कि मैं क्या करू .
यही सोचते हुए मैं घर के नज़दीक बने एक पार्क मे बैठ गया . मेरा घर जाने को दिल नही कर रहा था शाम तक वहाँ ही बैठा रहा और फिर उठ कर सफ्दर के घर चला गया और 2 दिन तक उस के घर मे ही रहा . वहाँ टाइम निकाल के उस की बेहन भी आ जाती जिसे हम दोनो मिल के चोदा करते.
2 दिन के बाद सफ्दर ने कहा कि यार क्या बात है 2 दिन हो गये हैं तू अपने घर नही गया मैने कहा कि आज जाउन्गा
कह तो दिया था कि आज जाउन्गा लेकिन घर जाने को दिल नही कर रहा था. फिर शाम को मैं उठा और हिम्मत कर के घर चला गया घर जाते ही अपी ने कहा कि भाई कहाँ थे तुम 2 दिन से हम सब कितना परेशान थे और मुझे अपने सीने से लगा लिया . अपी के सीने से लग के मुझे एक अजीब सा मज़ा आने लगा दिल कर रहा था कि मैं अपी को यों ही अपने साथ लिपटाये रखू कि तभी वहाँ अम्मी आ गईं मुझे देखते ही आगे बढ़ी और कहा कि बेटा कहाँ चला गया था मैने कोई जबाब नही दिया . और अम्मी को घूरते हुए रूम मे चला गया मैने रात का खाना भी नही खाया और लेटा रहा अली भी आ गया था रूम मे और हम सोने ही लगे थे कि अम्मी ने अली को बुलाया .
अली आया अम्मी कहता हुआ चला गया लेकिन वापिस नही आया और मैं सो गया रात को 2 बजे के करीब मेरी आँख खुली तो अम्मी मुझे उठा रही थी . मेरे उठते ही अम्मी ने कहा बेटा मुझे माफ़ कर दो .
मैने कहा कि अम्मी किस बात के लिए माफ़ करू मैं आप को
अम्मी ने कहा प्लज़्ज़्ज़ बेटा माफ़ कर दो
मैने कहा कि अगर माफी माँगनी ही है तो अब्बू से माँगो जिन को आप धोका दे रही हो
अम्मी की आँखों से आँसू निकलने लगे और कहने लगी बेटा तुम तो माफ़ कर दोप्लज़्ज़्ज़्ज़
मैने कहा सॉरी अम्मी सुबह अब्बू को सब बता के फिर बात हो गी
अम्मी मेरे पावं मे बैठ गईं और कहने लगी कि अगर तुम ने अपने अब्बू को कुछ भी बताया तो मैं कहीं की नही रहूंगी गीपल्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे माफ़ कर दो मैं दोबारा ऐसी कोई ग़लती नही करूँगी.
अम्मी को मेरे पैर पकड़े देख के मुझे अच्छा नही लगा तो मैने कहा कि अम्मी आप अभी जाओ मैं सोचता हू कि क्या करू
अम्मी ने कहा कि बेटा अगर तुम मुझे माफ़ कर दो और अपने अबू को कुछ नही बताओ तो मैं तुम्हारी हर बात माना करूँगी.
मैने कहा ओके अभी आप जाओ बाद मे बाते करेंगे और अम्मी अपने आँसू साफ करती हुई चली गईं
अम्मी के जाने के बाद मैं काफ़ी देर सोचता रहा कि क्या करू क्योकि अगर मैं अब्बू को बता देता तो वो शायद अम्मी को तलाक़ दे देते और हमारी हर जगह बदनामी ही होती इसी लिए मैने अब्बू को ना बताने का फ़ैसला किया और सो गया
सुबह मुझे अपी ने उठाया और मैं उठ के नहाने चला गया जब नहा के वापिस लौटा तो अपी डोगी स्टाइल मे बेड के नीचे से सफाइ कर रही थी और मैं वहीं खड़ा हो के अपी की खूबसूरत और बाहर को निकली हुई गांद को देखने लगा जिसे देख मेरा लंड खड़ा हो गया. कि तभी अपी ने सफाइ ख़तम कर के उठी तो उन की नज़र मेरी नज़र से मिली तो अपी ने कहा कि तुम कब आए .
मैने कहा कि अपी अभी आया ही हू तभी बाजी ने मेरी सिलवार मे बने तंबू को देखा और फिर मेरी तरफ देख के बाहर चली गई . मैने दिल मे सोचा कि ये क्या अपी तो लगता है नाराज़ हो के चली गई हैं . फिर नेलु मेरे रूम मे आई और कहा कि भाई अम्मी कह रही हैं कि नाश्ता कर लो मैने कहा कि अच्छा तुम चलो मैं आता हू
मैं जब किचॅन मे गया तो वहाँ अम्मी ही थीं मैं बैठ के नाश्ता करने लगा तो अम्मी ने कहा कि क्या सोचा
मेरे मुँह से अचानक निकल गया कि आप मेरे लिए क्या कर सकती हो तो अम्मी का बुझा हुआ चेहरा एक दम खिल गया
अम्मी ने कहा कि तुम जो कहो गे मैं करूँगी बस किसी को बताना नही प्लज़्ज़्ज़्ज़
मैने कहा कि ठीक है जब कोई घर मैं ना हो तब बात करेंगे. और मैं नाश्ता कर के उठ गया दोपहेर के खाने के बाद हम सोने लगे तो अम्मी आ गई और कहा कि अली तुम जाओ अपी के पास सो जाओ अम्मी की बात सुन के अली चला गया
अली के जाते ही अम्मी ने कहा नसीर सोना नही मैं बाद मे आउन्गि फिर बताना कि तुम क्या चाहते हो .
अम्मी के जाने के बाद मैं सोचने लगा कि अम्मी से क्या कहू कि वो क्या करें मेरे लिए लेकिन कुछ भी समझ नही आ रहा था फिर मैं आराम से लेट गया कि जब अम्मी आएगी तब देखा जाएगा .
3 बजे के करीब अम्मी आ गई और मैं उठ के बैठ गया
अम्मी भी मेरे पास आ के बैठ गई मुझे कुछ भी समझ नही आ रहा था कि मैं अम्मी से क्या बात करू
फिर अम्मी ने कहा कि नसीर बताओ तुम क्या चाहते हो लेकिन मैं चुप रहा
अम्मी ने फिर पूछा तो मैने कहा कि अम्मी आप ये सब क्यो करती हो तो अम्मी ने कहा कि नसीर तुम इन बातों को छोड़ो और ये बताओ कि तुम क्या चाहते हो
मैने कहा कि मैं ये ही चाहता हूँ कि आप ये सब छोड़े दो
अम्मी ने मेरी बात का कोई जबाब नही दिया और चुप चाप बैठी रहीं
मैने कहा कि अम्मी क्या हुआ तो अम्मी ने कहा कि नसीर तुम इस नशे को नही जानते ये बहुत बुरा नशा है
मैने कहा कि अम्मी आप कोशिस तो करो मैं आप का साथ दूँगा .
मेरी बात पे अम्मी कुछ देर मुझे देखती रही और ये कहते हुए कि क्या तुम ने कभी किसी के साथ किया है
तो मैने अपना सर झुका लिया लेकिन कहा कुछ नही
अम्मी ने कहा कि ठीक है मैं चलती हूँ और अम्मी चली गई
अम्मी के जाने के बाद दिल मे आया कि अगर अम्मी बाहर जा के ये सब करना नही छोड़ेंगी तो लोगों को जैसे जैसे पता चले गा वैसे ही हमारी बदनामी हो गी . ये सब सोचते हुए मेरे दिमाग़ मे सफ्दर की कही हुई बात याद कि फुददी और लंड का कोई रिश्ता नही होता वो अंधे होते हैं . लंड की कोई बेहन या मा नही होती वो सिर्फ़ फुद्दि माँगता है ये ही हाल फुद्दि का भी है . मैने सोचा कि अगर मैं घर मे ही अम्मी को संतुष्ट कर दूँ तो वो बाहर नही जाएँगी . मैं ये सब सोच के मुझे सकून आ गया और फिर ये बात कि अम्मी को कैसे मनाया जाय इस काम के लिए.
शाम 6 के करीब मैं रूम से निकला देखा तो अली खेलने जा चुका था और नैइला और नेलु साथ वाली आंटी के घर थी मैने किचॅन मे देखा तो अम्मी वहाँ अकेली थीं. मैं जा के अम्मी के पीछे खड़ा हो गया और अम्मी की गान्ड को घूर्ने लगा इस काम मे मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. कि तभी अम्मी ने कहा नसीर क्या चाहिए तो मैं कुछ नही बोला और सीधा अम्मी को पीछे से लिपट गया और कहा कि अम्मी आप बाहर ये काम ना किया करो .
अम्मी ने कहा कि तुम्हारे अब्बू को छोटी उमर की लड़कियाँ पसंद हैं वो तो मेरी तरफ देखते नही तो फिर मुझे बताओ कि मैं क्या करूँ.
मेरे पीछे से लिपटने की वजह से अम्मी की गांद मे मेरा लंड चुभने लगा लेकिन अम्मी ने ऐसे शो किया कि उन्हे कुछ भी पता ना लगा हो.
मैने कहा कि अम्मी फिर भी आप को बदनामी से डर नही लगता और साथ ही अपने खड़े लंड को अम्मी की गान्ड पे दबा दिया
अम्मी ने कहा कि बेटा क्या करूँ मुझे भी अच्छा नही लगता लेकिन मजबूरी है
मैने कहा कि अम्मी अगर आप को घर मे सकून मिल जाय तो क्या आप फिर भी बाहर जाओ गी
अम्मी ने कहा कि क्या मतलब
इस से पहले कि मैं कुछ कहता बाहर से किसी के चलने की आवाज़ आई
और फिर मैं जल्दी से पीछे हो गया और अपने लंड को सेट किया ता कि किसी को पता ना लगे
बाहर अपी थी वो आंटी के घर से आ गई थी
मैं घर से बाहर निकल आया और घर के नज़दीक ही पार्क मे बैठ गया
और सोचने लगा कि अगर अम्मी रात को मेरे पास आई तो मैं उन से बात करूँगा
लेकिन अम्मी रात को नही आई सुबह नाश्ते के बाद अली अपने दोस्तों के साथ निकल गया और अबू भी कहीं निकल गये अम्मी अपी और नेलु भी आंटी के घर के लिए निकल गईं. और मैं घर मे अकेला ही रह गया कि कुछ देर के बाद बाहर के डोर को किसी ने खट खटाया मैने जा के देखा तो वहाँ ज़ारा खड़ी थी आंटी मुक़दास की बेटी जिन के घर अम्मी और मेरी बहने गईं थी
मैने उसे देखते ही कहा कि ज़ारा अम्मी और बहने तो चली गईं आप के घर
तो उस ने मुझे एक अजीब सी स्माइल देते हुए कहा कि मुझे पता है
मैने कहा तो फिर
ज़रा ने कहा कि नसीर भाई क्या मैं आप से मिलने नही आ सकती
मैने कहा हां क्यो नही लेकिन तुम्हारे घर मे तो मिलाद हो रहा है ना
ज़ारा ने कहा कि हां लेकिन मैं अम्मी को ये बता के आई हूँ कि मैं अपनी सहेली के घर जा रही हूँ
मैने कहा लेकिन क्यो तो वो बोली कि नसीर भाई अंदर तो आने दो फिर बताती हूँ
मैने कहा कि अच्छा आ जाओ
वो अंदर आते ही बोली कि नसीर घर मे और कॉन है
मैने कहा कोई नही
तो उस ने कहा कि फिर मुझे अंदर क्यो नही आने दे रहे थे
मैने कहा कि मैने तुम्हे अंदर आने से कब मना किया है
तो वो बोली अच्छा छोड़ो और सूनाओ क्या हो रहा था अकेले बैठ कर
मैने कहा कुछ नही बोर हो रहा था अभी बाहर ही निकलने वाला था कि तुम आ गई
ज़ारा ने कहा नसीर क्या तुम अपनी गर्ल फ्रेंड से मिलने जा रहे थे
मुझे एक झटका लगा ज़ारा की बात पे मैने कहा कि ज़ारा ये तुम क्या कह रही हो
ज़ारा ने कहा मैं तुम्हारी गर्ल फ्रेंड का ही तो पूछ रही हूँ इतना घबरा क्यो रहे हो
मैने कहा मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नही है तो उस ने कहा कि मुझे बनाओगे
मैं तो एक लम्हे के लिए हड़बड़ा सा गया कि ये क्या कह रही है मैने कहा कि ज़रा तुम्हे कोई शरम भी है कि नही तुम्हे पता है तुम क्या कह रही हो .
ज़ारा ने कहा कि हां मुझे पता है कि मैं क्या कह रही हूँ
मैने कहा लेकिन ज़ारा ने कहा कि लेकिन वेकीन कुछ नही बस इतना बताओ कि क्या मुझे अपनी गर्ल फ्रेंड बनाओगे मैं जब चुप रहा तो वो मेरे पास आ के बोली क्या मैं खूबसूरत नही हूँ
मैने कहा कि नही ऐसी कोई बात नही है ज़ारा ने कहा कि फिर क्या बात है मैने कहा कि मैने कभी कोई गर्ल फ्रेंड नही बनाई
तो ज़रा ने कहा कि फिर मुझे बना लो
मैने कहा कि गर्ल फ्रेंड बना के क्या करूँगा तो ज़ारा ने कहा कि ये भी मुझे ही बताना पड़े गा क्या .
मैं अब सिर्फ़ ज़ारा से मस्ती कर रहा था कि ज़ारा जो कि मेरे पास ही खड़ी थी एक दम से मुझे पकड़ लिया और किस करने लगी.
मैं ज़ारा की इस हरकत से बोखला गया था
लेकिन फिर भी पीछे नही हटा और उस की किस के जबाब मे अपनी ज़ुबान उस के मुँह मे डॉल दी
कुछ देर यों ही किस करने के बाद ज़ारा पीछे हटी और मुझे देखने लगी
लेकिन मैने फिर से ज़ारा को पकड़ लिया और किस करने लगा किस करने के बाद ज़ारा को कहा कि रूम मे चलें
तो उस ने कहा क्या बात है भोलू राम तुम तो बड़े तेज़ जा रहे हो
मैने कहा कि ये तुम्हारी हो वजह से है जान और वो हँसती हुई मेरे रूम मे आ गई.
रूम मे आते ही मैं उस पे टूट पड़ा क्योकि लाइफ मे पहली बार कोई 21 साल की लड़की चोदने को मिल रही थी मेरा लंड तो इतना टाइट हो गया था कि लगता था अभी फॅट ही जाएगा .
फिर मैने अपने और ज़ारा के कपड़े भी उतार दिए और ज़ारा को बेड पे गिरा दिया और उस के बूब्स पे टूट पड़ा मैं उस के बूब्स को चूस और दबा रहा था.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था ज़ारा मेरे सर को अपने बूब्स पे दबा रही थी और यही कह रही थी कि हान्न्न्न्न इसी तरहााअ प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ चूसूऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ नाआआआआआअ बहुत्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त खुजलीईईईईईईईईईईईइ होतीईईईईई हाइईईईईईईईईईईईई मेरे राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्जा
कुछ देर के बाद मैं उठा और उस की टाँगे उठा लीं और खुद उन के सैंटर मे आ गया और अपने लंड को थूक लगा के उस की फुद्दि पे रखा और एक ज़ोर का झटका दिया मेरा लंड बड़ी आसानी से ज़ारा की फुद्दि मे चला गया तो मुझे बड़ी हैरानी हुई.
मैने ज़ारा की तरफ देखा तो उस ने कहा कि टेंशन ना लो और अपना काम करो मैने सोचा कि जो लड़की यों ही चुदने के लिए तैयार हो वो कुँवारी तो नही हो सकती. लेकिन एक बात थी मुझे ज़ारा की फुदी मे मज़ा भी आ रहा था
मैने सारी सोचों को एक तरफ रखा और ज़ारा की फुद्दि को पूरी ताक़त लगा के मारने लगा जिस से ज़ारा की सिसकियाँ निकलने लगीं.
अहह उनम्म्ममम हाईईईईईईईईई नसीर्र्र्र्ररर मज़ा आ रहा हाईईईईई चोदूऊऊऊऊऊऊऊऊओ मज्ज्जाआआआआआआआआआ हाइईईईईईईईईईईईई तेजज़्ज़्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज चोदूऊऊऊऊऊऊऊऊओ
मैने अपनी स्पीड मे कोई कमी नही आने दी और इसी तरह तेज़ तेज़ झटके लगाता रहा कि तभी ज़ारा मुझ से लीपटने लगी और कहने लगी कि नसीर्र्र्ररर तुम्हारा बहुत शानदार हाईईईईईईईईईई मैं गैिईईईईईईई अहह और इस के साथ ही वो फारिघ् हो गई. और सीधी लेट गई मैं भी कुछ देर के बाद फारिघ् हो गया उस की फुदी मे और उठ के वॉशरूम चला गया वापिस आया तो ज़ारा चली गई.
जब ज़ारा वॉशरूम से बाहर आई तो उस ने कहा कि नसीर मैं चलती हू इस से पहले कि कोई आ जाय और वो निकल गई
उस के जाने के 15 मिंट के बाद अम्मी भी आ गई और मुझे देखते ही मुस्कुराने लगी और कहा कि हां नसीर सकूँ मिला
तो मैं अम्मी की बात सुन के कुछ भी नही बोल पाया. मैं समझ गया था कि ज़ारा को अम्मी ने ही भेजा था
मैने मोके का फ़ायदा उठाने की सोची अभी घर मे कोई नही है अम्मी के अलावा और मैं मुस्कुराते हुए अम्मी के सीने से लग गया और अम्मी को एक किस भी कर दी छोटी सी होंटो पे. इस से पहले क अम्मी कुछ कहतीं या मैं कुछ और करता कि तभी मेन दरवाज़ा किसी ने खटखटा दिया .
main ammi ko is tarha nanga apne samny dekh k bhul hi gya k main kahan hon aur kion aya ho
ammi ne jub dekha k main sirf un ko ghure hi ja raha hon toh un ko ehsas howa k wo apne bete k samne nangi khdi hain aur wo foran washroom ki taraf bhagi bhagte howe un k badi gaand ka nazara dekhne k kabil tha k kia btaon
ammi k washroom main jate hi main bi wahan se wapis nikal k ghar ko chal diya mere dimagh main andhi chal rahi thi
aur main ye sochta howa chala ja raha tha k maine ye jo bi dekha hai kia wo sach tha
kia meri maa is had tak bi gir sakti hai lakin koi bi jwab nai tha mere pass samjh nai raha tha k main kia karon
yahi sochte howe main ghar k nazdeek bane ek park main beth dya
mera ghar jne ko dil nai kar raha tha shaam tak wahan hi betha raha aur phir uth k safdar k ghar chala gya aur 2 din tak us k ghar main hi raha
wahan time nikal k us ki behan bi a jati jise hum dono mil k choda karte
2 din k baad safdar ne kaha k yar kia baat hai 2 din ho gay hain toh apne ghar nai gya maine kaha k ajj jaon ga
keh toh diya tha k ajj jaon ga lakin ghar jane ko dil nai kar raha tha
phir shaam ko main utha aur himmat kar k ghar chala gya ghar jate hi appi ne kaha k bhai kahan the tum 2 din se hum sub kitna pareshan the
aur mujhe apne sine se liga liyaappi k sine se lag k mujhe ek ajeeb sa maza ane laga dil kar raha tha k main appi ko yon hi apne sath liptai rakhon
k tabi wahan ammi a gain mujhe dekhte hi age badin aur kaha k beta kahan chala gya tha maine koi jwab nai diya
aur ammi ko ghurte howe room main chala gya maine raat ka khana bi nai khaya aur laita raha ali bi a gya tha room main aur hum sone hi lage the k ammi ne ali ko bulaya
ali aya ammi kehti howa chala gya lakin wapis nai aya aur main so gya raat ko 2 k kareeb meri ankh khuli toh ammi mujhe utha rahi thi
mere uthte hi ammi ne kaha beta mujhe maff kar do
maine kaha k ammi kiss baat k liye maff karon main app ko
ammi ne kaha plzzz beta maff kar do
maine kaha k agar mafii mangni hi hai toh abu se mango jis ko app dhoka de rahi ho
ammi ki ankhon se ansoo njkalne lage aur kehne lagi beta tum toh maaf kar doplzzzz
maine kaha sory ammi subah abu ko sub bta k phir baat ho gi
ammi mere paon main beth gai aur kehne lagi k agar tum ne apne abu ko kuch bi btaya toah main kahin ki nai rahon giplzzzz mujhe maf kar do main dobara aisi koi ghalti nai karon gi
ammi ko mere pair pakde dekh k mujhe acha nai laga toh maine kaha k ammi app abi jao main sochta hon k kia karon
ammi ne kaha k beta agar tum mujhe maaf kar do aur apne abu ko kuch nai btao toh main tumhari har baat mana karon gi
maine kaha ok abi app jao baad main batt karain ge aur ammi apne ansoo saff karti hoi chali gain
ammi k jane k baad main kafi der sochta raha k kia karon kion k agar main abu ko bta deta toh wo shaid ammi ko talak de dete
aur humari har jaga badnami hi hoti isi liye maine abu ko na btane ka faisla kia aur so gya
subah mujhe appi ne uthaya aur main uth k nahane chala gya jub naha k wapis lota toh appi dogy style main bed k niche se sfaii kar rahi thi aur main wahin khada ho k appi ki khubsoorat aur bahir ko nikli hoi gaand ko dekhne laga jis mera lund khada ho gya
k tabi appi ne sfaii khatam kar k uthi toh un ki nazar meri nazar se mili toh appi ne kaha k tum kab aye
maine kaha k appi abi aya hi hon tabi baji ne meri shilwar main bane tambo ko dekha aur phir meri taraf dekh k bahir chali gai
maine dil main socha k ye kia appi toh lagta hai naraz ho k chali gai hain
phir nelu mere room main aai aur kaha k bhai ammi keh rahi hain k nashta kar lo maine kaha k acha tum chalo main ata hon
main jub kitchan main gya toh wahan ammi hi theen main brth k nashta karne laga toh ammi ne kaha k kia socha
k mere moun se achanak nikal gya k app mere liye kia kar skti ho toh ammi ka bujha howa chahra ek dam khil gya
ammi ne kaha k tum jo kaho ge main karon gi bus kisi ko btana nai plzzzz
maine kaha k theek hai jub koi ghar main na ho tub baat karain ge
aur main nashta kar k uth gya dopaher k khane k baad hum sone lage toh ammi a gai aur kaha k ali tum jao appi k pass so jao ammi ki baat sun k ali chala gya
ali k jate hi ammi ne kaha nasir sona nai main baad main aon gi phir btana k tum kia chahte ho
ammi k jane k baad main sochne laga k ammi se kia kahaon k wo kia karain
lakin kuch bi samajh nai a raha tha phir main aram se laite gya k jub ammi aain gi tub dekha jay ga
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ammi bi mere pass a k beth gai mujhe kuch bi samjh nai a raha tha k main ammi se kia baat karon
phir ammi ne kaha k nasir btao tum kia chahte ho lakin main chup raha
ammi ne phir pucha toh maine kaha k ammi app ye sub kion karti ho toh ammi ne kaha k nasir tum in baton ko chodo aur ye btao k tum kia chahte ho
maine kaha k main ye hi chahta hon k app ye sub chode do
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maine kaha k ammi kia howa toh ammi ne kaha k nasir tum is nashe ko nai jante ye bauhat bura nasha hai
maine kaha k ammi app koshsh toh karo main app ka sath don ga
meri baat pe ammi kuch dair mujhe dekhti rahi aur ye kehte howe k kia tum ne kabi kisi k sath kia hai
toh maine apna sar jhuka liya lakin kaha kuch nai
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main zara ki is harkat se bokhla gya tha
lakin phir bi piche nai hata aur us ki kiss k jwab main apni zuban us k moun main dall di
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lakin maine phir se zara ko pakad liya aur kiss karne laga kiss karne k baad zara ko kaha k room main chalin
toh us ne kaha kia baat hai bholo ram tum toh bade tez ja rehe ho
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phir maine apne aur zara k kapre bi utar diye aur zara ko bed pe gira diya aur us k boobs pe toot pada main us k boobs ko chus aur daba raha tha
mujhe bauht maza a raha tha zara mere sar ko apne boobs pe dba rahi yhi aur keh rahi thi k haannnnn isi tarhaaaaa plzzzzzzzzz
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maine zara ki taraf dekha toh us ne kaha k tetion na lo aur apna kaam karo maine socha k jo ladki yon hi chudne k liye tyar ho wo knwari toh nai ho sakti
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maine sari sochon ko ek taraf rakha aur zara ki phudi ko puri taqat liga k marne laga jis se zara ki siskian nikalne lagin
ahhhhhhh unmmmmm haiiiiiiiiii nasirrrrrrr maza a raha haiiiiii
maine apni speed main koi kami nai ane di aur isi tara tez tez jhtke ligata raha k tabi zara mujh se liptne lagi aur kehne lagi k nasirrrrrr tumhara bauht shandar haiiiiiiiiiii main gaiiiiiiiiii ahhhhhhhhhhhhhh aur is k sath hi wo farigh ho gai
aur sidhi laite gai main bi kuch der k baad farigh ho gya us ki phudi main aur uth k washroom chala gya wapis aya toh zara chali gai
jub zara washroom se bahir aai toh us ne kaha k nasir main chalti hon is se pehle k koi a na jay aur wo nikal gai
us k jane k 15 mint k baad ammi bi a gai aur mujhe dekhte hi muskurane lagi aur kaha k haan nasir skoon mila
toh main ammi ki baat sun k kuch bi nai bol paya
main samajh gya tha k zara ko ammi ne hi bheja tha
maine moke ka faida uthane ki sochi k abi ghar main koi nai hai ammi k ailawa aur main muskurate howe ammi k sine se lag gya aur ammi ko ek kiss bi kar di choti si honton pe
is se pehle k ammi kuch kehtin ya main kuch aur karta k tabi main darwaza kisi ne khatkhta diya
Ye kahani pakistani lagati hei.