Indian incest sex story – फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है

मैं सुबह उठा और नहा के ड्रेस चेंज की और नाश्ते के बाद काम पर चला गया लेकिन वहाँ लेबर के झगड़े की वजह से काम बंद पड़ा था

मैं वहाँ से घर की तरफ आने लगा तो पीछे से सफदार ने मुझे आवाज़ दे के रोका

मैं रुक गया और सफदार को देख के खुश हो गया और उसे सीने से लगा के मिला और हॉल चाल पूछा तो उस ने कहा चल घर चल के बैठते हैं

मैं उस के साथ घर आ गया और कहा भाई क्या बात है आज यहाँ ले के आए हो क्या आप की बाजी यहाँ आई हुई है

सफदार ने कहा नही यार वो लोग दूसरे शहर शिफ्ट हो गये हैं

मैने कहा यार ये तो बहुत बुरा हुआ तेरे साथ अब क्या सिर्फ़ भाभी के साथ ही गुज़ारा हो रहा है

सफदर ने मेरी तरफ देखते हुए कहा यार अब तुझ से क्या छुपाना बात ये है कि तेरी भाभी तो मुझे अपने पास भी नही आने देती

मैं उस की बात सुन के हेरान हुआ और बोला भाई वो क्यो क्या सब ठीक है ना

सफदार ने हां मे सर हिला दिया और कहा बस यार वो कहती है कि अब बच्चे बड़े हो रहे हैं इस लिए शरम किया करो

मैने कहा हां यार बच्चे होने के बाद औरत अपने शोहार पे कम और बच्चो से ज़ियादा प्यार करने लगती है और ये तो सब के साथ होता है

सफदार ने मेरी तरफ देखते हुए कहा यार कुछ सोच ना

मैने कहा यार सफदार मैं अब इस मे क्या कर सकता हूँ भाभी को तो समझा नही सकता

सफदार ने कहा नही यार किसी लड़की का बंदोबस्त कर ना यार पैसे मिला के उसे दे देंगे

मैं सफदार की बात सुन के चुप हो गया और सोचने लगा तभी सफदार ने फिर से कहा यार देख मैं भी तो तेरी ऐश करवाता रहा हूँ और वो भी अपनी सग़ी बेहन के साथ

मैने सफदार की तरफ देखते हुए कहा लेकिन यार उसे ले के कहाँ जाएँगे

सफदार ने कहा यार यहाँ करीब ही मेरे दोस्त का मकान है वहाँ बुला लो उसे

मैने कहा क्या तुम्हारा दोस्त भी हो गा क्या वहाँ

सफदार ने कहा नही यार वो गाओं गया हुआ है और मकान की चाबी मेरे पास है बस हम दोनो ही होंगे वहाँ और है भी साइड मे किसी को पता नही चले गा

मैने कहा चलो मुझे वो मकान दिखा दो मैं कोशिश करता हूँ कि काम बन जाए

सफदार ने मुझे मकान दिखा दिया और मैं उसे वहीं रुकने का बोल के घर की तरफ चल पड़ा

घर मैं अम्मी के साथ अपी और नेलु भी थी मैने अम्मी को रूम मे आने का इशारा किया और उन से कहा कि अम्मी मैं अपी को अपने साथ ले जा रहा हूँ शाम को हम वापिस आ जाएँगे

अम्मी ने कहा क्यों बेटा कहाँ जाना है तुम ने अपनी अपी को ले कर

मैने अम्मी की तरफ देखते हुए मुस्कुरा दिया और बोला अम्मी आज मैं अपी को अपने एक दोस्त के पास ले जा रहा हूँ जहाँ हम मिल के अपी को चोदेन्गे

अम्मी ने कहा अच्छा तो ये बात है लेकिन बेटा अपनी अम्मी का भी ख्याल रखा करो

मैने कहा अम्मी आप तो खुद ही उस्ताद हैं पता नही कितने ले चुकी हो और कितने अभी लो गी

अम्मी ने मुझे एक हल्का सा थप्पड़ मारा और मुस्कुराते हुए बोली क्यों मेरे बेटे को एतराज़ है क्या इस मे

मैने कहा नही अम्मी भला मैं क्यो एतराज़ करूँ ये आप की लाइफ है आप अपना अच्छा भला हम से ज़्यादा समझ सकती हैं

अम्मी ने कुछ देर मेरी तरफ देखा और कहा ठीक है बेटा ले जाओ लेकिन ज़रा जल्दी आ जाना

मैं अम्मी को अच्छा अम्मी बोलता हुआ बाहर निकला और अपी से कहा चलो अपी आप तैयार हो जाओ आप ने मेरे साथ जाना है

अपी ने मेरी तरफ देखते हुए कहा भाई कहाँ जाना है

मैने कहा अपी बाद मे बता दूँगा आप को अभी जल्दी से तैयार हो जाओ

अपी उठी और रूम की तरफ जाने लगी तो नेलु भी उन के साथ ही उठ गई और रूम मे चली गई और कोई 20 मिंट के बाद ही अपी तैयार हो के आ गई

फिर मैं अपी को ले के सफदार की तरफ चल पड़ा रास्ते मे अपी बार बार मुझ से पूछती रही कि भाई आप मुझे कहाँ ले जा रहे हो बता तो दो

लेकिन मैने कहा अपी आप को मसला क्या है क्या मुझ पे ऐतबार नही है

मेरी बात से अपी चुप हो गई और फिर जब तक हम सफदार के पास पहुच नही गये अपी ने कोई बात नही की मेरे साथ

सफदार ने हमारे अंदर आते ही डोर को लॉक कर दिया और अपी की तरफ देखते हुए बोला यार रंडी भी तो कमाल की लाया है कितने मे बात हुई है इस के साथ

मेरे बोलने से पहले अपी ने हेरान नज़रों से मेरी तरफ देखा तो मैने उसे इशारे से चुप करवा दिया और कहा यार अपने मुहल्ले की है और ये रंडी नही है बस कुछ पैसों की ज़रूरत है इस को जो हम देंगे रख ले गी बेफिकर रहसफदार मेरी बात सुन के खुश हो गया और अपी को अपनी तरफ खींच लिया और उस के बूब्स को पकड़ के दबाने लगा और साथ ही किस भी करने लगा

मैं ये देख कर अपनी ड्रेस उतारने लगा और ड्रेस उतार के अपी के पास चला गया और सफदार को हटा के अपी की ड्रेस उतारने लगा और सफदार ने भी ड्रेस उतार दी

अब अपी हमारे दरमियाँ नंगी खड़ी थी और हमे देख रही थी कि मैने उसे बेड पे लिटा दिया और उस की टाँगे खोल के फुद्दि चूसने लगा

सफदार ने अपने लंड को अपी के मुँह से लगा दिया जिसे अपी मज़े से चूसने लगी अब मैं अपी की फुद्दि के लिप्स को खोल के उस मे अपनी ज़ुबान को घुसाने की कोशिश करता

मेरे इस तरह करने से अपी ने सफदार के लंड को अपने मुँह से निकाल दिया और आअहह जानुउऊुुुुउउ उन्मह ये किय्ाआआ कर रहीई हूऊऊ हान्ंननणणन् घुसा डूऊऊ मेरिइइ फुद्दिईईईई मैं अपनी ज़ुबान कूऊऊ आहह हून्णन्न् मज़ा आ रहा हाईईईईईई भाईईईईईईईईईईईईई

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अपी के मुँह से भाई सुनते ही मैने अपना सर उठा लिया और अपी को देखने लगा लेकिन अपी तो अपनी ही मस्ती मे थी लेकिन सफदार फटी आँखों के साथ मेरी तरफ देख रहा था

मैने फिर से अपने सर को झुका लिया और अपी की फुद्दि चाटने लगा क्योकि अब मुझ मे सफदार की तरफ देखने की हिम्मत नही थी

और अपी थी कि आहह भाईईईईईईई खा जऊऊओ मेरिइईई फुद्दिईईईई कूऊऊऊ उन्मह हाआंन्‍ननणणन् भाई मज़ा आ रहा है मुझीईईई

कुछ देर के बाद अपी के जिस्म को झटके लगे और अपी की फुद्दि ने पानी छोड़ दिया जो कि सारा मेरे मुँह मे ही गया और मैं उसे पी गया

जब मैने सर उठाया और सीधा हो के अपी की फुद्दि पे अपने लंड को सेट किया तो सफदार की आवाज़ सुनाई दी वो कह रहा था यार क्या ये तेरी बेहन है

उस वक़्त पता नही मैने कैसे बोल दिया कि नही यार हम्साइ है और मैं इस के अबू को चाचा जान कहता हूँ और इस का कोई भाई नही है तो ये मुझे भाई बुलाती है

सफदार ने और कुछ नही कहा और अपी के मुँह मे अपना लंड घुसा दिया जिसे अपी लोलप्प्प्प लोल्लप्प्प्प्प की आवाज़ के साथ चूसने लगी

और मैने अपने लंड को एक ही झटके मैं अपी की फुद्दि की सैर करवा दी

अब सफदार मेरी बेहन के मुँह मे लंड डाल के चुस्वा रहा था और मैं अपी की फुद्दि मार रहा था

कुछ देर के बाद मैने अपना लंड अपी की फुद्दि निकल लिया तो सफदार फॉरन मेरे पास आ गया मैने कहा यार तो अब लेट जा और इसे अपने लंड पे बिठा ले

सफदार लेट गया और अपी उस के लंड पे बैठ गई तो मैने अपी की गांद पे ढेर सारा थूक लगा के अपने लंड को अपी की गांद मे घुसने लगा

अपी नीचे से मचलि और कहा नही भाई इस तरह नही पल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे दर्द हो गा

मैने कहा चुप कर साली रंडी की औलाद और आराम से लेटी रह अभी तो तुझे शाम तक चोदना है हम दोनो ने मिल कर

सफदार ने भी अपी को नीचे से कस के पकड़ लिया था और मैने भी अपने लंड को आराम आराम से अपी की गान्ड मे घुसाना जारी रखा

अपी अब नाइईईईईईईईई भाईईईईईईई पल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ बहिर्र्र्र्ररर निकालूऊऊ मेरिइई फॅट जये गििईईईईईईई भाईईईईईईई आऐईयईईईईईईईईईईई अम्मिईीईई मेरी फॅट गैिईईईईईईईईईईईईईई

लेकिन मैने अपी की कोई भी बात नही सुनी और अपने लंड को अपी की गान्ड मे घुसाना जारी रखा और कोई 5 मिंट मे मैने अपना पूरा लंड अपनी बेहन की गान्ड मे घुसा दिया क्योकि सफदार पहले ही अपी की फुददी मे अपने लंड को घुसा के बैठा हुआ था

जिस की वजह से मुझे इतना टाइम लगा जिस से कि अपी को जितनी तकलीफ़ होनी चाहिए थी नही हुई लेकिन फिर भी अपी की आँखे लाल हो चुकी थी और तकलीफ़ चेहरे से सॉफ नज़र आ रही थीअपी अब रोते हो मुझे रोकने को बोल रही थी आऐईयईईईईईईई भाईईईईईई पल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ दर्द हो रहा है रोक जऊऊओ आहह अम्मिईीईईईईई मुझे बचा लूऊऊऊ नही तो मैं आज मर जाउ गििईईईईईईई

अब मैने अपने लंड को आहिस्ता से इन आउट करना शुरू कर दिया था जिस से कुछ ही देर मे मेरा लंड अपी की गांद मे आराम से इन आउट होने लगा

अब अपी को भी तकलीफ़ नही हो रही थी और वो भी आअहह भाईईईईईईईई अब कुछ आराम हाईईईईईईई उन्मह हान्ंनणणन् भाईईईईईई आहिस्ताआआ पल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ आहह उन्मह

इस के साथ ही सफदार ने भी नीचे से अपने लंड को अपी की फुद्दि मे हिलाना शुरू कर दिया था जिस से अपी को और भी मज़ा आने लगा

वो अब हून्ंनननणणन् और थोड़ा सा तेज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ करूऊऊऊ आअहह अम्मिईीईईईईई उन्मह मज़ा आ रहा हाईईईईईईईईई

मैने अब अपनी स्पीड काफ़ी बढ़ा दी थी जिस से लज़्जत मे भी बे पनाह इज़ाफ़ा हो गया था और मैं भी अब हां सलिइीईईईईईईई रनडिीईईईईईई बड़ा शौक हाईईईईईई ना तुझे चुदनीईए कााआ ये लीईई आअहह हाआंन्‍णणन् बोल मेरी कुतिया मज़ाआआ आ रहा हाईईईईईईईईई आअहह की लंबी आवाज़ के साथ ही मैं अपी की गान्ड मे ही फारिघ् हो गया और साइड मे हो कर लेट गया

अब सफदार ने अपी को अपने उपर से उतरा और अपी को डॉग्गी बना लिया और लंड अपी की गान्ड मे घुसा दिया और तेज़ झटके देने लगा

अपी आहह अब अच्छा लग रहा हाईईईईईईईईई उन्मह और तेज़ करूऊऊऊ आअहह मैं गैिईईईईईई हान्ंनननणणन् और इस के साथ ही अपी की फुद्दि ने भी पानी छोड़ दिया और सफदार ने भी 3 4 झटको के साथ ही अपी गान्ड मे अपना पानी छोड़ दिया

शाम तक हम ने अपी को 2 बार मैने और 3 बार सफदार ने चोदा और शाम को जब हम घर के लिए निकले तो अपी से ठीक तरह से चला भी नही जा रहा था

हम घर पहुचे तो अबू सामने ही बैठे हुए थे और हमे देखते ही बोले हां भाई नसीर कहाँ से आ रहे हो तुम दोनो और नैइला को किया हुआ है

अपी मुझ से पहले ही बोल पड़ी वो अबू मैं अपनी सहेली के घर गई हुई थी और भाई मुझे वहाँ छोड़ने गये थे और वापिस भी लाना था इस लिए भाई वहीं बैठे रहे

अबू अजीब सी नज़रों से हमे देखते रहे और फिर सर को झुका लिया और हम वहाँ से रूम की तरफ खिसक लिए

मैने तो अपने रूम मे आते ही एक लंबी सांस छोड़ी क्योकि मुझे लग रहा था कि अबू को कोई शक हो गया है हम पर

थोड़ी ही देर गुज़री थी कि मुझे अबू की ज़ोर ज़ोर से अम्मी को आवाज़ देने की आवाज़ सुनी जो कि अम्मी को रूम मे आने के लिए कह रहे थे

मेरी तो हालत ही पतली हो रही थी कि पता नही क्या बात है कि तभी अपी भी मेरे रूम मे आ गई और बोली भाई अबू को कहीं कोई शक तो नही हो गया

मैने अपी की तरफ देखते हुए कहा अपी लगता तो कुछ ऐसा ही है

अपी और मैं मेरे रूम में बैठे हुए परेशानी मे एक दूसरे का मुँह ही देखे जा रहे थे

कोई 2 घंटे के बाद मुझे अम्मी के रूम का डोर ज़ोर से खुलने और बंद होने की आवाज़ सुनाई दी तो मैं फॉरन बाहर निकला तो अबू थे जो बाहर जा रहे थे

मैं लपक के अम्मी के रूम मे गया देखा तो अम्मी बेड पे बैठी हुई थी मुझे देखते ही बोली आओ मेरे शेर क्या बात है मुँह क्यो लटका हुआ है आज

मैने कहा अम्मी अबू क्या कह रहे थे अभी आप से

अम्मी ने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखा और कहा तुम्हे क्या लगता है क्या बात हो गी

मैने कहा अम्मी मुझे लगता है कि अबू को कोई शक हो गया है हम पे

अम्मी ने कहा हां यही बात है लेकिन तुम परेशान नही हो मैं संभाल लूँगी

मैने कहा लेकिन अम्मी अबू तो बड़े गुस्से मे लग रहे थे कहीं कोई मसला ना हो जाए देख लेना
अम्मी ने हंसते हुए कहा अरे बेटा वो कुछ नही करे गा हां उसे पता चलने से ये ज़रूर हो गा कि अब तक हम जो कुछ छुपा के करते थे उस के सामने भी कर सकते हैं

मैने अम्मी की तरफ हैरानी से देखते हुए कहा अम्मी ये आप क्या बोल रही आप को पता है

अम्मी ने कहा हां बस 2 दिन सबर कर लो फिर देखना क्या होता है

मैने हां मे सर हिला दिया और अपने रूम मे आ गया जहाँ अपी मेरा इंतज़ार कर रही थी मैने अपी को भी सारी बात बता दी

मेरी बात सुन के अपी ने कहा अगर अम्मी ने ये कहा है कि वो अबू को संभाल लेंगी तो फिर वो संभाल लेंगी तुम टेंसन ना लो

मैं भी चुप हो गया और फिर सारी रात और अगला दिन भी इसी टेन्षन मे गुज़रा अगले दिन शाम 4 बजे के करीब अबू घर वापिस आ गये

अम्मी अबू को ले कर रूम मे चली गई और फिर डोर भी बंद कर लिया और हम भी अपने रूम मे बैठे रहे अली भी हमारे पास ही था

1 घंटे के बाद अम्मी मेरे रूम मे आ गई और मुस्कुराते हुए बोली चलो भाई बच्चो यहाँ क्यो डर के बैठे हो आ जाओ बाहर

मैने कहा अम्मी अबू ने क्या कहा है

अम्मी ने कहा कुछ नही वो क्या कहेंगे बस तुम लोग मज़े करो और क्या

अम्मी की बात से पूरी टेन्षन ख़तम हो गई लेकिन ये समझ नही आई कि आख़िर अम्मी ने अबू को मना कैसे लिया था चुप रहने के लिए

फिर हम सब अपने कामों मे लग गये और रात के खाने के टाइम हम सब ने एक साथ खाना खाया और खाने के बाद अबू ये कहते हुए चले गये कि मैं काम से जा रहा हूँ कल ही आउन्गा

अबू के जाने के बाद मैं भी अपने रूम मे चला गया कुछ देर बाद अम्मी भी आ गई और कहा नसीर आज मेरे रूम मे ही सो जाओ अली और नैइला भी वहीं हैं

मैने कहा नही अम्मी मेरी तबीयत ठीक नही है मैं सोने जा रहा हूँ

अम्मी ने मेरे माथे पे हाथ लगाया और कहा क्या बात है बेटा क्या हुआ है तुम्हारी तबीयत को

मैने कहा कुछ नही अम्मी बस दिल घबरा रहा है अगर तबीयत ठीक हो गई तो मैं आ जाउन्गा

अम्मी अपने रूम मे चली गई और जाते हो बोल गई कि दूध पी लेना बेटा

मैने हां मे सर हिला दिया अम्मी के जाने के कुछ ही देर के बाद अपी मेरे रूम मे आ गई और बोली भाई अच्छा किया आप ने जो अम्मी को मना कर दिया है

मैने कहा तुम ने ही तो उस दिन कहा था आज के लिए

अपी ने कहा अच्छा जी बड़ी जल्दी लगी अपनी छोटी बेहन को चोदने की

मैने कहा नही अपी वो जैसी भी हो आप की जगह तो नही ले सके गी ना

अपी ने कहा अच्छा ज़्यादा बाते नही करो और 12 बजे रूम मे चले जाना और जो दिल करे कर लेना वो मना नही करे गी ठीक है ना

मैने हां मे सर हिला दिया तो अपी मेरे रूम मे से चली गई और मैं रात के 12 बजे का वेट करने लगा


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sham tak hum ne appi ko 2 bar maine aur 3 bar safdar ne choda aur sham ko jub hum ghar k liye nikle tou appi se theek trha se chala bhi nai ja raha tha

hum ghar pohnche tou abu samne hi bethe howe the aur humain dekhte hi bole haan bhai nasir kahan se a rahe ho tum dono aur naila ko kiya howa hai

appi mujh se pehle hi bol padi wo abu main apni saheli k ghar gai hoi thi aur bhai mujhe wahan chorne gye the aur wapis bhi lana tha is liye bhai wahin bethe rahe

abu ajeeb si nazron se humain dekhte rahe aur phir sar ko juka liya aur hum wahan se room ki taraf khisak liye

main tou apne room main ate hi ek lambi sans chori kion k mujhe lag raha tha k abu ko koi shak ho gya hai hum par

thodi hi der guzri thi k mujhe abu k zor zor se ammi ko awaz dene ki awaz suni jo k ammi ko room main ane k liye keh rahe the

meri tou halat hi patli ho rahi thi k pata nai kiya baat hai k tabhi appi bhi mere room main a gai aur boli bhai abu ko kahin koi shak tou nai ho gya

maine appi ki taraf dekhte howe kaha appi lagta tou kuch aisa hi hai

appi aur main mere room main mere room main bethe howe pareshani main ek dosre ka moun hi dekhe ja rahe the

koi 2 ghante k baad mujhe ammi k room ka door zor se khulne aur band hone ki awaz sunai di tou main foran bahir nikla tou abu the jo bahir ja rahe the

main lapak k ammi k room main gya dekha tou ammi bed pe bethi hoi thi mujhe dekhte hi boli aao mere sher kiya baat hai moun kion latka howa hai ajj

maine kaha ammi abu kiya keh rahe the abhi app se

ammi ne meri taraf muskurate howe dekha aur kaha tumhain kiya lagta hai kiya baat ho gi

maine kaha ammi mujhe lagta hai k abu ko koi shak ho gya hai hum pe

ammi ne kaha haan yehi baat hai lakin tum pareshan nai ho main sanbhal loon gi

maine kaha lakin ammi abu tou bade gusse main lag rahe the kahin koi masla na ho jye dekh lena

ammi ne hanste howe kaha are beta wo kuch nai kare ga haan use pata chalne se ye zaroor ho ga k ab tak hum jo kuch chupa k karte the us k samne bhi kar sakte hain

maine ammi ki taraf herani se dekhte howe kaha ammi app kiya bol rahi app ko pata hai

ammi ne kaha haan bus 2 din sabar kar lo phir dekhna kiya hotra hai

maine haan main sar hila diya aur apne room main a gya jahan appi mera intzar kar rahi thi maine appi ko bhi sari baat bata di

meri baat sun k appi ne kaha agar ammi ne ye kaha hai k wo abu ko sanbhal lain gi tou phir wo sanbhal lain gi tum tetion na lo

main bhi chup ho gya aur phir sari raat aur agla din bhi isi tention main guzra agle din shaam 4 baje k kareeb abu ghar wapis a gye

ammi abu ko le kar room main chali gai aur phir door bhi band kar liya aur hum bhi apne room main bethe rahe ali bhi humare pass hi tha

1 ghante k baad ammi mere room mai a gai aur muskurate howe boli chalo bhai bacho yahan kion dar k bethe ho a jao bahir

maine kaha ammi abu ne kiya kaha hai

ammi ne kaha kuch nai wo kiya kahain ge bus tum log maze karo aur kiya

ammi ki baat se peri tention khatam ho gai lakin ye samjh nai aai k akhir ammi ne abu ko mana kaise liya tha chup rahne k liye

phir hum sab apne kamon main lag gye aur raat k khane k time hum sab ne ek sath khana khaya aur khane k baad abu ye kahte howe chale gye k main kaam se ja raha hoon kal hi aaon ga

abu k jane k baad main bhi apne room main chala gya kuch der baad ammi bhi a gai aur kaha nasir ajj mere room main hi so jao ali aur naila bhi wahin hain

maine kaha nai ammi meri tabiyat theek nai hai main sone laga hoon

ammi ne mere mathe pe hath ligaya aur kaha kiya baat hai beta kiya howa hai tumhari tabiyat ko

maine kaha kuch nai ammi bus dil ghabra raha hai agar tabiyat theek ho gai tou main a jaon ga

ammi apne room main chali gai aur jate howe bol gai k doodh pi lena beta

maine haan main sar hila diya ammi k jane k kuch hi der k baad appi mere room main a gai aur boli bhai acha kiya app ne jo ammi ko mana kar diya hai

maine kaha tum ne hi tou us din kaha tha ajj k liye

appi ne kaha acha jee badi jaldi ahi apni choti behan ki lene main

maine kaha nai appi wo jaisi bhi ho app ki jaga tou nai le sake gi na

appi ne kaha acha ziyada batain nai karo aur 12 baje room main chale jana aur jo dil kare kar lena wo mana nai kare gi theek hai na

maine haan main sar hila diya tou appi mere room main se chali gai aur main raat k 12 k wait karne laga

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