Indian incest sex story – फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है

सुबह मुझे अपी ने आ के उठाया तो मैं उठ के बातरूम मे चला गया वापिस आया तो अपी मेरा नाश्ता ले के आई थी

मैं नाश्ता करने लगा तो अपी ने कहा भाई क्या तुम रात नेलु के रूम मे गये थे

अपी की बात सुन के मेरे हाथ से नीवाला गिर गया मैने कहा क्या मैं क्यो जाउन्गा नेलु के रूम मे मुझे वहाँ क्या काम

अपी ने मुझे घूरते हुए कहा नसीर कमिने मैं तुझे अच्छी तरह जानती हूँ तो सुधर जा क्या मैं और अम्मी तुझे कम हैं कि अब तो नेलु को भी

मैने कहा नही अपी ऐसी बात नही है बस पता नही रात मुझे क्या हुआ था कि मैने ये हरकत कर दी अब मैं दोबारा ऐसा नही करूँगा

अपी ने भी और कुछ नही कहा और वहाँ से चली गई

अपी के जाने के बाद अम्मी मेरे रूम मे आ गई और मुझे कहा देख बेटा अगर मैने तेरी अपी को तुझ से करने के लिए मना लिया है तो मैं नेलु को भी तेरे साथ करवा दूं गी लेकिन अभी वक़्त नही आया

मैने कहा जी अम्मी सॉरी अब मैं दोबारा नही करूँगा

फिर मैं घर से निकल गया जब दुपहर को वापिस आया तो घर का डोर लॉक था जब मैने बेल बजाई तो कोई 5 मिंट के बाद डोर खुला तो अम्मी थी

अम्मी ने मुझे देखते ही कहा अच्छा हुआ तू भी आ गया और मुझे अंदर खींच लिया जब मैं अम्मी के रूम मे गया तो

वहाँ का मंज़र देख कर मैं समझ गया कि डोर खुलने मे इतनी देर क्यो हुई

अली उस वक़्त अपी की गांद मार रहा था और मुझे देखते ही थोड़ा शर्मा गया अम्मी ने कहा चल नसीर तू भी अपनी ड्रेस उतार दे और खुद भी कपड़े उतारने लगी

फिर मैने भी अपने कपड़े उतारे और अपने लंड को अपी के मुँह मे दे दिया जो कि डोगी बनी अली के लंड को अपनी गांद मे घुसा के चुदवा रही थी

अपी भी लोलप्प्प्प्प्प लोलप्प्प्प्प्प की आवाज़ों के साथ मेरे लंड को चूसने लगी और मैं अपी के बालो को पकड़ के अपने लंड को अपी के मुँह मे घुसने लगा और अहह अप्पीईईईईईईई

और अम्मी ने जब ये देख तो अली को अपी की गांद मे से अपना लंड निकालने को कहा जब अली ने अपी की गांद मे से अपने लंड को निकल लिया तो अम्मी ने अली को लिटा के अपनी गांद को अली के लंड पे सेट किया और एक ही झटके मे पूरा लंड अपनी गांद मे ले लिया

अली का लंड जैसे ही अम्मी की गांद मे पूरा घुसा अम्मी की आईईईईईई अलईइीईईईईई की आवाज़ निकली

और अली ने अम्मी को अपनी तरफ खींच लिया और अपने सीने से लगा लिया और अम्मी के होंठो को चूसने लगा

इधर अपी बड़े मज़े से मेरे लंड को चूस रही थी फिर मैने अपी को नीचे लिटा लिया और उस की टाँगे उठा के अपने लंड को एक ही झटके मे अपी की फुद्दि मे घुसा दिया

अपी आहह कमिने आहिस्ता नही कर सकता किया उन्मह भाई प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे तेज़ी से चोदो मेरे भाई अहह

और मैं भी अपनी पूरी ताक़त से अपी की फुददी मारने लगा और ये साली रंडी अहह और चुदा मा चोद कुतिया उफफफफफफफफफ्फ़ अहह

अपी भी भाई मुझे चोदो भाई तेरी बेहन की फुद्दि बड़ी गरम है भाई अहह अम्मिईीईईईईईई मैं गैिईईईईई उन्मह

और उधर अब अली भी अम्मी को अपने लंड पे बिठा के अम्मी की गांद मार रहा था और अहह अम्मी मज़ा आ रहा है

और अम्मी भी अली के बालों मे अपनी उंगलियाँ को फेर रही थी और अली के लंड पे ऊपर नीचे हो रही थी

इधर अब मेरा फारिघ् होने वाला था मैने बड़ी ज़ोर से बाजी को डबोच के उस की फुद्दि मार रहा था और अपी को गालियाँ भी दे रहा था

अहह साली गश्ती मैं गया उन्मह अपी मेरी रंडी बेहन साली मैं आने वाला हूँ

अपी भी हां भाई पल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे इसी तरह चोदा करो अहह भाई मेरा भी होना वाला है भाई तेरी बेहन की फुद्दि को ठंडा हो लेने देना भाई

और इस के साथ ही हम दोनो बेहन भाई भी फारिघ् हो गये और मैं अपी के ऊपर ही लेट गया

उधर अली भी अम्मी की गांद मे फारिघ् हो चुका था और वो दोनो मा बेटा भी इसी तरह एक दूसरे के ऊपर ही लेटे हुए थे

फारिघ् होने के बाद हम सब ऐक दूसरे से अलग बे सुध हो कर लेट गये. मैं ने अम्मी से पूछा नेलु कहा है तो अम्मी ने बताया वो शायद ज़ारा की तरफ गई हे. फिर हम सब बारी बारी वॉशरूम से फारिघ् होने के बाद बाहर इकट्ठे बैठ कर बातें करनी लगे. मेरी नज़र अपी के बूब्स पर टिक कर रह गई थी. ऑर अपी के बूब्स के मुतलिक सोच सोच कर मेरा लंड फिर से खड़ा होना शुरू हो गया था. अम्मी ने मेरी नज़रों का पीछा किया तो मुस्करा कर बोली नसीर बेटा क्या सोच रहे हो.मे चोंक गया ओर बोला “कुछ नही अम्मी जान” “कोई तो बात है क्या अपनी अपी का दूध पीने को दिल कर रहा है??” मे जवाब मे सिर्फ़ मुस्करा दिया मेरी मुस्कराहट को देखती ही अपी भी बोल पड़ी ” बेचारा मेरा भाई इतनी मेहनत तो करता है, अगर उस का दिल कर रहा है तो पिला देना चाहिए, पियेगा नही तो जान कैसे आएगी ,ऑर जान नही हो गी तो फिर हमे मज़ा कॉन दे गा” अपी का इतना कहना था कि हॉल हमारी हँसी से गूँज उठा, इतनी मे दरवाज़े पे दस्तक हुई तो मे ने दरवाज़ा खोला सामने नीलू ही खड़ी थी.जानी क्यू मे चाह कर भी अपनी छोटी बहेन से नज़रें नही मिला पा रहा था, शायद अपनी उस दिन की हरकत की वजह से. खैर दोपहर का खाना तैयार हुआ ऑर हम सब ने मिल कर खाना खाया ऑर इधेर उधर की बातों मे मसरूफ़ हो गये .बातों बातों मे मैं ने अपी से रात के मुतलिक पूछा तो उन्होने ने आज के लिया मना कर दिया. मे भी यही चाहता था.रोज़ रोज़ की चुदाई से सेहत बिगड़ने का भी ख़तरा होता है. ईद ऐसे ही गुज़र गई ऑर मेरी जॉब फिर से स्टार्ट हो गई.जॉब पे जाते ही सफदार ने पकड़ लिया ऑर ईद पे ना मिलने का शिकवा करने लगा . मगर मे तो दिल ही दिल मे मुस्करा रहा था कि दोस्त जब 2 2 फुद्दियाँ सामने हों तो दुनिया वालो को कॉन पूछता है .उस वक़्त तो अपनी भी बेगानी हो जाती हैं.दिन तेज़ी से गुज़रने लगे ऑर सारा दिन जॉब पर होने की वजह से अपी ऑर अम्मी की फुद्दि लिए काफ़ी दिन गुज़र गये .सनडे को अबू भी घर होते तो हफ्ते की रात भी कुछ करना मुश्किल होता, ऑर बाकी दिनो मे मजे जॉब से फ़ुर्सत नही मिलती थी.इक रात मे जल्दी ही जॉब से घर वापिस आ गया तो अम्मी ने दरवाज़ा खोला . .

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“अच्छा हुआ तुम आ गये नसीर”अम्मी ने मुझे देखती ही मुस्करा कर कहा

“क्यू ख़ैरियत क्या चल रहा है” मे ने सवालिया नजरो से पूछा

“कुछ भी नही ब्स प्यार की होली खेली जा रही हे”

“अबू घर नही हैं क्या ” मे ने जल्दी जल्दी मे पूछा

“नही, हों भी तो क्या फ़र्क पड़ता है, नींद की गोलिया उनकी मोजूदगि का हल है ना” अम्मी ने आँख मारते हुए कहा

मे मुस्करा कर अम्मी से लिपट गया ऑर दरवाज़े पर ही उनके कपड़े उतारने लगा

“इतनी भी जल्दी क्या है , अभी आए हो, फ्रेश तो हो जाओ”

मे जल्दी से अपनी रूम मे गया ऑर नहा के सीधा अम्मी के रूम मे चला.रूम मे दाखिल होते ही मे हक्का बक्का रह गया क्यू कि आज मेरी जगह मामू ने ले ली थी. अली ऑर मामू दोनो अपी ऑर अम्मी को जम के चोद रहे थे. मतलब मेरी गैर मोजोदगि का भरपूर फ़ायदा उठाया जा रहा था.सब नंगे ही बेड ऑर सोफे पर ऐक दूसरे के लंड ऑर फुद्दि से खैल रहे थे. इतने दिन चुदाई ना करने की वजाह से मे तो पहली ही बहुत एग्ज़ाइट था ,ऑर मेरा लंड फुल हार्ड था. मगर कमरे का नज़ारा देख और तन गया.अम्मी मामू की टाँगो के दरम्यान बैठी उसके लॅंड को कभी अपने होंटो से टच करती ऑर कभी होंटो से लगाती, ऑर साथ साथ कहती मेरा शायरर्र्ररर . . . अभी तुम ने मुझे बोह्त मज़ा देना है. ऑर अपना जूस भी पिलाना है .बचपन की यादें ताज़ा करनी हैं . . .

अपी की नज़र मुझ पर पड़ी जो अपनी फुद्दि मे अली का लंड लिए इर्द गिर्द से बे खबर अपनी चुदाई मे मसरूफ़ थी ,अब फारिघ् हो कर ऐक तरफ लेट गई थी.

“भाई क्या हुआ ऐसे क्या देख रहे हैं,पहले कभी नही देखा क्या हमे ?? “

नही अपी, मे सोच रहा हूँ मेरे लॅंड की प्यास इस वक़्त कोन बेहतर भुजा सकता है” मे ने आँख मारते हुए कहा

अपी मुस्करा दी” अभी आपकी अपी मे इतना दम है कि आप के शोनी मोनी शायर की प्यास को अपनी फुददी से ख़तम कर सके”

अभी मे ने खुशी मे मेरा अपना ऐक कदम अपनी अपी की तरफ बढ़ाया ही था कि दरवाज़े पर दस्तक की आवाज़ आई,ऑर हम सब परेशान हो गये कि इस वक़्त कॉन आ सकता है!!!!

अम्मी जो मामू का लॅंड फुद्दि मे डाल चुकी थी, फॉरन से उछल पड़ी ऑर मुझे कहा ” नसीर देखना इस वक़्त कॉन आगया है कही तुम्हारे अबू ही ना आ गये हों” ऑर हम ने जल्दी जल्दी कपड़े पहन’ने लगे.मामू को मे ने अपने कमरे मे अली के साथ भेज दिया ऑर अपी अपनी कमरे मे चली गई.मे जल्दी से दरवाज़े की तरफ दौड़ा ,दरवाज़ा खोला तो अबू ही थे.शूकर कि हम ने दरवाज़े की कुण्डी भी लगा रखी थी वरना गेट की चाबी तो अबू के पास मोजूद थी.

“आज बहुत जल्दी आ गये आप”मे ने सलाम का जवाब देते हुए पूछा

“हाँ बेटा, आज काम कुछ ज़्यादा नही था,जल्दी छुट्टी हो गई”

मे मायूस अपने कमरे मे वापिस आ गया. मंज़िल के बहुत करीब आकर मंज़िल को खो देने का कितना दुख होता है आज इस बात का ठीक से अंदाज़ा हो रहा था.अबू के डर की वजह से ऑर आने वेल ख़तरे के डर से मेरा उठा हुआ लंड भी बैठ चुका था ऑर दिल की धड़कन जो तेज हो चुकी थी अब काफ़ी हद तक नॉर्मल हो चुकी थी.

अबू आते ही रूम की तरफ चले गये और मैं डोर को लॉक कर के अपने रूम मे आ गया और अबू को कोसने लगा कि आख़िर थोड़ा और लेट नही आ सकते थे क्या

कुछ देर के बाद अपी मेरे रूम मे खाना ले के आ गई तो मैने कहा अपी मेरा कुछ सोचो प्लज़्ज़्ज़

अपी ने मुस्कुराते हुए कहा मेरे भाई क्या हो गया है मैं हूँ ना

मैने कहा अपी अब हम कैसे करेंगे क्योकि अबू भी घर पे ही हैं अब तो

अपी ने कहा भाई वो अपने रूम मे ही रहेंगे रात को मेरे रूम मे नही

अपी की बात सुन कर मैं खुश हो गया और बोला लेकिन अपी नेलु भी तो हो गी ना वहाँ

अपी ने कहा तो क्या हुआ मेरी जान अम्मी के पास नींद की गोलियाँ जो पड़ी हैं वो कब काम आएँगी

मैं खुश हो गया और उठ कर अपी से लिपट गया और उन्हे किस करने लगा तो अपी ने मुझे पीछे धकेल दिया और बोली अभी नही रात को 11 बजे के बाद मेरे रूम मे
मैं अपी की बात मान गया और बैठ कर खाना खाने लगा और फिर अपी मेरे रूम मे आ गई और बर्तन उठा लिए और जाते हुए मुझे देखते हुए बोली भाई 11 बजे ठीक है ना

मैने हां मे सर हिला दिया और लेट कर 11 बजे का इंतज़ार करने लगा ठीक 11 बजे मैं बेड से उतरा और अपी के रूम की तरफ चल पड़ा

अपी के रूम को बाहर से मैने हल्का सा दबाव दिया तो वो बिना किसी आवाज़ के खुलता चला गया और मैं रूम मे इन हो गया अपी ने रूम की लाइट बंद की हुई थी

अपी मुझे डोर पर खड़ा देखते ही स्लो आवाज़ मे बोली भाई डोर को लॉक कर के आ जाओ वहाँ क्यों खड़े हो

मैने डोर को लॉक कर दिया और बेड के पास चला गया और बेड पे अपी के पास जाने से पहले मैं अपनी ड्रेस उतार दी और नंगा हो गया

फिर मैं अपी के पास बेड पे चला गया तब तक अपी भी अपनी ड्रेस उतार के बैठ चुकी थी मैने अपी की टाँगों को पकड़ के अपनी तरफ खींचा और उन की टाँगों को खोल दिया

अपी मेरे इस तरह करने से बेड पे लेट गई और मैने अपना मुँह अपी की सॉफ फुद्दि पे रख दिया और चाटने लगा कभी अपी की फुद्दि को चाटता और कभी मैं अपनी ज़ुबान अपी की फुद्दि मे घुसाने की कोशिश करने लगता

अपी मेरी इस हरकत से काफ़ी गरम हो रही थी और फिर अपी मेरे सर को अपनी फुद्दि पे दबाने लगी और आहह भाईईईईईईईईईई तुम कितना प्यार करते हो अपनी बड़ी बेहन सीईईईई उन्मह हान्ंननणणन् भाईईईईईईईई खा जऊऊऊओ आज्ज्जज्ज मेरिइईईई फुद्दि कूऊऊऊऊ आहह

मैने अपने सर को अपी की फुद्दि से हटा लिया और बोला अपी क्या करती हो अगर अबू ने सुन लिया तो क़यामत आ जाएगी घर मे आराम से बोलो

अपी ने मुझे अपनी फुद्दि की तरफ खींच लिया और बोली ठीक है भाईईइ अभी तो तुम अपना काम करो चूसो मेरी फुद्दी को मैं अब आवाज़ नही करूँगी

मैं अब फिर से अपी की फुद्दि को चूसने और चाटने लगा और अपी फिर से आहह मेरे सोहनय्यययययययी भाईईईईईईईई हान्ंणणन् इसी तरहााआ से करूऊऊ

मैं फिर उठने लगा तो अपी ने अपने हाथों के साथ अपनी टाँगों मे भी मुझे दबोच लिया और सिसकते हुए बोली नैईईईईईई भाईईइ अभी और करूऊऊऊ

मैने उठने की काफ़ी कोशिश की लेकिन नाकाम रहा और फिर से अपी की फुद्दि को चूसने लगा तो 2 मिंट मे ही अपी आहह मेरे भाईईईईईईईई उन्मह आहह गैिईईईईईईईईईईई मैं भाईईईईईईईईई

इस के साथ ही अपी के जिस्म को 2 3 झटके से लगे और अपी की फुद्दि से पानी का सेलाब बहने लगा जो कि सारा मेरे मुँह पे ही आ रहा था जिसे मैं मज़े से पी गया

अब अपी ने अपने जिस्म को ढीला छोड़ दिया था जिस से मैं भी उठने मे कमियाब हो गया और उठते ही लंबी सी सांस ली और अपी की तरफ देखा

अपी उस वक़्त आँखे बंद किए लंबी साँसे ले रही थी

मैने अपी को कुछ भी नही कहा और खुद उन की टाँगों को उठा कर अपने लंड को अपी की फुद्दि पे सेट किया और एक ही झटके मे पूरा घुसा दिया

मेरे लंड के घुसते ही अपी ने आँखे खोल के मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा दी

अब मैने अपने लंड को अपी की फुद्दि मे इन आउट करना शुरू कर दिया और अपी भी थोड़ा सा अपनी गांद को उठा के मेरा साथ देने लगी

मैने भी अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और अपी के बूब्स को दबाने लगा ज़ोर से

अपी मेरे इस तरह करते ही सिसक पड़ी और आऐईयईईईईईईई हरमिीईईईईई आराम सीईईई करूऊऊओदार्ड होता हाईईईईईईईई आअहह भाईईईईईई पल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़

मैने अपी की बात का कोई जवाब नही दिया और अपी के बूब्स को ज़ोर से मसल्ते हुए तेज़ झटके भी लगाता रहा और हाआँ अब बोल्ल्ल्ल रनडिीईई सलिइीईईईईई किया होवााा हाईईईईईई तुझीईए

अपी की आँखों में अब आँसू भी आ गये थे क्योकि मैं अपनी पूरी ताक़त से झटके लगा रहा था और साथ ही उन के बूब्स को भी मसल रहा था जिस से अपी को तकलीफ़ हो रही थी

अपी ने कहा भाई क्या कर रहे हूऊ पल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ आराम से प्यार से दबऊऊऊ ना दर्द होता हाईईईईईईईईईई उउफफफफफफ्फ़

मैने अपने हाथों की गरिफ्त ढीली की और बोला साली जब मैं कह रहा था कि आहिस्ता बोलो कोई सुन ले गा तो असर नही हो रहा था और मुझे अपनी टाँगों के साथ दबा लिया था

अपी भाईईईईई मैं तुम्हारे फुद्दि चाटने से पिघल गई थी अपने होश में नही थी पता नही मुझे क्या हो गया था

मैने कहा अगर अबू सुन लेते या फिर नेलु उठ जाती तो क्या होता ये नही सोचा और इस के साथ झटको की रफ़्तार बढ़ा दी और आहह साली तू बेहन कम और मेरी रंडी ज़ियादा है

अपी ने कहा हां भाई मैं तेरी रंडी हूँ तू जो भी कहे गा मैं करूँगी उन्मह भाईईईईई हाआंन्‍ननणणन् अब मज़ा आ रहा हाईईईईईईई मुझीई और तेज़ करूऊऊ

हम दोनो बेहन भाई इसी तरह कोई 10 मिंट तक चुदाई करते रहे और फिर एक साथ ही फारिघ् हो गये और मैं अपी की साइड मे लेट गया और लंबी साँसे लेने लगा

कुछ देर के बाद मैं उठा और लाइट ऑन कर के अपनी ड्रेस उठा कर पहन ली और जाने लगा तो अपी ने कहा भाई बैठो ज़रा मैने आप से बात करनी है

मैं बैठ गया तो अपी ने सर उठा के मेरी आँखों मे देखा और बोली भाई क्या आप नेलु को चोदना चाहते हो

मैं अपी की इस बात के लिए तैयार नही था इस लिए थोड़ा घबरा गया और बोला न..नही तो क्यो पूछ रही हो

अपी ने कहा भाई अगर तुम ने नही चोदना तो ठीक है फिर क्योकि आज से 4 दिन बाद इस की सील अली से टूटने वाली है

अपी की बात सुन के मैं हक्का बक्का रह गया और बोला क्या मतलब

अपी ने कहा अगर नेलु को डेट नही आई होती तो आज कल मे ही काम हो जाना था

मैने कहा अपी क्या आप मेरे इसे तैयार कर सकती हो

अपी ने कुछ देर मेरी तरफ़देखा और बोली भाई मुझे तो नही भूल जाओ गे

मैने अपी को सीने से लगा लिया और कहा ये भला कैसे हो सकता है कि मैं तुम्हे भूल जाऊ

अपी ने कहा ठीक है कल नही परसो रात को तुम इस के साथ कर लेना

मैने कहा क्या नेलु तैयार हो जाएगी

अपी ने कहा हां हो जाएगी तुम टेन्षन नही लो ये मेरा काम है

मैने अपी को एक किस किया और नेलु की तरफ देखते हुए जाने लगा तो अपी ने कहा किस कर लो अगर दिल कर रहा है तो

मैं अपी की तरफ कुछ देर देखता रहा और फिर नेलु के पास चला गया और उस के लिप्स के साथ अपने लिप्स को मिला दिया और किस करने लगा

लेकिन उस वक़्त मुझे झटका लगा जब नेलु भी मेरी किस के जबाब मे मुझे किस करने लगी मैने नेलु को किस करते हुए तिरछी नज़रों से देखा तो वो भी मुस्कुरा रही थी

मैं समझ गया कि नेलु पहले से ही जाग रही थी और सोने का बहाना कर के हमारी चुदाई को एंजाय कर रही थी

फिर मैं उठा और अपी को बोला अपी मेरी इस प्यारी सी गुड़िया को तुम तैयार रखना अब मैं परसों इस के साथ सुहाग रात मनाउन्गा ठीक है

मेरी बात सुन के अपी मुस्कुरा दी और नेलु ने अपना मुँह को दूसरी तरफ घुमा लिया क्योकि वो शर्मा गई थी

फिर मैं अपी को एक किस करने के बाद थॅंक्स बोल के रूम से बाहर आ गया और अपने रूम मे आ कर लेट गया और ख्यालों मे नेलु की चुदाई करने लगा


subah mujhe appi ne a k uthaya tou main uth k bathroom main chala gya wapis aya tou appi mera nashta le k aii thi

main nashta karne laga tou appi ne kaha bhai kiya tum raat nelu k room main gye the

appi ki baat sun k mere hath se niwala gir gya maine kaha kiya main kion jaon ga nelu k room main mujhe wahan kiya kaam

appi ne mujhe ghurte howe kaha nasir kamine main tujhe achi trha janti hon tou sudhar ja kiya main aur ammi tujhe kam hain k ab tou nelu ko bhi

maine kaha nai appi aisi baat nai hai bus pata nai raat mujhe kiya howa tha k maine ye harkat kar di ab main dobara aisa nai karon ga

appi ne bhi aur kuch nai kaha aur wahan se chali gai

appi k jane k baad ammi mere room main a gai aur mujhe kaha dekh beta agar maine teri appi ko tujh se karne k liye mana liya hai tou main nelu ko bhi tere sath karwa doon gi lakin abhi waqt nai aya

maine kaha jee ammi sory ab main dobara nai karon ga

phir main ghar se nikal gya jub dupehar ko wapis aya tou ghar ka door lock tha jub maine bell bjai tou koi 5 mint k baad door khula tou ammi thi

ammi ne mujhe dekhte hi kaha acha howa tou bhi a gya aur mujhe andar khinch liya jub main ammi k room main gya tou

wahan ka manzar dekh kar main samjh gya k door khulne main itni der kion hoi

ali us waqt appi ki gaand mar raha tha aur mujhe dekhte hi thoda sharma gya ammi ne kaha chal nasir tou bhi apni dress utar de aur khud bhi kapde utarne lagi

phir maine bhi apne kapde utare aur apne lun ko appi k moun main de diya jo k dogy bani ali k lun ko apni gaand main ghusa k chudwa rahi thi

appi bho lolpppppp lolpppppp ki awazon k sath mere lun ko chusne lagi aur main appi k balon ko pakad k apne lun ko appi k moun main ghusane laga aur ahhhhhhhh appiiiiiiiii

aur ammi ne jub ye dekh tou ali ko appi ki gaand main se apna lun nikalne ko kaha jub ali ne appi ki gaand main se apne lun ko nikal liya tou ammi ne ali ko lita k apni gaand ko ali k lun pe set kiya aur ek hi njhtke main pora lun apni gaand main le liya

ali ka lun jaise hi ammi ki gaand main pora ghusa ammi ki aiiiiiii aliiiiiiiii ki awaz nikli

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appi aahhhhhhhhhh kamine ahista nai kar sakta kiya unmhhhhhhhh bhai plzzzzzz mujhe tezi se chodo mere bhai ahhhhhhhhhhh

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aur ammi bhi ali k balon main apni unglion ko pher rahi thi aur ali k lun pe opar niche ho rahi thi

idhar ab mera farigh hone wala tha maine badi zor se baji ko dboch k us ki phuddi mar raha tha aur appi ko galian bhi de vraha tha

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udhar ali bhi ammi ki gaand main farigh ho chuka tha aur wo dono maa beta bhi isi trha ek dosre k opar hi lete howe the

farigh hony k bad hum sab aik dosry se alag be sud ho kar lait gay. main ne ammi se pocha nelu kaha he to ammi ne btaya wo sath zara ki traf gai he. phir hum sab bari bari washroom se farigh hony k bad bahir ikathy beth kar baten karny lagy. meri nazar appi k boobs per tik kar reh gai thi. or appi k boobs k mutalik soch soch kar mera lun phir se khra hona shuro ho gaya tha. ammi ne meri nazaroO ka ta’aqub kia to muskra kar boli nasirrr beta kia soch rahy ho.me chonk gaya or bola “kuch nahi ammi jaan” “koi to baat he kia apni appi ka doods pene ko dil kar raha he??” me jawab me sirf muskra dia meri muskarahat ko dekhty hi appi bhi bol paren ” bechara mera bhai itni mehnat to karta he, agar us ka dil kar e raha he to pila dena chahyee, pia ga nahi to jaan kaisy ay gi ,or jaan ni ho gi to phir humen maza kon de ga” appi ka itna kehna tha k hall hmari hasi se gonj otha, itny me darwaze py dastak hoi to me ne darwaza khola samny neelu hi khari thi.jaany q me chah kar bhi apni choti behen se nazren nahi mila paa raha tha, shyd apni us din ki harkat ki waja se. khair dopeher ka khana tyar hoa or hum sab ne mil kar khana khaya or idher odher ki batoO me masroof ho gay.batoO batoO me main ne appi se raat k mutalik pocha to unhoOn ne aaj k lia mana kar dia. me bhi yehi chahta tha.roz roz ki chudai se sehet k bigarny ka bhi khatraa hota he.eid aesy hi guzarr gai orr meri job pphir se start ho gai.job py jaty hi safdar ne pkar lia or eid py na milny ka shikwa karny lga . mgar me to dil dil me muskara raha tha k dost jb 2 2 phudiia samny hon to dunya waloO ko kon pochta he.us waqt to apny bhi begany ho jaty hen.din taizi se guzarny lgay or sara din job py honi ki waja se appi or ammi ki phudi mary kafi din guzar gay.sunday ko abu bhi ghar hoty to hafte ki raat bhi kuch karna mushkil hota, or baki dinoO me mje job se fursat nahi milti thi.ik raat me jaldi hi job se ghar wapis aagaya to ammi ne darwazaa khola . .

“acha hoa tum agay nasirrr”ammi ne mje dekhty hi muskra kar kaha

“q khairiat kia chal raha he” me ne sawalia nazroO se pocha

“kuch bhi nahi bss pyar ki holi khaili ja rahi he”

“abu ghar nahi hen kia ” me ne jaldijaldi me pocha

“nahi, hon bhi to kia frak parta he, nend ki goliaa unki mojodgii ka hal he naaa” ammi ne ankh marty hoa kaha

me muskra kar ammi se lipat gaya or darwaza py hi unk kapry otarny lga

“itni bhi jaldi kia he , abhi ay hoO, fresh to ho jao”

me jaldi se apny room me gaya or naha k seedha ammi k room me chala.room me dakhil hoty hi me haka baka reh gaya q k aaj meri jaga mamoO ne ly li thi. ali or mamoO dono appi or ammi ko jam k chod rahy thy. matb meri ghair mojodgi ka bharporr faida othaya ja rha tha.sab nangy hi bed or sofe py aik dosre k lan or phudi se khail rahy thy. itny din chudai na karny ki waja se me to pehly hi bht excite tha ,or mera lan full hard tha.mgar kamre ka nazara dekh mazid tan gaya.ammi mamoO ki tangoO k darmyan bethi usk lan ko kabhi apny honto se touch karti or kabhi hontoO se lgatii, or sath sath kehti mera shairrrrrr . . . abhi i tm ne mje boht maza denaa he. or apna juice bhi pilana he.bachpan ki yaden taza karni he . . .

appi ki nazar muj py pari jo apni phudi me ali ka lan ly k ird gird se be khabar apni chudai me masroof then,ab farigh ho kar aik traf lait gai then.

“bhai kia hoa aesy kiadekh rahy hen,pehly kabhi nahi dekha kia humen ?? “

nahi appi, me soch raha hunk mere lan ki pyas is waqt kon behter bhuja sakta he” me ne ankh marty hoa kaha

appi muskra den” abhi aapki appi me itna dam he k aap k shony mony shair ki pyasss ko apni phudi se khatam kar saky”

abhi me ne khushi k mary apna aik kadam apni ki traf bharhaya hi tha k darwazee per dastak ki awaz ai,or hum sab preshan ho gay k is waqt kon aasakta he!!!!

ammi jo mamoO ka lan phudi me dal chukii then, foran se ochal pari or muje kaha ” nasirrr dekhnaa is waqt kon aagaya he kahen tmhary abu hi na agay hoN” or hum jaldi jaldi kapry pehn’ny lagy.mamoO ko me ne apny kamre me ali k sath bhej dia or appi apny kamre me chali gaien.me jaldii se darwaze ki traf dora,darwaza khola to abu hi thy.shukar k hum ne darwaze ki kundi bhi lga rakhi thi warna gate ki chabi to abu k pass mojod thi.

“aaj boht jaldii agay aap”me ne salaam ka jawab dety hoa pocha

“han beta, aaj kam kuch zyada nahi tha,jaldi chuti ho gai”

me mayoss apny kamre me wapis aa gaya. manzil k bht karib aakar manzil ko kho dene ka kitna dukh hota he aaj is bat ka thekse andazaa ho raha tha.abu k dar ki waja se or any waly khatry k dar se mera otha hoa lun bhi beth chuka tha or dil ki dharkan jo taiz ho chuki thi ab kafi had tak normal ho chuki thi.

abu ate hi room ki taraf chale gye aur main door ko lock kar k apne room main a gya aur abu ko kosne laga k akhir thoda aur lait nai a sakte the kiya

kuch der k baad appi mere room main khana le k a gai tou maine kaha appi mera kuch socho plzzz

appi ne muskurate howe kaha mere bhai kiya ho gya hai main hoon na

maine kaha appi ab hum kaise karain ge kion k abu bhi ghar pe hi hain ab tou

appi ne kaha bhai wo apne room main hi rahain ge raat ko mere room main nai

appi ki baat sun k main khush ho gya aur bola lakin appi nelu bhi tou ho gi na wahan

appi ne kaha tou kiya howa meri jaan ammi k pass neend ki golian jo padi hain wo kab kaam aain gi

main khush ho gya aur uth k appi se lipat gya aur unhain kiss karne laga tou appi ne mujhe piche dhakil diya aur boli abhi nai raat ko 11 baje k baad mere room main

main appi ki baat man gya aur beth k khana khane laga aur phir appi mere room main a gai aur bartan utha liye aur jate howe mujhe dekhte howe boli bhai 11 baje theek hai na

maine haan main sar hila diya aur let k 11 baje ka intzar karne laga thhek 11 baje main bed se utra aur appi k room ki taraf chal pada

appi k room ko bahir se maine halka sa dabao diya tou wo bina kisi awaz k khulta chala gya ayr main room main in ho gya appi ne room ki light band ki hoi thi

appi mujhe door main khada dekhte hi slow awaz main boli bhai door ko lock kar k a jao wahan kion khade ho

maine door ko lock kar diya aur bed k pass chala gya aur bed pe appi k pass jane se pehle main apni dress utar di aur nanga ho gya

phir main appi k pass bed pe chala gya tab tak appi bhi apni dress utar k beth chuki thi maine appi ki tangon ko pakad k apni taraf khincha aur un ki tangon ko khol diya

appi mere is trha karne se bed pe let gai aur maine apna moun appi ki saaf phuddi pe rakh diya aur chatne laga kabhi appi ki phuddi ko chatta aur kabhi main apni zuban appi ki phuddi main ghusane ki koshish karne lagta

appi meri is harkat se kafi garam ho rahi thi aur phir appi mere sar ko apni phuddi pe dabane lagi aur aahhhhhhh bhaiiiiiiiiiii tum kitna pyar karte ho apni badi behan seeeeeeeeee unmhhhhhhhhh haannnnnnn bhaiiiiiiiii kha jaooooooooo aajjjjj meriiiiiii phuddi koooooooooo aahhhhhhhhhh

maine apne sar ko appi ki phuddi se hata liya aur bola appi kiya karti ho agar abu ne sun liya tou qayamat a jye gi ghar main aram se bolo

appi ne mujhe apni phuddi ki tara khinch liya aur boli theek hai bhaiiii abhi tou tum apna kaam karoo chuso meri phuddii ko main ab awaz nai karon gi

main ab phir se appi ki phuddi ko chusne aur chatne laga aur appi phir se aahhhhhhh mere sohnyyyyyyyyy bhaiiiiiiiii haannnnn isi trhaaaaaa se karoooooo

main phir uthne laga tou appi ne apne hathon k sath apni tangon main bhi mujhe daboch liya aur siskte howe boli naiiiiiii bhaiiii abhi aur karoooooooo

maine uthne ki kafi koshish ki lakin nakam raha aur phir se appi ki phuddi ko chusne laga tou 2 mint main hi appi aahhhhhh mere bhaiiiiiiiii unmhhhhhhhh aahhhhhh gaiiiiiiiiiiiiii main bhaiiiiiiiiii

is k sath hi appi k jism ko 2 3 jhtke se lage aur appi ki phuddi se pani ka selab behne laga jo k sara mere moun pe hi a raha tha jise main maze se pi gya

ab appi ne apne jism ko dhila chore diya tha jis se main bhi uthne main kamiyab ho gya aur uthte hi lambi si sans li aur appi ki taraf dekha

appi us waqt ankhain band kiye lambi sansain le rahi thi

maine appi ko kuch bhi nai kaha aur khud un ki tangon ko utha k apne lun ko appi ki phuddi pe set kiya aur ek hi jhtke main pora ghusa diya

mere lun k ghuste hi appi ne ankhain khol k meri taraf dekh aur muskura di

ab maine apne lun ko appi ki phuddi main in out karna shoro kar diya aur appi bhi thoda sa apni gaand ko utha k mera sath dene lagi

maine bhi apni speed ko badha diya aur appi k boobs ko dabane laga zor se

appi mere is trha karte hi sisak padia aur aaaiiiiiiiiii haramiiiiiiiii aram seeeeeeeee karooooooodard hota haiiiiiiiii aaahhhhhhhh bhaiiiiiii pllzzzzzzzz

maine appi ki baat ka koi jawab nai diya aur appi ko boobs ko zor se masalte howe tez jhtke bhi ligata raha aur haaan ab bollll randiiiii saliiiiiiiii kiya howaaaaaa haiiiiiii tujheeeee

appi ki ankhon main ab ansooo bhi a gye the kion k main apni pori taqat se jhtke liga raha tha aur sath hi un k boobs ko bhi masal raha tha jis se appi ko takleef ho rahi thi

appi ne kaha bhai kiya kar rahe hoooo pllzzzzz aram se pyar se dabaoooooo na dard hota haiiiiiiiiiii uufffffff

maine apne hathon ki garift dhili ki aur bola sali jub main keh raha tha k ahista bolo koi sun le ga tou asar nai ho raha tha aur mujhe apni tangon k sath daba liya tha

appi bhaiiiiii main tumhare phuddi chathne se pighal gai thi apne hosh main nai thii pata nai mujhe kiya ho gya tha

maine kaha agar abu sun lete ya phir nelu uth jati tou kiya hota ye nai socha aur is k sath jhtkon ki raftar badha di aur aahhhh sali tou behan kam aur meri randi ziyada hai

appi ne kaha haan bhai main teri randi hoon tou jo bhi kahe ga main karon gi unmhhhhhh bhaiiiiii haaannnnnnn ab maza a raha haiiiiiiii mujheeee aur tez karoooooo

hum dono behan bhai isi trha koi 10 mint tak chudai karte rahe aur phir ek sath hi farigh ho gye aur main appi ki side main let gya aur lambi sansain lene laga

kuch der k baad main utha aur light on kar k apni dress utha k pehan li aur jane laga tou appi ne kaha bhai betho zara maine app se baat karni hai

main beth gya tou appi ne sar utha k meri ankhon main dekha aur boli bhai kiya app nelu ko chodna chahte ho

main appi ki is baat k liye tayar nai tha is liye thoda ghabra gya aur bola n..nai tou kion poch rahi ho

appi ne kaha bhai agar tum ne nai chodna tou theek hai phir kion k ajj se 4 din baad is ki seel ali se totne wali hai

appi ki baat sun k main haka baka reh gya aur bola kiya matlb

appi ne kaha agar nelu ko date nai ai hoti tou ajj kal main hi kaam ho jana tha

maine kaha appi kiya app mere ise tayar kar sakti ho

appi ne kuch der meri tarafdekha aur boli bhai mujhe tou nai bhol jao ge

maine appi ko sine se liga liya aur kaha ye bhala kaise ho sakta hai k main tumhain bhool jaon

appi ne kaha theek hai kal nai parsoon raat ko tum is k sath kar lena

maine kaha kiya nelu tayar ho jye gi

appi ne kaha haan ho jye gi tum tetion nai lo ye mera kaam hai

maine appi ko ek kiss kiya aur nelu ki taraf dekhte howe jane laga tou appi ne kaha kiss kar lo agar dil kar raha hai tou

main appi ki taraf kuch der dekhta raha aur phir nelu k pass chala gya aur us k lips k sath apne lips ko mila diya aur kiss karne laga

lakin us waqt mujhe jhtka laga jub nelu bhi meri kiss k jwab main mujhe kiss karne lagi maine nelu ko kiss karte howe tirchi nazron se dekha tou wo bhi muskura rahi thi

main samjh gya k nelu pehle se hi jag rahi thi aur sone ka bahana kar k humari chudai ko enjoy kar rahi thi

phir main utha aur appi ko bola appi meri is pyari si gydiya ko tum tayar rakhna ab main parson is k sath suhag raat manoon ga theek hai

meri baat sun k appi muskura di aur nelu ne apne moun ko dosri taraf ghuma liya kion k wo sharma gai thi

phir main appi ko ek kiss karne k baad thnx bol k room se bahir a gya aur apne room main a k let gya aur khyalon main nelu ki chudai karne laga

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