indian incest sex stories – फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है चाहे वो बाप हो भाई
मैं जहाँ काम करता हू वहाँ मेरा एक दोस्त है सफ्दर काफ़ी चलता पुर्ज़ा किसम का आदमी है
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त रोहित रॉय एक ओर नई कहानी लेकर हाजिर हूँ ये कहानी पढ़ कर आप ज़रूर मस्ती में आ जाएँगे ये मेरा वादा है पर दोस्तो आपसे थोड़ी सी गुज़ारिश है की आप अपने विचार ज़रूर देते रहे.
मेरी और उस की उमर मे काफ़ी ज़्यादा फरक है वो 38 का है शादी शुदा 2 बच्चे हैं उसके
मुझे जब बी टाइम मिलता मैं सीधा सफ्दर के पास चला जाता जहाँ हम ज़माने भर की बाते भी करते और 3 4 बार एक औरत की फुदी भी हम ने एक साथ ली है
लेकिन उस औरत ने हम से कभी पैसे नही लिए मैने कहा कि यार ये पैसे क्यो नही लेती तो वो कहता कि यार मज़े करो बस तुम्हे फुददी चाहिए वो मिल जाती है हाँ ये तो अच्छी बात है कि तुम्हे पैसे नही देने पड़ते
मैने कहा कि यार ये तो है
एक दिन मैं घर से निकल कर बाहर घूमने के लिए गया क्योकि ईद की छुट्टियाँ थी तो मैं यों ही घूमता फिरता सफ्दर के घर चला गया
वहाँ जा के मैने कहा कि सफ्दर भाई चले क्या सफ्दर ने कहा कि नही यार उस का शोहार घर पे है
मैने कहा कि यार सफ्दर कुछ कर ना यार बड़ा दिल कर रहा है
उस ने कहा कि चल आजा शराब पीते हैं मैने कहा कि नही भाई घर भी जाना है
तो उस ने कहा कि छोड़ ना यार आ जा मैने भी ज़्यादा मना नही किया और उस के साथ बैठ गया
हम शराब पीने लगे मैने 2 से ज़ियादा पेग नही लिए क्योकि मुझे घर भी जाना था
लेकिन सफ्दर भाई पेग पे पेग लगा रहा था थोड़ी देर के बाद वो उठ कर चला गया और थोड़ी देर के बाद आया और कहने लगा कि यार पी ना पीता क्यो नही
उस की आवाज़ लड़खड़ा रही थी मैने कहा कि सफ्दर भाई और नही मैने घर भी जाना है उस ने कहा कि यहाँ ही सो जाओ ना
मैने सोचा कि नशे मे है निकलना चाहिए कि तभी उस ने कहा कि रात को यहाँ पर ही रहो फुददी मिल जाएगी
मैं खुश हो गया
फिर रात का खाना खाने के बाद हम अभी बैठे ही थे कि भाबी सफ्दर की बीवी साइमा ने कहा कि आप की बेहन आई है
उस ने कहा कि ठीक है और उठ कर अंदर चला गया
और मुझे कहा कि जाना नही रात को तुम्हारी भाबी के सोने के बाद वो आ जाएगी मैने कहा कि ठीक है
रात को 11 के करीब दरवाज़ा खुला घर की साइड वाला और आवाज़ आई कि भाई क्योकि अंधेरा था इस लिए कुछ नज़र नही आ रहा था सफ्दर ने कहा कि आ जाओ और वो औरत अंदर आ गई
बाहर से आने वाली हल्की रोशनी मे जब मैने देखा तो वो वोही औरत थी जिसे मैं और सफ्दर पहले भी चोद चुके हैं
मुझे समझ नही आ रहा था कि ये सफदार को भाई क्यो कह रही है
मैने कहा कि सफ्दर ये आप की बेहन है
तो उस ने कहा कि हां सग़ी बेहन है मैने कहा कि क्या उस ने कहा हां हम बेहन भाई हैं
मैने कहा कि यार तुम अपनी बेहन के साथ खुद भी और मुझे भी
तो उस ने कहा कि छोड़ ना यार अगर मैं नही चोदुन्गा तो किसी और से चुदवा ले गी
जब इस ने चुदवाना ही है तो मैं ही क्यो ना इसे चोदू
मैने कहा कि क्या मतलब् तो उस ने कहा कि देख यार लड़की जब जवान हो जाती है ना तो उस की फुददी सिरफ़ लंड मांगती है चाहे वो बाप का हो या भाई का
और मैं उस की बाते सुन कर चुप हो गया और फिर हम ने मिल के उस को बाकी की रात खूब चोदा और मज़े लिए
और सुबह मैं अपने घर को निकल गयाघर आते ही अप्पी ने कहा कि भाई रात कहाँ थे मैने कहा कि अप्पी वो मैं अपने दोस्त के साथ ही रहा उस के घर पे
अप्पी ने कहा कि भाई कुछ दिन की तो छुट्टी है हमारे पास घर पे ही रहो बाद मे तो सुबह जाना और रात को आना होता है .
मैं अप्पी से बात ही कर रहा था कि मुझे सफ्दर की बात याद आ गई कि लड़की जब जवान हो जाती है तो उस की फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है
चाहे वो बाप का हो या भाई का मेरे ज़हन मैं ये बात आई ही थी कि अप्पी ने कहा कि भाई नाश्ता लाऊ मैने कहा कि नही
और अपने रूम मे चला गया और सोचने लगा कि क्या मेरी बेहन भी ऐसी ही है तो मैने कहा कि नही वो एक शरीफ लड़की है
मेरे घर मे 3 रूम 1 हॉल किचॅन और 1 ही वॉशरूम है जिसे सब इस्तीमल करते हैं 1रूम अम्मी अबू का 1 मेरी बहनों का और 1 मे हम सब भाई
मैं अभी ये ही सोच रहा था क़ि अप्पी आ गई और कहा कि भाई आप थोड़ी देर बाहर बैठो मैं सफ़ाई कर लू मैने कहा कि तुम करो मैं ठीक हू और वो झुक कर सफाइ करने लगी जिस से उस की गंद बाहर को निकल आई मैं अपनी बेहन की गांद को ही घूरता रहा पता नही क्या हो गया था मुझे
बाजी सफाइ करते हुए मूडी तो उन की नज़र मुझ पे पड़ी और अप्पी ने कहा कि नसीर क्या देख रहे हो
मैं घबरा सा गया और फॉरन कहा कि अप्पी मैं देख रहा हू कि आप कितना काम करती हो
अप्पी ने कहा कि भाई सब लड़कियाँ करती हैं मैं कोई अनोखा तो नही कर रही
मैने कहा हां ये तो है लेकिन मुझे अच्छा नही लगता अप्पी ने कहा कि क्या तो मैने कहा कि अपी आप का यों सारा दिन काम करना
अपी ने कहा तो फिर कौन करे गा
मैने कहा कि अपी अम्मी को भी तो करना चाहिए ना वो तो सारा दिन इधर उधर घूमती ही रहती हैं
अपी ने कहा कि भाई अम्मी ही सारी ज़िंदगी करती रही हैं
और मैं चुप हो गया अपी भी काम ख़तम कर के बाहर चली गईं
मैं जितनी भी देर अपी रूम मे सफाइ करती रही उन की गंद को ही घूरता रहाअपी के जाने के बाद मैने सोचा कि क्या अपी भी लंड के लिए तरस रही है अगर हां तो मुझे क्या करना चाहिए मैं ये सोचता हुआ ही सो गया
दोपहर मे अपी ने मुझे उठाया और कहा कि भाई खाना खा लो फिर सो जाना
मैने उठ के हाथ मुँह धोया और खाना खाने लगा कि तभी नीलम वहाँ आ गई और कहने लगी भाई क्या बात है बड़ी नींद आ रही है
अपी ने कहा कि नेलु उस को प्यार से कहते हैं मस्ती नही ओके
मैने कहा छोड़ो ना अपी आप भी क्या करती हो बच्ची है अभी खेलने खाने के दिन हैं इस के
अपी ने कहा बड़ा प्यार आ रहा है आज तो मैने कहा कि क्या अपी मैं कब आप से और नेलु से प्यार नही करता
और खाना खा के बाहर निकल गया दिन इसी तरहा ही गुज़रते रहे छुट्टियाँ ख़तम हो गई फिर घर से काम पे और काम से घर
कभी कभी सफ्दर के साथ उस की बेहन के घर जा के उस की चुदाई भी करते
और घर पे अपी से भी फ्री होने की कोशिश करता लेकिन अपी ज़्यादा फ्री नही हो रही थी
लेकिन मैं भी लगा रहा क्योकि सफ्दर और उस की बेहन को देख के मेरा भी बड़ा दिल करता कि मैं भी अपनी बेहन के साथ प्यार करू
लेकिन कोई बात नही बन रही थी इसी दौरान बड़ी ईद की छुट्टियाँ भी आ गई 1 दिन मैं अपने दोस्त के साथ बाज़ार से वापिस आ रहा था कि मैने अम्मी को एक गली मे जाते हुए देखा मैं बड़ा हेरान हुआ कि अम्मी यहाँ किस को मिलने आई हैं
मैने अपने दोस्त से कहा कि यार तू चल मैं बाद मे आता हू उस ने कहा कि क्या बात है ख़ैरियत तो है
मैने कहा कि हां यार मैने किसी से मिलना है तू चल
उस ने कहा ठीक है फिर मैं चलता हू और निकल गया उस के जाते ही मैं तेज़ी से उस गली की तरफ भागा और देखा कि अम्मी किसी से बात कर रही हैं और तभी वो आदमी जिस से अम्मी बात कर रही थीं उस ने अपनी पॉकेट मे से कुछ निकाल के दिया मैं क्यो कि दूर था इस लिए देख नही सका कि उस ने अम्मी को क्या दिया था और फिर अम्मी एक तरफ चल पड़ी और मैं उन के पीछे अम्मी ने थोड़ी दूर ही एक मकान का ताला खोला और अंदर चली गईं
मैं समझ गया कि उस आदमी ने अम्मी को घर की चाबी ही दी हो गी लेकिन समझ नही आ रहा था कि अम्मी और उस आदमी का क्या चक्कर है और वो आदमी अम्मी को चाबी दे के गया कहाँ है
मैं ये सब ही सोच रहा था कि वो आदमी किसी और आदमी को अपने साथ ले के आ गया और सीधा अंदर चला गया और डोर बंद कर दिया मैने सोचा कि देखना चाहिए कि अंदर क्या हो रहा है. मैं तेज़ी से मकान की तरफ गया लेकिन वहाँ कोई ऐसी जगह नही थी कि मैं अंदर देख सकू क्योकि वो जगह आबादी मे ही थी इस लिए मैं वहाँ से हट के खड़ा हो गया
कोई 2 घंटे के बाद वो 2नो आदमी निकले और वहाँ से चल पड़े पता नही मेरे दिल मे क्या आई कि मैं भी उन के पीछे चल पड़ा वो बाते करते जा रहे थे .
बाद मैं आने वाला कह रहा था कि साले पता नही तेरे पास कोन सी गीदड़सिन्घी है कि औरते तेरे पास भागी आती हैं
पहले वाले ने कहा कि छोड़ इस बात को ये बता कि मज़ा आया कि नही दूसरे ने कहा कि क्या बताऊ यार क्या लंड चूसति है मज़ा आ गया.
मैं तो उन की बाते सुन के हक्का बक्का रह गया कि अम्मी ये सब भी करती हैं और तभी पहले वाले ने कहा कि यार कब तक है ये यहाँ उस ने कहा कि अभी कालू को लेने जा रहा हू कालू इस को चोद ले फिर चली जाएगी .
पता नही मेरे दिल मे क्या आया कि मैं वापिस उसी घर की तरफ चल पड़ा मुझे ये सब सुन के बहुत गुस्सा आ रहा था
मैं जैसे ही उस घर के दरवाजे पे पहुचा तो एक बार सोचा कि क्या मुझे अंदर जाना चाहिए और फिर मैने डोर को एक धक्का दिया और अंदर घुस गया.
अम्मी वहाँ नही थीं अम्मी ने वॉशरूम मे से कहा कि कालू रुक मैं आ रही हू मैं वहीं खड़ा हो गया और तभी वॉशरूम का डोर खुला और अम्मी पूरी की पूरी नंगी बाहर आ गई. जैसे ही अम्मी बाहर आई अम्मी की मुझ पे नज़र पड़ी अम्मी को चक्कर सा आ गया अम्मी के मुँह से बस इतना ही निकल सका कि तूमम्म्मममम
main jahan kaam karta hon wahan mera ek dost hai safdar kafi chalta purza kisam k admi hai
meri aur us ki umar main kafi se ziyada farak hai wo 38 ka hai shadi shuda 2 bache hain us k
bada beta11 ka hai
beti 7 sall ki hai
mujhe jub bi time milta main sidha safdar k pass chala jata jahan hum zamane bhar ki batain bi karte aur 3 4 bar ek aurat ki phudi bi hum ne ek sath li hai
lakin us aurat ne hum se kabi paise nai liye maine kaha k yar ye paise kion nai lati toh wo kehta k yar maze karo bus tumhain phudi chahiye wo mil jati hai han ye toh achi baat hai k tumhain paise nai dene padte
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aur subah main apne ghar ko nikal gya
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