तभी तरुण भी कॉमेंट कर देता है
तरुण – “ अरे ये अनपड़ कहा चल दी किताब कॉपी ले कर.”
इतना सुनते ही तानिया का मुँह गुस्से से लाल हो गया .. उसने
डाइनिंग टेबल से एक प्पनी का गिलास उठा ओर सोफे की ओर बढ़ने
लगी.. तरुण दूसरी ओर मुँह करके टीवी देख रहा था. उसका पीछे
ध्यान नही था. तानिया जब सोफे के पीछे पहुचि तो उसने
पानी का गिलास पूरा तरुण के ऊपर उल्टा कर दिया. तरुण का सर
ओर उसकी टी-शर्ट पूरी गीली हो जाती है ..
तरुण इस सडन एक्शन से हड़बड़ गया.. तरुण इसके ले तैयार नही था. तरुण जब तक
ये समझ पाता.. तब तक तानिया.. गिलास को वही सोफे पर पटक
कर गेट से बाहर जा चुकी थी. ओर तरुण वही अपने गुस्से से
लाल तमतमाते हुए चेहरे को ले कर खड़ा था.
तरुण – (ज़ोर से चिल्लाया)“ मोम ये देखो आपकी बेटी क्या कर के
गयी है.”
कामिनी – “अरे बेटे ये लड़की भी ना कभी नही सुधरेगी.. आज
आने दे तेरे डॅड को उनसे शिकायत करूँगी.. तू जा चेंज कर
ले ”
तरुण अपना लाल पीला चेहरा को ले कर अपने रूम की ओर जाने
लगा.. 1स्ट फ्लोर पर पहुचते ही वो देखता है तन्नू को रूम
थोड़ा सा खुला है. तन्नू के बारे मे सोचते ही. वो तानिया
वाले पूरे मॅटर को भूल जाता है.. ओर शांत हो जाता है.. वो
तन्नू के रूम मे झाँकता है. वहाँ बेड पर तन्नू उल्टी लेती
हुई रो रही थी. तन्नू के सुबकने की आवाज़ पूरे कमरे मे
गूँज रही थी.. उसे तरुण क्लियर सुन सकता था.. तन्नू को अभी
तक आभास नही था की तरुण उसके कमरे मे है….तरुण
तन्नू से बहुत प्यार करता था. वो तन्नू से कितना भी नाराज़
क्यो ना हो लेकिन उसे कभी रोते हुए नही देख सकता था..
उस को खुद पर बहुत गुस्सा आने लगा, की उसने ये किया कर
दिया.. लेकिन उसके दिमाग़ का पहला ख़याल ये था की अब तन्नू
दी को चुप कैसे कराएँ …. वो तन्नू की बगल मे जा कर पेट के बल लेट जाता है. तन्नू तरुण को देख कर अपना चेहरा दूसरी ओर कर अपने आसू छुपाने की कोशिश करती है.
तरुण – “तन्नू दी”
तन्नू – “ह्म”
तरुण – “ आप रो रही है.? “
तन्नू – (तन्नू ये सब भारी आवाज़ मे बोल रही थी. रोते
वक़्त आवाज़ कुछ चेंज हो जाती है ये वही आवाज़ थी) ”
नही . मैं क्यो रोने लगी.”
तरुण – “मुझे पता है आप रो रही है ओर उसकी वजह मैं
हू ना.”
तन्नू इतना सुन अपना चेहरा तरुण की ओर घूमती है.. उसके
गालो पर आसुओ की नदियो के अपने रस्तो के निशान छोड़ गये
थी. ओर उसके आखो मे अभी भी आसू थे. तरुण ये देख कर
मन मन रो दिया. तन्नू ने अपना चेहरा नीचे की ओर किया ओर
अपनी पलके झप काई.. पलकें झपकाने से उसकी आखो के आसू
गालो के रास्ते होते हुए.. नीचे की ओर चल दिए.. तरुण ये देख
कर तुरंत आगे बढ़ा ओर उसने अपना एक हाथ बढ़ा कर आसू को
नीचे ज़मीन कर गिरने से रोक दिया.. वो आसुओ की दो बूँद
तरुण के हाथ पर गिरी. तरुण उठ कर बैठ गया . ओर उन आसुओ
की बूँदो को देखने लगा.. जैसे की इन दो बूँदो मे वो सारा
दर्द है जो उसने तन्नू को दिया है.. ओर ये सोच कर तरुण उन
आसुओ की बूँदो को पी गया जैसे वी तन्नू दर्द पी रहा है…
तन्नू ये सब देख कर उठ कर बैठ जाती है..
ओर तरुण को अपने गले से लगा लेती है. तरुण भी दर्द मे
इतना डड चक्का था की अब उसे कोई नाराज़गी याद नही थी..
उसने तन्नू को अपनी बाहों मे भर लिया. तरुण तन्नू से
थोड़ा दूर हुआ.. ओर तन्नू के आसुओ को पूछते हुए.. उसके
चेहरे को अपने हाथो मे भर लिया. .. तरुण ने तन्नू के
माथे पर एक किस किया.. उसके बाद रिघ्त गाल पर उसके बाद
लेफ्ट गाल पर.. उसके बाद तरुण तन्नू की आखो मे देखने
लगा.. तन्नू समझ गयी थी. की तरुण क्या चाहता है.. लेकिन
वो बिना उसकी इज़ाज़त के ऐसा कुछ नही करेगा.. लेकिन तन्नू
भी यही छाती थी. तन्नू ने अपनी आखे बंद कर ली ओर अपनेहोंठो को आगे कर दिया.. तरुण को ऐसा लगा जैसे की उसका
प्यार सफल हो गया है.. उसने अपने होंठो को तन्नू के
होंठो से मिला दिया.. इससे दोनो के सरीर मे बिजली सी दौड़ गयी.
तन्नू ने अपने दोनो हाथ तरुण के सर के पीछे ले जा कर उसे
टाइट पकड़ लिया.. तरुण ने भी तन्नू के सर को पकड़ लिया
तन्नू तरुण के सर मे अपनी उंगलिया गुमा रही थी.. तरुण..
का एक हाथ तन्नू की कमर मे था. तरुण तन्नू के नशीले
होंठो को चूस रहा था.
तन्नू तरुण की होंठो को अपनी
मुँह मे भरे हुए थी. दोनो एक दूसरे के आगोस मे खो
चुके थे. उनको दुनिया दारी की कुछ खबर नही थी. तरुण
ने अपने हाथ को तन्नू की कमर से सरकते हुए तन्नू के
हिप्स पर ले गया.. ओर उसको अपनी ओर खिचने लगा. तन्नू जब ये
समझी तो वो भी उसका साथ देने लगी.थोड़ी देर मे तन्नू
तरुण की गोद मे बैठ थी..
तन्नू ने अपने दोनो पैर तरुण
की कमर के चारो ओर लपेट लिए . दोनो 10 मिंट तक ऐसे ही
एक दूसरे को किस करते र्हे..
तभी नीचे से कामिनी की आवाज़ आती.. र्हे..
कामिनी – “ तन्नू बेटा.. ज़रा यहा आना.. ”
ये आवाज़ दोनो को होश मे ले आती है.. दोनो एक दूसरे से
अलग हो जाते है.. तरुण बेड के साइड मे खड़ा हो जाता है ..
तन्नू भी खड़ी हो जाती है. कुछ देर बाद कामिनी दोबारा
आवाज़ लगाती है
कामिनी – “बेटा तन्नू….. ”
तन्नू – “हा मोम .. आ रही हू .”
इतना कहा कर तन्नू तरुण की ओर देखती है.. ओर रूम से बाहर
जाने लगती है…
तरुण – “तन्नू दी ”
तन्नू वही रुक जाती है.लेकिन पलटी नही. तन्नू वैसे ही
दरवाज़ की ओर मुँह करके खड़ी हो जाती है. तरुण उसके पास आता
है. ओर तन्नू का हाथ पकड़ लेता है. ओर तन्नू को अपनी ओर
घुमाता है. तन्नू ने अपना चेहरा नीचे झुकाया हुआ था.
तरुण तन्नू के चेहरे को उपर करता है.. है ओर माथे पर एक
किस देता है
तरुण – “दी आज नाइट मुझे मिलने आओगी ना.”
तन्नू ने एक शर्मीली स्माइल के साथ अपनी नज़रे झुका ली ओर
वहाँ से भाग कर नीचे चली गयी.. तरुण तन्नू को पकड़ने
के लिए रूम के गेट तक भागा… लेकिन तन्नू वहाँ से निकल
चुकी थी.. तरुण समझ भी नही पाया था की तन्नू उसे नाइट
मे मिलने आएगी या नही. क्योंकि उसे कोई क्लियर जवाब नही
मिला था.. लेकिन इसके बावजूद वो बहुत खुश था.. उसने
नीचे देखा.. अभी तक उसकी पेंट मे तंबू बना हुआ था..
ये देख कर पता नही क्यो.. उसके चेहरे पर एक स्माइल आ गयी
ओर वो अपने रूम की ओर चल दिया. अपन रूम मे पहुच कर
उसने अपनी टी-शर्ट उतार कर फेक दी ओर ऐसे ही.. बेड पर लेट गया..
नीचे पैर लटका कर.. अभी तक तरुण के फेस पर स्माइल थी. जो
1% भी कम नही हुई थी.. आज उसने अपने प्यार तक पहुचने
का रास्ता बना लिया था. वो अब बस तन्नू को अपने ख़यालो
मे रखना चाहता था. फिर वो ये सोचने लगा कि तन्नू
नाइट मे मिलने आएगी या नही.. उसने डिसाइड किया की.. आज
नाइट होने से पहले वो इसका आन्सर तन्नू से ले कर ही
रहेगा.. ओर यही सोचता हुआ.. वो उछल पड़ता है.. की उसने
आज तन्नू को किस किया.. उसके समझ मे नही आ रहा था की
क्या करे.. वो रूम मे इधर उधर घूम रहा था..उसके
मन में लड्डू फुट रहे थे.. उसके दिमाग़ ने काम करना
बंद कर दिया. लेकिन फिर भी उसने तुरंत कुछ सोचा. ओर एक
दूसरी टी-शर्ट पहनी ओर अपनी गीली टी शर्ट को ले कर नीचे चला
गे…
तरुण अपनी गीली टी-शर्ट को ले कर नीचे हॉल मे पहुचता है.. तन्नू
किचन मे बर्तन साफ कर रही है. कामिनी कही नज़र नही आ रही
. . शायद अपनी अपने रूम मे आराम कर रही होगी…तरुण सीधा
किचन मे चला जाता है. तरुण को आते हुए देख कर. तन्नू
थोड़ा डर जाती है. क्योंकि तन्नू सोच रही है की तरुण कोई ऐसी
वैसी हरकत करेगा.. ओर यहा उन्हे मोम देख सकती है.. . तरुण
तन्नू के पास आता है
तरुण – “दी मोम कहा है. ?
”तन्नू – “ वो अपने रूम मे है. ”
तरुण धीरे धीरे तन्नू के नज़दीक आता है. तन्नू पीछे हट रही
है. तरुण ओर नज़दीक जाता है.. ओर तन्नू के कान के पास होंठ ले
जा कर धीरे से कहता है..
तरुण – “ दी आपको मुझसे डर लग रहा है..”
तन्नू – (तन्नू थोड़ा जोश मे आते हुए.)“ मैं तो नही डर रही
हू.. मैं क्यो डरुन्गी..? ”
इतना कहते हुए. तन्नू तरुण को पीछे धकेल देती है. ओर मूड कर
बर्तन साफ करने लगती है. तरुण उसके पास जाता है. ओर उसके
बिल्कुल पीछे खड़ा हो जाता है. तन्नू को तरुण का इतना पास होना
फील हो रहा है.. उसकी साँसे तेज होने लगी . तन्नू बर्तन
साफ करना भूल गयी. वो बस आखे बंद किए हुए.. तेज तेज साँसे
ले रही थी. तरुण अपना हाथ तन्नू के बालो मे देता है.. ओर उनके
बालो की मस्त कर देने वाली खुश्बू को सूंघ रहा है. इस
खुश्बू ने तरुण को बहुत एग्ज़ाइटेड कर दिया.. वो किसी वक़्त भी
अपना कंट्रोल खो सकता है.. तरुण थोड़ा ओर आगे जाता है. अब
तरुण का लंड तन्नू की गान्ड पर टच हो रहा है. तन्नू ये
अहसास पा कर पागल सी हो जाती है.. ओर अपनी गान्ड को तरुण के लंड
पर धीरे से रगड़ती है.. तरुण अपना एक हाथ तन्नू की कमर मे
रखता है ओर उसका खिच कर अपने से चिपका लेता है.. इस झटके से
तन्नू के हाथ से लग कर एक गिलास नीचे गिर कर टूट जाता है जिसकी
आवाज़ से दोनो होश मे आते है.. तभी कामिनी गिलास टूटने की
आवाज़ पा कर अपने रूम से बाहर आती है.. कामिनी वहाँ तरुण को
देखती है..
कामिनी – “ ये गिलास किसने तोड़ा है.. ओर तरुण तू यहा किचन मे
क्या कर रहा है.. ”
तरुण – “ मोम मैं तो दी को ये बोलने आया था की ये इस टी-शर्ट को
भी लौंड्री मे दे दे.. ओर इन्होने ही गिलास तोड़ा है.. ये कुछ काम
ठीक से नही करती है.”
इतना सुन कर तन्नू गुस्से से तरुण की ओर देखती है. तरुण अपनी
नज़रे तन्नू से चुराता हुआ किचन से बाहर आ जाता है..
कामिनी – “ तरुण ये टी-शर्ट मुझे दे.. इससे मे लौंड्रीर मे भेजवा दूँगी. ओर तन्नू तू जल्दी से ये काँच के टुकड़े सॉफ कर ”
तरुण टी-शर्ट कामिनी को दे टीवी देखने चला जाता है. तन्नू
काँच के टुकड़ो को सॉफ करने मे लग जाती है.. कामिनी हाल के
बाहर कपड़ो को सेट कर रही है… थोड़ी देर मे तन्नू
सफाई ख़त्म कर लेती है. ओर कामिनी अपने कमरे मे अपने लौंड्री
के कपड़े लेने चली जाती है.. तभी तरुण ज़ोर से आवाज़ लगाता है
तरुण – “तन्नू दी एक गिलास पानी ले कर आना. ”
इतने मे कामिनी भी अपने रूम से कपड़े ले कर बाहर आती है.
कामिनी – “ तन्नू भाई को पानी पकड़ा दे”
तन्नू – “जी मोम”
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