Incest विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड

तरुण अपने सर से तन्नू के हाथ को हटाते हुए..
तरुण – “ दी मुझे भी नींद आ रही है… आप जाओ यहा से
ओर टिया को चाय ले कर भेज देना. “

तन्नू – ( तन्नू एक स्माइल के साथ) “टिया क्यो.. मैं ही चाय ले
आती हू ना अपने प्यारे भाई के लिए.”

तरुण. – “अब मुझे चाय नही पीनी .. आप चाय मत लाना.”

ऐसा सुनते ही तन्नू को थोड़ा झटका लगा.. वो थोड़ा सॅड हो गयी थी.

तन्नू – “क्यो.? मेरे हाथ की चाय नही पीनी..?”

तरुण – (तरुण बैठे हुए) “ हा मैं आपके हाथ की चाय नही पीनी.. आप प्लीज़ यहा से जाओ.. ओर मुझे सोने दो.”

तन्नू ये सुन कर बहुत सॅड हो गयी.. वो तरुण की ओर जाने ही
वाली थी की पीछे से टिया की आवाज़ आती है.

टिया. – “तन्नू दी आप यहा क्या कर रही है..?”

तन्नू- “मैं यहा तेरे भाई को जगाने आई थी. अब तू आ गयी
है तो तू ही जगा दे इसे”

ये वर्ड तन्नू ने बहुत गुस्से मे बोले.. ओर वहाँ से जाने
लगी.. तभी तरुण तुरंत उठ कर बैठ गया ओर. अपनी बाहें टिया
की ओर फैलाते हुए

तरुण – “अले मेली स्वीट स्वीट बहन यहा आओ जल्दी.. ओर
मुझे मॉर्निंग किस दो.”]

टिया भाग कर तरुण के पास जाती है. ओर उसको हग कर लेती है.

तन्नू से सब गेट पर खड़ी हो कर देख रही थी. तरुण टिया
को अपनी गोद मे बैठाता है…ओर उसके गालो पर एक किस कर देता
है.. टिया भी तरुण के गाल पर एक किस करती है..

तरुण – “मेली स्वीट बहन प्लीज़ मेरे लिए टी ले आओ.. अब
तुम ही हो इस घर मे जो मेरा ख्याल रखती है.”

टिया – (तुरंत तरुण की गोद से खड़ी हो जाती है )

“थॅंक यू भाई.. मैं अभी तुम्हारे लिए चाय ले कर आती हू”
इतना कह कर टिया भाग कर कमरे से बाहर चली जाती है.. वही
गेट पर तन्नू खड़ी हुई ये सब देख रही थी. ये सब सुन कर
तन्नू को बहुत जेलिसी फील होता है… इसके साथ ही उसकी
आखे नम हो जाती है.. वो समझ नही पा रही थी की तरुण
ऐसा क्यो कर रहा है… तरुण अब अपने बेड से उठ कर
बाथरूम मे चला जाता है.. वही पर तन्नू भी किचन मे
जा कर कामिनी की हेल्प करने लगती है.

तरुण कुछ ही देर मे बाथरूम से बाहर आता है.. बेड पर
टिया बैठी हुई थी.. टेबल पर टी रखी हुई थी..तरुण टवल से
अपना फेस पोछता है एंड टी लेता हुआ. बेड पर बैठ जाता है..

टिया – “भाई आज क्या बात है..कुछ स्पेशल है क्या..?”

तरुण – “नही तो. तू ऐसा क्यो पूछ रही है.?”

टिया – “ऐसे ही.. आज बहुत प्यार आ रहा है अपनी इस छोटी
बहन पर.”

तरुण – “अरे पगली मैं तो तुझे इससे भी ज़्यादा प्यार करता हू.”

टिया – “हा लेकिन पहले कभी इतना प्यार देखने को तो नही
मिला “

तरुण – ( टी को वापस टेबल पर रखता हुआ.. टिया को बाहों मे
भर लेता है. ) “अच्छा. इधर आ तू “

टिया खिलखिला कर हँसती हुई. तरुण की बाहों मे चली जाती है..
तरुण उसको फिर से एक किस करता है ओर उसको बेड पर पटक
देता है.. इसी के साथ उसके पेट मे गुदगुदी करने लगता
है.. वहाँ टिया अपने आप को छुड़ाने की कोशिश करने लगती
है… ओर डोर पर नॉक होता है.. इससे टिया ओर तरुण दोनो
शांत हो कर बैठ जाते है. वहाँ मयंक था..

मयंक – “चलो टिया रेडी हो जाओ.. मैं आपको स्कूल छोड़
देता हू.”

टिया- “ जी डॅड अभी आती हू “

मयंक इतना कह कर वहाँ से चला जाता है, टिया को अपने भाई
को छोड़ कर जाने मन नही कर रहा था. उसने तरुण के चेहरे
को अपनी ओर किया.. ओर तरुण के होंठो पर एक छोटा सा किस कर
दिया… तरुण ने कभी ऐसा एक्सपेक्ट नही किया था.. की टिया
उसको होंठो पर किस करेगी..

टिया – “आई लव यू भाई.. अब मुझे स्कूल जाना है. बाइ ”

तरुण इस अनएक्सपेक्टेड एक्शन से चौंक गया था.. वो अभी तक
होश मे नही था. ओर टिया वहाँ से जा चुकी थी. तरुण ने
अपनी चाय का कप उठाया ओर चाय की चुस्की लेते हुए.. सोचने
लगा ये सब उसके साथ क्या हो रहा है.. पहले तन्नू अब
टिया.. ये सोचते सोचते उसने अपनी चाय फिनिश की.. ओर रेडी हो
कर डाइनिंग हॉल मे चला गया..

तरुण डाइनिंग हॉल मे आ कर चेयर पर बैठ जाता है. किचन
मे तन्नू ब्रेकफ़ास्ट बना रही थी. मयंक सोफे पर बैठ कर टीवी पर
न्यूज़ देख रहा था. तरुण आज तन्नू को इग्नोर करने की पूरी
कोशिश कर रहा है. लेकिन उसका मन तन्नू को इग्नोर नही कर पा रहा है.
तरुण तिरछी नज़रो से तन्नू को की हरकतों को नोट
कर रहा है. तभी टिया अंदर से अपना स्कूल बॅग ले कर आती है.

टिया – “डॅड मैं रेडी हो गयी चलो चले..”

मयंक – “ चलो “

तभी कामिनी अपने रूम से बाहर आती है .

कामिनी – “टिया बेटा रूको अपना टिफिन तो रख लो.. ओर आज लंच
अच्छे से करना रोज़ की तरहा खाना छोड़ना मत.”

टिया कामिनी के हाथ से टिफिन ले कर बाग मे रख लेती है.

मयंक – “टिया ओर कुछ तो नही भूल रही हो ना.”

टिया – “नो डॅड”

मयंक ओर टिया घर से कार मे निकल जाते है. कामिनी भी
किचन मे जा कर तन्नू की हेल्प करने लगती है.

तरुण – “मोम जल्दी ब्रेकफ़ास्ट ले कर आओ ना.. बहुत भूक लग
रही है.”

कामिनी – “ 2 मिंट बेटा. बस अभी लाती हू.”

कामिनी – “तन्नू बेटा लो .. भाई को ब्रेकफ़ास्ट लगा दो.”

तन्नू किचन से ब्रेकफ़ास्ट ले कर डाइनिंग टेबल पर रख देती है.
ओर तरुण के पास ही बैठ जाती है. .. तन्नू ब्रेकफ़ास्ट तरुण को
सर्व करने ही वाली थी की.. तरुण उसको रोक देता है.. ओर खुद
अपने हाथो से ब्रेकफास्ट ले लेता है. तन्नू ये देख कर वही
पर मुँह लटकाए बैठ जाती है.. तरुण अपना ब्रेकफ़ास्ट करना स्टार्ट
कर देता है. तभी कामिनी किचन मे

कामिनी – “ बेटा ब्रेकफ़ास्ट कैसा बना है.? “

तरुण – “ बहुत टेस्टी है मोम.. बहुत सालो के बाद इतना
टेस्टी खाना खा रहा हू. जी चाहता आपके हाथ चूम लू.”
ये सुन कर तन्नू के चेहरे पर एक बहुत बड़ी स्माइल आ जाती
है. वो तरुण की ओर देखना स्टार्ट कर देती है.. लेकिन तरुण का
सारा ध्यान अब खाना खाने मे था.. वो तन्नू की ओर देख
भी नही रहा है

कामिनी – (एक स्माइल के साथ)“ ह्म अरे बेटा आज ब्रेकफ़ास्ट
मैने ने नही बनाया.. आज का ब्रेकफ़ास्ट तो तन्नू ने अपनेहाथों से बनाया.. चूमने है तो उसके हाथ चूम. ”

तरुण को ये सुन कर अचानक से ख़ासी आ जाती है. वो तन्नू
की ओर देखता है. वो पानी का गिलास तरुण की ओर बढ़ाए हुए थी.

तरुण पानी का गिलास लेता है. ओर रूडली फेस से
तरुण – “ क्या मोम.. आज आप कुछ अच्छा खाना नही बना
सकती थी क्या.?. कितना घटिया खाना बना है. इस आमलेट मे तो
कितना ज़्यादा नमक है.. ओर पराठे इनमे तो नमक ही नही
है. ओर ठीक से पक्के भी नही है. ओर मिल्क इसमे इतनी सूगर
किसने डाल दी.. ये तो गले भी नही उतार रहा है ”

ये सुन कर तन्नू को चेहरा फिर से उतर जाता है.. ओर अपना मुँह
नीचे लटकाए हुए बैठ जाती है

कामिनी – (एक बड़ी सी स्माइल के साथ पीछे मूड कर तरुण को
देखती है. )“ तरुण ये क्या बात हुई. अभी तो इतनी तारीफ़ कर रहे
थे खाने की अभी एक पल मे क्या हुआ. ओर हा तेरे मिल्क मे
सूगर मैने डाली है. कुछ ज़्यादा हो गयी तो छोड़ दे मिल्क
मैं दूसरा मिल्क बना देती हू.”

तरुण को अब समझ मे आ गया था की . वो आक्टिंग के चक्कर
मे कुछ ज़्यादा ही बोल गया.

तरुण – (हड़बडाते हुए)“ नही मा मिल्क तो ठीक है.. वो मैं
जूस की बात कर रहा था.” (तरुण ने बात बदलने की कोशिश तो
अच्छी की पर बात बदल नही पाया.)

तरुण गिलास का सारा दूध ख़त्म करता है.. ओर तन्नू की
ओर देख कर सोचता है..

“यार भूक तो लगी है.. अब आक्टिंग के चक्कर मे खाने की
बुराई तो कर दी.. लेकिन अब तन्नू के सामने इसे खाऊँ कैसे..? ”
इतना सोचते सोचते तरुण के दिमाग़ मे एक आइडिया आता है

तरुण – “तन्नू दी ऐसे क्या देख रही हो. मेरे खाने को
नज़र लगाओगी क्या.? तुम्हारी वजह से मेरे पेट मे दर्द
होने लगा है.. इतना घटिया खाना खिला दिया आपने”

तन्नू पहले से ही तरुण की हरकतों से सॅड थी. ये सुन कर तो
उसके आखो से आसुओ की नदिया ही बहने लग गयी.. ओर वो
अपने आसुओ को छुपाते हुए. वहाँ से उठ कर अपने कमरे
मे चली गयी. . उसके जाने के बाद तरुण की जान मे जान आई ओर उसने अपना ब्रेकफ़ास्ट जल्दी से ख़त्म किया.. ओर ज़ोर से चिल्लाया

तरुण – “ मोम 2 पराठे ओर मिलेंगे क्या..??”

कामिनी किचन से प्लेट मे 2 पराठे ले कर आती है. कामिनी
के चेहरे पर प्यारी से स्माइल होती है उसने तरुण की शरारत को
पकड़ लिया था. जो उसने अभी अपनी बहन तन्नू के साथ की
थी. कामिनी तरुण की प्लेट मे पराठे रखती है. ओर एक हाथ से
तरुण का एक काम पकड़ का खिचती है.

कामिनी – “क्यो रे… अभी तो तू इन पराठो की इतनी बुराई कर रहा
था.. अभी फिर.”

तरुण – (तरुण कसमसाता हुआ कामिनी के हाथ से अपना कान
छुड़ाता है)“अब बुरे है तो क्या करू .. भूक लगी है खाने
को पड़ेंगे ना ”

कामिनी – “चुप कर पागल.. अब खाना खा कर अपनी बहन से
माफी मॅग लेना वरना रो रो कर अपना खून सूखा लेगी. वो
बहुत एमोसनल है.. ”

तरुण बिना कुछ सुने बस पराठे खाने मे बिज़ी था…
जैसे उसे कुछ सुनाई ही नही दे रहा है.. कामिनी ने ये देख
कर दोबारा उसका कान पकड़ लिया.

कामिनी – “सुन रहा है या नही.”

तरुण – “हा हा मोम सुन लिया. माँग लूँगा माफी.”

कामिनी किचन मे वापस चली जाती है. तरुण भी अपना
खाना ख़त्म करके टीवी के सामने सोफे पर बैठ जाता है. तभी
वहाँ तानिया आती है..

तानिया – “ मोम , मैं कॉलेज जा रही हू.. मुझे ब्रेकफ़ास्ट
लगा दो.”

कामिनी.- “तानिया बेटा बैठ मैं लाती हू”

इतना सुनते ही तानिया खुद किचन मे चली जाती है.. ओर जल्दी
जल्दी मे थोड़ा दूध पीती है ओर एक पराठा हाथ मे ले कर जाने
लगती है.

कामिनी – “बेटा नाश्ता तो ठीक से करके जा.”

तानिया – “मोम मेरे पास टाइम नही है.. मैं लेट हो
जाउन्गी.”

कामिनी – “ ये लड़की भी ना..”

Pages ( 4 of 13 ): « Prev123 4 56 ... 13Next »

1 Comment

Leave a Reply