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तरुण ने जब से सुना तो उसके दिल मे एक खुशी लहर दौड़
गयी. वो थोड़ा थोड़ा समझने लगा था की दी क्या पूछना
चाहती है. ये सब सोचते हुए. तरुण के चेहरे पर एक छोटी
सी स्माइल आ गयी ओर वो नीचे देखने लगा.तभी तन्नू से
दोबारा पूछा.
तन्नू – “बताओ ना..”

तरुण – “क्या बताऊं..??”

तन्नू – “ कुछ नही..”
ओर तन्नू इतना कह कर खड़ी हो जाती है जाने लगती है. तभी
तरुण तन्नू का हाथ पकड़ता है ओर उसको वापस ला कर बेड पर
बैठता है. तन्नू ने चेहरा नीचे किया था. तरुण ने अपने एक हाथ से तन्नू की ठोडी को पकड़ कर तन्नू के फेस को ऊपर
किया.. तन्नू की आखे नम थी. तरुण ने थोड़ा सीरीयस होते
हुए कहा.. “क्या हुआ दी आप रो क्यो रही है. क्या अपनी दी से
मज़ाक भी नही कर सकता.?”

तन्नू – “ऐसा मज़ाक मत करो प्लीज़.. मैं तुमसे यहा
मिलने आई हू. ओर तुम ऐसे मज़ाक कर रहे हो..”

तरुण ने अपने हाथो से तन्नू के आसू पोंछे ओर तन्नू को
अपने सीने से लगा लिया

तरुण – “ आई आम सॉरी दी…. आप प्लीज़ रोना बंद कीजिए….
आप रोती हुई बिल्कुल अच्छी नही लगती है.”

तन्नू – “ अच्छी नही लगती तो रुलाते क्यो हो..?”

तरुण – “ ओके दी मैने सॉरी बोला ना.. अब प्लीज़ रोना बंद
करो.. वरना मैं भी रो दूँगा. “

इतना सुनते ही तन्नू खिलखिला कर हँसने लगी..

तन्नू – “हहा तू मत रोना .. तू रोता हुआ बिल्कुल बंदर लगता
है.”

तरुण – “अच्छा. आपको कैसे पता..?”

तन्नू- “ जब तू छोटा था तो तुझे बंदर कह कर चिड़ाते थे हम. “

तरुण एक दम रुक कर तन्नू की फेस की ओर गौर से देखने
लगता है.. तन्नू अपने आसू पोंछ रही थी. ओर हँस रही थी..
तभी तन्नू तरुण को देखती है.. वो तन्नू के चेहरे को
देखे ने मे खोया हुआ था.. तन्नू थोड़ा शर्मा जाती है. ओर
गर्दन को नीचे कर लेती है

तन्नू – “ ऐसे क्या देख रहे हो..? “

तरुण – “आपको, आप हँसती हुई बहुत अच्छी लगती है.”

तरुण के मुँह से अपने लिए ऐसे वर्ड्स सुनकर तन्नू का
चेहरा शर्म से लाल हो जाता है. ओर वो उठ कर जाने लगती है,

तन्नू – “ अब मुझे चलना चाहिए. कल जल्दी उठना है.”

तरुण इसके एक्शन के लिए पहले से ही तैयार था. उसने तुरंत
उठ कर कहा
तरुण – “ दी आप ये नही जानना चाहोगी की मैने इन 4 सालो में
आपको याद किया की नही.”

तन्नू से सुन कर वही रुक जाती है.. तन्नू का दिल ज़ोर से
धड़कने लगता है. ओर फेस पर एक स्माइल भी है.जैसे की वो
जानती है. तरुण क्या कहने वाला है. लेकिन वो तरुण के मुँह
से सुनना चाहती थी. इसलिए उसने मूड कर तरुण की ओर देखा ..

तरुण अब बेड पर दूसरी ओर मुँह करके बैठा हुआ था. तन्नू
उसके जवाब का वेट कर रही थी. बट तरुण ने कुछ नही बोला..

कुछ देर बाद
तरुण – “ आप जाओ कल जल्दी उठना है ना.”

तन्नू ने ये अभी एक्सपेक्ट नही किया था.. बट वो समझ
गयी थी की तरुण उसको छेड़ रहा है.. . वो तरुण के पास जा
कर बेड पर बैठ गयी. ओर तरुण का हाथ पकड़ कर
तन्नू – “प्लीज़ भाई बोलो ना.. मेरी याद आई थी क्या..?”

तरुण – “पहले एक प्रोमिस करो. तब बताउन्गा.”’

तन्नू – “कैसा प्रोमिस.?”

तरुण- “कल भी मुझे ऐसे ही मिलने आओगी.”

तरुण की ये बात सुन कर तन्नू के मन में खुशी के लड्डू
फूटने लगे.. उसने कल आने का प्रोमिस किया.. तब तरुण खड़ा
हुआ..ओर तन्नू भी खड़ी हो गयी.. तन्नू भी कुछ बोलने ही वाली थी कि तरुण ने उसके होतो पर अपनी उंगली रख कर उसको चुप रहने का इशारा किया. ओर उसके दोनो गालो को अपने
हाथो मे भर कर अपने चेहरे को उसके चेहरे के बिल्कुल
पास लाया.. दोनो की साँसे बहुत तेज चल रही थी.

दोनो एक दूसरे की साँसे को अपने होंठो पर महसूस कर पा रहे थे..
कमरा बिल्कुल शांत हो गया था… ऐसा लग रहा था.. जैसा
वक़्त यही थम गया है.. तब तरुण ने बोला
तरुण – “ दी मैं कुछ पल साँसे के बिना जिंदा रह सकता हू,,,
लेकिन आपकी यादो के बिना एक भी जिंदा नही रह सकता. मैं
वहाँ बस आपकी यादो के सहारे जिंदा था.. मैं वहाँ अपनी हर साँस के साथ आपको याद करता था. “
इतना कह कर तरुण चुप हो गया. तरुण ने जब ये कहा तो
तरुण नही जानता था की वो क्या कह रहा है. उसके दिल मे जो
आ रहा था.. उसने बोल दिया.. ये सब सुन कर तन्नू ने अपनी जिन
फीलिंग पर कंट्रोल किया हुआ था.. वो बाहर आने को उतारू हो
गयी थी.. तन्नू ने तरुण को अपनी बाहों मे भर लिया.. वो एक
दम टाइट हग किया..

तरुण ने भी अभी बाहों को तन्नू के
चारों ओर लपेट लिया.. दोनों एक दूसरे से ऐसे चिपके हुए
थे जैसे दो जिस्म एक जान.. तरुण ने तन्नू की गर्दन पर एक
किस किया.. इससे तन्नू की आह निकल गयी.. तन्नू को ऐसा लगने
लगा कि अब वो खुद को कंट्रोल नही कर पाएगी.. इसलिए उसने
वहाँ से जाना ही सही समझा.. वो तरुण से अलग हुई ओर..
तरुण के गाल पर एक किस किया ओर वहाँ से डोर की ओर जाने
लगी. तभी तरुण ने ने
तरुण- “दी कहाँ जा रही हो..?”

तन्नू – “अब मुझे जाना चाहिए.. कल जल्दी उठना है.”

तन्नू जानती थी की ये सही वक़्त नही है.. अभी कुछ भी हो
सकता है.. इसलिए वो वहाँ से चली गयी.. लेकिन तरुण को ये
समझ मे ही नही आया. की अचानक दी को क्या हुआ.. वो ऐसे
क्यो चली गयी.. इससे तरुण को बहुत बुरा लगा. उसके दिल को
हर्ट हुआ था.. वो एक जन्नत वाली फीलिंग पर था.. ओर तन्नू ने
अचानक सब कुछ ख़त्म कर दिया…. तरुण को बहुत गुस्सा आरहा था.. लेकिन अब वो कर भी क्या सकता था.. उसने अपना डोर लॉक किया.. ओर बेड पर लेट गया.. ओर तन्नू के साथ होने वाले
सारे सीन को दोहराने लगा.. जब – जब वो ये याद करता की
तन्नू उसे ऐसे अचानक छोड़ कर चली गयी उसे ओर तेज गुस्सा
आता.. ऐसे ही कब उसे नींद आ गई पता ही नही चला….

नेक्स्ट मॉर्निंग 6 बजे उसके डोर पर नॉक हुआ.. उसने उठ डोर ओपन
किया… तो …

,,,,,,,,,,,,,,,,

तरुण ने जब डोर ओपन किया तो देखा सामने तन्नू खड़ी
थी.. आज तन्नू कुछ स्पेशल लग रही थी.,.. तरुण ने जब उसको
देखा तो देखता ही रह गया. वो शायद अभी नहा कर आई
थी.. उसके बाल अभी भी गीले थे.. तरुण उसका बारीकी से
अध्ययन करने लगा… गोरे – गोरे गाल.. बिल्कुल मलाई की तरहा
है.. तरुण को अपनी ओर ऐसे देखते हुए देख कर तन्नू
शर्मा गयी …. उसके गाल शर्म से लाल हो गये…तन्नू
शर्मा के नीचे देखने लगी.. तरुण अभी भी उसको ऐसे ही
देख रहा था.. तरुण ने तन्नू को ऊपर से नीचे की ओर
देखना स्टार्ट किया.. आज तन्नू ने काफ़ी टाइट सूट सलवार पहना
था.. ऐसा लग रहा था.. उसके बड़े बड़े बूब्स अभी सूट को
फाड़ कर बाहर आ जाएँगे. सूट के ऊपर से ही उसके फिगर का
पता लगाया जा सकता था. तन्नू का ऐसा रूप देख कर.. तरुण
के लोवर मे तंबू बन गया. वो तन्नू को हग करने के
लिए आगे बड़ा. तभी
तन्नू – “ भाई मोम बुला रही है. चाय पी ले.”

इतना कह कर तन्नू ने तरुण को हग किया.. ओर गालो पर एक
प्यारा सा किस देख कर चली गयी.. सीडियो तक पहुच कर
तन्नू ने फिर से पीछे मूड कर तरुण की ओर देखा. वहाँ
तरुण अपने गाल पर हाथ लगाए हुए तन्नू को ललचाई हुई
नज़रो से देख रहा था… तन्नू ने उसके उस तंबू को भी
नोटीस किया जो तरुण के लोवर मे बना हुआ था.. ये देख कर
तन्नू को मन ही मन हसी आ गयी.. उसने तरुण को एक
नॉटी स्माइल दी…

तन्नू – “भाई जल्दी आना”ओर तन्नू नीचे चले जाती है.

तरुण वहाँ खड़ा हुआ अभी सोच मे डूबा हुआ था. की कैसे इतना हसीन नज़ारा उसके
सामने से पलक झपकते ही निकल गया. वो वापस अपने रूम
मे आ जाता है. ओर बेड पर लेटते हुए .. अपने एक हाथ से उस
गाल को सहला रहा है… जिस पर अभी तन्नू ने किस किया था..
ऐसे ही सोचते हुए उसे रात की तन्नू की हरकत याद आती है..
की कैसे बिना किसी वजह के तन्नू ने उसको हर्ट किया था.. वो
ये सब सोचते हुए फिर से गुस्से मे आ जाता है. ओर डिसाइड
करता है की वो आज तन्नू को इग्नोर करेगा. .. तभी तरुण को
याद आता है की तन्नू ने उसको नीचे बुलाया है.. ये सब
सोच कर वो वापस अपने ब्लंकेट मे घुस कर सोने का ट्राइ
करता है….

तरुण को अब नींद नही आ रही थी. वो बस तन्नू
के बारे मे सोच रहा था. ऐसे ही लेटे हुए वो सोने का ट्राइ
कर रहा था.. तरुण जानता था की तन्नू वापस ज़रूर आएगी.
उसे जगाने के लिए.. ओर ऐसा ही हुआ.. कुछ देर बाद तन्नू
वापस तरुण के रूम मे आती है. वो तरुण को सोते हुए
देखती है.. ऐसे देख कर तन्नू को तरुण के ऊपर बहुत
प्यार आता है… वो स्माइल करती हुई तरुण के पास जा कर बेड
पर बैठ जाती है. तरुण अपनी आखे बंद करके सोने की आक्टिंग
कर रहा था. तन्नू .. तरुण के सर पर हाथ फेरते हुए..
तन्नू – “ भाई तुम फिर से सो गये.. चाय नही पीनी है
क्या..?”

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