तरुण अभी तानिया को कोई जवाब नही देना चाहता था. वो अभी सिर्फ़
टीना के बारे मे सोच रहा था.. वो उठ कर अपने रूम मे गया. उसने
सोचा मैं शाम मे टीना से बात करूँगा.. क्योंकि वो बहुत थक
चुका था.. वो अपने बेड पर पड़ते ही सो गया. तरुण ईव्निंग 8 बजे
तक सोता रहा..
तभी तरुण को किसी की आवाज़ आई.. भैया उठो मोम
बुला रही है. तरुण पेट के बल लेटा हुआ था. ओर टिया उसकी कमर पर
बैठी हुई थी. ओर उसको जगाने की नाकाम कोसिस कर रही थी.
टिया – “भैया उठो ना. बहुत लेटा हो गया है. मोम बुला रही है”
तरुण – “हा हा उठ रहा हू. बस थोड़ी देर ओर.”
टिया – ” नही भैया मोम बुला रही है “
तरुण सीध होते हुए. टिया को पकड़ता है.. ओर अपने साथ लिटा देता है..
ओर उसको हग करके दुबारा सोने का ट्राइ करता है.. बट टिया अभी भी
उसको उठाने की कोसिस करती है ओर खड़ी हो जाती.. तरुण भी बेड पर बैठ
जाता है.
वो टिया को देखता है.
तरुण – “टिया इधर आओ.”
टिया तरुण को हग करती है. ओर तरुण टिया को गाल पर एक किस करता है..
बाथरूम मे चला जाता है.
वो बाथ ले कर सिर्फ़ टवल मे बाहर आता है.. वो अपने कपड़े पहनने
लगता है.. तभी उसकी नज़र गेट पर जाती है वहाँ तन्नू खड़ी हो कर
उसे देख रही थी. तरुण चॉक कर
तरुण – ” दी आप यहा ऐसे “
तन्नू –”हा वो तुझे डिन्नर के लिए बुलाने आई थी.”
तरुण – ” ओके दी आप जाओ मैं आता हू “
तन्नू वहाँ से चली जाती है. तरुण को ये बहुत अजीब लगता है की तन्नू
उसकी बड़ी बहन उसे कपड़े चेंज करती हुए देख रही थी. बट इन
बात पर ज़्यादा ध्यान नही देता है.. क्योंकि वो अपनी तन्नू दी को
बहुत लाइक करता है.. अपनी बहन से कुछ ज़्यादा.. बट वो इस फीलिंग
को कभी बाहर नही आने देता है… वो डिन्नर के लिए रेडी होता है.
ओर रूम से निकलता है. वो टीना के रूम के पास जा कर उसे टीना के
बारे मे याद आता है की उसने टीना को बहुत हर्ट किया है.. इसलिए
वो वापस अपने रूम मे जाता है. वो टीना का गिफ्ट ले कर वहाँ से सीधा
टीना के रूम मे जाता है.
टीना का रूम अंदर से लॉक था. तरुण डोर
पर नॉक करता है.. थोड़ी देर मे टीना डोर ओपन करती है. ओर सामने
अरुण को देख कर. . वापस अंदर जा कर अपने बेड पर बैठ जाती है. उसका
फेस दूसरी तरफ़ था. शायद वो अपनी आखो के आसुओ को छुपाने की
कोसिस कर रही थी. बट तरुण ने उसके आसू पहले ही देख लिए थे.
तरुण रूम मे एंटर करता है.
तरुण – “ टीना दी , आप मुझसे नाराज़ हो ..? “
टीना – “ मैं कौन होती हू. तूमे तुमसे नाराज़ होने वाली तुम ही
मुझसे नाराज़ हो. “
तरुण टीना के बगल मे जा कर बैठता है ओर उसके कान के पास जा कर
धीरे से कहता है.
तरुण – “ दी मैं आपके लिए एक गिफ्ट लाया हू.”
टीना – “नही मुझे नही चाहिए कोई गिफ्ट.”
तरुण उठ कर टीना के सामने जाता है. ओर टीना का फेस देख कर तरुण ग्लानि
मे भर जाता है. टीना की आखे लाल थी. देखने से पता चल रहा था
की टीना बहुत रोई है. उसके गालो पर आसुओ के निशान अभी भी थे. ये
सब देख कर तरुण की रूह काँप गयी.. कैसे उसकी एक छोटी सी ग़लती से उसकी
बहन को इतना हर्ट हुआ है. वो समझ गया था. की उसने बहुत
बड़ी ग़लती की थी. वो तुरत टीना के घुटनो के पास बैठ गया. ओर अपने
हाथो से टीना के आसू पोछने लगा.
तरुण – “दी आई आम रियली सॉरी.. प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो.. आपको रोते
हुए नही देख सकता हू ”
टीना – “ माफी किस बात की तुम ने क्या किया है. “
तरुण – “ वो मैने आज आपसे बहुत रूडली बात की थी ना.. मैं तो मज़ाक कर रहा था. मुझे नही पता था.. आपको इतना हर्ट होगा.प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो.“
टीना – “ इट’स ओके भाई.. लेकिन प्लीज़ दोबारा ऐसा मत करना. मैं कुछ
भी सह सकती हू. लेकिन त्म्हरी नाराज़गी नही सह सकती. “
तरुण – “ प्रोमिस दी ऐसा दोबारा कभी नही होगा. अब चलो डिन्नर
के लिए चलते है”
टीना – “ पहले ये तो बताओ मेरा गिफ्ट कहाँ है.?
तरुण – “ कॉन्सा गिफ्ट “
टीना – “वही गिफ्ट जो तुम मेरे लिए लाए थे. “
तरुण – “बट आपको तो वो गिफ्ट नही चाहिए ना.. मैं सोच रहा हू वो
गिफ्ट तानिया को दे दूँ”
(एक ओर बात टीना तानिया के बीच भी बिल्कुल नही बनती.. दोनों एक दूसरे
को बिल्कुल लाइक नही करती है)
टीना ये सुनते ही खड़ी हो गयी. ओर तरुण की ओर झपटी. ओर उसकी कोल्लर पकड़ ली
टीना – “मेरा गिफ्ट किसी ओर को देने की कोई ज़रूरत नही है. मेरा भाई
मेरे लिए लाया है तो मैं ही रखूँगी.”
तरुण – “ ओके बाबा ये लो. अपना गिफ्ट. बट इसे बाद मे खोलना अभी
डिन्नर के लिए चलते है. मुझे बहुत भूक लगी है.
टीना गिफ्ट को बेड पर रख कर तरुण के साथ डाइनिंग हॉल मे आती है..
वहाँ मयंक ओर तानिया बैठे हुए थे. तन्नू ओर कामिनी किचन मे
काम कर र्ही थी. टिया टीवी देख रही थी. टीना ओर तरुण भी डाइनिंग
टेबल पर आ कर बैठ गये. कामिनी ओर तन्नू खाना ले कर आते है. एंड
टिया भी आकर तरुण के बगल मे बैठ जाती है. खाना डाइनिंग टेबल पर
लगा कर. तन्नू ओर कामिनी भी बैठ जाते है. तन्नू तरुण के बिल्कुल
सामने बैठती है. आज तन्नू तरुण को कुछ अजीब निगाहो से देख रही
थी,, वो तिर्छि नज़रो से तरुण को देखती है.. कुछ देर बाद तरुण ये
बात नोटीस कर लेता है. वो तन्नू को देखता है.. तन्नू बहुत
कामुक नज़रो से उसे देख रही थी. तरुण इससे अपनी ओल्ड फीलिंग (लव
वाली फ़ील्लिंग ) जागने लगी.. बट वो जब ये बात समझा तो उसने तुरंत
अपनी नज़रे खाने पर किया ओर खाना खाने मे वयस्त हो गया.. उसने
अपनी फीलिंग को दोबारा अपने सीने मे दबा दिया.. वो समझ रहा था
की ये ग़लत है.. अगर तन्नू को पता लगेगा तो कितना हर्ट होगा उनको..
ऐसा ही सोच कर उसने कभी अपनी फीलिंग को बाहर नही आने दिया..
लेकिन आज तन्नू की इन कामुक नज़रो ने उसके अंदर आस जगा दी थी की शायद वो सही है. उसे अपने लव को दबाना नही चाहिए.. बट वो अभी इसके लिए तैयार नही था. तरुण से सब सोच ही रहा था की
तन्नू ने तरुण को पूछ
तन्नू- “ तरुण क्या हुआ.? खाना क्यो नही खा रहे हो..? खाना
अच्छा लगा क्या.?”
तरुण – “नही दी ऐसी कोई बात नही है.. वो मैने अभी ईव्निंग मे ही
खाना खाया था ना. तो ज़्यादा भूक नही है.”
तब तक सभी डिन्नर ख़त्म करके अपने अपने रूम की ओर जाते है.
तन्नू और कामिनी बर तन ले कर किचन की ओर जाते है. ओर टीना ऊपर की ओर
जाने लगती है तभी तरुण उसे पीछे से आवाज़ देता है.
तरुण – टीना दी रूको मैं भी आता हू
टीना रुक जाती है.. ओर फिर दोनों एक साथ टीना के रूम मे चले जाते
है.. तन्नू ये सब देखती है. ओर थोड़ा सॅड मुँह बना कर बर्तन साफ
करने लगती है..
वहाँ टीना ओर तरुण टीना के रूम मे पहुचते है
टीना – क्या अब मैं अपना गिफ्ट खोल सकती हू.
तरुण – “हा खोलो ना”
टीना अपना गिफ्ट पॅकिंग को खोलती है. जिसमे एक बहुत ही एक्सपेन्सिव
एंड ब्यूटिफुल पेन होता है. टीना उसको देख कर बहुत खुश हो जाती
है. टीना अपनी स्टडी टेबल पर जा कर पेन को रखती है.. ओर वापस आ कर
तरुण को अपने गले से लगा लेती है..
टीना – थॅंक यू भाई… ये गिफ्ट बहुत अच्छा है,, मैं इससे हमेशा
अपने पास रखूँगी.
तरुण – ह्म ओके अब मैं चलता हू
टीना तरुण को पीछे से आवाज़ देती है. ओर तरुण पीछे मूढ़ कर देखता
है.. टीना तरुण के पास आती है. ओर तरुण के गालो पर एक प्यारा सा किस
कर देती है.. तरुण के गाल शर्म से लाल हो जाते है. ओर वो टीना को ओके
स्माइल देता है ओर अपने कमरे की ओर चला जाता है. तरुण अपने कमरे
मे लेटा हुआ सोच रहा होता है की आज कितने दिनों बाद वो अपने
परिवार के साथ है..
तभी उसको तन्नू के बारे मे याद आता है.. आज
तन्नू उसे बहुत अजीब नज़रो से देख रही थी.. ओर आज उसने तरुण से
ज़्यादा बात भी नही की.. तभी तरुण ने डिसाइड किया की वो अपने प्यार
की फीलिंग को अंदर नही दबाएगा,,, ये सोचते सोचते उसे नींद आने
लगी थी. तभी उसके डोर पर नॉक होता है.. वो तुरंत जाग कर टाइम
देखता है यहा 10:30 हो रहे थे. तरुण सोचने लगा अब इतनी रात में कौन आया होगा.. वो डोर ओपन करता है. ओर सामने देखा की
जब तरुण ने डोर ओपन किया तो देखा सामने तन्नू खड़ी
थी. तरुण उसको देख कर चॉक गया. क्योंकि इतनी रात को उसने
तन्नू को अपने रूम मे आना कभी एक्सपेक्ट नही किया था..
उसके दिमाग़ मे वो सभी ख्वाब एक मिंट मे आगये जो जो वो
इतने सालो से अपने दिल मे दबाने की कोसिस कर रहा था.. वो
कुछ समझ नही पा रहा था की क्या हो रहा है.. ये सच
है या वो कोई ड्रीम देख रहा है.
तन्नू – “ तरुण अंदर आने को नही कहोगे “
तरुण – (तरुण एक दम से होश मे आते हुए.) हा ,,,,,, हा दी
आआओ ना..
तन्नू अंदर आ कर बेड पर बैठ जाती है.. तरुण भी अंदर
आने लगता है.
तन्नू – “ तरुण डोर को लॉक कर दो प्लीज़”
तरुण ये बात सुन कर थोड़ा अजीब फील करता है की ये सब उसके
साथ क्या हो रहा है.. अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो खुद की
फीलिंग को कंट्रोल नही कर पाएगा. . लेकिन ये सब सोचते
उसने पूछ लिया
तरुण – “डोर लॉक क्यो करना है दी..? ”
इतना सुनते ही तन्नू खड़ी हो कर डोर की ओर जाती है ओर डोर को
अंदर से लॉक कर देती है ओर पीछे मूड कर तरुण की ओर देखती
है..
तन्नू – “ मैं तुमसे अकेले मे बाते करना चाहती हू.”
तन्नू ये सब कहते वक़्त बहुत शरमा रही थी. वो तरुण से
नज़रे नही मिला रही थी. वो ये कहते हुए धीरे से वापस बेड
पर जाकर बैठ गयी.. तरुण के दिमाग़ ने अब सोचना समझना
बंद कर दिया था. वो ओपन होने की कोशिश करने लगा.. तरुण
एक चेयर ले कर बिल्कुल तन्नू के सामने बैठ गया.
तरुण – “ हा दी बोलो.. कोई इंपॉर्टेंट बात है क्या..??
तन्नू- “ नही वो जब से तुम आए हो हम ने ठीक से बात
भी नही की है. मुझे तुमसे बहुत सारी बाते करनी है.पहले ये बताओ. तुम मुझसे इतने सालो तक दूर थे. वहाँ
तुम को मेरी याद तो नही आई होगी..? “
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