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उधर टिया अपने बाथरूम मे बैठ कर बहुत रो रही थी. उसके सर
पर तो आसमान फट गया था. उसे अब तो कोई उम्मीद नही थी. की
तरुण उसकी लाइफ मे वापस आएगा. वो वही बैठी बैठी रो रही
थी.. ऑर तरुण अपने रूम मे वापस लॅपटॉप को ऑन करता है ऑर
गेम खेलने लगता है. इससे उसका दिमाग़.. सब बातो से दूर
रहता है..कुछ देर तक तरुण गेम्स खेलता रहा. उसके बाद तरुण
बाथरूम मे जा कर फ्रेश होता है ऑर हॉल मे चला जाता है..

वहाँ तन्नू टीवी देख रही है.. ऑर कामिनी डाइनिंग टेबल पर
सब्जिया काट रही है.. तरुण तन्नू के साथ साथ सोफे पर बैठ
जाता है.. तन्नू टीवी पर मूवी देख रही थी. तरुण को टीवी
देखना ज़्यादा पसंद नही है.. .. बुझे मन से वो टीवी को घूर कर देखता रहता है. तभी घर के लेंड़लाइन फोन की रिंग बजती है. कॉल कामिनी अटेंड करती है.

कामिनी – “ हेलो.. “
ये कॉल सोनम का था ( टिया की स्कूल फ्रेंड)

सोनम – “ हेलो आंटी .. सोनम हियर, मुझे टिया से बात
करनी है. “

कामिनी – “ ठीक है बेटा वेट करो मैं टिया को बुलाती हू “
इतना कहा कर कामिनी टिया को ज़ोर से आवाज़ लगती है.. लेकिन टिया
का कोई रेस्पॉन्स नही आता. तब कामिनी तरुण को टिया को
बुलाने के लिए भेजती है. तरुण का बिल्कुल मन नही है टिया
का सामना करने का.. क्योंकि जो बाते टिया के साथ तरुण ने की
थी.. उसके बाद वो टिया से नज़रे मिलने से बचाने की
कोशिश कर रहा था.. लेकिन कामिनी के कहने पर ऊपर टिया के
रूम की ऑर चल देता है. वहाँ उसे टीना आती हुई दिखती है.
उसे दिमाग़ मे आइडिया आता है.

तरुण – “ टीना दी , आप टिया को बोल दो. उसके किसी फ्रेंड का
फोन है.. वो बात करले. “
इतना कह कर तरुण सीडियो के पास खड़ा हो जाता है.ऑर टीना
टिया के रूम पर नॉक करती है.
टीना- “ टिया.. तेरी फ्रेंड का कॉल है.. बात कर ले. “

अंदर से कोई रेस्पॉन्स नही आता.. टीना दोबारा बोलती है
टीना – “ टिया. सुन रही है या नही.. तेरी फ्रेंड का कॉल है .. “
इस बारे अंदर से टिया की आवाज़ आती है जो बहुत रूड है
टिया – “ हा सुन लिया मैने.. मुझे अभी मूड नही है.. मैं
बाद मे बात कर लूँगी. “

टिया बहुत रूडली बात कर रही है.. टीना इतना सुन कर थोड़े
गुस्से मे अपने रूम मे चली गयी. ऑर तरुण के तो रोंगटेखड़े हो गये टिया का ये रूप देख कर.. वो चुपचाप नीचे आ गया. कामिनी अब किचन मे थी.

तरुण – “ मोम टिया का अभी मूड नही है “

कामिनी- “ ओके तो तू उसकी फ्रेंड को बोल दे.. बेचारी बहुत टाइम
से होल्ड पर है. “

इतने मे तरुण फोन का रिसीवर कान से लगाता है.

तरुण – “ हे टिया का मूड अभी बहुत खराब है.. वो तुम
को बाद मे कॉल कर लेगी.. तुम अपना नाम बता दो “

सनम – “ सोनम.. नाम तो याद रहेगा ना “

तरुण – “ सोनम ,,,, हा याद है “

सोनम – “ नाम ही याद है या कुछ ऑर भी याद है. ”

तरुण – ( एक नॉटी स्माइल के साथ.. ऑर अंजान बनते हुए. ) “
नही ऐसा तो कुछ याद नही है “

सोनम – “ नेक्स्ट टाइम मिलोगे तो सब याद दिला दूँगी. “

तरुण – “ ओके देखते है. “

सोआनम – “ तो बताओ.. अब कब मिलोगे. “

तरुण – “ पता नही “

सनम – “ कल टिया को छोड़ने या लेने नही आओगे क्या..? “

तरुण – “ अभी कुछ नही पता . कल की कल देखेंगे. “

इतने मे सामने से तन्नू आती हुई दिखती है. ऑर तरुण बाइ बोल
कर फोन कट कर देता है.

तन्नू – “ तुम टिया की फ्रेंड से इतनी क्या बात कर रहे थे. “

तरुण – “ कुछ नही वो पूछ रही थी. टिया का मूड क्यो
खराब है.. आज उनको कुछ ज़्यादा ही होम वर्क दिया है एट्सेटरा..“

तन्नू – “ हा “
उसके बाद तन्नू किचेन मे चली गयी. ऑर कामिनी की हेल्प
करने लगी. तरुण टीवी देखने मे बिज़ी हो गया. तरुण अभी
टिया के बारे मे सोच रहा था.. उसे ऐसा लग रहा था
शायद उसने कुछ ज़्यादा बोल दिया है.. लेकिन टिया के साथ
ऐसा करना ज़रूरी था.. तरुण कही ना कही खुद से नाराज़ भी
था.. लेकिन उसे ये भी लग रहा था की वो बिल्कुल सही है.. अब
तरुण दोहरे जाल मे फस गया था.. उसे खुद समझ मे
नही आ रहा था की क्या करे.. ऐसे ही पूरी शाम बीत जाती है.अब तरुण अपने कमरे मे लॅपटॉप पर कुछ काम कर रहा था.
तभी टीना रूम मे एंटर होती है.

टीना – “ भाई मोम बुला र्है है.. डिन्नर के लिए. “

तरुण – “ ओके दी आप चलिए मैं आता हू. “

टीना वहाँ से चली जाती है. ऑर कुछ देर मे तरुण भी
डाइनिंग हॉल मे चला जाता है. वहाँ पर सभी थे.. सिर्फ़
मयंक ऑर टिया नही थे..

तरुण – “ मोम डॅड नही आए. “

कामिनी – “ नही बेटा वो नाइट मे लेट आएँगे. “’

तरुण चेयर पर बैठ जाता है. ऑर बगल मे टीना बैठी है.
सामने तानिया बैठी है. तरुण ने टिया को नही देखा तो टीना
से पूछता है

तरुण – ( धीरे से फुसफुसाते हुए ) “ दी टिया नही आई “

टीना – “ नही उसे भूक नही है “

तरुण समझ गया था की. उसे भूक क्यो नही है. अब उसे
खुद पर गुस्सा आ रहा है. लेकिन अब वो क्या करे.

तरुण – “ दी एक बारे ऑर बुलाओ ना उसे “

टीना – “ अब मेरा ऊपर जाने का मन नही है.. तू खुद क्यो
नही जाता “

इतना सुन कर तरुण चुप हो गया ऑर सोचने लगा जाऊ या ना
जाऊ.. लेकिन टिया उसकी बहन है. ऑर वो भूकी है.. इतना सोच कर
वो टिया के रूम की ऑर चल दिया, रूम का डोर लॉक था..

तरुण डोर पर नॉक करता है..
तरुण – “ टिया , मैं हू तरुण तेरा भाई “

अंदर से रेस्पॉन्स नही आया
तरुण – “ टिया चल डिन्नर कर ले.. मैं तुझे बुलाने आया हू.”

टिया – “ मुझे भूक नही है.. मैं बाद मे खा लूँगी. अभी
जाओ यहा से ऑर मुझे पढ़ने दो “

तरुण – “ ठीक है लेकिन एक बार गेट तो खोल .. “

टिया – “ नही मुझे डिस्टर्ब मत करो.. मैं पढ़ रही हू. “

तरुण इतना सुन कर डाइनिंग हॉल की ऑर चल दिया. वो टिया से
ज़्यादा बहस नही कर सकता था. उसे अब टिया की कुछ ज़्यादा
ही फिकर होने लगी. कुछ देर मे सभी ने डिन्नर ख़त्म किया..ऑर अपने अपने रूम की ऑर चल दिए.. वही पर कामिनी ऑर तन्नू
किचन मे कुछ काम रने लगे.. वो लोग वहाँ कल के लिए
कुछ तैयारी कर रहे थे.. शायद कुछ स्पेशल था. तरुण
अपने रूम मे बेड पर बैठा टिया के बारे मे सोच रहा है..
उसका गेट खुला है जहा से टिया के रूम के गेट भी
दिखाई दे रहा है..

तरुण वेट कर रहा है की टिया डिन्नर कर
ले.. अभी उसे तन्नू के बारे मे कुछ याद नही था की. वो
आज नाइट मे आने वाली है.तरुण ऐसे ही वहाँ बैठा रहा
कुछ देर बाद तरुण टिया के रूम की ऑर जाता है.. ऑर डोर पर
नॉक करता है.

तरुण – “ टिया प्लीज़ दरवाजा खोलो मुझे तुमको एक बहुत
इंपॉर्टेंट बात बोलनी है. “

इस बार टिया का तुरंत आन्सर आ जाता है. जैसे वो तरुण का
वेट कर रही थी.

टिया – “ मुझे अभी कोई बात नही करनी. “

तरुण – “ टिया प्लीज़ दरवाजा तो खोल… मैं सच बोल रहा
हू. तेरे लिए मैं एक स्पेशल गिफ्ट लाया हू “

टिया – “ क्या है “

तरुण – “ पहले गेट खोलो, फिर बताउन्गा. “

टिया – “ नही…. मुझे कोई गिफ्ट नही चाहिए तुम जाओ. “

तरुण का अब कोई प्लान काम नही कर रहा था. वो सोच रहा
था कैसे टिया को खुश करे.. वो इस बारे मे सोचता हुआ..
अपने रूम की ऑर जा रहा है की अचानक उसका पैर फिसलता है.
ऑर सर दीवार मे जा कर लगता है.. तरुण की दर्द भरी चीख
निकल जाती है. इसे सुन कर टिया भाग कर अपने रूम से बाहर
आ जाती है. तरुण अभी भी ज़मीन पर पड़ा हुआ है.. वहाँ
तानिया ऑर टीना भी आ जाती है. नीचे से कामिनी चिल्लाति है
कामिनी – “ बेटा क्या हुआ.. ? “

तरुण – “ कुछ नही मोम वो मैं गिर गया था. “

टीना ऑर टिया तरुण को संभाल कर उठाने लगती है. लेकिन
तानिया वापस अपने रूम मे जा चुकी थी.

तानिया ऑर टीना भी आ जाती है. नीचे से कामिनी चिल्लाति है
कामिनी – “ बेटा क्या हुआ.. ? “
तरुण – “ कुछ नही मोम वो मैं गिर गया था. “
टीना ऑर टिया तरुण को संभाल कर उठाने लगती है. लेकिन
तानिया वापस अपने रूम मे जा चुकी थी.

कामिनी – “ बेटा ज़्यादा चोट तो नही लगी “
तरुण – “ नो मोम.. आई आम ओके “

कामिनी इतना सुन्न कर वापस अपने काम मे वयस्त हो जाती
है. टीना ऑर टिया तरुण को उसके रूम मे ले जाती है.
टीना तरुण की चोट का मुआयना करती है. ज़्यादा चोट नही थी.. टीना
फर्स्ट आड्स बॉक्स लेने चली जाती है. टिया अभी भी तरुण का हाथ
पकड़ कर वही बैठी है.

तरुण – “ टिया…थॅंक्स. “
टिया की आखो मे आसू थे.
टिया – “ किसलिए “
तरुण – “ मेरी इतनी केर करने के लिए, मुझे संभाले के लिए.. “
टिया कुछ नही बोलती..सिर्फ़ अपना फेस दूसरी ऑर घुमा लेती है.
अभी भी टिया की आखो से आसू बह रहे थे. इतने मे टीना
फर्स्ट आड् बॉक्स ले कर आती है. ऑर तरुण का ट्रीटमेंट स्टार्ट करती
है. इससे तरुण को काफ़ी जलन होती है. तरुण ने टिया का हाथ
पकड़ा हुआ है. वो उसे ऑर ज़ोर से दबाता है.. इसे टिया को
तकलीफ़ होती है. लेकिन वो कुछ नही बोलती.कुछ देर बाद..

तरुण – “ टीना दी प्लीज़ एक प्लेट खाना ले कर आओ ना “
टीना- “ लेकिन तुम ने तो डिन्नर कर लिया ना “
इतना सुन कर तरुण बिना कुछ बोले टिया की ऑर इशारा करता है.
टीना समझ जाती है. ऑर नीचे चली जाती है.. टिया भी वहाँ से
जाने लगती है लेकिन तरुण ने उसका हाथ पकड़ा हुआ है. ऑर
उसे खिच कर वापस अपने पास बिठा लेता है..
तरुण – “कहाँ जा रही हो. ? “
टिया – “ मुझे नींद आ रही है.. “
तरुण – “भूके पेट नींद नही आती “
टिया – “ मैने खाना खा लिया “
तरुण – “ झूठ तो ठीक से बोलो.. . वैसे मुझे सब पता है
तुम ने मेरी वजह से खाना नही खाया. “
टिया- “ ऐसा कुछ नही है “
तरुण – “ टिया तुम जानती हो.. तुम झूठ बोलती हुई बिल्कुल अच्छी
नही लगती हो.. अब प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो. “
टिया कुछ नही बोलती है.. वो रोती हुई तरुण के गले से लग जाती
है.. टिया के आसुओ से तरुण की टी-शर्ट गीली हो गयी. टिया अपना चेहरा तरुण की छाती मे छुपा रही है. तरुण टिया को अपनी बाहों मे भर लेता है. ऑर उसके आसुओ को पोछता है.. ऑर
उसके माथे पर एक किस देता है. इतने मे टीना गेट पर खाना ले कर आ जाती है.
टीना – “ बहुत दिनों के बाद ऐसा भाई – बहन का प्यार
देखने को मिला है.”
इतना कहते हुए. टीना प्लेट को तरुण के बेड पर रख देती है..
तरुण ऑर टिया कॉँफटबल हो कर बैठ जाते है.
टीना – “ जब तुम भाई- बहन का भरत-मिलाप ख़त्म हो जाए
तो खाना खा लेना. मैं चलती हू. “
इतना कह कर टीना अपने रूम मे चली जाती है. ऑर तरुण अपने
हाथो से टिया को खाना खिलाता है. टिया भी तरुण को थोड़ा
सा खाना खिलाती है.. अब तरुण टिया को ले कर उसके रूम मे
जाता है. टिया अपने बेड पर लेट जाती है. उसके सर के पास तरुण
भी बैठ जाता है.. टिया को अपने गिफ्ट वाली बात याद आती है.
टिया – “ भाई मेरा गिफ्ट कहाँ है “
तरुण – “ कॉन्सा गिफ्ट ? “
टिया – “ वही जो तुम मेरे लिए लाए हो “
तरुण – “ वो गिफ्ट तो मैने सोनम के घर भिजवा दिया. “
टिया ये सुन कर एक जोरदार घुसा तरुण की जाँघ पर मारती है..

तरुण को ये मज़ाक बहुत महँगा पड़ा. . फिर भी वो हँसता
हुआ.. टिया को हग करता है. टिया अभी थोड़े गुस्से मे थी.

टिया – “ भाई मुझे ऐसे मज़ाक पसंद नही है. तुम जल्दी
बताओ मेरा गिफ्ट कहाँ है..:

तरुण के पास कोई गिफ्ट नही था. लेकिन वो टिया को फिर से
नाराज़ नही करना चाहता था.

तरुण – “ अभी नही कल दूँगा “

टिया – “ नही भाई मुझे अभी चाहिए “

तरुण – “ टिया अभी मेरे पास नही है, मैने ऑनलाइन ऑर्डर
दिया है. कल तक आएगा. “

टिया ये सुन कर वापस लेट जाती है टिया का सर तरुण की जाँघ के
ऊपर रखा है. तभी तरुण को तन्नू की याद आती है.. अभी
10:30 हो रहे थे. वो तुरंत अपने रूम की ऑर जाने का सोचता है..

तरुण – “ टिया तुम सो जाओ. मैं चलता हू. “

टिया- “ भाई थोड़ी देर ऑर बैठो ना.. मुझे अच्छा लग रहा
है.”

तरुण टिया को मना नही कर सका. ऑर अपना मन मार कर वही
बैठ गया.. तरुण सोच रहा था. इतना तो लेट हो ही गया है.
अब जाने से कोई फ़ायदा नही है. लेकिन उसके दिल मे अभी भी
आशा थी की तन्नू उसका वेट कर रही होगी.. कुछ टाइम बाद
तरुण टिया को आवाज़ दे कर देखता है. टिया अब सो चुकी थी.

तरुण धीरे से वहाँ से निकल जाता है ऑर डोर को क्लोज़ कर
देता है.. तरुण अपने रूम मे जाता है. वहाँ तन्नू नही थी.

अभी टाइम भी 11:30 हो रहा था. वो तन्नू के रूम की ऑर
जाता है. ऑर धीरे से नॉक करता है. तभी डोर बेल बजती
है.. शायद मयंक आया होगा. तरुण डर कर वापस अपने
रूम मे चला जाता है लगभग आधे घंटे बाद तरुण
नीचे पानी लेने जाता है अभी 12:00 बजे रहे थे. तरुण
किचन से पानी लेता है. ऑर ऊपर की ऑर आने लगता है.

तभी उसकी नज़र कामिनी के रूम पर पड़ती है. उसमे लाइट
ओंन थी. उसके दिमाग़ मे कॉंडम वाला सीन याद आता
है.वो चुपके से दरवाजे के पास जाता है. लेकिन दरवाजा
बंद था.तरुण पास मे लगी खिड़की से झाँकता है.. अंदर का
नज़ारा देख कर तरुण की लुल्ली को लंड बनने मे 1 सेक. का भी
टाइम नही लगता ,,.. अंदर कामिनी सिर्फ़ ब्रा ऑर पैंटी मे थी.
वो घुटनो के बल बैठ कर मयंक का लंड चूस रही थी.

तरुण इससे बड़े गौर से देखने लगा. की कैसे उसकी मोम
लंड को अपने मुँह मे ले रही है. कामिनी लंड को अपने गले
तक मुँह मे लेती ऑर बाहर निकालती .. कामिनी के मुँह से लंड का
पानी टपक रहा है.उसकी एक बूँद जो कामिनी के होंठो से
होती हुई नीचे जाती.. उसे तरुण स्लो मोशन मे देख रहा
है तरुण को इससे होने वाली आवाज़ भी सॉफ सुनाई दे रही
है. सपड़-सपड़ तरुण वही अपना लंड हाथ मे ले कर बैठ
गया. वो मूठ नही मार रहा है. सिर्फ़ अपने लंड को सहला
रहा है.

अंदर कामिनी मयंक के लंड को मुँह से मसाज कर रही है. कुछ देर मे मयंक कामिनी के बालो को पकड़ कर तेज़ी से उसके मुँह मे लंड डालने लगता है. कामिनी भी
उसका पूरा साथ दे रही थी. कुछ ही पलों मे तेज झटको के
साथ मयंक अपना सारा पानी कामिनी के मुँह मे छोड़ देता
है.. कामिनी सारा वीर्य पीने की कोशिश करती है. लेकिन अभी भी
उसके मुँह से काफ़ी वीर्य टपक रहा है.. मयंक कामिनी के
होंठो को चूसने लगा.. वो एक दूसरे की लार को पी रहे है..

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