खाने की टेबल पर उसके बाद कुछ खास नहीं हुआ दोनों भाई आने वाली शाम के बारे में सोच सोच कर रोमांचित हो रहे थे……..
शाज़िया किचन का सारा काम निपटाने के बाद जोर से आवाज दे कर दोनों लडको को बुलाती है…चलो नहला दू तुमदोनो को….
उनकी आँखे चमक उठती है…..वो तो पहले से नंगे ही थे….झट से बाथरूम में घुस गए…….
शाज़िया उनके पीछे पीछे आती है वो अभी भी जीशान के हाथो पहनाये हुए कपड़ो में थी अधखुले ब्लाउज और पेटीकोट से झांकती हुयी उसकी चूत और गांड की दरार की झलक काफी मादक लग रही थी…..आते के साथ वो अपनी ब्लाउज उतार देती है और बाल्टी में पानी भरने के लिए नल खोल देती है
अनीस और जीशान को फर्श पर बैठने के लिए कहती है वो दोनों एक छोटे से बच्चे की तरह अपनी माँ की आग्या का पालन करते है बाल्टी से पानी निकाल कर उन दोनों के सर पर डालती है गिले करने के बाद…..और फिर उन्हें साबुन लगाने लगती है और ऊपर साबुन मलने के बाद उनको खड़ा कराती है और फिर घुटनों के बल बैठ कर उनके अन्डकोशो को हाथो में ले कर बारी बारी से साबुन मलती है……और इधर उन दोनों की हालत पतली हो चली थी …..
आखिर एक तो शाज़िया के लटकती चुचियो के दर्शन उनके लंड को अकड़ने पे मजबूर किये हुए थे और खड़े लंड पर साबुन जलन पैदा कर रहा था कुछ देर के बाद शाज़िया ने उनपे पानी डाला और साबुन धुलने के बाद उनके लंड मुह में ले कर चूसने लगी…..
शाज़िया का ये अकस्मात उत्तेजित कर देने वाले कदम से दोनों बेटे अपनी जीत पर एक बार फिर गौरव्नान्वित हो रहे थे…
.उधर शाज़िया उनके लंड चूसते चूसते अपनी पेटीकोट के नाड़े को खोल देती है और शाज़िया बैठे बैठे ही अपना पेटीकोट अपने बदन से अलग कर देती है और पूरी नंगी हो जाती है और उसके चूसने की रफ़्तार भी बाधा देती है….
ये दृश्य देख कर दोनों की उत्तेजना बढ़ जाती है और दोनों शाज़िया के सर को पकड़ कर उसके मुह में ही अपना माल छोड़ देते है ……शाज़िया का मुह पूरा भर जाता है और उनका माल उसके मुह से बाहर बहने लगता है शाज़िया उठ कर खड़ी हुयी नंगी उनके सामने और कहती है
शाज़िया – चलो दोनों की नहलाने की कवायद यहाँ पूरी हुयी अब जा कर अपने अपने कमरे में कपड़े पहनो और चुप चाप बैठो मै नहा कर आती हु ……और घूम जाती है वो मन ही मन ये सोच रही थी की उसकी मतवाली घायल हुयी पड़ी गांड को देख कर दोनों उसके पीछे लटकेंगे जरुर और होता भी वैसा ही है वो उसे पीछे से पकड़ लेते है और कहते है ऐसे कैसे माँ हमको तो तुमने नेहला दिया अब हम भी तो तुम्हे नहला दे आओ इधर और उसे पकड़ कर बाथरूम की फर्श पर सीधा लिटा देते है और उसके गोरे बदन पर पानी गिराने लगते है
फिर वो भी उसके बदन पे पुरे जोरशोर से साबुल मलते है उसकी दोनों जन्घो को खोल कर चूत में अन्दर तक साबुन लगाते है और फिर उसे पलट कर उसकी पीठ और गांड की भी उसी तरह मालिश करते है….बेचारी इनके हाथो के जादू के कारन एक बार फिर उसका बदन अकड़ने लगता है और वो बाथरूम की फर्श पर भी एक बार झड जाती है मगर इस क्रिया में दोनों शैतानो की हवस फिर से हावी हो गयी और बाथरूम में ही फर्श पे शाज़िया एक बार फिर से चुद जाती है और उसकी चूत काफी सूज जाती है और गांड की छेद भी काफी दर्द से भर जाती है अब हाल ये था की शाज़िया को गांड और चूत सिकाई की जरुरत थी जो उसे उसके दोनों बेटे कमरे में ले जा कर देते है…शाज़िया की चूत और गांड की सिकाई के बाद वो तीनो सो जाते है इस वक़्त शाज़िया केवल एक ब्लाउज में थी ब्लाउज के भी सारे बटन्स खुले हुए थे और नीचे से वो पूरी नंगी थी क्योकि उसकी गांड और चूत की सिकाई के वक़्त दोनों ने उसका पेटीकोट उतार दिया था और फिर हलके गुनगुने पानी से उसकी सिकाई की थी जिससे उसे काफी आराम मिला था………और उसके बाद उसकी चुचियो का रसपान करते हुए नींद की आगोश में चले गये थे……….
शाम ५ बजे के आसपास शाज़िया की नींद खुली और वो अपने बेटो को भी उठाती है और कहती है उठो बच्चो शाम हो गयी है घुमने जाना है न…..उठो मै चाय बना कर ले आती हु और वो नंगी ही अपने खुले ब्लाउज में वह से उठ कर चली जाती है…कुछ देर बाद जब दोनों उठ कर बाहर हॉल में आते है तो शाज़िया पेटीकोट और ब्लाउज में बैठी टीवी देख रही होती है और चाय पि रही होती है और तो और जैसे जीशान ने उसे उसके ब्लाउज और पेटीकोट पहनाया था उसने भी उसी तरह कपडे पहने हुए थे….जिसे देख कर जीशान कहता है वाह माँ क्या बात है
शाज़िया उसे देख कर मुस्कुरा देती है जीशान और अनीस उसके पास आते है और और उसके गालो को चुमते हुए उसकी एक एक चूची को मसल देते है जिससे शाज़िया आह कर उठती है…और कहती बदमाश कही के…चुचियो के मसलने के कारन वो दोनों बाहर की और लटक जाती है जिसे देख कर दोनों के मुह में पानी आ जाता है |
शाज़िया उन दोनों को अपनी बाहे फैला कर बुलाती है और अग्ले ही पल उसकी दोनों चुचियो की घुन्दिया उन दोनों की मुह में होती है और शाज़िया का हाथ उन्दोनो के सर पर और जीशान का हाथ शाज़िया की पेटीकोट से झाकती हुयी चूत की दरार पे फिरने लगते है जिसका स्वागत शाज़िया अपनी टाँगे फैला कर करती है…….कुछ ही देर में शाज़िया झटके के साथ दोनों को अलग करती है और कहती है की अब बस अभी के लिए इतना काफी है…..चलो अब चाय पीओ और तैयार हो जाओ जाना भी तो है…..
शाज़िया – अच्छा बताओ क्या पहनू….उसके इस सवाल से दोनों उसकी तरफ देखने लगते है जिससे शाज़िया शर्मा जाती है की उसने ये क्या पुछ दिया और वो शर्मा कर उठने लगती है…..
तभी अनीस उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी गोद में बैठा लेता है और कहता है माँ ऐसे ही चलो न
शाज़िया अपनी आखे गोल कर के कहती है धत्त बदमाश ऐसे बाहर जाउंगी नंगी पुंगी पता चला वापिस नहीं आ पाऊँगी
जीशान – क्या बात करती हो माँ हमारे रहते तुम्हे कोई नजर उठा कर भी नहीं देख सकता तुम्हारी इज्जत हिफाजत खुसी जरुरत दुःख सुख सब हमारे जिम्मे है समझी न…तो चिंता मत करो और ऐसे ही चलो….और जोर से हस देता है…..
शाज़िया कहती है की कमरे में आ कर खुद मुझे तैयार करो….और उठ कर हस्ते हुए बाथरूम भाग जाती है….वो दोनों अपनी अपनी चाय ख़तम करने के बाद कमरे में आते है और शाज़िया को आवाज लगाते है कहा हो माँ…
शाज़िया – आई बाथरूम में हु…कुछ देर में शाज़िया नंगी बाथरूम से बाहर आती है और दोनों के लंड उसके गिले बदन को देख सलामी देने लगते है …..
शाज़िया – सोचना भी मत चुप चाप मुझे तैयार करो और घुमने चलो…..
जीशान – वाह भाई वाह सुबह तो मुह बना रही थी की कही भी नहीं जाना तुमदोनो के साथ और अभी नंगी हो कर हमे कह रही की जल्दी से तैयार करो और घुमाने ले चलो ….हाहाहाहाहाहाहा
अनीस – हा छोटे कह तो तू बिलकुल सही रहा है मगर अब माँ का भी मन है हमारी शरारतो में हमारा साथ देने के लिए…..क्यों सही कहा न माँ
शाज़िया सर झुका कर हस देती है क्योकि बात तो बिलकुल सही थी….
शाज़िया नंगी रूम में आती है और उसके साथ साथ दोनो शैतान भी…..कमरे में आ कर अनीस शाज़िया के गीले बालों को पोछने में मदद करता है और साथ ही साथ उसके बाकी शरीर को भी पोछता है…..जबतक जीशान शाज़िया के अलमीरा में से एक साड़ी और एक ब्लाउज और इनको निकालने के बाद दौर कर अपने कमरे से एक रस्सी ले कर आता है…..शाज़िया उसे सवालिया नजरो से देखती है जबकि अनीस मुस्कुराता है….
शाज़िया – मेरी पेटिकोट कहा है और ये रस्सी क्यों लाये हो….
जीशान – तुम बस देखती जाओ माँ….और जबतक काम पूरा नही हो जाता मुह बन्द रखना …..
भइया तुम माँ को नंगी तैयार करो मैं तुम्हारे बाद उसे खूबसूरती में चार चांद लगाऊंगा…..
अनीस शाज़िया के बालों को कंघी से सुलझाने लगता है और उन्हें सुलझाने के बाद उसके बदन को डीओ से खुश्बूदार बना देता है उसके बाद वो उसे उसकी बाहों को उठा कर काँखों में पाउडर लगता है और उसके बाद डियो दुबारा उठा कर उसकी गांड़ और चुत पे भी स्प्रे कर देता है और डियो के ठंडे अहसास से शाज़िया गनगना जाती है |
शाज़िया – क्या करते हो अनीस ये वहा लगाने की चीज थोड़े ही है |
अनीस हस कर रह जाता है और चिल्ला कर कहता है-
जीशान अब जल्दी करो और माँ को कपड़े पहना दो या ऐसे ही ले जाने का इरादा है आर ये कहते हुए शाज़िया की चूची को मुह में भर लेता है …..
शाज़िया उसे कुछ देर चूसने देती है जबतक जीशान उसके लिए कपड़े ले आता है और अनीस जा कर अपने मोबाइल से शाज़िया और जीशान की विडियो बनाने लगता है जीशान शाज़िया की कमर में वो रस्सी बांध देता है और शाज़िया को ब्लाउज पहना देता है वो उसके ब्लाउज की दो बटन्स खुले छोड़ देता है
शाज़िया – ये क्या कर रहा है कमर में रस्सी ब्लाउज के खुले बटन्स ऐसे ले जाओगे मुझे मैं ऐसे नहीं जा रही हु कही
जीशान उसकी कमर को पकड़ कर कहता है की रुको माँ तुम बस देखती रहो और मैंने और अनीस भईया ने क्या कहा है याद है ना |
शाज़िया – हां
जीशान – तो बस
और वो शाज़िया को साडी पहनाने लगता है साडी का एक भाग जिस को पेटीकोट में डालते है वो जीशान उस रस्सी के अंदर डालता है जो साडी को अच्छे से थाम लेता है नीचे गिरने नहीं देता शाज़िया आँखे गोल किए हुए देखती रहती है उसे तैयार करने के बाद दोनों भाई भी तैयार हो जाते है और निकल पड़ते है हॉल की तरफ
ऑटो में शाज़िया उन् दोनों के बीच बैठती है और शाज़िया को बिना पेटीकोट के साड़ी काफी अजीब एहसास दे रहा था मगर साथ ही साथ उसकी चूत भी गीली हो रही थी
ऑटो में उन तीनो के अलावा दो और मर्द आ कर बैठे ड्राईवर के अगल बगल और वो दोनों भी साइड मिरर से शाज़िया को देखने लगते है पूरी की पूरी रंडी लग रही थी ब्लाउज के खुले हुए दो हुक्स और साडी कमर से काफी नीचे वो दोनों को समझते देर ना लगी की ये दोनों लौंडे आज रात के ग्राहक है इस्के वो दोनों उसे पूरी तरह घूरते हुए अपने मंजिल पर पहोच जाते है और ऑटो से उतर कर चले जाते है जाते वक़्त घूम कर उसकी तरफ देखते जरुर है और शाज़िया भी उन दोनों को ही देखते रहती है जिसके बाद शाज़िया गुस्से में जीशान को देखती है और जीशान आँख बचाते हुए उसकी चूची को दबा देता है….
शाज़िया झटके से उसका हाथ हटाती है…….
अनीस इन दोनो की हरकतों को देखते रहता है कुछ ही देर में हॉल पहुच जाते है नाईट शो होने के कारण लोग कम ही थे वो दोनों अन्दर आने के बाद अपनी सीट पर बैठ जाते है और ऑटो की ही तरह शाज़िया उन् दोनों के बीच बैठी होती है…..हॉल में औरते ना के बराबर थी जो थी वो लगभग अपने बाय्फरेंड्स के साथ मस्ती करने ही आई थी | फिल्म शुरू हुयी ……….भूतिया मूवी थी कुछ देर मे ही अपना असर दिखाना चालू कर दी……
जब जब हॉल में चीखने या ऐसी कोई भी जोरदार आवाज होती तो शाज़िया डर के मारे दोनों के हाथो को कस के पकड़ लेती…….शाज़िया के स्पर्श से दोनों के अंदर सुरसुरी और हवस खून बन कर दौड़ने लगे…….
उन्होंने शाज़िया की अधखुले ब्लाउज में से झाकती हुयी चुचियों को ऊपर ही उपर होठ रगडना चालू कर दिया जिससे शाज़िया का भी मन बहकने लगा और सबसे साइड की सीट होने का फायदा वो दोनों बखूबी उठा रहे थे कुछ ही देर में शाज़िया ने अपने ब्लाउज के बटन्स खुद ही खोल दिए और पूरी की पूरी चूची उन दोनों के मुह में ठूस दी और वो दोनों भी पुरे मन से शाज़िया की चूची चूसने काटने लगे…..
जिससे शाज़िया को दर्द के साथ साथ मजा भी आ रहा था मगर वो बड़ी ही मुस्किल से अपनी सिसकियो को रोक रही थी पाच मिनट चूसने के बाद अनीस अपना हाथ शाज़िया की टांगो की और ले जाता है और शाज़िया बात को समझते हुए अपनी टाँगे खोल देती है…….
अब कौन मूवी देखे…वो दोनों तो बस शाज़िया को गरम करने में लगे थे आज वो दोनों ने ठान लिया था की शाज़िया को पूरी तरह से बेशरम बना कर रहेंगे
अनीस शाज़िया की चिकनी चूत को साड़ी के ऊपर से ही मसल रहा था….
तभी जीशान शाज़िया की चूची से हाथ हटा कर नीचे की और लाता है और उसकी साडी को ऊपर करने लगता है शाज़िया उसे रोकने की कोसिस करती है मगर अनीस उसका हाथ पकड़ कर रोक लेता है और अपने नंगे लंड पर हाथ रख देता है शाज़िया नजर घुमा कर देखती है तो उसे विस्वास नहीं होता की दोनों ने अपने अपने लंड बाहर निकाल लिए है और अब उसके तरफ बढ़ रहे थे ……और उसे आभास हुआ की उसने अपने ब्लाउज को पूरा खोल रखा है तो उसे बहुत ही शर्मिंदगी भी हुयी और तभी अनीस उसकी चूची को छोड़ कर उसके गर्दन पर अपने होठो से वार कर देता है और ये शाज़िया की चूत में बाढ़ लाने के लिए काफी सरल उपाय था और हुआ भी ऐसा ही एक तो चूची पे जीशान का मुह और दुसरे पे अनीस के हाथ उफ़ …..शाज़िया आह कर उठी और उधर परदे पर भूत पूरा तांडव मचा रहा था
रात के समय का जंगल का सीन था और हॉल में घुफ्फ़ अँधेरा था जिसका फायदा ये दोनों पूरी तरह उठा रहे थे……..इधर जीशान ने मौके का फायदा उठाते हुए शाज़िया की साड़ी कमर तक उठा दी जिसे शाज़िया ने अपनी गांड उठा कर पूरी तरह अपने कमर पर ले लिया अब वो एक तरह से पूरी नंगी थी हॉल में सीट पे बैठी हुयी….
झटपट जीशान ने दो ऊँगली शाज़िया की गीली चूत में डाल दिया जिसे शाज़िया की तेज सिसकी निकली मगर वो हॉल के शोर में दब कर रह गयी शाज़िया की गीली हुयी चूत में जीशान धनाधन ऊँगली अंदर बाहर करना शुरू किया और शाज़िया अपनी कमर उचका उचका कर उसके उंगलियों को निगलने पे तुली थी…..
अनायास ही शाज़िया के हाथ दोनों के लंड पे आ जाते है और वो उनकी मुठ मारने लगती है इधर अनीस उसके गर्दन से होते हुए उसके होठो को चबाने लगता है….और जीशान ऊँगली दनादन पेल रहा था उन दोनों के लंड को शाज़िया इतने जोर से हिला रही थी की वे दोनों भी उत्तेजना के चरम पर थे….कुछ ही देर में शाज़िया की चूत से फवारा छुट पड़ता है और इधर ये दोनों भी अपना अपना माल एक आह के साथ छोड़ देते है
शाज़िया का पूरा हाथ गिला हो जाता है और शाज़िया झरने के बाद भी उनके लंड हाथो में लिए हॉल की सीट पे लगभग नंगी बैठी अपनी सासों को नियंत्रित करने में लगी थी तभी जीशान और अनीस दोनों शाज़िया की एक एक चूची को अपने हाथो में ले कर उसके निप्पल को उमेठते हुए कहते है वाह माँ मजा आ गया ……