Incest खूनी रिश्तों में प्यार – indian incest sex stories

वैद्य जी के जाने के बाद सब लोग पूछने लगे तो मेने सारी बाते बता दिया. तभी मुझको मेरी पूजा बहन का ध्यान आया लग रहा था की वो अब रो देगी,

मेने डॉली को अपनी गोदी मे से उतारा पूजा को अपने पास खींच लिया पूजा मेरे पास आते ही अचानक सीने से लग कर बच्चो जैसे रोने लगी.

राज – पूजा बेटा तुम क्यो रो रही हो.

मेने पूजा के दोनो कंधो को पकड़के अलग किया

राज:- पूजा मेरी आँखो में देख के बताओ की तुम क्यो रो रही हो. ओर उसके सारे आँसुओ को अपने होंठो पीकर सॉफ किया. धीरे धीरे उसका रोना बंद हो गया वो फिर् मेरे गले से लग गयी.

अब में उसके बालो में हाथ फेरने लगा.

राज – अब बताओ की तुम क्यो रो रही थी.

पूजा-भैया में मौसी को देख कर डर गयी हू देखो ना उनका सिर फॅट गया है.

राज-अरे मेरी नटखट बहना कुच्छ नही हुआ हल्का सा कट लग गया है. ठीक हो जाएगी बस.

मा ओर नानाजी-नानीजी हमारा प्यार देख कर बहुत खुश हुए. लेकिन पूजा मेरे पास में रह गयी.

उधर डॉली भी सो गयी ओर पूजा भी मेरे गले से लगे सो गयी.
मा ओर नानीजी ने मिलके खाना बनाया.

माँ- राज बेटा आओ खाना खा लो.

मेने डॉली की ओर देखा वो सोते हुए उसका चेहरा बहुत ही प्यारा लग रहा था.

मेने धीरे से उसके माथे को चूम लिया.

में जैसे ही डॉली के माथे को चूमा उसने अपनी आँखे खोल दी.

राज- जान चलो खाना खा लो मा बुला रही है

डॉली-हा चलो खा लेते है

फिर मेने पूजा चुपचाप उठाया ओर खाना खाने वाले रूम में आया, पूजा को जैसे ही कुर्सी पे बैठाया वो हड़बड़ा के आँखे खोल दी. मेने उसके को चूमा ‘पूजा खाना खा लो.

राज-मा तुम जानती हो ना की में ओर डॉली साथ में खाना खाते है. …

माँ-चलो आज मेरे हाथ से खा लो.
मा ने मुझको खाना खिलाया फिर हम सब सोने चल दिए. मेने अपना बनियान निकाला, पैंट निकाला ओर बेड लेट गया. तभी डॉली आई वो अभी मेरा शॉर्ट ही पहनी हुई थी. डॉली ने रूम अंदर से बंद किया शॉर्ट निकाल के मेरे सीने पे सर रख कर सो गयी.

मेने उसको बाहों में जकड़ लिया.

डॉली मेरे होंठो को अपने होंठो में भरते हुए चूसने लगी. गुलाब के पंखुड़ीयो जैसे होंठो का अहसास पाते ही में भी उसके होंठो को चूसने लगा.

में धीरे-धीरे उसकी नंगी पीठ को सहला रहा था. मेने धीरे से डॉली के ब्रा को खोलकर निकाल दिया. मेने धीरे से डॉली को नीचे पलटा उसके उपर आ गया मेरा लंड एकदम लोहे के छड की तरह खड़ा हो गया था जो डॉली के पेट से रगड़ खा रहा था. में डॉली के होंटो को चूस्ते हुए गाल, गरदन को चूमते हुए उभारों पे आ गया डॉली के दोनो उभारों के निप्पल भूरे रंग के थे.

उन्को देखते ही मेरे मूह में पानी आ गया. में एक निप्पल को जितना हो सके उतना अपने होंठो में लेकर चूसने लगा . में जैसे ही डॉली के उभारों को मूह में भरा वैसे ही डॉली सिसकारी भरने लगी आ……… ,’ आस….म्म्म्ममम..एयेएउन्को देखते ही मेरे मूह में पानी आ गया. में एक निप्पल को जितना हो सके उतना अपने होंठो में लेकर चूसने लगा . में जैसे ही डॉली के उभारों को मूह में भरा वैसे ही डॉली सिसकारी भरने लगी आ……… ,’ आस….म्म्म्ममम..एयेए

में कभी एक को कभी दूसरे को चूसने लगा. में एक हाथ नीचे लेजाकर उसकी चूत पे हाथ फेरने लगा. अचानक डॉली का शरीर अकड़ने लगा ओर वो मेरे सर को अपने उभारों पर दबाते हुए झड़ गयी. डॉली ने झड़ते ही मुझको उपर खीची ओर मेरे होंठो को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी.

‘में भी डॉली के शहद भरे होंठो को चूस्ते हुए उसके उभारों को मसलने लगा. अचानक मुझे ऐसा लगा की मेरे सारे शरीर का खून लंड पे जमा हो रहा है.

फिर में चीखते हुए झड़ गया. में झड़ते ही डॉली के उपर ढेर हो गया.

फिर में डॉली के नंगे उभारों के ऊपर सर रख कर लेट गया हम दोनो बुरी तरह हाँफ रहे थे. थोड़ी देर बाद डॉली को बाहों में कसते हुए पलट गया. अभी डॉली मेरे ऊपर थी मेरे से बुरी तरह लिपटी हुई थी . हम दोनों उसी तरह बाहों में बाहें डाले कब सो गये पता ही नही चला. मुझको अचानक आधी रात में जोरदार सूसू लगी.

में जब पेशाब करके अपने रूम में लौटा तो मुझको मा के रूम से हल्की सिसकारी की आवाज़ सुनाई दी .
मेंने डॉली की ओर देखा बेपर वाह सो ई हुई थी. में धीरे से अपने रूम से निकला बाहर कुण्डी लगाई.

मा के रूम के की ओर बढ़ा. मा के रूम के पास पहुचते ही वो आवाज़ ज़ोर से सुनने लगी.

में जैसे ही मा के रूम के दरवाजे पर हाथ रखा “दरवाजा अपने आप खुल गया जैसे ही दरवाजा खुला मेरी नज़र मा पे पड़ते ही पैरो तले ज़मीन खिसक गयी.”.

मा मदरजात अवस्था नंगी लेटी हुई थी

वो अपने एक हाथ से अपने उभारों को मसल रही थी, एक हाथ से अपनी चूत को रगड़ रही थी.

मेरी नज़र जैसे ही उन पर पड़ी मेरी साँसे ही रुक गई ‘क्या गदराया हुआ जिस्म था बड़ी 2 छातिया. चूत तो पाव रोटी की तरह फूली हुई थी. अचानक मेरी नज़र जैसे ही उनके चेहरे पे पड़ी मेरा सारा नशा दूर हो गया.

मा बहुत बेचैन दिखाई दे रही थी. में धीरे से दरवाजा अंदर से बंद किया ओर मा के पास में चल गया. मेने जाकर मा के सिर पे हाथ फेरा . उनके सिर पे हाथ फेरते ही मेरी गान्ड फॅट गयी. उनका सिर आग की तरह जल रहा था. तभी मा ने हड़बड़ा कर आँखे खोली.

माँ-तू….म..यहा कर रहे हो ?

राज – मा वो आपको क्या हुआ है.. आपका सिर क्यो जल् रहा है….

मा अपने शरीर को एक चादर से ढँक ली…

माँ-मेरा सोना बेटा कुच्छ नही हुआ है.

राज – नही मा तुम्हे मेरी कसम सच बताओ.

मा ने मुझको अपनी बाहों में भर लिया.

मा का पूरा शरीर भट्टी की तरह तप रहा था. में डरे के मारे काँपने लगा…मा मेरे बालो में उंगलिया फेर रही थी.

माँ-…..बेटा तुम तो जानते हो की तुम्हारी पिता जी नही है..शरीर की गर्मी बर्दास्त नही होता.. तो कभी कभी उंगली से ही कर लेती हू…लेकिन फिर भी मुझे शांति नही मिलती.

अब तो लगता है की ये गर्मी मुझको मार कर ही दम लेगी.. मा की बात सुनकर मेरा सबर का बाँध टूट गया. में फफक-फफक कर रोने लगा. मा मुझको चुप कराने के प्रयास करने लगी लेकिन में चुप नही हो रहा था.

मुझको लग रहा था की मा अब मर जाएँगी.

में जब चुप नही हुआ तो मा मेरे दोनो गालो पे अपने हाथ रख कर मेरा चेहरा ऊपर उठाई.. में जब चुप नही हुआ तो मा ने वो किया जिसका मेने सपने में भी कल्पना नही किया था.

मा मेरे होंटो को अचानक अपने होंठो मे भरकर चूसने लगी… मेरे सारे शरीर में करेंट दौड़ गया. मुझे तो ऐसा लगा की में जन्नत में पहूच गया हू.में अपने दोनो हाथों से मा को अपने बाँहो में भरते हुए पागलो की तरह चूसने लगा. मुझे तो मेरी रूह मिल गयी थी ,( उसको प्यार करने के लिए भगवान को भी ठुकरा सकता था.)

में तो मा के होंटो को ऐसे चूस रहा था. जैसे कोई छोटा सा बच्चा अपनी मा के उभारों से दूध पीता है.

मा र्जोरर्जोर से सिसकारिया भर रही थी… राज……र..आज…आसस्सस्स…..ईईई
…..वववववव..असशह…
मा की सिसकारियो की आवाज़ सुनकर में ओर ज़ोर-शोर से कभी उपर वाला कभी नीचे वाले होंट को चूसने लगा.

मा मुझको बुरी तरह सेजकड़ी हुई थी.

अचानक मा का शरीर अकडने लगा वो मेरे होंटो को चूस्ते हुए झड़ गयी…..
लेकिन में अभी नही झड़ा था.

हम दोनों थोड़ी देर उसी तरह पड़े रहे.
जब मा की साँसे नॉर्मल हो गयी तो उसने मुझको थोड़ा ऊपर उठने को कहा , ‘ में अपने कहुनिओ के बल ऊपर उठ गया. में जैसे ही ऊपर उठा तो मा ने अपने शरीर के ऊपर से चादर उठा कर नीचे फेंक दी.

अब मा पूरी तरह से नंगी थी. मेने अपना अंडरवेर निकालकर नीचे फेंक दिया.

मा जैसे ही मुझको ऊपर खीची.

राज-मा में आपको प्यार करूँगा बस तुम कोई हलचल मत करो..

मा को बहुत शरम आ रही वो उलटी लेट गयी.

मेने अब मा के पीठ पर किश पे किश करना शुरू कर दिया. मा फिर से सिसकारी भरने लगी.
आसस्स………………. अजहह..सद्द्द्द्दद्ड……………… सस्स्स्स्स्स्स्सस्स…

में नंगी पीठ पर किश करते हुए .. धीरे-2 गर्दन पर किश करने लगा.. मेने अचानक से कान की लौ को होंटो मे भरते हुए ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा………………… मेने एक हाथ नीचे सर काते हुए मा के मखमल से भी ज़्यादा मुलायम उरोजो को बहुत ही प्यार से सहलाने लगा.

जैसे वो कोई काँच हो ज़्यादा ज़ोर से दबाने पेर टूट जाएँगे.

मा: बहुत ज़ोर 2 से सिसकारी भर रही थी…..आआआअ…………हह….म्म्म्मम….सस्स…..
में कभी कानो को कभी गर्दन को किसी आम की भाँति चूस रहा था….

मा का शरीर फिर से आकड़ा वो दूसरी बार झड़ गयी.

मेने मा को सीधा किया ओर उनके एक शहद भरे निप्पल को होंठो में भरते हुए चूसने लगा. दूसरे को धीरे-धीरे मसलने लगा..थोड़ी देर के बाद मा फिर से गरम होने लगी,

मैं माँ की चुचियों को बारी बारी से चूसने लगा मा फिर से सिसकारिया भरने लगी
……………….आआआ …ब्ब्ब्बबब….हह….म्म्म्मम….सस्स
राज मेरे लाल जल्दी से अपने हथियार को अंदर डाल दे..

मेरा बुरा हाल था मेरा (लंड 8″ लबा ओर 3″ मोटा है).. बुरी तरह से अकड़ गया था.

में मा के होंठो को अपने होंठो में भरते हुए लंड को चूत की फांको में रगड़ने लगा.
मेने ने अपने हाथों से लंड को सेट किया…ओर .. धीरे-धीरे लंड को चूत में अंदर करने लगा.

अभी सूपड़ा ही अंदर गया … की मुझको ऐसा लगा जैसे मेरा लंड किसी आग की भट्टी में जा रहा हो.

मेरे रोम रोम में मस्ती की लहर दौड़ गयी..
मेने मा के गुलाबी होंटो को अपने होंठो में भरा.

फिर अपनी बाहों में जकड़ते हुए एक बहुत ही जोरदार धक्का लगाया

एक ही बार में मेरा पूरा लंड मा की सभी दीवारो को तोड़ते हुए अंदर चला गया.. aise hi indian incest sex stories ke liye padhte rahiye indisexstories.com
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