Incest खूनी रिश्तों में प्यार – indian incest sex stories

मेने गाड़ी निकाला डॉली भी मेरे साथ आकर फ्रंट सीट पे बैठ गयी हम कुच्छ इधर-उधर की बात करते हुए चल दिए लगभग आधे घंटे ड्राइव के बाद हम आसिफ़ सर के घर के सामने थे गाड़ी की आवाज़ सुनकर आसिफ़ सर घर से बाहर निकले ओर में ओर डॉली गाड़ी से नीचे उतरे ओर आसिफ़ सर की ओर बढ़ गये डॉली भी उन्हे पहचानती थी क्योकि एकबार हॉस्पिटल में हम दोनों आसिफ़ सर से सबसे पहले मिल चुके थे मेरे इनस्पेक्टर बनने से पहले

पहले मेने आसिफ़ सर को सेल्यूट किया फिर डॉली अपने सर दुपट्टा रखते हुए नीचे बैठकर प्रणाम की फिर आसिफ़ सर ने उसके माथे हाथ रखते हुए:- सदा सुहागिन रहो फिर हम अंदर चल दिए डॉली मेरे पीछे थी

अंदर ड्रॉयिंग रूम जाकर में ओर डॉली एक सोफे बैठ गये आसिफ़ सर दूसरे सोफे पर तभी आसिफ़ सर की बीवी ओर उनके साथ एक आंटी भी थी

आसिफ़ सर:- इनको तो तुम जानते ही होगे ये मेरी पत्नी डॉली ख़ान है ओर मेरी अम्मी नूर्सत ख़ान

राज:- नमस्ते भाभी नमस्ते आंटी
भाभी ओर आंटी – नमस्ते देवर जी नमस्ते बेटा

फिर उनके साथ अंदर चली गयी

फिर में ओर आसिफ़ सर आपस में बात करने लगे

आसिफ़ सर- देखो राज में तुमसे एक क्लियर कर दूं की में ड्यूटी के समय ही तुम्हारा सर ड्यूटी के बाद तुम मुझे भैया कह सकते हो

राज:- जी सर

आसिफ़ सर:- फिर वही बात

राज:- जी सर

आसिफ़ सर- तुम नही सुधरोगे
तभी डॉली ओर भाभी आ गयी दोनो काफ़ी हस-हस कर बात कर रही थी जैसे उनका बरसो पुराना रिस्ता हो

आसिफ़ सर- अरे भाई दोनो में क्या बात हो रही है

भाभी- ये हमारे बीच की बात है आप को नही बता सकती

राज- भाभी बहुत जोरो की भूख लग गया है जल्दी से कुच्छ खिलाइए

भाभी:- हा मुझे भी भूख लग गया है

थोड़ी देर में ही खाना लग चुका था हमने मिलकर खाना खाए फिर थोड़ी देर बात करने के बाद ” भाभी अब हम चलते है अब नींद भी आ रही है”

आसिफ़ सर- अरे इतनी रात को कहाँ जाओगे यही पर रुक जाओ कल चले जाना

राज:- नही ठीक सर हम चले जाएँगे भाभी:- ठीक से जाना

उसके बाद हमने आसिफ़ सर ओर भाभी को गुड नाइट बोला ओर गाड़ी से रूम की तरफ निकल गये रूम पे पहुचते-पहुचते 11 बज गये खैर मेने जल्दी से रूम खोलकर अंदर गये रूम में जाते ही में नंगा हो गया डॉली के भी सारे कपड़े निकालकर नंगा कर दिया ओर उसको बाहों में भरते हुए उसके चूत को चूसने लगा.

में डॉली की चूत को चूसे जा रहा था कुच्छ ही देर में लंड साप के तरह फुफ्करने लगा डॉली मस्ती में सिसकारी भरने लगी डॉली की चूत बहुत ही गीली हो गयी थी

में अपना चेहरा ऊपर उठाया लंड को थूक गीला किया चूत पे सेट करते एक जबरदस्त धक्का लगाया एक बार में पूरा लंड अंदर चला गया डॉली के मूह से जोरदार सिसकारी निकल गयी आआ…….असशह..

…एम्म…….

में उसके दोनो पैरो को अपने कंधे पर रखते हुए ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा में किसी पिस्टन की तरह धक्का लगा रहा था थोड़ी देर में ही डॉली अपनी पानी छोड़ दी ओर निढाल हो गयी

लेकिन मेने धक्का लगाना बंद नही किया चुदाई की आवाज़ पूरे कमरे में गूँज रही थी

लगभग 20 मिनिट्स के बाद में अपना लंड उसके बच्चेदानी में ठेलता हुआ झड़ गया डॉली भी दोबारा मेरे साथ झड़ गयी में डॉली के ऊपर गिर गया उसके चुचियो को मसलते हुए गुलाबी होंटो को चूसने लगा डॉली भी मेरे होंटो को चूसने लगी अपने हाथों से मेरे पीठ को सहलाने लगी होंठो को चूसने के बाद उसके चुचि को मूह में लिया ज़ोर-ज़ोर से उसके चुचियो का रस पीने लगा थोड़ी ही देर में मेरा लंड डॉली की चूत में ही खड़ा हो गया मेने उसके एक चुचि को मूह में भरा ओर दूसरे को मसलते हुए ज़ोर- ज़ोर से चोदने लगा डॉली बहुत ज़ोर से चीख रही थी ओर अबकी बार में छूट ने का नाम नही ले रहा था डॉली 2 बार झड़ चुकी थी में आज डॉली की चूत को फाड़ देना चाहता था

लेकिन में ओर डॉली दोनो ने एक साथ पानी छोड़ दिए एक दूसरे के बाहों में बाहें डाले सो गये..बहुत ही अच्छी नींद आई सुबह लगभग 12 बज़े मेरी नींद खुली तो में अकेला था मेरे ऊपर एक चादर रखी हुई थी……………में उठा ओर सीधे बाथरूम में घुस् गया जल्दी से फ्रेश होकर बाहर निकला ओर थाने में फोन करके कह दिया की में आज नही आऊंगा मेरी तबीयत बहुत ही खराब है ज़्यादा इमरजेंसी हो तो काल् करे

फिर जल्दी से अंडरवेर पहनकर डॉली को ढूँढने लगा वो किचन में थी नाश्ते की खुसबू आ रही थी शायद नाश्ता बन गया था तभी डॉली पर नज़र पड़ी वो डोगी स्टाइल में झुककर कुच्छ निकाल रही थी उसकी गान्ड बाहर निकली हुई थी इस समय उसके बदन पर एक परदरसी नाइटी था जो केवल जाँघो था उसने अंदर कुच्छ भी नही पहनी हुई थी यानी की अंदर से पूरी नंगी थी

में भी ऐसा नज़ारा देख कर लंड एकदम लोहे की तरह खड़ा हो गया में बहुत ही सावधानी से डॉली के पास गया पीछे से चिपकते हुए उसके फूले गाल को चूसने लगा डॉली मुझे धकेलने लगी लेकिन में बहुत ही मज़बूती से पकड़ा हुआ था

थोड़ी देर में डॉली विरोध करना बंद कर दी ओर मेरा साथ देने लगी डॉली अपने दोनो हाथों को एक स्टूल के ऊपर टीका ली थोड़ी देर डॉली नीचे बैठी मेरे अंडरवेयर को निकालकर फेक दी लंड को मूह में भरते हुए ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी मेरे मूह से सिसकारी फुट पड़ी में स्वर्ग में उड़ने लगा डॉली मेरे लंड को चूस्ते हुए आंडों को सहला रही थी

मुझे लगा थोड़ा देर ओर चूसी तो में अब झड़ जाऊँगा मेने लंड को डॉली के मूह से बाहेंर निकाला ओर डॉली को घोड़ी बना दिया डॉली एक स्टूल पे अपने हाथ रखते हुए घोड़ी बन गयी मेने नाइटी को पीठ के ऊपर तक उठाया डॉली अंदर ब्लॅक कलर का पैंटी पहनी हुई थी

पैंटी बहुत ही छोटी थी पीछे से केवल डोरी डॉली के चुतड़ों में घुसी हुई थी पैंटी को निकाल कर घुटनो तक कर दिया लंड को डॉली के फूली हुई चूत पे सेट किया एक जबरदस्त धक्का लगाया एक ही बार पूरा का पूरा लंड चूत को चीरते हुए जड़ तक समा गया ज़ोर-ज़ोर से धक्का लगाने लगा मेरी जांघे डॉली के चुतड़ों से टकरा रही थी डॉली ज़ोर-ज़ोर से सिसकारी भर रही थी

में डॉली के चुतड़ों को मसलते हुए जोरदर धक्का लगा रहा था अबकी में लगभग 10 मिनिट्स के बाद लंड को बच्चेदानी में ठेलते हुए वीर्य की पिचकारी छोड़ने लगा डॉली भी मेरे साथ ही झड़ गयी… में झड़ते ही डॉली के ऊपर गिर गया मस्ती में हमारी आँखे बंद हो गयी तभी मेरे कानो में एक कड़कती आवाज़ सुनाई दी

………….. राज ….

आवाज़ सुनते ही सारी मस्ती गायब हो गया …………..

मेरे पैरो तले ज़मीन खिसक गयी में डर के मारे डॉली को खींचता हुआ बेडरूम में घुसकर अंदर से डोर को बंद करके ज़ोर-ज़ोर से हाँफने लगा डॉली भी एकदम सहम गयी थी मुझे जो आवाज़ सुनाई दिया वो किसी ओर का नही बल्कि नानाजी थे साथ मेरी बहन पूजा ओर नानीजी थी आज क्या होगा भगवान ही जानते थे

में ओर डॉली जल्दी से फ्रेश हुए ओर मेने जल्दी से एक शॉर्ट ओर जीन्स पहन लिया डॉली भी जल्दी से साड़ी ब्लाउज पहन ली माँग में सिंदूर भर लीमेने अपना गन उठा कर गोलिया चेक किया ओर पैंट में ऊपर से डाल लिया में डोर खोल कर बाहर निकल गया डॉली मेरे पीछे अपना चेहरा छुपा कर चल रही थी हम दोनो जैसे ही अपने रूम से बाहर निकले नाना, नानी ओर मेरी बहन पूजा मेरे ओर बहुत ही गुस्से से देख रहे थे

नानाजी के आँखो में जैसे आग जल रही थी वो गुस्से के मारे काँप रहे थे डॉली तो डर के मारे मेरे पीछे छुपी हुई थी तभी नानाजी ने एक झटके में मेरी गन निकाल ली मेरे सर के ऊपर तान दिए”तुम दोनों ने पाप किया है जिसका सज़ा केवल मौत है ”

में कुच्छ नही बोला आज में तुम दोनों को जिंदा नही छोड़ूँगा तभी डॉली आगे आ गयी.

डॉली के माँग में सिंदूर गले में मंगलसूत्र चीख-चीख के कह रहे थे की वो सुहागन है भला कोई भी लेडिस अपने पति को अपने सामने भला मरने देगी डॉली के माँग में सिंदूर ओर गले में मंगलसूत्र देख कर नानाजी ओर नानीजी दोनो के मूह खुला रह गया……………………….

डॉली:- आपको मेरे पति को मारने से पहले मुझे मारना होगा में जीते जी अपने पति को मारना तो दूर की बात हट च्छुने भी नही दूँगी एकदम मा दुर्गा की तरह खड़ी हो गयी

नानाजी ने गन वही नीचे फेंक दिया उनके आँखो में आँसू थे वो चुपचाप वहाँ से जाने लगे नानीजी ने एक जोरदार थप्पड़ डॉली के गाल पर जड़ दी ”

कान खोल कर सुन ले आज हम दोनों तुम्हारे लिए मर गये हम भी यही समझेंगे की हमारी बेटी थी वो मर गयी ओर हा आज हमें मिलने का सोचना भी मत .. नानीजी भी चली गयी

मेरी बहन पूजा भी जाने लगी मेने दौड़ कर उसे पीछे पकड़ लिया वो छटपटाने लगी लेकिन मेने उसे अपनी बाहों में उठा लिया रूम में लेकर बॅड पर बैठा दिया. पूजा:- भैया मुझे छोड़ दो में यहा एक पल नही रुकूंगी मेरा यहा दम घुट रहा रहा है

राज:- लेकिन क्यो मेने क्या किया है तू तो मेरी प्यारी बहन है तू मुझे छोड़ कर चल जाएगी मा भी इस दुनिया से चली गयी अगर तुम भी चली जाओगी तो में किसके सहारे जिऊँगा

पूजा:- जिसके साथ अभी तक रह रहे हो

राज:- अच्छा ये बात है में समझ गया की तुम डॉली के कारण मुझपर गुस्सा हो.

डॉली मेरे पास बैठी हुई थी

राज:- डॉली मेरा गन उठाकर ला

डॉली:- जी अभी लाई

इतना कहकर डॉली मेरा गन उठा लाई मेने गन अपने हाथो में ले लिया

राज:- पूजा तू मेरे पास नही रहेगी ना

पूजा:- नही भैया में यहा एक पल के लिए भी नही रुकूंगी

में– ठीक है ये गन ले ओर इस पिस्टल में 6 गोलिया लोडेड है मुझे ओर मेरी बीवी डॉली को सिर मे डाल दे .

फिर पूजा ने पिस्टल लपक कर पकड़ ली मेरी ओर तान दी ओर मेरी आँखो में झाँकते हुए पिस्टल की ट्रागर दबा दी उस पिस्टल की सारी गोलिया मेरे सीने में धँस गया में धडाम से नीचे गिर गया मेरी आँखे बंद होने लगी अचानक डॉली ओर पूजा दोनो दहाड़ कर रोने लगी

पूजा:- रोते हुए नही भाई आप मुझे छोड़केर नही जा सकते हो आपके बिना में एकपल के लिए भी नही जिऊंगी प्लीज़ भाई अपनी आँखे खोलो अपनी बहन से बाते करो डॉली के मूह से तो आवाज़ ही नही निकल रही थीदरअसल मुझे पूजा ने जिस पिस्टल से गोली मारी थी उस पिस्टल में गोलिया नकली थी में झुत-मूठ के अपनी सांस रोक कर ड्रामा कर रहा था

पूजा:- प्लीज़ भाई अपनी आँखे खोलो अपनी इस पापीन बहन से बात करो

वो मेरे सीने पर सर झुकाए रोए जा रही थी उसके आँसुओ से मेरे शॉर्ट ओर बनियान दोनो ही भीग गये

अचानक पूजा रोते-रोते बेहोश हो गयी… मेरे सीने पर लुढ़क गयी

में झट से उठा पूजा को गोदी में बैठाते हुए धीरे उसके नाक को दब दिया तभी पूजा होश में आगइ फिर से रोने लगी” भैया आप मुझे छोड़कर नही जा सकते ”

में पूजा को हिल्लाते हुए” पूजा होश में आ देख में जिंदा हू मरा नही हू मुझे गोली नही लगी है”

पूजा ने जब मेरी ओर देखा तो में मुस्करा कर उसकी ओर देख रहा था मेने पूजा सर पकड़ते हुए उसके आँसुओ को चाट चाट के सॉफ कर दिया पहले पूजा मेरी तरफ ध्यान से मेरी तरफ देखा फिर अपने ताबड तोड़ मेरे सीने पर मुक्को की बरसात कर दी फिर मेरे सीने में अपना मूह च्छुपाकर बिलख-बिलख के रोने लगी

पूजा:- भैया में बहुत ही पापी हू में अपने उस भाई पेर गोली चला दी जिसने मुझे पर हाथ भी नही उठाया प्लीज़ भैया मुझे माफ़ कर दो

राज:- हट पागल तुमने कोई पाप नही किया उसमे नकली गोली थी चल जल्दी चुप हो जा नही तो बहुत ही मार पड़ेगी .

डॉली मेरे पास ही बैठी हुई थी में पूजा के बालो में हाथ घुमा रहा था पूजा चुप तो हो गयी लेकिन अभी धीरे-धीरे सिसक रही थी में पूजा लेकर उठा ओर बाथरूम की तरफ बढ़ गया डॉली ने बाथरूम का डोर खोल दी में पूजा को उठाए बाथटब के सामने आ गया बाथटब में पानी भरा हुआ था

राज:- पूजा देख सिसकना बंद कर नही तो बाथटब में डाल दूँगा

तभी पूजा ने रोना बंद किया जब नीचे उसका ध्यान गया तो में उसको बाथटब में डालने वाला था पूजा अपने दोनो हाथो का हार मेरे गले में डालते हुए लटक गयी

पूजा –देखो भैया अब चुप हो गयी हू बाथटब में मत डालो नही तो में पूरा भीग जाऊंगी

राज:- अब से अगर इन प्यारी-प्यारी आँखो से आँसू बहाई तो नाली में फेंक दूँगा

पूजा:- हा ठीक है आँसू नही बहाउन्गी जल्दी से यहा से चलो ना

पूजा की बात सुनकर में पूजा को उठाए हुए बेडरूम में चल आया

तभी डॉली ने किचन की तरफ से आवाज़ दी ” जी सुनते हो नाश्ता करने आ जाइए नाश्ता तैयार है फिर में पूजा ओर डॉली ने मिलकर नाश्ता किया ओर आकर बेडरूम में बैठ गया………….. …………. …

राज:- डॉली आज याद है ना हमें कहा जाना है

डॉली:- हा हॉस्पिटल में दीदी को लाने

राज:- ठीक है तो चलो

पूजा:- लेकिन भैया किसको लाने हॉस्पिटल में कौन है

राज:- तू हॉस्पिटल में वही तुझे पता चल जाएगा की किसे लाना है हा इतना ज़रूर बता देता हू की वो मेरी दूसरी बीवी है

पूजा:- दूसरी बीवी लेकिन भैया आपकी दूसरी बीवी कौन है कब आई ओर आप दो-दो बीविया रखेंगे चलिए

मुझे कोई टेन्षन की बात नही है मेरी दो भाभी हो गयी है वा बहुत ही मज़ा आएगा

राज:- पूजा आज बहुत ही बड़ा सर्प्राइज़ है

पूजा:- वो क्या है कही ऐसा तो नही मेरा जन्मदिन है वैसे मेरा जन्मदिन कहा आप मनाते है

राज:- अरे पूजा बहन जन्मदिन नही मनाया जाता था तो अब से मनाया जाएगा लेकिन ये जन्मदिन का सर्प्राइज़ नही है ये उसे भी बड़ा सर्प्राइज़ है तुम जब देखोगी तो ख़ुसी के मारे मुझे बहुत ही मरोगी ओर आँसू भी बहाओगी

पूजा:- लेकिन ये कैसा सर्प्राइज़ है की में आँसू भी बहाऊंगी ओर खुस भी हो जाऊंगी कही आप मुझे बेवकूफ़
तो नही बनाएगे ना

डॉली:- नही पूजा तेरे भैया सच कह रहे है

पूजा- अच्छा भाभी आप ही बता दो ना

डॉली-नही पूजा तुझे तो शाम तक कंट्रोल करना होगा

पूजा- ठीक है भाभी
उसके बाद डॉली ने रूम को लॉक किया हम हॉस्पिटल की ओर निकल गये.

Pages ( 12 of 13 ): « Prev1 ... 1011 12 13Next »

1 Comment

Leave a Reply