ये कहकर उर्मिला कम्मो की चोली की के सामने के ३ बटन खोल देती है और उसकी चोली निचे खींच देती है. चोली के निचे होते ही कम्मो के मोटे दूध आधे दिखने लगते है. गोलू झट से हल्का सा खड़ा हो कर आगे झुक जाता है और कम्मो की चोली में झाँकने लगता है. अन्दर झाँकने पर गोलू को कम्मो के मोटे दूध और हलके कत्थे रंग के निप्पल भी दिखने लगते है. अपनी बहन के मोटे दूध देख कर गोलू के होश ही उड़ जाते है. इन सारी बातों से अनजान कम्मो इतराते हुए अपना तील दिखाते हुए कहती है.
कम्मो : मेरे इस तील को हमेशा छुप कर देखता रहता था ये भाभी. आज मैं दिखा रही हूँ तो देखिये कैसे आँखे फाड़ कर देख रहा है.
उर्मिला : हाँ कम्मो. इतनी खुबसूरत चीज़ आज उसने पहली बार जो देखि है.
कम्मो : भाभी अब इस से कहो की मेरे पैर पढ़े.
उर्मिला : चल गोलू…कम्मो के पैर पढ़…
गोलू झट से निचे बैठ जाता है और आगे हो कर कम्मो के पैर पढ़ने लगता है. पैर पढ़ते हुए गोलू की नज़रें कच्छी में कसी हुई कम्मो की बूर पर ही थी. गन्दी नज़रों से अपनी बहन की बूर को घूरते हुए गोलू का लंड अपने पूरे आकार में आ चूका था. उर्मिला भी समझ गई थी की अब गोलू पूरे जोश में आ चूका है. उसे अभी रोका ना गया तो वो जरुर कुछ गड़बड़ कर देगा.
उर्मिला : हाँ हाँ चलो…हो गया पैर पढ़ना.
उर्मिला की बात सुनकर गोलू खड़ा हो जाता है और धोती में अपने लंड को ठीक करने लगता है. उर्मिला कम्मो की तरफ देखती है और कहती है.
उर्मिला : कम्मो तू गोलू से प्यार नहीं करती ना?
कम्मो : मैं तो करती हूँ भाभी पर येही मुझे हमेशा परेशान करता रहता है.
उर्मिला : क्यूँ रे गोलू? तू प्यार नहीं करता अपनी दीदी से?
गोलू : करता तो हूँ भाभी….
कम्मो : ये झूठ बोल रहा है भाभी…
उर्मिला : अच्छा…!! अब पता चल जायेगा. चल गोलू, कम्मो को अपनी गोद में बिठा…
उर्मिला की बात सुन कर गोलू सट्टे में आ जाता है. बड़ी-बड़ी आँखों से उर्मिला को देखता हुआ वो कहता है.
गोलू : वो…वो…भाभी…वो….
कम्मो : देखा भाभी…मैंने कहा था ना…ये मुझसे प्यार-व्यार नहीं करता बुर मुझे परेशान करता रहता है. देखो कैसे नखरे कर रहा है….
उर्मिला : आज कोई नखरा नहीं चलेगा तेरा गोलू. अगर तू अपनी दीदी से प्यार करता है तो अपनी गोद में बिठाएगा उसे.
गोलू अपना थूक गुटक कर निचे बैठ जाता है. धोती के अन्दर उसका लंड पूरा खड़ा है. उर्मिला कम्मो को गोलू की गोद में बैठने का इशारा करती है तो कम्मो धीरे-धीरे गोलू के पास आती है और घुटनों को मोड़ कर गोद में बैठने लगती है. उर्मिला कम्मो को सहारा देने के बहाने से उसकी कमर पकडती है और धीरे से उसका लहंगा पीछे से उठा देती है. कम्मो को बड़ी-बड़ी चूतड़ों पर छोटी सी कच्छी देख कर गोलू का लंड फनफना जाता है. कम्मो जैसे ही गोलू की गोद में बैठती है, गोलू का लंड कम्मो की बूर पर चिपकी कच्छी पर रगड़ खता हुआ ऊपर निकल जाता है और कम्मो की बूर कच्छी के अन्दर से गोलू के लंड पर चिपक जाती है. गोलू ज़मीन पर बैठा हुआ है और अपने घुटनों को मोड़े हुए कम्मो भी उसकी गोद में बैठी हुई है. उर्मिला और सोनू सामने से देखते है तो गोलू का मोटा लंड कम्मो की कच्ची पर सामने से पूरी तरह से चिपका हुआ है. गोलू धीरे-धीरे अपनी कमर हिलाता है तो उसका लंड कच्ची पर रगड़ खाने लगता है. अगर उस वक़्त कच्छी ना होती तो गोलू का लंड कम्मो की बूर की फांक में रगड़ खा रहा होता.
ये नज़ारा देख कर एक बार सोनू को पायल की याद आ जाती है. अपने आप पर काबू पाते हुए सोनू भी वो नज़ारा देखने लगता है. उर्मिला गोलू को कुछ देर कम्मो के साथ मजे लेने देती है फिर कहती है.
उर्मिला : अब तो तुझे यकीन हो गया ना कम्मो की गोलू भी तुझसे प्यार करता है.
कम्मो : हाँ भाभी….
उर्मिला : अच्छा चल अब खड़ी हो जा.
कम्मो खड़ी होती है और तभी उसे एक तितली दिखाई पड़ती है तो वो उसके पीछे भाग पड़ती है. तभी गोलू उर्मिला के पांव पर गिर जाता है.
गोलू : भाभी…आप देवी हो. बस एक बार मुझे कम्मो की बूर का नज़ारा दिखा दो…मैं आपका गुलाम बन जाऊंगा भाभी….
उर्मिला : (हँसते हुए) धत पागल..बूर देखने की चीज़ होती है या चोदने की….चल ठीक है…करती हूँ कुछ…सोनू, इधर तो आना…
गोलू और सोनू को धीरे-धीरे उर्मिला कुछ समझाने लगती है. उर्मिला की बात सुनकर दोनों के चेहरे पर हंसी फुट पड़ती है. तभी