Incest घरेलू चुते और मोटे लंड – Part 2 – Pure Taboo

केशव से विदा ले कर चरों आगे बढ़ते है. खेतों के बीच छोटा सा रास्ता बना हुआ है और दोनों तरफ घनी और ऊँची फसल. उर्मिला पीछे घूम कर देखती है तो पीछे भी घनी और ऊँची फसल नज़र आ रही थी. उर्मिला समझ जाती है की अब वो लोग सब की नज़रों से कोसो दूर हैं. कम्मो अब भी आगे वैसे ही उच्छालती-कूदती चल रही है. उर्मिला अपनी कोहनी गोलू के हाथ पर मारती है और इशारे से उसे कम्मो की बड़ी चुतड की और देखने कहती है. गोलू जैसे ही कम्मो की चुतड देखता है उसका हाथ अपने आप ही धोती के ऊपर से लंड पर चला जाता है. पर जैसे ही उसे उर्मिला और सोनू की उपस्थिती का एहसास होता है वो अपना हाथ झट से हटा लेता है और दोनों की ओर देखता है. दोनों गोलू की तरफ देखते हुए मुस्कुराकर आँख मार देते है. गोलू को हरी झंडी मिल जाती है. अब वो पूरी मस्ती में कम्मो की चूतड़ों को देखते हुए अपना लंड धोती पर से मसलते हुए उसके पीछे चलने लगता है. जोश में गोलू धोती से अपने मोटे लंड को बाहर निकाल कर उसकी चमड़ी पूरी पीछे खींच लेता है पर तभी उर्मिला उसे आंख्ने दिखा कर मन कर देती है तो वो लंड फिर से धोती में घुसा लेता है. थोड़ी दूर आगे जाने पर वो सभी तालाब के पास पहुँच जाते है. वो नज़ारा देख कर उर्मिला और सोनू खो से जाते है. तालाब का साफ़ पानी, ठंडी हवा और चरों तरफ बड़े और घने खेत. ये नज़ारा देख कर दोनों मंत्र मुग्ध हो जाते है.

गोलू : हैं ना सबसे अच्छी जगह?

सोनू : हाँ गोलू. सच में, ये तो बहुत अच्छी जगह है.

उर्मिला : सच में गोलू. एक दम सही जगह ले कर आया है तू हमे.

कम्मो : भाभी तालाब में नहा ले क्या?

उर्मिला : हाँ और तबीयत खराब कर ले अपनी. नहाना नहीं है. बस येही पर बैठ कर बातें करेंगे और नज़ारा देखेंगे. चलो यहाँ पर बैठ जाते है.

चारों तालाब के किनारे बैठ जाते है. कम्मो उर्मिला के साथ बैठ जाती है. कुछ देर गाँव की बातें करने के बाद उर्मिला कहती है.

उर्मिला : बहुत खुबसूरत नज़ारा है.

सोनू : हाँ भाभी. बहुत खूबसूरत है.

उर्मिला : पर यहाँ पर एक चीज़ ऐसी भी है जो इस से ज्यादा खूबसूरत है.

उर्मिला की बात पर सभी सोच मिएँ पड़ जाते है. गोलू, सोनू और कम्मो एक साथ कहते है. “क्या है भाभी?”…

उर्मिला मुस्कुराते हुए कम्मो की तरफ देखती है और कहती है.

उर्मिला : क्यूँ कम्मो…बता दें इन्हें की वो कौन सी खूबसूरत चीज़ है.

उर्मिला की बात को कम्मो समझ नहीं पाती है और बड़ी-बड़ी आँखे करते हुए कहती है.

कम्मो : क्या बता दें भाभी?

उर्मिला मुस्कुराते हुए कम्मो की जाँघों की तरफ देखती है. अब कम्मो उर्मिला की इशारा समझ जाती है. गर्व से उसका सीना फूल जाता है और इतराते हुए वो कहती है.

कम्मो : हाँ भाभी…बता दीजिये. ये भी जान ले की वो खूबसूरत चीज़ क्या है.

उर्मिला गोलू और सोनू की तरफ देख कर आँख मारते हुए कहती है.

उर्मिला : देखोगे की वो खूबसूरत चीज़ क्या है?

दोनों एक साथ सर हिला कर हामी भर देते है. फिर उर्मिला कम्मो की तरफ देख कर कहती है.

उर्मिला : इधर आ कम्मो. मेरी गोदी में बैठ जा.

कम्मो उठ कर उर्मिला की गोदी में बैठ जाती है. उर्मिला गोलू और सोनू को देख कर कहती है.

उर्मिला : और तुम दोनों कम्मो की टांगों के सामने बैठ जाओ. वो खूबसूरत चीज़ देख कर तुम दोनों के होश उड़ने वाले है.

दोनों झट से कम्मो की टांगो के सामने आ कर बैठ जाते है. उर्मिला धीरे से कम्मो का लहंगा उठा कर कमर तक कर देती है और हाथों से उसकी जाँघों को खोल देती है. जांघे खुलने से कम्मो की कच्छी, जो बूर पर चिपकी हुई है दिखने लगती है. कच्ची के दोनों तरफ हलके काले बाल निकले हुए है. गोलू और सोनू की नज़र जैसे हे कम्मो की बूर पर कसी हुई कच्छी पर पड़ती है, दोनों के मुहँ खुल जाते है और लंड अकड जाता है. उर्मिला एक ऊँगली कम्मो की जांघ के तील पर रखती है और कहती है.

उर्मिला : कैसा है?

गोलू : (नज़रे कम्मो की बूर पर कसी हुई कच्छी पर) बहुत अच्छा है भाभी…..बहुत खूबसूरत….

सोनू : (नज़रे कम्मो की बूर पर कसी हुई कच्छी पर) हाँ भाभी…बहुत खूबसूरत है.

कम्मो : (इतराते हुए) अच्छा लगा दोनों को?

सोनू : हाँ कम्मो…बहुत अच्छा है…

गोलू : कम्मो…कितना खुबसूरत है.

पीछे बैठी उर्मिला धीरे से कम्मो की जाँघों को थोडा और खोल देती है. जाँघों के और खुलने से कच्छी के अन्दर कम्मो की बूर भी खुल जाती है और कच्छी के दोनों तरफ बूर का बाहरी हिस्सा दिखने लगता है. बूर का बाहरी हिस्सा कच्छी के दोनों तरफ से दिखने लगा था जिसे देख कर गोलू और सोनू की हालत खराब हो गई थी.

उर्मिला : अरे गोलू…वहां से क्या देख रहा है. पास आ कर अच्छे से देख.

गोलू झट से उच्छल कर कम्मो की टांगों के बीच आ कर बैठ जाता है और झुक कर कम्मो की जाँघों के बीच देखने लगता है.

कम्मो : अच्छे से देख ले गोलू. इसके बारें में मैंने आज तक किसी से नहीं कहा है. तू किस्मत वाला है जो इसे इतने पास से देख रहा है, हैं ना भाभी?

उर्मिला : हाँ और नहीं तो क्या…. इतनी खूबसूरत चीज़ गोलू को और कहाँ देखने मिलेगी. अच्छे से देख गोलू.

गोलू आँखे फाड़-फाड़ के कम्मो की हलकी सी दिख रही बूर को देखने लगता है. धोती के अन्दर उसका लंड झटके ले ले कर उच्छलने लगता है. गोलू को जोश में आता देख उर्मिला डर जाती है. गोलू कोई गड़बड़ ना कर दे ये सोच कर वो कहती है.

उर्मिला : अच्छा अब बहुत देख लिया. अब कम्मो अपनी चोली में छुपी हुई खूबसूरत चीज़ दिखाएगी…. हैं ना कम्मो?

कम्मो : हाँ भाभी…. आज इन्हें भी पता चल ही जाए की मैं किसी राजकुमारी से कम नहीं हूँ….

उर्मिला : (कम्मो के गाल मसलते हुए) हाँ री मेरी राजकुमारी….दिखा दे इनको आज….

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