Incest घरेलू चुते और मोटे लंड – Part 2 – Pure Taboo

अपडेट ३७.५:

सुबह के ९ बज रहे थे. सभी घर के आँगन में बैठकर नाश्ता कर रहे थे. आज मोहन के पैर का प्लास्टर खुलने वाला था इसलिए उन्हें जल्दी घर से भी निकलना था. उमा, बिमला और उर्मिला बातें कर रहे थे.

बिमला: और उर्मिला…. कल खेत में नींद तो अच्छी आई थी ना?

उर्मिला: हाँ मामी जी…अच्छी नींद आई. और फिर बच्चे भी साथ थे तो बाते करते पता ही नहीं चला की कब रात हुई और कब सुबह.

बिमला: (हँसते हुए) हाँ वो तो है. खेतों की ठंडी हवा में सोने का मजा ही कुछ और है.

वहीँ पास बैठी कम्मो की नज़रे गोलू पर ही टिकी हुई थी. गोलू भी नाश्ता करते हुए कम्मो के बदन को घूरे जा रहा था. पास बैठा सोनू भी गोलू और कम्मो की नैन-मिचोली का मजा ले रहा था. कम्मो की चोली में कैद बड़े-बड़े दूध देखकर गोलू ने अपने हाथ के पंजे से दबाने का इशारा किया तो कम्मो ने भी अपनी जीभ दिखाकर गोलू को चिड़ा दिया. गोलू एक बार अपनी नज़रे मोहन, उमा, बिमला और उर्मिला की और करता है जो बातें करने में वैस्थ थे, फिर कम्मो की ओर देखकर धीरे से धोती उठा के अपना मोटा लंड दिखा देता है. इस पर कम्मो पहले तो मुस्कुरा देती है और फिर से एक बार अपनी जीभ दिखा देती है. गोलू धोती निचे करके आँखों के इशारे से कम्मो को अपना लहंगा उठाने कहता है तो कम्मो नखरे दिखाते हुए मुहँ बना देती है. गोलू सब से नज़रे बचाकर इस बार हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हुए कामो से इशारों में लहंगा उठाने कहता है. कामो दोनों पैरो को मोड़े हुए बैठी थी. गोलू की मिन्नत करने पर वो एक बार सबकी तरफ देखती है और फिर धीरे अपना एक पैर उठा के घुटना मोड़े हुए आगे रख देती है. फिर वो धीरे से अपना लहंगे एक तरफ कर देती है. गोलू और सोनू थोडा निचे झुक कर कम्मो के मुड़े हुए पैर और लहंगे के बीच देखते है तो उन्हें कम्मो की बालोवाली रसीली बूर के दर्शन हो जाते है जो गोलू से चुदाई के बाद थोड़ी फ़ैल गई थी. कम्मो की बूर देखते ही सोनू और गोलू अपने लंड धोती के ऊपर से मसलने लगते है. कम्मो की बूर को देखते हुए दोनों धीरे से अपनी धोती उठा के कम्मो को अपना-अपना लंड दिखा देते है. जब कम्मो दोनों भाइयों का लंड एक साथ देखती है तो उसकी आँखे बड़ी हो जाती है. अपने ओंठों को काटते हुए कम्मो एक हाथ लहंगे के अन्दर ले जाती है और दो उँगलियों से अपनी बूर खोल देती है. कम्मो की बूर खुलते ही अन्दर का रसदार गुलाबी हिस्सा और बड़ा छेद देखकर गोलू और सोनू के मुहँ में पानी आ जाता है. दोनों अपने ओंठों पर जीभ फेरने लगते है. तभी उर्मिला की नज़र तीनो पर पड़ती है. नज़ारा देखकर उसका गला सुख जाता है. वो झट से बिमला से ऊँची आवाज़ में बोल पड़ती है.

उर्मिला: अरे मामी जी बातें कम करिए और नाश्ता करिए. हमे अस्पताल भी तो जाना है.

उर्मिला की अवाज सुनते ही कम्मो, गोलू और सोनू घबरा जाते है. कम्मो झट से अपना लहंगा निचे कर देती है और गोलू और सोनू भी अपनी धोती ठीक कर लेते है.

बिमला: अरे हाँ उर्मिला. बातों में भूल ही गई थी.

उर्मिला कम्मो, गोलू और सोनू को घुर के देखती है तो तीनो नज़रे झुका के नाश्ता करने लगते है.

९:३० बज चुके थे और सरपंच जी की गाड़ी दरवाज़े पर आ चुकी थी. बिमला और उमा मोहन को सहारा दे कर गाड़ी में बिठाने लगते है. उर्मिला गोलू और सोनू के पास जाती है.

उर्मिला: तुम दोनों मेरी बात ध्यान से सुनो. मैं देख चुकी हूँ की तुम दोनों की बदमाशी. हमारे जाने के बाद खबरदार तुम दोनों ने कम्मो के साथ कोई बदमाशी की तो.

गोलू: नहीं भाभी….ऐसा कुछ नहीं है. वो तो बस….

उर्मिला: (गोलू की बात काटते हुए) बस-वस कुछ नहीं गोलू. मानती हूँ की कम्मो को देखकर तुम दोनों अपने आप पर काबू नहीं कर पा रहे हो लेकिन कुछ उल्टा सीधा काम मत कर देना.

गोलू और सोनू नज़रे झुकाकर, “जी भाभी”. फिर उर्मिला कम्मो के पास जाती है.

उर्मिला: मेरी बात ध्यान से सुन कम्मो. जमारे जाने के बाद अगर ये दोनों तेरे पास आये तो इनकी एक बात नहीं सुनना. दोनों के दोनों बदमाश है. समझ गई ना?

कम्मो: (मुस्कुराते हुए) हाँ भाभी….समझ गई.

तभी उमा उर्मिला को आवाज़ देती है तो वो भी गाड़ी में जा कर बैठ जाती है. गाड़ी धीरे-धीरे घर के अंगान से निकल पड़ती है. गाड़ी के जाते ही कम्मो उच्छालती हुई अपने कमरे में जाने लगती है. गोलू और सोनू पीछे से कम्मो को देखते है. उच्छालती हुई जा रही कम्मो की गदराई चुतड देखकर दोनों एक दुसरे की तरफ देखकर मुस्कुरा देते है. कमरे में जा कर कम्मो बिस्तर पर चढ़कर पैरों को मोड़े बैठ जाती है और अपनी छोटी का छोर पकड़कर बाल के छोर को सुलझाने लगती है. कुछ देर बाद गोलू और सोनू कमरे में आते है. दोनों को देखकर कम्मो मुहँ बना कर फिर से अपनी छोटी ठीक करने लगती है. गोलू और सोनू आकर कम्मो के दोनों तरफ बैठ जाते है. गोलू अपना एक हाथ कम्मो की गोरी जांघ पर रख कर सहलाते हुए कहता है.

गोलू: दीदी…! आपसे एक बात पूछूँ ?

कम्मो: हाँ पूछ….!

गोलू: दीदी आप अपनी बूर में मोटे-मोटे भुट्टे डाला करती थी ना?

कम्मो: हाँ गोलू. बहुत मोटे-मोटे भुट्टे डाला करती थी.

गोलू: हाँ दीदी, तभी तो आपकी बूर में मेरा मोटा लंड आसानी से चला गया. वैसे दीदी आप भुट्टे बूर के अलवा और कहाँ-कहाँ डाला करती थी?

कम्मो: (सोचते हुए) उम्म….! बूर के अलावा…. हाँ , मुहँ में और पिछवाड़े में….

कम्मो की बात सुनकर गोलू और सोनू कुछ क्षण के लिए एक दुसरे की तरफ देखने लगते है. फिर सोनू मुस्कुराते हुए कम्मो की तरफ देख कर कहता है.

सोनू: तो दीदी आप भुट्टे को अपने पिछवाड़े में पूरा घुसा देती थी क्या?

कम्मो: हाँ…!! जैसे बूर में दाल देती थी वैसे ही अपने पिछवाड़े में भी पूरा घुसा देती थी.कम्मो की इस बात पर गोलू और सोनू एक दुसरे को मुस्कुराकर देखते है. दोनों के बीच इशारों में बातें होती है और फिर गोलू कम्मो की जांघ सहलाता हुआ कहता है.

गोलू: दीदी एक बार हमारे साथ अनाज घर चलिए ना….

कम्मो: मैं नहीं आउंगी. भाभी ने साफ़ मन किया है तुम दोनों की कोई भी बात मानने से……

सोनू: सुनिए ना दीदी प्लीज…..एक बार चलिए ना हमारे साथ.

कम्मो: (नखरा दखाते हुए) कहा ना, नहीं आउंगी. भाभी ने मना किया है.

कम्मो का नखरा देखकर गोलू और सोनू दोनों अपने हाथों से कम्मो की जांघें सहलाने लगते है. जांघ सहलाते हुए दोनों अपना हाथ धीरे-धीरे कम्मो के घागरे के अन्दर घुसाने लगते है. कम्मो मुहँ बनाकर अपनी चोटी ही ठीक करती रहती है. धीरे-धीरे गोलू और सोनू के हाथ कम्मो के घागरे के अन्दर प्रवेश कर जाते है और जाँघों के अंदरूनी हिस्से को सहलाते हुए उसका घागरा ऊपर करने लगते है. इस हरकत से कम्मो भी अपने ओंठ काट लेती है और धीरे से अपने पैरों को थोडा खोल देती है. अब गोलू और सोनू अपने हाथ की एक एक ऊँगली कम्मो की बूर के ओंठों के दोनों तरफ रखते और धीरे से अलग अलग दिशा में खींचते है. ऐसा करने से कम्मो की बूर के ओंठ खुल जाते है. गोलू अपना सर कम्मो के चेहरे के पास ले जा कर कहता है.

गोलू: मान जाओ ना दीदी…..एक बार चलिए ना हमारे साथ अनाज-घर.

जहाँ गोलू कम्मो को मनाने में लगा हुआ था, वहीँ सोनू निचे झुक कर कम्मो की फैली हुई बूर को आँखे फाड़े देख रहा था. कम्मो ने फिर से मुहँ बनाया और नखरा दिखाते हुए गोलू से कहा.

कम्मो: कहा ना गोलू एक बार, मैं नहीं आउंगीsssss……, आह्ह्हह्ह……उफफ्फ्फ्फ़……सीईईईइ….!!

अचानक कम्मो सिसियाने लगती है. गोलू की नज़र निचे पड़ती है तो सोनू अपना सर कम्मो की जाँघों के बीच घुसा चूका था और उसकी फैली हुई रसीली बूर का स्वाद चख रहा था. सोनू अपनी जबान किसी कुत्ते की तरह कम्मो की बूर पर फेर रहा था. कम्मो अपनी आँखे बंद किये सिसिया रही थी. मौका देख कर गोलू भी दुसरे हाथ से कम्मो का मोटा दूध दबोच लेता है. हाथ के अंगुंठे से निप्पल को सहलाते हुए वो कम्मो से कहता है.

गोलू: मान जाओ ना दीदी…. बस एक बार…..
कम्मो: न..नहीं ना गोलूssss…..!

तभी निचे सोनू अपनी जीभ कम्मो की बूर में घुसा के अन्दर-बाहर करने लगता है और फिर उसके उभरे दाने को अपने ओंठों के बीच दबा के चूस लेता है. कम्मो की सिसकारी निकल जाती है. “सीईईईईईईईईइ….!!”. अब गोलू अपने दोनों हाथों को कम्मो की चोली में घुसा के दोनों दूधों को बाहर निकाल लेता है और एक दूध को पकड़कर उसका निप्पल चूसने लगता है. कम्मो अपनी आँखे बंद किये बूर और दूध चुसाई का मजा लेने लगती है. कुछ देर बाद सोनू भी कम्मो के पास बैठ जाता है और दुसरे दूध को पकड़कर उसका निप्पल चूसने लगता है. गोलू और सोनू दोनों कम्मो का एक-एक दूध चूस रहे थे और कम्मो मदहोश हुए जा रही थी.

सोनू: दीदी अब तो मान जाइये ना….प्लीज…..
कम्मो: सीईईईई…! ठीक है. लेकिन तुम दोनों मुझे मिठाई खिलाओगे.

कम्मो की बात सुनते ही दोनों एक साथ बोल पड़ते है. “हाँ दीदी मंजूर है….खिला देंगे”. कम्मो भी मुहँ बनाते हुए कहती है, “ठीक है फिर. चलो अनाज-घर”. कम्मो बिस्तर से उतरती है और अनाज-घर की और चलने लगती है. उसके दोनों तरफ गोलू और सोनू भी साथ चलने लगते है. दोनों अपना एक हाथ कम्मो के घागरे में पीछे से डाल कर उसकी बड़ी चुतड सहलाते हुए चल रहे थे. चलते हुए सोनू पीछे से कम्मो का घागरा उठा देता है तो कम्मो की चौड़ी गोरी चुतड देखकर गोलू अपनी जीभ ओंठों पर फेरने लगता है. तीनो चलते हुए अनाज-घर में पहुँच जाते है. बोरियों के पीछे, एक कोने में, गोलू और सोनू कम्मो को निचे बिठा देते है. कम्मो को बैठाने के बाद दोनों धीरे से अपनी-अपनी धोती उठा देते है और उनके मोटे लंड कम्मो के चेहरे के सामने खड़े होकर झटके खाने लगते है.

गोलू: दीदी…आप तो मोटे-मोटे भुट्टे अपने मुहँ में भर लेती हो ना. एक बार हमारे लंड भी मुहँ में भर के देखो ना…..

कम्मो दोनों के मोटे तगड़े लंड को बारी-बारी देखती है. अपने ओंठ काटते हुए कम्मो कहती है.

कम्मो: लेकिन मुझे मेरी मिठाई देनी पड़ेगी. नहीं दोगे तो मैं भाभी से कह दूंगी.

सोनू अपने लंड को कम्मो के मुहँ के पास लाते हुए कहता है.

सोनू: हाँ हाँ दीदी…आपको मिठाई मिल जाएगी….

कम्मो एक नज़र सोनू के लंड को देखती है और फिर हाथ से पकड़ कर धीरे से मुहँ खोलकर लंड के मोटे टोपे को अपने ओंठों में भर लेती है. लंड मुहँ में जाते ही सोनू की आँखे बंद हो जाती है और गले से लम्बी “आह्ह्हह्ह….!!” की आवाज़ निकल जाती है. कम्मो कर सर धीरे-धीरे आगे होता चला जाता है और सोनू का लंड उसके मुहँ में घुसता चला जाता है. कम्मो के ओंठ लंड की जड़ तक पहुँच जाते है. कम्मो कुछ क्षण सोनू के लंड को गले तक अन्दर लिए वैसे ही रुक जाती है. सोनू को ऐसा लगता है जैसे उसका लंड किसी ‘वैक्यूम क्लीनर’ के पाइप में खींचता चला जा रहा है. कम्मो का सर पकड़कर सोनू धीरे से अपनी कमर पीछे करता है तो उसका लंड धीरे-धीरे कम्मो के मुहँ से बाहर आने लगता है और एक ‘पॉप’ की आवाज़ के साथ निकल जाता है. सोनू के लंड से लार का धागा सा लटकता हुआ था जो कम्मो के मुहँ में जा रहा था. कम्मो जीभ फेरते हुए अपने ओंठों पर लगी लंड की लार चाट लेती है. फिर उसका ध्यान गोलू के लंड की तरफ जाता है. वो गोलू के लंड को पकड़ उसकी चमड़ी पूरी निचे कर देती है जिससे लंड का मोटा टोपा खुल के बाहर आ जाता है. कम्मो टोपे को मुहँ में भर लेती है और जोर-जोर से चूसने लगती है. गोलू भी अपनी कमर हिलाते हुए कम्मो के मुहँ में धीरे-धीरे धक्के मारने लगता है. कुछ देर धक्के मारने के बाद सोनू आगे आ जाता है तो कम्मो सोनू का लुंड मुहँ में भर लेती है और चूसने लगती है. मौके का फ़ायदा उठा के गोलू निचे बैठ जाता है और कम्मो की टाँगे फैला कर उसकी बूर चूसने लगता है. कम्मो सिसिया जाती है.

कम्मो: सीईईईई…!! देख ना सोनू. गोलू मेरी बूर कितनी चूस रहा है. मन कर ना इसे….
सोनू: गोलू को चूसने दो ना कम्मो दीदी. भाभी कहती है की भाई को बहन की बूर चूसने में बहुत मजा आता है. भाई तो अपनी बहन की बूर घंटो बिना रुके चूस सकते है.
कम्मो: उफ़…!! ये बात तो भाभी ने भी मुझे बताई थी सोनू पर ये गोलू मेरी बूर बहुत ज्यादा चूस रहा है. काल रात भी इसने मेरी बूर बहुत चुसी थी.
सोनू: चूस लेने दीजिये कम्मो दीदी. लगता है गोलू आपकी बूर का बहुत प्यासा है.

सोनू की बात पर कम्मो कोई जवाब नहीं देती है. गोलू मजे लेकर कम्मो की बूर चूसने लगता है. कुछ देर चूसने के बाद गोलू सर उठाकर सोनू से कहता है.

गोलू: मेरी दीदी बहुत प्यारी है सोनू. जब दीदी कपडे उतार कर पूरी नंगी हो जाती है ना तो बिलकुल परी जैसी लगती है.

गोलू की बात सुनकर कम्मो इतराने लगती है. सोनू भी मजे लेते हुए कहता है.
सोनू: सच दीदी? उतारिये ना अपने कपडे.

कम्मो इठलाते हुए अपनी चोली और लहंगा उतार देती है. अब कम्मो ज़मीन पर पूरी नंगी टाँगे खोले हुए बैठी थी. गोलू उसके पास बैठा हुआ था और सोनू ठीक सामने खड़ा था. गोलू कम्मो के पैरो को पूरा खोलते हुए कहता है.

गोलू: देख सोनू….मेरी दीदी बिना कपड़ो के कितनी प्यारी लग रही है. और ये दीदी की बूर देख. कितनी खूबसूरत लग रही है ना?
सोनू: हाँ गोलू. तू सच कह रहा है. कम्मो दीदी के नंगे जिस्म का जवाब नहीं. और उनकी बूर तो दुनिया में सबसे ज्यादा खूबसूरत है.
गोलू: कम्मो दीदी, कल रात आपने मुझे जैसा मजा दिया था आज वैसा मजा सोनू को भी दे दीजिये ना. उसे भी दिखा दीजिये की आपकी बूर में लंड दाल के कितना मजा आता है.

गोलू की बात सुनकर कम्मो इठलाते हुए कहती है.
कम्मो: ठीक है. आज मैं सोनू को भी अपनी बूर का मजा दे देती हूँ. आजा सोनू….

कम्मो की हरी झंडी मिलते ही सोनू उसके पैरो के बीच जा खड़ा होता है और निचे बैठकर कम्मो के शरीर पर लेट जाता है. अपने लंड को एक हाथ से पकड़ कर वो कम्मो की बूर के मुहँ पर रखता है और एक ही झटके में उसका लंड बूर में समां जाता है. लंड के अन्दर जाते ही कम्मो अपने ओंठ काट लेती है. सोनू को बाहों में जकड लेती है और पैरों के बंधन में बाँध लेती है. सोनू भी कम्मो के कन्धों को पकडे हुए अपनी कमर को जोर जोर से झटके देना शुरू करता है. धीरे-धीरे लंड के अन्दर-बाहर होने की गति और भी ज्यादा ते हो जाती है. गोलू अपनी सगी बहन को सोनू से चुद्ता हुआ देख गरमा जाता है और अपना लंड कम्मो के मुहँ में ठूँस देता है. कम्मो अपनी बूर में सोनू का मोटा लंड पेलवाते हुए गोलू का लंड चूसने लगती है. कुछ देर सोनू अच्छे से कम्मो की बूर चुदाई करता है. तभी गोलू सोनू के कंधे पर एक थाप मारता है तो सोनू कम्मो की बूर में ४-५ जोरदार धक्के दे कर उठ जाता है. अब गोलू कम्मो के ऊपर लेट जाता है और अपना लंड उसकी बूर में घुसा देता है. वहीँ सोनू अपना लंड कम्मो के मुहँ में दे देता है. गोलू भी पूरा मजा लेते हुए कम्मो की बूर अच्छी तरह से चोदता है.

कुछ देर कम्मो की अच्छे से चुदाई करने के बाद गोलू खड़ा हो जाता है. गोलू और सोनू के बीच इशारों में कुछ बातें होती है और फिर गोलू कम्मो से कहता है.

गोलू: दीदी. एक बार अपना पिछवाड़ा दिखाइए ना. आपके गांड का छेद देखने का बड़ा मन कर रहा है.

कम्मो: क्यूँ गोलू? तुझे भी चंपा के भाई की तरह गांड का छेद पसंद है क्या?

कम्मो की बात सुनकर गोलू का दिमाग घूम जाता है.

गोलू: चंपा के भाई की तरह? मैं कुछ समझा नहीं दीदी….

कम्मो: अरे पागल. वो मेरी सहेली चंपा है ना…! उसे खाट पर उल्टा होकर सोने की आदत है. रात में जब वो सो जाती है ना तब उसका छोटा भाई रघु पीछे से घागरा उठा के उसकी चूतड़ों के पट फैलाकर गांड का छेद देखता रहता है.

कम्मो की बात सुनकर गोलू और सोनू को चक्कर आने लगते है.
गोलू: तो दीदी, चंपा ने रघु को कभी पकड़ा नहीं?

कम्मो: एक दिन रघु पकड़ा गया. तब उसे बताया की उसे चंपा के गांड का छेद बहुत पसंद है. चंपा ने उसे समझाया की घर में ये सब ना किया करे. जब उसका मन हो तो उसे बता दिया करे.

सोनू: त..तो..तो दीदी….फिर अब चंपा क्या करती है?

कम्मो: रात में जब रघु का दिल करता है तो चंपा उसे चुप-चाप पास वाले खेत ले जाती है और घागरा उठा के घोड़ी बन जाती है. रघु उसके पीछे बैठ कर घंटो चंपा के गांड का छेद निहारता रहता है.

कम्मो की बात सुनकर गोलू और सोनू के लंड तन्ना जाते है.

गोलू: दीदी एक बार आप भी हुमेत घोड़ी बनके अपने गांड का छेद दिखाइए ना….

कम्मो: अच्छा बाबा ठीक है. रुको अभी दिखाती हूँ.

कम्मो झट से ज़मीन पर घोड़ी की तरह बैठ जाती है. पीछे से उठी हुई उसकी हौदी चूतड़ों के बीच की गहरी खाई दिखने लगती है. गोलू कम्मो के पीछे जा कर बैठ जाता है और चूतड़ों के पटों को हाथो से फैलाता है. चूतड़ों के पट फैलते ही कम्मो के गांड का छेद साफ़-साफ़ दिखने लगता है. देखने में वो बड़ा ही सुर्ख था पर जैसे ही गोलू हलके से हाथ लगा कर उसे फैलाता है, छेद आसानी से फ़ैल जाता है. गोलू को समझने में देर नहीं लगती की कम्मो दीदी ने मोटे-मोटे भुट्टे अपने गांड के छेद में भरे है. कम्मो के गांड के छेद से मनमोहित हो कर गोलू अपनी जीभ छेद में घुसा देता है.

कम्मो: उफ्फ्फ….!! गोलू….ये क्या कर रहा है?

सोनू: दीदी, आपके गांड का छेद है ही इतना प्यारा की गोलू अपने आप पर काबू नहीं कर पाया.

कम्मो: ओह्ह्ह्हह….गोलू…!!

कम्मो ने कभी सोच भी नहीं था की गांड के छेद को भी कोई इस तरह से चाट सकता है. उसे पूरी मस्ती में आने में क्षण भर का समय भी नहीं लगता है. कुछ देर कम्मो के गांड का छेद अच्छी तरह से चाटने के बाद गोलू कम्मो से कहता है.

गोलू: दीदी…एक बार बट की तरह मुझे भी अपना लंड आपके गांड के छेद में डालने दीजिये ना…

गोलू द्वारा छेद चाटने से कम्मो अपने होश पहले ही खो चुकी थी. दोनों हाथों को अपनी चूतड़ों पर रख वो उन्हें फैला देती है. ये गोलू के लिए एक निमंत्रण जैसा था. गोलू झट से कम्मो के पीछे जा चिपकता है और अपना लंड गांड के छेद पर रखे घुटनों को मोड़ देता है. कमर पर दबाव डालते ही गोलू का लंड फिसलता हुआ कम्मो के गांड के छेद में समां जाता है.

कम्मो: उईई माँ…!! पूरा घुसा दिया क्या गोलू? उफ़…!! तेरा तो भुट्टे से भी मोटा है रे…..

गोलू कम्मो की कमर दोनों हाथों से पकडे हुए अपनी कमर चलाने लगता है. उसका मोटा लंड कम्मो की गांड में सटा-सट अन्दर-बाहर होने लगता है. सोनू निचे बैठा ये नज़ारा देख रहा था. गोलू द्वारा अपनी ही दीदी की गांड मारने वाला ये दृश्य देखकर वो उत्तेजित हो जाता है और अपनी दो उंगलियाँ कम्मो की बूर में ठूँस देता है. ऊपर गोलू अपना लंड कम्मो की गांड में पेले जा रहा था और निचे सोनू दो उंगलियाँ उसकी बूर में. कम्मो के लिए ये एक बेहद ही उत्तेजित करने वाली प्रक्रिया थी. कुछ देर कामो की गांड अच्छे से मारने के बाद गोलू खड़ा हो जाता है तो सोनू उठके अपना लंड कम्मो की गांड में पेल देता है. कम्मो की गांड का मजा गोलू और सोनू बारी-बार अच्छे से लेते है. कुछ देर बाद गोलू सोनू से कहता है.

गोलू: सोनू तू ज़मीन पर लेट जा. कम्मो दीदी आप सोनू के लंड पर बैठ जाइये.अपने होशो-हवास खोई कम्मो सोनू के लेटते ही उसके लंड पर बैठ जाती है और आगे झुक जाती है. उसके बड़े-बड़े दूध सोनू के मुहँ पर आ जाते है जिसे सोनू अपने मुहँ में भर कर चूसने लगता है. निचे उसका लंड कम्मो की बूर की जम कर चुदाई कर रहा था. गोलू की नज़र कम्मो की चूतड़ों पर ही टिकी हुई थी. कुछ देर गौर से देखने के बाद गोलू आगे बढ़ता है और अपने दोनों पैरों को कम्मो की चूतड़ों के इर्द-गिर्द करते हुए अपना लंड उसके गांड के छेद पर रख देता है. कम्मो को जैसे ही इसकी भनक पड़ती है, वो अपने ओंठ काटते हुए आँखे बंद कर लेती है. गोलू अपने लंड को कम्मो के गांड के छेद के अन्दर घुसता चला जाता है, और एक ही झटके में पूरा लंड कम्मो की गांड में प्रवेश कर जाता है. निचे सोनू का लंड कम्मो की बूर में घुसा हुआ था और ऊपर गोलू का लंड उसकी गांड के छेद में. कम्मो एक साथ दो लंड लेकर सातवें आसमान में जा चुकी थी. उसे ऐसा लग रहा था की किसी ने दो भुट्टे उसकी बूर और गांड में एकसाथ दाल दिए हों.

कम्मो: आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह…गोलू….! उई माँ सोनू…!! बहुत गंदे हो तुम दोनों. उफ़…..!! अपनी दीदी के साथ कोई ऐसा करता है क्या?

गोलू कम्मो की गांड में लंड पेलता हुआ कहता है.

गोलू: सच बताना दीदी….आपको भी मजा आ रहा है ना अपने दोनों भाइयों का लंड एकसाथ लेते हुए…..सच बताना दीदी…आपको मेरी कसम.

गोलू की कसम को कम्मो झुटला नहीं सकती थी. उसके मुहँ से सच निकल ही जाता है.

कम्मो: हाँ गोलूsss…..!! सच …! बहुत मजा आ रहा है दोनों का लंड एक साथ ले कर. ऐसा लग रहा है की मैं दो भुट्टों को एक साथ अपनी बूर और पिछवाड़े में ले रही हूँ.

कम्मो की बात सुनकर गोलू और सोनू पूरे जोश में अपना लंड कम्मो की गांड और बूर में ठुसने लगते है. दोनों के शरीर के बीच दबी कम्मो भी मजा लेने लगती है. जहाँ सोनू कम्मो के दूध को अपने सीने पर दबाये निचे से उसकी बूर चोद रहा था वहीँ गोलू कम्मो की नंगी पीठ पर झुके हुए, उसके ओंठों को चूसते हुए लंड उसकी गांड में पेले जा रहा था.

सोनू: दीदी….इसे शहर में ‘सैंडविच’ कहते है.

कम्मो: ‘सैंडविच’…? ये क्या होता है सोनू?

सोनू: दीदी जब हम किसी चीज़ को दो दूसरी दो चीज़ों के बीच दबा देते है तो उसे ‘सैंडविच’ कहते है. जैसे दो ब्रेडों के बीच आमलेट…..

कम्मो: मुझे समझ नहीं आया सोनू. ब्रेड और आमलेट….?

गोलू: मैं समझ गया दीदी. इस वक़्त आप आमलेट हो और मैं और सोनू ब्रेड. आप हम दोनों के बीच ठीक उसी तरह से दबी हुई हो जैसे किसी ‘सैंडविच’ में ब्रेडों के बीच आमलेट दबा होता है.

कम्मो: ओह…!! इसका मतलब तुम दोनों ने मुझे आलेत की तरह ‘सैंडविच’ बना दिया है?

सोनू: हाँ दीदी….अब आपने सही समझा….

कम्मो: तो क्या सोनू शहर में जिस बहन के दो भाई होते है वो अक्सर अपनी बहन को ‘सैंडविच’ बना देते है?

कम्मो की इस बात पर गोलू और सोनू जोश में अपने लंड जोरदार ठाप के साथ कम्मो की गांड और बूर में एकसाथ ठूँस देते है. कम्मो की चीख निकल जाती है, “उईईई माँssssssss….!!!”

सोनू: हाँ दीदी. शहर में तो मम्मी-पापा के सोने के बाद जो भाई होते है वो अपनी बहन के कमरे में जाते है और रात भर उसे ‘सैंडविच’ बनाये रखते.

कम्मो: जैसे अभी तुम दोनों ने मुझे बना रखा है, ठीक कहा ना मैंने?

सोनू: हाँ दीदी….अब आप ने ठीक समझा….

कम्मो: तुम दोनों मुझे ऐसे ही ‘सैंडविच’ बना दिया करना. मैं रात में तुम दोनों के कमरे में आ जाया करुँगी ‘सैंडविच’ बनने…..

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