अपडेट ३६:
मचान पर गोलू कम्मो की बालोंवाली बूर पर अपना गधे जैसा लंड सटाए बैठा था. कामो भी बड़ी-बड़ी आँखों से गोलू की ओर देखे जा रही थी. गोलू ने एक नज़र अपनी दीदी के गदरीले जवान जिस्म पर दौड़ाई और धीरे से अपने लंड को कम्मो की बूर में ठूंस दिया. लंड के अन्दर जाते ही कामो की आँखे बंद हो गई और उसके मुहँ से हलकी सी दर्दभरी “आह्ह्ह्ह…” निकल पड़ी. आह सुनकर उर्मिला का ध्यान उस ओर जाता है और वो सोनू का लंड चुसना छोड़ के दोनों की तरफ देखने लगती है.
उर्मिला: हाँ गोलू…ऐसे ही…जोत अपनी दीदी का खेत.
उर्मिला की बात सुनकर गोलू धीरे-धीरे अपना लंड कम्मो की बूर में अन्दर-बाहर करने लगता है. कामो की बूर में आज पहले बार कोई लंड गया था. भले ही वो अपनी बूर में मोटे-मोटे भुट्टे कई बार ले चुकी थी पर असली लंड का मजा भुट्टे में कहाँ? गोलू का लंड जल्द ही कम्मो को मदहोश कर देता है. उर्मिला जब कम्मो की हालत देखती है तो बोल पड़ती है.
उर्मिला: अरी कम्मो…!! क्या हुआ? मजा आ रहा है ना अपने भाई से खेत जुतवाने में?
कम्मो: ह…हा…हाँ भाभी…! अ…आह…!! बहुत….मजा…आ रहा…है…आह…!!
उर्मिला : कहा था ना मैंने….! और आप गोलुजी…, थोडा और जोर लगा….तेरी बहन का खेत है. अपने हल को अन्दर तक डाल के जुताई कर तभी तो बहन का खेत अच्छे से जोत पायेगा ना….
उर्मिला की बात सुन गोलू जोश में आ जाता है और अपनी कमर उठा-उठा के कम्मो की जाँघों के बीच पटकने लगता है और पागलों की तरह बड़बड़ाने लगता है.
गोलू: हाँ भाभी….मेरी दीदी का खेत है….(एक जोरदार ठाप मारता है), मेरी बहन का खेत है….(एक और जोरदार ठाप), रात भर बहन का खेत जोतुंगा….(लगातार जोर-जोर से ठाप मारने लगता है).
गोलू पागलों की तरह कम्मो की बूर में लंड पेलने लगता है. कम्मो भी पूरी मस्ती में आ जाती है और अब वो भी गोलू का साथ देने लगती है.
कम्मो: हाँ गोलू….आह…!! ऐसे ही जोत मेरा खेत. बहुत मजा आ रहा है गोलू…आह्ह्हह्ह….!!
गोलू: दीदी….आह्ह्ह…!! भुट्टे से भी ज्यादा मजा आ रहा है ना…?
कम्मो: हाँ गोलू…! इसमें तो १० भुट्टों वाला मजा है…आह…!!
कम्मो का जवाब सुनकर गोलू का जोश सातवें आसमान में पहुँच जाता है. कम्मो की जवानी को वो अब तक छुप-छुप कर देखा करता था. अपनी दीदी को चोदने के सिर्फ सपने देखा करता था. आज उसकी दीदी नंगी हो कर उसके निचे लेटी अपनी बूर उसके लंड से चुदवा रही थी. गोलू अपनी दीदी के जिसन को महसूस करता और उसके लंड की गति और भी ज्यादा बढ़ जाती. अब गोलू पोरे जोश में कामो की चुदाई करने लगा था. उसका भारी शरीर जोर-जोर से हिलने लगा था. उर्मिला सोनू का लंड चुने में वैस्थ थी. अचानक उसे मचान हिलता हुआ महसूस होता है. वो देखती है तो सामने गोलू जोर-जोर से कम्मो की बुर-चुदाई कर रहा था. चुदाई इतनी घमासान थी की मचान भी हिलने लगा था. उर्मिला जैसे ही कुछ बोलने जाती है, गोलू कम्मो की बूर में अपने लंड से एक जोरदार ठाप लगा देता है. मस्ती में कम्मो अपनी टाँगे गोलू की कमर में लपेट देती है. बस फिर क्या था, गोलू कम्मो की बूर में इतने जोर-जोर से ठाप मारने लगता है की मचान दायें-बाएं हिलने लगती है. उर्मिला और सोनू एक दुसरे को पकड कर सहारा देते है. उर्मिला समझ जाती है की अगर अभी गोलू को रोका नहीं गया तो वो कम्मो की चुदाई के चक्कर में मचान ही तोड़ देगा. उर्मिला चिल्लाकर कहती है.
उर्मिला: धीरे गोलू…!! मचान टूट जायेगा…..!!
उर्मिला की आवाज़ हवस से भरे गोलू के कानों तक नहीं पहुँच पाती है. वो पुरी मस्ती में कामो की चुदाई कर रहा था. उर्मिला उसे फिर से आवाज़ देती है पर गोलू फिर भी नहीं सुनता है. उर्मिला उठकर गोलू के पास जाती है और उसका कन्धा पकड़ कर उसे कम्मो से अलग करने की कोशिश करने लगती है.
उर्मिला: अपनी बहन की चुदाई में बावरा हो गया है क्या? चल उठ…!!
गोलू: मत रोकिये भाभी. आज दीदी की जवानी अच्छे से लूट लेने दीजिये मुझे.
और गोलू फिर से कम्मो को पकड़ के जोरदार चुदाई करने लगता है. उर्मिला समझ जाती है की आज ये नहीं रुकेगा. पर वो ये भी समझ चुकी थी की अगर मचान पर गोलू इसी तरह कम्मो की चुदाई करता रहा तो मचान जरूर तोड़ देगा. उर्मिला फिर से गोलू को कम्मो से अलग करते हुए कहती है.
उर्मिला: गोलू मेरी बात सुन…मचान पर ऐसे कम्मो की चुदाई करेगा तो मचान टूट जाएगा. कम्मो को निचे लेजा, झोपड़े में. वहाँ जा कर इसकी अच्छे से चुदाई कर, कोई नहीं रोकेगा तुझे….
उर्मिला की बात को समझते हुए गोलू अपने हाथो के सहारे खड़ा होने लगता है और अपना मोटा लंड कम्मो की बूर से बाहर निकालने लगता है. गोलू का गधे जैसा लंड कम्मो की बूर से ‘पॉप’ की आवाज़ के साथ बाहर निकल आता है. निचे कम्मो अब भी अपनी आँखे बंद किये लेती हुई थी. अपनी मस्ती में खोई कम्मो को ये भी होश नहीं था की उर्मिला भी वहाँ आ चुकी है. अपनी आँखे बंद किये कम्मो तड़पती हुई बोल पड़ती है.
कम्मो: क्यूँ निकाल लिया गोलू? ब..बहूत मजा आ रहा था. सीईईई…..!! फिर से डाल दे ना गोलू….पूरा डाल दे ना….आह….!! सीईईईइ…..उई माँ……!!
कम्मो को आँखे बंद किये गोलू के लंड के लिए ऐसे तड़पते देख एक पल के लिए तो उर्मिला भी चकित हो जाती है. “हे भगवान…!! ये लड़की तो एक ही बार में भाई के लंड के लिए पागल हो गई है”, उर्मिला मन ही मन सोचती है. फिर संभलकर हाथों से कम्मो को हिलाते हुए कहती है.
उर्मिला: कम्मो…!! होश में आ कम्मो…!!
उर्मिला के इस तरह से कम्मो के शरीर को हिलाने पर पर कम्मो को होश आता है और वो आँखे खोल देती है. उर्मिला को अपने पास पा कर वो चौंक जाती है.
कम्मो: क…क्या हुआ भाभी…?? कोई आ गया क्या?
उर्मिला: नहीं रे पागल….कोई नहीं आया. तू गोलू के साथ निचे वाले झोपड़े में चले जा और वहाँ जा कर मजे ले.कम्मो: (आशचर्य के साथ) पर क्यूँ भाभी…?
उर्मिला: तुझे तो कुछ होश भी नहीं था. तेरा ये भाई चुदाई के चक्कर में अभी मचान ही तोड़ देता.
कम्मो जैसे ही कुछ बोलने के लिए मुहँ खोलती है, उर्मिला उसे चुप करा देती है.
उर्मिला: कोई सवाल नहीं कम्मो…..चुपचाप गोलू के साथ निचे जा…गोलू, ले जा अपनी दीदी को….
गोलू धीरे से सीढ़ी से मचान के निचे उतरने लगता है. कम्मो भी बड़ी-बड़ी आँखों से उर्मिला को देखते हुए अपने कपडे उठाने लगती है.
उर्मिला: अरे मेरी माँ….. अब ये कपडे क्यूँ ले कर जा रही है? कपडे पहन कर चुदवाएगी क्या? रहने दे इसे येही….
कम्मो कपडे वहीँ छोड़ कर सीढ़ी से निचे उतरने लगती है. कम्मो धीरे-धीरे सीढ़ी से उतर रही थी और निचे गोलू भी उतर रहा था. गोलू ऊपर देखता है तो उसे कम्मो की भारी चूतड़ों और बालों के बीच फैली हुई कम्मो की रसदार बूर दिखाई पड़ती है. गोलू के मुहँ में पानी आ जाता है. वो अपना मुहँ खोले और जीभ निकाले वहीँ रुक जाता है. कम्मो जैसे ही अपना एक पांव निचे वाली लकड़ी पर रखती है, उसकी चूतड़ों से झांकती खुली बूर सीधे गोलू के मुहँ पर जा लगती है. बूर के मुहँ से छुते ही गोलू अपना चेहरा कम्मो की चूतड़ों के बीच घुसा देता है और जीभ घुमा-घुमा के कम्मो की बूर का रस पीने लगता है. अपनी बूर पर गोलू की जीभ को महसूस करते ही कम्मो भी मस्ती में आ जाती है और अपनी चूतड़ों को गोल-गोल घुमाते हुए मजा लेने लगती है. गोलू जीभ घुमाते हुए कम्मो की बूर के दाने को जोर से चूस लेता है तो कम्मो की “अह्ह्ह्हह…!!” निकल जाती है. कम्मो की आवाज़ सुनकर उर्मिला झाँक कर देखती है तो गोलू अपना मुहँ कम्मो की चूतड़ों में घुसाए खड़ा है और ऊपर कम्मो आँखे बंद किये चुतड घुमा रही है.
“हे भगवान….ये दोनों भाई-बहन तो पागल हे हो गए है”, उर्मिला सोचती है.
उर्मिला: अरे ओ चुदक्कडो, थोडा तो सब्र करो. झोपड़े में जाने तक भी नहीं रुक सकते क्या तुम दोनों?
उर्मिला की आवाज़ सुनकर कम्मो सहम जाती है और घबराते हुए कहती है.
कम्मो: भाभी मैं तो निचे ही उतर रही थी. ये गोलू ही निचे से मेरी बूर चूसने लगा…..
उर्मिला गोलू की तरफ देखती है और हाथ जोड़ कर कहती है.
उर्मिला: गोलू महाराज….थोड़ी कृपा कीजिये. अपनी दीदी को झोपड़े में ले जाइए और फिर अराम से जो करना है करीये……
गोलू: (घबराते हुए) जी…जी भाभी….जा रहे है हम लोग….
दोनों मचान से निचे उतारते है. कम्मो नंगे बदन अपनी चौड़ी चूतड़ों को हिलाते हुए आगे चलने लगती है. पीछे गोलू जब अपनी दीदी की हिलती हुई चूतड़ों को देखता है तो एक बार फिर अपने होश खो बैठता है. वो दौड़कर कम्मो के पीछे जाता है और दोनों हाथों को कम्मो के सीने पर रख के उसके मोटे दूध मसलने लगता है और अपना मोटा लंड चूतड़ों के बीच घुसा देता है. कम्मो भी मस्ती में आँखे बंद किये अपनी चुतड पीछे कर देती है. गोलू कम्मो के दूध मसलता हुआ अपनी कमर का धक्का उसकी चूतड़ों के बीच देता है और कम्मो धक्के से एक कदम आगे बढ़ जाती है. इसी तरह गोलू अपनी कमर को कम्मो की चूतड़ों के बीच धक्के देता हुआ उसे झोपड़े की और ले जाने लगता है. उर्मिला ये नज़ारा देखती है और अपना सर पकड़ लेती है. “हे भगवान….हमेशा झगड़ने वाले ये दोनों भाई-बहन पूरे चुदक्कड हो गए है. थोडा भी सब्र नहीं है”.
दोनों के झोपड़े में जाते ही कम्मो पीछे घुमती है तो सोनू अपने मोटे लंड को हाथ में लिए बैठा है. उर्मिला सोनू के लंड को देखती है जो पूरी तरह से फूल चूका था. मुस्कुराते हुए उर्मिला कहती है.
उर्मिला: क्या हुआ मेरे प्यारे देवर को? पायल दीदी की याद आ रही है क्या?
उर्मिला के मुहँ से पायल का नाम सुनते ही सोनू अपने लंड को मसल देता है.
सोनू: हाँ भाभी….! पायल दीदी की बहुत याद आ रही है…..
उर्मिला: उफ़…!! देखो तो कैसे अपनी दीदी की याद में गधे जैसा लंड खड़ा किये बैठा है ये भाई. बता तो जरा सोनू, पायल की बूर में कितना लंड घुसायेगा?
सोनू एक हाथ की उँगलियों का छल्ला बनाकर लंड को पकड़ता है और उँगलियों को फिसलाता हुआ लंड के जड़ तक ले जाता है. फिर अपनी कमर थोडा उठा के खड़ा लंड दिखाते हुए कहता है, “इतना भाभी…!!”
उर्मिला: बापरे…अपना लंड पायल की बूर में जड़ तक घुसा देगा….उफ़…!!
उर्मिला अपने बड़े-बड़े दूध को एक हाथ से दबाते हुए सोनू के पास आ कर बैठ जाती है. वो लंड को ध्यान से देखती है तो लंड से हल्का-हल्का पानी रिस रहा है.
उर्मिला: हाय रे सोनू… अपनी दीदी की याद में तो तेरा लंड आंसू बहा रहा है. रुक, मैं अभी इसके आंसू पोंछ देती है.
ये कहकर उर्मिला अपना मुहँ खोलती है और निचे झुक कर सोनू का पूरा लंड एक ही बार में निगल लेती है. उर्मिला के लंड निगलते ही सोनू आँखे बंद किये करहा उठता है, “आह्ह्हह्ह……भाभी….!! उफ्फ..!! पायल दीदी…..आ जाओ ने एक बार…..आह्ह्हह्ह्ह्ह…..!!”. उर्मिला जोर से सोनू का लंड चुस्ती है और फिर सर उठाकर कहती है.
उर्मिला: पटक पटक के चोदेगा ना अपनी दीदी को? (पुछकार फिर से लंड चूसने लग जाती है)
सोनू: (उर्मिला के मुहँ में लंड पेलता हुआ) हाँ भाभी….पायल दीदी को पटक-पटक के चोदुंगा…..
उर्मिला: (सर उठाकर) अपनी दीदी को चोदकर बहनचोद बन जायेगा? (पुछकार फिर से लंड चूसने लग जाती है)
सोनू: (इस बार जोर से लंड उर्मिला के मुहँ में ठूंसते हुए) ह…हाँ भाभी….दीदी को चोदकर बहनचोद बन जाऊंगा….
ये सुनकर उर्मिला जोश में आ जाती है. वो झट से अपनी साड़ी कमर तक उठा के लेट जाती है और अपनी टाँगे खोल के बालोवाली खुली हुई बूर दिखाते हुए कहती है.
उर्मिला: आ जा सोनू…. लंड ठूंस दे अपनी पायल दीदी की बूर में.