अपडेट २०:
दोपहर के २:३० बजे रहे है. सभी लोग खाना खा चुके है. उमा पहले ही अपने कमरे में जा चुकी है. बाबूजी का भी आज पायल और उर्मिला ने बुरा हाल कर दिया था. पेट में खाना और शरीर में थकावट लिए, वो भी अपने कमरे में जा कर अराम करने लगते है. सोनू भी खाना खा कर अपने रूम में जा कर रंगीन कहानिया पढ़ने लगता है. ड्राइंग रूम में उर्मिला और पायल बीते बातें कर रहे है. आज बाबूजी के साथ हुए वाख्य का दोनों भरपूर मजा ले रही है.
उर्मिला : (हँसते हुए) पर कुछ भी कह पायल….मजा बहुत आया..
पायल : (हँसते हुए) हाँ भाभी…आज तो पापा की हालत ही खराब हो गई थी.
उर्मिला : और तुने जो बाबूजी का लंड अपने दूध में दबा कर चूसा था…बापरे…!! उनकी ती हालत खराब हो गई थी…
पायल : हाँ भाभी…मजा तो मुझे भी बहुत आ रहा था. मेरा तो दिल कर रहा था की उनका लंड पूरा मुहँ में भर लूँ. पर इतना मोटा ले नहीं पा रही थी.
उर्मिला : धीरे धीरे लेना सीख जाएगी….
पायल : और भाभी…!! पापा के लंड के पानी से अपनी मांग भरवा के कैसा लग रहा है…
उर्मिला : हाय पायल…!! बार बार क्यूँ याद दिला रही है..मैं अभी बाबूजी के पास साड़ी उतार के चली जाउंगी…
पायल : (हँसते हुए) तो जाइये ना भाभी…किसने रोका है आपको…?
उर्मिला : (हँसते हुए) चुप कर बदमाश…!! अच्छा पायल सुन…
पायल : जी भाभी…
उर्मिला : मैंने तुझसे कहा था ना की मैं रक्षाबंधन में अपने भाई के पास जाउंगी…
पायल : हाँ भाभी..याद है. वही ना ..आपका चचेरा भाई?
उर्मिला : हाँ बाबा वही…और तुझे याद है ना की सोनू भी साथ चलेगा?
पायल : (शर्माते हुए) हाँ बाबा … याद है…
उर्मिला : ओये होए..!! गालों पर लाली तो देखो मेरी ननद की…छोटे भाई के साथ रक्षाबंधन मनाने के नाम से ही कैसे शर्मा रही है…बोल ना पायल…कैसे मनाएगी सोनू के साथ रक्षाबंधन..??
पायल : (नखरे दिखाते हुए) वैसे ही, जैसे सारी बहनें मानती है….
उर्मिला : (टॉप पर से पायल के दूध मसलते हुए) मेरी रानी…! बहनें तो रक्षाबंधन के दिन भाई का लंड बूर में पूरा ले लेती है…..
पायल : (मस्ती में) तो मैं भी ले लुंगी, उसमे क्या….
उर्मिला : हाय…!! पायल..!!. (फिर कुछ सोच कर) लेकिन तुझे मजा नहीं आएगा…
पायल : (भोलेपन से) पर क्यूँ भाभी..??
उर्मिला : वो इसलिए मेरी लड़ो रानी क्यूंकि तुने अभी सोनू को पूरी तरह से सेट नहीं किया है….
पायल : कर तो दिया भाभी…कल ही तो अँधेरे में मैंने उसका लंड चूसा था ना?
उर्मिला : तो क्या हुआ? वो खुल के तेरे साथ मस्ती करता है क्या जैसे बाबूजी करते है?
पायल : नहीं भाभी…वो तो अब भी वैसा ही है…
उर्मिला : हाँ वही तो…जब वो तेरे साथ खुल के मस्ती करने लगेगा ना तब असली मजा आएगा….
पायल : सच भाभी…?
उर्मिला : हाँ पायल. भाई-बहन जब पूरे खुल के मस्ती करते है तब ही असली मजा आता है. अकेले में जब भाई अपनी बहन को गोद में बिठा ले, उसके दूध मसले, बहन घर में चलते-फिरते भाई का लंड दबा दे, इसमें तो असली मजा आता है. ये सब नहीं है तो भाई-बहन के प्यार का कोई मतलब नहीं है.
पायल : हाँ भाभी…ये सुन के ही मेरी बूर में पानी आने लगा है…
उर्मिला : और जरा सोच जब ये सब होगा तो तेरी बूर का क्या हाल होगा?
पायल : मैं समझ गई भाभी…मैं अपना काम आज से ही शुरू कर दूंगी…
उर्मिला : आज से नहीं मेरी ननद रानी….अभी से….सब सो रहे है और सोनू अपने कमरे में अकेला है. लोहा गरम है, मार दे हतौड़ा….
पायल : (मस्ती में अंगड़ाई लेते हुए) हाय भाभी…हतौड़ा तो मैं सोनू से मरवाउंगी, अपनी बूर पर…
उर्मिला : उफ़ पायल…ऐसा गन्दा काम करेगी अपने भाई के साथ?
पायल : इस से भी गन्दा भाभी….
दोनों हंसने लगते है. उर्मिला रूम से चली जाती है. पायल अलमारी खोलती है और एक छोटी सी बिना बाहं वाली टॉप निकाल कर पहन लेती है. निचे एक छोटी से स्कर्ट जो उसकी जांघो तक आ रही है. कैट वाक करती हुई पायल सोंनु के कमरे के पास पहुँचती है. दरवाज़े पर धीरे से दस्तक देते हुए…
पायल : सोनू…सोनू…!! सो रहा है क्या?
अन्दर सोनू अपनी रंगीन कहानियों की दुनियां में खोया हुआ था. पायल की आवाज़ सुन कर चौक जाता है. किताब को तकिये के निचे छुपा कर वो दरवाज़ा खोलता है.
सोनू : पायल दीदी…!! आप?
पायल : (इठलाती हुई अन्दर आती है) हाँ मैं… क्यूँ? नहीं आ सकती क्या?
सोनू : नहीं दीदी…ऐसी बात नहीं है…
पायल : क्या कर रहा था मेरा छोटा भाई?
सोनू : (झेंपते हुए) क..क..कुछ नहीं दीदी…बस ऐसे ही स्कूल की पढ़ाई कर रहा था…पायल : (सोनू के शॉर्ट्स में बने बड़े से तम्बू को देख कर) ऐसी कौनसी पढ़ाई कर रहा था सोनू जो तेरी शोर्ट में इतना बड़ा टावर खड़ा हो गया?…. (फिर पायल टॉप पर से अपने दोनों दूध को साइड से दबाते हुए) लगता है तेरा टावर दीदी की दोनों बड़ी बड़ी दिश-एंटेना की छतरी के सिग्नल अच्छे से पकड़ रहा है.
सोनू बड़ी-बड़ी आँखों से पायल के उभरे हुए दूध देखने लगता है.
पायल : अब बस देखता ही रहे गा या दरवाज़ा भी बंद करेगा…
सोनू झट से दरवाज़ा बंद कर देता है. पायल बिस्तर के सामने राखी एक चेयर पर बैठ जाती है. सोनू भी बिस्तर पर लेट जाता है और चादर ओढ़ लेता है.
पायल : ये क्या सोनू? जब भी मैं आती हूँ तू चादर ओढ़ लेता है. (पायल झट से दोनों पैरों को कुर्सी पर रख लेती है और खोल देती है. बूर पे कसी हुई पैन्टी दिखने लगती है). जब तेरी दीदी नहीं शर्मा रही है तो तू इतना क्यूँ शर्मा रहा है? निकाल ये चादर….
पायल की बात सिन कर सोनू चादर निकाल देता है. शॉर्ट्स में एक बड़ा सा तम्बू बना हुआ है जो पायल को साफ़-साफ़ दिख रहा है.
पायल : भाभी कह रही थी की इस बार वो रक्षाबंधन अपने चचेरे भाई के घर मनाएगी….
सोनू : अच्छा है दीदी…इसी बहाने भाभी कहीं तो घूम लेगी…
पायल : हाँ…!! लेकिन भाभी मुझे भी साथ ले जाने वाली है…
सोनू : क्या ?? पर दीदी…फिर आप मुझे राखी नहीं बाँधोगे?
पायल : (पायल झूठा गुस्सा दिखाते हुए) क्यूँ? क्यूँ बांधूं मैं तुझे राखी? तू मुझे अपने पैरों के बीच बिठा कर अपना मट्ठा पिलाएगा और मैं तुझे राखी बांधुगी?
पायल की बात सुन कर सोनू डर जाता है. उसे लगता है की उस शाम अँधेरे में जो उसने पायल के मुहँ में पिचकारियाँ छोड़ी थी वो बात पायल को अच्छी नहीं लगी.
सोनू : वो..वो..दीदी ..आई एम सॉरी…!! वो..वो उस दिन मैं अपने आप को रोक नहीं पाया…मैं आपके मुहँ में नहीं करना चाहता था…कसम से….
पायल : (हँसते हुए) अरे बाबा इतना डर क्यूँ रहा है…मुझे तो तेरा मट्ठा बहुत पसंद आया था….
सोनू : (बड़ी बड़ी आँखों से) सच दीदी?
पायल : हाँ सोनू…इसलिए तो मैंने तुझे बाहर निकालने नहीं दिया….
इस बात पर सोनू पायल को बड़ी-बड़ी आँखें कर के देखने लगता है. पायल भी उसे मुस्कुराते हुए देख रही है. फिर पायल कहती है…
पायल : सोनू…तुझसे एक बात पूछूँ? सच-सच बताएगा ?
सोनू : हाँ दीदी…सच बताऊंगा….
पायल : अगर मैं तेरी दीदी ना होती और तेरे स्कूल की कोई लड़की होती तो तू मेरे पीछे ऐसे ही पागल हो जाता क्या?
सोनू : (कुछ क्षण सोचता है, फिर पायल को देखते हुए) नहीं दीदी….!!
पायल : (सोनू की बात सुन कर हैरान हो जाती है) क्यूँ सोनू? मैं खूबसूरत नहीं हूँ क्या?
सोनू : अरे नहीं नहीं दीदी…ऐसी बात नहीं है. आप तो बहुत ज्यादा खूबसूरत है. आप जब स्कूल में थी तो सारे लड़के आपके पीछे-पीछे ही घूमते रहते थे….
पायल : और तू? तू नहीं घूमता था क्या?
सोनू : (आँखे नीची कर के) घूमता था दीदी….लेकिन इसलिए नहीं क्यूंकि आप खूबसूरत थी. मैं आपके पीछे इसलिए घूमता था क्यूंकि आप …….
पायल : (उत्साहित होते हुए) मैं..?? हाँ सोनू ..बोल ना…क्यूँकी मैं क्या…?
सोनू : (धीरे से) क्यूँ की आप मेरी बहन हो….
सोनू की बात सुन कर पायल की आँखे बड़ी-बड़ी हो जाती है. वो एक बार फिर से सोनू से पूछती है.
पायल : मतलब सोनू तू ये कहना चाह रहा है की तू मेरे पीछे सिर्फ इसलिए घूमता है क्यूंकि मैं तेरी बहन हूँ…??
सोनू : (आंख्ने नीची कर के) हाँ दीदी…ये सच है…
पायल : मतलब मैं तेरी बहन नहीं होती तो तू मेरे पीछे नहीं घूमता?
सोनू : नहीं दीदी…नहीं घूमता…
सोनू की बात सुन कर पायल को सोनू पर बहुत प्यार आता है. वो उसे अपने पास बुलाती है…
पायल : (मुस्कुराते हुए) इधर आ सोनू…मेरे पास…
पायल कड़ी हो जाती है और सोनू धीरे-धीरे उसके पास आता है. अपना सर पायल के सामने झुका के खड़ा हो जाता है. पायल प्यार से उसकी ठोड़ी को पकड़ उसका चेहरा ऊपर करती है.पायल : इधर देख …मेरी तरफ…(सोनू देखता है. पायल उसकी आँखों में देखते हुए) इतना प्यार करता है अपनी दीदी से?
सोनू : (भावनाओं में बहता हुआ) हाँ दीदी…बहुत प्यार करता हूँ आपसे….जब भी आपको देखता हूँ और ये ख्याल आता है की आप मेरी दीदी हो, मेरी सगी बहन तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है. दिल करता है की अपना लंड मैं आपकी….. (और सोनू रुक जाता है)..
पायल : (पायल प्यार से सोनू को देखती है) रुक क्यूँ गया…? बोल..? अपना लंड मेरी….
सोनू : (तेज़ सांसो से) दिल करता है अपना लंड आपकी बूर में ठूँस दूँ दीदी……
पायल : (आहें भरते हुए) ओह सोनू…..(और पायल अपने गुलाबी रसीले ओंठ सोनू के ओठों पर रख देती है)
सोनू अपनी दीदी के रसीले ओठों का स्पर्श पाते ही उतीजित हो जाता है और पायल के ओठों को चूसने लगता है. पायल भी पूरी मस्ती में सोनू के ओठों को चूसने लगती है. देखने में ऐसा लग रहा है की दोनों के दुसरे के ओठों को अपने मुहँ में भर लेना चाहते हो. दोनों की जीभ आपस में घुत्थम-घुत्थी हो रही है. सोनू का चेहरा पकडे पायल, अपनी जीभ उसके मुहँ में डाल देती है तो सोनू उसे पागलों की तरह चूसने लगता है. कुछ देर दोनों भाई-बहन इसी तरह अपनी जीभ से एक दुसरे के मुहँ से खेलते है फिर अलग हो कर एक दुसरे की आँखों में देखने लगता है.
पायल : सोनू…तू हमेशा अपनी दीदी की जवानी देख कर परेशान रहता था ना?
सोनू : हाँ दीदी….
पायल : (अपनी टॉप निचे से उठा के नंगा पेट दिखाते हुए) तो ले..आज अच्छे से देख ले अपनी दीदी की जवानी….
सोनू कुछ क्षण वैसे ही पायल के सपाट नंगे पेट और गहरी नाभि को घूरता है और फिर अचानक से अपना चेहरा पायल के पेट पर झुका देता है…
सोनू : ओह….मेरी पायल दीदी………!! (सोनू की जीभ सीधे पायल की गहरी नाभि में घुस जाती है)
इधर भाई-बहन का प्यार खुल के एक नया रूप ले रहा है और वहां उर्मिला रसोई में अपना काम कर रही है. तभी उसकी नंगी कमर को एक हाथ छुता है. वो डर कर मुडती है तो सामने रमेश खड़े है. उर्मिला मुस्कुराते हुए….
उर्मिला : अरे बाबूजी आप? मैं तो डर ही गई थी. मम्मी जी क्या कर रही है?
रमेश : घोड़े बेच कर सो रही है… और बच्चे क्या कर रहे है…?
उर्मिला : (झूठ बोलते हुए) वो भी सो रहे है बाबूजी…
रमेश उर्मिला की आँखों में देखते है फिर झट से उसके बड़े-बड़े दूध को दोनों हाथों से दबोच लेते है…
रमेश : बहु….अपने ओठों का रस पिला दे बहु…..
उर्मिला : (आँखे बंद करते हुए) ओह ….बाबूजी….!! (और अपना मुहँ खोल देती है)
रमेश अपनी मोटी जीभ उर्मिला के मुहँ में घुसा देता है. उर्मिला बाबूजी की जीभ को चूसने लगती है.