तीनो आपस में बातें करते हुए खूब ठहाके लगा रहे थे की तभी छेदी वहां आ जाता है. खुशबू को इस तरह से उर्मिला और पायल से घूल-मिलते देख उसे अच्छा लगता है.
छेदी : अच्छा मैडम जी…अब मुझे चलना होगा. आप लोगों के साथ फिर कभी खाना खा लेंगे…चलो खुशबू…
उर्मिला : अरे अरे..!! आपको जाना हो तो जाइये. खुशबू तो हमारे साथ खाना खा कर ही जाएगी..
छेदी : (आश्चर्य के साथ ) पर मैडम जी, ये…
उर्मिला : ये वो कुछ नहीं छेदी जी. विश्वास करिए. आपकी बहन को सही सलामत हम आपके घर पहुंचा देंगे..
छेदी : अरे मैडम जी ये क्या बोल रही है आप. आप पर तो पूरा विश्वास है.
पायल : तो बस…हो गई बात. अब खुशबू हमारे साथ खाना खा कर ही जाएगी…क्यूँ खुशबू..?
खुशबू : हाँ भैया…आप जाइये. भाभी और पायल दीदी मुझे घर छोड़ देंगी.
खुशबू की बात पर छेदी भी कुछ बोल नहीं पाता है.
छेदी : अच्छा भाई. आप लोग जैसा ठीक समझे. लेकिन खुशबू ३ बजे से पहले घर आ जाना. ठीक है ना?
खुशबू : ठीक है भैया मैं ३ से पहले घर आ जाउंगी.
उर्मिला और पायल से विदा ले कर छेदी वहां से चला जाता है. उसके जाने के बाद तीनो आपस में बातें करने लगते है. कुछ देर बाद उर्मिला खुशबू से कहती है.
उर्मिला : अच्छा खुशबू…एक बात तो बता…
खुशबू : जी भाभी…
उर्मिला : तू अभी १८ साल की है और १२ वीं कक्षा में है. इतनी छोटी से उम्र में तेरे दूध इतने मोटे कैसे हो गए?
उर्मिला की बात सुन कर खुशबू शर्मा के नज़रे झुका लेती है. उसके गालों पर लाली छा जाती है. उर्मिला अपने हाथ से उसका चेहरा उठा कर कहती है.
उर्मिला : अरे बोल ना.. इसमें शर्माने वाली क्या बात है. हम दोनों भी तो कभी तेरी उम्र की ही थी. हमे तो पता है की लड़कियों के दूध मोटे कैसे हो जाते है. बोल…कौन हाथ फेर रहा है इन पर? तेरी क्लास का कोई लड़का है क्या?
खुशबू शरमाते हुए फिर से नज़रे झुका लेती है और सर हिला कर ‘ना’ का इशारा करती है.
उर्मिला : (सोचते हुए) उम्म..!! फिर तो तेरे पड़ोस का कोई लड़का होगा. हैं ना?
खुशबू फिर से शर्माते हुए नज़रे झुका लेती है और सर हिला कर ‘ना’ कर देती है.
उर्मिला : तो..तो वो कहीं तेरे भैया…..(इतना कह कर उर्मिला बड़ी-बड़ी आँखे कर खुशबू को देखने लगती है)
खुशबू शर्माते हुए एक बार भाभी को देखती है फिर मुस्कुरा कर दोनों हाथो में अपना चेहरा छुपा लेती है. पायल और उर्मिला एक दुसरे को बड़ी-बड़ी आँखे कर के देखते है फिर मुस्कुरा देते है. उर्मिला खुशबू के हाथो को उसके चेहरे से हटा देती है और कहती है.
खुशबू : तो इसमें इतना शर्माने वाली क्या बात है. छेदी भैया हैं तेरे. भाई-बहन के बीच तो ये सब चलता ही है.
उर्मिला की बात सुन कर खुशबू की शर्म थोड़ी कम हो जाती है. उसे भी लगने लगता है की उर्मिला और पायल के सामने अगर वो इस बारें में बात करे तो बदनामी का डर नहीं है.
खुशबू : सच भाभी? ये गलत तो नहीं है ना?
उर्मिला : पगली…कोई गलत बात नहीं है. अब मुझे और पायल को ही देख. इसके पापा यानी मेरे ससुर जी हम दोनों के दूध दिन भर मसलते रहते है. अब घर के मर्द घर की लड़कियों और औरतों के दूध नहीं मसलेंगे तो क्या कोई बाहर वाला आ कर मसलेगा ? क्यूँ पायल ?
पायल : और नहीं तो क्या भाभी. बदनामी का डर तो बाहर वालों के साथ रहता है. घर में किस बदनामी का डर?
खुशबू : हाँ पायल दीदी. छेदी भैया भी येही कहते है. लड़कियों को घर में ही ये सब कर लेना चाहिए. लड़कियां बाहर मुहँ मारेगी तो बदनामी हो जाएगी.
उर्मिला : बिलकुल ठीक कहते है तेरे भैया. तो खुशबू तेरे भैया सिर्फ तेरे दूध ही दबाते है या कुछ और भी करते है.
खुशबू अब पूरी तरह से खुल चुकी थी. १८ साल की मासूम लड़की, आज ऐसे दो लड़कियों से मिल रही थी जिनकी नज़र में ये सब पाप नहीं बल्कि पुण्य था. वो अब एक खुली किताब बन चुकी थी.
खुशबू : भैया मेरे दूध तो बहुत पहले से दबा रहे थे. अब तो वो मेरे साथ सब कुछ करते है.
उर्मिला : (उत्साहित हो कर) जरा खुल के बता ना खुशबू. यहाँ हम तीनो के अलवा और कोई नहीं है और हम तीनो एक जैसी ही है.उर्मिला की इस बात पर तीनो जोर-जोर से हंसने लगती है. फिर खुशबू आगे कहती है.
खुशबू : क्या बताऊँ भाभी. भैया तो हमेशा ही मेरी बूर चोदने के चक्कर में रहते है. माँ को हर वक़्त किसी ना किसी बहाने से यहाँ-वहां ३-४ दिनों के लिए भेज देते है और फिर मेरी खूब बूर चुदाई करते है.
खुशबू की बात सुन कर उर्मिला और पायल की आँखे बड़ी और मुहँ खुला का खुला रह जाता है.
पायल : बापरे खुशबू…!! और जब माँ घर पर होती है तब क्या करते है तेरे भैया?
खुशबू : रात में जब माँ सो जाती है तो भैया देर रात कमरे में आ कर मुझे चुपके से जगा देते है और मुझे बाहर ले आते है. फिर कभी रसोई में तो कभी बाथरूम में तो कभी सोफे के पीछे मेरी पटक-पटक के लेते है.
उर्मिला : उफ़ खुशबू…!! तू अपने भैया का पूरा लेती है क्या?
खुशबू : हाँ भाभी…पहले तकलीफ होती थी पर अब तो भैया जब पूरा घुसा देते है तो बड़ा मजा आता है.
उर्मिला : तो क्या तेरे भैया आज तुझे ३ बजे इसलिए घर आने कह रहे थे की तेरी चुदाई कर सके?
खुशबू : हाँ भाभी. आज ६ बजे माँ आ जाएगी. तो भैया माँ के आने से पहले मुझे २-३ घंटे अच्छे से चोदेंगे.
उर्मिला : हाय खुशबू..!! तेरी बात सुन कर तो बदन में गर्मी चढ़ गई. लगता है घर जा कर बाबूजी के लंड से ही आग बुझानी पड़ेगी.
खुशबू : पायल दीदी आप भी पापा के लंड से अपनी बूर की आग बुझाओगे ना?
उर्मिला : नहीं रे खुशबू. इसकी तो अभी सील भी नही टूटी है. बेचारी कब से अपने पापा से सील तुड़वाने के चक्कर में है.
खुशबू : सच पायल दीदी? आपकी जवानी अब भी सील पैक है?
पायल : हाँ खुशबू. एक बार पापा ने कोशिश की थी लेकिन मुझे दर्द हुआ तो उन्होंने छोड़ दिया.
खुशबू : हाँ पायल दीदी. पहली बार तो थोडा दर्द होता ही है पर एक बार सील टूट गई और लंड अन्दर चला गया तो मजा भी बहुत आता है.
उर्मिला : मैं भी तो कब से इसे येही समझा रही हूँ.
पायल : भाभी अब तो मैं भी पापा का लंड अपनी बूर में लेने के लिए तड़प रही हूँ. आप करिए ना कोई उपाय.
उर्मिला : हाँ बाबा करती हूँ कुछ. अच्छा खुशबू तू मुझे और पायल को अपना नंबर दे दे. जब बात करनी हो तो हम एक दुसरे को कॉल कर लिया करेंगे.
खुशबू भी ख़ुशी-ख़ुशी अपना नंबर दे देती है. तभी खाना भी आ जाता है और तीनो बातें करते हुए खाने लगते है. खाना ख़तम कर के तीनो होटल से बाहर आते है और एक ऑटोरिक्शा में बैठ कर खुशबू के बताये पते पर जाने लगते है. ऑटोरिक्शा में बैठे हुए पायल खुशबू को देखती है. उसकी १८ साली की जवानी जो वो हर रोज अपने भैया से खुल कर लुटवाती है, पायल को अपने पापा से चुदने की प्रेरणा दे रही थी. वो खुशबू को अब अपनी एक पक्की सहेली के रूप में देख रही थी. उर्मिला भी पायल के दिल की बात भांप लेती है. पायल को एक नयी और अच्छी सहेली मिल जाने पर उर्मिला भी बहुत खुश होती है.