Incest घरेलू चुते और मोटे लंड – Part 1 – Pure Taboo

अपडेट २२:

रमेश अपने लंड के टोपे को पायल की गीली बूर पर रगड़ रहे है. रमेश अपनी कमर धीरे से ऊपर की ओर करते है तो लंड बूर पर निचे से ऊपर रगड़ खा जाता है. जब कमर निचे की ओर करते हैं तो लंड ऊपर से निचे की ओर रगड़ खा जाता है. लंड का मोटा टोपा जब भी पायल की बुर पर रगड़ खाता, उसकी बूर काँप सी जाती, कमर हल्का झटका लेती और मुहँ से सिसकारी निकल जाती. बीच-बीच में जब भी पायल आँखे खोल कर पापा को देखती तो तेज़ साँसे लेते हुए अपने ओंठ काट लेती और फिर से आँखे बंद कर दूसरी तरफ सर घुमा लेती. पायल का नंगा बदन और उस पर ये अदा, रमेश के लंड को और ज्यादा गरमा रहे थे.

रमेश ने पायल की बूर पर एक नज़र डाली तो उसमे से धीरे-धीरे पानी बह रहा था. बूर किसी डबल रोटी की तरह फूल गई थी और बूर के ओंठ खुल गए थे. रमेश को ऐसा लगा मानो पायल की बूर उनके लंड को अपने अन्दर समां लेने के लिए बेताब है. अपने दोनों हांथों को पायल की पीठ के निचे से ले जाते हुए रमेश उसके कन्धों को कस लेते है. अपने ओठों को पायल के गुलाबी ओठों पर रख कर रमेश अपने मोटे लंड के टोपे को पायल की बूर पर टिकाते है तो पायल का बदन सिहर उठता है. पायल के दोनों हाथ रमेश की पीठ पर कस जाते है. पायल के ओंठ रमेश के ओंठों से रगड़ खाते हुए अलग होते है और पायल आँखे बंद किये अपने सर को पीछे की और धीरे-धीरे गिराने लगती है. उसकी ठोढ़ी ऊपर उठती चली जाती है और सुराही जैसी गोरी गर्दन रमेश के सामने आ जाती है. रमेश पायल की गर्दन पर जैसे ही अपने ओंठ रखते हैं, पायल अपने नाख़ून रमेश की पीठ पर गड़ा देती है.

एक मंझे हुए खिलाड़ी की तरह रमेश अपनी कमर को धीरे से निचे करते हुए लंड के टोपे का दबाव पायल की बूर के छेद पर डालते है. अपनी बूर पर टोपे का दबाव महसूस कर पायल आँखे बंद किये सिसकारी ले लेती है. रमेश थोडा और दबाव डालते है तो उनका लंड गीली बूर पर से फिसलता हुआ पायल के पेट पर पहुँच जाता है. रमेश के लंड से थोडा पानी निकल कर पायल की नाभि में जमा हो जाता है. रमेश फिर से अपने लंड को पकड़ कर पायल की बूर के मुहँ पर रखते है. हल्का सा दबाव डालते हुए वो जैसे ही कमर आगे करते है, उनका लंड इस बार बूर पर से फिसलता हुआ निचे पायल की चूतड़ों के बीच घुस जाता है. ये देख कर उर्मिला बाबूजी से कहती है.

उर्मिला : बाबूजी…पायल की बूर बहुत कसी हुई है. जरा ध्यान से खोलियेगा….

रमेश : हाँ बहु….बहुत कसी हुई बूर है मेरी बेटी की. लंड फिसल जा रहा है.

रमेश इस बार लंड को हाथ से पकड़ते है और पायल की बूर के मुहँ पर रख देते है. हाथ से लंड पकडे हुए रमेश जोर लगाते है तो लंड का टोपा बूर में घुसा जाता है और पायल रमेश की पीठ पर अपने नाख़ून गडाते हुए चिल्ला देती है.

पायल : आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह……!! पापा….!! निकालीये इसे….प्लीज पापा….!!

रमेश पायल को इस तरह से चिल्लाता देख सहम जाते है. वो अपनी कमर पीछे कर लेते है. उर्मिला भी पायल के सर पर हाथ फेरने लगती है.

रमेश : क्या हुआ पायल बेटी? दर्द हो रहा है क्या?

पायल : हाँ पापा…!! बहुत दर्द हो रहा है. आपका लंड बहुत मोटा है. मैं इसे नहीं ले पाऊँगी पापा…!!

रमेश प्यार से पायल के गालों पर हाथ फेरने लगते है.

रमेश : मेरी प्यारी गुडिया रानी. थोडा तो दर्द होगा ना बेटी. कोई बात नहीं…अब पापा धीरे से डालेंगे…अपनी बिटिया को जरा सा भी दर्द नहीं होने देंगे.

पापा की बात सुन कर पायल को थोड़ी हिम्मत मिलती है. वो फिर से एक बार अपने आप को पापा के गधे जैसे लंड के लिए तैयार कर लेती है. रमेश फिर से लंड को पकड़ कर पायल की बूर के मुगन पर रखते है और धीरे से दबाते है. लंड का टोपा फिर एक बार फिसल कर बूर में घुस जाता है. पायल इस बार और भी ज्यादा जोर से चिल्ला उठती है.

पायल : नहीं पापा….!!! मैं नहीं ले पाऊँगी….बहुत मोटा है…प्लीज पापा…!! प्लीज इसे निकाल लीजिये…..

इस बार पायल की आँखों में हलके आंसू भी आ जाते है. पायल के आंसू देखकर रमेश का दिल पिघल जाता है. उनके अन्दर का बाप का प्यार उनकी हवस पर भारी पड़ जाता है. अपनी कमर को पीछे करते हुए रमेश अपने लंड को पायल की बूर पर से हटा लेते है. पायल के माथे को चूम कर रमेश कहते है

रमेश : ठीक है पायल बेटी. अगर तुम्हे लग रहा है की तुम मेरा लंड नहीं ले पाओगी तो मैं जबरदस्ती नहीं करूँगा. बाप हूँ मैं तुम्हारा , बहुत प्यार करता हूँ अपनी पायल बेटी से…

पापा की बात सुन कर पायल को रमेश की बेटी होने पर गर्व महसूस होता है. वो जानती है की पापा चाहते तो एक झटके में उसकी बूर में लंड ठूँस देते. लेकिन पापा ने ऐसा नहीं किया. अपने लिए पापा का प्यार और वो इज्ज़त देख कर पायल अपने आप को रमेश से लिपटने से नहीं रोक पाती है. अपनी बाहें रमेश के गले में डाले वो रमेश से लिपट जाती है. अपने ओठों को रमेश के ओंठों पर रख कर पायल रमेश को चुम्मी देती है. उस चुम्मी में एक बेटी के प्यार के साथ-साथ एक २१ साल की लड़की का भी प्यार था जो अपने पापा का लंड लेना चाहती थी.

पायल : (रमेश की आँखों में देखते हुए) आई एम सॉरी पापा…!! मैंने आपको निराश कर दिया…

रमेश : (मुस्कुराते हुए) कोई बात नहीं बेटा…आज नहीं तो फिर कभी…जब मेरी पायल बिटिया तैयार हो जाएगी तब पापा से अपनी बूर खुलवा लेना…

पायल रमेश को बड़े ही प्यार से देखती है. पापा का लंड अब भी पूरा का पूरा तन कर खड़ा है. पायल एक नज़र पापा के लंड पर डालती है और कहती है.

पायल : पापा आज आप मेरी बूर नहीं ले पाए तो क्या हुआ? भाभी की बूर तो ले ही सकते हो ना?

पायल की बात सुनते ही रमेश की नज़र उर्मिला पर जाती है. बाबूजी को देखते ही उर्मिला शर्म से नज़रे झुका लेती है फिर धीरे-धीरे नज़रें उठा कर बाबूजी को देखने लगती है.

रमेश : ऐसे क्या शर्मा रही हो बहु? क्या मेरा तुम पर इतना भी हक नहीं है?

उर्मिला : ये आप क्या कह रहे हैं बाबूजी? मैं आपकी बहु हूँ. आपका हक तो मुझ पर रौनक से भी कहीं ज्यादा है. और फिर आपने तो अपने लंड के पानी से मेरी मांग भी भरी है. मेरा बदन, मेरा हर अंग, मेरा रोम-रोम आपका है बाबूजी….

उर्मिला की बात सुन कर रमेश को अपनी बहु पर गर्व महसूस होता है. उसे लगता है की ऐसी बहु पाकर वो धन्य हो गया.

रमेश : तुम सच में एक आदर्श बहु हो उर्मिला. भगवान करे तुम्हारी जैसी बहु सबको मिले.

पायल ससुर-बहु की बातें बड़े ध्यान से सुन रही थी. उसे इस बात की ख़ुशी थी की भाभी सच में कितनी अच्छी है. घर में सभी को प्यार और सम्मान देती है. पायल रमेश और उर्मिला के बीच से उठ कर बिस्तर के निचे खड़ी हो जाती है. बाबूजी की बात सुन कर उर्मिला उनके पैरों को पकड़ लेती है.

उर्मिला : (बाबूजी के पैर पर सर रखते हुए) ओह बाबूजी..!! आपने एक पराई लड़की को अपने घर की बहु बनाकर सम्मान दिया, इतना प्यार दिया. मैं भगवान से प्रार्थना करुँगी की वो आप जैसे बाबूजी हर बहु को दे….

रमेश उर्मिला के सर पर हाथ फेरने लगते है. फिर धीरे-धीरे उसे उठाने लगते है. उर्मिला अपना सर धीरे-धीरे ऊपर करने लगती है. उसकी नज़रों के सामने बाबूजी का मोटा लंड तन के खड़ा है. उर्मिला लंड को देखती है फिर बाबूजी को देखते हुए कहती है.

उर्मिला : मुझे आशीर्वाद दीजिये बाबूजी…

रमेश : (उर्मिला को देख कर मुस्कुराते हुए) अपना मुहँ खोलो बहु….उर्मिला बाबूजी की आँखों में देखती है, फिर नज़रे नीची कर के उनके लंड को. कुछ क्षण लंड को निहारने के बाद, उर्मिला नज़रे उठा के बाबूजी को देखती है और धीरे-धीरे अपना मुहँ खोल देती है. बाबूजी अपना एक हाथ उर्मिला के सर के पीछे ले जा कर पकड़ लेते है और दुसरे हाथ से लंड की जड़ को पकड़ कर लंड का टोपा उर्मिला के मुहँ में डाल देते है. अपने हाथ से उर्मिला के सर को पीछे से पकडे रमेश अपनी कमर को आगे झटका देते हुए लंड उर्मिला के मुहँ में ठूँस देते है.

रमेश : (लंड उर्मिला के मुहँ में ठूँसते हुए) सदा सुहागन रहो बहु…..आह…!!

फिर रमेश अपनी कमर को पीछे करते हुए लंड उर्मिला के मुहँ से बाहर निकाल लेते है. उर्मिला वैसे ही मुहँ खोले बैठी है. रमेश फिर से अपनी कमर को झटका देते हुए लंड को उर्मिला के मुहँ में ठूँस देते है.

रमेश : (लंड उर्मिला के मुहँ में ठूँसते हुए) दूधो नहाओ पूतो फलो….आह….!!

फिर रमेश अपनी कमर को पीछे करते हुए लंड उर्मिला के मुहँ से बाहर निकाल लेते है और फिर से अपनी कमर को झटका देते हुए लंड को उर्मिला के मुहँ में ठूँस देते है.

रमेश : (लंड उर्मिला के मुहँ में ठूँसते हुए) जल्द ही खुशखबरी दो बहु….ओह……!!

रमेश की इस बात पर पायल झट से बोल पड़ती है…

पायल : पापा..!! आप ही भर दीजिये ना भाभी की गोद…रौनक भैया तो १ साल से कुछ कर ही नहीं पाए.

पायल की बात सुन कर रमेश उर्मिला को मुस्कुराते हुए देखते है. पायल की बात और बाबूजी का इस तरह से देखना, उर्मिला तो शर्म से लाल हो जाती है. रमेश अपने हाथ से उसकी ठोड़ी पकड़ के ऊपर करते है और उर्मिला की आँखों में देखते हुए कहते है.

रमेश : बोलो बहु…!! अपने बाबूजी का बच्चा पेट में लोगी? माँ बनोगी अपने ससुर के बच्चे की?

उर्मिला : (बाबूजी को देखते हुए, तेज़ साँसों से) हाँ बाबूजी…!! मेरी कोंख मैं अपना बच्चा दे दीजिये. बना दीजिये मुझे अपने बच्चे की माँ….

उर्मिला की बात सुनते ही बाबूजी जोश में आ जाते है. उर्मिला की जाँघों को पकड़ कर वो अपनी तरफ खींच लेते है. उर्मिला बिस्तर पर रमेश के ठीक सामने टाँगे फैलाए गिर जाती है. रमेश झट से उर्मिला पर छलांग लगा देते है और उसे चूमने-चाटने लगते है.

रमेश : ओह मेरी बहु….!! कितनी सुन्दर, सुशील और पूरी जवान गदराई हुई.

उर्मिला : ओह बाबूजी….!! लूट लीजिये अपनी बहु की जवानी….देखिये ना आपकी बहु कैसे अपनी टाँगे खोले आपके मोटे लंड के लिए तरस रही है….

उर्मिला की बात सुन कर रमेश अपने लंड के टोपे को उसकी गीली बूर के मुहँ पर रख देते है और कमर को एक झटका देते ही टोपा बूर में घुस जाता है. उर्मिली की चीख निकल जाती है.

उर्मिला : आह्ह्ह्हह्ह….!!! बाबूजी…..!!!

उर्मिला रमेश को कास के पकड़ लेती है. उसके बड़े-बड़े दूध रमेश के कसे हुए सीने पर चिपक जाते है. रमेश अपनी कमर को स्थिर किये उर्मिला की बूर पर लंड का दबाव बनाते है तो लंड धीरे-धीरे बूर में धसने लगता है. पायल पापा के लंड को उर्मिला की बूर में धीरे-धीरे घुसता देख आश्चर्यचकित हो जाती है. उसकी आँखे बड़ी और मुहँ खुल जाता है. ऐसा लग रहा है की मानो उसने दुनिया का आँठवा अजूबा देख लिया हो. उसे यकीन नहीं हो रहा था की अभी-अभी जिस लंड ने उसकी जान निकाल दी थी उस लंड को उर्मिला अपनी बूर में कैसे ले रही है.

रमेश जोर लगते हुए अपना लंड उर्मिला की बूर में ठेलते चले जाते है और कुछ ही क्षण में उनका पूरा लंड जड़ तक उर्मिला के बूर में समां जाता है. उर्मिला रमेश को कस कर पकडे हुए है. पापा का पूरा का पूरा लंड उर्मिला की बूर में जड़ तक धंसा देख पायल को चक्कर आने लगता है. रमेश अपनी कमर को पीछे करते है तो उनका लंड बूर से बाहर आ जाता है. फिर वो लंड को उर्मिला की बूर पर रख कर एक जोर का धक्का लगाते है तो लंड एक झटके में उर्मिला की बूर में फिर से पूरा धंस जाता है. रमेश के बड़े-बड़े गोटे जैसे ही उर्मिला की चूतड़ों से टकराते है तो सारा कमरा ‘ठप्प’ की जोरदार आवाज़ से गूंज उठता है. ‘ठप्प’ की आवाज़ इतनी तेज़ होती है की पास खड़ी पायल डर के उच्चल सी जाती है.

उर्मिला : आह्ह्हह्ह….बाबूजी..!! बहुत मोटा है आपका….

रमेश : तुम्हारी बूर भी कमाल की है बहु. कसी हुई है फिर भी पूरा अन्दर तक ले रही है….बहुत मजा देगी….

क्रमश:

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