उधर सोनू पायल के पेट को पागलो की तरह चाते जा रहा है. वो कभी अपनी जीभ नाभि में घुसा के चाट लेता तो कभी उसके आसपास जीभ घुमाते हुए चाटने लगता. पायल इसका पूरा मजा ले रही है. कुछ देर बाद पायल सोनू से कहती है…
पायल : सोनू…अपनी दीदी की नंगी जवानी देखेगा?
सोनू : हाँ…हाँ दीदी…देखूंगा….
पायल अपने दोनों हाथो को ऊपर उठा देती है और सोनू से कहती है…
पायल : तो देख ले सोनू…उतार दे मेरी टॉप और देख ले अपनी दीदी की नंगी जवानी….
सोनू कुछ देर वैसे ही टॉप पर उठे हुए पायल के दूध को देखता है फिर एक झटके से पायल की टॉप ऊपर से खींच कर उतार देता है. पायल के बड़े-बड़े-दूध उच्छल कर उसके सामने आ जाते है. अब सोनू के सामने पायल आधी नंगी खड़ी है. दोनों हाथ ऊपर है. बगलों में बाल, बड़े बड़े गोल गोल दूध और निचे चिकना मुलायम पेट और गहरी नाभि. सोनू तो बस ये नज़ारा हमेशा अपने सपनो में ही देखा करता था. आज वो सपना हकीकत बन के उसके सामने था. सोनू पायल के बदन को किसी भूके भेड़िये की तरह देख रहा था. अचानक से वो पायल के दोनों दूध के बीच अपना मुहँ घुसा देता है.
सोनू : ओह पायल दीदी….उम्म्म्मम्म्म्म…….!!
पायल भी मस्ती में एक हाथ से अपने बालों को पीछे करते हुए आँखे बंद कर लेती है.
पायल : उफ़ सोनू…..ओह…!!
सोनू पायल के बड़े-बड़े दूध के बीच अपना मुहँ घुसा के चाटे जा रहा था. कभी दायें दूध को चाटता तो कभी बायें. फिर वो दोनों दूध को हाथो में लिए गौर से दखता है और दायें दूध के निप्पल को जोर जोर से चूसने लगता है. पायल पूरी मस्ती में सोनू के सर पर हाथ फेरते हुए अपना दूध चुसवाने लगती है. सोनू अब पायल के नंगे बदन से खेलने लगा था. दूध चूसते हुए वो पायल की पसीने और बालों वाली बगलों को सूंघ लेता और जीभ से चाट लेता. पायल के दोनों दूध के बीच मुहँ घुसा के रगड़ देता. कभी पायल के नंगे बाद से आँखे बंद किये लिपट जाता और उसकी नंगी पीठ पर हाथ फेरने लगता. सोनू ई हालत ऐसी थी मानो किसी भिकारी को खज़ाना मिला गया हो.
उधर रसोई में ससुर-बहु का अलग ही खेल चल रहा था. जीभ चूसने के बाद बाबूजी उर्मिला के ब्लाउज के हुक खोलने लगे थे. हुक खुलते ही उर्मिला की बड़ी बड़ी चूचियां बाबूजी के सामने नंगी हो जाती है. बिना कोई वक़्त गवायें बाबूजी उर्मिला की चुचियों को मुहँ में भर लेते है और चूसने लगते है. उर्मिला अपने ओंठ काटते हुए बाबूजी से दूध चुसवा रही है. आज बाबूजी पुरे जोश में उर्मिला के दूध दबा-दबा के पी रहे थे. वो निप्प्लेस ऐसे चूस रहे थे की अगर उर्मिला दूध दे रही होती तो आज एक बूँद भी नहीं बचता. अच्छे से दूध चूसने के बाद बाबूजी उर्मिला से कहते है.
रमेश : बहु…आज मेरे पैर नहीं पढ़ोगी?
उर्मिला भी समझ जाती है की बाबूजी के दिल में क्या है. खुले ब्लाउज से बाहर आये नंगे दूध के साथ उर्मिला धीरे से झुकती है और बाबूजी के पैर छुती है. पैर पढ़ने के बाद वो जैसे ही खड़े होने लगती है तो बाबूजी का ११ इंच का लम्बा मोटा लंड उर्मिला के सर से रगड़ खाता हुआ उसके ओठों पर आ कर रुक जाता है. उर्मिला वैसे ही लंड को ओठो पर रखे नज़रे उठा के बाबूजी को देखती है.बाबूजी की आँखों में उसे हवस दिखाई दे रही है. बाबूजी उर्मिला से कहते है..
रमेश : खा ले बहु…अपने बाबूजी का लंड खा ले….
उर्मिला अपना मुहँ खोलती है और बाबूजी का आधा लंड अन्दर ले लेती है. बाबूजी आँखे बंद किये धीरे से अपनी कमर आगे कर देते है. उर्मिला बाबूजी का लंड पकड़ के हाथ घुमाने लगती है. लंड की चमड़ी निचे करते हुए उर्मिला बाबूजी का लंड चूसने लगती है. बाबूजी भी धीरे धीरे अपनी कमर हिलाने लगते है. उर्मिला का सर पकड़ के बाबूजी अपना लंड उसके मुहँ में ठूँस देते है. कुछ देर आधा से ज्यादा लंड ठूँस के रखने के बाद जब वो लंड बाहर निकालते है तो उर्मिला के मुहँ से लार की एक लम्बी की डोर बाबूजी के लंड से चिपक कर बाहर आती है. एक क्षण बाबूजी वैसे ही रहते है और फिर से अपना लंड उर्मिला के मुहँ में ठूँस देते है.
उधर सोनू के कमरे में भाई-बहन पूरे जोश में लगे हुए है. पायल आधी नंगी उलटी हो कर बिस्तर पर लेटी हुई है. सोनू पास बैठे हुए अपनी जीभ पायल की कमर पर रख कर निचे से ऊपर जीभ रगड़ते हुए कंधो तक चाट रहा है. जीभ लगा कर कमर से चाटते हुए ऊपर कंधो तक जाता और फिर से कमर के पास आ कर ऊपर तक चाटने लगता. देखने में ऐसा लग रहा है की कोई लम्बी चौड़ी आईस -क्रीम बिस्तर पर पड़ी है जिसे सोनू अपनी जीभ से निचे से ऊपर ता चाट रहा है. सोनू को ऐसा करते हुए देख पायल कहती है.
पायल : आह सोनू…मेरा बदन पसीने से भरा है…क्यूँ चाट रहा है ऐसे?
सोनू : आह दीदी…मत रोकिये मुझे आज…आज मैं आपका सारा बदन ऐसे ही चाट लूँगा…हर जगह….एक भी अंग नहीं बचेगा मेरी जीभ से…आह…दीदी….
पायल भी समझ जाती है की आज उसका सारा बदन, एक एक अंग, सोनू की जीभ के पानी से नहा जायेगा. एक एक कर के सोनू पायल की पीठ, बगल, हाथ, जांघे, पैर, गर्दन, मुहँ सब चाट लेता है. पायल सर घुमा के सोनू से कहती है.
पायल : सोनू…मेरी स्कर्ट और पैन्टी भी उतार दे…
सोनू : आह दीदी…मेरी प्यारी दीदी…(कहता हुआ पायल की स्कर्ट और पैन्टी एक साथ खीच कर उतार देता है)
सोनू के सामने पायल की चौड़ी चुतड नंगी पड़ी है. ये वही चुतड है जिसे याद करके सोनू ने न जाने कितनी ही बार लंड से फौवारे उडाये थे. आज उसी चुतड को ऐसे खुला देख सोनू के मुहँ में पानी आ जाता है. वो एक बार पायल की आँखों में देखता है और अपना मुहँ चूतड़ों के बीच में घुसा देता है.
उधर रसोई में बाबूजी उर्मिला के मुहँ से लंड निकाल कर झट से उर्मिला को खड़ी कर देते है. बाबूजी उर्मिला के पीछे जाते है और उसकी साड़ी कमर के ऊपर तक उठा देते है और उसकी कमर दोनों हाथो में जकड लेते है. फिर अपना लंड उर्मिला की चूतड़ों के बीच रख कर उसकी कमर पकडे हुए ऐसा झटका मारते है की उर्मिला की दोनों टाँगे फैलकर ऊपर हवा में उठ जाती है. उसकी बालोंवाली बूर की फांको से चीप-चीपे पानी की २-३ बूंदे उड़ कर ज़मीन पर गिर जाती है.
उर्मिला : आह्ह्हह्ह…!! बाबूजी….क्या कर रहें है आप?
रमेश : अपनी प्यारी बहु का छेद तलाश रहा हूँ…किसी में तो घुसे….
रमेश ३-४ बार वैसे ही जोर से झटके देता है और हर बार उर्मिला की टाँगे फ़ैल कर हवा में उठ जाती है.
उर्मिला : आह्ह्ह्ह…!! बाबूजी…अभी छेद में डालने का वक़्त नहीं है…आह्ह्ह्ह…!! मम्मी जी आ जाएगी…आह्ह्ह…!!पायल की बात समझते हुए रहेश झट से उर्मिला को ज़मीन पर बिठा देता है और एक पैर रसोई के शेल्फ पर रख कर दुसरे पिअर का घुटना मोड़ के लंड उसके मुहँ में डाल देता है. रमेश अपनी कमर हिलाते हुए उर्मिला के मुहँ को जोर जोर से चोदने लगता है जैसे उसकी बूर चोद रहा हो.
उधर सोनू पायल की चूतड़ों के बीच मुहँ डाले पहले तो अच्छे से सुन्घ्ता है फिर पायल के गांड के छेद को चूसने लगता है. अपनी जीभ छेद में लगा कर वो धीरे से अन्दर ठेलता है तो जीभ का उपरी हिस्सा अन्दर चले जाता है.
पायल : उफ़ सोनू…!!
सोनू अब अपनी जीभ को पायल के गांड के छेद में अन्दर बाहर कर रहा है. जीभ का उपरी हिस्सा फिसलता हुआ अन्दर जाता है और फिर बाहर आ जाता है. बीच बीच में सोनू पायल की चूतड़ों के निचे जीभ रख कर ऊपर तक चाट लेता है. पायल को ऐसा मज़ा ज़िन्दगी में पहली बार मिल रहा था और वो भी अपने सगे छोटे भाई से. वो तो मानो किसी और ही दुनिया की सैर कर रही थी. पायल पेट के बल नंगी लेती है और पीछे से सोनू उसकी गांड चाट रहा है. कुछ देर बाद सोनू अपने होश खो कर झट से अपनी टी-शर्ट और शॉर्ट्स उतार कर पायल के ऊपर नंगा लेट जाता है. उसका लंड का टोपा पायल की गांड के छेद पर अटक जाता है. वो पायल पर लेट कर उसकी गर्दन चूमने लगता है और तभी उसकी कमर एक झटका लेती है और सोनू के लंड का टोपा थूक से भरे पायल की गांड के छेद में हल्का सा घुस जाता है. पायल दर्द से चिल्ला उठती है…
पायल : हाय रे बहनचोद…..ये क्या कर रहा है?
सोनू पायल के मुहँ से पहली बार ऐसी गाली सुन कर डर जाता है और उठ कर बैठ जाता है. पायल एक बार अपनी गांड पर हाथ रख कर अपने दर्द को कम करने की कोशिश करती है. पायल का वो दर्द भरा चेहरा देख कर सोनू और भी ज्यादा डर जाता है. कुछ ही देर में पायल का दर्द कम होता हिया तो वो सोनू को देख कर कहती है.
पायल : ऐसे कोई भाई अपनी बहन की गांड में लंड देता है क्या?
सोनू : (डरता हुआ) अ..अ…आई एम सॉरी दीदी….अब नहीं करूँगा…
पायल : (मुस्कुराते हुए) मैंने कब कहा की दोबारा मत करना? मैं तो ये कह रही हूँ की ऐसे अचानक मत कर देना…दर्द होता है…
पायल अब सीधा हो कर लेट जाती है…
पायल : अब अपनी दीदी को ऐसे क्या देख रहा है? दीदी का खुला हुआ मुहँ और उसके गुलाबी ओंठ नहीं दिख रहे है क्या? इसमें क्या अब कोई पराया मर्द लंड डालेगा? बोलो ना मेरे …”भैया” ?
पायल के मुहँ से “भैया” सुन कर सोनू का लंड झटके के साथ खड़ा हो जाता है.
सोनू : ओह दीदी…मेरी प्यारी दीदी…. (बोलता हुआ पायल के मुहँ पर कमर लाते हुए लंड मुहँ में डाल देता है)
अपने दोनों हाथों को सोनू बिस्तर पर रख कर, एक पैर पायल के सर के पास और दूसरा लम्बा किये हुए पायल की कमर के पास रख कर सोनू अपनी कमर निचे कर लंड उसके मुहँ में दे रहा है. पायल सोनू के लंड को अपने मुह में खींचते हुए चूस रही है. कभी सोनू अपनी कमर जोर से हिला देता तो कभी धीरे. सोनू बूर जैसा मजा पायल के मुहँ में पा रहा था.
उधर बाबूजी उर्मिला के मुहँ में अपना मोटा लंड सटा-सट अन्दर बाहर कर रहे है. ऐसा तो शायद बाबूजी ने कभी किसी बूर की भी चुदाई नहीं की होगी जैसी आज वो उर्मिला के मुहँ की कर रहे थे. बाबूजी की कमर को पकडे उर्मिला भी उनके लंड से अपना मुहँ चुदवा रही थी.
रमेश : हाय बहुरानी…!! तेरा मुहँ बहुत मज़ा दे रहा है. बीच बीच में जो तू मेरे टोपे पर अपनी जीभ घुमा देती है …वाह…!! दिल करता है की अपनी बहूँ को यहीं पटक के उसकी बूर चोद दूँ…
उर्मिला : (लंड से मुहँ हटा के)हाँ बाबूजी…जरुर चोदीयेगा ….. (फिर से लंड मुहँ में ले कर चुदवाना शुरू कर देती है)
रमेश : हाँ बहु….और वो पायल भी खूब चुदेगी एक दिन मुझसे….अपने बड़े-बड़े दूध लिए घर में जो “पापा-पापा” करते हुए घुमती है ना….एक दिन पापा पकड़ के उसकी बूर चोद लेंगे…
रमेश अपने होश खो कर अनाप-शनाप बोले जा रहा था जिसका मजा उर्मिला पूरा उठा रही थी.
उर्मिला : (लंड निकल कर) हाँ बाबूजी…एक दम कसी हुई बूर है पायल की….लंड डालोगे तो कसावट के साथ धीरे-धीरे जायेगा अन्दर….
उर्मिला की उस बात ने रमेश के लंड में जोश भर दिया. वो अब पूरे जोश में उर्मिला का मुहँ चोदने लगता है.
रमेश : अरे…मेरी पायल की बूर….आह्ह्ह….!! कितनी भी…आह…कसी हुई…हो..! पापा का मोटा…लंड…पूरी फैला देगा…आह्ह्ह्ह….!!!
इतना कहते ही रमेश के लंड से गाड़े सफ़ेद पानी की पिचकारिया उर्मिला के मुहँ के अन्दर छुटने लगती है. उर्मिला एक ही सांस में सारा पानी पीने लगती है. बाबूजी अपने लंड को पकडे सारा पानी उर्मिला के मुहँ में निचोड़ने लगते है. कुछ ही क्षण में एक-एक बूँद उर्मिला के मुहँ में गिराने के बाद बाबूजी अपना लंड बाहर निकाल लेते है.
रमेश : बहु…बहहुत मज़ा आया. अब बताओ अपनी बूर कब दे रही हो?
उर्मिला : जल्द ही दूंगी बाबूजी. जब कोई रोकने-टोकने वाला ना हो तो आप मेरी बूर में अच्छे से लंड पेल देना. अब आप जाइये बाबूजी…मम्मी जी कभी भी उठ सकती है.
रमेश : हाँ बहु…अब मुझे चलना चाहिए…
अपनी धोती ठीक करते हुए बाबूजी वहां से चल जाते है और उर्मिला भी अपना मुहँ पोंछ कर काम में लग जाती है.
उधर सोनू पायल के मुहँ की जम के चुदाई कर रहा है. उसकी कमर कभी राजधानी की रफ़्तार पकड़ लेती तो कभी पेसेंजेर की. बीच में जैसे ही सोनू ना अपना लंड पायल के मुहँ से निकाला तो पायल ने धीरे से कह दिया, “ओह मेरे भैया”. इस बात पर सोनू ने अपना लंड जोर से पायल के मुहँ में जड़ तक ठूँस दिया और उसके मुहँ से “ओह मेरी बहना” निकल गया. अब इस खेल में दोनों भाई-बहन को मजा आने लगा था. सोनू अपना लंड पायल के मुहँ से बाहर निकालता तो पायल “ओह मेरे भैया” कह देती और जब सोनू उसके मुहँ में लंड वापस जड़ तक ठूँस देता तो वो “ओह मेरी बहना” कह देता. ६-७ बार दोनों इस “भैया” और “बहना” के खेल को खेलते है तभी सोनू जैसे ही “ओह मेरी बहना” कह कर लंड ठूंसता है, पायल दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़ लेती है. सोनू अब अपने आप को रोक नहीं पाटा और लंड से मोटी सफ़ेद पिचकारिया उसके मुहँ में छोड़ने लगता है. पायल की साँसे रुक रही है है पर ये सफ़ेद गाढ़ा पानी उसके अपने सगे भाई का था जिसकी वो एक बूँद भी बर्बाद नहीं होने दे सकती थी. सोनू की कमर पकड़े पायल उसके लंड की एक एक बूँद अपने मुहँ में झडवा लेती है. कुछ देर बाद सोनू अपना लंड बाहर निकालता है तो टोपे पर एक बूँद मानो गिरने को तरस रही है. पायल उस बूँद को गौर से देखती है और अपने एक हाथ से लंड पकडती है और दुसरे हाथ से उसके अन्डकोशों को धीरे से दबा देती है. वो बूँद टोपे पर से फिसलती हुई सीधे पायल के मुहँ में आ गिरती है जिसे वो प्यार से गटक लेती है.
दोनों भाई-बहन एक दुसरे को देख रहे है. सोनू की आखों में देखते हुए पायल धीरे से कहती है, “भैया मेरे….राखी के बंधन को निभाना”. सोनू भी पायल को प्यार से देखने लगता है. दोनों एक दुसरे की तरफ मुस्कुराते हुए देख रहे है और आने वाले रक्षाबंधन के भाई-बहन के प्यार के सपनो को संजोने लगते है.
अपडेट २१:
सुबह के ७ बज रहे है. पायल बिस्तर में अंगडाई लेते हुए ऑंखें खोलती है. कल सोनू के साथ हुई घटना ने उसके बदन में एक अजीब सी मस्ती भर दी थी. अपने ही परिवार के दो मोटे-मोटे लंड को याद कर पायल मुस्कुरा देती है. ये मुस्कराहट लंड से ज्यादा उन रिश्तों की वजह से थी जो पायल और दोनों लंड के मालिकों के बीच था. एक बाप तो दूसरा भाई. बिस्तर से उतर कर पायल आईने के सामने खड़ी हो जाती है और अपनी स्कर्ट उठा के अपनी बालोवाली बूर को धीरे-धीरे सहलाने लगती है. बूर के गुलाबी ओंठों को अपनी दो उँगलियों से खोलते हुए पायल कहती है, “किसका पहले लेगी, बोल..? पापा का या सोनू का?”. अपनी बूर से बातें करते हुए पायल को हंसी आ जाती है. दोनों हाथों को उठा के अपने बाल बनाते हुए वो धीरे से अपनी बगल को सूंघती है. अपने बगल की तेज़ गंद पर गर्व महसूस करते हुए पायल बाथरूम जाती है और फिर धीरे-धीरे रसोई की तरफ बढ़ने लगती है.
रसोई में उर्मिला हमेशा की तरह अपना काम कर रही है. पायल उर्मिला को देखती है तो पीछे से लिपट जाती है.
पायल : ह्म्म्म…!! भाभी…!!
उर्मिला : अरे पायल..!! उठा गई तू? और सुबह सुबह तू भाभी के पीठ पर अपनी भरी-भरी चुचिया क्यूँ दबा रही है?
पायल : (उर्मिला से वैसे ही लिपटे हुए) उम्म..भाभी…!! जी कर रहा है ऐसे ही आपकी पीठ पर फिर से सो जाऊ…
उर्मिला : मेरी पीठ पर क्यूँ सोएगी? जा…अपने पापा के पास जा और उनके निचे टाँगे खोल के सोजा…
पायल : (उर्मिला से लिपटे और आँखे बंद किये हुए) उम्म्म….!! मम्मी नहीं होती तो चली जाती…
उर्मिला : नहीं है तेरी मम्मी….!! भूल गई? आज शनिवार है. मंदिर गई है…सोनू के साथ.
उर्मिला की बात सुनते ही पायल की आँखे खुल जाती है. वो कूद कर भाभी के सामने पहुँच जाती है.
पायल : सच भाभी? मम्मी मंदिर गई है सोनू के साथ?
उर्मिला : तो क्या मैं झूठ बोल रही हूँ?
पायल : अरे नहीं भाभी वो बात नहीं है….मतलब अभी घर में पापा अकेले है? मेरा मतलब है की पापा, मैं और आप?
उर्मिला : हाँ मेरी लाडो…पापा, तू और मैं…बस्स….!!
पायल : बापरे भाभी….!! आज कहीं पापा जोश में आ गए तो?
उर्मिला : तो तेरी बूर अच्छे से पेली जाएगी और क्या?
पायल : धत भाभी…आप भी ना…
तभी वहां रमेश टहलते हुए पहुँच जाते है…
रमेश : अरे भाई क्या बाते हो रही है भाभी और ननद में?
उर्मिला : कुछ नहीं बाबूजी…वो मम्मी जी सोनू के साथ मंदिर गई है ना तो पायल पूछ रही थी की वो लोग कब तक घर आयेंगे…
रमेश पायल के पास जाते है. पायल उसके बड़े-बड़े दूध पर नज़र डालते हुए पाया से बालों में हाथ घुमाते हुए कहते है.
रमेश : १:३० – २ घंटे तो लगेगे ही बेटी. मंदिर भी दूर है और तेरी मम्मी आज भजन-कीर्तन में भी भाग लेती है. तुझे तो कही नहीं जाना है ना आज?
पायल : (शर्माते हुए) नहीं पापा…मैं तो घर पर ही हूँ….
पायल को देख कर रमेश मुस्कुरा देते है. फिर उर्मिला को देख कर धीरे से इशारा करते हुए कहते है.
रमेश : अरे बहु….जरा छत से मेरा टॉवेल ले आना तो. अब लगे हाथ नहा भी लूँगा.
उर्मिला : जी बाबूजी….
उर्मिला मुस्कुराते हुए छत की सीढ़ियों की तरफ बढ़ जाती है. उसके जाते ही बाबूजी पायल की चूतड़ों को दबोच के उसे अपने बदन से चिपका लेते है.
रमेश : आह… मेरी गुडिया रानी…अब कहाँ जाएगी अपने पापा से बच के…
पायल : (हँसते हुए) उम्म्म…!! पापा…छोड़िये ना….
रमेश : (धोती पर से अपना लंड पायल की पैन्टी पर दबाते हुए) ऐसी जवान बेटी को कौनसा बाप छोड़ता है पायल…बोल ना? देगी अपनी बूर पापा को?
पायल : (शर्माते हुए) आप बड़े गंदे हो पापा….
रमेश : इसमें गन्दा क्या है बेटी? बेटी अपने पापा से बूर नहीं खुलवाएगी तो फिर शादी के बाद पहली ही रात में पति का कैसे लेगी? बोल ?
पायल : (शर्माते हुए) आपका बहुत मोटा है पापा. आप मेरी बूर खोलोगे थोड़ी ना…आप तो मेरी बूर पूरी फैला दोगे…..
पायल की बात सुन के रमेश पायल के दोनों चुचियों को दबोच लेते है.
रमेश : पापा अपनी बिटिया रानी को पटक-पटक के चोदेंगे तो बूर तो फैलेगी ही ना….बोल ना पायल…चुदवायेगी ना अपने पापा से?
पायल नखरे करते हुए पापा से दूर हो जाती है और सामने खड़े हो कर एक ऊँगली दाँतों के बीच दबाते हुए कहती है.
पायल : नहीं पापा…आपको मेरी बूर नहीं मिलेगी….
पायल की बात सुन कर रमेश धोती से अपना लंड बाहर निकाल लेते है और उसकी चमड़ी पूरी पीछे खींच कर मोटा टोपा पायल को दिखाते हुए कहते है.
रमेश : देख पायल….कैसे तड़प रहा है पापा का अपनी बेटी की बूर के लिए…देगी ना अपने पापा को?
पायल रमेश के लंड को आँखे फाड़-फाड़ के देखने लगती है. उसके ओंठ अपने आप ही दांतों के निचे आ जाते है. फिर पापा को देख कर वो मुस्कुराते हुए मस्ती में कहती है.
पायल : नहीं दूंगी…नहीं दूंगी…नहीं दूंगी…..!!!
तभी उर्मिला अपनी चौड़ी चुतड मटकाते हुए वहां पहुँच जाती है. रमेश के पीछे खड़ी हो कर वो कहती है.
उर्मिला : क्या नहीं देगी मेरी ननद रानी?
रमेश उर्मिला को मुड़ के देखते है. रमेश के चेहरे पर वैसे ही भाव है जैसे किसी भिखारी के चेहरे पर भीख मांगते वक़्त होते है.
रमेश : देखो ना बहु…कैसे जिद कर रही है. मैं यहाँ अपना लंड खड़ा किये हूँ और ये बोल रही है की बूर नहीं दूंगी…
उर्मिला चलते हुए बाबूजी के पास आती है. ११ इंच का मोटा लंड देख कर उर्मिला के मुहँ और बूर, दोनों में पानी आ जाता है. वो पायल के पास जाती है और उसके सर पर प्यार से हाथ फेरने लगती है.
उर्मिला : क्यूँ रे पायल? अपने पापा को कोई बेटी ऐसे परेशान करती है क्या?
पायल : क्या करूँ भाभी? इतना मोटा लंड है पापा का…मेरी बूर पूरी फ़ैल गई तो?
उर्मिला : धत पगली..!! बूर क्या सिर्फ पेशाब करने के लिए होती है? बूर का तो काम ही है मोटे-मोटे लंड लेना और फ़ैल जाना….और बेटियां सबसे पहला लंड अपने पापा का ही तो लेती है. ठीक कहा ना बाबूजी?
रमेश : हाँ..हाँ.. बहु…बिलकुल ठीक कहा तुमने. बाप जिस लंड से बेटी को पैदा करता है, बड़ी हो कर वो बेटी उसी लंड से तो अपनी बूर खुलवाती है….
उर्मिला : और नहीं तो क्या? और इसे देखो…कैसे नखरे कर रही है. आप नहाने जाइये बाबूजी…इसे मैं समझाती हूँ….
बाबूजी टॉवेल ले कर धीरे-धीरे बाथरूम में चले जाते है. बाबूजी के जाते ही उर्मिला हँसते हुए पायल से कहती है.
उर्मिला : क्यूँ री? इतने नखरे क्यूँ कर रही थी?
पायल : (हँसते हुए) भाभी आपको पापा का चेहरा देखना था…जब मैंने मना किया तो कितना छोटा सा हो गया था….
उर्मिला : हाँ …तुने छोटा मुहँ तो देख लिया लेकिन उनका बड़ा लंड नहीं देखा क्या? अगर मैं ना आती तो बाबूजी तुझे पटक के तेरी बूर फाड़ ही देते….अभी दांत दिखा के जो हँस रही है ना फिर रोती फिरती सारे घर में अपनी फटी बूर ले कर ….
पायल : सच भाभी? बहुत दर्द होता है क्या?
उर्मिला : हाँ पायल…पहली बार तो होता ही है. और बाबूजी का तो बहुत लम्बा और मोटा है. दर्द तो होगा. १-२ बार ले लेगी ना फिर देख कैसे मजा आता है. फिर तो मेरी पायल रानी उच्छल-उच्छल के पापा का लंड अपनी बूर में लेगी.
पायल : (खुश हो कर) सच भाभी?
उर्मिला : हाँ मेरी बन्नो…!! अच्छा अब सुन. मेरे पास कुछ शोर्ट बिना बाहं की नाईटी है जो मैंने अपने हनीमून के वक़्त खरीदी थी. बाबूजी नाहा के आयेंगे तो तू उसे पहन के बाबूजी के पास चली जाना…
पायल : मैं अकेले नहीं जाउंगी भाभी…आप भी साथ चलियेगा ना….
उर्मिला : अरे पागल…बूर तुझे खुलवानी है, मुझे नहीं….
पायल : भाभी प्लीज…आप ही तो कहती थी ना की बाबूजी आपकी भी लेना चाहते है. और आप भी तो इतने दिनों से लंड के लिए तरस रही हो ना? प्लीज भाभी…आप भी चलिए ना…
उर्मिला : अच्छा बाबा ठीक है. हम दोनों चलेंगे…अब ठीक?
पायल : (खुश होते हुए) हाँ भाभी….
उर्मिला : अच्छा अब चल…मैं वो शोर्ट नाईटी निकाल लूँ हम दोनों के लिए…
पायल : हाँ भाभी….
उर्मिला पायल के साथ अपने कमरे में चली जाती है और शोर्ट नाईटी के इंतज़ाम में लग जाती है. इधर बाबूजी कुछ देर बाद नाहा के निकलते है. सिर्फ टॉवेल कमर पर लपेटे हुए बाबूजी रसोई में नज़र डालते है तो वहां कोई नहीं है. वो धेरे धीरे अपने कमरे में चले जाते है. कमरे में बैठ कर वो कुछ सोचते है फिर पायल को आवाज़ लगते है.
रमेश : पायल…!! पायल बेटी..!!
तभी दरवाज़े पर पायल नज़रे झुकाए खड़ी हो जाती है. पायल ने बिना बाहं वाली एक लाल रंग की शोर्ट नाईटी पहनी हुई है जो पारदर्शी है. देखने मैं साफ़ पता चल रहा है की पायल ने अन्दर ब्रा नहीं पहनी है. रमेश पायल को आँखे फाड़े ऊपर से निचे देखने लगते है. पारदर्शी नाईटी में उठे हुए गोल गोल दूध जिसपर हलके से निप्प्लेस भी प्रतीत हो रहे है. पायल के शरीर की वो रेत घड़ी (hourglass) सी बनावट उस पारदर्शी नाईटी में साफ़ दिखाई पड़ रही थी. नाईटी जांघो तक थी और पायल की जांघो के बीच का हिस्सा अन्दर था. लेकिन नाईटी के पारदर्शी होने की वजह से पायल की जांघो के बीच घने बाल नाईटी में बाहर से भी प्रतीत हो रहे थे. पायल का वो संगेमरमर सा बदन और वो रूप देख कर रमेश के टॉवेल में बड़ा सा उभार आ जाता है.
तभी पायल के कन्धों पर हाथ रखे, उर्मिला उसे धीरे धीरे अन्दर लाने लगती है. रमेश की नज़र उर्मिला पर पड़ती है तो उर्मिला ने भी वैसी ही नाईटी पहनी हुई थी. उर्मिला के भी बड़ेबड़े दूध और निप्प्लेस पारदर्शी नाईटी से साफ़ दिखाई दे रहे थे. जांघो के बीच घने बाल भी प्रतीत हो रहे थे. दोनों को इस हाल में देख रमेश के होश उड़ जाते है.
उर्मिला : लीजिये बाबूजी…आ गई आपकी लाड़ली बेटी….
उर्मिला पायल को बाबूजी के सामने खड़ा कर देती है. पायल अब भी नज़रे झुकाए खड़ी है और धीरे-धीरे मुस्कुरा रही है. रमेश भी पायल को मुस्कुरा कर देखते है फिर अपने हाथ से उसकी ठोड़ी पकड़ के ऊपर करते हुए कहते है.
रमेश : इधर देख बेटी….(पायल पापा की आँखों में देखती है)….बहुत खूबसूरत लग रही है मेरी पायल इस कपडे में.
पायल एक बार पापा की आँखों में देखती है फिर ओठों को दाँतों टेल दबाते हुए नज़रे झुका लेती है. उर्मिला रमेश से कहती है.
उर्मिला : बाबूजी ये आपके सामने इतना शर्मा रही है. अभी कुछ देर पहले मुझ से कह रही थी की आज पापा को पूरा मजा दूंगी…
उर्मिला की बात सुन के पायल बड़ी-बड़ी आँखों से भाभी को देखते हुए कहती है….
पायल : धत भाभी…चुप रहिये ना….!!
रमेश : (मुस्कुराते हुए) सच पायल? जरा बता तो…कैसे मजा देगी पापा को…
पायल फिर से शर्मा जाती है. उर्मिला उसके पास आती है और कहती है.
उर्मिला : अब भी शर्मा रही है. मम्मी के आने तक शर्माती ही रहेगी क्या?. (फिर रमेश को देखते हुए) बाबूजी आप अपना लंड दिखाइए तो इसे. तभी इसकी शर्म दूर होगी…
रमेश अपना टॉवेल आगे से खोल देते है तो उनका ११ इंच का लम्बा मोटा लंड पायल के सामने लहराने लगता है. पायल की नज़र पापा के लंड पर पड़ती है तो उसके बदन में मस्ती चड़ने लगती है. वो एक बार पापा को देखती है और फिर उर्मिला को. उर्मिला उसे आँख मार देती है. पायल पापा को देखती है और पापा की नजरो से नज़रे मिलाते हुए एक जोर का झटका दे कर अपने बड़े-बड़े दूध उच्छाल देती है. रमेश की आँखों के सामने पायल के दूध उच्छल जाते है. अपनी बेटी के उच्छालते दूध को देख कर रमेश का लंड भी एक झटका मार देता है. पायल ३-४ बार ऐसे ही झटके दे कर अपने दूध उच्छल देती है और हर बार रमेश का लंड भी झटके खता है. फिर पायल उर्मिला को देखती है तो उर्मिला आँखों के इशारे से उसे बेशर्मी दिखाने कहती है. पायल फिर से पापा को देखते हुए अपनी नाईटी ऊपर से खोल कर कमर तक उतार देती है. उसके बड़े-बड़े नंगे दूध पापा के सामने खुले हुए है. पायल पापा को देखते हुए फिर से झटके देते हुए ३-४ बार अपने दूध उच्छाल देती है. रमेश से अब रहा नहीं जा रहा है. वो पायल से कहता है.
रमेश : पायल बेटी…इधर आ…बैठ अपने पापा की गोद में…
पायल धीरे-धीरे पापा के पास जाती है. पापा का ११ इंच का लंड खड़े हो कर हिचकोले ले रहा है. पायल पापा के पास जा कर, पीठ उनके तरफ करते हुए, अपनी चौड़ी चूतड़ों को पापा की गोद में रखने जाती है तभी उर्मिला झट से आ कर पीछे से पायल की नाईटी ऊपर कर देती है.
उर्मिला : (पीछे से पायल की नाईटी ऊपर करते हुए) अरे अरे पायल….!! नाईटी निचे कर के बैठेगी अपने पापा की गोद में? बेटी अपने पापा की गोद में हमेशा कपडे उठा कर बैठती है….
पायल उर्मिला को देख कर मुस्कुराते हुए अपनी भरी हुई चुतड पापा की गोद में जैसे ही रखती है, पापा का मोटा लंड उसके गांड के छेद पर टकरा कर फिसलता हुए बूर पर आता है और बूर से फिसलता हुआ पायल के नंगे पेट पर रगड़ता हुआ आगे से उसकी नाईटी उठा देता है. उर्मिला झुक कर देखती है तो बाबूजी का मोटा लंड पायल की बूर पर चिपका हुआ है और लंड का टोपा नाईटी को अपने सर पर लिए उसकी नाभि के पास खड़ा है. पायल की बालोवाली बूर के ओंठ फैलकर पापा के मोटे लंड पर चिपके हुए है. रमेश एक बार धीरे से अपनी कमर ऊपर निचे करते है तो लंड पायल के बूर के दाने पर रगड़ खा जाता है. पायल के मुहँ से सिस्कारियां निकलने लगती है.
पायल : सीईईईईईईईई…..!! पापा……!!!
पायल की सिसकारी सुनते ही रमेश अपने दोनों हाथो से पायल के दोनों दूध दबोच लेते है और मसलने लगते है. पायल मस्ती में अपना सर पीछे कर के पापा के कन्धों पर रख लेती है और आँखे बंद किये सिस्कारिया लेने लगती है. रमेश भी धीरे-धीरे अपना लंड पायल के बूर के दाने पर रगड़ने लगते है. रमेश को अपनी बेटी के बूर पर लंड रगड़ते हुए देख उर्मिला भी एक हाथ से अपनी बूर रगड़ने लगती है.
उर्मिला : बाबूजी…बहुत गरम है आपकी बेटी. इसके बदन में बहुत गर्मी है….
रमेश : हाँ बहु…बहुत गर्मी है इसके बदन में… इसकी गर्मी तो आज…(जोर से दूध मसल देते है और लंड बूर के दाने पर रगड़ देते है)…इसके पापा उतरेंगे…..
पायल : सीईईईईइ….पापा…!!!
रमेश : (दूध मसलते हुए अपने लंड को जोर से पायल की बूर पर रगड़ देते है) पापा…पापा….हाँ…?? जब घर में पापा के सामने बड़े-बड़े दूध उठा कर घुमती थी, तब पापा की याद नहीं आई? आज जब नंगी हो कर पापा के लंड पर बैठी है तो पापा की याद आ रही है? …क्यूँ पायल? …बोल?
पायल : (आँखें बंद और तेज़ साँसे लेते हुए) आह…!! पापा…!! आपके मोटे लंड पर नंगी हो कर बैठना चाहती थी, तभी तो आपके सामने बड़े-बड़े दूध लिए घुमती थी….आह…!!
रमेश : हाय मेरी बिटिया रानी..!! इतना तड़पती थी अपने पापा के लंड के लिए….उफ्फ्फ….!!!
क्रमश :
अपडेट २१.५:
पायल : हाँ पापा…बहुत तड़पी हूँ आपके लंड के लिए….
रमेश : (फिर से पायल के दूध मसल देते हैं और लंड बूर में रगड़ देते है) ओह पायल…!!
तभी उर्मिला, जो वहां कड़ी बाप-बेटी की मस्ती देख रही थी, कहती है…
उर्मिला :बाबूजी…मैं बस २ मिनट में पेशाब कर के आती हूँ….
रमेश : कहाँ जोगी बहु….यहीं बाथरूम में कर लो…
उर्मिला धीरे-धीरे बाथरूम की और बढ़ने लगती है जिसका दरवाज़ा उसी कमरे के एक कोने है. तभी बाबूजी पायल के कान में धीरे से कहते है.
रमेश : (पायल के कान में धीरे से) मेरी पायल भी पेशाब करेगी?
पायल धीरे से सर हिला कर हामी भर देती है. रमेश उर्मिला को पीछे से आवाज़ देते है.
रमेश : बहु…पायल भी पेशाब करेगी…इसे भी साथ ले जा…
उर्मिला मुस्कुराते हुए पायल के पास आती है और उसका हाथ पकड़ के धीरे से उसे उठाती है. पायल धीरे-धीरे खड़ी होती है तो उसकी बूर पापा के लंड पर रगड़ खाते हुए ऊपर की और जाती है. जैसे हे बूर टोपे से चिपक कर ऊपर होती है तो पापा का एक झटका लेता है और चिप-चिपे पानी की कुछ बूंदे हवा में उड़ जाती है. उर्मिला और पायल पापा को देख कर एक बार मुस्कुराती है और धीरे-धीरे बाथरूम की तरफ बढ़ने लगती है. रमेश दोनों की हिलती हुई चुतड देख कर खड़ा होता है और उनके पीछे-पीछे चल देता है. पायल बाथरूम में घुस कर जैसे ही निचे बैठने जाती है, उर्मिला उसके कंधे पर हाथ रखते हुए रोक लेती है.
उर्मिला : अरे अरे पायल? इस तरफ मुहँ कर के कहाँ बैठ रही है? दरवाज़े की तरफ मुहँ कर के बैठ….
पायल दीवार की तरफ मुहँ कर के घुटने मोडे हुए बस बैठने को ही थी की उर्मिला ने उसे रोक दिया था. वो वैसे ही उर्मिला को दखती है फिर धीरे से खड़ी होती है और दरवाज़े की तरफ घूम जाती है. जैसे ही उसका मुहँ दरवाज़े की तरफ होता है, सामने दरवाज़े पर पापा अपने मोटे लंड को हाथ में लिए खड़े है. पापा को देखते ही पायल शर्मा जाती है.
उर्मिला : ऐसे क्या शर्मा रही है लाडो. बैठ जा पापा के सामने पेशाब करने…
रमेश : बहु…तुम भी बैठ जाओ. दोनों भाभी-ननद साथ में पेशाब कर ले तो और भी अच्छा है.
उर्मिला : (मुस्कुराते हुए) जी बाबूजी….
पायल और उर्मिला एक दुसरे को देख कर मुस्कुरा देती है. फिर अपनी-अपनी नाईटी कमर तक उठाये दोनों धीरे-धीरे टाँगे खोलते हुए निचे बैठने लगती है. बाबूजी की नज़र दोनों की खुलती हुई बालोवाली बुरों पर ही टिकी हुई है. दोनों पेशाब करने निचे टाँगे खोले बैठ जाती है. दोनों की जांघे फैली हुई है और बीच में बालो से भरी बूर के ओंठ भी हलके से खुल गए है. बाबूजी दोनों की बुरों को ओंठ पर जीभ फेरते हुए देख रहे है. पायल और उर्मिला फिर एक बार एक दुसरे को देख कर मुस्कुरा देती है और फिर बाबूजी को देखने लगती है. निचे दोनों की बुरों के ओंठ एक बार आपस में भींच जाते है और जब वो खुलते है तो पेशाब की एक मोटी धार दोनों की बुरों से सुर्र्रर्र्र्रर्र्र की आवाज़ करती हुई गिरने लगती है. बाबूजी ये नज़ारा देख कर एक बार जोर से लंड मुठिया देते है. फिर बाबूजी निचे बैठ जाते है और अपना सर ज़मीन के साथ रख कर निचे से दोनों की बुरों से पेशाब की मोटी धार को निकलते देखने लगते है. पायल जब पापा को इस तरह से निचे झुके हुए देखती है तो वो भी मस्ती में अपनी टाँगे और ज्यादा खोल देती है. पायल की बूर के ओंठ खुल जाते है और पेशाब की धार और ज्यादा तेज़ हो जाती है. ये देख कर रमेश भी अपने लंड को पकडे कमर आगे कर देते है जिस से लंड की चमड़ी हाथ में सिमट जाती है और टोपा खुल के सामने दिखने लग जाता है. रमेश पायल की बूर को को देखते हुए अपने लंड को उस दिशा में करते है और एक जोर का झटका देते है. पायल पापा के लंड को अपनी बूर की तरफ झटका खाता देखती है तो वो भी अपनी टाँगे खोल के कमर को झटका देती है. उर्मिला को बाप-बेटी की यह जुगलबंदी बहुत पसंद आती है.
पेशाब करने के बाद पायल और उर्मिला खड़ी होती है और अपनी नाईटी निचे कर के मुस्कुराते हुए बाथरूम से बाहर आती है. एक दुसरे की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए दोनों रमेश के सामने से जाने लगती है. रमेश निचे बैठे हुए दोनों की आधी नंगी मटकती हुई चुतड देखते है. पायल की गोरी-गोरी चौड़ी, हिलती हुई चुतड देख कर रमेश से रहा नहीं जाता. वो पायल को पीछे से उसकी जांघो के बीच हाथ डाल कर उठा लेते है. पायल की पीठ रमेश की मजबूर छाती पर चिपक जाती है. रमेश पायल को हवा में उठाये हुए उसकी जांघे खोल देते है और सामने दीवार पर टंगे बड़े से आईने की तरफ घूम जाते है. आईने में पायल की बूर के बालों के बीच खुले हुए ओठों से लाल छेद साफ़ दिख रहा है जो थोडा अन्दर जा कर बंद है. बूर के ओंठों से लार बह रही है जो धीरे-धीरे फिसलती हुई पायल की चूतड़ों की तरफ बढ़ रही है. रमेश पायल की कसी हुई बूर देख कर उर्मिला से कहते है.
रमेश : बहु….जरा देखो तो मेरी बिटिया रानी की बूर…कैसी कसी हुई है….
उर्मिला : हाँ बाबूजी…बहुत मजा देगी. आपका मोटा लंड पूरा कसा हुआ जायेगा अन्दर….
रमेश : जरा अपनी बूर भी तो दिखाओ बहु….देखूं तो कैसी बूर है मेरी बहु की….
बाबूजी की बात सुन कर उर्मिला मुस्कुराते हुए सामने आती है और बाबूजी के पास खड़ी हो कर अपना एक पैर पास रखी कुर्सी पर रख देती है. कमर आगे करते हुए उर्मिला दोनों हाथों से अपनी बालोवाली बूर के ओंठों को फैला देती है. ओंठ फैलते ही उर्मिला की बूर का लाल छेद दिखने लगता है जो गहरा है. रमेश पायल और उर्मिला की बूर को गौर से देखते है. एक कुवांरी बूर और चूदी हुई बूर का अंतर वो साफ़ देख रहें है.
रमेश : बहु…तुम्हारी बूर भी बहुत रसीली और चोदने लायक है. मजा आ जायेगा तुम्हारी बूर में लंड दे कर…
उर्मिला : हाँ बाबूजी…आपका ऐसा मोटा तगड़ा लंड ले कर तो किसी भी लड़की के भाग खुल जायेंगे…
रमेश पायल को धीरे से निचे उतार देते है और बिस्तर की तरफ चल देते है. वो बिस्तर पर पीठ के बल लेट जाते है. दोनों पैर घुटने से मुड़े हुए है और टाँगे ज़मीन पर है. जांघो के बीच रमेश का ११ इंच लम्बा और मोटा लंड आसमान की तरफ देखता हुआ सीना ताने खड़ा है. पायल और उर्मिला की नज़र रमेश के लंड पर टिक जाती है. रमेश पायल को मुस्कुराते हुए देखते है.
रमेश : आज मेरी प्यारी रानी बेटी पापा का गन्ना नहीं चूसेगी?
रमेश की बात सुन कर पायल धीरे-धीरे बिस्तर की तरफ बढ़ने लगती है. उसकी साँसे तेज़ है और शरीर उत्तेजना से गर्म हो रखा है. धीरे-धीरे चलते हुए वो रमेश की टांगो के बीच पहुँच जाती है. अपने दोनों घुटनों को मोड़ कर को रमेश की टांगो के बीच बैठ जाती है. उसकी नज़रों के सामने रमेश का मोटा लंड उसे बुला रहा है. पायल जीभ बाहर निकल कर अपना सर आगे करने लगती है. पायल का मुहँ अभी लंड पर कास जायेगा ये सोच कर रमेश आँखे बंद कर लेते है. अपनी जाँघों के बीच वो पायल की गर्म साँसे महसूस करते है. तभी कुछ ऐसा होता है की रमेश हडबडा के अपनी आँखे खोल देते है और सर उठा के अपनी जांघो के बीच देखने लगते है.
वो ये देख कर हैरान हो जाते है की पायल की जीभ का निशाना उनका मोटा लंड नहीं बल्कि लंड के निचे लटकते उनके दो बड़े बड़े अंडकोष थे जिन पर पायल बड़े प्यार से अपनी जीभ घुमा रही थी. रमेश हैरान इस बात से थे की उनके काले-सफ़ेद बालों से भरे अन्डकोशों को शायद ही किसीने कभी छुआ भी हो. आज उनकी अपनी बेटी, जो इतनी खूबसूरत है, जो एक इशारा कर दे तो अच्छे-अच्छों की लाइन लग जाए, वो उनके अन्डकोशों को अपनी जीभ से चाट रही थी.
पायल पापा के अन्दोकोशों को बड़े प्यार से चाट रही थी. दोनों पर बारी बारी जीभ घुमाते हुए वो ऊपर निचे से ऊपर तक चाट जाती. रमेश पायल की इस हरकत को बड़े गौर से देख रहे थे. तभी पायल ने एक बॉल को चाटते हुए अपने मुहँ में भर लिया और किसी लोलीपोप की तरह चूसने लगी. रमेश के मुहँ से “आह्ह्ह्ह…!!” निकल गई और उनकी आँखे बंद हो गई. अपने पैरों को ज़मीन से उठा कर रमेश उन्हें घुटनों से पकड़ कर अपनी छाती के पास ले आते है. अब रमेश के दोनों अंडकोष पायल के सामने अच्छी तरह से आ जाते है. पायल दुसरे बॉल को भी उसी तरह से मुहँ में भर कर चूसने लगती है. चूसते हुए पायल धीरे से बॉल को मुहँ में भर कर खींच देती है तो रमेश के चेहरे पर दर्द और आनंद के भाव एक साथ दिखाई पड़ जाते.
कुछ देर इसी तरह से अंडकोष को चूसने के बाद पायल की नज़र किसी चीज़ पर ठहर जाती है. कुछ क्षण गौर से उस चीज़ को देखने के बाद पायल धीरे से अपना सर रमेश की जांघो के बीच फिर से ले जाती है. इस बार पायल जो करती है वो रमेश ने कभी अपने सपने में भी नहीं सोचा था. पायल ने अपनी जीभ रमेश की गुदा (गांड का छेद) पर रख दी थी और धीरे-धीरे जीभ उसके इर्द-गिर्द घुमाने लगी थी. ये देख कर रमेश “आह्ह्ह..!!” करते हुए बिस्तर पर अपना सर रख देते है और आँखे बंद किये उस अविश्वसनीय घटना का आनंद लेने लगते है.
ये द्रिश्य उर्मिला भी बड़ी ही हैरानी के साथ देख रही थी. उर्मिला को हमेशा से ही अपने आप पर बड़ा गुमान था. वो अपने आप को कामदेवी का रूप समझती थी. इस घर में वो एक संस्कारी बहु होने का किरदार निभा रही रही थी. जैसे ही घर में रिश्ते लंड और बूर के रिश्तों में बदलने लगे, उर्मिला ने फिर से कामदेवी का रूप ले लिया. लेकिन आज पायल जैसी एक खूबसूरत और जवान लड़की को अपने ५२ साल के पिता की गुदा को इस तरह से चाटता हुआ देख उसका कामदेवी होने का अहंकार टूट चूका था. आज उर्मिला को अपनी शिष्या पर गर्व महसूस हो रहा था. आज उसने अपने पिता को वो सुख दिया था जो शायद उन्हें किसी कुवांरी बूर को चोद कर भी न मिला था.
पायल रमेश की गुदा को चाटते हुए अपनी जीभ अन्दर गुसने की कोशिश करने लगती. कभी वो अपनी जीभ गुदा पर रख कर निचे से ऊपर अन्डकोशो तक चाट जाती. इस परमानंद में डूबा हुआ रमेश एक हाथ पायल के सर पर फेरते हुए अपना प्यार जाता रहा था. कुछ देर रमेश को वो परमसुख की अनुभूति कराने के बाद पायल अपना सर ऊपर उठा देती है और रमेश की जांघो पर हाथ रख कर अपने ओठों को लंड के टोपे पर रख देती है. पायल के ओंठ फिसलते हुए रमेश के लंड को आधा मुहँ में भर लेते है. पायल की जीभ मुहँ के अन्दर लंड के टोपे पर घुमने और फिसलने लगती है. रमेश भी अपनी कमर को निचे से उठा के पायल के मुहँ में पूरा लंड भरने की कोशिश करने लगते है. बीच-बीच में पायल अपना सर स्थिर कर देती तो रमेश ४-५ जोदार लंड के झटके पायल के मुहँ में मार देते.
रमेश जब देखते हैं की उनके लंड की नसे पूरी तरह से फूल गई है और अब वो बूर में घुसने के लिए तैयार है तो वो बिस्तर पर बैठ जाते है. पायल के सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए वो उसे उठाते है. उसकी नज़रों में नज़रें मिलाते हुए रमेश पायल के कंधो को पकड़ के धीरे-धीरे बिस्तर पर लेटा देते है. पायल की साँसे अब बहुत तेज़ हो गई है. आगे होने वाली घटना को सोच कर ही उसका दिल धड़कने लगा है. उर्मिला भी अब पायल के सर के पास बैठ जाती है और अपना हाथ उसके सर पर फेरने लगती है. रमेश पायल की टांगो के बीच बैठ जाते है और धीरे-धीरे पायल पर चढ़ते हुए उसके दोनों दूध को हाथों से दबाते चूसने लगते है. पायल मस्ती में अपनी आँखे बंद किये अपने शरीर को रमेश के हवाले कर देती है.