वी बोथ साइड टुगेदर आंड देन किस्ड पॅशनेट्ली फॉर फ्यू मिनिट्स. व्हेन वी ओपंड और आइज़ वी सॉ दट मदर हॅज़ डिसपीयर्ड. उसे देखते हुए मॉम को चोदने का मज़ा ही कुछ और था. अफ …. मैं झड़ने लगा. मैने अपना पूरा लोड झरना की चूत मे खाली कर दिया. थक कर मैं बेड पर गिर गया.
झरना अपनी सांसो को संहालते हुए बोली,“वाह राजा मज़ा आ गया, पता है ये कुतिया आज पहली बार एक ही चुदाई मे तीन बार झड़ी है”
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दिन की शुरुआत चुदाई से हुई थी. मैं जब कुछ देर बाद संभला तो फील हुआ कि मैं रूम मे अकेला था. नहा धो के मैं रूम से निकला, ब्रकेफ़स्ट करने मैं लॉबी मे जा ही रहा था की मेरे मोबाइल की बेल बजी.
“हेलो” मैने फोन पिक किया.
“हेलो हीरो, क्या हो रहा है” उधर से ममता की आवाज़ आई.
“बस तुम्हे ही याद कर रहा था”
“रहने दे झूठे तभी 3 दिन से फोन तक नही किया”
“ऐसी बात नही, मैं तुम्हे मिलकर बताता हूँ”
“तो आजा फिर मैं इंतज़ार कर रही हूँ”
“ओके आई एम कमिंग”
मैने नाश्ता करके मॉम के पास किचन मे गया और उन्हे किस करते हुए बताया मैं सुनील के घर जा रहा हूँ, शाम को देर से आउन्गा शायद और सुनील के घर के लिए निकल गया.
रास्ते मे ही ममता का फिर फोन आया की पहुचे नही अब तक तो मैने बताया की ऑटो मे ही हूँ बस थोड़ी देर मे पहुच रहा हूँ. जब उसके घर पहुचा तो डोर ममता ने ही खोला.
“और मेरी जान क्या हो रहा है” मैं बोला.
“बस जल रही हूँ उस आग मे जो तू जला के छोड़ गया था”
“क्या बात बड़े मूड मे है” मैने अंदर आके उसकी चुचि मसलते हुए कहा.
आह… वो आ भरती हुई बोली “कमीने थोड़ा सब्र कर ले कहीं भाग नही रही मैं”
घर मे शायद वो अकेली थी तो मैने पूछा, “घर पे कोई नही है क्या.”
“ना रे, सुनील अपने मामां के यहाँ गया है और शीतल और ईशा स्कूल. हम भी शीतल और ईशा के एग्ज़ॅम्स ख़त्म होते ही जाएँगे वहाँ.”
“क्या? वापसी कब होगी” मैने सोफे पर बैठते हुए पूछा
“20-25 दिन तो रुकेंगे ही वहाँ” जवाब मिला. तो मैने उसे अपने बगल मे खींच लिया.
“मैं तो तुम्हे और सुनील को बुलाने आया था अपने घर” फिर मैने उसके बदन सहलाते हुए अब जो पिछले 3 दिन मे हुआ सब बताया, फिर उसे अपनी फोरसम की फॅंटेसी भी बताई.
“सॉरी मेरे राजा अब तो ये सुनील और मेरे वापस आने के बाद ही पासिबल है. अभी तो तू मेरी आग बुझा”बस फिर क्या था, मैं सोफे से उठा उसे अपनी बाहों मे लिया और बेडरूम मे ले गया. उसे बेड पर लिटाते हुए उसके नरम गुलाबी होंठो पर अपने होंठ टिका दिए कुछ ही देर मे हम पागलो की तरह एक दूसरे के मुंह मे जीभ डाले हुए बड़े ही जुनूनी अंदाज़ मे एक दूसरे को किस कर रहे थे.
किस करते हुए ममता एक हाथ से मेरा लंड मसल रही थी और मैं दोनो हाथों से जैसे उसकी चुचियाँ निचोड़ रहा था. कुछ ही देर मे उसने मुझे छोड़ कर मेरी टी शर्ट उतार दी और मेरी छाती पर जगह जगह किस करते हुए मेरे दोनो निपल चूसने लगी. वो ट्राउज़र के उपर से ही मेरा लंड मसले जा रही थी. मैं उसे अलग करते हुए अपनी पेंट उतार फेंकी. वो मुस्कुराती हुई खड़ी हो गयी और बड़ी ही अदा से अपने कपड़े उतारने लगी.वो शायद मुझे ये स्ट्रीप शो का मज़ा देना चाहती थी, हवा मे किस्सस देते हुए बड़े ही मादक अंदाज मे एक एक कर के अपने कपड़े निकाल रही थी. और मैं ये शो एंजाय कर रहा था. कुछ ही देर मे वो पूरी न्यूड मेरे सामने खड़ी थी
मुझे बेड पर धकेलते हुए उसने मेरा लंड मूह मे भर लिया और आइस क्रीम की तरह चुसते हुए मुझे ब्लोवजोब देने लगी. मैं उसकी नंगी चुचिया मूह मे भर कर चूसने लगा. थोड़ी देर मे मुझे लगा की मैं छूटने वाला हूँ तभी उसने मेरा लंड छोड़ दिया. मैने उसे खुद पर लिटाते हुए पलट कर अपने नीचे ले लिया. उसकी पूरी बॉडी मैं चाटने लगा. चाट ते हुए मैने उसकी चूत पर होंठ टिका दिए, मैने दोनो हाथों से उसकी चूत को फैलाते हुए उसकी चूत के दाने को मूह मे भर लिया.
अब तक के हर सोर्स से मिले सेक्स क तरीकों को उसके उपर आज़मा रहा था. अब बात मेरे बर्दाश्त से भी बाहर हो रही थी सो पीछे हटते हुए मेने अपना तना हुआ लंड उसकी चूत मे पेल दिया. और फिर कर दी रेलगाड़ी शुरू. उसके उपर लेटे हुए मैने उसके कान की लौ कोमुह मे भर कर चूसने लगा. वो मासी क मारे ज़ोर से सीत्कार कर उठी. कुछ ही देर मे हम दोनो झड् गये और इतना झाडे क निढाल होकर बेड पर पस्त हो गये.
वो मेरी छाती पर सिर रखकर बोली “इट वाज़ माइ सेक्स एक्सपीरियेन्स सो फर” फिर मेरे लंड पर झुक कर किस करते हुए वो खड़ी होकर कपडे पहनने लगी. मैं भी अपने कपड़े पहन रहा था तभी मुझे ऐसा लगा कि बेडरूम क दरवाजे पर कोई है. मैने तेज़ी से उठकर दरवाजे से बाहर झाँका पर वहाँ कोई नही था.
तभी ममता ने मुझे पुकारा, “अभी, जान इधर आओ” वो कपबोर्ड खोले खड़ी थी. ‘ये रखो’ कहते हुए उसने मुझे कुछ नोट पकड़ा दिए. मैने हैरान होते हुए पूछा ये किसलिए. तो वो बोली “जान मुझे अच्छा नही लगा कि तुम ऑटो मे आते हो, पर्चेस आ बाइक फॉर यूं”
“मैं ये कैसे ले सकता हूँ… तुम मुझे…”
“बस.. मैं कुछ नही सुनूँगी, चुपचाप रख लो”
मैने फिर भी मना किया पर वो नही मानी तो मुझे वो जेब मे रखने पड़े.” फिर आने का वादा कर के मैं घर लौट आया.
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