तीनो 11 बजे तक फिल्म देखते रहे. बीच बीच मे अलका ऋतु का हाथ दबा देती थी जब भी कोई डरावना सीन आता था. ऐसे ही
जब फिल्म ख़तम हुई तो वो दोनो चल दी अपने कमरे की ओर. अर्जुन ने भी सोचा की एक चक्कर नीचे लगा आता हू.
“आज तो मुझे और कोमल को नीचे ही सोना है दादी जी के पास. वो पूजा के बाद फिर मैं कल तेरे साथ छत पर सोउंगी.”, ये बात माधुरी ने अर्जुन के कान मे कही जब वो रसोई मे अकेला खड़ा पानी पी रहा था.
“ठीक है दीदी.” इतना बोलकर उसने जल्दी से एक छोटा सा चुम्मा ले लिया माधुरी के गाल का.
“बदमाश.” और मुस्कुराती हुई वो वहाँ से बैठक की तरफ़ चल दी जहाँ पूजा हो रही थी. अर्जुन भी यूही घूमता फिरता तीस री मंज़िल पर चला गया और बैठ गया ख़ूले आसमान के नीचे. तारे टिमटिमा रहे थे और बड़ी अच्छी हवा चल रही थी. वो कितनी ही देर ऐसा बैठा रहा और निहारता रहा नीले-काले आकाश को. उसका ध्यान टूटा जब अलका की आवाज़ सुनाई दी. “तो जनाब यहा बैठे है और हमने सारा घर देख लिया” बड़ी चंचलता से वो अर्जुन की तरफ चली आई. अब अर्जुन का ध्यान गया अपनी दीदी की तरफ. बिल्कुल चुस्त जीन्स और टाइट टॉप मे वो कमाल लग रही थी. उसको कपड़ो का रंग नही दिख रहा था.
“चलो जल्दी नीचे चलो.” अर्जुन ने अलका का हाथ पकड़ा और उसको खींचता हुआ दूसरी मंज़िल वाले ड्रॉयिंग रूम मे आ गया. लाइट जलाई तो उसके होश ही उड गये. वो हल्का गुलाबी रंग का टॉप ऐसा लग रहा था जैसे अलका के जिस्म का ही हिस्सा हो. दोनो का रंग एक सा था. और चुस्त नीली जीन्स ऐसे चिपकी थी जैसे खाल के उपर कोई रंग किया हुआ हो. पिंडलिओं को आकर, जांघे, कूल्हे सब उसकी आँखों के सामने ही हो जैसे. अर्जुन को अपनी तरफ यू देखते देख अलका की नज़रे फर्श मे गढ़ने लगी और चेहरा लाल हो चुका था. अर्जुन ने जैसे ही अपने कदम अलका दीदी की तरफ किए दोनो के दिल की धड़कन बढ़ गई. उसने बड़े आराम से एक हाथ से अलका की ठोडी उपर करी और दूसरे हाथ से उसकी कमर को लपेट लिया. “आ वेरी हॅपी बर्तडे टू दा मोस्ट ब्यूटिफुल गर्ल ओं अर्त.” इतना बोलकर अर्जुन ने अपने होंठ अलका के होंठो से जोड़ दिए. अलका इस सबके लिए जैसे अंदर से ही तयार थी. उसने भी चुंबन का जवाब एक चुंबन से दिया.” थॅंक यू सो मच फॉर मेकिंग इट दिस स्पेशल.” और दोनो ऐसे ही चिपके खड़े रहे एक दूसरे के साथ.
“अब मैं चलती हू नीचे. मुझे सोना है भाई.” उसने ये बात ऐसे कही जैसे सिर्फ़ चुप्पी तोड़ना चाहती हो जो कमरे मे फैली थी.
“कही नही जा रही हो आप अभी. मेरा रिटर्न गिफ्ट है के आप थोड़ी देर मेरे पास रहोगी.” इतना बोलकर उसने अलका दीदी को अपनी बाहों मे उठा लिया और अपने कमरे मे ले आया. यहा सिंगल बेड ही था. और दोनो किसी चुंबक की तरह चिपक गये एक दूसरे से.
“आई लव यू अर्जुन.”, अलका ने ये बात अर्जुन का चेहरा अपने दोनो हाथो मे पकड़ते हुए कही. और ये सुनते ही अर्जुन ने दीदी को अपने उपर लिटा लिया और फिर से अपने होंठ दीदी के होंठो से मिला दिए. बारी बारी से दोनो लबो को चूस रहे थे और अब हालत ये थी की अलका की लार अर्जुन के मूह मे जा रही थी. होंठ बुरी तरह से भीग चुके थे. अलका की जिंदगी मे ये पहला पुरुष स्पर्श था. और उसको एहसास हुआ के इस चुंबन मे और ऋतु के साथ किए हुए मे कितना फरक था. एक पुरुष का स्पर्श ही कही ज़्यादा सुखद था ऋतु के साथ की हुई छेड़छाड़ से.
“आपके वहाँ पर तिल है.?” अर्जुन ने ये बात जब अलका से कही तो वो और ज़ोर से लिपट गई शरमाती हुई. उसके टॉप के बड़े गले से अर्जुन ने आधा मंज़र देख लिया था.
“बताओ ना”
“अब देख लिया तो क्यू पूछ रहा है.” शरमाते हुए अलका ने कहा.”देखा कहा है सिर्फ़ झलक ही तो मिली थी. प्लीज़ देखने दो ना.” अर्जुन ने प्राथना की तो अलका शरमाते हुए हंस दी.
“लाइट बंद कर दो अर्जुन.”
“फिर मैं इस खूसूरत परी का दीदार कैसे करूँगा.” कहते ही अर्जुन ने अपनी दीदी को अपने नीचे घुमा लिया.
अब वो धीरे धीरे टॉप को उपर उठा रहा था और अलका ने अपना मूह तकिये मे छुपा लिया था. जैसे ही टॉप ब्रा से उपर हुआ अर्जुन कुछ पल के लिए वही रुक गया. अलका का पेट मखमल की तरह मुलायम और सपाट था. नाभि थोड़ी ही गहरी थी और उसका बेजोड़ रंग. अर्जुन ने ब्रा के निचले हिस्से पर अपनी जीभ भिड़ा दी. उसके ऐसा करते ही अलका की एक तेज सिसकी निकल गई,’आ ह्ह्ह “
अर्जुन वैसे ही झुका रहा और उसने ब्रा के कप से दाया दूध पकड़ लिया.
“मत कर भाई मुझे कुछ हो रहा है.” अलका ने धीमे से ये बात बोली लेकिन इसमे इनकार ना था. और अर्जुन ने उसका पूरा मोटा दूध उस ब्रा के कप से बाहर निकाल लिया. गोल गोरे तने हुए चूचे पर किशमिश के आकर का गुलाबी-भूरा निप्पल. और उसके थोड़ी उपर एक मूँग दाल जितना काला तिल. अर्जुन ने अपने होंठ उस तिल के उपर रख दिए.
अलका को ऐसे लगा जैसे अर्जुन ने वहाँ से उसकी आत्मा चूस ली हो. उसका धड़ बिस्तर से उपर उठ गया और तभी अर्जुन ने उसका वो गुलाबी निप्पल अपने मूह मे लेकर चूसना शुरू कर दिया.
“आ भाई. क्या जादू कर रहा है तू. देख मैं मर जाउन्गी इस आनंद से मत कर.” अब अलका तड़पने लगी थी लेकिन अर्जुन यही ना रुका उसका वो दूध चूस्ते हुए दूसरे हाथ से उसना अलका का दूसरा चूचा भी बाहर निकाल लिया. ब्रा के कप नीचे लटक रहे थे और वो एक दूध को दबा रहा था और एक को चूस रहा था. बारी बारी से चूस दबा कर उसने अलका के दोनो बड़े चूचे लाल कर दिए थे
“दीदी आपको पता है के आपके ये अनार मुझे सोने नही देते. दिल करता है बस इनको चुसता दबाता रहूं.” अर्जुन ने अपने आप को पूरी तरह से अलका के उपर बिछते हुए कहा. उसका लंड अब अलका की जाँघो को रगड़ रहा था.
Threesome sex stories – गुजराती कपल के साथ थ्रीसम का मज़ा
“भाई क्या तू ऐसे ही मुझे सारी ज़िंदगी प्यार करेगा.?” उसने अर्जुन का मूह उपर करते हुए कहा.
“मरते दम तक.” इतना बोलकर दोनो एक दूसरे की जीब से जीभ लड़ाने लगे. कभी अर्जुन अलका की जीब अपने मूह मे लेके चुसता तो कभी अलका. अलका की चूत ने सिर्फ़ चूचे चूसाई से ही पानी बहा दिया था. जैसे ही उसका जिस्मा अकड़ा बाहर कार का हॉर्न सुनाई दिया.
अलका और अर्जुन दोनो ही खड़े हो गये और अर्जुन सामने वाली सीडीयों से नीचे चल दिया गेट खोलने. उसके पिता शंकर जी वापिस आ गये थे.अलका और अर्जुन दोनो ही खड़े हो गये और अर्जुन सामने वाली सीडीयों से नीचे चल दिया गेट खोलने. उसके पिता शंकर जी वापिस आ गये थे.
” यू स्टिल अवेक?”
“एस डेड. आक्च्युयली मोस्ट मेंबर्ज़ आर अवेक. सम रिटूयल्स.”
“ओके, आई एम गोयिंग टूमी रूम. जस्ट पास दिस मेसेज टू युवर मदर.” कार खड़ी करके शंकर जी अंदर चले गये और अर्जुन ने गेट पे ताला लगा लिया अंदर से.
“मा पापा आ गये है.” पूजा बस अभी ख़तम हुई थी तो सब लोग खड़े हो गये. ललिता जी रेखा जी अपने कमरे की तरफ चल दिए और कोमल और माधुरी अपनी दादी के साथ. अर्जुन जब उपर आया तो वहाँ कोई नही था. लेकिन वो खुश था क्योंकि बिस्तर पर एक कागज के टुकड़े पर लिखा था “आई लव यू”.