होता है जो वो हो जाने दो – maa beta sex story

राहुल धीरे-धीरे अपनी मां के कमरे तक पहुंच गया था और जैसे ही उसने दरवाजे को खोलकर कमरे के अंदर नजर डाला तो वह अंदर का नजारा देखकर एकदम से दंग रह गया। अंदर का नजारा देख कर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई मन में उसने ढ़ेर सारी कल्पनाएं की थी लेकिन यहां तो कल्पनाओं के विपरीत ही सबकुछ था। कहते हैं कि कल्पना से ज्यादा सुंदर कुछ नहीं होता लेकिन कल्पना से भी बेहद खूबसूरत और कामुक नजारा उसे कमरे में देखने को मिल रहा था। अलका आईने में अपने अक्स को निहार रही थी और दरवाजे पर खड़ा राहुल अपनी मां को आईने के सामने खड़ा देख रहा था उसकी नजर सीधे उसकी मां के भरावदार नितंबों पर ही गई थी। राहुल ने कभी सोचा भी नहीं था कि उसके दिए गए कपड़ों में ऊसकी मां और भी ज्यादा कामुक और सेक्सी हो जाएगी। राहुल की नजर तो अलका के बदन पर से हट ही नहीं रही थी। वह तो बस देखे जा रहा था खास करके उसकी नजर उसकी मां की बड़ी बड़ी गांड पर ही टिकी हुई थी जिसके ऊपर ट्रांसपेरेंट गाऊन क्या खूब फब रही थी।

गाउन छोटा होने की वजह से वह सिर्फ अलका की आधी गांड को ही ढंक पा रहा था , ढाक क्या पा रहा था ट्रांसपेरेंट गाउन होने की वजह से सब कुछ नजर आ रहा था। अलका अपनी खूबसूरती को आईने में निहारने में ही मस्त थी उसे इस बात का बिल्कुल भी आभास नहीं था कि उसका बेटा दरवाजे पर खड़ा उसे कामुक नजरो से देख रहा है। राहुल के लिए खड़े-खड़े यह कामुक नजारा देखना उसके सब्र के बाहर था इसलिए वह अपनी मां की तरफ आगे बढ़ा, राहुल जैसे ही आगे बढ़ा और जैसे ही दो चार कदम आगे बढ़ा ही था कि आईने में वह नजर आने लगा। राहुल को कमरे में मौजूद देखकर और अपने हालात को देखकर इस समय अलका शर्माने लगी। राहुल कभी अपनी मां के भजन को पीछे से देख ले रहा था तो कभी आईने में उसका चेहरा देख ले रहा था लेकिन अलका अपने परिवेश के कारण शर्म के मारे उससे आईने में भी आंख नहीं मिला पा रही थी। राहुल की हालत तो जेसे जेसे आगे बढ़ रहा था वैसे वैसे खराब होती जा रही थी। उसके पजामे में पूरी तरह से तंबू बना हुआ था। राहुल को अपने करीब आता देख अलका शर्माते हुए उसकी तरफ घूम गई और अपनी छोटी सी ट्रांसपेरेंट गाउन को हाथों से खींच खींच कर नीचे अपनी चिकनी जांघो को ढकने की नाकाम कोशिश करने लगी। राहुल को यह बिल्कुल भी समझ मे नही रहा था की आखिरकार उसकी मम्मी इस तरह से शरमा क्यों रही है। जबकि वह दोनों तो शर्मो हया और मर्यादा के सारे बंधन को तोड़कर ईतने आगे आ चुके थे कि जहां से पीछे वापस लौट कर जाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था। फिर उसके मन में ख्याल आया कि शायद कपड़ों की वजह से उसकी मां शर्मा रही थी। शायद उसे इन खुले कपड़ों में कुछ ज्यादा ही खुलापन लग रहा था। वैसे ही राहुल भी अच्छी तरह से जानता था कि वह जिसे छुपाने की नाकाम कोशिश कर रही थी वह ऐसे भी दिखाई दे रहा था। राहुल तो बस मंत्रमुग्ध सा अपनी मां के बदन को देखे जा रहा था। और अलका थी की बस शर्माए जा रहीे थीे लेकिन इस बात का उसे गर्व भी थाकि इन कपड़ो में उसका वजन कुछ ज्यादा ही सेक्सी और कुछ ज्यादा ही उभर कर सामने आ रहा था जिसे देखकर उसका बेटा भी मंत्रमुग्ध हो गया था। अलका फिर भी अपने बदन को छोटे से कपड़े से ढकने की पूरी कोशिश किए जा रही थी। अपनी मां की यह हरकत राहुल को बड़ी ही कामुक और ऊत्तेजक लग रही थी। अलका की यह हरकत उसके बदन में झनझनाहट पैदा कर रही थी। राहुल अपने अंदर एक अजीब से सुख का एहसास कर रहा था। उसकी मां ऐसा बर्ताव कर रही थी कि जेसे वह खुद किसी गैर मर्द के सामने इन कपड़ो में आ गई हो। राहुल को भी ठीक ऐसा ही अनुभव हो रहा था उसे भी अपनी मां का बरखा देखते हुए लग रहा था कि जैसे वह किसी गैर औरत के सामने पहली बार ईस अवस्था में आ गया हो। अलका के चेहरे पर शर्मो हया के भाव उसके चेहरे को और भी ज्यादा खूबसूरत बना रहे थे। राहुल की तो हालत ऊपर से नीचे तक देख देख कर खराब हुए जा रही थी उसके पजामे में उसका लंड गदर मचाए हुए था जिस पर रह रहकर अलका नजर फेर ले रही थी। पजामे में तना हुआ लंड देखकर अलका की बुर में भी सुरसुराहट होना शुरू हो गई थी। लेकिन इस समय वह पहने हुए अपने छोटे छोटे कपड़ों में शर्मसार हुए जा रही थी। राहुल तो अपनी मां के खुबसुरत नंगे बदन को देखते हुए पजामे के ऊपर से ही अपने टनटनाए हुए लंड को मसलने लगा।

अपने बेटे को ईस तरह से पजामे के ऊपर से ही लंड को मसलते हुए देखकर अलका की बुर पानी छोड़ने लगी।वह समझ गई की ऊसका बेटा चुदवासा हो चुका है । लेकीन ईन कपड़ो मे अलका की हया खत्म नही हो रही थी। राहुल अपनी मां की खुबसुरती को देखकर ऊत्तेजना के परमशिखर पर पहुंच गया था। अलका के दुधिया बदन को देखकर ऊसकी आंखे चौंधिया गई थी।

राहुल पजामे के ऊपर से ही लंड को मसलते हुए बोला।

ओहहहह मम्मी इन कपड़ों में तुम तो आसमान से उतरी हुई कोई अप्सरा लग रही हो। मुझे यकीन नही हो रहा है की सच मे तुम मेरी मम्मी हो ।

तो क्या लग रही हुं? ( अलका शर्म के मारे नजरे नीचे झुकाकर बोली।)

ऐसी लग रही हो जेसे फिल्म की कोई हीरोईन

( अपनी मां के चारो ओर चक्कर काटते हुए बोला।)

अपने बेटे की बात सुनकर वह शर्मा गई। राहुल अभी भी उसके चारों तरफ घूम घूम कर उसके खूबसूरत बदन को ऊपर से नीचे की तरफ पूरी तरह से देख रहा था। देखते-देखते उससे रहा नहीं गया और जो ही वह अपनी मां के पीछे पीठ की तरफ पहुंचा तो उसकी नजर अलका के भरावदार नितंब पर चली गई और उस पर नजर जाते ही राहुल के अंदर उत्तेजना का संचार बड़ी ही तीव्र गति से होने लगा और उससे रहा नहीं गया उसने तुरंत अपनी हथेली अपनी मां के भरावदार गांड पर रखकर उसे हथेली में ही दबोच लिया, राहुल की इस हरकत पर अलंकाआगे की तरफ उचक गई और उसके मुंह से आउच निकल गया।

क्या कर रहा है राहुल?

क्या करूं मम्मी मुझ से रहा नहीं जा रहा है मैंने कहा ना कि आज आप स्वर्ग से उतरी हुई कोई अप्सरा लग रही है। आपका यह खूबसूरत बदन बड़ी बड़ी चूचियां और यह बड़े बड़े गांड ईन छोटे छोटे कपड़ों में बड़ा ही मोहक और कामुक लग रहा है। क्या कहूं मम्मी मुझसे आज अपने आप पर काबू कर पाना बड़ा ही मुश्किल हुए जा रहा है।

( अपने बेटे की बात सुनकर अलका शर्म से गड़ी जा रही थी लेकिन अंदर ही अंदर अपनी तारीफ सुनकर उसे बड़ी ही प्रसन्नता हो रही थी। वह शरमाते हुए अपने दोनों हथेलियों को आपस में जोड़कर जांघों के बीच टिका कर पैंटी से झलक रही है अपनी गुलाबी बुक को ढकने की कोशिश कर रही थी। अपनी मां को इस तरह की हरकत करते हुए देखकर वह बोला।)

ओह मम्मी अपनी खूबसूरती को इस तरह से छुपाओगी तो कैसे चलेगा। और किससे छुपा रही हो,,,,, मुझसे,,,,,

अब हमारेे बीच छुपाने जैसा कुछ रहा ही क्या है मेरे और तुम्हारे बीच में मर्यादा की सारी हदें टूट चुकी है। हम दोनों के बीच कुछ भी छिपने छिपाने जैसा नहीं रहा है मम्मी। बस आज खुलकर प्यार करो सारी हदें तोड़ दो आपकी खूबसूरत और सेक्सी बदन का में दीवाना हो चुका हूं। तुम्हारे जैसी औरत मैंने आज तक नहीं देखा तुम्हारे जैसी खुबसूरती शायद ही किसी औरत में हो।

( राहुल अपनी मां की खूबसूरती की तारीफ में चार चांद लगाते हुए शब्दों के ऐसे ऐसे पुल बांध रहा था कि उसकी मां भी अपने बेटे के इन बातों को सुनकर आश्चर्यचकित होते हुए मन-ही-मन प्रसन्नता के साथ साथ उत्तेजित भी हुए जा रही थी। वह कुछ भी बोल नहीं रही थी बल्कि अपनी दोनों हथेलियों से अपनी जांघ़ों के बीच पहरेदारी करते हुए उस बेशकीमती खजाने को छुपाने की कोशिश कर रही थी, जो कि उसकी यह कोशिश नाकाम थी । क्योंकि वहां क्या-क्या छिपाती उसका अंग-अंग बेशकीमती था जांगो के बीच की जगह को छुपाने की कोशिश करती तो, छातियों की खूबसूरती बढ़ाते हुए दो बड़े बड़े टिल़े के सामान चुचिया उजागर हो जाती थी। और तो और उसकी बड़ी-बड़ी भरावदार नितंब इतनी ज्यादा उभरी हुई थी कि उन्हें छुपाने के बारे में तो वह सोच भी नहीं सकती थी। अलका का खूबसूरत बदन इस तरह से तराशा हुआ था कि उस के भदन के किसी भी हिस्से पर नजर जाती तो उत्तेजना की एक लहर पूरे बदन में दौड़ जाती थी। राहुल पूरी तरह से उत्तेजना में सराबोर हो चुका था वह अपनी मां की तारीफ करते बिल्कुल भी नहीं थक रहा था।)

मम्मी आज मुझसे दिल खोलकर प्यार करो और मुझे भी प्यार करने दो आज आप अपने बदन का वह जलवा दिखाओ की जो मैंने आज तक नहीं देखा। तुम्हारे बदन के अंग अंग से मदन रस टपक रहा है या मदन रस पी कर मुझे त्रप्त होने दो। ( यह सब बोलते हुए राहुल की आंखों में मदहोशी जा रही थी उसके बदन में अलका के नशा का असर पूरी तरह से हो रहा था। और अलका थी की आज ना जाने कौनसी शर्मो हया ने उसे घेर रखा था।

जो कि खुद नंगी होकर भी अपने बेटे को पूरी तरह से अपने काबू में कर चुकी थी उसे अपनी बुर साौंप कर चुदाई का असीम आनंद ले चुकी थी। दोनों ने ना जाने कितनी बार चुदाई का पूरी तरह से आनंद ले चुके थे।

संभोग सुख प्राप्त करने की सारी कलाबाजियां दोनों ने बिस्तर पर खेल चुके थे, जिस के हिसाब से हल्का की भी सारी शर्म की हदें तोड़ चुकी थी लेकिन इस वक्त इस तरह के सेक्सी कपड़ों में वह अपनी शर्म की हद से निकल नहीं पा रही थी। लेकिन उसके अंग अंग में उत्तेजना का संचार पूरी तरह से हो चुका था। उत्तेजना के कारण उसकी सांसे बड़ी तीव्र गति से चल रही थी। और तेजी से सांस चलने की वजह से उसकी बड़ी बड़ी चूचियां सांस कि लय में लय मिलाते हुए बड़े ही कामुक अंदाज में ऊपर नीचे हो रही थी, जिसे देखकर राहुल चुदवासा हुए जा रहा था। वह अपनी मम्मी की बड़ी बड़ी चुचियों को ऊफान मारता हुआ देखकर बोला।)

ओह मम्मी अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है । आप बस ऐसे किसी पुतले की तरह खड़ी रहेंगेी तो काम कैसे चलेगा, इन कपड़ों में पूरी मस्ती दिखाओ, मुझे चलकर दिखाओ मम्मी, चलते समय तुम्हारी गांड किस तरह से मटकती है मैं तुम्हारी गांड की थिरकन को देखना चाहता हूं।

मैं इन कपड़ो में तुम्हें चलते हुए देखना चाहता हूं चलते समय किस तरह से तुम्हारा अंग अंग ऊफान मारता है यह देखना चाहता हूं।। आज यह तुम्हारा नया रुप देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा है देखो तो सही तुम्हारे इस रुप ने मेरी क्या हालत कर दी है।( इतना कहते हुए उसने अपने पजामे को थोड़ा सा नीचे सरका कर अपने टनटनाए हुए लंड को बाहर निकाल कर अपनी मां को दिखाते हुए एक बार मुठीयाकर वापस उसे पजामे मे ठुंस ़ दिया। अलका की नजर जैसे ही अपने बेटे के टंनटनाए हुए लंड पर पड़ी तो अलका की बुरमें उत्तेजना के मारे सुरसुराहट होने लगी। )

मम्मी मुझसे रहा नहीं जा रहा है तो आज जो मैं कहता हूं वैसा ही आप करिए।

लेकिन बेटा मुझे इन कपड़ों में शर्म आ रही है मुझसे ठीक से खड़ा नहीं रहा जा रहा है तो मैं कैसे तुझे चलकर दिखाऊंगी। ( अलका को इन कपड़ो में चलने में दिक्कत आ रही थी उसे शर्म सी महसूस हो रही थी इसलिए वह राहुल से बोली। लेकिन राहुल अपनी मां की बात नां मानते हुए बोला।)

मम्मी यह मत भुलो कि आज मेरा जन्मदिन है और तुमने ही मुझसे वादा की हो की मेरे जन्मदिन पर तूम मेरी हर ख्वाहिश पूरी करोगी।

इन कपड़ों में चल कर दिखाने वाली बात पर अलका थोड़ी सी झिझक रही थी। एक तो पहली बार इस तरह के कपड़े पहनने का अनुभव ले रही थी और उस पर से इन कपड़ों में ठीक से अरे रहने में भी शर्म सी महसूस हो रही थी और राहुल उसे चलने को कह रहा था इसलिए उसे और भी ज्यादा झिझक महसूस हो रही थी।

लेकिन उसे भी अपना वादा अच्छी तरह से याद था उसने ही राहुल से कहा था कि जन्मदिन के दिन वह उसकी सारी बात मानेगी और उसे खुश कर देगी। वह राहुल की तरफ देखी तो उसकी कामुक नजरे उसके ही बदन पर ऊपर से नीचे की तरफ घूम रही थी, जिसकी वजह से वह शर्म सी महसूस हो रही थी और यही बात उसे भी समझ में नहीं आ रही थी कि वह अपने बेटे के साथ इतना खुल जाने के बावजूद भी आज उसे इन कपड़ो में अपने बेटे के सामने शर्म क्यों महसुस रही है। लेकिन फिर वह इस बात को छोड़ कर अपने आप को सहज करने के लिए अपनी बेटे के साथ बिताए उस रंगीन पलों को याद करने लगी, जब मस्त होकर के उसका बेटा उसे नंगी करके चोदता था और वह खुद चुदवासी हो करके अपने बेटे के लंड पर सवार हो कर के चुदाई का मजा लेती थी। जल्द ही अलका को इसका असर देखने को मिला वह धीरे-धीरे सहज होने लगी अपने बेटे के साथ बिताए उन रंगीन पलों को याद कर करके अलका का मिजाज इस समय भी रंगीन होने लगा। राहुल बड़ी मस्ती के साथ पजामे के ऊपर से अपने लंड को मसलता हुआ अपनीे मां की गुदाज बदन को घूर रहा था। अलका अपने आप को पूरी तरह से तैयार कर ली थी, अपने बेटे की हसरत को पूरी करने के लिए इसलिए वह अपने चेहरे पर मुस्कुराहट लाते हुए और बदन की कामुकता को दर्शाते हुए अपने गुलाबी होठ को अपने ही दांतों से कुचलते हुए राहुल की तरफ बढ़ी, मादक अदा से चलते हुए जैसे ही वह राहुल के करीब पहुंची वह उसे उसके सीने पर अपनी हथेली रखकर धक्का देते हुए बिस्तर पर गिरा दी। राहुल को अपनी मां की यह अदा कामुकता के परम शिखर तक पहुंचाने की कोई सीढ़ी के समान लग रही थी। राहुल पीठ के बल चित बिस्तर पर लेटा हुआ था और अलका एक बार उसके ऊपर झुकते हुए उसके सीने पर अपनी हथेली फीरा़ते हुए नीचे की तरफ लाई और जैसे ही उसकी हथेली जांगो के बीच उभरे हुए तंबू पर पड़ी तो उसे अपनी हथेली में कस के दबोच ली,,,,, इतना कसके उसने राहुल के तंबू को हथेली में दबोची की राहुल के मुंह से दर्द भरी कराहने की आवाज निकल गई।

आाााहहहहहहह,,,,,,, मम्मी,,,,,,,,,,,

राहुल के कराहने की आवाज को सुनकर अलका मुस्कुराने लगी। अलका कभी आंखो में खुमार है छाने लगी थी मदहोशी उसके बदन को अपने कब्जे में ले चुकी थी। उसे अब क्या करना था यह उसे अच्छी तरह से पता था क्योंकि कुछ फिल्मों में उसमें हीरो को इस तरह से रीझााते हुए देख चुकी थी। वह सीधे खड़ी हुई और अपनी पीठ राहुल की तरफ करके अपनी नजरें पीछे घुमा कर राहुल की तरफ देखने लगी। ट्रांसपेरेंट गाउन में से राहुल को अपनी मां का बदन साफ साफ नजर आ रहा था। राहुल तो अपनी मां का खूबसूरत बदन देख कर तड़प रहा था। अपना पिछवाड़ा राहुल की तरफ करके खड़े होने पर उसने सबसे पहले अपने सांवरे हुए बाल को उसका बक्कल निकालकर खोल दी। जिससे उसके खूबसूरत काले घने रेशमी बाल उस की नंगी पीठ पर बिखर गए। जो कि यह रेशमी बाल अलका की खूबसूरती में चार चांद लगा रहे थे राहुल तो बस देखता ही रह जा रहा था। अलका ने हल्के हल्के अपनी कमर को दाएं बाएं घुमाकर के सिर्फ अपने भारी भरकम नितंबों को ही थिऱकन देते हुए अपने दोनों हाथ को अपनी कमर पर रख दी। अलका की ईस हरकत पर जिस तरह से उसकी भराव दार गांड हल्के-हल्के कंपन लेते हुए थिरकन ले रही थी उसे देखकर किसी का भी लंड पानी छोड़ दे।

अलका धीरे-धीरे अपनी कमर को आगे पीछे हिलाते हुए

किसी के साथ संभोग कर रही हो इस तरह की प्रतीति करा रही थी। जिसे देखकर राहुल से रहा नहीं गया और उसने अपने पजामे को नीचे जाघों तक सरका कर अपने टनटनाए हुए लंडं को अपनी मुट्ठी में भरकर हीलाने लगा। अलका को अपने बेटे की हालत देख कर बड़ा मजा आ रहा था। वह अपने होठों पर कामुक मुस्कान बिखेरते हुए अपनी गांड मटकाकर आगे की तरफ बढ़ने लगी, जैसे-जैसे वह अपने कदम को आगे बढ़ा रही थी उसकी गांड वैसे वैसे थिरकती हुई राहुल के लंड पर छोरियां चला रही थी। राहुल अपनी मां की भारी-भरकम गांड को देखते हुए अपने लंड को मुठिया रहा था। धीरे-धीरे अपने हुस्न का जलवा बिखेरते हुए अलका सामने की दीवार के छोर तक पहुंच गई। राहुल ने आज तक ऐसा नजारा नहीं देखा था इसलिए उसकी हालत बेहद खराब हो जा रही थी कामोत्तेजना उसके पूरे बदन में लहू की तरह बह रही थी। अलका का भी यही हाल था जिंदगी में पहली बार उसने इस तरह का कोई काम की थी जिसको करने में उसकी पैंटी धीरे धीरे गीली होने लगी थी। उसे भी जिस तरह का कामोत्तेजना का एहसास हो रहा था ऐसा- एहसास उसने जिंदगी में कभी भी महसूस नहीं की थी। उस छोर पर पहुंचकर वह फिर से बिस्तर की तरफ आते हुए अपने पैर को

पटककर फिर से अपनी गांड को मटकाते हुए चलने लगी लेकिन इस बार सामने की तरफ से उसकी बड़ी बड़ी चूचियां, ब्रा मे कैद होने के बावजूद भी आधे से ज्यादा नजर आ रही थी, जोकि रबर की गेंद की भांति उछल रही थी। और अपनी मां की चुचियों को ऊछलता हुआ देखकर राहुल की धड़कने जोर-जोर से उछाल मारते हुए चल रही थी। अलका को भी अपने खूबसूरत बदन पर गर्व हो रहा था । आगे राहुल की तरफ बढ़ते हुए अलका रह रहकर अपने दोनों हथेलियों से अपनी चुचियों को दबा दे रही थी जिससे राहुल की हालत और भी ज्यादा खराब हो रही थी। राहुल तो अपनी मां की मस्त चाल को देखते हुए अपने लंड को जोर-जोर से मुठिया रहा था। उत्तेजना के मारे उसका चेहरा भी लाल लाल हो गया था ट्यूबलाइट के दूधिया रोशनी में अलका का खूबसूरत गोरा बदन और भी ज्यादा चमक रहा था।

अलका ने दिया आज तक कर ली थी कि जन्मदिन के दिन वह अपने बेटे को किसी भी तरह से नाराज नहीं करेगी और उसे हर तरह का सुख देने की पूरी कोशिश करेंगी। इसलिए वह धीरे-धीरे और भी ज्यादा खोलना शुरू कर दी थी क्योंकि जैसे ही वह अपने बेटे के करीब बिस्तर तक पहुंची उसने अपनी हथेली को बड़े ही उन्मादक अंदाज में अपने पेट से होते हुए नीचे की तरफ जांघों के बीच में ले जाकर पैंटी के ऊपर से ही अपनी रसीली पनीयाई बुर को मसलनें लगी। यह देखकर राहुल ठंडी आह भरते हुए जोर जोर से अपने लंड को मुठीयाने लगा।

अलका को अपने बेटे को इस तरह से तड़पाने में अब मजा आने लगा था। अभी भी वह पैंटी के ऊपर से ही अपने बुर कों सहलाए जा रही थी और राहुल को तड़पता देख अपने होठों पर कामुक मुस्कान बिखेरे जा रही थी। इससे पहले अलका ने इतनी कामुक हरकत कभी भी नहीं की। ट्रांसपेरेंट गाउन और नई स्टाइलिश ब्रा और पैंटी में अलका कयामत लग रही थी और उस पर सितम ढाने का काम उसकी कामुक हरकतें कर रही थी। राहुल की मूठ्टी में उसका खड़ा लंड और भी ज्यादा भयानक लगने लगा था जिसे देखकर अलका की बुर पानी पानी हुए जा रही थी। दोनों के बीच किसी भी प्रकार की वार्तालाप नहीं हो पा रही थी बस दोनों एक दूसरे के कामोंत्तेजना को देखकर कामोतेजना के परम शिखर पर विराज रहे थे। राहुल की धड़कनें बढ़ाते हुए अलका ने अपनी हथेली को अपनी पैंटी में ही डाल कर बुर के गुलाबी पत्तियों को मसलने लगी, जोकि जालीदार पैंटी में से साफ साफ राहुल को सब कुछ नजर आ रहा था। अलका ने पूरे कमरे में चक्कर लगा कर यह साबित कर दी की वह भी रेम्प वॉक पर बहुत ह़ी आसानी से जलवा बिखेरते हुए सबके दिलों पर राज कर सकती है। पूरे कमरे में इन कपड़ो में चल करके उसने राहुल को किया हुआ वादा निभा दी थी । राहुल की यही ख्वाहिश थी उसे इस तरह से चलते हुए देखने की जो कि उसकी यही ख्वाहिश उसकी कामोत्तेजना को और ज्यादा भड़का चुकी थी। अलका अपनी ही कामुक हरकतों से खुद ही काम ज्वर में तड़पने लगी थी इसलिए वह अभी भी जोर जोर से अपनी बुर की गुलाबी पत्तियों को अपनी उंगलियों में फंसाकर रगड़ रही थी। ऊसके मुंह से गरम सिसकारी फुटने लगी थी।

सससससससहहहहहहह,,,,,,,, राहुल,,,,,,, आहहहहहहहह,,,,,,, ( बुर को जोर जोर से मसलते हुए) मेरी बुर में आग लगी हुई है मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है कुछ कर,,, सससससहहहहहहह,,,,,,, आहहहहहहहह,,,,,,,,,

मम्मी मेरा भी तो यही हाल है मेरा लंड देखो ( लंड को मुठीयाते हुए ऊसकी तरफ आंखो से ईसारा करते हुए) किस तरह से तड़प के टनटनाकर खड़ा है। सससससससहहहहहह,,,,, मम्मी ने नहीं आज तक तुम्हारी जैसी खूबसूरत औरत नहीं देखा तुम्हारे सामने तो फिल्मों की हीरोइनें भी पानी भरेंगी। ( राहुल गरम आहे लेते हुए बोला। )

अपने बेटे के खड़े लंड को देख कर अलका की भी हालत खराब हुए जा रही थी। उसकी बुर पानी छोड़ते हुए पेंटी को पूरी तरह से गीली कर चुकी थी। राहुल की भी नजर अपनी मां की जांघों के बीच ही टिकी हुई थी।

वह अपनी मां की पैंटी को गीली होता हुआ देख रहा था। उसकी मां लगातार अपनी बुर को मसल रही थी जिससे वह और भी ज्यादा चुदवासी हुई जा रही थी।

उसे शायद अपने जिस्म की प्यास बर्दाश्त नहीं हो रही थी वह जल्द से जल्द अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में अंदर जाता हुआ देखना चाहती थी लेकिन अभी राहुल अपनी मां को और भी ज्यादा चुदवासी करना चाहता था इसलिए जल्दबाजी नहीं दिखा रहा था जबकि उसका भी मन अपनी मां को चोदने का खूब कर रहा था।

अलका से अपनी बुर की गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही थी इसलिए वह लगातार अपनी बुर को मसलते हुए सिसकारी लेते हुए अपने बेटे से बोली।

सससहहहहहहह,,,,,,, राहुल कुछ कर अब बर्दास्त कर पाना बड़ा मुशकिल हुए जा रहा है।

( अपनी मां की हालत को देखकर राहुल भी समझ गया था कि उसकी मां पूरी तरह से गर्म हो चुकी है इसलिए वह बिस्तर पर से उठा और घुटनों के बल बैठ गया घुटनों के बल बैठते ही सबसे पहले उसने अपनी हथेली को अपनी मां की पेंटी पर रखते हुए उसे हल्के हल्के सहलाने लगा।

राहुल का इस तरह से अपनी मां की ब** को पेंटी के ऊपर से ही सहलाना आग में घी का काम कर रहा था अपने बेटे की इस हरकत पर अलका के कामोत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई और उसने खुद ही अपनी दोनों बड़ी बड़ी चुचियों को अपने हथेली में भरकर दबाने लगी।

ससससससहहहहहहह,,,,,,,,,, आाहहहहहहहहहह बेटा तू तो और ज्यादा मेरी हालत खराब कर रहा है अब तो उंगली से नहीं बस तेरे लंड से ही मेरी बुर की प्यास बुझेगी।

मम्मी तुम तो बहुत गीली हो गई हो। तुम्हारी बुर बहुत ज्यादा ही पानी छोड़ रही है।( इतना कहते हुए उसने अपनी हथेली को पेंटी के अंदर डाल कर अपनी मां की बुर टटोलने लगा जो की बहुत गीली हो चुकी थी।)

सससहहहहहहह,,,,,,,,, तभी तो कह रही हूं रे कुछ कर मुझसे मेरी बुर की तड़प बर्दाश्त नहीं हो रही है।

( अपनी मां की पनियाई बुर को देखकर राहुल की भी हालत खराब होने लगी उसके लंड ने भी ठुनकी मारना शुरु कर दिया था।,,,, ईसलिए वह अपनी मां की पैंटी के दोनों छोर को पकड़कर धीरे-धीरे नीचे की तरफ सिर पानी लगा आज उसे भी गजब की कामोत्तेजना का अनुभव हो रहा था। क्योंकि पहली बार वह भी इस तरह की स्टाइलिस पेंटी को अपने हाथों से अपनी मां के बदन पर से उतार रहा था। अगले ही पल उसने अपनी मां की पैंटी को सरका कर उसकी जांघो तक कर दिया। पानी से लबालब अपनी मां की दूरी देख कर उसका भी दिल बाग-बाग हो गया। अलका प्यासी नजरों से अपने बेटे की हरकत को देख रही थी उसे लग रहा था कि उसका बेटा उसकी प्यास बुझाएगा, वह सोच ही रही थी कि तभी राहुल ने अपने दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़ कर घुमा दिया, जिससे उसकी भरावदार गांड ठीक उसकी आंखों के सामने आ गई अलका को समझ में नहीं आ रहा था कि यह राहुल कौन सी हरकत करना चाहता है। राहुल ने धीरे से अपनी एक हथेली को अपनी मां की पीठ पर रखकर उसे दबाव देते हुए उसे झुकने का इशारा किया। उसकी मां को समझते देर नहीं लगेगी राहुल क्या कहना चाहता है और वह तुरंत नीचे की तरफ झुक गई। इस तरह से नीचे झुकने से उसकी बड़ी बड़ी गांड ऊचक के राहुल की आंखों के सामने नाच रही थी। इस तरह से अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड को देखकर राहुल का गला उत्तेजना के मारे सूखने लगा

राहुल की सांसे बड़ी ही तीव्र गति से चलने लगी थी उसकी आंखों के सामने अलका की नंगी गांड किसी थाली में सजाए हुए पकवान की तरह लग रही थी जिसे देखकर राहुल के मुंह में पानी आ रहा था। पैंटी में लगी पतली सी डोरी अलका की भरावदार गांड की गहरी लकीर में कहीं खो गई थी जोकि दिखाई नहीं दे रही थी पीछे से देखने पर ऐसा ही लग रहा था की वह पीछे से पूरी तरह से नंगी है लेकिन राहुल ने गांड की फांको को दोनों हाथों से पकड़कर फैलाते हुए उसमें से पेंटिं की पतली डोरी को खींचकर फूली हुई बुर की दूसरी मुहाने पर कर दिया जिससे उसकी नंगी बुर एकदम मुंह के सामने ही नजर आने लगी। अपनी मां की फूली हुई बुर देखकर राहुल से रहा नहीं गया और उसने ऊंगलियो से

हल्के से फुली हुई बुर की गुलाबी पत्तियों को धीरे धीरे रगड़ना शुरु कर दिया। राहुल की हरकत की वजह से अलका की उत्तेजना पल पल बढ़ती जा रही थी वह गहरी गहरी सांस लेते हुए पीछे नज़र घुमा कर अपने बेटे की हरकत को देखते हुए और भी ज्यादा चुदवासी हुई जा रही थी। राहुल कुछ देर तक हल्के हल्के यूं ही अपनी अंगुलियों से बुर की गुलाबी पति को रगड़ता रहा जिससे कि उन दोनों की उत्तेजना परम शिखर पर पहुंच गई दोनों गरम गरम सिसकारी लेते हुए मजे ले रहे थे। लेकिन प्यास दोनों की बुझने की वजाय और भी ज्यादा बढ़ती जा रही थी। दोनों इस तरह की कामक्रीडा से पूरी तरह से आनंद ले रहे थे लेकिन तड़प भी ज्यादा रहे थे। राहुल से ज्यादा तो अलका तड़प रही थी इसलिए राहुल अपनी मां की तड़प को थोड़ा कम करने के लिए। अपनी मां की जांघों के बीच अपना मुंह लाया और अपने तपते हुए होठ को अपनी मां की गरम बुर के मुहाने पर रख कर जिभ से चाटना शुरु कर दिया। जैसे ही अलका ने अपने बेटे की जीभ को अपनी बुर पर महसूस की उसके मुंह से गर्म सिसकारी छूट गई।

सससससहहहहहहह,,,,,,, आाहहहहहहहहहह,,,,,,, राहुल,,,,,

अपनी मां की गरम सिसकारी को सुनकर राहुल और भी ज्यादा बेताब हो करके जल्दी-जल्दी जीभ से बूर की गुलाबी पत्तियों को चाटने लगा। अलका की बुर से और भी ज्यादा पानी टपकने लगा। राहुल अपनी मां की बुर चाटकर मस्त हुए जा रहा था और अलका सिसकारी लेते हुए अपनी तड़प को और ज्यादा बढ़ा रही थी।

ससससहहहहहह,,,, आाहहहहहहहहहह,,,,,,,, ऊफ्फ्फ्फ,,,,,,,,,,, ओहहहहहह राहुल,,,,,,,,

अलका का इस तरह सिसकारी लेते हुए सिसकना राहुल की बेचैनी और उत्तेजना दोनों को बढ़ा रहा था। अलका की बुर पर राहुल की जीभ एैसे चल रही थी जैसे किसी आइस क्रीम के कप पर चल रही हो। दोनों को बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी राहुल रह-रहकर बुर को चाटते हुए एक हाथ से अपने लंड को भी मुठीया ले रहा था। राहुल की ईच्छा हो रही थी कि उसकी मां उसके लंड को मुंह मे लेकर चुसे। इसलिए उसने ऐसी हरकत कर डाला के उसके बारे में अलका कभी अंदाजा भी नहीं लगा सकती थी। राहुल अपनी मां की बुर को चाटते चाटते धीरे से अपने दोनों हाथों से अपनी ृ मां की चिकनी जाँघो को पकड़कर धीरे से फैलाया और अलका कुछ समझ पाती उससे पहले ही वह अपने आधी से भी ज्यादा शरीर को जांघोे के बीच से निकाल कर आगे कर दिया। ऐसा करते ही राहुल का टनटनाया हुआ लंड ठीक अलका के मुंह के सामने आ गया। अलका की नजर जैसे ही राहुल के टनटनाए हुए लंड

पर गई, अपनो बेटे की ईस हरकत पर ऊसे प्रसन्नता के साथ नाज होने लगा। ईतने पर ऊसे समझने की ओर राहुल को समझाने की जरुरत नही थी। अलका समध गई थी की ऊसे अब क्या करना है ईसलिए वह बिना एकपल गंवाए बिना राहुल के टनटनाए हुए लंड को पकड़ के सीधे अपने मुंह मे भरकर चुसना शुरु कर दी।

दोनों को मजा तो आ ही रहा था लेकिन राहुल की हरकत की वजह से दोनों का मजा अब दुगना हो गया था। राहुल को तो ईतना मजा आ रहा था की उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि उसका पूरा शरीर हवा में झूल रहा हो। अलका को तो ऊसकी मनपसंद खिलौना मिल गया था, जिससे वह जी भरके खेल रही थी।

दोनो एक दुसरे के अंगो से खेलते हुए ऊसे चुम चाट रहे थै। अलका मदमस्त होते हुए एकदम उन्मादित होकर अपनी भरावदार गांड को अपने बेटे के मुंह पर गोल-गोल घुमाते हुए रगड़ भी रही थी। राहुल भी रहरहकर

अपनी कमर को हिलाते हुए अपनी मां के मुंह को ही चोद रहा था। कुछ देर तक दोनों अपने अपने अंगो को एक-दूसरे को चुसाते रहे, थोड़ी ही देर बाद दोनो का बदन ऊत्तेजना के परमशिखर को छुते हुए अकड़ने लगा और दोनो ही एकदुसरे के मुंह मे ही झड़ गए।

अलका और राहुल दोनों एक दूसरे के मुंह में झड़ चुके थे दोनों बिना किसी भी देश के एक दूसरे का मदन रस जीभ से चाटते हुए गले के अंदर गटक रहे थे। राहुल का यह तरीका अलका को बेहद पसंद आया था उसने कभी सोची भी नहीं था कि इस तरह से आनंद लेते हुए वह अपने बेटे के मुंह में झडे़गी भी और अपने बेटे को झाड़ भी देगी।

जन्मदिन के तोहफे के रुप में अलका के द्वारा लंड चुसाई का दिया हुआ तोहफा राहुल को बेहद पसंद आया था। जन्मदिन के रात की शुरुआत बेहद ही उम्दा तरीके से हुई थी दोनों संतुष्टि की प्राप्ति करते हुए संखलित हुए थे। अपनी बुर के मदन रस का फुवारा छोड़ने के बाद अलका सीधी खड़ी हुई उसकी सांसे अभी भी तेज चल रही थी और सांसों के तेज चलने की वजह से उसकी बड़ी बड़ी चूचियां ऊपर नीचे हो रही थी। जिसे देखकर राहुल का मन मचलने लगा। राहुल भी झड़ चुका था लेकिन झड़ने के बावजूद भी उसका लंड पूरी तरह से टाइट ही नजर आ रहा था। उसमें से जरा भी तनाव नहीं गया था। अलका अपने बेटे के खड़े लंड को देखते हुए बिस्तर पर धम्म से बैठ गई, उसकी पैंटी अभी भी उसकी जांगों में अटकी हुई थी। बुर पूरी तरह से पानी पानी हो चुकी थी उसमें से रीस रहा मदन रस उसकी जांघो को भी भीगा रहा था। अलका की गहरी चल रही सांसे राहुल के कानों में साफ़ साफ सुनाई दे रही थी जो कि इस बात का सबूत थी कि अपनी बुर चटवाते चटवाते इसे बेहद आनंद की प्राप्ति हुई थी।

अलका कभी अपने बेटे की तरफ तो कभी उसके खड़े लंड की तरफ देखते हुए मुस्कुरा रही थी और मुस्कुराते हुए बोली।

बेटा एक साथ मजा लेने का जो तेरा यह तरीका था यह मुझे बेहद पसंद आया मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि हम दोनों कुछ इस तरह का करेंगे,जिस तरह से तुने मुझे इस अवस्था में लाकर मेरी बुर को चाटते हुए मेरा पानी निकाला है मैं तो तेरे इस तरीके की कायल हो गई हूं। लेकिन एक बात समझ लेना कि अभी मेरी प्यास बुझी नहीं है भले तू ने मेरी बुर से पानी निकाल दिया है लेकिन जब तक मैं तेरा लंड अपनी बुर में डलवा कर चुदवाऊंगी नहीं तब तक मेरी प्यास नहीं बुझेगी।

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2 Comments

  1. Harikumar Zaa

    कौन है ये बद्तमीज़? मा***द गाली फिट है इसके लिए! 😡

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