राहुल के हाथ में मोबाइल देखते ही विनीत दंग रह गया। क्योंकि वाकई मे वह उसकी भाभी का ही मोबाइल था। वाह मोबाइल देखते ही उसे झपटने के लिए हाथ बढ़ाते हुए बोला।यह मोबाइल तो मेरी भाभी का है।( राहुल ने अपना हाथ पीछे लेते हुए और मुस्कुराते हुए बोला। )
हां, यह मोबाइल तेरी भाभी का ही है और तुझे पता है कि तेरी भाभी ने मुझे यह मोबाइल क्यों दी है।
ताकि जब भी उसका मन चुद़वाने को करें ,अपनी बुर में मोटा लंड लेने को करे तो तुरंत मुझे फोन करके अपने पास बुला सके। और ऐसा होता भी था जब भी उसका मन जमकर चुदाई करवाने के लिए तड़पता था तो वह मुझे फोन करके अपने घर बुला लेती थी और मैं भी उसकी प्यास को बखूबी बुझाता था। क्योंकि जब से उसने अपनी बुर में मेरा मोटा लंबा लंड डलवा कर चुदवाई है तब से तेरा लंड ऊसे छोटा पड़ने लगा है और यह बात तू भी अच्छी तरह से जान ही गया होगा।
( राहुल जानबूझकर उसकी भाभी के बारे में गंदी गंदी बातें करके उसे बता रहा था ताकि विनीत और ज्यादा जले और ऐसा हो भी रहा था विनीत अपनी भाभी के बारे में कानों से तो सुन रहा था लेकिन वह राहुल की सारी बातें सीधा उसके दिल में चोट पहुंचा रही थी। वह खामोश बुत बना राहुल की बातें सुनता रहा।)
विनीत तू नहीं जानता कि तेरी पीठ पीछे मैंने तेरी भाभी के साथ क्या क्या गुल खिलाए हैं , तेरी भाभी तो मुझ पर फिदा हो गई है, दीवानी है मेरीे, जैसा मैं कहूं वैसा वह करती है। उसे तो हर रोज अगर मिले तो मेरा लंड ही अपनी बुर में लेकर दिन रात पड़ी रहे। ( ऐसा कहते हुए राहुल हंसने लगा राहुल के हंसने की आवाज उसके दिल में छुरा भोंक रही थी वह अंदर ही अंदर राहुल से जल भून जा रहा था। उसे इस बात का पूरा मलाल था कि उसकी नाचनीचे यह सब चलता रहा है और उसे इस बात की बिल्कुल भनक तक नहीं लगी। अलका को भोगने की मंशा उसके दिल में ही दब कर रह गई थी। विनीत चाह कर भी अलका की देह लालीत्य को भुला नहीं पा रहा था लेकिन अब अलका को पाने का सारा रास्ता उसके लिए बंद हो चुका था। राहुल उसको गुस्से से देखते हुए फिर बोला।)
नीलू के साथ भी मेरा किस तरह का रिश्ता है यह तो तू आज क्लास में देख कर अच्छी तरह से समझ ही गया होगा। नीलू के साथ भी मेरा सब कुछ हो गया और इस बात की भनक तुझे कानों-कान तक नहीं हुई। जिस तरह से तेरी भाभी मेरी दीवानी हो चुकी है उसी तरह से नीलू भी मेरी दीवानी हो चुकी है। नीलू से मुझे मिलाने की गलती तूने हीं की थी ना तू नीलू से मुझे मिलाया होता और ना नीलु मेरी बाहों में आकर इस तरह से सिमटती। जिस दिन से तूने मुझे नीलू से मिलाया उसी दिन से नीलु मुझे देखते ही मेरी तरफ आकर्षित होने लगी। वह मुझे एक बहाने से घुमाने ले जाती थी सैर सपाटे कराती थी , और एक दिन वह मुझे पढ़ाई की तैयारी के बहाने अपने घर ले गई और उस दिन उसने भी तेरी भाभी की ही तरह अपनी रसीली बुर का स्वाद
जमके उसने मुझे चखाई और एक बार जो ऊसने मेरे
लंड को अपनी बुर मे लेकर चुदवाई , फिर तो वह भी तेरी भाभी की ही तरह मेरे मोटे तगड़े लंड की दीवानी हो गई और कब मुझसे प्यार करने लगी है पता ही नहीं चला। और अब तो हाल यह है कि वह मेरे बिना रह नहीं सकती मेरे खातिर भी तेरे से भी सारे रिश्ते तोड़ लेगी।
अगर मैं कह दूं तो वह मेरे साथ अभी के अभी शादी कर ले और शादी करने के बाद आखिर कब तक मां-बाप नाराज रहेंगे एक ना एक दिन तो अपना ही लेंगे और उसके घर पर उसके बिजनेस पर सब पर मेरा राज होगा। मेरे एक इशारे पर तेरा पत्ता साफ हो जाएगा मैं जानता हूं कि ऊससे शादी करने के बाद तो उसके बिजनेस का मालिक बन जाएगा और यह सपना तू अच्छी तरह से देख रहा है लेकिन तू यह नहीं जानता कि तेरा सारा बना बनाया खेल में चुटकी बजाते ही बिगाड़ सकता हूं ‘ तेरी पत्नी बनने से पहले ही वह ना जाने कितनी बार मेरे साथ सुहागरात मना चुकी है मैं चाहूं तो उसे तेरी पत्नी बनने से पहले अपनी पत्नी बना लुं। ( राहुल की यह सब बातें सुनकर विनीत के चेहरे पर तो जैसे हवाइयां उड़ने लगी। उसे इसका अंदाजा तक नहीं था कि राहुल की मां के साथ गंदा काम करने की वजह से उसे इतना कुछ भुगतना पड़ेगा। वह तो राहुल के दिमाग से एकदम परेशान हो चुका था राहुल के परिवार पर वह अपना शिकंजा करना चाहता था। वह राहुल के परिवार को बदनामी का डर दिखाकर उसकी मां को चोदना चाहता था उसे देखना चाहता था उसे हर तरह से अपनी बनाकर रखना चाहता था। लेकिन राहुल के दिमाग में और उसकी समझदारी की वजह से विनीत चारों खाने चित हो चुका था ।उसके पास करने के लिए अब कुछ भी नहीं बचा था। विनीत के सारे सपने टूट चुके थे विनीत को इस तरह के हाल में देखकर राहुल मुस्कुरा रहा था और विनीत हैरान परेशान होकर उसके सामने बूत बना खड़ा था। राहुल को उसके परेशान सा चेहरा देखने में बड़ा आनंद मिल रहा था अब जाकर उसके दिल को सुकून मिला था क्योंकि ऐसी ही परेशानी और डर को वह अपनी मां के चेहरे पर देख चुका था इसलिए वही हाल वीनीत का देखकर उसकी खुशी का ठिकाना ना था वह विनीत का हाल देख कर बोला।)
बस यही डर यही परेशानी में तेरे चेहरे पर देखना चाहता था जो कि मैं अपनी मां के चेहरे पर देखते आ रहा था। मैं चाहता तो तुझे सब कुछ अपने मोबाइल पर भी दिखाकर तेरी बोलती बंद कर सकता था ।तेरी शान ठिकाने ला सकता था। लेकिन जो काम तुने मेरी मां के साथ किया था उसकी मजबूरी का फायदा उठाकर तूने जो उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया था। और उसे फिर से भोगने के लिए यह सारा षड्यंत्र रचाया था। इसलिए मुझे तेरी औकात दिखाना जरूरी था इसलिए मैंने तेरी भाभी के साथ रंगरेलिया मनाता हुआ रिकॉर्डिंग की बजाए तुझे उसका सीधा प्रसारण दिखाने का पूरा बंदोबस्त बना लिया था। कल मैं उस स्कूल ना जाकर सीधे तेरे घर चला गया और तेरी भाभी को यह बोला कि तू शाम तक लोटेगा किसी काम से बाहर जा रहा है। तेरी भाभी तो है ही बहुत चुदवासी ,उसे तो मौका मिल गया मुझसे चुदने का। मैं तेरे घर में प्रवेश करते ही दरवाजे को खुला ही छोड़ दिया उसे लोक नहीं मारा बस ऐसे ही बंद कर दिया ताकि तू आराम से कमरे में आ सके। और मैंने हल्की सी खिड़की भी खुद ही छोड़ दिया था कि तू उस खिड़की में से तेरी भाभी और मेरा चुदाई का सीधा प्रसारण अपनी आंखो से देख सके।
और जैसा मैं चाहता था ठीक वैसा ही हुआ मुझे तो स्कूल छूटने तक का ही इंतजार था मुझे मालूम था कि तू घर में घुसते ही अपनी भाभी के कमरे तक जरूर आएगा। और तू आकर सब कुछ अपनी आंखों से देख भी लिया और यही मैं चाहता भी था। जानता है तेरी भाभी कितनी बड़ी चुदवासी है स्कूल छुटने तक मैंने उससे पांच छ बार जमकर चोदा और उसने चुदाई का पूरा लुफ्त उठाई। अपनी भाभी को मेरे से चुदते देख तेरे माथे पर जो परेशानी के पसीने छूट रहे थे तेरे चेहरे पर जो हैरानी छाई हुई थी यही मै तेरे चेहरे पर देखना चाहता था।
( विनीत पूरी तरह से घायल हो चुका था बिना मारपीट के बिना लड़ाई झगड़े की विनीत पूरी तरह से राहुल के सामने पस्त हो चुका था। राहुल अपने चेहरे पर विजई मुस्कान बिखेरते हुए उसे उसकी ही भाभी का मोबाइल दिखाते हुए बोला।)
तेरी भाभी के साथ हो तेरी होने वाली बीवी के साथ मेरे किस तरह के नाजायज संबंध शारीरिक संबंध हे, इसकी सारी रिकॉर्डिंग इस मोबाइल में है तेरे पास तो मेरी मां को बदनाम करने का कोई सबूत भी नहीं था फिर भी हम शरीफ लोग हैं इसलिए सबूत से नहीं बातों से ही हम लोगों को बदनामी का डर पूरी तरह बना रहता है।
आखिर तू चाहता क्या है ? (बहुत देर बाद भी नहीं सोच समझ कर बोला)
तू अब इस लायक भी नहीं रहा कि मैं तुझे आगे क्या करना है इसके लिए बताऊं कुछ भी तो अपना हाल देख कर खुद ही समझ जाना चाहिए कि तुझे अब क्या करना है कैसे करना है। जो तू अपने मन में मेरी मां को पाने का गंदा सपना संजो रखा है । अपना हाल देखकर तुझे यह समझ जाना चाहिए कि अब आगे से किसी अपने सपने के साथ चलना है या नहीं। फिर भी मैं तेरे अच्छे के लिए इतना बता दूं कि आइंदा अगर तू मेरे परिवार को बदनाम करने की या फिर मेरी मां के आसपास भी भटका तुम मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।
और हां मैं चाहूं तो इस रिकॉर्डिंग के जरिए तुझे तेरे परिवार सहित पूरी तरह से बदनाम कर सकता हूं। पूरे समाज में तू और तेरा परिवार कहीं मुंह दिखाने के काबिल भी नहीं रह जाएगा।
( विनीत आंखें नीची करके राहुल की सारी बातें सुने जा रहा था और सुनने के सिवा कुछ कर भी नहीं सकता था राहुल उसे हिदायतें देते हुए धमका रहा था।)
विनीत अगर मैं चाहूं तो इस रिकॉर्डिंग के जरिए आंखें भी तेरी आंखों के सामने ही तेरी भाभी के साथ चुदाई का पूरा सुख ले सकता हूं। और तू मेरा कुछ भी बिगाड़ नहीं सकता और अगर चाहूं तो तेरी होने वाली बीवी नीलू के साथ भी सब कुछ कर सकता हूं और तू कुछ भी नहीं कर सकता। लेकिन मैं अब ऐसा करुंगा नहीं आज आखिरी बार तुझे सबक सिखाने के लिए मुझे यह सब करना पड़ा। और अब से मेरा और तेरा कोई रिश्ता नहीं है और ना ही तेरी भाभी के साथ और ना ही नीलू के साथ आज सब कुछ त्याग रहा हूं। तू अपनी दुनिया में मस्त रह और मैं अपनी दुनिया में।
अगर अभी भी तेरे मन में कोई शंका हो या और कोई षड्यंत्र तेरे मन में बन रहा हो तो वह भी बता देना इसका भी इलाज में अच्छी तरह से कर दूंगा। यह तू अच्छी तरह से समझ लेना।
( इतना कहने के साथ ही राहुल मस्ती में अपने रास्ते पर चल पड़ा विनीत वहीं खड़ा उसे जाते हुए देखता रह गया एक हारे हुए सिपाही की तरह वह मैदान ए जंग में घुटनों के बल बैठा हुआ था। उसके पास कोई रास्ता नहीं था शिवाय राहुल की दी हुई हिदायतो पर कायम रहने के। विनीत भी वही खड़े राहुल को तब तक देखता रहा जब तक की वह उसकी आंखों से ओझल नहीं हो गया इसके बाद वह भी अपने रास्ते पर चल पड़ा।
राहुल अब सुकून की सांस ले रहा था उसने अपनी मां अलका के लिए दो दो औरतों का साथ छोड़ चुका था वह चाहता तो दोनों औरतों के साथ भी अपने संबंधों को कायम रख सकता था क्योंकि उन दोनों के साथ संबंध रखने में भी उसे कोई अड़चन नहीं होती लेकिन वह अब इस दुनिया में वापस नहीं जाना चाहता था। वह अलका से ही बेहद प्यार करता था दो दो औरतों को अलका के लिए त्याग कर देना ईसी से इस बात की साबिती होती थी कि अलका की खूबसूरती उसका भरा हुआ बदन, विनीत की भाभी और नीलू की खूबसूरती पर भारी पड़ रही थी वरना कौन बेवकूफ होगा जो वीनीत की भाभी जैसी मस्त योवन वाली औरत और खूबसूरती की कुतुब मीनार की ऊंचाई को छूती हुई नीलु जेसी लड़की को छोड़ेगा। लेकिन राहुल तीनों औरतों के साथ मजे ले चुका था उसे अच्छी तरह से मालूम था कि तीनों में से कौन सबसे ज्यादा बेहतर है वह अच्छी तरह से जानता था कि ऊसकी मां के मादक बदन के हर एक अंग से मदन रास टपकता था। और राहुल अलका के मदनरस का दीवाना हो चुका था।
राहुल अपने घर नां जा कर इधर-उधर घूमता रहा। उसे शाम होने का इंतजार था। जब शाम ढले लगी पर अंधेरा छाने लगा तो उसे पता चल गया कि उसकी मां घर पर आ चुकी होगी और घर का काम कर रही होगी तब जाकर वह अपने घर की तरफ जाने लगा। घर में प्रवेश करते ही वह सीधा रसोईघर की तरफ गया और जैसे ही दरवाजे पर पहुंचा तो उसकी नजर सीधे अपनी मां पर गई जो कि इस समय भी आटा ही गुंथ रही थी। और आटा गूथते हुए जिस तरह से उसकी भरावदार गांड मटक रही थी। उसे देखते ही ऊसकी पुरानी यादें ताजा हो गई। अपनी मां की मटकती हुई गांड को देख कर उसे अपने ऊपर सब्र नहीं हुआ और वह रसोईघर के अंदर दाखिल हो गया।
राहुल से रसोई घर के अंदर का नजारा देखकर बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था। अपनी मां की मटकती हुई गांड को देख कर उसे पहले की बात याद आ गई और वह अपने आप को रोक नहीं पाया और रसोई घर में घुस गया। आटा गूथने के साथ ही अलका के भजन में हो रही हरकत की वजह से उसके कमर के नीचे के नीचे के भाग मैं अजीब तरह की थिरकन हो रही थी जिसकी वजह से अलका की भराव दार गांड ऊपर नीचे होते हुए मटक रही थी जोकि साड़ी के ऊपर से भी साफ-साफ महसूस हो रही थी। अलका यह नहीं जानती थी कि राहुल रसोईघर में आ चुका है , वह तो आटा गूथ होते हुए भी अपने सर पर आई मुसीबत के बारे में ही सोच सोच कर परेशान हो जा रहे थे वह उसे यकीन नहीं आ रहा था कि राहुल उसे इस बड़ी मुसीबत से छुटकारा दिला देगा वह परेशान सी रसोई घर में रसोई बनाने में जुटी थी, लेकिन उसका मन रसोई बनाने में बिल्कुल भी नहीं लग रहा था। दूसरी तरफ राहुल कुछ दिनों से अलकां के साथ कुछ भी नहीं कर पाया था। राहुल विनीत की भाभी और नीलू के साथ जमकर चुदाई का मजा लेने के बावजूद भी उसकी प्यास बुझी नहीं थी उसकी प्यास अभी भी अधूरी थी, क्योंकि जब तक वह अपनी मां को जमकर चोद नहीं लेता था तब तक उसकी प्यास बुझती नहीं थी। इसीलिए तो अपनी मां की भरावदार और मटकती हुई गांड को देखकर उसकी दबी हुई प्यास और ज्यादा बढ़ गई और अपनी प्यास को भुझाने के लिए वह अपनी मां की तरफ बढ़ने लगा। दूसरी तरफ अलका अपने ही ख्यालों में खोई हुई थी तभी उसे अचानक अपनी कमर के इर्द-गिर्द हथेलियों की पकड़ का एहसास होते ही जोर से उछल पड़ी लेकिन राहुल अपनी मां को कमर से कस के पकड़ कर अपने बदन से सटा दिया, अलका कुछ समझ पाती इससे पहले ही राहुल की पेंट मे बना तंबु सीधे उसके भरावदार गांड के बीचो-बीच जाकर चुभने लगा , अपनी गांड पर कड़क और मोटे वस्तु की चुभन को महसूस करते ही उसे समझते देर नहीं लगी कि वह वस्तु क्या है लेकिन फिर भी एकाएक इस तरह की हरकत से वह उछल पड़ी थी। वह नजरें घुमा कर पीछे देखी तो राहुल उसे पीछे से अपनी बाहों में भर कर गर्दन को चूम रहा था वह कुछ कहती इससे पहले ही राहुल ने अपने दोनों हथेलियों को ऊपर की तरफ ले जाकर ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी मां की बड़ी-बड़ी चूचियों को अपनी हथेली में भरकर जोर जोर से दबाने लगा और लगातार अपने तंबू को गांड की दरारों के बीच साड़ी के ऊपर से ही रगड़ने लगा। एकाएक हुए राहुल की इस हरकत से अलका एकदम से हड़बड़ा गई थी और हड़ब़ड़ाते हुए ही अपने आप को छुड़ाने की कोशिश करते हुए वह बोली।
क्या कर रहा है राहुल एक तो वैसे ही सर पर इतनी बड़ी मुसीबत है । मेरा कहीं भी मन नहीं लग रहा है और तू है कि इस हाल में भी मस्ती करने की सूझ रही है और मुझे काम करने दे। ( इतना कहने के साथ वह अपने आप को छुड़ाने की पूरी कोशिश करने लगी लेकिन राहुल था कि आज मानने वाला बिल्कुल भी नहीं था। वह आज पूरी तरह से अपनी मनमानी करने पर उतारू हो चुका था इसलिए वह चुचीयों को दबाते हुए ही ब्लाउज के बटन खोलने लगा। अपने बेटे को ब्लाउज के बटन खोल के देख वह उसे रोकते हुए बोली।)
यह क्या कर रहा है बेटा मेरा मूड बिल्कुल भी नहीं है अभी रहने दे जब तक इस मुसीबत से छुटकारा नहीं मिल जाता तब तक मेरा मन कहीं भी नहीं लगेगा। ( अलका राहुल को ब्लाउज के बटन खोलने से रोकती रही हो राहुल खाकी उसके बोलते बोलते हैं ब्लाउज के सारे बटन को खोल दिया, किस्मत भी शायद राहुल के साथ ही थी क्योंकि शायद गर्मी की वजह से उसकी मां ने ब्लाउज के अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी। इसलिए ब्लाउज के बटन खुलते ही, अलका की दोनों बड़ी-बड़ी पके हुए आम की तरह गोल गोल चुचियां तुरंत राहुल की हथेलियों में आ गई। अपनी मां की नंगी नंगी बड़ी बड़ी चुचियों का स्पर्श हथेलियों में होते ही राहुल का लंड पेंट के अंदर ही फुंफकारने लगा। राहुल से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था पेंट के अंदर तना हुआ तंबू वह लगातार अपनी कमर को अपनी मां की मादक भराव दार गांड पर रगड़ते हुए स्तन मर्दन का आनंद लेने लगा। अलका फिर भी उसे रोकते हुए बोली।
रहने दे राहुल मेरा मूड बिल्कुल भी नहीं है । छोड़ मुझे काम करने दे।
मम्मी मुड़ का क्या है? अभी 2 मिनट में तुम्हारा मूड बन जाएगा और हां आप किसी के बारे में भी तुम्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। ( इतना कहने के साथ ही वह अपनी पेंट के बटन को एक हाथ से खोलने लगा। अपने बेटे की बात सुनकर अलका थोड़ी सी शांत होते हुए बोली ।)
क्या मतलब?
मतलब वतलब सब बाद में बताऊंगा मम्मी मुझे बस अपना काम करने दो। ( इतना कहने के साथ ही राहुल पेंट के बटन को खोल कर पेंट को घुटनों तक सरका दिया। अलका सोच में पड़ गई आखिर राहुल उसे चिंता ना करने के लिए कह रहा है तो जरूर कोई बात होगी। लेकिन वास्तव में उसका हाल इस समय बेहाल होने लगा था ना चाहते हुए भी राहुल ने उसके बदन में मदहोशी का आलम भर दिया था। वह भी करके आ सकती थी बदन की मस्ती होती ही कुछ ऐसी है कि लाख मुसीबत हम लाख परेशानी क्यों ना हो एक बार जब बदन के अंदर काम की मस्ती चढ़ती है तो सब कुछ भुला देती है यही हाल अलका का भी हो रहा था धीरे-धीरे उसकी आंखों में चुदास का सुरूर छाने लगा था।
उसके बेटे ने उसकी बड़ी बड़ी चूचियां को मसल मसल कर और उसके मस्ताए लंड की रगड़ को अपनी गांड के बीचो-बीच महसूस कर के वह भी चुदवासी होने लगी थी की तभी राहुल उसकी उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ाते हुए अपने नंगे लंड को अलका की गांड के बीचों-बीच टीकाकर उसे फिर से अपनी बाहों में भरते हुए जोर-जोर से चूचियों को दबाने लगा जिसकी वजह से अलका की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई और उसके मुंह से हल्की सी सिसकारी निकल गई।
सससससससहहहहहह…..राहुल , यह क्या कर रहा है राहुल दरवाजा भी खुला है कहीं सोनु ना आ जाए। ( अलका के बदन में पूरी तरह से उत्तेजना जा चुकी थी, राहुल ने फिर से उसके बदन में काम को जगा दिया था।
वैसे भी कुछ दिनों से अलका की बुर भी सूखी पड़ी थी विनीत के द्वारा दी गई धमकी की वजह से अलका का कहीं भी मन नहीं लगता था। हालांकि राहुल ने बहुत बार कोशिश किया अलका को चोदने का , लेकिन अलका ने हीं तबीयत ना ठीक होने का बहाना बनाकर राहुल को अपने से दूर करती रही लेकिन आज राहुल ने उसका मूड बदल दिया था अपनी कामुक हरकतों की वजह से एक बार फिर से अलका के बदन में चुदास की लहर भर दिया था। कुछ दिनों से सूखी पड़ी बूर की नहरो मे फिर से मदनरस का झरना फूट पड़ा था। उसकी बुर गीली होने लगी थी। अलका को डर था कि कहीं उसका छोटा बेटा सोनू रसोईघर में ना आ जाए लेकिन राहुल ऊसके डर को दूर करते हुए बोला।)
सोनू जब तक आएगा तब तक अपना काम हो जाएगा मम्मी बस आप जल्दी से अपनी साड़ी को उठा कर के थोड़ा सा झुक जाओ।( राहुल एकदम से चुदवासा हो चुका था। वह थोड़ा सा भी सब्र नहीं कर सकता था। वह अपने लंड को पकड़ कर आगे पीछे करके हिलाने लगा। उसकी मां की प्यासी थी इसलिए राहुल के कहने के साथ ही अपनी साड़ी को पकड़ कर ऊपर की तरफ उठाने लगी, अपनी मां को साड़ी ऊपर की तरफ उठाते हुए देखकर उसके कामुक अंदाज को देखकर राहुल का लंड उसकी हथेली में ही उत्तेजना के कारण ठुनकी मारने लगा। अगले ही पल देखते ही देखते राहुल की मां अपने हाथों से ही अपनी साड़ी को उठाकर कमर तक ऊठा दी , कमर तक साड़ी के उठते ही जो नजारा राहुल की आंखों के सामने आया उसे देखकर उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई। एक तो वैसे भी वह काफी दिनों के बाद अपनी मां की भरावदार बड़ी-बड़ी गांड को देख रहा था और उस पर भीे उसकी मां ने पैंटी नहीं पहनी थी। अपनी मां के बिना पैंटी पहनी हुई गांड को देखकर राहुल और ज्यादा चुदवासा हो गया था। उससे रहा नहीं गया और उसने एक चपत अपनी मां की गोरी गांड पर लगा दिया । चपत के पड़ते ही उसकी मां आउच की आवाज के साथ उछल पड़ी।
आहहहहहह क्या कर रहा है , लगती है।
मम्मी तुम तो आज बहुत सेक्सी लग रही हो ना तो आज तुमने ब्रा पहनी हो और ना ही चड्डी पहनी हो लगता है आज पहले से ही चुदवाने का इरादा था’ इसलिए पहले से ही सारी तैयारी करके रखी थी। ( राहुल यह कहते हुए दो चार चपत और अपनी मां की गांड पर लगा दिया। जिसकी वजह से उसकी मां के मुंह से करारी आह निकल गई।)
आहहहहहह…. नहीं रे ऐसा बिल्कुल भी नहीं है वह तो आज करने जा रहे थे इसलिए ब्रा और पेंटी दोनों नहीं पहनी हो. बस अब बातों में वक्त जाया मत करो जल्दी से अपने लंड को मेरी बुर में डालकर चोदना शुरू कर दो। कहीं ऐसा ना हो कि सोनू आ जाए और सारा मजा किरकिरा हो जाए।
( जिस तरह से राहुल बेकरार था अपनी मां को चोदने के लिए उसी तरह से उसकी मां भी अपने बेटे से चुदवाने के लिए तड़प रही थी। इसलिए राहुल भी ज्यादा देर ना करते हुए तुरंत अपनी मां को थोड़ा नीचे की तरफ झुकने का इशारा करते हुए उसकी पीठ पर हाथ रख दिया, अलका भी अपने बेटे के ईशारे को अच्छी तरह से समझ गई और खुद ही किचन पर थोड़ा सा झुक गई। अलका के झुकते ही राहुल ने अपने लिए जगह बनाई और अपने लंड को पकड़ कर अपनी मां की रसीली और पनियाई बुर के मुहाने पर टिका दिया, जैसे ही लंड का मोटा सुपाड़ा उसकी गरम और रसीली बुर की गुलाबी पत्तियों पर स्पर्श हुई वैसे ही अलका उत्तेजना से भर गई और उसका पूरा बदन कांप सा गया।
अलका की बुर गीली होने की वजह से राहुल का लंड धीरे-धीरे करके आराम से अलका की बुर की गहराई में धंस गया, काफी दिनों से राहुल की मां प्यासी थी’ इसलिए अपने बेटे का लंड बुर के अंदर लेते ही उसकी सांसे भारी होने लगी। राहुल का लंड जैसे ही अपनी मां की बुर की गहराई नापने के लिए अंदर घुसा राहुल अपने दोनों हथेलियों से अपनी मां की चिकनी कमर को थाम कर अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए चोदना शुरू कर दिया। अलका की बुर में कुछ दिनों से लंड ने प्रवेश नहीं किया था इसलिए अपने बेटे का लंड अपनी बुर में महसुस करके अलका गदगद हुए जा रही थी। राहुल रसोई घर में अपनी मां को चोदना शुरू कर दिया था उसे भी इस बात का डर लगा हुआ था कि कहीं सोनू आ ना जाए इसलिए अपने धक्कों को तेजी से लगाने लगा। अलका को भी जल्दी थी चुदाई के कार्यक्रम को खत्म करने के लिए क्योंकि उसे भी डर लगा हुआ था कि कहीं ऊसका छोटा बेटा आकर अपनी आंखों से सब कुछ देख ना ले ‘ इसलिए वह खुद ही अपनी भारी भरकम गांड को पीछे की तरफ ठेल ठेल कर अपने बेटे का साथ देते हुए उसका लंड अपनी बुर में ले रही थी।
गरम सिस्कारियों से पूरा रसोईघर गूंज रहा था। अलका की दोनो हथेलियां आटे में सनी हुई थी। राहुल अपनी मां की बुर में धक्के पर धक्का लगाया जा रहा था। वह भी अपनी मां की रसीली बुर को चोदते हुए मन ही मन में यह सोच रहा था कि वाकई में विनीत की भाभी कि बुर से और नीलू की बुर से कई गुना ज्यादा मजा उसकी मां की बुर से मिलता है। यह सब खयाल करके राहुल और ज्यादा उत्तेजित हुआ जा रहा था और कस कसके अपनी मां की बुर में धक्के पे धक्के लगाए जा रहा था।
ससससहहहहहह….. राहुल और तेजी से चोद मुझे जल्दी जल्दी चोद मुझे मेरी बुर को पानी पानी कर दे देख ले दरवाजा खुला हुआ है कहीं तेरा छोटा भाई आकर देख लिया तो गजब हो जाएगा।
नहीं आएगा मम्मी वह भी जानता है कि उसकी मां लंड की प्यासी है। और उसकी प्यास को उसका बड़ा लड़का अपने मोटे ताजे लंड से चोदकर बुझा रहा होगा। इसलिए तो वह भी हम दोनों को इतना समय दे रहा है। ( इतना कहते हुए राहुल अपने दोनों हाथों को आगे बढ़ा कर अपनी मां की बड़ी बड़ी चुचियों को थाम लिया और उसे हथेलियों में भरकर दबाना शुरु कर दिया। दोनों को बहुत मजा आ रहा था अलका की गरम सिस्कारियों को सुनकर राहुल के ऊपर मदहोशी छा रही थी।वह बहुत तेजी से अपने मां को चोदे जा रहा था। फच्च फच्च और सससससहहहहहह. आहहहहहह आहहहहहह की आवाज से पूरा रसोईघर गूंज रहा था। राहुल अभी तक अपनी मां को झुका कर चोद रहा था। उसकी दोनों टांगे नीचे जमीन पर टिकी हुई थी। राहुल ने अपने लंड को बाहर की तरफ खींचकर बाहर निकाल लिया वह अपनी जगह बदलना चाहता था लेकिन इस तरह से बुर से लंड को बाहर निकाल लेने से अलका पीछे नजरें घुमा कर तरसी आंखों से अपने बेटे को देखने लगी की अलका कुछ समझ पाती इससे पहले ही राहुल अपनी मां की एक काम को पकड़कर किचन पर रख दिया और फिर देखते ही देखते अपने लंड को फीर से अपनी मां की बुर मे पेल दीया । ईस. स्थिति में लंड सीधे बुर की गहराई मे ऊतर गया राहुल के साथ साथ उसकी मां को भी इस पोजीशन में ज्यादा मजा आने लगा राहुल तो अपनी मां की कमर पकड़ कर चोदना शुरू कर दिया। अलका की गरम सिसकारियां फिरसे रसोईघर मैं गूंजने लगी । अलका रह रहकर अपनी भारी-भरकम गांड को पीछे की तरफ ठेलकर अपने बेटे का साथ दे रही थी। कुछ देर तक किचन में जबरदस्त चुदाई चलती रही और तभी गरम सिस्कारियों के साथ अलका का बदन अकड़ने लगा और फिर तेज धक्कों के साथ दोनों एक साथ झड़ने लगे । राहुल एक बार फिर से अपनी मां को खुश कर दिया था और साथ ही अपना भी संतुष्ट हो चुका था। राहुल जल्दी से रसोई घर के बाहर आ गया क्योंकि किसी भी वक्त सोनू आ सकता था। काफी दिनों से प्यासी अलका की भी प्यास बुझ चुकी थी। अलका भी खाना बनाने में जुट गई।
राहुल और अलका दोनों का काम हो चुका था थोड़ी ही देर में सोनू के घर पर आ गया वह पड़ोस में दोस्तों के साथ पढ़ने के लिए गया था। राहुल के सिर से बहुत बड़ा बोझ हट चुका था विनीत से उसे छुटकारा मिल गया था लेकिन इस छुटकारा पाने के लिए राहुल को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी अपनी दो दो मासूकाअो को छोड़ना पड़ा था। जिनके साथ अपनी जिंदगी के बेहतरीन और हसीन पल गुजारे थे जिनको देखकर वह बदन के भूगोल को बदन की रूपरेखा को अच्छी तरह से समझा और जाना था। ऐसी खूबसूरत दोनों औरतों को अपनी मां अलका के लिए छोड़ चुका था। क्योंकि दोनों के खूबसूरत होने के बावजूद भी अलका की खूबसूरती दोनों पर भारी पड़ती थी।
थोड़ी ही देर बाद अलका ने सभी के लिए खाना परोसा और तीनो साथ में बैठकर खाना खाने लगे, खाना खाते समय अलका का ध्यान फिर से वींनीत पर चला गया
उसे फिर से उसकी दी हुई धमकी याद आने लगी। राहुल ने उसे कहा तो था कि चिंता करने की जरूरत नहीं है लेकिन फिर भी उसका मन नहीं मान रहा था। फिर जैसे तैसे करके उसने खाना खा ली सोनू के सामने उसे विनीत के बारे में बात करना उचित नहीं लगा इसलिए खाना खाने के बाद अलका राहुल से जरुरी बात करने के लिए अपने कमरे में आने को बोली। इतना कहकर वह रसोई घर की सफाई में लग गई।
कमरे में आने की बात सुन कर रहा हूं प्रसन्ना रहा था क्योंकि वही सोच रहा था कि रसोई घर की चुदाई से शायद उसकी मां की प्यास और ज्यादा बढ़ गई है जिसे बुझाने के लिए वह अपने कमरे में बुला रही है। राहुल के मन में घंटियां बजने लगी क्योंकि बहुत दिनों बाद मौका मिला था सारी रात अपनी मां की चुदाई करने का’ वह बहुत खुश नजर आ रहा था और खुश होता अभी क्यों नहीं आखिर इसीलिए तो उसने दो दो औरतो को ठुकरा चुका था।
खेर अल का मन में ढेर सारे सवाल लिए अपना साफ सफाई का काम पूरा करके अपने कमरे में चलीे गई। राहुल को भी इसी पल का इंतजार था वह भी अपनी मां के पीछे पीछे उसके कमरे में चला गया। कमरे में घुसते ही वह अपनी मां को देखता ही रह गया ऊसकि मां आईने के सामने अपने कपड़े उतार रही थी वह सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में ही थी लंबे लंबे घने बाल उसकी कमर तक आ रहे थे। अलका आईने में देखते हुए अपने ब्लाउज के बटन को खोल रही थी । यह देखते ही राहुल से रहा नहीं गया और वह अपनी मां को एक बार फिर से पीछे से जाकर अपनी बाहों में भर लिया। लेकिन इस बार अलका अपने बेटे पर नाराज होते हुए बोली।
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कौन है ये बद्तमीज़? मा***द गाली फिट है इसके लिए! 😡