होता है जो वो हो जाने दो – maa beta sex story

विनीत को बड़ी बेसब्री से रिशेेश होने का इंतजार था। उसके मन में एक अजीब सा डर भी बना हुआ था लेकिन फिर भी उत्सुकता भी थी कि आखिरकार राहुल उसे क्या दिखाने वाला है उसका दिल जोरो से धड़क रहा था हालात के हाथो वह इतना लाचार हो चुका था कि कुछ भी उस के पक्ष में होता नजर नहीं आ रहा था।

आखिरकार इंतजार की घड़ियां खत्म हुई दीवार घड़ी की सुई अपनी नियत स्थान पर पहुंचते ही स्कूल में रिशेेश की घंटी भी बज गई। राहुल के चेहरे पर संतुष्टि भरी मुस्कान तैर रही थी। लेकिन वीनीत के चेहरे पर तो जैसे 12:00 बजे हुए थे। वह राहुल के हाथों का कठपुतली बना हुआ था वह जैसे चाहता, वैसा ही उसे नचा रहा था। रीषेश की घंटी बजते ही दोनों एक दूसरे को घूरते हुए क्लास से बाहर निकले , राहुल उसे थोड़ा आगे को निकल गया, विनीत ऊससे कुछ दूरी बनाकर उसके ऊपर नजर गड़ाए हुए था उसे इंतजार था कि वह कब स्कूल की ऊपरी मंजिल पर जाएगा कुछ देर तक यूं ही वहां खड़ा रहा। कुछ ही मिनट बाद उसकी नजरों ने जो देखा उसे देख कर उसे अपनी आंखो पर विश्वास नहीं हुआ। राहुल और नीलू दोनों हंस हंस कर बातें कर रहे थे राहुल ने उसके कान में कुछ धीरे से कहा जिससे दोनों सबसे नजरें बचाते हुए ऊपरी मंजिलें की तरफ जाने लगे। राहुल का तो यह देखकर होश ही ऊड़ गया था। दोनों के बीच कुछ गड़बड़ होने की आशंका वीनीत को साफ नजर आ रही थी। वह धड़कते दिल के साथ दोनों के पीछे पीछे ऊपरी मंजिल पर जाने लगा, राहुल और नीलू भी नजरे बचाते हुए उस क्लास की तरफ बढ़ रहे थे जिस क्लास में दोनों बहुत बार अपनी मर्यादाओं को लांघ चुके थे। मैंने तुमसे कुछ दूरी बनाकर ही चल रहा था ताकि उन लोगों की नजर उस पर ना पड़ सके लेकिन राहुल को अच्छी तरह से मालूम था कि लिमिट इन दोनों के पीछे पीछे आ रहा है इसलिए उसे जानबूझकर जलाने के उद्देश्य से उसने अपने एक हाथ को नीलू की संगमरमरी पीठ पर धीरे-धीरे सरकाते हुए नीचे की तरफ ले जाकर नीलू की भरी हुई भरावदार गोल गांड पर अपनी हथेली फिर आते हुए उसे अपनी हथेली में दबोच लिया और गांड को दबोचे हुए हैं पीछे की तरफ नजर घुमाकर विनीत की तरफ देखते हुए धीरे से आंख मार दिया। विनीत अब तो राहुल की इस हरकत से एकदम जल भून गया। उसे इसकी भी उम्मीद बिल्कुल नहीं थी राहुल के व्यवहार पर का पता चला था कि दोनों के बीच लंबे समय से कुछ चल रहा है। नीलू उसकी होने वाली पत्नी थी। नीलू से उसे इस तरह की कतई उम्मीद नहीं थी। वह नीलू पर हमेशा से अपना ही हक समझता था क्योंकि नीलू भी उसे बेहद प्यार करती थी लेकिन इस समय उसकी आंखें जो देख रही थी वह सनातन सत्य था उसकी होने वाली बीवी के नितंबों पर उसका ही दोस्त राहुल की हथेली घूम रहीे थी। जो की बहुत कुछ कह रही थी। वीनीत का गुस्से से बुरा हाल था लेकिन हालात कुछ इस तरह के खड़े हो चुके थे कि विनीत कुछ करने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं था।

उसके देखते ही देखते दोनों खाली क्लास में चले गए और दोनों के अंदर प्रवेश करते ही फटाक की आवाज के साथ दरवाजा बंद हो गया दरवाजा के बंद होते ही विनीत के दिल की धड़कन तीव्र गति से चलने लगी। उसे इसका आभाष अच्छी तरह से हो गया था कि बंद कमरे में दोनों के बीच कुछ गंदा ही होने वाला है। वह दबे क़दमों से दरवाजे के करीब पहुंच गया और कमरे के अंदर का दृश्य देखने के लिए वह दरवाजे में से जगह तलाशने लगा। विनीत के कानों में कमरे के अंदर से आ रही आवाज साफ साफ सुनाई दे रही थी और उस आवाज को सुनते ही गुस्से के मारा उसका खून खौल रहा था। कमरे के अंदर से नीलू की ही आवाज आ रही थी।

छोड़ो राहुल क्या कर रहे हो तुम्हें तो जरा भी सब्र नहीं होता।ऊंहहहहहहह….. छोड़ो ना …..आहहहह….प्लीज ऐसे मत दबाओ दर्द होता है।

( कमरे के अंदर से आती नीलू की मादक आवाज को सुनकर विनीत बेचैन हो गया उसके कानों में उसकी आवाज किसी सुल की तरह चुभ रही थी। उसे पक्का यकीन हो गया था कि कमरे के अंदर दोनों के बीच गंदा ही हो रहा था ।वह अंदर की बातों को तो आराम से सुन ले रहा था लेकिन अंदर का नजारा देख सके ऐसा कोई जुगाड़ उसे नजर नहीं आ रहा था कि तभी उसकी नजर दरवाजे के किनारे पर पतली सी दरार पर पड़ी और वह तुरंत दरार मैं अपनी नज़र गड़ा कर अंदर के दृश्य को देखने की कोशिश करने लगा। दरवाजे की उस पतली दरार से जैसे ही उसने कमरे के अंदर अपनी नजर दौड़ाया तो अंदर का नजारा देख कर दंग रह गया। वह कभी सपने में भी नहीं सोच सकता था कि नीलू उसके साथ इस तरह की बेवफाई करेगी।

वह गुस्से से एकदम बौखला गया था वह भी कर क्या सकता था अंदर का नजारा ही कुछ ऐसा था। नीलु के शर्ट के ऊपर के दोनों बटन खुले हुए थे। ब्रा ऊपर की तरफ ऊठी हुई थी उसकी दोनों चूचियां राहुल की हथेली में कसी हुई थी और वह उसकी निप्पल को मुंह में भर कर चूस रहा था। नीलू के चेहरे के भाव को देख कर साफ मालूम पड़ रहा था कि नीलु को इसमें बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। राहुल बड़े मजे लेते हुए नीलू की दोनो चुचियों को बारी-बारी से मुंह में भर कर चूस रहा था। विनीत से यह सब देखा नहीं जा रहा था लेकिन ना चाहते हुए भी वह अपनी आंखों को दरवाजे की पत्नी दरार से सटाए रहा। राहुल जोर-जोर से उसके चुचियों को दबाते हुए बोले जा रहा था कि।

ओह नीतू मेरी जान मैं तुमसे बेहद प्यार करता हूं तुम्हारे बिना मैं जी नहीं सकता। ( ऐसा कहते हुए वह नीलू की गोल-गोल दोषियों को अपनी हथेली में भरकर जोर जोर से दबाने लगा जिससे नीलू की गरम सिसकारी निकल जा रही थी।)

ससससहहहहहहहह….राहुल मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हूं तुम्हारे बिना मे भी नहीं जी सकती। ( राहुल के चेहरे को अपनी हथेलियों में लेते हुए बोली। यह सब देखकर विनीत जल भून जा रहा था वह गुस्से में आग बबूला हो चुका था। वह अंदर का दृश्य देखने में अपने आप को असमर्थ पा रहा था उसकी इच्छा हो रही थी कि दरवाजा तोड़कर अंदर चला जाए और राहुल की जमकर धुलाई कर दे। वह ऐसा करने की सोच रहा था लेकिन बार-बार उसे राहुल की दी हुई धमकी याद आ जा रही थी कि अगर वह कुछ भी किया तो उसका बना बनाया सारा खेल बिगाड़ देगा। विनीत को यह भी नहीं समझ में आ रहा था कि कौन सा बना बनाया खेल बिगाड़ देगा लेकिन एक अजीब प्रकार का डर विनीत के मन में बैठ चुका था जिसकी वजह से वह आगे कदम बढ़ाने में घबरा रहा था। तभी विनीत की नजर जब राहुल की कमर के नीचे गई तो वह सन्न रह गया, राहुल एक हाथ से अपने पेंट की बटन को खोल रहा था और साथ ही बोल रहा था कि।

नीलू तुम मुझसे प्यार तो करती हो लेकिन तुम्हारी शादी तो वीनीत के साथ तय हो गई है।

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो राहुल इसमें पापा की तबीयत ठीक नहीं है इसलिए मैं उनसे तुम्हारे बारे में कोई भी जिक्र नहीं करना चाहती लेकिन मेरा यकीन मानो सब कुछ हालात ठीक होते ही मैं तुम्हारे बारे में पापा से बात करूंगी और मेरे पापा जरुर मेरी खुशी के लिए मान जाएंगे और मैं तुम्हारी ही दुल्हन बनुंगी।

( ऐसा कहते हुए वह खुद ही अपना एक हांथ नीचे ले जाकर के राहुल की मदद करते हुए उसके पैंट की चेन को खोलने लगी’ नीलू की बात सुनकर और उसकी हरकत को देखकर राहुल शर्मिंदा होने लगा और उसे एक झटका सा लगा, उसे आज तक इस बात की भनक तक नहीं लग पाई थी कि दोनों के बीच कुछ चल रहा है और बात बढ़ते-बढ़ते यहां तक बढ़ गई थी दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते थे और नीलू खुद अपने पापा से राहुल के बारे में बात करने वाली थी। नीलू की बात सुनते ही राहुल के पैरों के नीचे से जैसे जमीन खिसक गई हो। उसकी आंखों के सामने अंधेरा सा छाने लगा उसे ऐसा लगने लगा कि वह कहीं गिर ना जाए इसलिए अपने आप को संभालते हुए दरवाजे का टेका ले लिया। वह शर्मिंदगी से गड़ा जा रहा था लेकिन कर भी क्या सकता था वह तो नीलू के साथ शादी करके अपने भविष्य के सपने बुनना शुरू कर दिया था। लेकिन आज सच्चाई जानकर उसे एक झटका सा लगा था उसकी नाक के नीचे ही यह सब कुछ चल रहा था और उसे कानों-कान पता भी नहीं चला। विनीत ना चाहते हुए भी अंदर का दृश्य देखने के लिए अपने आपको संभाल कर फिर से अपनी नजर को दरवाजे की पतली दरार से ज्यों ही अंदर की तरफ ़ दौड़ाया तो अंदर का नजारा देखकर उसका माथा ठनक गया। राहुल का लंड उसकी पेंट से बाहर लटक रहा था जिसे नीलू अपनी हथेली में भरे हुए धीरे-धीरे मुठिया रही थी। विनीत बार-बार शर्मसार हुए जा रहा था उसके सब्र की सीमा समाप्त हो रही थी। लेकिन राहुल के आगे वह पूरी तरह से लाचार और मजबूर हो गया था राहुल ने वीनीत को कुछ इस तरह से घेर लिया था कि जिससे निकल पाना विनीत के बस में नहीं था।

सच नीलु तुम मेरी दुल्हन बनोगी ना कहीं तुम वीनीत से शादी करके उसकी दुल्हन बन गई तो ।

( अपनी हथेली को राहुल के होठों पर रखते हुए) नहीं राहुल ऐसा मत बोलो मैं तुमसे ही प्यार करती हूं और तुम्हारी ही दुल्हन बनुंगी चाहे कुछ भी हो जाए।

ओहहहहहह नीलू मेरी जान तुम कितनी अच्छी हो इसीलिए तो मैं तुमसे बेहद प्यार करता हूं।

( राहुल को मालूम था कि वीनीत दरवाजे के बाहर खड़ा होकर अंदर का दृश्य देख रहा है। इसलिए जानबूझकर ऐसी बातें कर रहा था और नीलू के मन की बात ऊगलवा रहा था ताकी वर्तमान परिस्थिति की स्थिति को जान कर विनीत अच्छी तरह से समझ सके कि राहुल क्या कर सकता है। तभी राहुल एक और झटका देने वाली बात नीलू से बोला।

नीलू प्लीज एक बार मेरा लंड मुंह में लेकर चूस लो मेरा बहुत मन कर रहा है तुम्हें लंड चुसवाने का… प्लीज नीलु ।)

राहुल की बात सुनकर वीनीत अंदर ही अंदर जलभुन गया क्योंकि आज तक वह समझता था कि नीलू सिर्फ

उसके ही लंड को मुंह में लेकर चूसी है लेकिन आज उसे कुछ और देखने को मिलने वाला था। नीलू अभी भी उसके लंड को मुट्ठी में भरकर हिला रही थी। वह राहुल के लंड को हिलाते हुए बोली।

राहुल रिशेष पूरी होने वाली है चलो नीचे चलते हैं। ( लंड को मुठीयाते हुए बोली।)

क्या नीलू अभी बहुत समय है अच्छा सच सच बताना क्या तुम्हारा मन नहीं कर रहा है मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने का ।

( नीलू राहुल की बात सुन कर हंसने लगी और हंसते हुए बोली।)

मेरा तो हमेशा मन करता है तुम्हारे लंड को मुंह में लेकर चूसने का ।

( और इतना कहने के साथ हुआ नीचे घुटनों के बल बैठ गई यह देखकर विनीत की हालत ऐसी हो गई थी कि जैसे उसे सांप सूंघ गया हो। उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिरकार करें तो क्या करें वह बस बूत बना अंदर का दृश्य देखता रहा। और नीलू देखते ही देखते राहुल के मोटे लंबे लंड को धीरे धीरे करके अपने गले तक निगल गई। जिस तरह से नीलु उसके लंड को चूस रही थी राहुल की तो सिसकारी छूट रही थी। विनीत इसे यह सब देखा नहीं जा रहा था और वह राहुल था कि जानबूझकर विनीत को यह सब देखने के लिए मजबूर किए हुए था उसने झट से अपनी जेब से मोबाइल निकाल कर रिकॉर्ड करना शुरु कर दिया। बाहर दरवाजे पर खड़ा अंदर का दृश्य देख रहा वीनीत राहुल की चालाकी को अच्छी तरह से समझ चुका था। राहुल बार-बार दरवाजे की तरफ देख ले रहा था विनीत को लग रहा था कि जैसे वह उसी को देख रहा हूं जबकि दरवाजे की तरफ देखना यह राहुल का इशारा था कि वह उसी को सब कुछ दिखा रहा है। नीलुू लंड चूसते हुए राहुल को रिकॉर्डिंग करते हुए देखीतो वह राहुल की हरकत को देखकर मुस्कुरा दी वह गले के अंदर तक लंड को लेकर अच्छी तरह से लंड की चुसाई कर रही थी। राहुल को यूं विनीत को दिखाते हुए उसकी होनो वाली पत्नी से लंड चुसवाते हुए बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी। रह रह कर राहुल की सिसकारी छुट जा रही थी।

विनीत का पूरा बना बनाया खेल बिगड़ चूका था विनीत ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि सीधा-साधा लगने वाला राहुल इस तरह की हरकत भी कर सकता है। यह एक तमाचा था विनीत के गाल पर। राहुल अपनी कमर को आगे पीछे हिलाते हुए नीलू के मुंह को ही चोद रहा था उसे पता था कि कुछ ही समय बचा हे रिशेष पूरी होने में। इसलिए वह विनीत को एक और झटका देना चाहता था इसके आगे का नजारा दिखा कर इसलिए वह तुरंत नीलू के मुंह में से अपने लंड को बाहर की तरफ खींच कर निकाल लिया। नीलू की सांसें भारी हो चली थी वह अपनी सांसो को दुरुस्त करती इस से पहले ही राहुल ऊसके कंधो को पकड़ कर उठाते हुए

( नीलू कुछ समझ पाती उससे पहले ही वह टेबल की तरफ उसका मुंह करके उसे नीचे की तरफ झुका दिया नीलू को अब समझ में आ गया था कि राहुल क्या करने वाला है उसका भी बहुत मन कर रहा था चुदवाने को लेकिन इस तरह से जल्दबाजी में चुदवाना पड़ेगा उसे पता नहीं था लेकिन फिर भी उसके दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी और साथ ही दरवाजे के बाहर खड़े विनीत की भी, राहुल की खड़े लंबे मोटे लंड को देखकर विनीत की भी हालत खराब हो जा रही थी उसे राहुल से इस बारे में भी काफी जलन हो रही थी।

राहुल ने झटके से नीलू की स्कर्ट को ऊपर कमर तक चढ़ा दिया और दरवाजे की तरफ देखते हुए जल्दी से नीलू की गुलाबी रंग की पैंटी को भी पकड़ कर नीचे जंघोा तक सरका दिया। राहुल के हाथों से अपनी पैंटी को नीचे सरकावाती हुई नीलु को देखकर नीलु के ऊपर उसे गुस्सा आने लगा। उसे नीलू से भी इस तरह की बेशर्मी की उम्मीद नहीं थी लेकिन वह भी उसकी भाभी की तरह बेशर्म निकल गई थी।

क्या कर रहे हो राहुल रीशेष पूरी होने वाली है क्यों मेरी भी गर्मी को बढ़ा रहे हो।( नीलू का भी बहुत मन था चुदवाने का लेकिन उसे इस बात की फिक्र भी थी की कहीं यह चुदाई का कार्यक्रम पूरा ना हो सका तो वह प्यासी ही रह जाएगी लेकिन उसकी शंका को दूर करते हुए राहुल बोला।)

तुम चिंता मत करो मेरी जान मैं तुम्हें चोद चोदकर तुम्हारी बुर से पानी का झरना बहा दूंगा बस तुम देखती जाओ। ( इतना कहने के साथ ही वह विनीत को चिढ़ाने के लिए अपने लंड को अपनी उंगलियों से पकड़कर ऊपर नीचे करके हिलाते हुए दरवाजे की तरफ दिखाने लगा ,लंड की मोटाई और चौड़ाई देखकर विनीत का भी गला शुखने लगा। तभी राहुल अपने लंडको पकड़ कर लंड के सुपाड़े को नीलू की गांड के नीचे के भाग में उसकी गुलाबी बुर पर टिका दिया। नीलू की बुर इतनी ज्यादा पनीया ई हुई थी कि राहुल को अंदर डालने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी और लंड पहले ही प्रयास में बुर की गहराई नापने लगा। राहुल नीलू की गांड को पकड़कर शुरू से ही जोर जोर से धक्के लगाते हुए चोदना शुरू कर दिया था। हर धक्के के साथ नीलू की सिसकारी निकल जा रही थी। दरवाजे के बाहर खड़ा विनीत यह सब देख कर दंग रह जा रहा था कुछ देर पहले जो नीलू और राहुल कोई समझता में देखकर गुस्से में तमतमाया हुआ था, वही विनीत राहुल की जबरदस्त चुदाईको देखकर मंत्रमुग्ध हो चुका था। बुर और लंड के संगम से उत्पन्न हो रही फच्च फच्च की

आवाज इतनी तेज थी कि कमरे के साथ-साथ दरवाजे के बाहर खड़ा विनीत के कानों में भी साफ साफ सुनाई दे रही थी जिसे सुनकर वीनीत का लंड भी खड़ा हो गया था अपनी स्थिति को जानकर विनीत अपनी ही नजरों में गिरा जा रहा था लेकिन कर भी क्या सकता था कमरे के अंदर का दृश्य नीलू भले ही उसकी होने वाली बीवी थी इतना ज्यादा गर्म नजारा देख कर वीनींत तो क्या उसकी जगह कोई भी होता तो उसका भी हाल वीनीत की तरह ही होता। राहुल बड़े ही तीव्र गति से नीलू की चुदाई कर रहा था और उसकी चुदाई करते हुए बोल रहा था कि।

आहहहहहहहह…नीलु मेरी जान कैसा लग रहा है तुम्हें।

ससससहहहहहहह….राहुल बहुत मजा आ रहा है राहुल बस ऐसे ही चोदते रहो…आहहहहहह….

छोटा तो नहीं पड़ता ना मेरा लंड तुम्हारी बुर के लिए..

.( राहुल तेज धक्के लगाते हुए बोला।)

नहीं मेरी जान ऐसा बिल्कुल भी नहीं है मुझे तो तुम्हारे लंड देखकर कभी-कभी लगता है कि मेरी बुर में जाएगा भी या नहीं।

( नीलू का जवाब सुनकर राहुल बहुत प्रसन्न हुआ क्योंकि वह जानता था कि नीलू का जवाब वीनीत भ ीं सुना होगा और सुनकर जल भून गया होगा। और एैसा था भी नीलू का जवाब सुनकर विनीत शर्म से पानी पानी हो गया था कि तभी रिशेश पूरी होने की घंटी बज गई, घंटी की आवाज सुनते ही राहुल ने धक्कों की गति को और ज्यादा तेज कर दिया जैसे-जैसे धक्के बढ़ते जा रहे हैं वैसे वैसे नीलू की सिसकारी भी बढ़ती जा रही थी। और दो चार धक्कों के बाद ही दोनों भलभला कर झड़ने े लगे। राहुल का काम पूरा हो चुका था उसने अपना आखिरी पत्ता भी वीनीत के सामने खोल दिया था और वीनीत राहुल के इस पत्ते को देखकर ढेर भी हो चुका था। राहुल और नीलू कमरे के बाहर आते इससे पहले ही विनीत अपना टूटा हुआ दिल लेकर वहां से जा चुका था।

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2 Comments

  1. Harikumar Zaa

    कौन है ये बद्तमीज़? मा***द गाली फिट है इसके लिए! 😡

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