होता है जो वो हो जाने दो – maa beta sex story

राहुल अपना प्लान आगे बढ़ा रहा था खिड़की को हल्की सी खोल देने के बाद वह तुरंत आकर बेड पर बैठ गया तब तक विनीत की भाभी भी बाथरुम से बाहर आ गई उसके चेहरे पर संतुष्टि भरी मूत्रत्याग का सुखद एहसास साफ साफ नजर आ रहा था। आज से पहले उसने कभी भी इस तरह से रोमांच से भरा हुआ मूत्रत्याग नहीं की थी।

बाथरुम से बाहर आ करके अपनी कमर पर हाथ रख कर वह राहुल की तरफ देखने लगी जोकि अपना शर्ट के बटन को खोल रहा था। वीनीत की भाभी कि दोनों चूचियां अभी भी नंगी थी। बड़ी ही कामुक अदा लग रही थी वीनीत की भाभी की । राहुल अपनी शर्ट को उतार चुका था अपनी पैंट को भी उतारता इससे पहले ही वह विनीत की भाभी के छातियों के उतार चढ़ाव को देखकर उत्तेजित हो गया और उससे रहा नहीं गया, वह पलंग पर से उठा और उठते ही सीधे एक हाथ विनीत की भाभी की कमर में डालकर अपने बदन से सटाते हुए अपने मुंह को उसकी बड़ी-बड़ी चुचियों पर टिका दिया।

विनीत की भाभी राहुल की इस हरकत पर भी एकदम से गनंगना गई, उसे यह महसूस होने लगा था कि राहुल आज कुछ ज्यादा ही उसे अपना दीवाना बनाए जा रहा था क्योंकि हर एक अदा में वह विनीत की भाभी को पूरी तरह से उत्तेजित कर दे रहा था।

राहुल तो पागलों की तरह उसकी चूचियों को पीना शुरु कर दिया, कभी वह दांई चुची को पकड़ता तो कभी बांई तो कभी उसकी तनी हुई निप्पल को दांतो से दबाकर खींचता। राहुल एकदम पागलों की तरह हरकत कर रहा था और इन हरकत में विनीत की भाभी को बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी। वह भी राहुल के सिर को पकड़कर अपनी चुचियों पर ही दबाने लगती तो कभी उसकी पीठ पर अपनी हथेली को मसलती। दोनों वासना की आग में तपने लगे थे दोनों के जिस्म में चुदास की लहर बढ़ती जा रही थी। इसे रोक पाना दोनों के लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था । राहुल ने विनीत की भाभी की बड़ी बड़ी चुचियों को चूस चूस कर कश्मीरी सेव की तरह लाल कर दिया था और इस चुची चुसाई में राहुल के साथ साथ विनीत की भाभी को बहुत मजा आ रहा था उसके मुंह से लगातार गरम सिसकारी निकल रही थी।

ससससहहहहहह….आहहहहहहहह….ऊहहहहहहहह…राहुल…ऊमममममम…. बहुत मस्ती के साथ चुसता है रे तू,स्स्सहहहहहहहहह…. पागल कर दिया है रे तूने। तु जैसे चूस रहा है उस तरह से आज तक किसी ने नही चुसा। ऊफ्फ्फ …. ऐसा लगता है कि तेरी चुसाई से मेरी चूचियां और ज्यादा बड़ी हो गई है। बस ऐसे ही दबा दबा कर चूसता रहे। आाहहहहहहहह…..राहुल….ऊममममममम……

( विनीत की भाभी गरम पिचकारी लेते हुए अपने हिसाब से अपने गुलाबी होंठ को कांटे जा रही थी और राहुल को अपनी मस्त बातों के द्वारा उकसाए जा रहे थी । राहुल तो पहले से ही विनीत की भाभी की खूबसूरती और उसकी बड़ी बड़ी चूचियां देखते ही मस्त हो चुका था और उन चूचियों को मुंह में भर कर पीते हुए ऊसकी संगेमरमरी समान चिकनी पीठ से लेकर पुरे बदन पर अपनी हथेली फीराकर आनंद लेनेलगा। धीरे-धीरे उसकी हथेली नीचे की तरफ बढ़ने लगी और उसने विनीत की भाभी की साड़ी को हथेली से पकड़कर ऊपर की तरफ सरकाने लगा। राहुल का सब्र का बांध टूटता जा रहा था और तोड़ता भी क्यों नहीं आखिरकार कुछ दिनों से कुछ करने का मोका जो नहीं मिला था और जब आज मौका मिला था तो इस मौके का पूरी तरह से वह फायदा उठाना चाहता था। विनीत की भाभी की मस्ती सातवें आसमान तक पहुंच चुकी थी उसकी गर्म गर्म सांसे सिस्कारियों के साथ पूरे कमरे में गूंज रही थी।

राहुल धीरे-धीरे करके उसकी साड़ी को कमर पर फिर से उठा दिया और सारी को उठाते हैं अपने हाथ को उसकी पैंटी में डाल कर, बुर पर रख दिया, बुर पर हथेली पड़ते ही राहुल के मुंह से आहहहहह निकल गई क्योंकि मारे उत्तेजना के उसकीे बुर गरम रोटी की तरह फूल चुकी थी और उसमें से मदनदास धीरे-धीरे करके रिस रहा था। राहुल बुर की फांकों के बीच अपनी बीच वाली उंगली को ऊपर से नीचे तक रगडने़ लगा। जिससे वीनीत कीे भाभी का पूरा बदन कसमसाने लगा। उसके बदन में अजीब से सुख की अनुभूति लगातार हो रही थी।

राहुल था कि अपनी हथेलियों को लगातार गुलाबी फांकों के ऊपर रगड़े जा रहा था। विनीत की भाभी की उत्तेजना उस समय और ज्यादा बढ़ जाती एकदम से मचल उठती जब राहुल अपनी उंगलियों के बीच में बुर के गुलाबी पत्ती वाला हिस्सा दबाकर बाहर की तरफ खींचता। दोनों आनंद के सागर में गोते लगा रहे थे बंद कमरे के अंदर दोनों वासना का खेल खेल रहे थे।

विनीत की भाभी भी कुछ दिनों से बहुत प्यासी थी और वैसे भी वह एक अति कामुक और प्यासी महिला थी,

जो अपनी प्यास बुझाने के लिए न जाने कितने मर्दों का सहारा ले चुकी थी अपने ही देवर के साथ उसके जिस्मानी ताल्लुकात थे और अब जाकर के विनीत के ही मित्र राहुल के साथ उसकी घने संबंध बन चुके थे।

विनीत की भाभीी कभी भी अपने पति से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो सकी। पूरी तरह से उसे संतुष्टि अब राहुल ही दे रहा था। तभी तो राहुल को भी नाराज नहीं करना चाहती थी इसीलिए उसे आए दिन पैसे दिया करती थी और आज तो एक साथ सौ सौ के नोटों की गड्डी थमा दी

इतने सारे पैसे राहुल पहली बार ही देखी देख रहा था। इसलिए पैसे को ले करके भी उसके शरीर में अजीब सी उत्तेजना बनी हुई थी। इसलिए तो वह वीनीत की भाभी को पूरी मस्ती दे करके उसे मस्त किए हुए था।

राहुल चुचियों को चूसते चूसते उन्हें एकदम लाल कर दिया था। गोलियों को दबा दबा कर रहा हूं अंदर ही अंदर कामोत्तेजना से भरा जा रहा था। विनीत की भाभी भी उत्तेजना से कसमसाते हुए राहुल को अपने सीने से भींच ले रही थी। विनीत की भाभी अर्धनग्न अवस्था में और भी ज्यादा कामुक लग रही थी।

ओहहहहहह….. भाभी तुम्हारा खूबसूरत बदन ऐसा लगता है कि मैं किसी गुलाब के फूल को अपनी बाहों में कसा हुआ हूं।

ससससससहहहहह….. राहुल तेरे साथ मत बोलो वरना ख़ुशी के मारे मैं तुम्हारी बाहों में ही पिघल जाऊंगी।

तो पिघल जाओ ना भाभी मना किसने किया है।

( पिघलने वाली बात सुनकर राहुल तुरंत अपनी उंगली को विनीत की भाभी की बुर में घुसेड़ते हुए बोला। )

ओोहहहहहह राहुल तुम बड़े ही रोमांटिक हो… अपनी प्यारी प्यारी बातों से ही तुमने मेरी बुर को पानी पानी कर दिया है। अब तो बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है राहुल बस अब डाल दो अपने लंड को मेरी बुर में , चोदो मुझे राहुल जल्दी से अपना लंड डालकर मुझे़ चोदो।

( राहुल की अति कामुक हरकतों की वजह से विनीत की भाभी शीघ्र ही कामोत्तेजित होकर एकदम से चुदवासी हो गई, राहुल का लंड भी पैंट के अंदर गदर मचाए हुए था। राहुल भी अब अच्छी तरह से समझ चुका था कि, लंड को अब बुर में डाले बिना ना उसे चेन मिलने वाला था और ना ही विनीत की भाभी को। इसलिए वह वीनीत की भाभी की बुरसे अपनी उंगली को बाहर निकाल कर अपनी पेंट की बटन खोलने लगा। और अगले ही पल उसकी पेटं उसके घुटनों में अटकी हुई थी। राहुल का लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ चुका था।जिस पर नजर पड़ते ही वीनीत की भाभी की बुर आनंदित हो कर के कुलबुलाने लगी। विनीत की भाभी के साथ साथ उसकी बुरकी भी प्यास बढ़ती जा रही थी। ऊसकी बुर से रीस रहे मदन रस की वजह से उसकी पैंटी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। ऐसा लग रहा था कि मानो राहुल के तगड़े लंड को देखकर बुर के मुंह से पानी आ रहा हो।

राहुल से अब एक पल भी बर्दाश्त कर पाना नामुमकिन सा लगने लगा था। उसे उसकी पेंटी निकालने तक की फुर्सत नहीं थी। राहुल में झटके से विनती भाभी की एक टांग पकड़ कर उसे पलंग पर रख दिया। और पेंटी को बिना निकालें ही उसके नीचे के एक सिरे को पकड़कर दूसरे सिरे पर खींचकर कर दिया। बुर रोटी की तरह फूली हुई थी इसलिए दूसरे सिरे पर आराम से अटक गई

विनीत की भाभी की बुर ईस तरह से पूरी तरह से नंगी सामने नजर आने लगी। जिसे देखते ही राहुल के मुंह में भी पानी आ गया उसने तुरंत वीनीत की भाभी की कमर को दोनों हाथों से थाम लिया और अपने लंड के सुपाड़े को बुर की गुलाबी फांकों के बीच टीका दिया। जैसे ही राहुल का मोटा सुपाड़ा विनीत की भाभी ने अपनी बुर पर महसूस की वैसे ही तुरंत उसका पूरा बदन अजीब से सुख की अनुभूति करते हुए गनगना गया। वह तुमसे चुदवासी हो गई और खुद ही अपनी कमर को आगे की तरफ बढ़ा दी जिससे सुपाड़े का हल्का सा भाग बुर के अंदर प्रवेश कर गया विनीत की भाभी का या उतावलापन देखकर राहुल से रहा नहीं गया और उसने तुरंत अपनी कमर को आगे की तरफ बढ़ा दिया। ऐसा करने से राहुल का मोटा लंट धीरे-धीरे बुर की गहराइयों में उतरने लगा , लंड की रगड़ वीनीत की भाभी को मस्ती के सागर मे लिए जा रही थी।

राहुल विनीत की भाभी के गुलाबी होठों को चुसते हुए अपनी मोटे लंड को और ज्यादा अंदर की तरफ ले जा रहा था। विनीत की भाभी एकदम से कामातूर हुए जा रही थी वह भी अपने होठो में राहुल के होठ को-भरकर चूस रही थी और अपने दोनों हाथों से राहुल की नंगी पीठ को सहला रही थी। दोनों मस्ती के सागर में गोते लगा रहे थे धीरे धीरे करके राहुल ने अपने समूचे लंड को भाभी की बुर की गहराईयो मे पूरा उतार दिया पूरा लंड बुर में घुसते हैं विनीत की भाभी एक दम मस्त हो गई वह कस के राहुल को अपनी बांहो मे भींच ली। राहुल भी अब कहां रुकने वाला था वह भी करके विनीत की भाभी की कमर को थाम कर अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए चोदना शुरू कर दिया। राहुल की कमर अपनी लय में आगे पीछे हो रही थी। विनीत की भाभी तो कामातूर हो करके एकदम से कसमसा रही थी

उसकी गर्म सांसे उसकी नथुनोों से निकलकर के राहुल के नथुनो से टकरा रही थी जोकि राहुल को गर्माहट प्रदान कर रही थी। राहुल भाभी के गुलाबी होठों को चुसते हुए हल्के हल्के धक्के लगा रहा था।वीनीत की भाभी की बुर कुछ ज्यादा ही पनिया रही थी। राहुल वीनीत की भाभी को कमर से पकड़े हुए एकदम अपने बदन से सटाए हुए था। राहुल को खड़े खड़े चोदने में कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था और खड़े-खड़े चुदवाने का आनंद वीनीत की भाभी भी पूरी तरह से ले रही थी।

सससससहहहहहह….राहुल….मेरे राजा….ऊमममम…

कस कस के धक्के लगा। ऊूूहहहहहहहहह…..गजब का लंड है रे तेरा…..

( विनीत की भाभी राहुल से चुदवाते हुए उसे ऊकसा रही थी । राहुल तो पहले से ही तय करके आया था कि आज विनीत जी भाभी को एकदम मस्त कर देगा इसलिए उसके कहते ही जोर जोर से धक्के लगाना शुरु कर दिया। राहुल के लंड का प्रहार इतना तेज था कि राहुल के हर धक्के पर विनीत की भाभी लड़खड़ा जाती, लेकिन उसकी कमर को कस के पकडे होने की वजह से बार-बार राहुल उसे संभाल ले रहा था। फच्च फच्च की आवाज वीनीत की भाभी की पनियाई बुर से आ रही थी। राहुल चाहता तो उसे आराम से लेटा कर पूरे कपड़े निकाल कर के नंगी करके चोद सकता था। लेकिन दोनों ही प्यासे थे विनीत की भाभी के काम रुपी बदन को देख करके राहुल से बिल्कुल भी सब्र नहीं हुआ था, और उसने उसके बिना कपड़े ं निकाले ही बस पेंटिं को थोड़ा सा सरका कर अपने लंड के लिए जगह बनाकर चोदना शुरू कर दिया था। राहुल को विनीत की भाभी की पनियाई बुर में लंड अंदर बाहर करने में बहुत मजा आ रहा था।

ससससससहहहहह…..ओहहहहहह…राहुल बस ऐसे ही ….चोदते रहो …..हां बस ऐसे ही …..बड़ा मजा आ रहा है राहुल…. कितना आराम से तुम्हारा लंड…. रगड़ते हुए मेरी बुर……में आ जा रहा है ….ओह राहुल चौदो और चोदो …..आज मेरी बुर को फाड़ दो……. डाल दो पूरा लंड मेरी बुर में ….बस ऐसे ही चोदते रहो …आहहहहहहहह…..आहहहहहहहहह….आहहहहहहहहहह….( जब तक वह अपनी बात पूरी करती तब तक राहुल दो चार धक्के ओर तेजी से लगा दिए जिससे विनीत की भाभी की आह निकल गई। विनीत की भाभी मस्त होकर की राहुल को अपने गंदे और उन्माद से भरी बातो से ऊकसाने लगी। राहुल भी एक दम मस्त हो चुका था वह विनीत की भाभी की बुर में धक्के पर धक्का लगाए जा रहा था। खड़े खड़े चुदवाकर विनीत की भाभी मस्त हो चुकी थी उसकी बड़ी पूरी नंगी चूचियां हर धक्के पर झूलते हुए लहरा रही थी। जिसे राहुल रह-रहकर उसके गुलाबी होठों को चुसता हुआ अपनी हथेली में भरकर पके हुए आम की तरह दबा रहा था। विनीत की भाभी उत्तेजना से तरबतर हो चुकी थी उसका पूरा बदन पसीने से भीग चुका था ।

आहहहहहहह ….आहहहहहहहहह की आवाज राहुल की हर धक्के पर उसके मुंह से आ रही थी। ऐसी गजब की चुदाई राहुल कर रहा था कि विनीत की भाभी जोकी ईतना खेली खाई और अनुभवी थी उसे भी विश्वास नहीं हो रहा था कि राहुल इस तरह की जबरदस्त चुदाई करेगा। ऐसा नहीं था कि राहुल ईस तरह की चुदाई नहीं कर सकता था लेकिन आज का आलम ही कुछ अलग था राहुल ने पहले से ही विनीत की भाभी को अपनी हरकतों से एकदम मस्त कर दिया था। आज घर से तय करके ही आया था कि विनीत की भाभी को ऐसा मजा देगा कि वह जिंदगी भर याद रखेंगी। और जैसा वह चाहता था वैसा होगी रहा था विनीत की भाभी एक दम मस्त हो चुकी थी। राहुल का हर एक ठाप उसे चरमसुख का एहसास दीला रहा था। विनीत की भाभी एकदम बदहवास हो चुकी थी वह रह-रहकर गरम सिस्कारियों के साथ राहुल से चुदवा रही थी। राहुल था कि उसकी कमर को थामे अपनी कमर को बड़े ही तीव्र गति से आगे पीछे करते हुए अपने लंड को उसकी बुर में पेल रहा था। विनीत की भाभी भी राहुल के हर धक्के का जवाब देते हुए अपनी कमर को आगे की तरफ फेंक रही थी।

दोनों कुछ देर तक यूं ही संभोग का आनंद लेते रहे लंड अपनी लय मे बुर के अंदर बाहर होता रहा। तभी विनीत की भाभी की सबसे तीव्र गति से चलने लगी सांसो के साथ ऊपर नीचे उठ रही उसकी दोनों गोलाइयां बड़ी कामुक लग रही थी। उसकी सिसकारी बढ़ने लगी और साथ ही उसके बदन की ऐंठन भी बढ़ने लगी। राहुल समझ गया कि विनीत की भाभी झड़ने वाली है इसलिए उसने भी अपने धक्कों को तेज कर दिया। और थोड़ी ही देर में विनीत की भाभी के मुंह से जोर से चीख निकली और चीख के साथ ही विनीत की भाभी के साथ साथ राहुल के लंड ने भी ऊसकी बुर मे गरम पानी की बौछार कर दीया। विनीत की भाभी का यह चरमोत्कर्ष का सुख कुछ ज्यादा ही सेकंड चल रहा था। रह रह कर विनीत की भाभी की बुर से मदन रस की पिचकारी छूट जा रही थी। जिस तरह से वीनीत की भाभी-अभी झड़ रही थी उसे भी अच्छी तरह से मालूम था कि इस तरह से वह कभी भी नहीं झड़ी। इस तरह की बेहतरीन अद्भुत अतुल्य चरमोत्कर्ष की अनुभूति करके विनीत की भाभी तो मस्ती के सागर में गोते लगाने लगी। राहुल का लंड भी विनीत की भाभी की बुर में ठुनकी मारते हुए झड़ रहा था वह विनीत की भाभी को कमर से करके दबोचे हुए था उसका लंड बुर की गहराई में समाया हुआ था।

धीरे-धीरे करके कुछ ही पल में दोनों पानी-पानी हो गए पूर्व में इकट्ठा हुआ दोनों का काम रस बुर से निकलकर नीचे फर्स पर टपक रहा था राहुल विनीत की भाभी को अपनी बाहों में कस के दबोचे हुए था, विनीत की भाभी भी राहुल को अपने बदन से सटाए हुए थी। कुछ ही देर में दोनों की सांसे सामान्य हुए तो दोनों एक दूसरे के बदन से अलग हुए। राहुल का लंड ढीला पड़ चुका था वह बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया। विनीत की शादी भी उसके बगल में ही लेट गई उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव साफ नजर आ रहे थे राहुल खुश था जो विनीत की भाभी को आज इतनी ज्यादा संतुष्टि प्रदान किया था। विनीत की भाभी राहुल के सीने पर अपने ऊंगलिया फिराते हुए उसकी तरफ देखते हुए बोली।

ओह राहुल तूने तो आज मुझे पागल ही बना दिया है इस तरह से मैंने कभी भी नहीं झड़ी थी जिस तरह से तुने मुझे आज पानी पानी कर दिया है। सच में तू और तेरा लंड काबिले तारीफ है।( इतना कहने के साथ ही वह अपना हाथ बढ़ाकर राहुल के ढीले लंड को थाम ली। और ऊसे धीरे धीरे सहलाते हुए उसमें जान डालने की कोशिश करने लगी। राहुल भी उसकी तरफ देखते हुए बोला ।

भाभी तुम भी तो बहुत खूबसूरत हो तुम और तुम्हारा बदन भी काबिले तारीफ है। मैं तो तुमको देखते ही पागल हो जाता हूं । (इतना कहते हुए वह भी वीनीत की भाभी की बड़ी बड़ी चुचियों को अपनी हथेली में भर लिया और उसे हल्के हल्के से दबाने लगा.. विनीत की भाभी राहुल किस बात पर मुस्कुराने लगी और ढीले लंड को अपनी मुट्ठी में भरकर ऊपर नीचे करके हिलाने लगी। राहुल वीनीत की भाभी की चुचियों को दबाते हुए उसे मुंह में भर लिया, और चूसना शुरू कर दिया थोड़ी ही देर में दोनों फिर से उत्तेजित होने लगी अभी-अभी एक अद्भुत चरमोत्कर्ष की प्राप्ति करने के बाद दोनों की उत्तेजना कुछ ही देर में फिर से अपने परम शिखर पर पहुंच चुकी थी। विनीत की भाभी ने अपनी हथेलियों का कमाल दिखाते हुए राहुल के लंड को फिर से पहले की तरह खड़ा कर दी, एक बार राहुल का इंतजार किए बिना ही जिस अवस्था में थी उसी अवस्था में ही फिर से एक बार राहुल के लंड पर खुद ही चढ़ गई , और खुद ही वह अपने हाथ के से अपनी पैंटी को साइड में सरकाते हुए एक हांथ से राहुल का लंड पकड़ कर अपनी बुर पर टिका दी और धीरे-धीरे करके उस पर बैठती चली गई, राहुल का लंड पूरी तरह से उसकी बुर में समा चुका था। गजब का नजारा बना हुआ था विनीत की भाभी बिना नंगी हुए ही जिस अवस्था में राहुल ने पहली बार चुदाई किया था उसी अवस्था में वह राहुल के लंड पर बैठी हुई थी। राहुल से नजारा देख कर रहा नहीं गया और उसे जैसे कुछ याद आया हो इस तरह से वह तुरंत अपना मोबाइल लेकर के रिकॉर्डिंग करना शुरू कर दिया। विनीत की भाभी मस्ती के साथ उसके लंड पर उठ बैठ रही थी। दोनों की सांसे एक बार फिर से भारी हो चली दोनों एक बार फिर से एक दूसरे के बदन में समाने की पूरी कोशिश करते हुए संभोग का आनंद लेने लगे। कुछ देर बाद दोनों की साथ एक तीव्र गति से चलने लगी दोनों की बदन में अकड़न सी होने लगी ,और थोड़ी ही देर में दोनों भल भला कर झड़ने लगे एक बार फिर से दोनों चरमोत्कर्ष की प्राप्ति कर लिए थे।

इस तरह से दोनों तीन चार बार चुदाई का आनंद ले चुके थे। विनीत की भाभी पूरी तरह से थक चुकी थी। वह बदहवास से बिस्तर पर लेटी हुई थी संपूर्ण नग्नावस्था में उसका बदन बड़ा ही उत्तेजक लग रहा था। राहुल की नजर बार बार दीवार घड़ी पर चली जा रही थी क्योंकि स्कूल छुट चुकी थी। और वक्त आ चुका था अपने प्लान को अंजाम देने का वह जानता था कि कुछ ही देर में अब वीनीत घर पर पहुंच जाएगा इसलिए वह आगे का कार्यक्रम शुरु कर दिया । वह फीर से मोबाइल निकाल कर के अपने ढीले लंड को विनती भाभी के होठों से लगाकर के रिकॉर्डिंग करना शुरु कर दिया। विनीत की भाभी तुरंत अपने होठों को खोलकर लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी। थोड़ी ही देर में राहुल का लंड चार चार बार झड़ने के बावजूद भी एक बार फिर से टनटनाकर खड़ा हो गया। दोनों पूरी तरह से तैयार हो चुके थे एक बार फिर से राहुल ने वीनीत की भाभी के बदन में चुदाई की आग लगा दिया था।

राहुल अच्छी तरह से जानता था कि विनीत किसी भी वक्त घर पर पहुंच जाएगा इसलिए उसने घर के दरवाजे को लोक नहीं किया था ताकि वह अंदर आराम से आ सके। और वैसा हुआ भी विनीत की भाभी इस बात से अनजान थी की विनीत घर में प्रवेश कर चुका है। क्योंकि उसे राहुल ने यह बताया था कि वीनीत कहीं बाहर जाने वाला है और वह शाम को ही घर पर लौटेगा इसलिए तो वह बेफिक्र होकर के राहुल से जमकर चुदवा रही थी। राहुल की नजर बार बार खिड़की की तरफ जा रही थी क्योंकि किसी भी वक्त वह यहां तक पहुंच सकता था।

राहुल ने मोबाइल को एक तरफ रख दिया विनीत की भाभी पलंग पर चित होकर लेटी थी उसकी दोनों टांगे फेली हुई थी।

दूसरी तरफ विनीत इस बात से अनजान था कि उसके घर में उसका ही दोस्त उसकी ही भाभी के साथ काम क्रीड़ा कर रहा है। वह तो हमेशा किसी तरह स्कूल से आते ही अपने भाभी के कमरे की तरफ जाने लगा। लेकिन घर में घुसते समय उसे दरवाजा खुला मिलने पर बड़ा ही अजीब लगा था वह धीरे धीरे अपनी भाभी के कमरे की तरफ बढ़ रहा था और कमरे के अंदर राहुल अपने प्लान को अंजाम देने के कगार पर था।

राहुल धीरे-धीरे कदम बढ़ाते हुए अपनी भाभी के कमरे पर पहुंच गया था वह आगे बढ़ता कि तभी उसे कमरे की खिड़की खुली नजर आई और उसमें से हल्की हल्की रोशनी आ रही थी। वह कोतूहल बस हल्की सी खुली खिड़की में से अंदर की तरफ नजर बुलाया तो अंदर का नजारा देखकर उसके पांव के नीचे से जमीन खिसकती नजर आने लगी। अंदर का दृश्य देखकर उसे अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था। अंदर का नजारा बड़ा ही कामुक था लेकिन वीनीत के लिए किसी हादसे से कम नहीं था। राहुल उसकी भाभी की टांगों के बीच खड़े होकर अपने लंड को बुर की फांकों के बीच रगड़ रहा था यह देख कर वीनीत का दिमाग खराब हो गया। वह कुछ करता इससे पहले ही राहुल की आवाज उसके कानों में पड़ी।

भाभी क्या तुम्हें मेरा लंड बहुत अच्छा लगता है।

हां रे मुझे तो तेरा लंड बहुत अच्छा लगता है।

तुम तो विनीत से भी चुदवाती हो तो फिर क्या उसका लंड तुम्हें अच्छा नहीं लगता। ( बुर पर लंड के सुपाड़े को रगड़ते हुए बोला।)

जब से मेरी बुर में तेरा लंड लेना शुरु किया हे तब से मुझे अपने देवर का लंड बिल्कुल भी नहीं भाता।

( इतना सुनते ही वीनीत सन्न रह गया उसे अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था और इस बात से वह बिल्कुल अनजान था कि राहुल को भी इस बात का पता था कि वह अपनी भाभी की चुदाई करता है। वह बस मुक प्रेक्षक बनकर अंदर का दृश्य देख रहा था। राहुल को इस बात का पता चल गया था की खिड़की पर विनीत खड़ा होकर अंदर सब कुछ देख रहा है इसलिए जानबूझकर ऐसी बातें कर रहा था। )

भाभी चलो थोड़ा आज खुलकर चुदाई का मजा लेते हैं।( वह लंड को बुर के अंदर सरकाते हुए बोला।)

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2 Comments

  1. Harikumar Zaa

    कौन है ये बद्तमीज़? मा***द गाली फिट है इसके लिए! 😡

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