राहुल के भी साथ चलने की बात से विनीत की भाभी के लिए उत्सुक का बढ़ गई साथ में पेशाब करने की बात को सोचकर ही उत्तेजना के मारे उसकी बुर फुलने पिचकने लगी। विनीत की भाभी के इनकार करने का सवाल ही नहीं उठता था क्योंकि उसके बदन में भी पेशाब करने वाली बात से रोमांच उठ रहा था। विनीत की भाभी उत्तेजना से भर चुकी थी इसके लिए उसके होंठों से एक भी शब्द निकल नहीं पाई और वह बस रूम से आते है बाथरूम का दरवाजा खोलकर बाथरूम में घुस गई और उसके पीछे पीछे राहुल भी बाथरुम का दरवाजा बंद करने की कोई जरूरत नहीं थी क्योंकि घर में वह दोनों के सिवा तीसरा कोई नहीं था। विनीत की भाभी बड़ी ही कामुक महिला थे इसलिए निसंकोच होकर वहां खड़ी हो गई राहुल की तो हालत खराब हो रही थी विनीत की भाभी जी कहां से खरीदे बहुत ही उत्तेजनात्मक तरीके से खड़ी थी। वीनीत की भाभी एकदम सीधी खड़ी थी और उसने अपनी छातियों वाला भाग आगे की तरफ निकाली हुई थी और कमर के नीचे का संपूर्ण नितंब वाला भाग बाहर की तरफ उभार कर खड़ी थी। उसका ब्लाउज का बटन खुला होने से और ब्रा ऊपर की तरफ खींची होने की वजह से उसकी बड़ी बड़ी और नुकीली चुचीया साफ नजर आ रही थी।
भरावदार गांड अपने उन्मादक रंग में राहुल को पूरी तरह से रंग रही थी। राहुल उत्तेजना से सराबोर हो चुका था उसके पैंट में तंबू तन चुका था। विनीत की भाभी धीरे से अपने दोनों हाथों से जांघों की तरफ से साड़ी को पकड़ी और कामुक नजरों से राहुल की तरफ देखते हुए धीरे-धीरे साड़ी को ऊपर की तरफ सरकाने लगी। साड़ी ऊपर की तरफ सरकाने की अदा बड़ी ही कातील थी जिसे देखकर राहुल से रहा नही जा रहा था। वह पेंट के ऊपर से ही अपने खड़े लंड को सहलाने लगा उसको अपना लंड सहलाते हुए विनीत की भाभी बखूबी देख रही थी। धीरे धीरे विनीत की भाभी ने अपनी साड़ी को घुटनों तक उठा दे गोरी गोरी टांगे देख कर राहुल के लंड अंगड़ाई लेना शुरु कर दिया था।
दोनों के बीच कोई भी वार्तालाप नहीं हो रही थी बस दोनों एक दूसरे को देखकर उत्तेजित हुए जा रहे थे, राहुल की हालत पल पल खराब हो रही थी। कुछ दिनों से जिस्मानी तौर पर वह भूखा था औरत का बदन स्पर्श करने तक को उसे नहीं मिला था। इसलिए इतना ज्यादा उत्तेजित होना उसके लिए स्वाभाविक था। अगले ही पल विनीत की भाभी ने अपनी साड़ी को धीरे धीरे करके पूरी तरह से कमर तक उठा दी , कमर के नीचे का भाग संपूर्ण रूप से नग्न हो चुका था ,केवल पैंटी ही थी जो की ऊसकी नग्नता को कुछ हद तक ढंके हुए थी ।
कुछ हद तक क्या पेंटिंग के अंदर ही तो दुनिया का सबसे बेशकीमती खजाना छिपा हुआ था। जिसे विनीत की भाभी ने देखते ही देखते उसे भी अपनी जांघो तक सरका दी। ऊफ्फफफ…… क्या नजारा देखने को मिल रहा था। राहुल को यह नजारा देख कर इस बात का डर लग रहा था कि कहीं उसका लंड पानी ना छोड़ दे। विनीत की भाभी की भरावदार गोरी गोरी गांड गजब का कहर ढा रही थी। विनीत की भाभी अच्छी तरह से जान रही थी कि इस वक्त राहुल के ऊपर क्या बीत रही थी राहुल उत्तेजना के परम शिखर तक पहुंच चुका था।
डिलीट की भाभी राहुल की उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ाते हुए एक हाथ से साड़ी को पकड़कर दूसरे हाथ की हथेली को अपनी बुर पर रखकर उसे मसलने लगीं यह देखकर राहुल के मुंह से सिसकारी छूट गई।
विनीत की भाभी एक हाथ से अपनी बुर को मसलते हुए बोली ।
ओहहहहह राहुल मुझे बहुत जोरो से पिसाब लगी है।( विनीत की भाभी मादक स्वर में बोली।)
ओ मेरी प्यारी भाभी ( लंड को मसलते हुए) तो मुतो ना मे भी तो तड़प रहा हुं तुम्हें पेशाब करते हुए देखने के लिए।
सच
हां भाभी कसम से तुम्हें पेशाब करते हुए देखकर मुझे ना जाने क्या होने लगता है मेरे बदन में झनझनाहट सी फैल जाती है।
लेकिन तूने कब मुझे पेशाब करते हुए देखा है? ( बुर को मसलते हुए बोली।)
भाभी पहली बार जब तुम मुझसे चुदवाई थी और बाथरूम में जाकर पेशाब कर रही थी तब शायद तुमने दरवाजा बंद करना भूल गई थी और मैंने तुम्हें पेशाब करते हुए देख लिया था। सच कहूं तो भाभी तुम्हारी बड़ी-बड़ी गांड और तुम्हारी बुर सें सीटी की आवाज को सुनकर तो ऐसा लगने लगता है की तुम्हारी बुर में लंड डाले बिना ही पानी निकल जाएगा।
तू बहुत शरारती है मुझे पता भी नहीं चला कि तु मुझे पेशाब करते हुए देख रहा है। ( वीनीत की भाभी उसी तरह से अपनी बुर को मसलते हुए बोली, और फिर अपनी गांड को बाहर की तरफ थोड़ा और ज्यादा उभारते हुए पेशाब करने के लिए नीचे बैठने लगी । राहुल उसे बड़ी ही उत्सुकता से देख रहा था उसे पता था कि कुछ ही देर में भूल से निकलने वाली बांसुरी से भी मधुर सीटी की आवाज उसके कानों में पड़ने वाली है इसलिए उसके बारे में सोचकर ही उसके बदन में रोमांच सा फेल रहा था। राहुल के देखते ही देखते वह नीचे बैठ गई उसकी सारी कमर तक उठी हुई थी।जिससे उसकी भरपूर गांड पूरी तरह से नज़र आ रही थी । तभी कुछ सेकंड बाद ही राहुल के कानों में बुर से निकल रही पेशाब के साथ मधुर सीटी की आवाज भी सुनाई देने लगी। बुर से आ रही सीटी की आवाज को सुनकर राहुल का रोम-रोम झनझना ऊठा। भाभी की बुर से निकल रही पेशाब की तेज धार राहुल को साफ साफ नजर आ रही थी जोकि सामने की दीवार में लगी टाइल्स पर ठोकरे लगा रही थी । विनीत की भाभी भी उत्तेजना के भरोसे तेरे वह राहुल को देखते हुए कामोत्तेजित होकर अपने दांतो से ही अपने गुलाबी होठों को काट रही थी। राहुल तो यह नजारा देख कर एक दम से पागल हो गया था ऐसा नहीं था कि किसी औरत को पेशाब करते हुए वह पहली बार देख रहा हो, इससे पहले भी उसने पेशाब करते हुए औरतों को देख चुका था पहली बार इस नजारे का दर्शन नीलू ने हीं करवाई थी। जिसे देख कर पहली बार उसके मन में कामवासना जागी थी और फिर अपनी मां को भी पेशाब करते हुए नग्नावस्था में देख चुका था जिसने उसके दिलो दीमाग मे काम का ऐसा पर चढ़ाया की अब तक नहीं उतर रहा है विनीत की भाभी को तो वह देख ही चुका था और दोबारा देखकर कामोत्तेजित हो चुका था।
उसके पैंट में अच्छा खासा तंबू बन चुका था जिस पर विनीत की भाभी की बरा बर नज़र बैठी हुई थी। बुर से सीटी की आवाज लगातार आ रही थी राहुल से रहा नहीं गया और उसने अपनी जेब से मोबाइल निकाला और दिनेश की भाभी को पेशाब करते हुए रिकॉर्ड करने लगा यह देख कर वीनीत की भांभी पेशाब करते हुए बोली।
यह क्या कर रहा है राहुल ऐसा मत कर एैसे भी कोई रिकॉर्ड करता है क्या?
करने दो ना भाभी तुमसे एक पल भी मैं अगर दूर रहता हूं तो मुझसे रहा नहीं जाता है और वह तुम्हारा ही ख्याल आता है अगर ऐसा नजारा मेरे पास रहेगा तो मेरा मन तड़पेगा नहीं बल्कि तुम्हारे इस नजारे को देख कर मैं खुद ही अपने लंड को हिलाकर पानी निकाल दूंगा।( राहुल रिकॉर्ड करते हुए बोला और एक हाथ से खुद ही अपने पेंट की बटन खोलने लगा। राहुल की यह बात सुनकर वह मुस्कुराने लगी और मुस्कुराते हुए बोली।)
तू बहुत बदमाश है ला इधर ला मैं तेरी पेंट की बटन खोल दुं। ( इतना कहने के साथ ही राहुल विनीत की भाभी के करीब आ गया और दिनेश की भाभी अपने नाजुक नाजुक उंगलियों का सहारा लेकर राहुल की पेंट के बटन को खोलने लगे और अगले ही पल फुर्ती दिखाते हुए विनीत की भाभी ने पेंट के बटन को खोलकर तुरंत उसे घुटनों तक सरका दी। टनटनाया हुआ लंड देखकर ऊसकी बुर मे मदन रस भर गया। वीनीत की भाभी भी कुछ दिनों से प्यासी थी। उससे देखा नहीं गया और उसने तुरंत लंड को पकड़ कर हिलाने लगी यह देखकर राहुल की भी उत्तेजना बढ़ गई और वह सारे नजारे को अपने मोबाइल में कैद करने लगा बड़ा ही मोहक दृश्य लग रहा था। वीनीत की भाभी लगातार पेशाब किए जा रही थी। तभी राहुल के दिमाग में कुछ सुझा ओर वह रिकॉर्ड करते हुए बोला।
भाभी जल्दी से खड़ी हो जाओ।( राहुल इतनी उत्साहजनक है शब्दों में बोला था कि विनीत की भाभी को कुछ पता ही नहीं चला और वह पूछते हुए बोली।)
क्यों क्या हुआ?
अरे पहले खड़ी तो हो जाओ मैं बताता हूं ना।
रुक जाओ पूरी तरह से पेशाब कर लूं।
नहीं नहीं भाभी पेशाब मत करो रोक के रखो मैं बताता हूं तुम्हें क्या करना है।
( राहुल की यह बात भी नहीं की भाभी के तो पहले ही नहीं पड़ रही थी कि आखिर वह करना क्या चाहता है लेकिन फिर भी थक हारकर वह खड़ी होने लगी तो वह फिर से बीच में बोल पड़ा।)
एैसे नही भाभी साड़ी को ऊठाए ही रहो।
( वीनीत की भाभी को राहुल की बातें बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रही थी लेकिन फिर भी वह खड़ी हो गई। और राहुल यह खाते में मोबाइल लिए सारे नजारे को कैद करता हुआ दूसरे हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मुठीयाते हुए बोला।)
अोहहहहहह….भाभी,ईस तरह से साड़ी ऊठाए हुए कीतनी सेक्सी लगती हो।
( राहुल की बात सुनते ही वह मुुस्कुराने लगी ओर बोली )
यह सब छोड़ो अब करना क्या है?
कुछ नहीं भाभी बस अब तुम अपने पेशाब की धार मेरे लंड पर मारो।
( राहुल की यह बात सुनते ही विनीत की भांभी का बदन उत्तेजना से भर गया उसे यकीन नहीं हो रहा था कि राहुल यह बात कह रहा है। लेकिन जो उसके कानो ने सुना उसे सुनते ही वीनीत की भाभी की उत्तेजना परम शिखर पर पहुंच गई। वह कुछ समझ पाती इससे पहले ही राहुल फिर बोला।
देर मत करो भाभी अब जल्दी से मेरे लंड के ऊपर मूतना शुरू कर दो।
( वीनीत की भाभी तो उत्तेजना में सरो बोर हो चुकी थी उसकी बुर फूलने पिचकने लगी थी। और उसने थोड़ा सा राहुल की तरफ घुमकर अपनी बुर के गुलाबी पत्तियों के बीच से पेशाब की तेज धार राहुल के लंड पर मारने लगी । बुर से निकलती हुई पेशाब की तेज धार राहुल के लंड पर पड़ रही थी तो राहुल से भी रहा नही गया और वह भी मुतना शुरु कर दीया। एक साथ दोनों पेशाब कर रहे थे। विनीत के भाभी को तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था लेकिन जोभी वह कर रही थी वैसा करने में उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी।रहरहकर उसका बदन झनझन इस बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि वह राहुल के खड़े लंड पर पेशाब कर रही हे
और राहुल यही चाहता भी था वह आज विनीत की भाभी के साथ खूब मस्ती करना चाहता था और उसे दिल बेहद मस्ती देना चाहता था जिसमें वह कामयाब भी होता जा रहा था। विनीत की भाभी तो आज एक नए सुख का अनुभव कर रही थी। वह उत्तेजना के मारे पेशाब करती हुए ही अपनी बुर को हथेली से मसल रही थी। राहुल भी कम उत्तेजना का एहसास नहीं कर रहा था बल्कि उसे भी बहुत ज्यादा उत्तेजना का एहसास हो रहा था। भाभी के पेशाब की तेजधार लंड पर पड़ते ही उसे ऐसा लगने लगा था कि उसके लंड की लंबाई और मोटाई कुछ ज्यादा ही बढ़ गई थी। इसलिए तो उसे और ज्यादा मजा आ रहा था।
ओहहहह ….भाभी बहुत मजा आ रहा है।
सससससससहहहह..आहहहहहहहहह…..राहुल मुझे भी बहुत मजा आ रहा है मैंने आज तक ऐसा आनंददायक अनुभव नहीं ली हुं। ( वीनीत की भाभी सिसकारी लेते हुए बोली। मजा दोनों को बेहद आ रहा था राहुल पूरे दृश्य की रिकॉर्डिंग अपने मोबाइल में कर रहा था। दोनों यही सोच रहे थे कि कुछ देर तक और पेशाब की धार चलती रहेैं लेकिन पेशाब थी तो खत्म तो होना ही था। आखिरकार दोनों पेशाब कर चुके थे।
राहुल विनीत की भाभी से पहले ही बॉथरुम से बाहर आ गया। और बाहर आते ही सबसे पहले उसने हल्का सा खिड़की को खोल दिया ।
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कौन है ये बद्तमीज़? मा***द गाली फिट है इसके लिए! 😡