तीनों खाना खा चुके थे अलका ने अपने दोनों बच्चों को उनके हिस्से की रसमलाई खाने को दी सोनू तो रसमलाई खा कर बहुत खुश हुआ और राहुल भी अपने हिस्से की रसमलाई खा गया। सोनू खाना खाने के बाद अपने कमरे में चला गया और अलका रसोई घर साफ करने लगी राहुल तब तक वहीं बैठा रहा। अलका बहुत खुश नजर आ रही थी रसोई घर साफ करने के बाद वहां अपने हिस्से की रसमलाई कटोरी में लेकर अपने कमरे की तरफ जाने लगी और साथ ही राहुल की तरफ देखकर कामुक मुस्कान बिखेर रही थी। राहुल भी अपनी मां को देख कर मंद मंद मुस्कुरा रहा था। अलका हाथ में कटोरी लिए जिसमें उसके हिस्से की रसमलाई थी। उसे हाथ में हिलाते हुए बड़े ही कातिल अंदाज में अपनी भराव दार गांड को कुछ ज्यादा ही मटकाते हुए अपने कमरे की तरफ जा रही थी और जाते जाते राहुल की तरफ देखकर बोली अगर तुझे रसमलाई खाना हो तो मेरे कमरे में आ जाना। राहुल अपनी मां के इन शब्दों का अर्थ अच्छी तरह से समझता था सुबह से दो-दो बार अपनी बुर में अपने बेटे का लंड डलवा कर चुदवा चुकी थी, लेकिन उसकी प्यास थी कि मुझे नहीं किया जाए और ज्यादा भड़कने लगती थी। अलका अपने कमरे में चली गई, राहुल भले अपनी मां का इस मस्ती भरे आमंत्रण को कैसे ठुकरा सकता था.। लेकिन वह कुछ देर तक वहीं बैठा रहा और अलका अपने कमरे में पहुंचते ही अपने बदन से साड़ी निकाल कर बिस्तर पर फेंक दी और ब्लाउज के ऊपर के दो बटन को खोल दी।
ऊपर के दो बटन खुलते ही अलका की बड़ी बड़ी चुचियों का आधा भाग ब्लाउज के बाहर झांकने लगा और चुचियों के बीच की गहरी लकीर और भी ज्यादा कामुक लगने लगी अगर किसी की भी नजर अलका की खुली हुई लकीरों पर पड़ जाए तो खड़े-खड़े उसका लंड पानी छोड़ दे। अलका अधखुली ब्लाउज और पेटीकोट में रस मलाई की कटोरी ले कर बिस्तर पर लेट गई, और रसमलाई का स्वाद चखते हुए आनंदित होने लगी।
आखिरकार बाहर राहुल कब तक अपनी चुदवासी मां को कमरे में अकेला छोड़ कर बैठा रहता उसका चुदास से भरा हुआ आमंत्रण उसे फिर से एक बार चुदवासा बना रहा था। दिनभर की चुदाई की यात्रा करने के बाद भी उसे कोई मंजिल नहीं मिली थी। वह कुर्सी से उठकर अपनी मां के कमरे की तरफ जाने लगा, कमरे के पास पहुंचते ही कमरे का दरवाजा उसे खुला मिला क्योंकि अलका जानती थी कि उसका चुदास से भरा हुआ आमंत्रण पाकर उसका बेटा कमरे में आए बिना रह ही नही ं सकता था। कमरे में प्रवेश करते ही उसने एक नजर अपनी मां पर डाली और उसे पेटीकोट और ब्लाउज में देख कर मुस्कुराते हुए दरवाजा बंद कर दिया
अपने बेटे को कमरे में देख कर रस मलाई खाते हुए अलका भी मुस्कुराने लगी ओर बोली।
अच्छा हुआ बेटा तू आ गया यूं अकेले-अकेले रसमलाई खाने में बिल्कुल भी मजा नहीं आ रहा था।
मुझे भी बिना तुम्हारी रसमलाई चखे नींद कहां आती है (अपनी मां के करीब बिस्तर पर बैठता हुआ राहुल बोला। अलका भी अच्छी तरह से जानती थी कि उसका बेटा किस रसमलाई की बात कर रहा है इसलिए वह रसमलाई को जीभ से चाटते हुए बोली।)
तो चाट ले चख ले जो मन आए वह कर ले आखिर तुझे रोका किसने हैं। ( अपनी मां की हामि पाते ही राहुल ने तुरंत अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाया, और एक हाथ से अपनी मां की पेटिकोट की डोरी को पकड़कर झटके से खींच दिया, तुरंत ही झटके से खींचने की वजह से पेटीकोट की गांठ खुल गई , और अपने बेटे की इस हरकत करें अलका के बदन में गुदगुदी सी होने लगी। पेटीकोट की डोरी खुलते ही पेटीकोट ढीला हो गया। पेटीकोट के ढीला होते ही राहुल से सब्र करना मुश्किल होने लगा और उसमें तुरंत दोनों हाथ से पेटीकोट पकड़कर कमर से नीचे की तरफ सरकाने लगा, लेकिन अलका की भारी-भरकम गांड के वजन की वजह से पेटीकोट नीचे की तरफ सरक नहीं रही थी जिसे अलका ने भांप ली और खुद ही कटोरी से रसमलाई खाते हुए अपनी भरावदार गांड को ऊपर की तरफ उचका कर अपने बेटे को पेटीकोट निकालने में मदद करने लगी। अपनी मां को यूं अपनी भारी भरकम गांड उचकाते हुए देख कर राहुल ने तुरंत पेटिकोट को घुटनों तक खींच लिया जिसे खुद ही अलका ने अपने पैरों के सहारे उसे अपनी गोरी चिकनी टांगों से निकाल कर बाहर फेंक दि।
राहुल तो अपनी मां की चिकनी जांघो को देखकर मदहोश हो गया। और तुरंत झुककर अपनी मां की जांघो को चूमने चाटने लगा। अलका अपने बेटे के चुंबन तेरे मस्त होने लगी राहुल लगातार जांघों से लेकर घुटनों तक चुंबनों की बौछार लगा दिया अलका रस मलाई खाते हुए मस्त हुए जा रही थी उसके बदन में उत्तेजना की लहर पल-पल बढ़ती जा रही थी। राहुल की नजर जैसे ही अपनी मां की पैंटी की तरफ गई तो बुर वाली जगह पर पेंटिं पूरी तरह से गीली नजर आने लगी। जिसे देखते ही राहुल एकदम उत्तेजना से भर गया और तुरंत उसकी गीली वाली जगह पर अपनी जीभ फिराकर चाटने लगा अलका के बदन में सुरसुरी सी फेलने लगी । अब उसे रसमलाई खाने से ज्यादा अपनी रसमलाई चटवाने की आतुरता बढ़ती जा रही थी। राहुल भी एकदम पागल हो चुका था उसने तुरंत अपनी मां की पैंटी को दोनों छोऱ से पकड़ा और इस बार भी अलका ने तुरंत एक पल भी गवाएं बिना अपनी भारी-भरकम गांड को ऊपर की तरफ उचका दी, राहुल अभी तुरंत अपनी मां की पैंटी को खींचते हुए नीचे की तरफ सरकाने लगा
जैसे जैसे पेंटी कमर से नीचे की तरफ सऱक रही थी, वैसे वैसे अपनी मां की पनियाई बुर को देख कर उसकी आंखों की चमक बढ़ती जा रही थी पेंटी निकालने में राहुल को बहुत ही उत्तेजना का अनुभव हो रहा था ।गोरी चिकनी मांसल जांघोे से होते हुए जैसे जैसे अलका की पेंटी नीचे की तरफ सरक रही थी राहुल के दिल की धड़कन तेज होती जा रही थी। उत्तेजना के मारे राहुल का गला सूख रहा था। अलका जी बदहवास सी हुए जा रहीे थी। उसकी भी बुर कुलबुलाने लगी थी। ऊसकी बुर से मदनरस की बुँदे रह रहकर टपक रही थी। राहुल ने बिना रुके अपनी मां की पैंटी को सीधे घुटनों से नीचे तक उतार दिया और उसे भी अलका ने अपने पैरों के सहारे निकाल फेंकी। अलका रसमलाई खाना बिल्कुल भूल गई उसका ध्यान अब सिर्फ राहुल पर ही लगा हुआ था और उसकी हरकतों पर। राहुल तो अपनी मां की नंगी बुर को देख कर एकदम दीवानों की तरह जांघों के बीच वाली जगह पर चुंबनों की बौछार कर दिया। अलका अपने बेटे के चुंबन से एकदम मस्त होकर कसमसाने लगी और उत्तेजना के मारे दाएं-बाएं अपना सिर पटकने लगी। राहुल को तुरंत अपनी प्यासी जीभ को अपनी मां की रसीली बुर पर रखकर चाटना शुरू कर दिया। बेतहाशा चुंबनों और चटाई के कारण अलका भीगने लगी उसकी बुर से नमकीन पानी का फुवारा फूट पड़ा। नथुनो से निकल रही गर्म सांसों की कसमसाहट में अलका मस्त हुए जा रही थी। मां बेटे के बीच का स्नेह और प्यार का संबंध किस ने वासना और संभोग के सुख में खो गया था। राहुल से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था बंद कमरों के बीच कोई सोच भी नहीं सकता था कि एक मां और बेटे मर्यादा की सारी हदें लांघकर संभोग सुख की खोज में वासना के समुंदर में इस कदर डूब जाएंगे कि उन्हें उन्हें दुनिया का जरा भी ख्याल नहीं रहेगा। राहुल की जीभ लबालब अलका की बुर की गुलाबी पत्तियों के बीच फड़फड़ाकर चल रही थी जिससे अलका को अद्भुत अतुल्य आनंद की प्राप्ति हो रही थी। तभी राहुल की नजर माता के हाथों में जो रस मलाई की कटोरी थी उस पर गई उसने एक हाथ आगे बढ़ाकर उस कटोरी को थाम लिया अलका को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि राहुल ने कटोरी किस लिए लिया है। अलका कुछ पूछ पाती इससे पहले ही राहुल ने कटोरी को एकदम बुर के ऊपर लाकर उसमें से चार-पांच रसमलाई की बूंदें अपनी मां की बुर की गुलाबी पत्तियों के बीच टपका दिया। अलका को समझते देर नहीं लगी कि उसका बेटा अब क्या करने वाला है वह अपने बेटे के द्वारा आगे होने वाली हरकत के बारे में सोचकर ही रोमांचित हुए जा रही थी। तभी राहुल रस मलाई की कटोरी को एक बाजू रखकर अपनी मां की जांघों के बीच झुक गया और बुर की गुलाबी पत्तियों के बीच जीभ लगा कर चाटना शुरू कर दिया ।
आाहहहहहह गजब का एहसास और स्वाद दोनों का एक साथ आनंद उठा रहा था राहुल। उसे इस समय बेहट आनंद की प्राप्ति हो रही थी और वह चटखारे लगा लगा कर अपनी मां की बूर चाट रहा था। अलका को एकदम चुदवासी हो गई वह अपनी कमर को गोल-गोल घुमाते हुए अपने बेटे से अपनी बुर चटवा रही थी।
ससससहहहहहहहहहह…… राहुल तूने तो मेरे पूरे बदन में आग लगा दी है रे।ओहहहहहहहहह…राहुल….ऊफ्फफफ….
ओर चाट ….चाट….मेरी बुर को….ऊम्म्म्म्..:…. ( सिसकारी लेते हुए अलका उत्तेजना के मारे अपना सिर बाय-बाय पटक रही थी यह देखकर राहुल और भी ज्यादा चुदवासा हुए जा रहा था और जोर जोर से अपनी मां की बुर को लबा लब चाटे जा रहा था। कुछ देर तक यूं ही राहुल अपनी मां की बुर में ही मस्त होता रहा , पेंट के अंदर उसका लंड टनटनाकर एकदम लोहे की छड़ की तरह हो गया था। और उसने उत्तेजना के कारण हल्का हल्का दर्द भी होने लगा था इसी तरह का एक ही इलाज था और वह था चुदाई जबरदस्त चुदाई।
अलका का भी यही हाल था वह भी पूरी तरह से चुदवासी हुए जा रही थी वह सिसकारी लेते हुए राहुल से चुदाई करने के लिए गिड़गिड़ाने लगी थी।
ससससससहहहहहहहह…..आहहहहहहहहह…..राहुल….. बस भी करो राहुल अब तो मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है। बस आप मेरी बुर से अपनी जीभ निकालकर अपना मोटा लंड डाल दो। ऊहहहहहह…..राहुल….
अपनी मां की उत्तेजना से भरी हुई बातें सुनकर राहुल काफी दिल तड़प उठा अपनी मां को चोदने के लिए इसलिए वह बुर पर से अपना मुंह हटा लिया ओर जल्दी से अपनी जगह पर खड़ा होकर अपनी पेंट के बटन खोलने लगा अपने बेटे को पेंट खोलता हुआ देखकर अलका की बुर मे खुजली होने लगी। और वह खुद ही अपनी हथेली उस पर रगड़ कर अपनी उत्तेजना को शांत करने की कोशिश करने लगी और देखते ही देखते राहुल ने अपनी पेंट की बदन खोल कर पेंट को तुरंत घुटने से नीचे सरका कर उसे उतार दिया। ऊफ्फ्….. क्या खुमारी छाई हुई थी अलका की आंखों में जब उसकी नज़र अपनी बेटे के खड़े लंड पर पड़ी गजब का हथियार था उसका ऊसकी मोटाई लंबाई उसके सुपाड़े का अंडाकार आकार देख कर अलका की बुर फूलने पिचकने लगी। वह अपनी बुर को मसलते हुए एकटक अपने बेटे के लंड को देखने लगी। वग जानबूझकर उसे अपनी मुट्ठी में लेकर आगे पीछे करते हुए हिलाने लगा जिसे देख कर अलका से बिल्कुल भी रहा नहीं गया और वह तुरंत बेठ गई।
ओहहहहहह राहुल तेरा लंड देख कर तो मुझसे बिल्कु……( इतना ही कही थी कि इसके आगे की सब्जी उसके मुंह में ही घुट कर रह गए क्योंकि तब तक उसने अपने बेटे के लंड को थाम कर अपने मुंह में भर ली थी
और उसे चूसने शुरू कर दी। राहुल तो एकदम मस्त हुए जा रहा था। कुछ ही पल में उसके मुंह से भी गर्म सिसकारी छूटने लगी।
आहहहहहहहह…..मम्मी ….ऊूूूहहहहहहहहहह….. बहुत गर्म हो मम्मी तुम मुझे बहुत मजा आ रहा है ऐसा लग रहा है कि जैसे मेरा पूरा बदन हवा में गोते लगा रहा है बस एसे ही चाटते रहीए मम्मी…आहहहहहह….. मम्मी …थोड़ा जीभ से…..आहहहह.:..हां हां हां मम्मी बस एेसे ही…ऊफ्फ्….बहोत मजा आ रहा है।
राहुल को अपना लंड चटवाने में बहुत मजा आ रहा था उसकी मां भी अपने बेटे के लंड को बड़े चाव से लॉलीपॉप की तरह चाट रही थी। दोनों अपनी अपनी मस्ती में मस्त हुए जा रहे थे। राहुल को डर था कि कहीं वह अपनी मां के मुंह में ही ना झड़ जाए। इसलिए उसने तुरंत अपनी मां के मुंह में से अपने लंड को बाहर खींच लिया। अलका भी शायद यही चाहती थी क्योंकि उसे अब अपनी बुर में लंड लेना था इसलिए वह खुद ही अपने हाथों से ब्लाउज के बाकी बटन को खोलना शुरू कर दी, और ब्लाउज के बटन खुलते ही हमें झट से अपने हाथ को पीछे ले जाकर ब्रा की हुक को खोलते हुए स्ट्रेप को भी नीचे सरका दी। उसे इतनी जल्दी थी कि वह एक साथ ब्लाउज और ब्रा दोनों को उतार फेंकी। राहुल अपनी मां का उतावलापन देखकर बोला वह मम्मी तुम तो एकदम चुदवासी हो गई हो इस उम्र में भी तुम गजब की सेक्सी लगती हो मैं तो तुम्हारा दीवाना हो गया हूं। कसम से मम्मी आपकी खूबसूरत और सेक्सी बदन को देखकर ना जाने कितनों का पानी निकल जाता होगा। ( राहुल लंड को मुठीयाते हुए बोला। अलका भी अपने बेटे के मुंह से अपने बदन की तारीफ सुनकर खुशी से एकदम गदगद होने लगी। और झूठ मुठ का नाराजगी दर्शाते हुए बोलेी।)
चल अब बस भी कर बेकार की बातें छोड़कर चल अब चढ़ जा मेरे ऊपर और आज ऐसा चोद की मैं पानी पानी हो जाऊं (बिस्तर पर पीठ के बल लेटने हुए अलका अपने बेटे से बोली। राहुल कहां पीछे हटने वाला था वह तो पहले से ही तैयार था ऐसे हालात में तो राहुल और भी ज्यादा निखरकर सामने आता था। अलका अपनी टांगे फैलाकर बिस्तर पर लेट चुकी थी राहुल अपने लंड को हिलाता हुआ अपनी मां की जांघों के बीच अपने लिए जगह बनाने लगा। जगह बनाते ही वह अपनी मां की जांघों को अपनी जांघ पर चढ़ा दिया । जांघ से जांघ की रगड़ दोनों की कामोत्तेजना को बढ़ाने लगी। राहुल लंड के सुपाड़े को अपनी मां की बुर के गुलाबी पत्तियों के बीच रख कर सुपाड़े पर हल्का सा दबाव बनाया तो सुपाड़ा गच्च करके बुर के अंदर सरक गया। सुपाडा जैसे ही बुर के अंदर प्रवेश किया अलका का मुंह खुला का खुला रह गया। उसके माथे पर पसीने की बूंदें उपसने लगी । राहुल अपनी मां की कमर को दोनों हाथों से थाम कर अपनी कमर को आगे की तरफ बढ़ाया तो उसका मोटा लंड धीरे धीरे रगड़ खाता हुआ बुर मे घुसने लगा,जैसे जैसे लंड बुर मे घुस रहा था वेसे वेसे अलका की सांसे अटकती जा रही थी। धीरे-धीरे करके राहुल ने पूरा लंड अपनी मां की बुर में डाल दिया।
और आहें भरते हुए लंड को अंदर बाहर करते हुए अपनी मां को चोदना शुरू कर दिया। राहुल की जगह अगर दूसरा कोई होता तो थक कर न जाने कब से चूर हो गया होता क्योंकि आज के दिन बाद सुबह से ही चुदाई का खेल खेल रहा था ना जाने कितनी बार उसके घंटे में काम रस का फुवारा बुर में छोड़ा था। लेकिन फिर भी अपनी मां की अंगड़ाई लेते हुए मस्त जवानी में एक बार फिर से उसके अंदर जोश भर दिया था और राहुल नतीजन अपनी मां की बुर में लंड पेल कर उसे चोद रहा था। ऐसे तेज तेज धक्के लगा रहा था कि अलका को कमरे के अंदर भी आसमान के तारे नजर आ रहे थे।
अपनी मां की चुचियों को पकड़कर राहुल बिना रुके लगातार बुर के अंदर धक्के पर धक्का लगा रहा था। उसकी कमर के हर ठाप पर पूरा पलंग हील जा रहा था। गजब का कामुक नजारा बना हुआ था राहुल अपनी मां के कमरे में उसके ही बिस्तर पर उसे चोद रहा था। अलका के रेशमी घने बाल खुले हुए थे जोकि बिस्तर पर इधर उधर बिखरे हुए थे। चेहरे पर शर्म और संतुष्टि की लालिमा छाई हुई थी। इस समय अलका पूरी तरह से अपने बेटे के कब्जे में थी क्योंकि वह हर तरह से अपनी मां को चोद रहा था। कभी अपने लंड की रफ्तार को कम कर देता तो कभी बढ़ा देता । कभी जोर जोर से चूचियों को मसलता हुआ चोदता तो कभी झुक कर ऊंन चुचीयों को मुंह में भर कर पीते हुए चोदता। वह हर तरह से अपनी मां की ले रहा था अलका तो अपने बेटे के एक हुनर से एकदम गदगद हुए जा रही थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि यह उसी का बेटा है एकदम सीधा-सादा भोला-भाला सा दिखने वाला उसका बेटा आज उसको ही चोद चोद कर ऊसकी बुर को पानी पानी कीए जा रहा था। राहुल जब कभी थक जाता तो उसकी मां की दूसरी टांग को दूसरी टांग पर सटा कर दोनों टांगों के बीच से उसकी बुर में लंड डालकर चोदता। गर्म सिस्कारियों से पूरा कमरा गूंज रहा था। राहुल के माथे पर पसीना का पक्का अलका की चूची ऊपर गिर रही थी।
आाााहहहहहहह….ओोहहहहह मम्मी बहुत मजा आ रहा है देखो तो कैसे मेरा लंड तुम्हारी बुरमे सटासट अंदर बाहर हो रहा है।ऊूहहहहहहह मम्मी मेरे मोटे लंड को देखकर ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता है कि तुम्हारी छोटी सी बुर में घुस जाएगा। आहहहहहहह….आहहहहहहह…. ( राहुल गर्म आहें भरते हुए अपनी मां की गंदी बात करके अपनी मां को चोदा जा रहा था अपने बेटे की गंदी बात सुनकर अलका भी मस्त हुए जा रही थी। अलका भी अच्छी तरह से जानती थी कि अगर चुदाई के दौरान एकदम गंदी बातें करते हुए चुदाई करवाने में अत्यधिक आनंद की अनुभूति होती है इसलिए उसे भी बहुत मजा आ रहा था।
हां बेटा….. बस ऐसे ही बस ऐसे ही…… जोर जोर धक्के लगा …….मेरी बुर को पानी पानी कर दे …।…हां बस ऐसे ही बेटा…ऊफ्फ… चोद बेटा चोद….आहहहहहह…..आहहहहहहहहह…..आहहहहहहह….. ( अपनी मां की सिसकारी भरी गंदी बाते सुनकर राहुल ने लगातार दो चार धक्के जोर जोर से लगा दिया जिससे अलका के मुंह से आह निकल गई। दोनो पसीने से तरबतर हुए जा रहे थे राहुल ठाप पर ठाप लगाए जा रहा था। पूरा पलंग चरमरा रहा था अलका बिस्तर पर पीठ के बल चुदवाते हुए हर धक्के के साथ ऐसे हील रही थी कि जैसे मानो कोई उसे झूला झूला रहा हो। कुछ भी हो दर्द भरी आह मेरी सिसकारी से भरी मस्ती छुपी हुई थी जिसका दोनों ही भरपूर आनंद ले रहे थे कुछ देर तक यूं ही दोनों की चुदाई का कार्यक्रम चलता रहा । तभी थोड़ी देर बाद अलका की सिसकारी तेज हो गई अपनी मां की तेज होती सिसकारी की आवाज की आवाज को राहुल जल्द ही भांप गया और उसने अपने धक्कों को दुगनी गति से चलाना आरंभ कर दिया। मानो अलका की बुर में लंड नहीं कोई मशीन अंदर बाहर हो रही है इतनी तीव्र गति से राहुल का लंड उसकी मां की बुर में अंदर बाहर हो रहा था। थोड़ी ही देर में अलका अपनी बांहो मे राहुल को कस के भींच ली राहुल भी कस के अपनी मां को अपनी बांहो मे भींचते हुए जोर जोर से चोदना शुरु कर दीया। और थोड़ी ही देर मे दोनो गर्म आंहे भरते हुए एकसाथ झड़ने लगे। दोनों एक साथ झढ़ कर संतुष्टि प्राप्त कर लिए थे। राहुल और अलका दोनों नंगे ही एक दूसरे की बाहों में सो गए।
राहुल का प्यार अपनी मां के लिए दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था लेकिन इसे प्यार कह पाना ठीक नहीं होगा क्योंकि यह प्यार नहीं प्यार के रुप में वासना था जोकि दोनों के देश के पवित्र रिश्ते को पल पल बर्बाद किए जा रहा था। अलका भी एक तरह से अपने बेटे की दीवानी हो चुकी थी अपने बेटे के रूप में उसे एक प्रेमी मिल गया था जोकि उसकी हर इच्छा को पूरी कर रहा था वह फिर आर्थिक हो या शारीरिक। अलका पहले से ही काफी खूबसूरत थे लेकिन अपने बेटे से शारीरिक संबंध स्थापित करके उसकी खूबसूरती दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही थी। अलका और राहुल मां-बेटे कम प्रेमी और प्रेमिका या एक तरह से पति-पत्नी बन चुके हैं क्योंकि दोनों के बीच जो संबंध थे वह ईसी रिश्ते को मायने देते थे। राहुल जब भी घर में रहता था तो उसकी नजरें अपनी मां पर ही टिकी रहती थी बार-बार उसकी नजरें अपनी मां के भरे हुए बदन पर ऊपर से लेकर नीचे तक घूमती रहती थी ना जाने कितनी बार वह अपनी मां को भोग चुका था लेकिन फिर भी यह जिस्म की भूख बदन की प्यास बुझाए नहीं बुझ रही थी। अलंका का भी यही हाल था जब से उसने राहुल से चुदवाना शुरु की थी तब से लेकर अब तक. चुदाई की भूख उसकी कम नहीं हुई थी बल्कि हर दिन बढ़ती ही जा रही थी। वैसे भी अलका जिस उम्र से गुजर रही थी उस उम्र में चुदाई की बहुत कुछ ज्यादा ही होने लगती हैं। और अलका तो अपनी जवानी के दिनों से ही सेक्स की भूखी थी। अपनी जवानी के दिनों में ही वह सेक्स के सुख से वंचित रह गई थी और इस उमर में जब आ करके अपने ही जवान बेटे का दमदार और तगड़ा लंड मिल रहा था चुदवाने के लिए तो भला अलका कैसे पीछे रहने वाली थी अपने बेटे का जवान लंड पाकर वह तो दिन-ब-दिन और ज्यादा चुदाई की भूखी होती जा रही थी। वह भी अब इसी ताक में रहती की कब का बेटा अपना मोटा लंड उसकी बुर में डालकर उसे चोदे और उसकी बुर की खुजली को मिटाए और यही दिन रात जब भी मौका मिलता अलका अपनी प्यास अपने बेटे से चुद कर बुझा ले रही थी।
राहुल अपनी प्रेमिका नीलू की भी लगातार चुदाई करते हुए उसे भी लंड का सुख बराबर दे रहा था और ऊसकी रसीली बुर का स्वाद खुद भी चख रहा था। राहुल का प्यार ऊसकी मां के साथ साथ नीलू से भी गहराता जा रहा था। हालांकि राहुल को विनीत की भाभी की कमी महसूस हो रही थी क्योंकि एक वही उसकी एक टीचर थी जिसमें उसे संभोग की कला का ज्ञान दी थी। वह जब भी विनीत की भाभी के पास जाता तो उसे कुछ ना कुछ नया ही सीखने को मिल रहा था। राहुल को विनीत की भाभी की भी बुर की याद तड़पा रही थी। कुछ भी हो राहुल को उसकी भाभी के साथ भी बेहद आनंद की प्राप्ति होती है राहुल की पांचों उंगलियां धी मे तेर रही थी। अपने घर में भी अपनी मां की चुदाई कर रहा था और बाहर नीलू की। राहुल आनंद के सागर में पूरी तरह से डूबा हुआ था साथ ही उसके साथ साथ उसकी मां और नीलू भी खूब मजा ले रही थी। नीलू और राहुल दोनों प्यार की हद से आगे बढ़ चुके थे। वाकई में दोनों जब भी मिलते थे जीने मरने की कसमें खाया करते थे दोनों पूरी तरह से एक दूसरे के साथ विवाह को बंधन में बंधने के लिए तैयार थे। धीरे धीरे करते दिन गुजरने लगे राहुल ओर अलका अपनी ही मस्ती में खोए हुए थे। अलका के जीवन में मस्ती के साथ साथ एक शांति सी फैली हुई थी लेकिन यह शांति तूफान से पहले की शांति थी। क्योंकि राहुल को वीनीत की भाभी का फोन आया कि वह कल आने वाली है राहुल तो यह सुनकर बहुत खुश हुआ लेकिन अलका आने वाली मुसीबत से बिल्कुल भी अनजान थी। क्योंकि विनीत उसकी हंसती-खेलती जिंदगी में जहर घोलनें आ रहा था। एक गलती अलका के लिए कितनी भारी पड़ सकती थी वह आने वाला समय ही बता सकता था। राहुल को तो सिर्फ विनीत की भाभी की रसीली बुर ही नजर आ रही थी। लेकिन भाभी के साथ आने वाला वीनीत उसके लिए भी कितनी बड़ी मुसीबत है इस बात से राहुल बिल्कुल भी अनजान था। वह तो उसके द्वारा भेजी गई नंगी तस्वीरों को देख देखकर मुठ मारकर वीनीत की भाभी को याद कर रहा था।।
उसके आने से एक दिन पहले वाली रात को राहुल ने अपनी मां की जमकर चुदाई किया और अलका ने भी उस रात को अपने बेटे से अत्यधिक आनंद लेते हुए चुदवाइ। अलका भी आने वाले खतरे से अनजान थी, वह नहीं जानती थी कि आने वाला दिन उसके लिए मुसीबतों का पहाड़ लेकर आएगा। अपने बेटे से संतुष्टि भरी चुदैई करवा कर आराम से चैन की नींद सो गई ।
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कौन है ये बद्तमीज़? मा***द गाली फिट है इसके लिए! 😡