होता है जो वो हो जाने दो – maa beta sex story

राहुल कभी-ऊसकी गांड को पकड़कर ऊसे चोदता तो कभी उसकी चूचियों को पकड़ कर चुचीयो को दबाते हुए चोदता। राहुल के हर एक धक्के पर नीलू किचन के फर्श पर पसर जा रहीे थी। हर धक्के के साथ ही नीलू की बुर से फुच्च फुच्च की आवाज आ रही थी। आज नीलू राहुल को पूरी तरह से नीचोेड़ डालने के मूड में थी

और खुद भी अपनी बुर में इकट्ठा सारे रस को चरमोत्कर्ष को महसुस करते हुए बहा देना चाहती थी।

थोड़ी ही देर बाद दोनों चरमोत्कर्ष की तरफ बढ़ रहे थे राहुल के धक्के बड़ी ही तीव्र गति से लगने लगे थे। नीलू की सिसकारियां भी बढ़ती जा रही थी तभी थोड़ी देर बाद दोनों का बदन एक साथ अकड़ने लगा। और दोनों हल्की चीख के साथ झड़ने लगे। राहुल नीलू के ऊपर ढह गया दोनों की सांसे तीव्र गति से चल रही थी। दोनों के अंगों से निकला हुआ काम रस धीरे-धीरे करके नीलु की जांघो को भिगोता हुआ नीचे फर्श पर गिरा रहा था।

दोनों दूसरी बात चरमोत्कर्ष का आनंद ले चुके थे नीलू और राहुल दोनों पसीने में तर बतर हो चुके थे। जब तक यह चुदाई चलती तब तक ओवन में ब्रेड तैयार हो चुका था। राहुल नीलू के ऊपर से हटा नीलू के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आ रहे थे उसे पूरी तरह से संतुष्टि मिलती थी। वह राहुल की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए ओवन खोली और उसमें से पूरी तरह से तैयार हो चुका ब्रेड निकालकर ओवन को बंद कर दी। दोनों संपूर्ण नग्नावस्था में भी डाइनिंग टेबल पर बैठकर नाश्ता किए। नीलू का बदन काम रस की वजह से पूरी तरह से चिपचिपा हो चुका था इसलिए उसने राहुल को बाथरूम में साथ नहाने का प्रस्ताव दिया जिसे राहुल हंसते-हंसते स्वीकार भी कर लिया। और स्वीकार भी कैसे नहीं करता उसे भी नीलू के साथ संपूर्ण नग्नावस्था में स्नान करने का मजा जो लेना था।

दोनों पूरे दिन चुदाई का मजा लेते रहे डाइनिंग रूम से शुरू हुआ यह सिलसिला किचन से लेकर के बाथरूम और बाथरूम के बाद बैडरूम तक पूरी तरह से वासना में लिप्त यह चुदाई का खेल चलता रहा। दोनों एक दूसरे के अंगों के रस को पूरी तरह से निचोड़ने में लगे रहे।

राहुल को जाते-जाते नीलू पूरी तरह से थक चुकी थी उसके बदन में संतुष्टि पूरी तरह से अपना असर दिखा दीखा दी थी। नीलु ने दरवाजे पर आकर अपनी मां के आने से पहले ही मुस्कुराते हुए राहुल को विदा कर दी।

राहुल के लिए भी आज का दिन पूरी तरह संतुष्टि भरा रहा।

शाम ढल चुकी थी अंधेरा छाने लगा था राहुल घर लौटते समय रास्ते में मिठाई की दुकान से अपनी मां के मन पसंद की मिठाई खरीद कर घर ले गया। उसे पता था कि उसकी मां मिठाई बहुत पसंद करते हैं लेकिन हमेशा अपने बजट के अनुसार ही कभी कभार ही खरीद पाती थी। लेकिन राहुल तेरी जेब गर्म होने लगी थी इसलिए वह जब भी मन करता था घर पर जरुर कुछ ना कुछ खाने पीने की वस्तुं ले जाया करता था।

घर पर जैसे ही पहुंचा तो उसकी नजर सामने चली गई जहां पर अलका बैठकर पोछा लगा रही थी। बहुत थोड़ा आदमी की तरफ झुक कर पोछा लगा रही थी जिसकी वजह से उसकी भरावदार गांड उभर कर सामने आ रहे थे जिसे देखते ही राहुल के बदन में गुदगुदी सी होने लगी। भरावदार गोल गोल ओर उभरी हुई बड़ी गांड़ हमेशा से राहुल की कमजोरी रही है। चाहे जितनी बार भी चुदाई का सुख भोग चुका हो ं लेकिन जब भी किसी औरत की भराव दार गांड पर नजर जाती थी तो उसका मन चोदने के लिए ललचाने लगता था। यहां भी ऐसा ही हुआ दिन भर नीलू को भोग कर अाया था लेकिन घर पर आते हैं अपनी मां की बड़ी बड़ी मस्त गांड को देखकर उसका मन फिर से चोदने को करने लगा। उसके सोए हुए लंड में फिर से हरकत होना शुरु हो गई। वह मिठाई लेकर घर में प्रवेश किया तभी अलका की नजर राहुल पर पड़ गई। और वह पोछा लगाते हुए बोली।

तू आ गया बेटा कब से तेरा इंतजार कर रही हु।

क्यों मम्मी कोई काम था क्या ?(मिठाई को टेबल पर रखते हुए बोला)

नही रे , लेकीन अब तेरे बिना मेरा बिल्कुल भी मन नहीं लगता। अच्छा यह तू क्या लेकर आया है।

तुम्हारी मनपसंद की मिठाई है मम्मी मैं आज तुम्हारे लिए रसमलाई लेकर आया हूं।

रस मलाई का नाम सुनते ही अलका के मुंह में पानी आ गया उसकी यह पसंदीदा मिठाई थी वह चहकते हुए बोली।

सच बेटा तू कितना अच्छा है तू मेरा इतना ख्याल रखता है मुझे रसमलाई बेहद पसंद है लेकिन तू अपनी आर्थिक स्थिति जानता ही है जब कभी तनख्वाह का दिन आता है तभी मैं मिठाई खरीद कर खा सकती हूं और तुम लोगों को खिला सकती हूं।

हां मम्मी ने जानता हूं तभी तो आज मेरे पास पैसे दे दो मैं तुम्हारे लिए तुम्हारे पसंद की मिठाई लेकर आया हूं।

( कुर्सी पर बैठते हुए राहुल बोला)

ठीक है बेटा मैं जल्दी-जल्दी पहुंचा लगा कर खाना बना देती हुं आज तो खाना बनाने में लेट हो गया है। तुझे भूख तो नहीं लगी है ना।

लगी है ना मम्मी (अपनी आंख को नचाते हुए राहुल बोला।)

बस बेटा थोड़ा इंतजार करना जल्दी से बना देतीे हुं। एक काम कर जब तक खाना नहीं बन जाता तू रसमलाई ही खा लो। ( अलका खड़ी होते हुए बोली।)

मम्मी तुम तो जानती हो मुझे इस रसमालाई से ज्यादा स्वादिष्ट तुम्हारी रसमलाई (उंगली को अपनी मां की बुर की तरफ इशारा करते हुए।) लगती है। और मेरी भूख तो तुम्हारी रसमलाई चाट कर ही मिटेगी।

अपने बेटे की इस तरह की बातें सुनकर अलका का चेहरा सुर्ख लाल रंग का हो गया शर्म की बदरी उसके चेहरे पर साफ नजर आ रही थी। वह पहुंचा और बाल्टी को हाथ में उठा कर बाहर की तरफ जाते हुए बोली।

धत्त तू अब बड़ा शेतान हो गया है। ( इतना कहकर वह गंदे पानी को नाले में बहा कर वापस आ गई। और हाथ पैर धोकर सीधे रसोई घर में घुस गई। पीछे पीछे अपनी मां की मटकती हुई गांड को देखकर वह भी रसोई घर में चला गया और वैसे भी राहुल की मौजूदगी में अलका कुछ ज्यादा ही अपनी गांड को मटका कर चल रही थी।

जिसे देखकर राहुल तो क्या दुनिया के किसी भी मर्द का मन डोल जाए। राहुल का भी बुरा हाल था नीलू को जी भर कर चोदने के बाद भी उसका मन भरा नहीं था। या यूं कह लो कि राहुल अपनी मां की मदमस्त गांड को देख कर एक बार फिर से चुदवासा हो गया था इसलिए वह रसोईघर में अपनी मां के पीछे पीछे चला आया था।

अलका को आभास हो गया था कि राहुल उसके पीछे-पीछे रसोईघर में आ गया है और उसे यह भी मालूम था कि राहुल क्या हरकत करने वाला है। इसलिए अपने बेटे को और ज्यादा ऊकसाते हुए गैस का नॉब चालू करते समय अपनी ऊभरी हुई गांड को कुछ ज्यादा ही उभार कर आगे की तरफ झुक गई। अलका भी दिन भर की प्यासी थी, क्योंकि सुबह-सुबह राहुल ने रसोईघर में दरवाजा ठीक करने के बहाने उसको चोद़कर उसके कामाग्नी को और ज्यादा भड़का दिया था। उसे दिनभर राहुल के मोटे लंड की जरूरत महसूस होती रही लेकिन वह अपना मन मसोसकर रह गई। इसलिए वह सोच रही थी कि क्यों ना एक बार फिर से रसोई घर में ही वह उसकी प्यासी बुर की प्यास बुझा दे। इसलिए वहीं राहुल को ऊकसाने की पूरी कोशिश करने लगी। राहुल की पैंट में तो तंबू बन चुका था राहुल सब्र कर पा़ना वह भी अपनी मां की मध भरी ,ऊभरी हुई गांड देखकर नामुमकिन था। अलका करना चाहते हुए अपनी गांड के भार को कभी दाहिने पैर पर खड़ी होकर टीकाती तो कभी बाएं पैर पर उसकी इस हरकत पर उसकी गांड का मटकना कुछ ज्यादा ही उभर कर सामने आ रहा था। यह देख कर राहुल से रहा नहीं गया और सुबह की तरह ही वह पीछे से अपनी मां को बाहों में भर लिया और साथ ही अपने तंबू को अपनी मां की नरम नरम गांड पर साड़ी के ऊपर से ही धंसाने लगा और साथ ही

ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी मां की बड़ी बड़ी चुचियों को दबाना शुरु कर दिया। अलका की सांसे भारी होने लगी थी उसके बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी। अपनी उत्तेजना को दबाते हुए वह बोली।

हट छोड़ मुझे ना जाने तुझे क्या हो जाता है अभी सुबह में ही तो करके गया, और अभी आते ही शुरु हो गया चल तु बाहर जा मुझे खाना बनाने दे।( गैस पर कढ़ाई रखते हुए बोली,ऐसा बिल्कुल भी नहीं था कि अलका का मन चुदवाने को नहीं कर रहा था बल्कि उसके अंदर तो काम भावना एकदम प्रबल हो चुकी थी। लेकिन फिर भी वह जानबूझकर ऐसा जता रही थी कि उसका मन बिल्कुल भी नहीं है। अंदर से तो वह यही चाहती थी कि उसका बेटा अपना मोटा लंड उसकी बुर में डाल कर जमकर चुदाई करें।

अपनी मां की बात सुनकर राहुल बोला।)

सुबह में करके गया तो क्या हुआ मम्मी उस बात को बीते तो 10 घंटे हो चुके हैं और मेरा मन तो हर 10 मिनट बाद तुम्हें देखकर ही तुम्हें चोदने को करने लगता है। मेरा बस चले तो मैं तो सारा दिन तुम्हारी बुर में लंड डालकर पड़ा रहु।

तो डालकर पड़ा रहे, तुझे मना किसने किया है ।

( अलका कटी हुई सब्जी को कड़ाही में डालते हुए बोली)

सोनू कहां है मम्मी( ब्लाउज के बटन को खोलते हुए बोला।)

पड़ोस में गया है उसके दोस्तों के घर पर पढ़ाई करने अभी कुछ वक्त है उसे आने में। ( अलका बातों ही बातों में राहुल को पूरी तरह से इजाजत दे चुकी थी और अपनी मां की बात को सुनकर राहुल बोला।)

ओहहहहहह मम्मी मुझसे तो बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है तुम बहुत सेक्सी हो तुम्हें देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है।( इतना कहने के साथ ही उसने ब्लाउज के सारे बटन खोल दिया और कैसी हुई ब्रा को अपने दोनों हाथों से खींच कर चूचियों के ऊपर चढ़ा दिया जिससे इस समय ऊसकी दोनों चुंचियां ब्रा की कैद से आजाद हो गई। राहुल अपनी मां की नंगी चूचियों को जोर-जोर से दबाने लगा उसकी मां के मुंह से सिसकारी छूटने लगी

दोनों पूरी तरह से गर्म हो चुके थे। राहुल का तंबू हल्का की गांड के बीचो-बीच उसकी बुर के करीब ही दस्तक दे रहा था। अलका पुरी तरह से उत्तेजना के मारे कहां पर है थे वह कांपते हाथों से सब्जी चलाते हुए बोली।

बेटा पहले दरवाजा तो बंद कर लो अगर कहीं ं समय से पहले सोनू आ गया तो गजब हो जाएगा।

कोई नहीं आएगा मम्मी ऐसे ही चलने दो ना मुझे बहुत मजा आ रहा है।( निप्पल को उंगलियों के बीच मसलते हुए बोला।)

मेरी बात मान ले बेटा जल्दी से दरवाजा बंद कर दे मेरा भी बहुत मन कर रहा है तुझसे चुदवाने के लिए तू नहीं जानता कि आज दिनभर कितना तड़पी हूं तेरे बिना।

ठीक है मम्मी मैं जल्दी से दरवाजा बंद कर देता हूं। ( ईतना कहते ही वह दरवाजा बंद करने के लिए आगे बढ़ा जब तक वह दरवाजा बंद करता है आलू का सब्जी में मसाला डालकर उसे बर्तन से ढंककर पकने के लिए छोड़ दी। राहुल दरवाजा बंद करके जैसे ही लौटा दोनों एक दूसरे की बाहों में समा गए । राहुल अपनी मां की चुचियों को दबाता हुआ उसके गले पर होठों पर जहां पर हो सकता था वहां वहां चुंबन की झड़ी बरसा दिया और अलका कामोत्तेजना के वशीभूत होकर अपने बेटे के पेंट की बटन खोलने लगी, अगले ही पल वह अपने बेटे की पेंट को खोलकर उसे घुटनों को सरका दी

अपने बेटे के तने हुए लंड को देखकर उसके बदन में गुदगुदी होने लगी और वह अपनी हथेली में लंड को-भरकर आगे पीछे करते हुए हिलाने लगी।

सससससससहहहहहहहह…….आहहहहहहहह….. मम्मी बस आ जाओ अब बिल्कुल भी रहा नहीं जाता।

( इतना कहते हुए वह फिर से अपनी मां को अपनी बाहों में भर लिया और उसके गुलाबी होठों को चूसने लगा अपनी मां के होठों को चूसते चूसते वह किचन फ्लोर पर अपनी मां को सटा दिया। और तुरंत दोनों हाथों से साड़ी को ऊपर की तरफ सरकाने लगा। जैसे ही अलका की साड़ी को राहुल कमर को खाया अलका ने खुद साड़ी को थाम ली और राहुल ने तुरंत अपनी मां की पैंटी को पकड़कर नीचे सरकाने लगा, अगले ही पल राहुल नीचे की तरफ झुकते हुए अपनी मां की पेंटी को ऊसकी चिकनी टांगो से निकाल कर फर्श पर फेंक दीया। अलका कमर के नीचे से बिल्कुल नंगी हो गई अपनी मां की नंगी बुर को देख कर राहुल अपने आप पर बिल्कुल भी सब्र नहीं कर पाया और खड़े होकर एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर अपनी मां की बुर पर रगड़ने लगा। अलका अपनी बेटे के गरम लंड के स्पर्श मात्र से ही एकदम चुदवासी हो गई और एकदम कामोतेजना का अनुभव करते हुए उसकी बुर से मदन रस की एक बूंद टपक पड़ी। राहुल तुरंत अपनी मां की दोनों जनों को अपनी कलाइयों का सहारा देकर ऊपर की तरफ उठाया अलका को तो बिल्कुल समझ में नहीं आया कि राहुल क्या कर रहा है, जब तक अलका को कुछ समझ नहीं आता वह किचन फ्लोर पर बैठ चुकी थी और राहुल ने उसकी जांघो को थोड़ा सा फैलाते हुए

अपने लंड के सुपाड़े को अपनी मां की बुर की गुलाबी पत्तियों के बीच टीकाकर अपनी कमर को आगे की तरफ बढ़ाया अलका की बुर पहले से ही पानीयाई हुई थी इसलिए सटाक से पूरा सुपाड़ा बुर के अंदर सरकने लगा। और अगले ही पल उसने एक जोरदार धक्का लगाया जिससे राहुल का पूरा लंड उसकी मां की बुर में समा गया। राहुल का पूरा लंड अलका की बुर में घुस चुका था । राहुल ने तुरंत अपनी मां की नंगी चूचियों को हथेली में भर लिया और उसे दबाते हुए हल्के हल्के शॉट लगाते हुए अपनी मां को चोदना शुरू कर दिया। अलका अपने बेटे के इस अंदाज पर एकदम गदगद हुए जा रही थी। उसे अंदाजा भी नहीं था कि राहुल ऐसा कुछ कर सकता है। उसने जिस अंदाज से अपनी कलाइयों का सहारा लेकर जांघो से उसे उठाकर किचन फ्लोर पर रखा था अलका खुशी के मारे एक दम झूम उठी थी। इस पोजीशन में अलका को ज्यादा आनंद आ रहा था। राहुल लगातार अपनी मां की चूची को दबाते हुए उसे चोदे जा रहा था। राहुल का मोटा लंड अलका की बुर में सटासट अंदर बाहर हो रहा है अलका अपनी नजरें नीचे झुका कर अपनी बुर की तरफ देख रही थी जिसमें उसके बेटे का मोटा लंड ऊसकी बुर की गुलाबी पत्तियों को फैलाता हुआ जल्दी-जल्दी अंदर बाहर हो रहा था जिसे देखते हुए उसके बदन में रोमांच फेल रहा था। अलका को यह देखकर बड़ा ही मजा आ रहा था वह रहकर राहुल लगातार इतनी जोर जोर से धक्के लगा ताकि उसके मुंह से लगातार गर्म सिसकारी फूट पड़ती।

आहह….आहह…:आहह…आहह…( लगातार धक्के पड़ने पर अलका के मुंह से ईस तरह की आवाज़ आ रही थी। राहुल जोर जोर से धक्के लगाते हुए अपनी मां को अपनी बाहों में भींच कर लगातार उसकी चूचियों को दबाता हुआ उसके गले पर चुंबन की झड़ी बरसा रहा था जो कि अलका की उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ा रहा था। कुछ देर तक यूं ही राहुल अपनी मां को चोदता रहा’ ना जाने क्यों राहुल को किचन में चुदाई करना कुछ ज्यादा ही पसंद आ रहा था जिसमे अब अलका को भी मजा आने लगा था।

दोनों की सांसे भारी होती जा रही थी अलका के मुंह से लगातार गर्म सिसकारियां छूट रही थी। राहुल जबरदस्त प्रहार कर रहा था। अपने बेटे के हर धक्के पर अलका पूरी तरह से हिल जा रही थी। उसे हल्का हल्का दर्द भी महसूस हो रहा था लेकिन जितना दर्द हो रहा था उससे कहीं ज्यादा उसे आनंद की प्राप्ति हो रही थी। कुछ ही देर में दोनों के बदन की अकड़न बढ़ने लगी राहुल के साथ साथ अलका भी अपने बेटे को अपनी बाहों में कस के भींच ली और दो-चार धक्के मे ही दोनो भलभलाकर झड़ने लगे दोनों की गर्मी शांत हो चुकी थी। राहुल जल्दी से अपने कपड़े पहन लिया उसकी मा भी किचन फ्लोर से नीचे उतर कर नीचे पड़ी अपनी चड्डी को उठाकर जल्दी से पहन ली ओर अपने कपड़े दुरुस्त कर ली।

राहुल जल्दी से किचन का दरवाजा खोल कर बाहर आ गया तब तक सोनु वापस नहीं आया था। अलका अपनी वासना की भूख मिटा कर खाना बनाने में जुट गई और राहुल अपने कमरे में चला गया।

राहुल का आज का दिन कुछ ज्यादा ही बेहतर जा रहा था। अपने बिस्तर पर लेट कर अपनी सुस्ती मिटा रहा था। कि तभी उसके पैंट में विनीत की भाभी का दिया हुआ मोबाइल वाइब्रेट होने लगा वह समझ गया कि भाभी का ही फोन है। उसे मालूम था कि वीनीत की भाभी आपसे गरम बातें करते हुए अपने आप को शांत करेगी राहुल थोड़ा सा दिन भर की मेहनत के साथ थकान सा महसूस कर रहा था। वह चाहता तो वीनीत की भाभी को कॉल रिसीव नहीं करता। लेकिन वह किसी को भी नाराज नहीं करना चाहता था या किसी से भी दूर रहना नहीं चाहता था क्योंकि तीनों के साथ उसकी आत्मीयता जुड़ चुकी थी तीनों के साथ वह बना रहना चाहता था। वह फिर चाहे उस की मां हो वीनीत की भाभी हो या फिर उसकी प्रेमिका नीलू हो। इसलिए वह ना चाहते हुए भी उसका कॉल रिसीव कर लिया और फिर वह शुरू हो गई वही गंदी बातों का सिलसिला यह सिलसिला तब तक चलता रहा जब तक कि विनीत की भाभी की गर्मी शांत नहीं हो गई। जब तक वह झड़ नहीं गई तब तक वह फोन कट नहीं की। झड़ने से पहले उसने अपनी ढ़ेर सारी नंगी सेल्फी भी ऊसे व्हाट्स एप पर भेज दी जिसे देखकर राहुल गरम आहें भरने लगा था।

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2 Comments

  1. Harikumar Zaa

    कौन है ये बद्तमीज़? मा***द गाली फिट है इसके लिए! 😡

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