वह एक किनारे पर सोई हुई थी। उसने दिनेश को सोने के लिए एक किनारे की जगह खाली कर रखी थी वैसे बेड सिंगल ही बेड था, ऊसपे एक ही इंसान आराम से सो सकता था जो कि बच्चों के लिए ही बना हुआ था लेकिन यह मजबूरी थी इसलिए छोटे से बेड पर दो जन को सोना पड़ रहा था। विनीत सोने के लिए टेबल पर से खड़ा हुआ तभी उसे ध्यान आया कि दरवाजा तो खुला ही है इस तरह से खुला छोड़ देना ठीक नहीं था क्योंकि अलंकार और विनय दोनों साथ सोने वाले थे और दरवाजा खुला रहा तो कोई भी आकर देख सकता है इसलिए उसने दरवाजे की कड़ी लगा दिया और सभी बत्तियों को बुझाने के बाद डिम लाइट ऑन कर दिया। उसके मन में अजीब से सुख की अनुभूति हो रही थी अलका के साथ सोने भर की स्थिति को जानकर वहउत्तेजना के परम शिखर पर विराजमान हो गया था। उसके पूरे बदन में गुदगुदी सी मची हुई थी वह अपनी स्थिति को बयान नहीं कर पा रहा था। धीरे-धीरे वह बेड के करीब जाने लगा अलका सो चुकी थी वह भी बेड पर बैठते हुए पर्दे को नीचे गिरा दिया अब पर्दे के अंदर सिर्फ विनीत और अलका ही रह गए थे। उसके लंड में पूरी तरह से तनाव आ चुका था इतनी ज्यादा उत्तेजना का अनुभव कर रहा था कि ऐसा लग रहा था कि कही उसके लंड की नसें फट न जाए। वह कुछ देर तक यूं ही बेड पर बैठा रहा और फिर पीठ के बल लेट गया, उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें महीनोे से जिसके पीछे पड़ा था जिस को भोगने की लालसा मन में लिए दिन-प्रतिदिन कामेच्छा का अनुभव किया करता था आज वह औरत उसके बिल्कुल करीब एक ही बिस्तर पर लेटी हुई थी। दो बार अलका के साथ संबंध बनाने की कोशिश कर चुका वीनीत इस समय अलका के व्यक्तित्व के आगे न जाने की सोच में पड़ गया था। बेड छोटा होने की वजह से दोनों का बदन आपस में सदा हुआ था। अलका के बदन का स्पर्श उसके बदन में रोमांच की स्थिति को पैदा कर रहा था। उसने नजरें घुमा कर देखा तो अलका सो चुकी थी उसकी नजर धीरे-धीरे उसके चेहरे से नीचे की तरफ बढ़ने लगी सोने की वजह से उसका आंचल जरा सा सीने से ढलग गया था जिसकी वजह से उसकी ब्लाउज मे कैद बड़ी बड़ी चूचियां सांस लेने की वजह से सांसो की गति के साथ ऊपर नीचे हो रही थी और विनीत और ऊपर-नीचे हो रही चूचियों को देखकर अंदर ही अंदर गनंगना गया उसकी जांघों के बीच सुरसुराहट होने लगी। उसके मुंह में पानी आ गया वह उन चुचियों को छूना चाहता था दबाना चाहता था उनसे प्यार करना चाहता था लेकिन इस समय ना जाने किस वजह से वह यह सब करने में हिचकिचा रहा था जबकि इससे पहले दो बार खुद ही आगे बढ़ने की पूरी कोशिश कर चुका था लेकिन आज अलका का व्यक्तित्व वीनीत को आगे बढ़ने से रोक रहा था या यूं कहो उसे आज ना जाने क्यों एक अजीब सा डर लग रहा था। वह अलंका की उठते-बैठते चुचीयों को देख कर मन ही मन ललचा रहा था। उसे एक अजीब प्रकार का डर मन में बैठ गया था कि अगर अस्पताल में वह भी इस समय जबकि उसका बेटा बीमार है ऐसे में उसके साथ कोई गंदी हरकत करेगा तो शायद वह हमेशा के लिए उससे नाराज हो जाए और वह अलका जेसी दोस्त के ही समान इंसान को खो दें और वह यह नहीं चाहता था कि उसकी ऐसी गलती की वजह से अलका से दूर हो या उसकी नाराजगी मोड़ ले।
विनीत इसी वजह से अलका के साथ कुछ भी करने से हीचकीचा भी रहा था ओर डर भी ं रहा था। उसका लंड पैंट के अंदर फुल टाईट था जिसमें उसे मीठा मीठा दर्द का अहसास भी हो रहा था। क्या करता धीरे-धीरे पैंट के ऊपर से ही अपने लंड को मसलते हुए गर्म आहें भर कर कब ऊसे नींद आ गई उसे पता ही नहीं चला।
और दूसरी तरफ राहुल विनीत की भाभी की कपड़े उतार रहा था वैसे भी उतारने जैसा कुछ था ही नहीं, वैसे तो राहुल ने बहुत बार औरतों के कपड़ों को उठा रहा था लेकिन इस समय विनीत की भाभी के ट्रांसपेरेंट गाउन को उतारते समय उसे कुछ ज्यादा ही उत्तेजना का एहसास हो रहा था। अगले ही पल राहुल विनीत की भाभी का गांऊन उतारकर बिस्तर पर फेंक दिया। ओर उसे अपनी बाहों में भरकर उसकी सुराहीदार गर्दन को चूमने लगा जिससे वीनीत की भाभी की उत्तेजना बढ़ने लगी और वह भी राहुल टॉवल को खोलने लगी। अगले ही पल वह उसकी गर्दन को उसके गाल को होठ को चुमता रहा और तब तक वीनीत की भाभी ने उसके बदन से टॉवल को उतारकर नीचे फर्श पर फेंक दी।
टावर के नीचे राहुल कुछ नहीं पहना था इसलिए उस का टनटनाया हुआ लंड उसकी आंखों के सामने झूलने लगा
जिसे देखते ही विनीत की भाभी के मुंह में पानी आ गया। और उससे रहा नहीं गया और उसने आगे हाथ बढ़ा कर लंड को अपनी हथेली में भर ली और उसे हिलाने लगी। राहुल उसे पागलों की तरह चुमते हुए अपने दोनों हाथ को पीछे की तरफ ले जाकर उसकी ब्रा के हुक को खोलने लगा , हुक के खुलते ही वीनीत की भाभी खुद ही अपनी ब्रा को निकाल फेंकी ब्रा की कैद से दोनों कबूतर आजाद होते ही फड़फड़ाने लगे जिसे राहुल अपनी दोनों हथेलियों में भरकर सहलाते हुए उसे प्यार करने लगा। वीनीत की भाभी के आंखों में खुमारी छाने लगी चुदास का नशा उसके चेहरे पर साफ साफ नजर आ रहा था उससे अपनी उत्तेजना दबाए नहीं दब रही थी और वह राहुल का सिर पकड़कर उसके मुंह को अपनी चुचियों से सटा दी। राहुल भी भूखे बच्चे की तरह चुचियों को मुंह में भर कर पीना शुरु कर दिया। विनीत की भाभी की गरम सिसकारी गूंजने लगी राहुल लगातार कभी इस चूची को तो कभी दूसरी चूची को मुंह में भर भर कर पीना शुरु कर दिया। दोनों मदहोशी के आलम में खोने लगी थी।
ससससहहहहहह….आहहहहहहहहहहह….राहुल…. और जोर से पी दबा दबा कर पी मेरे राजा …..ससससहहहहह…..ऊहहहहहहहह…..म्मा…… हां ऐसे ही जोर-जोर से पी…..
विनीत की भाभी की गरम बातें सुनकर राहुल पूरी तरह से जोश में आ गया था। और वह दोनों हाथों से चूचियों को दबा दबा कर पीना शुरू कर दिया था। कुछ देर तक राहुल उसकी चुचियों को पीता रहा और वह भी मस्त होती रही लेकिन धीरे-धीरे राहुल का हाथ उसके चिकने पेट से होते हुए पेंटि के ऊपर से ही बुर को सहलाना शुरू कर दिया। पेंटी एकदम जालीदार थी इसलिए उसकी उंगली सीधे गुलाबी पत्तियों से स्पर्श हो रही थी जिसको करते हुए वह खुद भी गरम हो रहा था और विनीत की भाभी को भी गर्म कर रहा था थोड़ी ही देर में दोनों एकदम गरम हो गए। विनीत की भाभी से अब बिल्कुल सहन नहीं हो रहा था और वह खुद ही अपनी पैंटी को अपने हाथों से उतार फेंकी, पैंटी को अपने बदन से अलग करते ही दोनों बिल्कुल नंगे हो गए राहुल का लंड उस के नंगे बदन को देखकर ठुनकी मारने लगा।
इस समय विनीत की भाभी के दिमाग में कुछ और चल रहा था, वह उठ कर बैठ गई,
वह एकदम डॉगी स्टाइल में हो गयी घुटने और कोहनी के बल बैठकर अपनी भरावदार गांड को ऊपर की तरफ उचका दी , राहुल सोचा कि यह पीछे की तरफ से चुदवाना चाहती हैं वह अपने लंड को हिलाते हुए उसकी गांड के पीछे गया ही था कि वीनीत की भाभी बोली।
राहुल आज मैं तुम्हें बिल्कुल नया प्रकार का मजा देना चाहती हूं तुम एकदम मस्त हो जाओगे लेना चाहोगे एसा मजा।( विनीत की भाभी पीछे राहुल की तरफ देखते हुए बोली और राहुल बलात्कार इंकार करने वाला था उसे तो बस मजा चाहिए था। इसलिए वह बोला।)
हां भाभी क्यों नहीं।
तो एक काम करो, तुम्हें मेरी बुर दिखाई दे रही है ।
हां भाभी एकदम साफ साफ दीखाई दे रही है।( अपने लंड को हिलाते हुए बोला)
( राहुल का जवाब सुनकर विनीत की भाभी मुस्कुराने लगी और फिर बोली)
और उसके ऊपर का तुम्हें भूरे रंग का जो छेंद हे वो दिखाई दे रहा है।
हां भाभी वो भी दिखाई दे रहा है।
बस राहुल मेरे राजा अब तुम्हें उसी छेद को अपनी जीभ से चाटना है चाटोगे ना।
( विनीत की भाभी के मन में शंका थी कि राहुल साइड इंकार कर देगा क्योंकि राहुल भी अच्छी तरह से जानता था कि वह उसकी गांड का भूरे रंग का छेद है और विनीत की भाभी ने इतनी नशीली और कामुक आवाज़ में उससे यह बात कही थी कि राहुल के लिए इनकार करने का कोई भी बहाना नाथा। )
भाभी मैं तुमसे प्यार करने लगा हूं तुमने जो मुझे ऐसा सुख दिया है कि मैं उसे जिंदगी भर भूल नहीं सकता तुम्हारे इस भूरे रंग के छेद को तो क्या मैं किसी भी चीज को तुम्हारे बदन में किसी भी जगह को अपनी जीभ से चाट सकता हूं।
राहुल का इतना कहना भर ही था कि वह खुद अपने घुटनों के बल बैठ कर उसकी भरावदार गांड को अपनी हथेलियों में थाम लिया और अपनी जीभ को उसे भूरे रंग के छेद पर टिका कर चाटने लगा, जैसे ही राहुल की जीत भूरे रंग के छेद से स्पर्श हुई विनीत की भाभी पूरी तरह से गनंगना गई उत्तेजना के मारे उसकी रीढ़ की हड्डी एकदम टाइट हो गई। और उसके मुंह से हल्की सी चीख निकल गई यह चीख बहुत ही कामुक थी। पहले तो राहुल को उस भूरे रंग के छेद का स्वाद कुछ कसैला सा अजीब सा लगा’ लेकिन राहुल के मन मस्तिष्क पर वासना का भूत इस तरह से छाया हुआ था कि उन्मादित अवस्था में उसे भूरे रंग के छेद का कसैला स्वाद भी एकदम मधुर लगने लगा और वहां मस्ती के साथ अपनी जीभ से चाट चाट कर मजा लेने लगा विनीत की भाभी तो एकदम चुदवासी हो गई, उसे इतना ज्यादा आनंद का अहसास हो रहा था कि शब्दों में उसका वर्णन करपाना शायद मुश्किल हो। वीनृत की भाभी सिसकारी लेते हुए अपनी बड़ी-बड़ी भरावदार गांड को गोल-गोल घुमाते हुए अपनी गांड चटवाने का आनंद ले रही थी। दोनों को खूब मजा आ रहा था विनीत की भाभी रह रह कर अपनी गांड को पीछे की तरफ ठेल दे रही थी। राहुल को तो इस बात का एहसास तक नहीं था कि औरत की गांड को चाटने में बुर चाटने से ज्यादा मजा आता है। औरत की गांड चाटने में बदन में एक अजीब प्रकार की सनसनी सी फैल जाती है। आज राहुल औरत की गांड को चाटकर एक अद्भुत और अतुल आनंद की अनुभूति कर रहा था यह पल उसके लिए बहुत खास था आज मिनट की भाभी ने उसके अध्ययन में एक नया अध्याय जोड़ दि थी। जिसका वह बेहद आनंद ऊठा रहा था।
तभी वीनीत की भाभी के अगले निवेदन पर राहुल के तोते ऊड़ गए ,ऊसे अपने कानो पर विशवास ही नही हुआ ,वह भी क्या करता ऊसने बात ही कुछ ऐसी कह दी थी। इसलिए तो राहुल ने दोबारा उससे पूछा।
क्या कहा भाभी आपने मुझे ठीक से सुनाई नहीं दिया
(वीनीत की भाभी यह अच्छी तरह से जानती थी की राहुल सब कुछ सुन चुका है लेकिन उसे अपने ही कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था। इसलिए वह अपनी बात को दोहराते हुए बोली।)
राहुल….स्सहहहहह…… जिस छेंद को तुम….ऊहहहहहह…म्मा….( राहुल लगातार उस छेंद को चाटे जा रहा था इसलिए लगातार विनीत की भाभी के मुंह से गर्म सिसकारी निकल रही थी।) चाट कर मुझे….स्सहहहहहहहहहहह….मस्त कर दीए हो….ऊसमे तुम्हे तुम्हारा मोटा लंड डालकर चोदना है।
वीनीत की भाभी की यह बात सुनकर राहुल एकदम से सन्न रह गया । राहुल को सच में उसकी बातों पर और अपने कानों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ था। क्योंकि ऊसे आज तक यह पता ही नहीं था कि उस भूरे रंग के छेद में भी लंड डाल कर चोदा जाता है। वह इस वास्तविकता से बिल्कुल अनजान था। उसे इस तरह से आश्चर्य में पड़ता हुआ देखकर वीनीत ं की भाभी बोली
क्या हुआ राहुल क्या सोच रहे हो।
भभभ….भाभी …. यह आप क्या कह रही हैं? मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है। ( राहुल हकलाते हुए बोला)
इसमें क्या समझने वाली बात है जिस तरह से तुम अपने लंड को मेरी बुर के छेद में डाल कर चोदते हो बस उसी तरह से तुम्हें मेरे इस छेंद में भी अपने लंड को डालकर चोदना है।
कककक….क्या ….. इसमें कैसे जाएगा भाभी?
अरे सब जाएगा मेरा यकीन करो मैं अपने छेंद में तुम्हारे पूरे लंड को ले लूंगी, और तुम्हें भी इसे चोदने में इतना मजा आएगा कि पूछो मत उसके बाद तो तुम मेरी बुर नहीं बल्कि मेरी गांड ही मारोगे।
( भाभी के मुंह से ऐसी खुली गंदी बातें सुनकर के राहुल का जोश सातवें आसमान पर पहुंच गया वह भी उसकी बातों से गांड मारने के लिए बेताब होने लगा। )
मारोगे ना मेरी गांड( विनीत की भाभ़ी एक बार फिर से राहुल से पूछी और राहुल ने भी हामी भर दिया। राहुल की हामि होते ही विनीत की भाभी अत्यधिक प्रसन्न हुए और अपने चेहरे पर कामुक मुस्कान बिखेरते हुए बोली)
रुक जाओ राहुल पहले मैं तुम्हारे लंड को चूस कर एकदम गीला कर दूं ताकि जब तुम मेरी गांड में अपना लंट डालो तो आराम से अंदर जा सके ।
(इतना कहकर वह फिर से सीधे बैठ गई और राहुल के लंड को अपने हाथ में थाम कर उसे मुंह में भर कर चूसने लगी। लंड को मुंह में जाते ही राहुल का पूरा बदन अकड़ने लगा वह आनंद के सागर में गोते लगाने लगा, वीनीत की भाभी राहुल के लंड को पूरा मुंह में भरकर अपने लार और थुक के साथ गीला करने लगी ताकि उसकी गांड के भूरे रंग के छेद में आराम से जा सके। और थोड़ी ही देर में विनीत की भाभी ने राहुल की लंड को चूस कर पूरी तरह से लसलसा बना दी। अब वह पूरी तरह से तैयार थी गांड मरवाने के लिए और राहुल भी उत्सुकता पहली बार गांड मारने के आनंद की अनुभूति करने के लिए।
विनीत की भाभी पहले थे वैसे ही फिर से डॉगी स्टाइल में हो गयी लेकिन इस बार अपनी गांड को कुछ ज्यादा ही उचका दी , राहुल उसकी भरावदार बड़ी-बड़ी और गोल गांड देखकर के मदमस्त हो गया, उसकी गांड का भूरे रंग का छेंद साफ नजर आ रहा था जो कि वह भी थुक की वजह से लसलसा हो गया था। राहुल अपने लंड को हिलाते हुए उसकी गांड की तरफ बढ़ा, राहुल घुटने के बल ही आगे की तरफ बढ़ रहा था लेकिन उसे यह समझ में आ गया की युं घुटनों के बल ही खड़े रहकर उसका लंड गांड के भूरे रंग के छेद तक नहीं पहुंच पाएगा इसलिए वह खड़ा हो गया वीनीत की भाभी अपनी नजरें पीछे करके राहुल की हरकत को देखे जा रही थी। राहुल पूरी तरह से विनीत की भाभी के ऊपर जाने की तैयारी कर चुका था वह अपने लंड को उस भूरे रंग के छेद पर टीका दिया, जैसे ही लंड का मोटा सुपाड़ा विनीत कि भाभी को अपनी गांड के छेद पर महसूस हुआ उसका पूरा बदन कामोत्तेजना का एहसास करते हुए अकड़ने लगा एक अजीब सी सुख की अनुभूति उसके पूरे बदन में फैल गई। मोटे सुपाड़े का घेराव उस भूरे रंग के छेद को ढक दिया ‘ राहुल को समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर कार ईस छोटे से छेद में उसका मोटा लंड जाएगा कैसे। राहुल सुपाड़े को अंदर डालने की कोशिश किए बिना ही यूं ही टिकाकर खड़ा रहा तो विनीत की भाभी उत्तेजित अवस्था में बोली।
ओहहहह…. राहुल ….अब इंतजार किस बात का है लोहा गरम है मार दो हथोड़ा ….मैं तो तड़प रही हूं तुम्हारे लंड को अपनी गांड के अंदर लेने के लिए बस राहुल डालो धीरे-धीरे…..
( वीनीत की भाभी मदहोश होते हुए बोली ‘ लेकिन राहुल के मन में उस छोटे से छेद को लेकर के शंका थी इसलिए वह सिर्फ इतना ही बोला।)
जाएगा भाभी?
हां मेरे राजा जरूर जाएगा तुम अंदर सरकाओ तो सही। ( विनीत की भाभीी की बात सुनकर राहुल अपने गीले लंड को धीरे-धीरे अंदर की तरफ ताकत लगाते हुए सरकाने की कोशिश करने लगा, और उसके आश्चर्य के साथ उसके लंड का मोटा सुपाड़ा गांड के छेद का चिकनाहट पाकर धीरे धीरे अंदर की तरफ सरकने लगा जो छेद सुपाड़े की आड़ में ढंक सा गया था वही अब अपने आप खुलते हुए सुपाड़े को अपने अंदर ले रहा था राहुल तो मस्त हुए जा रहा था। वाकई में राहुल हल्का-हल्का ताकत लगाते हुए लंड को अंदर की तरफ ले जा रहा था और लंड का सुपाड़ा धीरे-धीरे उस भूरे रंग के छेंद की गहराई में उतरता जा रहा था। दोनों की सांसे अटकी हुई थी विनीत की दवा भी अच्छी तरह से जानती थीे कि राहुल के लंड के साथ-साथ उसका सुपाड़ा भी काफी मोटा था। और उसे लेने में उसको तकलीफ भी हो रही थी लेकिन उसकी उत्सुकता भी उसे पूरा अंदर लेने की बढ़ती जा रही थी। जैसे जैसे ताकत लगाकर वह अंदर की तरफ उतार रहा था वैसे वैसे विनीत की भाभी का मुंह दर्द के कारण खुला का खुला रह जा रहा था। थोड़ी मेहनत और ताकत दिखाने के बाद राहुल के लंड का मोटा सुपारा उसे छेंद में पूरा समा चुका था। दोनों पसीने से तरबतर हो चुके थे, राहुल की सांसे तेज चल रही थी वह अपने दोनों हाथों से वीनीत की भाभी की भरावदार गांड को थामे हुआ था।
रह-रहकर उत्तेजना के कारण विनीत की भाभी का पूरा बदन कांप जा रहा था। तभी राहुल ने कमर को आगे की तरफ धकेला तो करीब आधा लंड उसकी गांड में समा गया यह देखकर राहुल की खुशी का ठिकाना ना रहा है क्योंकि ईतने मैं समझ गया था कि गांड मारने में ज्यादा मजा आने वाला है। तभी राहुल थोड़ा पोजीशन बना कर दोनों हथेलियों में उसकी भरावदार गांड को दबोच कर एक करारा धक्का लगाया ओर लंड सब कुछ चीरते हुए उस भूरे रंग के छेद में समा गया।
जैसे ही राहुल का पूरा लंड भाभी की गांड के छेद में अंदर गहराई तक पहुंचा वैसे ही विनीत की भाभी दर्द से बिलबिला उठी उसके मुंह से चीख सी निकल गई और उसकी चीख सुनकर राहुल ज्यों का त्यों गांड में लंड ठुसे खड़ा रहा, विनीत की भाभी को वास्तव में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था वैसे तो उसने बहुत बार विनीत और कई लोगों से गांड मरवा चुकी थी लेकिन राहुल का हथियार उन लोगों से कुछ ज्यादा ही दमदार था जो कि उसकी चीख निकाल दिया था। वह अपने दर्द को दबाने के लिए दांत से अपने होठ चबा रही थी, लेकिन दर्द है ज्यों का त्यों बना हुआ था। कुछ देर तक विनीत की भाभी कुछ भी कर सकने की स्थिति में नहीं थी वह ज्यो कि त्यों अपनी गांड उचका कर घुटनों के बल बैठी हुई थी। उसे अपनी गांड के छेद के ऊपर हिस्से पर ज्यादा दर्द का अनुभव हो रहा था कुछ देर तक दोनों शांत रहे थोड़ी देर बाद विनीत की भाभी का दर्द कम होने लगा तो राहुल खुद ही अपनी कमर को आगे पीछे करते हुए अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा। थोड़ी ही देर में वीनीत की भाभी का दर्द गायब हो गया और उस दर्द की जगह उन्माद और आनंद ने ले लिया। राहुल तो यकीन ही नहीं कर पा रहा था कि वाकई में गांड मारने में इतनी ज्यादा आनंद मिलता है। यह छेंद बुर की गुलाबी छेंद से ज्यादा कसा हुआ था इसलिए राहुल को लंड अंदर बाहर करने में कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था वीनीत की भाभी भी मजे ले लेकर अब खुद ही अपनी गांड को पीछे की तरफ ठेल रही थी। राहुल तेज धक्के लगाते हुए उसकी गांड मारने लगा हर धक्के के साथ विनीत की भाभीअंदर तक हिल जा रही थी। विनीत की भाभी जितना अंदाजा लगाई थी उससे कई गुना ज्यादा उसे आनंद की अनुभूति हो रही थी। राहुल ने कभी सोचा नहीं था कि इस तरह का भी मौका हाथ में आएगा वह खूब जोरों से भाभी की भरावदार गांड को दोनों हाथों में दबोच कर चोद रहा था करीब 20 25 मिनट के बाद दोनों की सांसे तेज चलने लगी राहुल सिसकारी लेते हुए तेज धक्के लगा रहा था। बुर चोदने से ज्यादा ऊत्तेजना का अनुभव उसे गांड मारने मे महसुस हो रहा था।
ओर फीर पांच सात तेज धक्को के साथ ही राहुल के लंड ने गरम पानी की पिचकारी उसके भुरे रंग के छेंद मे दो मारा। दोनों तृप्त हो चुके थे। दोनो के चेहरे पर संतुष्टि के भाव साफ दिखाई दे रहे थे।
दूसरी तरफ अस्पताल में अलका की नींद खुल चुकी थी। क्योंकि उसे उसके नितंबों के बीच कुछ चुभता हुआ सा महसूस हो रहा था। वह वीनीत की तरफ पीठ करके गहरी नींद में लेटी हुई थी लेकिन उसे नितंबों के बीच कुछ चुभता हुआ महसूस हुआ तो उसकी नींद खुल गई उसे इसका एहसास हो गया कि विनीत भी उसकी तरफ करवट लेकर लेटा हुआ है लेकिन उसे यह पता नहीं था कि वह सो रहा है या जाग रहा है। अलका को जब इस बात का एहसास हुआ कि उसकी नितंबों के बीच में चुभती हुई वह चीज क्या है तो वह पूरी तरह से सिहर उठी, उसका पूरा शरीर झनझना गया, वह विनीत का लंड था जो की पूरी तरह से टाईट हो चुका था। अलका को तो कुछ समझ में ही नहीं आया कि वीनीत कर क्या रहा है कि तभी अचानक पहले की दो बार की घटनाएं
उसकी आंखों के सामने तेरने लगी जब विनीत ने उसके साथ छूट छूट लेने की पूरी कोशिश की थी। उसका ख्याल होते ही उसके अंदर डर का एहसास होने लगा उसे लगातार उसका लंड नितंबों पर चुभता महसूस हो रहा था वह कुछ कर सकने की स्थिति में भी नहीं थी उसे तो यहां तक यह भी नहीं मालूम था की वीनीत सो रहा है या जाग रहा है क्योंकि इससे ज्यादा हरकत हो ही नहीं रही थी। करीब 1015 मिनट से अलका परेशान होते हुए कसमसा रही थी। उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें, और वास्तविकता यही थी कि वीनीत ईस समय गहरी नींद में था, उसे इस बारे में कुछ भी पता नहीं था हां कल का क्या ख्याल करते हुए उसे कब नींद लग गई थी उसे खुद को पता नहीं चला था और उस समय वह काफी उत्तेजित अवस्था में था और नींद में ही करवट लेने की वजह से अलका के नितंब विनीत की जांघों से सट चुके थे जिसकी वजह से उसका खड़ा लंड अलका की साड़ी के ऊपर से ही उसकी भरावदार गांड की फांकों के बीच ठोकर लगा रहा था।
इस तरह से लगातार गांड की फांकों के बीच खड़े ल** की ठोकर लगने की वजह से वह धीरे धीरे उत्तेजित होने लगी उसकी आंखों में भी खुमारी का नशा छाने लगा वह कसमसाते हुए अपने बदन को आगे की तरफ ले जाने की कोशिश कर रही थी लेकिन इस कोशिश में वह नाकाम सी होती जा रही थी क्योंकि कहीं ना कहीं उसे भी यह लंड की रगड़ अच्छी लगने लगी थी, वैसे भी बेड इतना छोटा था कि इससे आगे वह जा ही नहीं सकती थी । इतनी देर में तो उसको भी यह आभास हो चुका था कि विनीत जग नहीं रहा बल्कि सो रहा है इसलिए वह थोड़ा शर्मिंदगी महसूस करते हुए अपने बदन में थोड़ा सा हरकत की तो उसी समय वीनीत की भी नींद खुल गई। और विनीत जैसे ही अपनी स्थिति को भांपा , उसके बदन में जैसे बिजली का करेंट लग गया हो इस तरह से वह पूरी तरह से झनझना गया, उसे यह ज्ञात हो गया कि इस समय उसका लंड संपूर्ण उत्तेजना का अनुभव करते हुए पूरी तरह से टाइट हो चुका था जो कि अलका की गांड के बीचो बीच अड़ा हुआ था। विनीत पूरी तरह से उत्तेजित हो गया। उसे ऐसा लगने लगा कि शायद ऊपर वाला ही उसके ऊपर मेहरबान है तभी तो अपने आप ही एसी स्थिति पैदा हो गई थी। उसने जब अलका की स्थिति पर नजर डालें तो उसे उसकी गरम सांसों की आवाज साफ सुनाई दे रही थी उसे यह समझते देर नहीं लगी की अलका ईस समय जाग रही है। और उसकी तेज चल रही सांसो से उसे पता चल गया की व्हाट इस समय एकदम गरम हो चुकी है क्योंकि विनीत जी केला खाया लड़का था। उससे यह पलको गवाना मतलब के हाथ में आई हुई बाजी को छोड़ देना जो कि उसे कभी भी मंजूर नहीं हो सकती थी इसलिए वह अपनी कमर को थोड़ा सा और अलका के नितंबों पर सटाते हुए अपने हाथ को उसकी बाह पर रख दिया। अपनी बाहों पर हाथ का स्पर्श होते ही अलका एकदम से सिहर उठी , उसे ऐसा लगने लगा कि विनीत सिर्फ सोने का नाटक कर रहा था बल्कि वह पुरी तरह से जगा हुआ है। अलका कुछ भी कर सकने की स्थिति में नहीं थी, एक तो उसकी हरकत में पहले से ही उसे उत्तेजित कर दिया था’ जिससे कि उसकी भी बुर पंनिया चुकी थी’ अलका आगे कुछ और सोच पाती ईससे पहले ही वीनीत का हांथ धीरे धीरे उसकी बांह पर से सरकते हुए उसकी गोलााइयों पर आकर रुक गया। विनीत को तो ऐसा लगने लगा कि जैसे उसके हाथ कोई खजाना लग गया हो’ और वह ब्लाउज के ऊपर से ही अलका की चुची को हथेली में भरकर कस के दबा दिया। इस तरह से चूची को कस के दबाने से अलका की सिसकारी छूट गई और वह मुंह घुमा कर विनीत की तरफ देखते हुए , सिर्फ इतना ही बोल पाई थी।
विनीत…….
उसका बस इतना ही कहना था कि विनीत ने तुरंत अपने होठों को उसके होठों पर रखकर चूसना शुरू कर दिया। इस तरह से हॉटतठ चुसाई की वजह से अलका भी कुछ ही मिनटों में मदहोश होने लगी और वह विनीत की तरफ करवट लेने लगी, वीनीत लगातार उसके गुलाबी होठों को चुसते हुए उसकी चूचियों को दबाता रहा। अलका भी उत्तेजित होते हुए विनीत के होठों को चूसने लगी। इस तरह से अलका की हामि को जानकर वह तुरंत एक हाथ से उसके ब्लाउज के बटन को खोलने लगा और अगले ही पल अलका के ब्लाउज के सारे बटन खुल चुके थे। वीनीृत एक पल भी गवाए बिना उसके होठों पर से अपने होंठ को हटाया और ब्रा को खींचकर ऊपर की तरफ कर दिया, जिससे उसकी बड़ी-बड़ी गोल चूचियां एकदम नंगी हो गई विनीत तो अलका की चुचियों को देखकर एकदम पागल सा हो गया और वह तुरंत चूची को पकड़कर अपने मुंह में भरकर चूसना शुरू कर दिया। वीनीत निप्पल को दांतो से पकड़कर ईस तरह से खींचते हुए पी रहा था कि अलका एकदम मदमस्त होने लगी और वह खुद ही उसके बालों को पकड़ कर अपनी चुचियों पर दबाने लगी विनीत के साथ-साथ अलका भी एकदम चुदवासी हो गई थी। विनीत के लिए यह पल बहुत ही खास था क्योंकि इस पल के लिए ना जाने कितने दिनों से वह उसके पीछे पीछे लगा हुआ था। अलका की गरम सिसकारी ना चाहते हुए भी उसके मुंह से निकल जा रही थी। वीनीत थोड़े ही समय में सब कुछ कर लेना चाहता था। क्योंकि उसे ऐसा डर था कि कहीं ऐसा ना हो कि अलका का मूड बदल जाए इसलिए वह एक हाथ से धीरे-धीरे उसकी कमर में बधी साड़ी को खींच कर अलग कर दिया। और लगे हाथ उसके पेटीकोट की डोरी को भी खोलने लगा, अलका तो अपनी चूचियां पिलाने में ही व्यस्त थी तब तक वीनीत ने उसके पेटिकोट की डोरी को खोलकर पेटिकोट को नीचे जाने तक सरका दिया। विनीत धीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ते हुए एक हाथ से उसकी पैंटी को भी नीचे सरकाने लगा। अगले ही पल विनीत की नजरें अलका जांघों के बीच चिकनी पतली दरार पर टिकी हुई थी वह तो यह नजारा देखकर एकदम धन्य हो गया। उससे रहा नहीं गया और वह तुरंत अलका की बुर पर अपना होंठ रख दिया। और गुलाबी पत्तियों को जीभ से छेड़ते हुए चाटना शुरु कर दिया। दोनो इस समय कामातूर होकर यह भी भूल चुके थे कि वह दोनों एक अस्पताल में थे और अलका तो इतनी ज्यादा चुदवासी हो चुकी थी की ऊसे इतना भी ख्याल नहीं रहा कि उसका बेटा बीमार है बस दोनों एक दूसरे से अपनी प्यास बुझाने में लगे हुए थे। अलका अपनी गर्म सिस्कारियों को दबाने के लिए दांत से अपने होंठ को काट रही थी। लेकिन फिर भी घुटी-घुटी सी उसके सिसकारी मुंह से फूट पड़ रही थी। विनीत पूरी तरह से तैयार था आज महीनों की लालसा पूरी होने जा रही थी वह जल्दी जल्दी अपनी पेंट को उतार े फेंका। और अलका की जांगों के बीच जगह बनाते हुए उसकी जांघों को अपनी जांघो पर चढ़ा कर. उस की चिकनी बुर पर अपना लंड टिकाया’बुर पहले से ही गीली हो चुकी थी इसलिए लंड तुरंत अंदर चला गया और जैसे ही लंड बुर में समाया विनीत उसकी चुचियों को पकड़ कर चोदना शुरू कर दिया। दोनों को मजा आ रहा था कुछ देर तक यूं ही विनीत अलका को चोदता रहा और थोड़ी देर बाद खुद पीठ के बल लेट गया और अलका को अपने ऊपर चढ़ा लिया अलका भी तुरंत उसके लंड को अपनी बुर में लेकर ऊपर नीचे बैठते हु
अलका भी वीनीत के लंड पर ऊठते बैठते हुए वीनीत से चुदने लगी ‘ अलका को भी इस तरह से चुदवाने में मजा आने लगा वह अपनी भारी भरकम शरीर को विनीत के लंड पर कुदाने लगी और विनीत भी उसकी ऊछलती चुचियों को अपने हाथों में भरकर दबाते हुए नीचे से अपनी कमर उठाने लगा। दोनों की सबसे बड़ी तीव्र गति से चल रही थी अलका जोर-जोर से विनीत के लंड पर कुदते हुए चुदवाने का मजा ले रही थी। थोड़ी देर तक यूं ही उसके चेहरे पर को देते हुए उसका बजन करने लगा और वह सिसकारी लेते हुए विनीत को अपनी बाहों में कस लो वीनीत भी नीचे से तेज धक्के लगाते हुए अलका को चोदने लगा और थोड़ी ही देर में दोनों एक साथ भलभला कर झढ़ गए।
सुबह होने तक वीनीत ने अलका को दो तीन बार और चोदा कभी बिस्तर से नीचे उतर कर तो कभी पीछे से हर जगह से आज की रात वह पूरा मजा ले लिया। उसकी दिली ख्वाहिश थी कि अलका उसके लंड को मुंह में लेकर चूसे जो कि उसने अपनी इस ख्वाहिश को भी पूरा कर लिया।
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कौन है ये बद्तमीज़? मा***द गाली फिट है इसके लिए! 😡