देर शाम को निकालना था लेकिन वह घर से 3:00 बजे ही निकल गया। वह सड़क पर पैदल चला ही जा रहा था कि तभी एक स्कूटी उसके बिल्कुल करीब आकर एक झटके से रुकी। राहुल घबरा गया लेकिन तभी स्कूटी चलाने वाली को देख कर वह खुश हो गया क्योंकि स्कूटी नीलू चला रही थी। नीलू राहुल को देखते ही खुश हुई और वह बोली।
यार राहुल मुझे मैथ्स में काफी प्रॉब्लम हो रही है क्या तुम मेरे घर चल कर मुझे कुछ समझा सकते हो। भला राहुल को इसमें क्या इनकार हो सकता था उसने नीलू को यह नहीं बताया कि वह किसी दोस्त के वहां बर्थडे पार्टी पर जा रहा है। वह नीलू के बोलने के साथ ही हामी भर कर स्कूटी के पीछे बैठ गया। और नीलू उसे बिठाकर अपने घर की तरफ चल दी।
नीलू के तो जैसे लॉटरी ही लग गई थी। उसे नहीं मालूम था कि राहुल यूं उसे रास्ते पर मिल जाएगा। वह किसी और काम से जा रही थी लेकिन राहुल के मिल जाने पर
उसने अपना पूरा प्लान बदल दी। राहुल को देखते ही उसकी टांगों के बीच में गुदगुदी होना शुरू हो गया था।
उसने मन ही मन अपना पूरा प्लान बना ली। जैसे ही राहुल उसके साथ जाने के लिए तैयार हो गया , तो नीलू के चेहरे पर आई मुस्कान देखते ही बनती थी। मुझे लगने लगा था कि आज उसकी इच्छा जरुर पूरी होगी क्योंकि वैसे भी आज रविवार का दिन था। और आज के दिन अक्सर मम्मी पूरे दिन के दिन और कभी-कभी तो सारी रात तक गायब ही रहती थी। नीलू जिस उम्र के पड़ाव पर थी वह अच्छी तरह से समझती थी की रात रात भर गायब रहकर उसकी मम्मी क्या गुल खिला रही थी। लेकिन सब कुछ जानते हुए भी नीलु खामोश ही रहती थी क्योंकि ज्यादातर आदतें उसमे उसकी मां की ही थी। वैसे भी नीलू एकदम बिंदास किस्म की लड़की थी वैसे भी वह जानती थी कि सबको अपना अपना शौख पूरा करने का पूरा हक है। हर इंसान को अपने तरीके से जिंदगी का लुफ्त उठाने का पूरा पूरा हक है।
नीलू स्कूटी का एक्सीलेटर बढ़ाते हुए राहुल को अपने घर की तरफ लिए जा रही थी। नीलू जानती थी कि उस दिन क्लास में रिसेस के समय जो आग उसने राहुल के बदन में लगाई थी उसे बुझाने के लिए राहुल उसे कभी भी इनकार नहीं कर सकता है।
राहुल तो वैसे भी तड़प रहा था, और जब से उसने विनीत की भाभी की बुर का स्वाद चखा था तब से यह तड़प उसकी बढ़ती ही जा रही थी। और अपनी आंखों से ऐसे ऐसे नजारे देखते आ रहा था कि उसकी चुदास की प्यास हर पल बढ़ते ही जा रहीे थी। और आज बाथरूम में जो उसने नजारा देखा था उसे देख कर तो उसके होस ही उड़ गए थे। अपनी मां को पेशाब करते हुए देखने के बाद स तोे उसका मन चोदने को मचलने लगा था। इसलिए तो वह अपने दोस्त के बर्थडे पार्टी में ना जा कर नीलू के साथ उसके घर जाने के लिए तैयार हो गया।
कुछ ही देर में नीलु ने स्कूटी को अपने घर के गेट के सामने खड़ी की। राहुल खुद ही स्कूटी पर से उतरकर गेट खोलने लगा गेट के खुलते ही नीलू स्कूटी को गेट के अंदर ले आई। नीलू की बुर खुशी से फुल पिचक रही थी। नीलु स्कूटी को स्टैंड पर लगाकर पर्स में से घर की चाबी निकाली और चाबी को की हॉल में डाल कर घुमा दी। राहुल के साथ साथ नीलू का भी दिल जोरों से धड़क रहा था। घर में आते ही नीलू ने दरवाजे को बंद कर दी। आज वह घर पर एकदम अकेली थी इसका भरपूर फायदा उठाना चाहती थी नीलू। सिर्फ सोच-सोच कर ही नीलू की पैंटी गीली होने लगी थी। दूसरी तरफ राहुल के लंड में भी तनाव आना शुरू हो गया था।
नीलू उसे अपने कमरे में ले गई , कमरे में पहुंचते ही नीलू राहुल से बोली।
आओ राहुल शर्माओ मत इसे अपना ही घर समझो आराम से बैठो। मैं तुम्हारे लिए कुछ नाश्ते का बंदोबस्त कर के आती हूं। ( इतना कहने के साथ ही नीलू कमरे से बाहर आ गई। राहुल का दिल जोरो से धड़क रहा था। बार-बार उसे उस दिन की बात याद आ जा रही थी जब नीलू ने क्लास के अंदर उसके लंड को चूसी थी। अभी भी उसके रसीले होंठ और जीभ की गर्मी अपने लंड पर महसूस होते ही वह पूरी तरह से गनंगना जाता था। को मन ही मन में सोच रहा था कि आज ना जाने कौन सा गुल़ खिलाने वाली है यह नीलु। फिर भी उसके मन में इस बात की तसल्ली थी कि कुछ भी हो आखिरकार फायदा तो उसका ही था।
थोड़ी ही देर में नीलू प्लेट में कुछ बिस्कुट और हाथ में पानी का गिलास लेकर कमरे में प्रवेश की, नीलू को देखते ही राहुल अपनी जगह से उठ खड़ा हुआ।
अरे अरे उठ क्यों गए ‘ बैठो और हां बिल्कुल भी शर्माने की जरुरत नहीं है आखिरकार हम दोनों दोस्त हैं और दोस्त के बीच में शर्म नहीं होनी चाहिए( इतना कहने के साथ ही नीलू प्लैट को टेबल पर रखते हुए मुस्कुराने लगी जवाब में राहुल भी मुस्कुरा दिया।)
( प्लेट को राहुल की तरफ बढ़ाते हुए) लो राहुल खाओ… ( नीलू थोड़ा झुककर राहुल को बिस्किट थमा रही थी जिससे बिस्कुट खाते वक्त राहुल की नजर सीधे
नीलू की बड़ी बड़ी चुचियों पर पड़ी जो की झुकने की वजह से आधे से ज्यादा चूचियां कमीज से बाहर झांक रही थी। प्लेट से बिस्कुट लेते समय राहुल की नजर नीलू की चुचियों पर ही गड़ी रही, नीलू ने राहुल की नजर को भांप ली थी इसलिए मन हीं मन बहुत खुश हो रही थी।
बिस्कुट थमा कर नीलू सामने पड़ी कुर्सी पर बैठ गई।
नीलू की चुचीयो को देखते ही राहुल के लंड में एेंठन आना शुरु हो गया था। राहुल ने बिस्किट खा कर पानी पिया तो कुछ हद तक उसका मन शांत हुआ। नीलू राहुल को देख देख कर मुस्कुरा रही थी। तभी राहुल बोला दिखाओ नीलू कौन से प्रश्न मैं तुम्हें ज्यादा तकलीफ हो रही है मैं उसे हल कर देता हूं। ( राहुल के कहने के साथ ही जैसे नीलू का ध्यान भंग हुआ हो इस तरह से वह बोली।)
हां.. मैं तो भूल ही गई रुको। ( नीलू पास में पड़ा अपने स्कूल बैग में से एक नोटबुक निकालि और सामने टेबल पर रख दी। और बोली।)
लो देख लो राहुल।
( राहुल नोटबुक को अपनी तरफ सरका कर उसके तेज को खोला तो पन्ने पर लिखे वाक्य को पढ़कर वह दंग रह गया उसे कुछ समझ में नहीं आया कि यह क्या है। वह बस एक तक आश्चर्य चकित होकर पन्ने पर लिखे उस वाक्य को देखते ही जा रहा था। उसे कुछ समझ में नहीं आया तो वह नीलू से बोला।)
यह क्या है नीलू?
आई लव यू और क्या है।( इतना कहने के साथ ही नीलू कुर्सी पर से उठ कर राहुल के बगल में जाकर बैठ गई। राहुल एक दम दंग हो चुका था। वह भोला बनते हुए बोला।)
यह कैसा सवाल है नीलू?
या कोई सवाल नहीं है राहुल यह मेरे दिल के जज्बात है। मैं तुमसे प्यार करने लगी हूं आई लव यू।
( इतना कहकर नीलू राहुल की आंखों में देखने लगे राहुल भी आवाक सा नीलू को देखे जा रहा था दोनों एक दूसरे की आंखों की गहराई में उतरते जा रहे थे। राहुल ने तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कोई लड़की उसे आई लव यू कहेगी। पूरे कमरे में खामोशी छाई हुई थी बस दीवाल पर टंगी हुई घड़ी की टिक टिक, दोनों के सीने में धड़क रहा है दिल की आवाज बस यही दो चीजों की आवाज कमरे में गूंज रही थी। नीलू और राहुल दोनों एक तक एक दूसरे की आंखों में डूबते जा रहे थे नीलू अपने होठों को धीरे धीरे राहुल के होठ के करीब ला रही थी। नीलू के दोनों हाथ धीरे से राहुल के कंधे पर चले गए । नीलू तड़प रही थी राहुल से एकाकार होने के लिए, और उसने इस मौके का फायदा उठाते हुए अपने होठों को राहुल के होठ पर रख दी। फिर क्या था जैसे लोहचुंबक लोहे को खींचता है उसी तरह से नीलू के होठ राहुल के होठ पर रखते ही, राहुल नीलू का स्वागत करते हुए तुरंत नीलू के होंठ को अपनी होठो के बीच में भर लिया और किसी प्यासे की तरह तुरंत चूसने लगा। वैसे भी राहुल को इससे पहले भी दिखा दो बार किस करने का अनुभव हो चुका था। इसीलिए वह बड़े मजे से नीलू के होठों को अपने मुंह में भर कर चुसे जा रहा था। दोनों उत्तेजित हुए जा रहे थे नीलू की बुर नमकीन पानी छोड़ने लगी थी जिसकी वजह से उसकी पेंटी गीली हो रही थी, राहुल का लंड भी टनटना के खड़ा हो चुका था। राहुल के हाथ खुद ब खुद नीलू की पीठ पर फिरने लगे और पीठ पर से फीरते हुए नीचे नीलू की कमर तक पहुंच गई। पतली पतली कमर पर दोनों हथेलिया पहुंचते ही राहुल एकदम से उत्तेजित हो गया और उत्तेजना अवश्य सुने हथेलियों में नीलू की कमर को दबोच लिया और खूब जोश के साथ होंठों के रस को चूसने लगा, ऐसा लग रहा था मानो कोई भंवरा फूल की पंखुड़ियों में से रस चूस रहा हो। दोनों की सांसे तेज चलने लगी थी नीलू की तो ऊपर नीचे हो रही सांसो के साथ साथ उसकी बड़ी बड़ी छातियां भी ऊपर नीचे हो रही थी। विनीत की भाभी ने राहुल को थोड़ा बहुत नहीं बहुत ज्यादा ज्ञान दे चुकी थी जिसका फायदा उठाते हुए राहुल ने एक हथेली को कब कमर पर से नीलु की बड़ी बड़ी चूची पर रख दिया इसका एहसास तक नीलू को नही हो पाया। वह तो राहुल ने उत्तेजना वस जब अपनी हथेली का कसाव नीलू की नारंगी पर बढ़ाया तो दर्द की छटपटाहट में नीलू के मुंह से हलकी कराहने की आवाज निकल गई। तब जाकर नीलू को पता चला कि राहुल उसके होंठों के साथ-साथ उसकी चुचियों का भी रस नीचोड़ने में लगा हुआ था। राहुल और नीलू दोनों एक दूसरे के होठों का रस नीचोड़ते हुए एक दूसरे की बाहों में गुत्थमगुत्था हो चुके थे।
राहुल और नीलू दोनों को एक दूसरे को किस करने में बहुत ही मजा आ रहा था। नीलू राहुल के होठों को चूसते हुए उसे अपनी बाहों में भर ली। राहुल भी अब दोनों हथेलियों से नीलू की नारंगीयो को मसल रहा था।
राहुल को नीलू की चूचियां दबाने में बहुत ज्यादा ही आनंद की प्राप्ति हो रही थी। चूची मसलवाने की वजह से नीलु बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगी थी उसकी सांसे भारी हो चली थी। राहुल की पैंट के अंदर तो गदर मचा हुआ था उसका लंड बेताब था पेंट के बाहर आने के लिए। तभी एकाएक राहुल का बदन झनझना गया। उसे अपने पेंट में कैद लंड पर हथेलि का कसाव महसूस होने लगा। राहुल की दिल की धड़कनें बढ़ गई।
पेंट के ऊपर से नीलू को राहुल का लंड और भी ज्यादा मोटा लग रहा था। लंड की मोटाई को अपनी हथेली में महसूस करते ही उसकी बुर से पानी का रिसाव होना शुरू हो गया था। उत्तेजना के साथ-साथ इस समय वह बहुत खुश नजर आ रही थी क्योंकि राहुल के लंड से चुदने की चाहत कीए उसे महीने से भी ज्यादा गुजर गया था लेकिन उसकी यह आकांक्षा पूरी नहीं हो पा रही थी लेकिन आज उसे लगने लगा था कि उसकी बुर राहुल के लंड को आज जरूर अपने अंदर लेगी।
इसलिए वह एक हाथ से लंड को टटोलते हुए पेंट के बटन को खोलने लगी। नीलू की नाजुक नाजुक उंगलिया
बटन से उलझते हुए उसे खोलेने में जुटे हुए थे। अगले ही पल नीलू ने पेंट के बटन को खोलकर चेन की जीप को पकड़कर नीचे सरका दी , राहुल तो नीलू के होंठों के रस को चूसने में लगा हुआ था और चूचीयो को कमीज के ऊपर से ही मसल मसल कर अंदर ही अंदर लाल कर दिया था।
अंडरवियर में तने हुए मूसल को देख कर नीलू की बुर खुशी के मारे फूलने पीचकने लगी। उसकी बुर में ऐसा लग रहा था जैसे चीटिया रेंग रही हो बुर के अंदर खुजली सी मचने लगी थी।बुर की खुजली आज राहुल के मोटे तगड़े लंड से ही मिटने वाली थी। नीलू एक पल भी गवाएं बिना अपने हाथ को राहुल के अंडरवीयर में डाल दी।
ऊफ्फफफ………स्स्स्स्स्स्स्स…आहहहहहहहहहहह…..( लंड की मोटाई और उसकी गरमी को अपनी हथेली में महसूस करते ही उसके मुख से सेिसकारी छुट गई। नीलू एकदम से चुदवासी हो गई और चुदासपन से भर कर उसने राहुल की नंगे लंड पर अपनी हथेली का कसाव बढ़ा दी, लंड को हथेली में कसते ही राहुल की भी सिसकारी फूट पड़ी, उससे भी रहा नहीं गया और उसने नीलू की चूची को कसकर दबाते हुए उसके होंठों के रस को बड़ी तेजी से चूसने लगा।
नीलू के लिए तो लंड को सिर्फ हथेली में लिए रहना बड़ा मुश्किल हुए जा रहा था। वह लंड को हथेली में भर कर मुठीयाना शुरू कर दी’ इससे राहुल की हालत खराब होने लगी। राहुल से भी रहा नहीं जा रहा था और जोर-जोर से दोनो चुचियों को दोनों हथेली में भर भर के कमीज के ऊपर से ही रोंद रहा था। उसका भी अब सिर्फ होठ चुसाई से काम नहीं चलने वाला था। राहुल ने अपने होठों को नींलु के होठों से अलग किया।
दोनों बड़ी तेजी से हांफ रहे थे दोनों को देखकर ऐसा लग रहा था कि मीलों की दूरी दौड़ते हुए तय करके आए हैं। राहुल भी अब थोड़ा खुलने लगा था। उसने नीचे झुक कर नीलु की चुची को कमीज के ऊपर से ही मुंह मे भर लिया। राहुल की इस हरकत से नीलू एकदम से मचल उठी क्योंकि पहली बार राहुल ने अपनी तरफ से कोई हरकत किया था उसे लगने लगा था कि अब इस खेल में ज्यादा मजा आने वाला है। राहुल कपड़ा सहित नीलू की चूची को अपने मुंह में भर रहा था नीलू से रहा नहीं गया और उसने खुद ही अपनी कमीज को उतार फेंकी उसके बदन पर काले रंग की ब्रा खूब फब रही थी
और उस काले रंग की ब्रा के अंदर कैद नीलू की बड़ी-बड़ी दोनों चूचियां एकदम गोल गोल नारंगी की तरह लग रही थी। नीलू की दोनों चूचियों को राहुल अांख फाड़े देखे जा रहा था जिसे नीलू अपने दोनों हाथ पीछे ले जाकर ब्रा के हुक को खोल रही थी। और अगले ही पल ब्रा के हुक खुलते ही नीलू झट से अपनी ब्रा को भी उतार फेंकी। नीलू के कमर के ऊपर का भाग पूरी तरह से नंगा हो चुका था जिसे राहुल मुंह मे पानी लिए घुरे जा रहा था। नीलू राहुल को उकसाते हुए खुद ही अपनी चुचियों को अपने हाथ में भरकर राहुल की तरफ दिखाते हुए बोली।
देख क्या रहे हो राहुल लो भर लो अपने मुंह में और निचोड़ डालो इस के पूरे रस को। ( नीलू को यूं अपनी हि चूचियों को पकड़ कर दिखाते हुए देखकर राहुल के बदन में आग लग गई उसके ऊपर चुदासपन का भूत सवार हो गया। और उसने तुरंत नीलू के इस निमंत्रण को स्वीकार करते हुए उसकी दोनों खुशियों के बीच अपना मुंह दे मारा। राहुल पागलों की तरह नीलू की दोनों चुचियों से खेल रहा था तभी एक चूची को मुंह में भरता तो कभी दूसरी चूची तो मुंह में भर कर पीने लगता तो कभी अंगूठे और उंगली के बीच में उसकी तनी हुई निप्पल को कसकर दबाते हुए खिंचता, राहुल के साथ साथ नीलू को भी उसकी इस हरकत पर बड़ा मजा आ रहा था। इस दौरान नीलू लगातार राहुल के टन टनाए आए हुए लंड को मुठ्ठीयाती रही ,राहुल के लंड में इतना ज्यादा तनाव आ चुका था कि उसके लंड की सारी नसे उभर आई। जिससे उसका लंड और भी ज्यादा मोटा लगने लगा था। लंड को हिलाते हिलाते और राहुल से अपनी चूचियों को चुसवाते चुसवाते नीलू एकदम कामातूर हो चुकी थी, उससे अब सहा नहीं जा रहा था।
उसे और भी ज्यादा मजा लेना था , इसलिए उसने अपनी चुचीयो पर से राहुल का मुंह हटाई , नीलू की चूचियों के साथ साथ राहुल के गाल भी उत्तेजना के कारण लाल लाल हो गए थे। नीलू तुरंत बिस्तर पर से खड़ी हो गई और अपनी सलवार की डोरी को खोलने लगी। राहुल भी कामातूर हो करके नीलू को देखने लगा राहुल की नजरें खास करके नीलू की उंगलियों पर टिकी हुई थी जो कि इस समय सलवार की डोरी में उलझी हुई थी। नीलू इतनी नाजुक नाजुक उंगलियां को सलवार की डोरी में उलझाकर उसे खोल रही थी। अगले ही पल नीलू ने सलवार की डोरी को खोल चुकी थी। राहुल का दिल धक धक कर के बड़े तेजी से धड़क रहा था। नीलू अपनी हरकतों से राहुल को और भी ज्यादा उत्तेजित कर रही थी उसने अपने होठ को दांत से दबाते हुए कामुक अदा बिखेरते हुए धीरे धीरे करके अपनी सलवार को नीचे सरका ने लगी , तभी उसके दिमाग में जैसे कुछ सूझा हो और वह राहुल की तरफ पीठ करके खड़ी हो गई। राहुल कुछ समझ पाता इससे पहले ही नीलू जैसे पॉर्न मूवीस में एक्ट्रेस अपने बदन को होले होले से हीलाते हुए अपने बदन पर से कपड़ों को उतारती हैं उसी तरह से नीलू भी अपनी मस्त मस्त गांड को मटकाते हुए अपनी गांड के उभार को राहुल की तरह बढ़ाकर अपनी सलवार को उतारने लगी। नीलू की यह हरकत राहुल पर बिजली गिराने जैसी थी,नीलु की यह अदा कामुक अंदाज राहुल से सहा नहीं गया और उसका एक हाथ खुद ब खुद लंड पर जाकर मुट्ठीयाने लगा। नीलू धीरे-धीरे करके अपनी सलवार को अपनी चिकनी टांगो से गुजारते हुए निकाल फेंकी। नीलू के बदन पर मात्र उसकी छोटी सी पेंटी ही बची थी । जिसकी किनारी को नीलू ने अपने दोनों हाथ की उंगलियों में फंसा ली और ठीक पहले की तरह ही अपनी गांड को मत कहते हुए पैंटी को नीचे सरकाने लगी, राहुल उत्तेजित और अचंभित होकर अपनी आंखों के सामने के नजारे को देख कर उस का लुफ्त उठा रहा था। एक हाथं से लंड को मुठियाते मुठियाते सामने का नजारा उससे देखा नहीं गया और उसने एक हाथ से नीलू की गोरी गोरी भरी हुई गांड को मसल दिया। नीलू भी मस्ती से आउच कहके ऊछल पड़ी। नीलू पेंटी को उतारते हुए अपने घुटनों तक ही लाई थी की राहुल एकदम से बेकाबू हो गया और उसने नीलू की गुदाज गांड को अपने दोनों हथेलियों में भरकर दबाते हुए मसलने लगा। नीलू गर्दन घुमाकर राहुल की तरफ देखने लगे और राहुल को देखते हुए ऊसकी हरकत पर मुस्कुरा भी रही थी। राहुल से सब्र करना बड़ा मुश्किल हुए जा रहा था। राहुल नीलू की गांड को मसलते हुए धीरे-धीरे अपना मुंह नीलू की गांड की तरफ बढ़ा रहा था और अगले ही पल राहुल कामोत्तेजना में डुबते हुए
अपनी गाल को नीलू की बड़ी-बड़ी गोरी गांड पर हल्के हल्के रगड़ने लगा। राहुल नीलू की गांड की गर्माहट को अपने बदन में उतारना चाहता था बाहर से दिखने वाली सख्त गांड अंदर से इतनी नरम और मुलायम होती है उसे आज ही पता चल रहा था। धीरे-धीरे करके राहुल अपने गाल के साथ-साथ अपने हॉट नाक ठोड़ी सब कुछ नीलू की गांड पर रगड़ने लगा। राहुल की इस हरकत ने नीलू को भी पूरी तरह से कामोत्तेजित कर दिया था। वह भी खुद ही अपनी गांड को राहुल के मुंह पर गोल-गोल घुमाते हुए रगडने़ लगी। पूरे कमरे में सिर्फ दोनों की सिसकारी की आवाज ही गूंज रही थी। नीलू की पैंटी अभी भी उसके घुटनो में ही फसी हुई थी। राहुल में इतनी ज्यादा ताकत कहां से आ गई इस बात का पता नहीं चल पा रहा था शायद यह सब काम उसके अंदर सवार हुई वासना ही कर रही थी वरना राहुल से यह सब हरकते तो होने से रहीं। नीलू चाहती थी कि राहुल उसकी गांड को चाटे अपनी जीभ की नुकीली हिस्सें से उसकी कृषि ली चिकनी बुर को कुरेदे इसलिए उसने अपने दोनों हाथ को पीछे ले जाकर अपनी गांड के फांकों को पकड़कर हल्के से अलग करते हुए राहुल से बोली।
ससससससस…..आहहहहहहह…..राहुल …… तुमने तो मुझे पागल कर दिया है राहुल…… मुझसे रहा नहीं जा रहा है….. प्लीज राहुल अपनी जीभ से मेरी बुर को चाटोे राहुल….स्स्स्स्स्स्स्स…हहहहहहहह……( नीलू अपनी गांड की फांकों को हथेली से और ज्यादा फैलाते हुए बोली. नीलू के मुंह से इस तरह की मदभरी बाते सुनकर और नीलू के बदन को देख कर खास करके उसकी भरी हुई गांड को देखकर पहले ही वह मदहोश हो चुका था। वह अपने गाल नाक और होठ को और भी ज्यादा पागलों की तरह नीलु की गांड से रगड़ने लगा था। बुर चाटने का अनुभव उसने पहले ही विनीत की भाभी से ले चुका था। और इस बात को राहुल अच्छी तरह से जानता था कि औरतों की बुर चाटने में कितना ज्यादा आनंद आता है। उस दिन भी राहुल को विनीत की भाभी की बुर चाटने में इतना ज्यादा आनंद मिला था कि पूछोआज फिर से नीलू के द्वारा उसे बुर चाटने का शुभअवसर प्राप्त होने जा रहा था
नीलू के द्वारा प्राप्त इस आमंत्रण से राहुल पूरी तरह से गदगद हो गया। राहुल के लंड नें भी नीलू के इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगाते हुए हल्की सी ठुनकी लिया। राहुल एकदम मदहोश हो चुका था उसकी आंखों में कई बोतलों का नशा उमड़ आया था। मदहोशी का आलम उस पर इस कदर छाया था कि उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें इसलिए वह कभी अपने दोनों हाथों से नीलू की गांड की फांको को आपस में पकड़ के रगड़ता तो कभी अपने लंड को मुठ्ठीयाने लगता। नीलू पीछे सिर घुमाकर राहुल को घूरे जा रही थी और राहुल की हरकतों का मजा ले रही थी लेकिन नीलू की ख्वाहिश इससे भी ज्यादा थी वह राहुल की जीभ को अपनी बुर पर रेंगती हुई महसूस करना चाहती थी वह चाहती थी कि राहुल रगड़-रगड़ कर उसकी बूर को चाटे उसकी बुर की नमकीन रस की हर एक बूंद को अपनी जीभ से चाटते हुए गटक जाए। राहुल भी यही चाहता था इसलिए उसने अपनी दोनों हथेलियों से नीलू की बड़ी-बड़ी गांड की फांकों को अलग किया गांड की दोनों फांको के अलग होते ही नीलू की गुलाबी बुर नजर आने लगी। उस पर हल्के हल्के रोए दार बाल झलक रहे थे ऐसा लग रहा था कि जैसे दो-चार दिन के अंदर ही नीलू मैं अपनी बुर को साफ करके चिकनी की थी। बुर की पतली दरार से झांकती गुलाबी पत्तियां गुलाब की पंखुड़ियों से कम नहीं लग रही थी ऐसा लग रहा था कि जैसे ऊंची पहाड़ी पर से कोई शांत नहर बह रही हो।
राहुल तो बस देखता ही रह गया। नीलू की गुलाबी बुर को देखकर राहुल से अपने ऊपर कंट्रोल कर पाना बड़ा मुश्किल हुए जा रहा था, राहुल के बदलने उत्तेजना का तूफान उमड़ रहा था। राहुल ने होले होले से अपने मुंह को नीलू की गांड की दरार के बीचो-बीच ले गया जेसे ही उसने अपने नथुनों को नीलू के पूर्व के बिल्कुल करीब लेकर आया तो बुर से उठ गई मादक खुशबू सीधे उसके नथुनों से होते हुए उसके सीने में भर गई। बुर की मादक गंध राहुल को उतेजना के परम शिखर तक ले जाने के लिए काफी थी। राहुल एकदम से कामोत्तेजना मे विह्वल हो गया। उसने अपनी नाक के छोर से नीलू की बुर के गुलाबी पंखुड़ियों को कुरेदने लगा। जैसे ही नीलू ने अपनीे बुर पर राहुल के नाक के आगे वाले भाग का स्पर्श पाई नी्लू का पूरा वजूद ही डगमगा गया उसके बदन में झुनझुनी सी फैल गई। राहुल अपनी नाक से ही गुलाबी बुर को कुरेदते हुए उसकी मादक गंध को जोर जोर से खींच रहा था। राहुल बुर की मादक गंध से एकदम से चुदवासा हो गया नीलू भी बुरी तरह से कामवासना में तड़प रही थी उसकी बुर से नमकीन पानी रिस रहा था जोकि बुर की गुलाबी पत्तियों से होकर राहुल की नाक से लग कर टपक रहा था। बुर से अमृत की धारा को टपक कर नीचे गिरता हुआ देखकर राहुल से रहा नहीं गया और उसने तुरंत बुर पर अपनी जीभ लगा दिया। इस बार नीलू अपनी बुर पर राहुल की जीभ का स्पर्श पाते ही तड़प उठी वह अपने आप को रोक नहीं पाई और उसके मुंह से गर्म सिसकारी छूट गई
स्स्स्स्सहहहहहह…..आहहहहहहहहहह……राहुल ….. ऊम्म्म्म्म्म्……( उत्तेजना में नीलू की आंखें बंद हो गई।)
चाटो मेरी बुर……आहहहहहहहहह….राहुल….
नीलू की खुमारी देखकर राहुल का जोश दुगना हो गया वैसे भी वीनीत की भाभी की बुर चाटने के बाद उसे नशा सा हो गया था उसका मन हमेशा बुर चाटने को करता था और आज उसे भरपूर मौका मिला था इसलिए उसने अपनी जीभ को नीलू की बुर पर फीराना शुरु कर दिया। नीलू तो राहुल की नुकीली जीभ को अपनी बुर पर महसूस करते ही एकदम गदगद हुए जा रहीे थीे उसके बदन में रोमांच बढ़ता चला जा रहा था।
नीलू की सांसें अटकने लगी थी। राहुल दोनों हाथों से नीलु की गांड को थामे बुर की दरार में ऊपर से नीचे तक अपनी जीभ घुमाए जा रहा था। बुर से रिस रहा कामरस कसैला होने के बावजूद भी राहुल को मदन रस लग रहा था। तभी राहुल ने अपनी जीभ को गुलाबी छेद के अंदर प्रवेश करा दिया और जैसे ही बुर के गुलाबी छेद में राहुल की जीभ प्रवेश की नीलू बुरी तरह से गंनगना गई उसकी टांगों में कंपकंपी सी फेल गई।
राहुल ने नीलू की गांड को कस के थामे हुए था और बुर को चाटते हुए गांड को मसल भी रहा था जिससे उसको दुगना मजा मिल रहा था।
राहुल ने इससे पहले वीनीत की भाभी की ही बुर को चाटा था हालांकि उसकी बुर को चाटने में भी बहुत मजा आया था लेकिन जो मजा उसे नीलू की बुर को चाटने में मिल रहा था वैसा मजा विनीत की भाभी की बुर से नहीं मिला था। राहुल पागलों की तरह अपने काम में जुटा हुआ था। नीलु एकदम उत्तेजित होकर के अपनी गांड को गोल-गोल घुमाते हुए उसके मुंह पर रगड़ रही थी।
उसके मुंह से लगातार गरम सरकारी की आवाज आ रही थी जो कि पूरे कमरे में गुंज रही थी।
नीलू भी मन ही मन में यह सोच रही थी कि उसने बहुतो को अपनी बुर चटवाई थी लेकिन जिस तरह से राहुल उसकी बुर को मजे लेकर चाट रहा था , जिस तरह से उसकी जीभ का नुकीला हिस्सा उसकी की बुर के कोने कोने में पहुंच रहा था और बुर चटाई का जो उसने आह्ललादक आनंद दे रहा था। वैसा आनंद और मजा आज तक किसी ने नहीं दिया और ना ही किसी के साथ आया।
राहुल पागलों की तरह नीलु की बुर में जुटा हुआ था। नीलू अपने गर्म सिसकारी से माहौल को और भी ज्यादा गर्म कर रही थी।
स्स्स्स्स्सहहहहह…..।आहहहहहहहहहह…..राहुल…
ऊऊहहहहहहहहहह……ऊम्म्म्म्म्म्म्म….:.हीस्स्स्स्स
चाटो राहुल..:-) ओर….चाटो…..चाट चाट कर लाल कर दो मेरी बुर को……
नीलू बुरी तरह से तड़प रही थी और बुर चटाई का पूरा का पूरा लुफ्त उठा रही थी। नीलू की तड़प बढ़ती जा रही थी। जिस काम के लिए उसने राहुल को लेकर आई थी, राहुल उस काम को बखूबी निभा रहा था। राहुल का पूरा मुंह नीलू के बुर के कामरस मे सन गया था। राहुल ने तो नीलू की बुर के साथ साथ नीलू की गांड को भी मसल मसल कर लाल कर दिया था। दोनों की सांसे तीव्र गति से चल रही थी। कुछ देर तक यूं ही नहीं नीलू राहुल से अपनी बुर चटवाती रही। लेकिन यूंही झुके-झुके बुर चटवाने से उसकी कमर दुखने लगी थी, लेकिन बुर चटाई का आनंद कमर के दर्द को दबा दे रहा था। लेकिन कब तक वह इसी तरह से झुकी रहती उसकी कमर अकड़ चुकी थी उसके घुटनो में अभी भी उसकी गीली पैंटी फंसी हुई थी। उसने बिना हाथ लगाए सिर्फ पैरों का सहारा लेकर के अपनी पैंटी को टांगो से निकाल फैंकी। वह सीधी खड़ी होना चाहती थी कि तभी राहुल की जीभ उस जगह पर गश्त लगा दी जहां पर नीलू को जरा भी उम्मीद नहीं थी। और ना ही आज तक किसी ने भी वहां तक पहुंचने की जुर्रत की थी। नीलू का बदन एकाएक अकड़ सा गया ऐसा लग रहा था जैसे कि उसके ऊपर बिजली गिरी हो, आखिर नीलू करती भी क्या राहुल ने हरकत ही ऐसी कर दी थी। राहुल नीलू की बुर को चाटते चाटते अपनी जीभ को बुर के नीचे वाले छेंद पर चुदवासा होकर फिरा दिया। नीलू ने कभी सोची भी नहीं थी कि राहुल ऐसी हरकत कर सकता है। लेकिन राहुल की ऐसी हरकत में नीलू को एकदम से बदहवास बना दिया, उसने अपना होश खो बैठी , और उसने उन्माद और उत्तेजना में एक हाथ पीछे ले जाकर राहुल के बालों को कसके अपनी हथेली में दबोच ली, और राहुल के मुंह का दबाव अपनी गांड के बीचोबीच बढ़ाने लगी, राहुल तो उस छेंद पर सिर्फ अपनी जीभ का स्पर्श ही करा रहा था। लेकीन नीलू के इस तरह से उसके बाल को पकड़कर अपनी गांड पर दबाव बढ़ाने की वजह से राहुल की जीभ का आगे वाला हिस्सा हलके से नीलूं के उस भूरे रंग के छेद में प्रवेश कर गया, ऊफ्फ्फ…….. नीलु तो सिर कटी मुर्गी की तरह तड़प उठी। उसका बदन देखने लगा और उसने और जोरों से राहुल के बालों को भींेजते हुए उसके मुंह को अपनी छेंद से चिपका दी। और भल भला कर झड़ने लगी।
नीलू की बुर से निकल रहा नमकीन पानी का फव्वारा बुर से होते हुए उस छोटे से भूरे रंग के छेद से गुजर रहा था जिधर से राहुल जल्दी-जल्दी जीभ से चाटते हुए झपट रहा था।
नीलू पूरी तरह से अचंबित थी और हैरान भी। क्योंकि आज तक किसी ने भी सिर्फ चाट कर उसकी बुर को नहीं झाड़ा था। लेकिन राहुल ने वह कर दिखाया था उसकी जीभ के कमाल से नीलू पूरी तरह से वाकिफ हो चुकी थी। धीरे-धीरे चाटते हुए राहुल ने नीलू के काम रस को गले के अंदर उतार चुका था। नीलू सीधे खड़ी हुई
उसकी सांसे अभी भी तेज चल रही थी। नीलू के काम रस से राहुल का पूरा मुंह सना हुआ था। राहुल भी हांफ रहा था। नीलू राहुल की तरफ देख कर मुस्कुराई और बोली।
वाह राहुल तुम तो कमाल कर दिए असली मर्द हो यार तुम तो। सिर्फ अपनी जीभ से चाट चाट कर ही तुमने मुझे झाड़ दिया।ऊफ्फ्फ…..गजब के हो यार तुम मान गई तुम्हे। ( इतना कहते हुए उसने अपनी हथेली को थोड़ी सी टांगे फैलाकर अपनी बुर पर रखकर मसलते हुए एक लंबी सांस खींची और फिर बोली।)
यार यह गलत है।
क्या… क्या गलत है?( राहुल को लगा कि जैसे उसने कोई गलती कर दिया)
अरे यार राहुल मुझे तो पूरी नंगी कर दीए और खुद अभी तक कपड़े में ही ं हो। ऐसा नहीं चलेगा यार तुम भी मेरी तरह पूरे कपड़े निकाल कर नंगे हो जाओ तभी यह खेल खेलने में मजा आएगा।( तभी नीलू की नजर राहुल के टनटनाए हुए लंड पर पड़ी जो कि अभी भी पूरी औकात में खड़ा ही था। उसे देखते ही नीलू बोली।)
वाह..ईसे कहते हैं ताकतवर लंड देखो तो सही अभी भी पूरी तरह से टन्ना के खड़ा है। चलो राहुल अब जल्दी से अपने कपड़े उतार दो मुझ से रहा नहीं जा रहा है।
( राहुल खुद अपने कपड़े उतार कर नंगा होना चाहता था लेकिन उसे शर्म महसूस हो रही थी लेकिन फिर भी उसे मजा तो लेना ही था इसलिए शरमाते शरमाते ही उसने पूरे कपड़े निकाल कर बिल्कुल नंगा हो गया। नीलु तो उसके नंगे बदन को एकटक देखे जा रही थी। उसका गठीला बदन देखकर मन ही मन खुश भी हो रही थी।
नीलु की नजर खासकरके राहुल के खड़े लंड पर ही घुम रही थी। नीलु से रहा नही गया ओर वह राहुल के करीब
जाकर राहुल को धक्का देकर बिस्तर पर गिरा दी ओर खुद भी बिस्तर पर चढ़ गई। नीलु पर खुमारी छाई हुई थी। बिस्तर पर चढ़ते ही उसने राहुल के लंड को अपनी हथेली में भर ली।
और उसे ऊपर नीचे करके मुठीयाने लगी। राहुल भी नीलु को बड़ी गौर से देख रहा था। तभी दखते ही देखते नीलू ने लंड के सुपाड़े को अपने मुंह में भर ली। राहुल तो जैसे हवा में उड़ रहा हो ऐसा एहसास होने लगा। एक बार फिर नीलू राहुल के ऊपर पूरी तरह से छा चुकी थी। नीलू राहुल के लंड को पुरा गले तक ऊतार ले रही थी।
वैसे भी नीलु लंड चुसने मे माहीर थी इसका नमुना वह क्लास रूम में देख ही चुका था। कुछ ही देर में अनुभवी नीलू ने राहुल के लंड को चूस चूस कर उसे मस्त कर दि।
लोहा पूरी तरह से गर्म हो चुका था क्योंकि राहुल नीचे से कमर उचका उचकाकर धक्के लगा रहा था। नीरु समझ गई थी कि आप ज्यादा देर रुकना ठीक नहीं है। वैसे भी वह मन ही मन राहुल के लंड को दाद दे रही थी क्योंकि वह जानती थी कि इतनी देर में तो कोई भी होता दो बार झड़ चुका होता। वह अपने मुंह में से राहुल के लंड को बाहर निकाली , राहुल का लंड उसके लार से पुरी तरह से सना हुआ था। नीलु की सांसे भारी चल रही थी। वह राहुल से बोली ।
बस राहुल अब तुम अपने लंड का कमाल दीखाओ ताकी मै जिंदगी भर याद रखुं. मेरी बुर तुम्हारे लंड को अपने अंदर लेने के लिए तड़प रही है।( इतना कहने के साथ ही नीलू बिस्तर पर पीठ के बल लेट गई अब राहुल की बारी थी राहुल बिस्तर पर से उठा और सीधे जाकर नीलू के टांगों के बीच घुटनों के बल बैठ गया। विनीत की भाभी से वह चुदाई का सारा गुण सीख चुका था। इसने उसे ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। नीलू तरसी आंखों से राहुल की तरफ ही देख रही थी और राहुल नीलू की जांघो को पकड़कर अपनी जांघों पर चढ़ा दिया जिससे
नीलु की बुर ठीक राहुल के लंड के सामने आ गइ। नीलू के बदन में गुदगुदी सी मच रही थी आने वाले पल के इंतजार है मैं उसका बदन का कसा रहा था । की तभी लगने लगा कि उसकी इंतजार की घड़ियां अब खत्म हो जाएगी, और राहुल ने अपने लंड़ को पकड़कर नीलू की गुलाबी बुर पर सुपाड़े को रगड़ने लगा। जैसे ही सुपाड़ा बुर पर स्पर्श हुआ नीलू पूरी तरह से गनगना गई। जिस पल के इंतजार में उसने तड़प-तड़प कर महीनों गुजार दी थी वह पल आ चुका था उसका ख्वाब सच होने जा रहा था। राहुल के ऊपर तोे चुदाई का भूत सवार था। उसने तुरंत लंड के सुपाड़े से ही टटोलकर बुर के गुलाबी छेद को ढूंढ लिया और सुपाड़े को उस जगह पर टिका कर कमर को आगे की तरफ धकेला, बुर पहले से ही पानीयाई होने के कारण पूरी तरह से चिकनी हो चुकी थी इसलिए राहुल का मोटा सुपाड़ा धीरे-धीरे सरकते हुए नीलू की बुर में उतर गया। नीलू को अपने बुर में दर्द महसूस होने लगा था की तभी राहुल ने दूसरा भी धक्का लगा दिया इस बार लंड एकाद ईन्च ओर अंदर घुस गया लेकिन इस बार दर्द थोड़ा बढ़ गया और नीलू ने अपने होठो को दांत से दबाते हुए दर्द को पी जाने की पूरी कोशिश की लेकीन जवान बुर देखकर राहुल मदहोश हो चुका था और इस बार उसने पुरी ताकत से लंड को अंदर ठेला और इस बार राहुल का तगड़ा लंड बुर की अंदरूनी सभी अड़चनों को धकेलते हुए सीधे बुर की जड़ मे जाकर धंस गया। नीलू अपने आपको संभाल ना सकी और उसके मुंह से चीख निकल गई।
ऊईईईईईई….मां….मर गई रे…..आहहहहह…..बहुत मोटा है रे तेरा….आहहहहहह….
राहुल नीलू को दर्द से छटपटाते हुए देख रहा था नीलू को दर्द हो रहा था राहुल को लगता था कि वह लंड को बाहर निकालने के लिए कहेगी. लेकिन वह दर्द को दांतों को भींचकर दबाती रही। और लंड को निकालने का एक बार भी जिक्र नहीं की तो राहुल की हिम्मत बढ़ने लगी।
राहुल ने बुर की जड़ तक घुसा हुआ लंड बाहर की तरफ खींचा और सिर्फ लंड के सुपाड़े को ही बुर में फंसे रहने दिया, और फिर से वापस पूरी ताकत से लंड को बुर में पेल दिया। इस बार फिर से नीलू के मुंह से हल्की सी चीख निकली लेकिन तब तक राहुल नीलू की पतली कमर को थाम चुका था। अब राहुल ने नीलू को चोदना शुरू किया उसका लंड सटा सट नीलू की बुर के अंदर बाहर हो रहा था। नीलू ने ना जाने कितनों से चुदवाई थी। लेकिन आज तक कोई भी ऐसा नहीं मिला था जो उसकी चीख निकाल सके। राहुल के लंड की बात ही कुछ और थी चुदवा चुदवा कर चोड़ी हो चुकी बुर में भी राहुल का लंड एकदम रगड़ कर जा रहा था। नीलु मदहोश हुएे जा रही थी वह अपने हाथों से ही अपनी चुचियों को मसल रही थी। राहुल धड़ाधड़ नीलू को चोद रहा था पंखा चालू होने के बावजूद भी दोनों का बदन से पसीने से तरबतर हो चुका था। राहुल के हर धक्के पर पूरा पलंग हच मचा जा रहा था। नीलू ने आज तक ऐसी चुदाई करने वाला मर्द नहीं देखी थी। विनीत की भाभी की चुदाई राहुल को याद आ रही थी इसलिए उसने नीलू की कमर पर से हाथ हटाकर नीलू की चूचियों पर रख दिया था और धक्के लगाते हुए जोर जोर से चूचियों को मसल रहा था। नीलू की गरम सिसकारी पूरे कमरे में गुँज रही थी।
राहुल चुदाई का पूरा मजा ले रहा था वह कभी चुचीयों को मसलता तो कभी चूचियों पर अपना मुंह रख देता ओर चूची को पीने लगता। इससे वीरू भी मस्त हुए जा रही थी। थोड़ी ही देर में राहुल ने उसे हवा की सैर कराने लगा। पुच्च पुच्च की आवाज से पूरा कमरा गूंज रहा था। करीब आधे घंटे की चु दाई के बाद नीलू की सिसकारी बढ़ने लगी।
स्स्स्स्स्सहहहहहहह……आहहहहहहहहहह….।राहुल…. और तेज …..और तेज …….राहुल चोद मुझे….. फाड़ दे मेरी बुर को घुस जा मेरी बुर मे…..आहहहहहहह……( वह गरम सिसकारी ले रही थी कि तभी राहुल ने जोरदार धक्के लगाना शुरु कर दिया।)
आहहहहहहहह…….आहहहहहहहहहहह……आहहहहहहहहह….:-) राहुल……ओहहहहहह….।राहुल….
( तभी नीलू का बदन एकाएक अकड़ने लगा वह चरम सुख के करीब थी।)
ओहहहह।।राहुल….. मै गई ….।मै गई….।आहहहहहहहहह……राहुल..( और नीलू हल्की चीख के साथ ही भलभलाकर पानी का फुआरा छोड़ने लगी नीलू ने कस के राहुल को अपनी बाहों में जकड़ लिया था और अपना मदन रस छोड़ते हुए झड़ने लगी थी। दो-चार तेज धक्को मे राहुल भी अपना गरम फुवारा नीलू की बुर मे छोड़ते हुए झड़ने लगा और नीलू के ऊपर ही पसर गया।
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कौन है ये बद्तमीज़? मा***द गाली फिट है इसके लिए! 😡