मैंने शोभा की आँखों में आँखें डालकर कहा- “मैं आपके लोन का पैसा आज ही चुका ,गा, और तिवारी से आज ही केस भी वापिस करवा दूंगा। लेकिन इसके बदले में में ऋतु को अपनी रखैल बनाकर रखूगा…”
ये सुनते ही शोभा ने मुझे गुस्से में देखा और जोर से चीखते हुए कहा- “आप जानते भी हैं की आप कितनी घटिया बात कर रहे हैं….
मैंने कहा- “मैंने सिर्फ आपको आप्षन दिया है मानो या ना मानो आपकी मी…”
शोभा बोली- “हम लोग मजबूर हैं। पर है इज्ज़त दार लोग हैं। आपसे ये उम्मीद नहीं थी की आप हमारी मजबूरी का ऐसा नाजायज फायदा उठा रहे हो। आपने इतनी घटिया बात सोची भी कैसे?”
मैंने कहा- “शोभा जी आपकी इज्जत की धज्जियां उड़ने में अब देर नहीं है। अगर तिवारी को पैसा नहीं दिया तो कल आपका क्या होगा सोच लो। मैं सिर्फ इसी शर्त पर आपकी हेल्प कर सकता हैं। अगर आप चाहती हो की
आपकी इज्ज़त का जनाजा नहीं निकले और आप जेल नहीं जाना चाहती तो आप मेरी बात मान लो। वरना मैं आपकी कोई हेल्प नहीं करेंगा। एक बात और याद रखना की अगर तिवारी ने आपको एक बार जेल में भिजवा दिया तो आपकी बेटियां तो वैसे ही सड़क पर आ जाएंगी। फिर तो उनका कोई भी आसानी से नोंच सकता है। तब आप क्या कर लोगी?”
मेरी बात सुनकर शोभा को लगा की अब उसके पास कोई और रास्ता नहीं है। वो अपना सिर झुका कर बैठी रही।
मैंने शोभा को कहा- “आप ऋतु की चिंता मत करो, ऋतु पहले से ही इस बात के लिए राजी है..”
शोभा ने बाजी में मुझे देखा और बोली- “क्या आपने उसको राजी कर लिया है?”
मैंने मुश्कुराते हुए कहा “यकीन नहीं तो पूछ लो अत से। लेकिन मैं सब काम आपकी मज़ी से करना चाहता है। में ऋतु के साथ अपनी सुहागरात मनाना चाहता हैं वो भी आपके घर पर…”
शोभा फिर से चौक गई और तिलमिलते हए बोली- “तो आप क्या चाहते हो?”
मैंने कहा- “मैं ऋतु को उसके ही घर में नई नवेली दुल्हन के लिबास में चोदूंगा। आपको मेरी सुहागरात का इंतजाम करना होगा.”
शोभा की हालत तो ऐसी हो गई जैसे काटो तो खून नहीं। उसकी जबान सूखने लगी। वो बोली- “हमारे घर पर कैसे होगा ये सब? वहां तो ऋतु के पापा भी होंगे। और हम तो सिर्फ दो रूम के किराए के घर में रहते हैं। घर में एक जवान बेटी और है, कालोनी के लोग क्या कहेंगे। मैं शिल्पा (ऋतु की छोटी बहन) को क्या कहूँगी?”
मैंने कहा- “किसी को पता नहीं चलेगा। आप सिर्फ अपने पति को दो दिन के लिए सिटी से बाहर भेज दो। बाकी सब में संभाल लेंगा। मैं खुद यही चाहता था की शिल्पा को सब पता चलना चाहिये की मैं उसकी बहन को उसके ही घर में चोद रहा हैं, और उसकी माँ की मर्जी से। क्योंकी में उसको भी बाद में लाइन पर लाने की सोच रहा था…”
फिर शोभा ने कहा- “पहले आप तिवारी से बात कर लीजिए और हमको जेल जाने से बचा लीजिए। जैसा आप
कहोगे मैं वैसा ही करेंगी…”
मैंने कहा- “आज शाम तक आपका केस फाइनल हो जाएगा। बस आप अपने पति को कल सुबह ही भेज दो, पूरे दो दिन के लिए…”
शोभा को मैंने भेज दिया।
उसके जाने के बाद मैंने ऋतु को बुलाया और कहा- “कल हमारी सुहागरात है। तुम कल आफिस नहीं आओगी..”
ऋतु ने मुझे हैरानी से देखा। मैंने उसको पूरी बात समझा दी की उसकी मम्मी से मेरी बात हो गई है, और में उसके ही घर में उसको चादूँगा। मैंने ऋतु को एक ए.टी.एम. कार्ड दिया और कहा- “कल बदिया सी लाल साड़ी और जो भी कछ लेना हो खरीद लेना, और किसी बंदिया पालर में जाकर मेकप करवा लेना मेहन्दी याद से लगवा लेना। तुम मुझे कल दुल्हन के लिबास में दिखनी चाहिए हो। समझी या नहीं?”
ऋत् ने हाँ में सिर हिलाया और चली गई।
उसके जाने के बाद मुझे एक बात और याद आ गई। मैंने उसको फोन किया और कहा- “तुम पेटीकोट सफेद कलर का ही लेना…”
ऋतु बोली- “वो किसलिए?”
मैंने कहा- “वो तुमको कल पता चल जाएगा…”
में अगले दिन की प्लानिंग करने लगा। फिर मैंने तिवारी का फोन किया की तुरंत उस नोटिस का रेफ्यूज करवा दे और शाम तक शोभा को फोन करके बता देना की उसको अब इरने की कोई जरबत नहीं है। लोन का पैसा मिल गया है।
आज आफिस में काई और काम नहीं था, मैं घर जाने के लिए निकल पड़ा। शाम को जैसे ही तिवारी का फोन शोभा के पास आया।
शोभा ने मुझे तुरंत ही फोन करके कहा- “आपने जैसा कहा था वैसा ही हो गया..”
मैंने उसको कहा- “अब तुम भी वैसा ही करो जैसा मैंने कहा है…
वो बोली- “आपने जैसा कहा है वैसा ही होगा…”
और फिर अगले दिन सुबह शोभा ने अपने पति को बाहर भेज दिया। मैंने दोपहर में शोभा को फोन किया। मैंने पूछा- “ऋतु तैयार हो रही है या नहीं?”
तब उसने कहा- “अभी हम बाजार में है, यहां से सीधा पार्लर जाएंगे..”
मैंने कहा- “उसकी फुल बाडी बैक्स जरगर करवा देना..” बयाकी मुझे पता है की ऋतु की टांगों पर बाल हैं।
शोभा ने कहा- “ठीक है करवा दूंगी..”
फिर मैंने कहा- “मैं रात को 9:00 बजे तक आ जाऊँगा…”
5:00 बजे में आफिस में सीधा घर चला गया। मैं जाकर दो घंटे सो गया क्योंकी रात को जागरण करना था। लगभग 8:00 बजे में उठा और मैंने 15 मिनट शाबर लिया और तैयार होकर घर से निकला। मैंने कार में विस्की की बोतल रखी और सीधा शोभा के घर की ओर चल दिया। में अपने साथ विस्की इसीलिए ले गया था,
क्योंकी में चुदाई से पहले जरा मूड बनाना चाहता था। शोभा का घर आ गया। मैंने घर के पास कार लगा दी
और डोरबेल बजा दी। शोभा ने दरवाजा खोला। मैं घर के अंदर दाखिल हो गया।
शोभा ने मुझसे कहा- “बैठिए.”
मैं सोफे पर बैठ गया। मैंने शोभा से कहा- “ऋतु किधर है?”
उसने कहा- “दूसरे रूम में तैयार होकर बैठी है…”
मेरे लण्ड में तनाब आजा शरन हो गया। मैंने कहा- “पहले मैं जरा ड्रिंक करेंगा। तम मेरे लिए ग्लास और ठंडे पानी का इंतजाम करो…”
शोभा उठकर जाने लगी तो मैंने कहा- “शिल्पा कहां है?”
शोभा में घबराते हुए कहा “जी वो ऋतु के पास बैठी है। मैं लेकर आती है…”
मैंने कहा- “तुम यही बैठा, शिल्पा को बुला लो..” फिर शोभा से कहा- “तुम्हारा पति कब वापिस आएगा?”
उसने कहा- “वो दो दिन बाद ही आएंगे..”
मैंने हम्म्म्म कहा, फिर मैं बोला- “शोभा तुम अभी घबराई हुई लग रही हो। रिलैक्स हो जाओ..”
शोभा ने अपने चेहरा पर फेक स्माइल लाते हुए कहा- “नहीं नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है..”
इतने में शोभा ने आवाज दी- “शिल्पा बैटा इधर आओ…”
उधर से आवाज आई- “जी मम्मी..” और शिल्पा रूम में आ गई।
Mera boss bhi muze dekh badi jibh laplapata hei, soch rahi hun lelu sale ko andar…