Hindi Sex Story – कीमत वसूल

मेरी समझ में अब पूरा माजरा आ गया था। मैंने तिवारी को अपनी जेब से एक लाख का पैकेट निकालकर दिया
और कहा- “मैं अब जैसा बोलता है वैसा ही करता जा.”

तिवारी कभी मुझे और कभी पैसों को देख रहा था। उसकी समझ में नहीं आया की मैं क्या कह रहा हैं।

मैंने उसको कहा- “अपना दिमाग ज्यादा मत लगा। मेरी बात सुन। त कल ही उसका चेक बैंक में लगा दें…”

तिवारी बोला, “मैंने तो उसको 7 दिन का टाइम दिया है…”

मैंने कहा- “उल्लू के पट्टे तुझें पैसा मैं अभी दे रहा हूँ। तू 7 दिन क्या झक मरवाता रहेगा?”

तिवारी ने मुझसे कहा- “सर जी आप इन जैसे फकले लोगों के चक्कर में कहा से आ गये, माजरा क्या है?”

मैंने कहा- पहले कल चेक बैंक में लगवा, और जब तक मैं तुझे फोन नहीं कर त मेरे आफिस नहीं आना। तू मुझे जानता भी नहीं है। ये बात शोभा को नहीं बोलोगे समझा?”

तिवारी ने ही में मंडी हिला दी।

मैं वहां से घर आ गया। अगले दिन ऋतु आफिस में गुमसुम सी बैठी थी। मैंने उसको अपने केबिन में बुलाया
और पूछा- “क्या बात है?”

ऋत ने कहा- “सर, घर में सब उसी बात से परेशान हैं। इसलिए थोड़ा सा मूड खराब है और कोई बात नहीं..” फिर उसने कहा- “सर आप हमारी हेल्प करेंगे ना?”

मैंने कहा- “मैं तुमसे बाद में बात करता हैं। तुम अभी रूको जरा…” और मैंने पूरा दिन ऋतु को यह कहकर टाल दिया की मैं कुछ ना कुछ करता हूँ।

अगले दिन मैं आफिस में गया ही नहीं, मुझे कुछ काम था। ।

उसके अगले दिन में आफिस में देर से गया। तब तिवारी का मेरे पास फोन आया की शोभा का चेक बाउन्स हो
गया है।

मैंने उसको कहा की आज ही उसको लीगल नोटिस भेज दे और कल तक का टाइम दे दे…”

मैंने उस दिन भी ऋत् को कोई पाजिटिव जवाब नहीं दिया। बस उसको यही कहा की में कुछ ना कुछ करता है। टाइम बीत रहा था, ऋतु की बेचैनी बढ़ती जा रही थी। मुझे अंजू से पता चला की ऋतु के घर से उसकी मोम का भी कई बार फोन आया था। मैं तो बस अब कल का इंतजार कर रहा था।

और अगले दिन जब नाटिस शोभा को मिली तो उसका बुरा हाल हो गया। वो सीधा मेरे आफिस में आ गई। उसकी हालत ऐसी हो रही थी जैसे उसके जिश्म में खून ही नहीं हो, और था भी कुछ ऐसा ही।

मैंने कहा- क्या हुआ?

वो बोली- “तिवारी ने 7 दिन का टाइम दिया था। पर उसने तो 3 दिन में ही नोटिस भेज दिया। अब क्या होगा?” वो डर से काँप रही थी।

ऋतु ने मेरी तरफ देखते हुए कहा- “सर अब क्या होगा?”

मैंने कहा- “मैं तिवारी से बात करता हूँ… मैंने तिवारी को फोन लगाया।

तिवारी ने जो कहना था वो मैं उसको पहले ही समझा चुका था। मैंने जानबूझ कर सेल का स्पीकर आन कर दिया था, ताकी शोभा को सब सुनाई दे की क्या बात हो रही है? तिवारी ने मेरा फोन उठाकर मुझसे अंजान बनते हए कड़क आवाज में बात की। उसने मेरी बात सुनते ही मुझं साफ-साफ बोल दिया की मुझे पूरा पैसा अगर आज ही दे दो तब मैं केस वापिस ले सकता है।

मैंने उसको कहा- “एकदम से इतनी बड़ी रकम का इंतजाम कैसे हो पाएगा? प्लीज… तुम हमको कुछ दिन की मोहलत दे दो। हम पैसे का इंतजाम जल्दी कर लेंगे…”

उसने साफ-साफ मना कर दिया। तिवारी ने कहा- “मैं आज के बाद किसी भी कीमत पर केस वापिस नहीं लेगा। में तो अब शोभा को जेल भिजवाकर ही रहँगा..”

मैंने कहा- “हम तुमको अभी दुबारा फोन करते हैं…

फिर मैंने शोभा से कहा- “देखिए तिवारी कुछ नहीं सुन रहा। कुछ भी करके इसको आज ही पैसा देना होगा,
अगर नहीं दिया तो कल पोलिस आपके घर आ जाएगी..” कहकर मैंने शोभा की तरफ गौर से देखा।

शोभा ने मुझसे बिल्कुल रोते हुए कहा- “सर, हमारे पास तो काई भी इंतजाम नहीं है। हम तो सिर्फ आपकी हेल्प से ही कुछ कर सकते हैं.

मैंने ऋतु को कहा- “तुम जरा बाहर जाओ। मुझे अकेले में कुछ बात करनी है.”

ऋतु बाहर चली गई।

उसके जाने के बाद मैंने शोभा से कहा- “देखिए अगर आप इस प्राब्लम से निकलना चाहते हो तो आपको मैं जैसा कह बैंसा करना होगा…”

शोभा ने कहा- “आप जो भी कहा हम करने को तैयार हैं.”

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1 Comment

  1. Minu

    Mera boss bhi muze dekh badi jibh laplapata hei, soch rahi hun lelu sale ko andar…

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