मेरा घर कब आ गया पता ही नहीं चला। मैंने दिमाग को फ्रेश करने के लिए बियर पी और डिनर लगाने को कहा। डिनर के बाद मुझे नींद आने लगी। मैं जल्दी सो गया अगले दिन सुबह मैंने आफिस जाने से पहले ऋतु को फोन किया की आज मैं आफिस देर से आऊँगा। तुम मेरे केबिन में जाकर वहां कुछ चेक रखें हैं उनको बैंक में लगवा देना। में जब आफिस पहुँचा तो ऋतु मेरे केबिन में ही बैठी थी।
ऋतु ने कहा- “सर, मेरी मोम आपसे मिलना चाहती हैं। अगर आप कहो तो उनको मैं आफिस में बुला ल…
मैंने ऋतु से पूछ- “उनको क्या काम है मेरे सं?”
उसने कहा- पता नहीं क्या बात है?
मैंने कहा- “ऑक बुला लो… और में बैठा सोच रहा था की ऐसा क्या काम होगा? कहीं मेरे और ऋतु के बारे में कोई बात तो नहीं पता चली? फिर मैंने सिर झटका और कहा देखते हैं।
करीब 3:00 बजे ऋतु की मोम आ गई। ऋतु की मोम को देखकर उनकी उम का आइडिया लगा पाना मुश्किल लग रहा था। ऋतु की मोम भी ऋतु जैसे गोरी और सुंदर थी, उनका फिगर एकदम मस्त था। ऋतु जैसा ही काले लंबे बाल। बस एक खास चीज जो मैंने नोटिस की, वो थी उनकी गाण्ड जो कि बिल्कुल सेंब के आकार में थी। साड़ी में अलग ही उभर रही थी।
ऋतु की मोम मेरे सामने बैठी थी फिर वो बोली- “सर, वैसे तो आपसे कुछ कहते भी नहीं बन पड़ रहा। पा मजबूरी ऐसी है की अगर आप हेल्प कर दो तो आपका बड़ा एहसान होगा हम पर…”
मैंने कहा- “आप बताइए तो सही। अगर मैं आपकी हेल्प कर सकता हैं तो जरूर करेंगा..”
वो बोली- “ऋतु की बड़ी बहन जिसकी शादी को अभी एक साल हुए हैं उसकी शादी के टाइम हमने किसी से इंटरेस्ट पर पैसा ले लिया था। लेकिन ऋतु के पापा अभी तक पैसों का इतजाम नहीं कर पाए। अब जिसको पैसा देना है वो हमको कल धमकी देकर गया है की अगर7 दिन में उसके पैसे नहीं लोटाये तो वो हमको जेल में भिजवा देंगा, और वो बड़ा गंदा आदमी है गंदी-गंदी गालियां देकर बात करता है। हम बड़ी मुशीबत में है और कोई सहारा नहीं है। अगर उसको पैसा नहीं लौटाया तो वो हमें बर्बाद कर देगा। हम कहीं के नहीं रहेंगे…” कहते कहते ऋतु की मम्मी की आँखों में आँसू भर गये और वो सिसकियां लेकर रोने लेगी।
मैंने उनको पानी दिया और कहा- “आप रोना बंद करिए। मैं देखता हैं आप मुझे उस आदमी का नाम बताओ, जिसको पैसे देने हैं, और कितने देने हैं ये बताइए..”
ऋतु की मम्मी ने मुझे उस आदमी का नाम बताया। नाम सुनकर मैं मन ही मन मुश्कुरा उठा। वो बंदा मेरे दोस्त का भाई था, जिसकी मैंने कई बार हेल्प की है। मैंने ऋतु की मम्मी से कहा- “ये आदमी तो सच में ही बड़ा गलत हैं। आपने इससे पैसे क्यों लिए आपको पता नहीं था बया?”
इसके बारे में वो बोली- “अत की बहन की शादी के टाइम हमको अचानक रुपयों की जरूरत पड़ गई और कहीं से इंतजाम नहीं हुआ। मजबूरी में इससे लेना पड़ा। उसने हमसे ब्लैंक चेक और स्टाम्प पेपर साइन करवा के रखें मैंने एक गहरी सांस लेते हुए कहा- “पैसा कितना लिया था?”
बो बोली- “275000 जोकि अब इंटरेस्ट जोड़कर एक लाख हो गया है। अब तो आपका ही सहारा है। अगर आप मदद कर दो तो हम इस मुशीबत से बच सकते हैं..”
मैंने कहा- “आप मुझे थोड़ा सोचने का टाइम दीजिए। मैं देखता है की मैं आपकी क्या हेल्प कर सकता है?” फिर मैंने कहा- “आप ये बताइए की आपको अगर मैं कहीं से इंतजाम करवा भी दूं तो आप वो पैसा कब तक लौटा सकते हैं?”
वो बोली- “ऋतु के पापा की तो कोई ज्यादा इनकम नहीं है। अत को जो आप सेलरी देते हैं, उससे ही घर चलता है। ऋतु की एक छोटी बहन और है जोकि अभी बी.ए. में हैं…
मैंने ये सुनकर कहा- “आप खुद सोचिए की आप किस तरह से इन हालात में पैसा लौटा पाएंगी?”
Mera boss bhi muze dekh badi jibh laplapata hei, soch rahi hun lelu sale ko andar…