सिंह ने कहा- नहीं यार। तेरे वैसे ही कई एहसान है मुझ पर। तू हमेशा मेरे काम आता है। तेरा ये काम में करूँगा बस देखता जा और जैसा में कहूँ बो करता जा।
मैंने कहा- ठीक है।
सिंह ने खान को फोन मिलाया- “यार खान कहां है..”
खान ने कहा- मैं राउंड पर हूँ ?”
सिंह ने कहा- जल्दी आ यार, तेरे थाने में कब से बैठा हूँ।
खान ने कहा- तू वहां क्या कर रहा है?
सिंह ने कहा- पहले आ जा तब बताऊँगा सब।
खान ने कहा- मैं आता हूँ।
सिंह मुझे देखकर बोला- “वो आ रहा है। चल थाने में बैठते हैं.”
मैंने कहा- “सिह मैं घर से पीकर आया था। यहां आकर सारा नशा लण्ड में मिल गया और फिर मूड हो रहा है..”
सिंह बोला- “चल मैं भी दो-तीन पेंग का तेरा नुकसान कर लूँगा…”
सिंह और में दोनों वहीं पास की बार में चले गये। मैंने सिंह से कहा- “कौन सी पिएगा?”
सिंह बोला- यार हम गरीब आदमी हैं। रायल स्टेग मंगवा दे मेरे लिए।
मैंने कहा- मेरा बांड पी ले।
सिंह ने हंसते हुए कहा- “साले आज तो तू पिल्ला देगा कल कहां से पिउंगा?
मैंने सिंह के लिए रायल स्टेग और अपने लिए जवबल मैंगवाई। हम दोनों पीने लगे। मैंने पेग में सिप मारते हुए कहा- “सिंह ये बता की तू इतने यकीन से कैसे कह रहा है की अंजू मुझसे चुदवाने को राजी हो जाएगी?”
सिंह बोला- “भोले नाथ, आपको कुछ नहीं पता? जेल के डर से अच्छे अच्छे की गाण्ड फट जाती है। और उसमें
पहले पोलिस उसकी इतनी माँ चोद देती है की बंदा घुटने टेक देता है.”
मैंने कहा- “पर बो अगर नहीं मानी तब?”
सिंह बोला- “पहले मैं उसको चोद लूँगा तू देख लिओ.”
मैंने कहा- “नहीं… उसकी सील तो मैं ही खोलूँगा.. मुझे नशा हो गया था, मैंने कहा- उसने मुझे मना किया था में ही उसकी चूत का बाजा बाजाऊँगा.”
सिंह बोला- “तो आग यहां तक लगी हुई है। चल तू ही उसको पहले चोद लिओ । मैं तेरे सामने उसको नंगी कर के लिटा दूँगा, और वो खुद तेरे से कहेगी की मुझे चोदो…”
मैंने कहा- काश ऐसा हो जाए।
सिंह बोला- “वो तेरे लौड़े को अपनी चूत में लेने के लिए तुझसे अगर रिक्वेस्ट ना करें को काला कोट पहनना
छोड़ दूंगा…”
मैंने सिंह को देखा। उसको देखकर मुझे लगा की सिंह की बात में बजन है। हम दोनों ने दो-दो पेंग पिए। इतने में खान का फोन आ गया की कहां है।
सिंह ने कहा- मैं यहां बार में हैं। अभी आता हूँ।
खान ने कहा- यार मूड तो मेरा भी है पीने का, पर में बार में नहीं आ सकता तू मेरे लिए विस्की ले आ।
सिंह बोला- चल तुझे दिखाता हूँ सिंह क्या चीज है?
हम दोनों थाने की ओर चल दिए। मैंने वहीं से एक बोतल गायल स्टेग की ले ली। सिंह ने कहा था खान भी यही पीता है। हम दोनों जैसे ही थाने में एंटर हए। खान मुझे देखकर कड़बा सा मुँह बनाने लगा।
सिंह ने कहा- ये मेरा खास यार है संजय। में यारों का यार है।
ये सुनकर खान ने अपने चेहरा पर स्माइल लाने की कोशिश की। खान ने मेरे से हाथ मिलाया और कहा- “संजय भाई आप पहले ही बता देते…”
मैंने कहा- मुझे भी नहीं पता था, इसने अभी बताया है।
सिंह बोला- “खान सुन काम की बात। पहले तो दारू पीते हैं फिर होगा जश्न…”
खान बोला- “कोई माल हाथ लग गया क्या?”
सिंह ने कहा- साले माल तो तू कब से दबाए बैठा है।
खान ने कहा- कहा है।
सिंह ने कहा- वो दो लौड़िया जो हैं।
खान बोला- “अबे बो.. साने तू बड़ा कमीना है। कैसे पता चल जाता है तुझे?”
सिंह बोला- “मैं काले कोट वाला हैं…”
खान बोला- “में आज सोच रहा था उन दोनों को पेलने की, पर बात ये है की उनके नाम एफ आई आर लिखी गई है। अगर उन दोनों ने कोर्ट में कही मौं चुदवा ली तो काम खराब हो जाएगा..”
सिंह बोला- “एफ.आई.आर. की छोड़ मेरी सुन। ये मेरा यार हैं संजय उन दोनों में जो एक लड़की हैं अंजू, वो इसकी पसंद है। उसको चढ़ाई के लिए राजी करना है। दूसरी को हम रात भर कुतिया बनाकर चाटेंगे.”
खान बोला- “अगर उन दोनों के घरवालों ने कुछ पंगा किया तो?”
Age ki kahani jald hi apke liye launga Indian sex stories par. Check karate rehana.
Mera boss bhi muze dekh badi jibh laplapata hei, soch rahi hun lelu sale ko andar…