Hindi Sex Story – कीमत वसूल

अनु मुझे देखकर 5वांसी आवाज में बोली- “उसको सब पता है.”

मैंने कहा- “ये बात जानते हए भी वो ऐसा कर रहा है।”

अनु ने कहा- “वो तो मुझे कब से इस्तेमाल करने की सोच रहा है। मेरी किश्मत ही अच्छी है जो मैं अभी तक…”

मैंने कहा- “मतलब इससे पहले भी उसने कोई हरकत करी थी?”

अनु ने कहा- “शादी के 4-5 महीने बाद सुमित ने मेरे को कहा की उसकी जाब टेम्पोरेरी है। उसकी जाब पर्मानेंट हो जाएगी अगर मैं उसकी हेल्प करग तो..”

मैंने कहा- इसमें क्या सोचना है? आप जो कहोगे करने को मैं कर दूँगी…”

तब सुमित ने कहा- “तुम्हें मेरे बास को खुश करना पड़ेगा। बस एक रात की बात है। तुम उसको खुश कर दो मेरा प्रमोशन भी हो जाएगा…”

तब मैंने कहा- “तुम जैसा घटिया इंसान मैंने कभी नहीं देखा। वो सच में बड़ा कमीना है…”

मैंने कहा- ये बात तुमने अपनी मम्मी को बताई थी?

अनु की सनी आँखों में फिर से आँस आ गये। अनु बाली- “मैंने कहा था, पर मम्मी उनसे भी ज्यादा महान हैं…”

मैंने कहा- क्या मतलब?

अनु ने कहा- “मम्मी बोली की अगर उसकी मज़ीं है तो तुझे क्या फर्क पड़ रहा है। मान जा। एक रात में तेरा क्या बिगड़ जाएगा?”

मैंने अनु को अपने गले से लगाकर कहा- “फिर तुमने क्या किया?”

अनु ने कहा- मैंने उसको साफ-साफ बोल दिया की अगर तुमने मेरे साथ जबरदस्ती की तो मैं जहर खा लेंगी। इस बात से वो डर गया। उसने मुझे कुछ नहीं कहा। पर उसके मन में आज तक मेरे लिए प्यार नहीं देखा मैंनें।

मैंने कहा- तुमने बिल्कुल ठीक किया। ऐसे आदमी की कोई बात मत मानना।

अनु ने कहा- मैं आपको कैसे बताऊँ वो कितना जालिम है। मेरे साथ जानवरों जैसे बिहेंब करता है।

मैंने अनु को देखा तो अनु की आँखें फिर से भर आई। फिर बोली- “वो मुझे जानवरों की तरह मारता है। मेरे बाल पकड़कर मुझे घसीटता है, गालियां देता है, मेरे जिश्म को सूजा देता है मार-मार कर…” बोलते-बोलते अनु फिर से रोने लगी।

मैंने उसको चुप कराया और कहा- “अनु प्लीज… बस करो। मैं और एक शब्द भी नहीं सुन सकता। तुम्हारी बात सुनकर मेरा खून खोलने लगा है…

अनु बोली- “अभी एक बात तो और है जो मैंने आज तक किसी को नहीं बातयी। पर आपको बता रही है…”

मैंने कहा- क्या?

अनु बोली- जब में प्रेग्नेंट थी तब उसने मुझसे कहा था की शिल्पा को बुलवा लो कुछ दिन के लिए।

मैंने कहा- वो यहां पर क्या करेंगी?

तब उसने कहा था- “जब तक तू मेरे साथ सोने के लायक नहीं है वो सोएगी…”

अनु बोली- “छी… कितना जलील है वो इंसान?”

मैंने कहा- फिर?

अनु ने कहा- उसके मन में शिल्पा के लिए शुरू से ही गंदगी भरी है। मैं जानती हैं।

मैंने कहा- तुम्हारे घर शिल्पा कभी गई है रहने?अनु बोली- “अभी जब गई थी तब भी उसने कोशिश तो करी पर, मैंने उसका कुछ करने नहीं दिया। इस बात के लिए उसने मुझे इतना मारा था की में पूरा दिन बेंड से उठ नहीं सकी। वो अब उसी बात का बदला ले रहा है,

मुझे वहां जाब करने के लिए मजबूर करके…”

मैने अनु की बंद पलकों पर किस करा और कहा- “अब तुम बिल्कुल फिकर मत करो। मैं तुम्हारे साथ हूँ। मैं तुमको अब दुखी नहीं होने दूंगा..”

अनु बोली- “आपके साथ वहां मैं अपने सब गम भूल गई थी। मुझे वहां लग ही नहीं रहा था की मेरे को कोई गम हैं। पर यहां आते ही वही सब याद आ गया.”


मैंने कहा- “मैं हूँ ना… चिता मत करो.” फिर मैंने अनु से कहा- “अब कुछ मन हल्का हुआ?”

अनु ने कहा- “ही… आपसे बात करके अब अच्छा लग रहा है..”

मैंने कहा- “चला अब तुमको छोड़ आता हूँ। मुझे भी आफिस जाना है..”

अनु ने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे बैंड पर अपने साथ बैठा लिया। फिर उसने मेरे चेहरा को अपने हाथों से पकड़कर मेरे होठ चूस लिए और बोली- “बाबू मेरा मन कर रहा है की आज आपको प्यार करंग…”

मैंने कहा- सच में?

अनु ने मेरी आँखों में अपनी आँखें डाली और कहा- “सच में…”

मुझे उसकी बात सच लगी। क्योंकी उसकी आँखों में अपने लिए मुझे प्यार नजर आने लगा था। पर एक औरत के दिल को कोई नहीं समझ सकता। मैंने अनु को अपनी बाहों में ले लिया और उसको चमतं कहा- “अनु आज मेरा मूड बन नहीं रहा तुम बना सकती हो तो?”

अनु ने मुश्कुराकर कहा- “बस इतनी सी बात?” और अनु ने अपने सब कपड़े उतार दिए और मेरे भी अब हम दोनों बेड पर नंगे थे। अनु ने मेरे सीने पर से चमना शुरू किया और मेरे लण्ड के पास तक चूमती रही। फिर अनु ने मेरे लौड़े को अपने मुह में ले लिया और अपनें होंठों में कसकर दबा दिया।

अनु के मुंह में जाते ही मेरे लौड़े को मजा आने लगा। अनु में मेरे लौड़े को अपनी जीभ से सहलाया फिर उसने मेरे लौड़े को अपने मुंह से बाहर निकालकर अपने हाथ में ले लिया और फिर उसने मेरे टटे को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और हाथ से लण्ड को हिलाने लगी। फिर अनु ने मेरे लौड़े को अपनी जीभ से ऐसे चाटा जैसे कोई आइसक्रीम को चाट रहा हो।

मेरे मुँह से- “उफफ्फ़.” की आवाज निकली। अनु ने फिर से मेरी गोलियों को चूसना शुरु कर दिया। मैं मस्ती में भर कर- “आअहह… अनु मेरी जान…” करने लगा।

अनु ने फिर मेरे लण्ड पर अपना मैं रख दिया और अपने होंठों को मेरे लण्ड की जड़ पर लेजाकर रख दिया।

उसकी इस हरकत से मरे पर जिएम में बिजली दौड़ गई। मैं मस्ती की आहे भरने लगा। मैंने कहा- “अनु मेरी जान…”
अनु ने मेरे लण्ड को अपने मुँह से बाहर निकाला और लंबी साँस लेकर कहा. “बाबू मजा आया?”

मैंने कहा- जान ही आअहह… आज क्या कर रही हो… आज तो पागल बना दोगी आअहह..”

अनु ने एक बार फिर से वैसा ही किया। वो मेरे लौड़े को अपने गले तक ले गई। फिर मैंह में लेकर चूसने लगी।

मैं बोला- “अनु मेरी जान … लगता है आज चूत का नम्बर नहीं आने दागी मुँह से ही झाड़ कर मानोगी.”

मुश्कुराकर अनु ने कहा- “झड़ने दो..” अनु ने फिर मेरे लण्ड को अपने मुँह में ले लिया और उसका लोलीपाप की तरह चसने और चाटने लगी। मेरे लौड़े पर इतना प्यार बरसा रही थी अनु की मेरे लण्ड के भी आँस निकल पड़े।

मैंने कहा- अनु मेरी जान मेरे लौड़े को मैंह से कस-कस कर चसा मैं झड़ने वाला हैं।

अनु ने मेरे लौड़े को मुँह में अच्छे से जकड़ लिया और लण्ड को झड़ा दिया। मेरे माल से अनु का मुँह भर गया। पर अनु ने उसको बाहर नहीं आने दिया सब पी गई।

मैने अनु से कहा- “आहह… मजा आ गया…”

अनु बोली- “आपको मजा आ गया, इसका मतलब मैंने सही किया है.”

मैंने उसकी चूची को पकड़कर कहा “ही मेरी जान…” और पूछा- “उस दिन का टेस्ट अच्छा था या आज का?”

अनु ने नजरें झुका कर कहा- “आज का..”
*****
*****मैंने फिर अनु को उसके घर के पास छोड़ दिया और मैं आफिस चला गया।

आफिस में गया तो ऋतु मरे केबिन में बैठी थी। मुझे देखकर बोली- “आपका कब से इंतजार कर रही हैं.”

मैंने कहा- “सारी… मैं किसी काम में फंस गया था..”

ऋतु बोली- “मुझे क्या आपका ही काम था? मैं तो आपके लिए ही इंतेजार कर रही थी, आप इतनी देर से आए हो मैं तो अब जा रही हैं..”

मैंने उसको ज्यादा कुछ नहीं कहा, मैंने कहा- “ओके कल देखते हैं. मेरा भी मन तो था नहीं, क्योंकी अनु ने पानी निकाल दिया था। इसलिए अब उसको रोक कर क्या करना था।

अगले दिन मैंने शोभा को फोन किया और कहा- “मुझे तुमसे कुछ काम हैं कहां मिलोगी?”

शोभा ने कहा- जहाँ आप कहो।

मैंने उसको कहा- “मेरे घर आ जाओ..”

शोभा बोली- “कोई खास काम तो नहीं?” क्योंकी वो चुदाई की बात समझ रही थी।

मैंने कहा- “नहीं वो कुछ अलग काम है..”

शोभा शाम को मेरे घर आ गई। मैंने उसको समझते हुए कहा- “शोभा ये लो 250000..”

शोभा पैसे देखकर चौंक गई, और बोली- “ये किसलिए दे रहे हो?”

मैंने कहा- “ये तुम रख लो। जब सुमित अनु को लेने आए तब सुमित को में पैसे दे देना और इस तरह से समझा देना की अनु को अभी तीन-चार महीने जाब के लिए मजबूर नहीं करे…”

शोभा मेरे मैंह को ताकने लगी। उसकी समझ में नहीं आ रहा था की मैं अनु के पति को अनु के लिए क्यों पैसे दे रहा हैं? ये तो शोभा को समझ में आ चुका था की मैंने अनु को भोग लिया है पर बात यहां तक आ जाएगी, बो नहीं सोच सकती थी।

मैंने उसको कहा- “ये बात उसको अचछे से समझाकर पैसे देना..”

शोभा बोली- “हाँ जी, मैं उससे पहले सब बात करेंगी…”

मैंने कहा- “अनु कहीं भी जाब करेंगी तो भी इतनी सलरी नहीं मिलेंगा उसको। जितना मैं दे रहा है…”

शोभा ने ही में सर हिला दिया।

मैंने कहा- “और एक बात, तुम कल अनु को लेकर मेरे घर आ जाना। मुझे उससे कुछ काम है..”

शोभा बोली- “किस टाइम तक आ जाऊँ उसे लेकर?”

मैंने कहा- “दो बजे के बाद आ जाना…” और शोभा को विदा कर दिया।

अगले दिन में आफिस गया तो लंच से पहले मैंने अपने सब काम निपटा लिए और घर चला गया। मैं अब अनु का इंतजार कर रहा था। मैंने अनु को फोन किया और पूछा- “कहां हो?”

अनु ने कहा- “मम्मी के साथ आ रही हूँ..”

मैंने कहा- “आ जाओ…”

थोड़ी देर बाद अनु और शोभा आ गई। मैंने पहले उन लोगों को ड्राइंग रूम में ही बिठा दिया।

चाय पीने के बाद मैंने शोभा से कहा- “तुम यही बैठो मैं अनु से अकेले में कुछ बात करेंगा.”

शोभा में कोई ना-नकर नहीं किया। पर अनु शर्मा गई। मैं उसको अपने रूम में ले गया।

अनु बोली- “आपने मम्मी के सामने मुझे यहां आने को कहा। वो क्या सोच रही होंगी?”

मैंने उसको कहा- “तुम अपनी माँ को इतना सीधा मत समझो। उसको सब पता चल गया है.”

अनु का चेहरा लाल हो गया, बोली- “हे राम…”

फिर मैंने उसको कहा- “अनु मैंने तुम्हारा काम कर दिया है। अब कोई तुम्हें जाब के लिए तंग नहीं करेंगा.”

अनु मुझे हैरान नजर से देखने लगी।

मैंने कहा- “सच में… मैंने वो काम कर दिया है…. फिर मैंने अनु को बता दिया की मैंने क्या किया है।

अनु मेरे से चिपट गई, बोली- “बाब, आप मेरे लिए ये सब क्यों कर रहें हो?”

मैंने कहा- “कुछ भी समझा लो। ऐसे समझ लो की कोई दोस्त तुम्हारी हेल्प कर रहा है…”

अनु ने मुझे देख कर अपनी आँखों में प्यार भरते हुए कहा- “आप मेरे लिए क्या हो, मैं बता नहीं सकती…”

मैंने कहा- क्या हूँ?

अनु शर्मा गईं।

मैंने कहा- मैं क्या हूँ बताओं ना?

अनु बोली- नहीं शर्म आती है।

मैंने उसको बाहों में भरा और कहा- “मेरे कान में बता दी। हम आपके है कौन?”

अनु ने मेरे कान में हल्के से कहा- “मेरे पिया, मेरा बाबू, मेरी जान, मेरा देवता…”

मैंने अनु को कहा- “मैं इतना अच्छा भी नहींम जितना तुम समझती हो..”

अनु ने कहा- मेरे लिए हो।

मैंने उसको कहा- “काश तुम मेरी लाइफ में पहले से होती?” फिर मैंने कहा- “अनु तुम ये बताओं तुमनें कब जाना है”

अनु ने कहा- समित को कल मम्मी ने फोन किया था तब उसने कहा था वो मंगलवार को आएगा।

मैंने कहा- इसका मतलब आज शनिवार है, कल सनडे। सिर्फ दो दिन हो तुम मेरे पास यहां।

अनु ने कहा- “हम्म्म्म
… पर मैं वहां जाकर भी आपका भूल नहीं पाऊँगी..”

मैंने कहा- “मैं भी तुम याद करता रहूंगा.. और मैंने अनु को उस दिन बिना चाई ही जाने दिया। क्योंकी में अनु के साथ पूरी रात बिताना चाहता था। मैं अनु के साथ ड्राइंग रूम में आ गया।

मैंने शोभा को अलग लेजाकर कहा- “तुम्हें मेरा एक काम करना है.”

शोभा ने कहा- कौन सा काम?

मैंने कहा- “अनु को मेरे साथ एक रात के लिए तुम्हें छोड़ना होगा..”

शोभा ने कहा- “ये कैसे हो सकता है? मैं ऐसा कैसे कर सकती हर”

मैंने कहा- “ये मैं नहीं जानता। तुमको जो करना है करो। ये कल शाम को मेरे पास यहां होनी चाहिए.”

शोभा को पता है की मैं जब अपनी पर आ जाता है तब कोई मुझे नहीं समझा सकता।

मैंने कहा “तुम कल शाम को मुझे फोन कर देना में लेने आ जाऊँगा…”

अनु ने कहा- “कहां चलना है?”

मीना कहा- “तुमको यहां आना है मेरे पास। मैंने तुम्हारी मम्मी से कह दिया है..”

अनु ने कहा- “में आ जाऊँगी…

शोभा बोली- “अगर अनु के साथ मैं भी आ जाऊँ तो कोई दिक्कत तो नहीं?”

मैंने कहा- आ जाना।

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1 Comment

  1. Minu

    Mera boss bhi muze dekh badi jibh laplapata hei, soch rahi hun lelu sale ko andar…

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