अब अनु ने जोर-जोर से मादक सिसकियां लेनी शुरू कर दी। मैंने अब फानल टच दिया और अन् की चूत पर अपनी जीभ फेरी। मुझे शहद का स्वाद आने लगा था। मैं उसकी चूत के बाहर जितनी भी शहद भी उसको अपनी जीभ से चाटने लगा। फिर मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी। अनु तो जैसे 7वें आसामान में पहंच गई हो, उसने परे रूम में अपनी सिसकियों का गाना चला दिया।
अनु- “हाईई… मर गई मैं ऑईईई… उहह… उम्म्म्म
… बाबू मेरे बाबू आईई… ओह्ह… मेरे शोन ना
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मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत से शहद ऐसे चाटनी शुरू कर दी, जैसे मैं मटके वाली कुलफी में जीभ डालकर चाट रहा हूँ वैसे। उसकी चूत इस टाइम मुझे मटके वाली कुलफी ही लग रही थी। मैं भी पूरे मजे लेकर उसकी चूत चाट रहा था।
अनु की ये हालत देखकर ऋतु की चूत में भी खलबली मची हुई थी। पर मैंने उसको पहले ही समझा दिया था की मैं पहले अनु को चोदूंगा, उसके बाद तुझे। पर चूत में अगर एक बार खुजली होने लग जाए तो रुकती नहीं। वही हुआ ऋतु के साथ। वो उठकर बैठ गईं, मुझे ऐसे देखने लगी की अगर मैंने उसकी चूत का कुछ नहीं किया तो वो रो पड़ेगी।
मैंने ऋतु को कहा- “सिर्फ दो मिनट रुक…
मैंने अब तक अनु को बेहाल हर दिया था और अनु को अब होश नाम की चीज नहीं थी। होती भी कैसे? उसने कभी चूत को चटवाया ही नहीं था और जिस तरह पहली बार उसकी चूत की चटाई हो रही थी वो शायद किश्मत
से ही किसी लड़की की हो सकती है।
अनु की चूत में अब तक जो शहद का टेस्ट आ रहा था अब धीरे-धीरे नमकीन होने लगा था। अनु ने अपने ऊपर से बैंड शीट कब की उतार कर फेंक दी थी। वो बिल्कुल नंगी पड़ी थी।
अत भी अपनी नंगी चूत को रगड़ रही थी।
मैंनें ऋतु को कहा- “अनु के मुँह पर अपनी चूत रख दे..”
ऋतु बिना सोचे अनु के मुँह पर अपनी चूत रखकर बैठ गईं। अनु ने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया।
मैंने मन में सोचा- “ऋतु एक बार झड़ जाए फिर ये काई पंगा नहीं करेंगी…”
मैंने अब अन् की चूत से अपना मैंह हटा लिया था। मैं अब अन् की चूचियों को सहलाने लगा, फिर अन् का निपल अपने मुँह में ले लिया। मैंने बच्चों की तरह उसकी चूचियां चूसनी शुरू कर दी। अनु ने भी मेरे मुँह में अपने ताजें दूध की पिचकारी छोड़ दी। मरें मह का टेस्ट बदलने लगा। मुझे फ्रेश मिल्क जो मिल रहा था मैंने उसकी चूची को कसकर चूसना शुरु कर दिया और अपने हाथ से उसकी चूचियों को मसल भी रहा था। जिससे उसके दूध का फ्लो कम ना हो। मैंने अपने हाथ से अन् की दूसरी चूची के निपल को एआ तो उससे भी दूध रिसने लगा था। मैंने अब उसकी दूसरी चूची को मैंह में ले लिया। अब मैं उसकी दूसरी चूची से दूध पी रहा था।मैंने वैसे भी कई साल से में बाला दूध नहीं पिया था। ज्यादातर जितनी भी चूत मिली या तो वारी या फिर बिना दूध वाली थी। पर आज तो मैं दूध वाली को चोद रहा था। उसका दूध पीकर उसकी चूत में अपना माल छोड़ने वाला था। फिर मैंने अनु की दोनों टांगों को फैला दिया और अपना लौड़ा उसकी चूत पर रख दिया। अनु ने अब तक ऋतु को झड़ा दिया था।
ऋतु ने अनु के मुँह से अपनी चूत हटा ली थी।
मैंने अनु की चूत में अपना लण्ड आधा से कम डाल दिया। अनु की चूत पहले से ही इतनी फ्री थी, उसमें लौड़ा घुसता चला जा रहा था। मैंने अनु की चूत में पूरा लण्ड डालकर दो-तीन धक्के मारे, फिर आधा निकाल लिया और उसकी चूची मुँह में ले ली। अन् की चूत तो अब लौड़े की तेज ठाप माँग रही थी। उससे रहा नहीं गया वो अपनी गाण्ड को उठाकर लण्ड अंदर लेने लगी। वो अपनी गाण्ड जितना उठाती थी, मैं अपना लौड़ा उतना बाहर निकाल लेता था। मैं अनु को लण्ड के लिए तड़पा रहा था।
अब अनु से रहा नहीं गया, वो बोली- “पूरा डाला ना उस्स्स.”
मैंने कहा- “क्या डालू?”
अन् बोली- “उम्म्म्म
… बाबू अपना लण्ड डालो ना..”
मैंने कहा- कहां डालू बताओ?
अनु ने कहा- “इस्स्स्स
… मेरी चूत में डालो अपना लण्ड…
मैंने अपने लौड़े को जोर से धक्का मारकर उसकी चूत में कस के घुसेड़ दिया।
नु को मजा आ गया तो बोली- “हाँ मेरे बाबू ऐसे ही करो आह्ह..”
मैं फिर रुक गया, मैंने कहा- “फिर से कहो मुझे चोदो..”
अनु तो अब पागल हो चुकी थी बोली- “हाई इसस्स… अपने लण्ड से मुझे चोदो जोर-जोर से…”
मैंने उसकी चूत में कस-कस के 10-12 धक्के मारे।
… आहह… इस्स्स… आहह..” करने लगी। उसके दोनों हाथ मेरी कमर पा थे। वो मेरी पीठ का नोचें
अन्- “इस्स्स्स करे जा रही थी।
पर मैं तो मस्ती में डूबा हुआ था। मैं एक बार फिर से रूक गया।
अनु- “इस्स्स… आहह… बाबू मेरे बाब… मुझे चोदो… आहह..” करने लगी।
में अब उसको और पोशान नहीं करने वाला था। मैंने उसकी चूत में अपना लौड़ा तेजी से अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया। अन् की सिसकियां और तेज हो गई। मेरे हर धक्के पर वो सिसकी तेज कर देती। मैं अन् की दोनों चूचियों को दबाकर उसके निपल को चूस रहा था। फिर उसकी चिकनी काँख पर जीभ फेरनी शुरू कर दी।
अन् को और मजा आने लगा। अन् की चूत में पानी का तालाब बना हुआ था। मैंने अपना लण्ड अन् की चूत से
ल लिया और तौलिया में अन् की चूत को साफ किया। और फिर से अपना लौड़ा अन् की चूत में डाल दिया। अनु की चूत अब थोड़ा सा सूखी हुई लगने लगी।
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मैंने अनु को कहा- “अपने दोनों हाथ अपनी गाण्ड के नीचे रख लो..”
अन् ने जल्दी से अपने हाथ अपनी गाण्ड के नीचे रख लिए। अब उसकी चूत ऊपर उठ गई थी। मैंने उसकी चूत में अपना लौड़ा पूरा निकालकर जड़ तक ठोंकना शुरू कर दिया। मेरे लण्ड की ये चोट अनु की बच्चेदानी तक जाने लगी। अनु की ऐसी चुदाई कभी नहीं हुई थी। ये अनु की लाइफ की सबसे मस्त चुदाई थी, और फिर जैसा की आपको पता है की चुदाई के खेल में बलिदान लण्ड को ही देना पड़ता है। वही हुआ। मैंने अनु की चूत में अपना लौड़ा उसकी बचचंदाजी से चिपका कर माल झाड़ दिया।अनु तो पहले से ही दो-तीन बार झड़ चुकी थी। उसकी चूत मेरे माल का जितना अंदर समा सकती थी उतनी कोशिश करने लगी। मैं अनु की चूत में लण्ड डालकर पड़ा रहा। अनु के दोनों हाथ फिर से मेरी पीठ पर थे। मुझे अब महसूस हो रहा था की जैसे मेरी कमर पर किसी नोकदार चीज से खरोचें डाल दी हो। मैं समझ गया की अनु के नाखून मेरी कमर पर अपने निशान छोड़ चुके हैं। मैं अनु के ऊपर से हट गया और उसके पास में लेट गया।
अब मैं बीच में था। मेरे दाहिनी तरफ में अन् और बाईं तरफ में ऋतु थी। दो-दो भूखी चूतों के बीच पड़ा मैं बेचारा मासूम सोच रहा था “मेरे दोनों तरफ मस्ती से भरी चिकनी चूतें पड़ी थी, और मैं उन दोनों के बीच में अपने एकलौते लण्ड के साथ पड़ा था.”
फिर अन् ने मेरी तरफ अपना चेहरा कर लिए मैंने उसके सिर के नीचे अपना हाथ तकिया बनाकर रख दिया। वो अब मेरी छाती पर अपना सर रखकर लेट गई। फिर उसने मेरे सीने में अपना मुँह छुपा लिया, और अपनी टांग उठाकर मेरे ऊपर रख दी। में प्यार से उसकी कमर पर हाथ फेरने लगा। अनु की बड़ी-बड़ी छातियां मेरे जिम को छूकर मेरे जिम में तरंग पैदा कर रही थी।
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मैंने अनु से कहा- “कैसा लगा हनीमून?”
अनु ने मेरे सीने में अपना मुँह छुपाते हुए कहा “आप बड़े गंदे हो.”
मैंने कहा- “मैंने कौन सा गंदा काम किया है?”
अनु बाली- “आपने मुझे कितना तड़पाया था। आपको मुझे तड़पाने में क्या मजा आता है?”
मैंने अन् से कहा- “जानेमन इसी तड़प में तो मजा है। अगर में सीधा-सीधा तुमको चोदता तो क्या मजा आता?” फिर मैंने अनु को कहा- “चलो मैं जरा एक शावर लेकर आता है..” और मैं उठकर बाथरूम में चला गया।
अनु को भी अपने बदन पर चिपचिपाहट महसूस हो रही थी, वो भी उठकर मेरे पीछे-पीछे आ गई अब हम दोनों बाथरूम में थे।
मैंने उसको देखते हुए कहा- “तुम मेरे साथ जहाओगी क्या?
अनु ने मेरे पास आकर मेरे सीने पर अपना सिर रख दिया। मैं समझ गया उसके दिल की बात। मैंने उसको अपनी बाहों में भर लिया और शावर चला दिया। अनु मेरे सीने के बालों से खेल रही थी।
Mera boss bhi muze dekh badi jibh laplapata hei, soch rahi hun lelu sale ko andar…