मैंने अनु की तरफ देखा तो अनु ने फैसला मुझ पर छोड़ दिया। फिर हम सब बोट में बैठ गये। मैंने बोट वाले से कहा- “बोट को दूर तक ले चलो…”
मैंने बोट में अन् का हाथ अपने हाथ में लेकर कहा- “अन् तुमने अगर आज पूरी रात मजा लेना है तो मैं जैसा कहूँ वैसा ही करना…”
अनु बोली- “मुझे आज हर सुख लेना है। आप जो कहोगे मैं करूँगी.”
मैने ऋतु से कहा- “तुम अपनी मम्मी को फोन करा और उनमें बोला की हम लोग जब से यहां आए हैं, मौसम खराब होने लगा है और अब तो मौसम बड़ा खराब हो गया है। बारिश हो रही है। हम लोग इतने खराब मौसम में वापिस कैसे आएं? अगर आप कहो तो हम लोग सुबह मौसम ठीक होते ही निकाल पड़ेंगे..”
ऋतु ने मुझे घूर के देखा और शोभा को फोन किया। पहले तो शोभा मना करने लगी।
ऋतु – “अगर इस मौसम में कार रास्ते में खराब हो गई तो कितना रिस्क है?”
मैंने अनु को कहा- “तुम भी फोन पर कह दो रुकने के लिए.”
अनु ने ऋतु से फोन लेकर शोभा से कहा- “मम्मी, हम तो यहां आते ही फंस गये। कुछ देखा ही नहीं..’
शोभा ने कहा- “अच्छा-अच्छा, तुम लोग कल आ जाना, मैं बेबी को संभाल लूंगी। तुम चिंता मत करो..”
.
मैं खुश होकर बोला- “अन् तुम अब देखना मैं इस रात को तुम्हारी सुहागरात से भी ज्यादा रंगीन बना दूँगा..”
अनु के गाल लाल हो गये। हम बाट से उतरकर माल रोड पर घमने लगें। अन् ने मुझसे कहा- “कुछ खाने का मन कर रहा है..”
मैंने कहा- “मुझे भी भूख लग रही है..”
फिर हम सबने खाना खाया तब तक 6:00 बज चुके थे।
मैंने अनु से कहा- “तुम ऋतु के साथ रूम में चलो, मैं अभी आता हूँ..”
ऋतु ने कहा- “आप कहां जा रहे हो?”
मैंने कहा- “मुझे कुछ लेना है। तुम दोनों जाओ, हा आता हैं…” उनका बोलकर मैं बाजार में चला गया। मैंने जाते ही डाबर मधु खरीदा और एक विस्की की बोतल, थोड़ा नमकीन बगैरह लेकर में रूम में आ गया। अनु और ऋतु दोनों बातें कर रही थी।
ऋतु मुझे देखकर बोली- “क्या लेने गये थे?”
मैंने कहा- “ये विस्की और नमकीन …
ऋतु ने कहा- अब रात का क्या करना है?
मैंने कहा- “पहले तुम दोनों नहाकर आओं और बाहर सिर्फ तौलिया लपेटकर आना…”
अनु ने मुझे सवालिया नजर से देखा।मैंने कहा- “जैसा मैंने कहा, वैसा ही करा तब तक में एक-दो पेग पी लें…”
पहले अनु नहाने गई वो नहाकर आई।
तब मैंने ऋतु से कहा- “अब तुम जाओ…”
ऋतु नहाने चली गई। मैंने अनु को देखा तो अन् का जिम ऐसा था जैसा किसी साँचे में टला हआ हो। वो थोड़ी मोटी जरा थी, पर उसको कोई मोटा नहीं कह सकता, क्योंकी उसकी छातियां और गाण्ड बहुत गोल थी, उसकी जांघों की शेप भी गजब थी।
मैंने अन् को कहा- “मेरे पास आओ..”
अनु मस्त हो चुकी थी। गाण्ड हिलती हुई आ गई। मैंने उसका एक डी.ओ. देते हुए कहा- “अपनी पूरी बाडी पर इसको लगा लो..”
अन् ने लगा लिया मैंने उसको कहा- “पूरी बाडी पर लगाओ…”
अन् ने अपने तौलिया में भी डी.ओ. डालकर स्ने किया।
मैंने उसको कहा- “अब तम बैंड पर लेट जाओं और अपने जिश्म को बेडशीट से टक लो। तौलिया निकालकर
बाहर रख दंना…”
अन् ने वैसा ही किया। मैंने बा तौलिया उठाकर रख दिया। ऋतु भी नहाकर आ गई उसको भी मैंने ऐसा ही करने को कहा। अब वो दोनों बहनें बेड पर नंगी पड़ी थी, सिर्फ बेडशीट से टकी हई थी। मैंने शहद की शीशी अन् को दी और कहा- “इसको अपनी चूत में डाल लो, जितनी ज्यादा चली जाए..”
अनु मुझे ऐसे देखने लगी जैसे में कोई पागल हैं।
मैंने अनु को कहा- “तुम सोचो मत, मैंने जैसा कहा है वैसा करो..”
मैंने ऋतु में कहा- “तुम मत डालना..”
ऋतु ने मुझे गुस्से से देखा तो मैंने उसको कहा- “तुम्हारे लिए कुछ और लाया हूँ.
ऋतु कुछ नहीं बोली। फिर मैंने कहा- मैं नहाकर आता हूँ..” और बाथरूम में घुस गया।
मैंने अपनी बाडी को वाश किया फिर डी.ओ. लगाकर मैंने सिर्फ अपना जाकी पहना और बाहर आ गया। मैंने बाहर आकर देखा तो शहद की आधा खाली शीशी बेड पर थी। मैं समझ गया अनु ने काम कर लिया है।
मैने अनु से कहा- “अब तुम स्वर्ग देखने के लिए तैयार हो जाओ, मैं तुम्हें अब जन्नत दिखाता हूँ..”
अनु कुछ ज्यादा ही मस्त हो गई थी, बोली- “पता नहीं कब दिखाओगे? में में तो कब से इंतजार ही कर रही हैं.”
मैंने अनु के पैर की तरफ से अपना काम शुरू किया। अनु के पैरों से बेडशीट को उठाया और उसकी जांघों तक कर दिया। मैं अब उसकी नंगी टांगों को फैलाकर उसकी पिंडलियों को सहलाया और चूमने लगा। अनु की सिसकियां सुनाई देनी शुरू हो गई। मैंने उसकी पिंडली से उसकी जांघों तक किस करना शुरू कर दिया, फि उसकी जांघों से ऊपर तक बेडशीट को हटा दिया। अन् ने अपनी टांगों को बंद कर लिया।
मैंने अनु की दोनों टांगों को फिर से अलग कर दिया और कहा- “अब ये आपस में मिलाना नहीं.”
अनु ने अपना मुँह टका हुआ था। उसकी आवाज आई- “अच्छा पर क्या करू गुदगुदी हो रही है।”
मैंने कहा- “हाने दो तुम ऐसे ही रहना..”
अन् की फिर आवाज आई. “अच्छा… मैं अब नहीं करेगी..”
फिर मैंने जहां से उसकी चूत शुरू हो रही थी उस जगह से अपनी जीभ फेरनी शुरू कर दी। अन् को मदहोशी
छाने लगी तो वो अपनी गाण्ड को उछाल रही थी। मैं तो उसको अभी और तड़पाने वाला था, इसलिए मैंने उसी जगह पर जीभ फिरानी शुरू कर दी। हल्के से ऊपर तक ले जाता, पर जैसे ही अन् को लगता में उसकी चूत पर अपनी जीभ लगाने वाला हैं में नीचे हो जाता।
Mera boss bhi muze dekh badi jibh laplapata hei, soch rahi hun lelu sale ko andar…