ऋतु ने कहा- “दीदी आज ही उसकी कारिगर से भेज दो… फिर दो-चार इधर-उधर की बात करके ऋतु ने फोन काट दिया और मुझे देखकर बोली- “कल डी.बी.डी, आ जायेंगी तब पता चलेगा आपको.”
मैने मुश्कुराकर कहा- “अगर तुमको मेरी बात का बुरा लगा है तो आई आम वेरी सारी…”
अगले दिन आफिस में कॉरियर में एक पैकेट आया। पैकेट ऋतु के नाम था। वो समझ गई। अत पैकेट लेकर सीधा मेरे पास आई और बोली- “लीजिए, और इसका अभी देखिए..”
मैंने डी.वी.डी. अपने लप्पी में लगा दी। प्ले होतें ही ऋतु बोली- “इसको फारवई करिए, मैं आपको वो सीन दिखाती हैं, जिसमें मैं डान्स कर रही हैं.”
मैंने डी.बी.डी, का फारवर्ड किया, जहां से ऋतु का डान्स शुरू हुआ वहां से देखनी शुरू की। सच में जैसा ऋतु ने कहा था, उसका डान्स उससे भी बढ़ कर था। उसकी बल खाती कमर गजब ढा रही थी। उसकी शिरकन किसी आर्टिस्ट जैसी थी।
फिर मेरा ध्यान किसी और पर गया जो ऋतु के साथ डान्स कर रही थी। मैंने दिल ही दिल में आऽऽ भरी। ऋतु के साथ डान्स करने वाली जो भी थी मैं उसको नहीं जानता था। पर उसका चेहरा ऋतु में मिल रहा था। वो थोड़ी मोटी थी पर थी बला की संदर। उसका डान्स उससे भी सेक्सी था। वो अपने चूतड़ों को ऐसे मटका रही थी की देखने वाला अपना आपा खो बैठे। वो अपनी चूचियों को हिला-हिलाकर डान्स कर रही थी। डान्स करते टाइम उसका पूरा जिम थिरक रहा था। फिगर भी बिल्कुल 36-30-36 था। इतना मस्त फिगर देखकर लण्ड में हंकार मारी। मैं उसको देखता ही रह गया। उसकी मोटी-मोटी जांघों को देखकर में पागल हो उठा।
मैंने ऋतु में कहा- “ये कौन है?”
ऋतु ने कहा- यही तो है अनु दीदी जिनके घर हम गये थे।
मेरे मुँह से सीटी बज उठी। मैंने कहा- “वाह… कितना सेक्सी डान्स कर रही हैं। कितनी सुंदर है तुम्हारी दीदी…”
ऋतु ने ये सुनकर मुझे घूरते हुए कहा- “आपके मन में क्या चल रहा है?”
मैंने कहा- “कुछ नहीं। मैं तो हुश्न का पुजारी हूँ। तारीफ के लायक जिसको भी देखता हूँ तारीफ कर देता हैं.”
सुनकर ऋतु हसने लगी, और बोली- “आप भी ना…”
मैंने कहा- मैं भी ना क्या?
ऋतु बोली- कुछ नहीं
फिर मैंने ऋतु से कहा “मैं तुम्हारा डान्स देखकर मान गया की तुम सच में बहुत अच्छा डान्स करती हो… मैं इस डी.बी. डी. को अपनी लप्पी में सेव कर लेता हैं रात को ठीक से देखूगा..”फिर मैंने ऋतु से कहा “मैं तुम्हारा डान्स देखकर मान गया की तुम सच में बहुत अच्छा डान्स करती हो… मैं इस डी.बी. डी. को अपनी लप्पी में सेव कर लेता हैं रात को ठीक से देखूगा..”
ऋतु बोली- “हाँ आप कर लीजिए..”
मैंने झट से डी.वी.डी. अपने लप्पी में सेव कर लिया और डी.वी.डी. ऋतु को देते हुए कहा- “चार दिन बाद आफिस आई हो, जरा जाकर देखा तो कितना काम पेंडिंग पड़ा है?”
ऋतु ने कहा- “हाँ, मैं अब जाकर सब पंडिंग काम देखती हूँ..”
मैंने ऋतु के जाते ही फिर से डी.वी.डी. प्ले कर दी। मेरा सारा ध्यान अब अन् को देखने में था। मेरे दिमाग में उसका भरा हआ बदन उसकी मोटी-मोटी जांघे और उसकी मस्त छातियां घूम रही थीं। मैं हर उस सीन को पाज करके देखने लगा जिसमें अन् थी। फिर एक सीन ऐसा देखा जिसमें वीडियो कवर करने वाले में पूरा हरामीपना किया था। वो सीन कुछ ऐसा था जिसमें अन सोफे पर बैठी थी, उसकी मोटी-मोटी जांचें फैली हुई थी, उसकी अंदर की जांघ क्लिपर दिख रही थी। अन में सफेद कलर की लेगिंग पहनी हुई थी, जिसमें उसकी जांघ की पूरी शंप बिलयर दिख रही थी। अन की मोटी-मोटी जांघों में उसकी चूत कैसी होगी? उसकी चूचियां कितनी मस्त होगी? मैं उसके बारे में सोचने लगा। मैंने डी.बी.डी. को कई बार देखा। शाम कब हो गई पता ही नहीं चला। अनु के जिम को देख-देखकर मेरे लण्ड का बुरा हाल हो गया था।
मैंने अत को बुलाया तो बो आते ही बोली- “आपके पास टाइम ही नहीं है मेरे लिए “
मैं समझ गया की वो गुस्से में है। मैंने उसको कहा- “ऐसा नहीं है। मैं काम में बिजी था..”
ऋतु मेरे पास आ गई उसने मेरी शर्ट के दो बटन खोल दिए और मेरे सीने के बालों से खेलने लगी। मैं समझ गया की ये 4 दिन से चुदी नहीं, इसलिये इसकी चूत में खुजली मच रही है, और उसकी चूत अब लण्ड माँग रही हैं। मैंने ऋतु को अपनी गोद में खींच लिया और किस करने लगा। अन् को देखकर में पहले से ही गरम हो गया था। ऋतु के जिम से खेलते हुए आग और बढ़ गई।
मैंने ऋतु को कहा- “चलो अपनी चुदाई वाली जगह पर…”
ऋतु समझ गई और साफ की और चल दी। मैंने जाते ही ऋतु की कमीज उतार दी। उसकी ब्रा का हुक खोल दिया। मैं उसकी चूचियों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। फिर मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खींच दिया झटकं से, तो उसकी सलवार उतर गई। में परे जोश में था। मैंने उसकी पैटी को नीचे खिसकाया। ऋतु में बाकी का काम खुद कर लिया। मैं ऋतु को सोफे पर लेकर पड़ गया।
—
मैंने उसकी चूची को मुँह में लेते हुए कहा- “आज मेरा लण्ड तुम अपने हाथ से पकड़कर अपनी चूत पर रखो..”
ऋतु भी 4 दिन से चुदासी हो रही थी। उसने झट से मेरा लौड़ा अपने हाथ से पकड़कर अपनी चूत पर रख दिया। मैंने जोर का झटका मारा और ऋतु की चूत में लण्ड घुसा दिया। लौड़ा पूरा डालकर धक्के मारने लगा। मैं ऋतु को चोदते समय अन की कल्पना कर रहा था। मैंने अपनी आँखों को बंद करके ये सोचा जैसे की मैं अन् को ही चोद रहा हूँ। मुझे ऋतु में अनु नजर आ रही थी।
ऋतु आज जल्दी ही झड़ गई। उसने झड़ते ही मुझे अपनी बाहों में कस लिया। मैं भी अब कहां रूकने वाला था। दो मिनट बाद मैंने भी अपना माल ऋतु की चूत में झाड़ दिया। ऋतु और में दोनों कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे।
फिर मैंने ऋतु से कहा, “मेरे लण्ड को साफ कर दो..”
ऋतु समझ गई की उसको क्या करना है। उसने अपनी पैंटी से मेरे लौड़े को पोंछकर साफ कर दिया। मैं अब उसकी पैंटी से ही लण्ड को साफ करवाता था। फिर ऋतु में अपने कपड़े पहने, और जाने के लिए तैयार हो गई।
Mera boss bhi muze dekh badi jibh laplapata hei, soch rahi hun lelu sale ko andar…