मैंने कहा- “तुमने कोई सेक्स दवाय इस्तेमाल नहीं किया?”
उसने कहा- घर में दो-दो जवान बेटियां हैं, और इतना छोटा सा घर है। किसी के हाथ में कुछ आ गया तो?
ना बाबा ना… मैं इतना बड़ा रिस्क नहीं ले सकती.’
मैं हँसने लगा। मैंने उसको कहा- “मैं जब ऋतु को तुम्हारे घर में चोद रहा था, तो तुम साथ वाले रूम में सब सुन रही थी?”
शोभा ने कहा- हौं, मझे सब पता चल रहा था। ऋतु की चीखों को सुनकर मेरे मन में कुछ-कुछ होने लगा था। में इतनी गरम हो गई थी की मैं भी अपनी चूत में उंगली डालकर अपना पानी निकाल रही थी।
मैंने कहा- तुम कल तो मुझे मना कर रही थी।
शोभा ने कहा- आपकी बात सुनकर मेरा मन तो ललचा गया था पर मैं इतना जल्दी अगर मान जाती तो आपको भी लगता की में पहले से ही ऐसा सोच रही हैं।
मैंने कहा- “हम्म्म्म… अपना ग्लास खाली करो। एक-एक ग्लास और पीते हैं..”
शोभा बोली- “नहीं नहीं बस और नहीं। मैं इससे ज्यादा नहीं पी सकती…”
मैंने कहा- तुमको शाम तक यहा रहना है। एक ग्लास और पी लो तो मूड बना रहेगा।
शोभा बोली- हाँ ये भी ठीक है।
मैंने उसका ग्लास फिर से भर दिया।
शोभा बोली- “मैंने कल जब आपका लण्ड देखा तब से ही मेरा मन आपसे चुदवाने को कर रहा है। पर कल मैं इस लायक नहीं थी, वरना कल ही आपका लौड़ा अपनी चूत में घुसवा लेती.” उसको इस अंदाज में बात करते देखकर मैं समझ गया अब ये पूरी तरह से फिट हो गई है।
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मैंने उसको कहा- “बाकी खतम करो फिर मजा लेटते हैं…”
शोभा ने झटके से उलास खाली किया और खड़ी हो गई। बड़ी मादक सी अंगड़ाई लेते हुए बोली- “मजा आ गया..’ उसने जब अपने हाथ उठाए तो उसकी गोरी गोरी चिकनी कौंख देखकर मेरे लण्ड में तनाव बढ़ने लगा।
मैंने उसको पूज- “तुम काँखें हमेशा शेब करती हो या आज ही करके आई हो?”
शोभा ने कहा- “मैं वैसे तो कभी कभार ही करती हैं। पर आज इतना बड़ा दिन है मेरे लिए तो आज तो मैं पूरी तरह से खुद को तैयार करके आई है..”
मैंने हँसते हुए कहा- “अपनी चूत को भी तैयार किया है?”
उसने कहा- हाँ वहां भी तैयार है।
मैंने कहा- जरा मेरे पास आकर मुझे अपनी चत के दर्शन तो करवाओ।
शोभा मेरे पास मस्त चाल से चलती हुई आकर खड़ी हो गई। मैंने उसकी साड़ी में हाथ डाला तो सीधा उसकी चूत पर जाकर रुका।
मैंने उसको कहा- “तुम पैंटी नहीं पहनकर आई?”
शोभा ने शरारत से कहा- “पैंटी उतरवाने आई है. पहनकर क्या करती?”
मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी। शोभा में मस्ती से भरी हुई सिसकी ली। मैनें उंगली को 4-5 बार अंदर-बाहर किया तो उसकी चूत में पानी छोड़ दिया। मैं समझ गया की इसकी चत अब लौड़ा माँग रही है। पर मैं तो उसको तड़पा-तड़पाकर चोदना चाहता था, मैंने उसकी साड़ी को खींचकर उतारना शुरू कर दिया, तो वो अपनी जगह खड़ी-खड़ी घूम गई। शोभा अब पेटीकोट ब्लाउज में खड़ी थी। उसका गोरा जिम मेरी आँखों के आगे था। उसकी बाड़ी सच में जवान लड़कियों जैसे थी। कहीं में टीलापन नहीं था।मैंने उसको कहा- “मेरा मूड अभी पूरी तरह से नहीं बना। पहले मेरा मूड बनाओ तब तुमको चुदवाने में मजा आएगा…”
शोभा ने मुझे सवालिया नजर से देखा, और कहा- “आपका मह कैसे बनेगा? आप खुद बता दीजिए..”
मैंने उसको कहा- “तुम बैंड पर खड़ी हो जाओ, और अपने कपड़ों को एक-एक करके उतारा। मुझे अपनी अदाओं से दीवाना बनाओ, मुझे तुम्हारी जो अदा सबसे मस्त लगेगी मैं अपना एक कपड़ा उतार दूँगा। जब तुम मुझे पूरा नंगा कर दोगी, तब मैं तुम्हें चोदूंगा। ये एक खेल है खेलागी मेरे साथ? बोलो मंजूर है?”
शोभा मस्ती में डूबी हुई बोली- “मंजूर है..” फिर शोभा पलंग पर खड़ी हो गई।
मैंने म्यूजिक ओन कर दिया और शोभा बेड पर खड़ी होकर दो मिनट तक तो म्यूजिक के साथ अपने जिएम को हिलती रही। फिर उसने अपने ब्लाउज के हक को एक-एक करके खोलना शुरू कर दिया। फिर उसने अपने ब्लाउज को उतारकर फेंक दिया। मैं उसके हर आक्सन को बड़े ध्यान से देख रहा था, और मन ही मन हँस भी रहा था की इसकी हर हरकत कामुक हो रही है। फिर शोभा ने अपनी ब्रा को खोल दिया तो उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां उसके जिश्म के साथ हिलने लगी। मुझे उसकी ये अदा पसंद आई तो मैंने अपनी शर्ट उतार दी। ये देखकर शोभा को जोश आ गया। उसने अपना पेटीकोट अपनी जांघों तक उठाया।
मैं उसकी गोरी गोरी चिकनी जांघं देखकर मदहोश हो गया। फिर शोभा ने मेरी तरफ अपनी गाण्ड कर दी और अपने पेटीकोट को अपनी गाण्ड तक उठा दिया। उसके गोरे-गोरे सेब की तरह के चतड़ मस्त लग रहे थे। शोभा अपनी गाण्ड को म्यूजिक के साथ गोल-गोल करके किसी डान्सर की तरह घुमाने लगी। मुझे उसकी ये अदा और ज्यादा पसंद आई, तो मैंने अपनी जीन्स उतार दी।
शोभा ने जब मेरी तरफ मुँह घुमाया तो मैं सिर्फ अपने जोक्की में था। शोभा को लगा की उसकी मेहनत सफल हो गई। अब शोभा पूरे जोश में आ गई थी। उसने अपने पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और पूरी नंगी होकर मेरे सामने अपने जिस्म को म्यूजिक के साथ थिरकाने लगी। फिर उसने अपना हाथ अपनी चूत पर रख दिया, और अपनी चूत को सहलाने लगी। शोभा में मेरी तरफ देखा।
मैंने कहा- “थोड़ा सा और…”
अब शोभा बेड पर अपनी दोनों जांघों को फैलाकर बैठ गई, और अपनी उंगली को अपनी चूत में डालकर बड़ी सेक्सी आवाज में- “अहह… आआआ.. आहह…” करने लगी।
उसकी इस अदा पर मैंने अपना जोक्की भी उतार दिया। अब मैं बिल्कुल नंगा था। मेरे ताने हए लौड़े को देखकर शोभा की चूत मचलने लगी।
शोभा ने अपनी बाहों को फैलाकर कहा- “मेरे राजा अब और मत तड़पाओ, मेरी चत में अपना लौड़ा डाल दो..”में सुनकर मुझसे रहा नहीं गया। मैं शोभा की दोनों जांघों के बीच में बैठ गया और अपना लौड़ा उसकी चूत में घुसा दिया। मेरे लौड़े को शोभा की चूत में जाने में कोई अड़चन नहीं हुई। शोभा की चूत का अगर भोसड़ा नहीं बना था तो टाइट भी नहीं थी। मेरा लौड़ा शोभा की चूत में बड़े आराम से जा रहा था। मैं अपना पूरा लौड़ा शोभा की चूत में अंदर-बाहर कर रहा था। फिर शोभा ने जब अपनी गाण्ड उठाकर मेरे हर शाट का जवाब देना शुरन किया तब मैंने शोभा की गाण्ड के नीचे तकिया लगा दिया।
अब शोभा की चूत मेरे लौड़े के बिल्कुल पास हो गई। मैं उसकी चूत में अपना लौड़ा पूरा निकालकर धक्का मार रहा था। मेरा इंच का लौड़ा जब एक ही झटके में शोभा की चत में जाता था तो शोभा की सिसकी मिकलती थी। अब दोनों तरफ से आग लगी हुई थी। पर चुदाई के खेल में हमेशा बलिदान लण्ड को ही देना पड़ता है। और फिर शोभा की चूत में मेरा माल झड़ गया। इतनी मेहनत के बाद 5 मिनट का आराम तो बनता है। मैं शोभा की चूचियों पर अपना मुँह रखकर अपनी सांसों को कंट्रोल करने लगा। फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों बेड पर नंगे पड़े थे एक दूसरे के साथ चिपके हुए।
मैंने शोभा से पूछा- “मजा आया?”
शोभा ने मेरे लण्ड को पकड़कर बड़े प्यार से कहा- “मैं तो अब इसकी दीवानी बन गई हैं। सच कहूँ तो में अपनी लाइफ में आज तक इतना संतुष्ट कभी नहीं हुई। आज आपने मुझे वो सुख दिया है जिसका मैं आज तक कभी नहीं ले पाई। काश आप मेरी लाइफ में पहले से होते..”
में उसकी सब बातों को सुन रहा था मैं कुछ बोला नहीं।
फिर मैंने शोभा से कहा- “मुझे सस आया है..”
शोभा ने कहा- “मुझे भी.”
मैं हँसते हुए बोला- “चलो दोनों करके आते हैं.”
फिर हम दोनों टायलेट में गये वहां जाकर शोभा शीट पर बैठ गई और बड़ी तेज आवाज में शुउउउ उउउ करके मम करने लगी।
मैंने उसको कहा- “तुम सूसू करते टाइम कितना शोर कर रही हो?”
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शोभा ने कहा- “आपको पता नहीं हम लोगों की मी ही आवाज होती है…”
फिर मैंने शोभा से कहा- “मेरा लौड़ा अपने हाथ में लेकर सूसू करवाओ..”
शोभा ने मेरे लण्ड को बड़े प्यार से अपने हाथों में पकड़ा और बोली- “करिए.
मैंने सूस करना शुरू कर दिया। शोभा मेरे लौड़े को बीच-बीच में कस के दबा देती थी, जिससे मेरा सस रुक जाता था। फिर एकदम से छोड़ देती जिसमें धार बनकर मूस आता था। मैं शोभा की इस हरकत को देख रहा था की साली कितनी कमीनी है, मुझे हर तरीके से मजा दे रही है। हम दोनों बेडरूम में आ गये।
मैंने शोभा से कहा- “थोड़ी-थोड़ी बियर और पीते हैं.”
Mera boss bhi muze dekh badi jibh laplapata hei, soch rahi hun lelu sale ko andar…