“ये हुई ना बात” कह कर उर्मिला देवी ने अपने पैर हटा लिए. राजू खड़ा हो गया और धीरे से अपनी हाफ पॅंट घुटनो के नीचे तक सरका दी. उर्मिला देवी को बड़ा मज़ा आ रहा था. लड़कों को जैसे स्ट्रीप टीज़ देखने में मज़ा आता है, आज उर्मिला देवी को अपने भाँझे के सौजन्या से वैसा ही स्ट्रीप टीज़ देखने को मिल रहा था. उसने कहा “पूरा पॅंट उतार ना, और अच्छे से दिखा”. राजू ने अपना पूरा हाफ पॅंट उतार दिया और शरमाते-सकुचते सोफे पर बैठने लगा तो उर्मिला देवी ने अपना हाथ आगे बढ़ा कर राजू का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया और अपने पास खड़ा कर लिया और धीरे से उसकी आँखो में झाँकते हुए बोली “ज़रा अच्छे से देखने दे ना कैसी फिटिंग आई है”. राजू ने अपने टी-शर्ट को अपने पेट पर चढ़ा रखा था और मामी बड़े प्यार से उसके उनड़ेवएअर की फिटिंग चेक कर रही थी. छ्होटा सा वी शेप का अंडरवेर था. एलास्टिक में हाथ लगा कर देखते हुए मामी बोली “हू फिटिंग तो ठीक लग रही है, ये नीला रंग भी तेरे उपर खूब अच्छा लग रहा है मगर थोड़ी टाइट लगती है”
“वो कैसे मामी, मुझे तो थोड़ा भी टाइट नही लग रहा”, राजू का खड़ा लंड उनड़ेवएअर में एक दम से उभरा हुआ सीधा डंडे की शकल बना रहा था. उर्मिला देवी ने अपने हाथ को लंड की लंबाई पर फिराते हुए कहा, “तू खुद ही देख ले, पूरा पता चल रहा है कि तेरा औज़ार खड़ा हो गया है”. लंड पर मामी का हाथ चलते ही मारे सनसनी के राजू की तो हालत खराब होने लगी, कांपति हुई आवाज़ में “ओह आहह” करके रह गया. उर्मिला देवी ने मुस्कुराते हुए पुचछा “हर समय ऐसे ही रहता है क्या”
“नेह्हियी मामी, हमेशा ऐसे नही रहता”
“और समय ढीला रहता है”
“हा मामी” .
“अच्छा, तब तो ठीक फिटिंग का है, मैं सोच रही थी की अगर हर समय ऐसे ही खड़ा रहता होगा तो तब तो तुझे थोड़ा और ढीला लेना चाहिए था, वैसे ये खड़ा क्यों है
“ओह, मुझे नही पता मामी.”
“बहुत बड़ा दिख रहा है, पहसब तो नही लगी है तुझे”
“नही मामी”
“तब तो कोई और ही कारण होगा, वैसे वो सेल्स गर्ल भी हस रही थी जब मैने बोला की मेरे मुन्ना बेटे का थोड़ा ज़यादा ही बड़ा है” कह कर उर्मिला देवी ने लंड को अंडरवेर के उपर से कस कर दबाया. राजू के मुँह से एक सिसकारी निकल गई. उर्मिला देवी ने लंड को एक बार और दबा दिया और बोली “चल जा सोफे पर बैठ”. राजू सीधे धरती पर आ गया. लंड पर मामी के कोमल हाथो का सपर्श जो मज़ा दे रहा था वो बड़ा अनूठा और अजूबा था. मन कर रहा था की मामी थोरी देर और लंड दबाती पर मन मार कर चुप चाप सोफे पर आ के बैठ गया और अपनी सांसो को ठीक करने लगा. उर्मिला देवी भी बड़ी सयानी औरत थी जानती थी कि लोंडे के मन में अगर एक बार तड़प जाग जाएगी तो फिर लौंडा खुद उसके चंगुल में फस जाएगा. कमसिन उमर के नौजवान छ्होकरे के मोटे लंड को खाने के चक्कर में वो मुन्ना को थोड़ा तड़पाना चाहती थी. उर्मिला देवी ने अभी भी अपनी नाइटी को अपने घुटनो से उपर तक उठाया हुआ था और अपने दोनो पैर फिर से सामने की टेबल पर रख लिए थे. राजू ने धीरे से अपने हाफ पॅंट को उठाया और पहन ने लगा. उर्मिला देवी तभी बोल पड़ी “क्यों पहन रहा है, घर में और कोई तो है नही, और मैने तो देख ही लिया है,”
गाँव का राजा पार्ट -4लेकर हाजिर हूँ दोस्तो कहानी कैसी है ये तो आप ही बताएँगे
“हाई नही मामी मुझे बड़ी शरम आ रही है”
तभी उर्मिला देवी ने फिर से अपनी चूत के उपर खुजली की. राजू का ध्यान भी मामी के हाथो के साथ उसी तरफ चला गया. उर्मिला देवी मुस्कुराती हुई बोली “अभी तक तो शायद केवल पॅंटी काट रही थी पर अब लगता है पॅंटी के अंदर भी खुजली हो रही है”. राजू इसका मतलब नही समझा चुप-चाप मामी को घूरता रहा. उर्मिला देवी ने सोचा खुद ही कुच्छ करना पड़ेगा, लौंडा तो कुच्छ करेगा नही. अपनी नाइटी को और उपर सीधा जाँघो तक उठा कर उसके अंदर हाथ घुसा कर हल्के हल्के सहलाने लगी. और बोली “जा ज़रा पाउडर ले आ तो”. राजू अंडरवेर में ही बेडरूम में जाने मे थोड़ा हिचका मगर मामी ने फिर से कहा “ले आ ज़रा सा लगा लेती हू”.
राजू उठा और अपनी गांद मॅटकाते हुए पाउडर ले आया. उर्मिला देवी ने पाउडर ले लिया और थोड़ा सा पाउडर हाथो में ले कर अपनी हथेली को नाइटी में घुसा दिया. और पाउडर लगाने लगी. राजू तिर्छि निगाहों से अपने मामी हर्कतो को देख रहा था और सोच रहा था काश मामी उसको पाउडर लगाने को कहती. उर्मिला देवी शायद उसके मन की बात को स्मझ गई और बोली “राजू क्या सोच रहा है”
“कुच्छ नही मामी, मैं तो बस टी.वी. देख रहा हू”
“तू बस टी.वी. देखता ही रह जाएगा, तेरी उमर के लड़के ना जाने क्या-क्या कर लेते है, तुझे पता है दुनिया कितनी आगे निकल गई है”
“क्या मामी आप भी क्या बात करती हो मैं अपने क्लास का सबसे तेज़ बच्चा हू”
“तेरी तेज़ी तो मुझे कही भी देखने को नही मिली”
“क्या मतलब है आपका मामी”
“अभी तू कमसिन उमर का लड़का है तेरा मन तो करता होगा”,
“क्या मन करता होगा मामी,”
“तान्क-झाँक करने का, अपनी चूत पर नाइटी के अंदर से हाथ चलाते हुए बोली “अब तो तेरा पूरा खड़ा होने लगा है”
“के मामी…..”
“क्यों मन नही करता क्या, मैं जैसे ऐसे तेरे सामने पाउडर लगा रही हू तो तेरा मन करता होगा…………..”
“धात मामी……..”
“मैं सब समझती हू… “तू शरमाता क्यों है, तेरी उमर में तो हर लड़का यही तमन्ना रखता है की कोई खोल के दिखा दे,,,,,,,,,,,,,,,,,तेरा भी मन करता होगा…………फिर बात बदलते बोली तेरे मामा होते तो उनसे पाउडर लगवा लेती”
फिर राजू के चेहरे की तरफ देखते हुए बोली “खोलने की बात सुनते ही सब समझ गया, कैसे चेहरा लाल हो गया है तेरा, मैं सब समझती हू तेरा हाल”
राजू का चेहरा और ज़यादा शरम से लाल हो गया और अपनी नज़रे झुकाते हुए बोला “आप बात ही ऐसी कर रही हो…..लाओ मैं पाउडर लगा देता हू”
“हाई, लगवा तो लू मगर तू कही बहक गया तो”
“हाई मामी मैं क्यों बहकुंगा”
“नही तेरी उमर कम है, देख के ही जब तेरा इतना खड़ा था तो हाथ लगा के क्या हाल हो जाएगा, फिर बदनामी……….”
राजू का चेहरा खुशी से दमक उठा था, उसको स्मझ में आ गया था कि गाड़ी अब पटरी पर आ चुकी है बोला “आपकी कसम मामी किसी को भी नही बताउन्गा”
इस पर उर्मिला देवी ने राजू का हाथ पकड़ अपनी तरफ खींचा, राजू अब मामी के बगल में बैठ गया था. उर्मिला देवी ने अपने हाथो से उसके गाल को हल्का सा मसालते हुए कहा “हाई, बड़ी समझदारी दिखा रहा है पर है तो तू बच्चा ही ना कही बोल दिया तो”
” मामी…..नही किसी से नही………”
“खाली पाउडर ही लगाएगा या फिर…..देखेगा भी……..मैं तो समझती थी की तेरा मन करता होगा पर…..”
“हाई मामी पर क्या…….”
“ठीक है चल लगा दे पाउडर,”
उर्मिला देवी खड़ी हो गई और अपनी नाइटी को अपने कमर तक उठा लिया. राजू की नज़र भी उस तरफ घूम गई. मामी अपनी नाइटी को कमर तक उठा कर उसके सामने अपनी पॅंटी के एलास्टिक में हाथ लगा कर खड़ी थी. मामी की मोटी मोटी खंभे के जैसी सफेद खूबसूरत जंघे और उनके बीच कयामत बरपाति उनकी काली पॅंटीऔर काली पॅंटी को देख पाउडर का डिब्बा हाथ से छूट कर गिर गया और पाउडर लगाने की बात भी दिमाग़ से निकल गई. पॅंटी एक दम छ्होटी सी थी और मामी की चूत पर चिपकी हुई थी. राजू तो बिना बोले एक टक घूर घूर कर देखे जा रहा था. उर्मिला देवी चुप-चाप मुस्कुराते हुए अपनी नशीली जवानी का असर राजू पर होता हुआ देख रही थी. राजू का ध्यान तोड़ने की गरज से वो हस्ती हुई बोली “कैसी है मेरी पॅंटी की फिटिंग ठीक ठाक है ना”. राजू एक दम से शर्मा गया. हकलाते हुए उसके मुँह से कुच्छ नही निकला. पर उमिला देवी वैसे ही हस्ते हुए बोली “कोई बात नही, शरमाता क्यों है, चल ठीक से देख कर बता कैसी फिटिंग आई है. राजू कुच्छ नही बोला और चुप चाप बैठा रहा. इस पर खुद उर्मिला देवी ने उसका हाथ पकड़ के खींच कर उठा दिया और बोली, “देख के बता ना, कही सच मुच में टाइट तो नही, अगर होगी तो कल चल के बदल लेंगे”. राजू ने भी थोड़ी सी हिम्मत दिखाई और सीधा मामी के पैरो के पास घुटनो के बल खड़ा हो गया और बड़े ध्यान से देखने लगा. मामी की चूत पॅंटी में एक दम से उभरी हुई थी. चूत की दोनो फाँक के बीच में पॅंटी फस गई थी और चूत के च्छेद के पास थोड़ा सा गीलापन दिख रहा था.
राजू को इतने ध्यान से देखते हुए देख कर उर्मिला देवी ने हस्ते हुए कहा “क्यों फिट है या नही, ज़रा पिछे से भी देख के बता” कह कर उर्मिला देवी ने अपने मोटे मोटे गठिले चूतर राजू की आँखो के सामने कर दिए. पॅंटी का पिछे वाला भाग तो पतला सा स्टाइलिश पॅंटीस की तरह था. उसमे बस एक पतली सी कपड़े की लकीर सी थी जो की उर्मिला देवी के गांद की दरार में फसि हुई थी. गोरे-गोरे मैदे के जैसे गुदाज चूतरो को देख कर तो राजू के होश ही उड़ गये, बेशक्ता उसके मुँह से निकल गया “मामी पिछे से तो आपकी पॅंटी और भी छ्होटी है चूतर भी कवर नही कर पा रही”. इस पर मामी ने हस्ते हुए कहा “अरे ये पॅंटी ऐसी ही होती है, पिछे की तरफ केवल एक पतला सा कपड़ा होता जो बीच में फस जाता है, देख मेरे चूतरो के बीच में फसा हुआ है ना”
“हा मामी, ये एक दम से बीच में घुस गया है”
“तू पिछे का छोड़ आगे का देख के बता ये तो ठीक है ना”
“मुझे तो मामी ये भी छ्होटा लग रहा है, साइड से थोड़े बहुत बॉल भी दिख रहे है, और आगे का कपड़ा भी कही फसा हुआ लग रहा है”. इस पर उर्मिला देवी अपने हाथो से पॅंटी के जाँघो के बीच वाले भाग के किनारो को पकड़ा और थोड़ा फैलाते हुए बोली “वो उठने बैठने पर फस ही जाता है, अब देख मैने फैला दिया है, अब कैसा लग रहा है”
“अब थोड़ा ठीक लग रहा मामी, पर उपर से पता तो फिर भी चल रहा है”
“अर्रे तो इतने पास से देखेगा तो उपर से पता नही चलेगा क्या, मेरा तो फिर भी ठीक है तेरा तो सॉफ दिख जाता है”.
“पर मामी, हम लोगो का तो खड़ा होता है ना आप लोगो का खड़ा नही होता”
“हा हमारे में छेद होता है, इसी से तो हर चीज़ इसके अंदर घुस जाती है”. कह कर उर्मिला देवी खिलखिला कर हस्ने लगी. राजू ने भी थोड़ा सा शरमाने का नाटक किया. अब उसकी भी हिम्मत खुल चुकी थी. अब अगर उर्मिला देवी चुचि पकड़ाती तो आगे बढ़ कर पूरा चोद देता. उर्मिला देवी भी इस बात को समझ चुकी थी. ज़यादा नाटक छोड़ने की जगह अब सीधा खुल्लम खुल्लम बाते करने में दोनो की भलाई थी, ये बात अब दोनो समझ चुके थे. उर्मिला देवी ने इस पर राजू के गालो को अपने हाथो से मसल्ते हुए कहा “देखने से तो बड़ा भोला भाला लगता है मगर जानता सब है, कि किसका खड़ा होता है और किसका नही, लड़की मिल जाए तो सबसे पहले ………… बिगड़ गया है तू” कह कर उर्मिला देवी ने अपने नाइटी को जिसको उन्होने कमर तक उठा रखा था नीचे गिरा दिया.
“क्या मामी आप भी ना, मैं कहा बिगड़ा हू, लाओ पाउडर लगा दू”
ये सब तो मैने राज शर्मा की कहानियों मे पढ़ा था उसी मे बताया था लड़की का खड़ा नही होता
..क्या तू राज शर्मा की हिन्दी सेक्सी कहानियाँ भी पढ़ने लगा
“अच्छा बिगड़ा नही है फिर ये जो तेरी अंडरवेर में है उसको क्यों खड़ा कर के रखा हुआ है”. मुन्ना ने चौंक कर अपने अंडरवेर की तरफ देखा, सच-मुच उसका लंड एक दम से तन्ना गया था और अंडरवेर को एक टेंट की तरह से उभारे हुए था. उसने शर्मा कर अपने एक हाथ से अपने उभार को च्छुपाने की कोशिश की. “हाई मामी छोड़ो लाओ पाउडर लगा दू”
“तू रहने दे पाउडर वो मैने लगा लिया है, कही कुच्छ उल्टा सीधा हो गया तो”.
“क्या उल्टा सीधा होगा मामी, मैं तो इसलिए कह रहा था की आपको खुजली हो रही थी तो फिर………….” बात बीच में ही काट गई.
“खूब समझती हू क्यों बोल रहे थे,
“हाई मामी नही, मैं तो बस आप को खुजली…….”.
“मैं अच्छी तरह से समझती हू तेरा इरादा क्या है और तू कहा नज़र गढ़ाए रहता है, मैं तुझे देखती थी पर सोचती थी ऐसे ही देखता होगा मगर अब मेरी समझ में अच्छी तरह से आ गया है”
मामी के इतना खुल्लम खुल्ला बोलने पर राजू के लंड में एक सनसनी दौड़ गई
“हि मामी नही ……………..राजू की बाते उसके मुँह में ही रह गई और उर्मिला देवी ने आगे बढ़ कर राजू के गाल पर हल्के से चिकोटी काटी.
मामी के कोमल हाथो का स्परश जब राजू के गालो पर हुआ तो उसका लंड एक बार फिर से लहरा गया. मामी के नंगी जाँघो के नज़ारे की गर्माहट अभी तक लंड और आँख दोनो को गर्मा रही थी. तभी मामी ने उसकी ठुड्डी पकड़ के उसके चेहरे को थोड़ा सा उपर उठाया और अपनी चुचियों को एक हाथ से सहलाते हुए बोली “बहुत घूर घूर के देखते हो ना इनको, दिल चाहता होगा की नंगी करके देखते, है ना” मामी की ये बात सुन कर राजू का का चेहरा लाल हो गया और गला सुख गया फसी हुई आवाज़ में “माआआआमम्म्ममी…………” करके रह गया.
मामी ने इस बार राजू का एक हाथ पकड़ लिया और हल्के से उसकी हथेली को दबा कर कहा “क्यों मन करता है कि नही, कि किसी की देखते”. राजू का हाथ मामी के कोमल हाथो में कांप रहा था. राजू को अपने और पास खिचते हुए उर्मिला देवी ने लगभग राजू को अपने से सटा लिया था. राजू और उसकी मामी के बीच केवल इंच भर का फासला था. मामी की गर्म सांसो का अहसास उसे चेहरे पर हो रहा था. राजू अगर थोड़ा सा आगे की तरफ हिलता तो उसकी छाती मामी के नुकीले चुचो से ज़रूर टकरा जाती. इतने पास से राजू पहली बार मामी को देख रहा था. दोनो की साँसे तेर्ज चल रही थी. मामी की उठती गिरती चूचियों से राजू की नज़र हटाए नही हट रही थी. उर्मिला देवी ने राजू का हाथ पकड़ के अपनी चूचियों पर रख दिया और अपने हाथो से उसको दबाते हुए बोली “मन करता होगा कि देखे, देख तेरा हाथ कैसे कांप रहा है, मन करता है ना”. थूक निगल के गले को तर करता हुआ राजू बोला “हाआ मामी मन…… करता ..”. उर्मिला देवी ने हल्के से फिर उसके हाथ को अपने चुचियों पर दबाते हुए कहा “देख मैं कहती थी ना तेरा मन करता होगा, पूरा नंगा देखे, लौंडा जैसे ही जवान होता है उसके मन में सबसे पहले यही आता है कि किसी औरत की देखे”. अब राजू भी थोड़ा खुल गया हकलाते हुए बोला
“हाँ, मामी बहुत मन करता है कि देखे”
“मैं तो दिखा देती मगर”
“हाँ मामी, मगर क्या”
“तूने कभी किसी की देखी नही है क्या”
“नही मेयायाययामियीयियीयियी”
“तेरी उमर कम है, फिर मैं तेरी मामी हू”
“हाई मामी मैं अब बड़ा हो गया हू,”
“मैं दिखा देती मगर तेरी उमर कम है तेरे से रहा नही जाएगा”
“नही मामी, मैं रह लूँगा, बस दिखा दो एक बार”
“तू नही रह पाएगा, कह कर उर्मिला देवी ने अपना एक हाथ राजू के अंडरवेर के उपर से उसके लंड पर रख दिया. राजू एक दम से लहरा गया. मामी के कोमल हाथो का लंड पर दबाब पा कर मज़े के कारण से उसकी पलके बंद होने को आ गई. उर्मिला देवी बोली “देख कैसे खड़ा कर के रखा हुआ है, अगर दिखा दूँगी तो तेरी बेताबी और बढ़ जाएगी,”
” नही मामी, प्लीज़ एक बार दिखा दो”
“पॅंटी खोल के दिखा दू”
“हा मामी, दिखा दो बस एक बार, किसी की नही देखी” राजू का एक हाथ जो अभी तक उर्मिला देवी की चुचियों पर ही था उसको अपने हाथो से दबाते हुए और अपनी चुचियों को थोड़ा और उचकाते हुए उर्मिला देवी बोली “मैने नई ब्रा भी पहनी हुई, उसको नही देखेगा क्या”
“हाँ मामी उसको भी …..”
“चल दिखा दूँगी मगर एक शर्त पर”
“बताओ मामी, मैं आपकी हर बात मानूँगा”
“ठीक है फिर जा और मूत कर के अपना अंडरवेर उतार के आ” राजू को एक दम से झटका लग गया. उसकी स्मझ में नही आ रहा था की क्या जवाब दे. मामी और उसके बीच खुल्लम खुल्ला बाते हो रही थी मगर मामी अचानक से ये खेल इतना कुल्लम खुल्ला हो जाएगा, ये तो राजू ने सोचा भी ना था. कुच्छ घबराता और कुच्छ सकपकाता हुआ वो बोला ” पर मामी अंडरवेर……..”
“हा जल्दी से अंडरवेर उतार के मेरे बेडरूम में आ जा फिर दिखाउन्गी” कह कर उर्मिला देवी उस से अलग हो गई और टी.वी. ऑफ कर के अपने बेडरूम की तरफ चल दी. मामी को बेडरूम की तरफ जाता देख जल्दी से बाथरूम की तरफ भागा. अंडरवेर उतार कर जब राजू मूतने लगा तो उसके लंड से पेशाब की एक मोटी धार कमोड में छर छर कर गिरने लगी. जल्दी से पेशाब कर अपने फन्फनाते लंड को काबू में कर राजू मामी के बेडरूम की तरफ भागा. अनादर पहुच कर देखा की मामी ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी हो कर अपने बालो का जुड़ा बना रही थी. राजू को देखते ही तपाक से बोली चल बेड पर बैठ मैं आती हू और अटॅच्ड बाथरूम में चली गई. बाथरूम से मामी के मूतने की सिटी जैसी आवाज़ सुनाई दे रही थी. कुच्छ पल बाद ही मामी बाथरूम से अपनी नाइटी को जाँघो तक उठाए हुए बाहर निकली. राजू का लंड एक बार फिर से सनसानया. उसका दिल कर रहा था की मामी की दोनो जाँघो के बीच अपने मुँह को घुसा दे और उनकी रसीली चूत को कस के चूम ले. तभी उर्मिला देवी जो कि, बेड तक पहुच चुकी थी की आवाज़ ने उसको वर्तमान में लौटा दिया ” तू अभी तक अंडरवेर पहने हुए है, उतारा क्यों नही” राजू थोड़ा सरमाया
” मामी शरम आ रही है……….तुम तो दिखाने को बोल रही थी”
“धात बेवकूफ़, चल अंडरवेर उतार”
“पर मामी अंडरवेर उतार के क्या होगा,,,,,,”
“असली गेंदो का मज़ा चखाउन्गी” कह कर हल्के से अपनी चुचियों पर हाथ फेरा. राजू का लंड और भी ज़यादा ख़ड़ा हो गया.
“पर मामी मैं पूरा नंगा हो जाउन्गा”
“तो क्या हुआ, मुझे पॅंटी खोल के दिखाने के लिए बोलता है उसमे शर्म नही आती तुझे, खोल ना अंडरवेर फिर मैं तुझे बताउन्गी की तेरी मामी को कहा कहा खुजली होती है और खुजली मिटाने की दूसरी दवा भी बताउन्गी”
” मामी, दूसरी कौन से दवा है “
“बताउन्गी बेटा, पहले ज़रा अपना बेलन तो दिखा”. राजू ने थोड़ा सा शरमाने का नाटक करते हुए अपना अंडरवेर धीरे धीरे सरका दिया. उर्मिला देवी की आँखो की चमक बढ़ती जा रही थी. आज दस इंच मोटे तगड़े लंड का दर्शन पहली बार खुल्लम खुल्ला ट्यूब लाइट की रोशनी में हो रहा था. नाइटी जिसको अब तक एक हाथ से उन्होने उठा कर रखा हुआ था नीचे छूट कर गिर गयी. राजू के आँखो को गर्मी देने वाली चीज़ तो ढक चुकी थी मगर उसकी मामी के मज़े वाली चीज़ अपने पूरे औकात पर आ के फुफ्कार रही थी. उर्मिला देवी ने एक बार अपनी नाइटी के उपर से ही अपनी चूत को दबाया और खुजली करते हुए बोली “इसस्स्स्स्सस्स बड़ा हथियार है तेरा, देख के तो और खुजली बढ़ गई”
राजू जो की थोड़ा बहुत शर्मा रहा था बोला “खुजली बढ़ गई तो पॅंटी उतार लो ना मामी, वो काम तो करती नही हो, पर अंडरवेर बेकार में उतरवा दिया”
“अभी उतारती हू, फिर तुझे बताउन्गी अपनी खुजली की दवाई, हाई कैसा मूसल जैसा है तेरा” फिर उर्मिला देवी ने अपनी नाइटी के बटन खोलने शुरू कर दिए. नाइटी को बड़े आराम से धीरे कर के पूरा उतार दिया. अब उर्मिला देवी के बदन पर केवल एक काले रंग ब्रा और नाइटी के अंदर पहनी हुई पेटिकोट थी. गोरी मैदे के जैसा मांसल पेट, उसके बीच गहरी गुलाबी नाभि, दो मोटी मोटी चुचियाँ, जो की ऐसा लग रहा था की ब्रा को फाड़ के अभी निकल जाएगी उनके बीच की गहरी खाई, ये सब देख कर तो राजू एक दम से बेताब हो गया था. लंड फुफ्कार मार रहा था और बार-बार झटके ले रहा था. राजू एक दम से पागल हो कर अपने हाथो से अपने लंड को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. उर्मिला देवी ने जब उसकी बेताबी देखी तो आगे बढ़ कर खुद अपने हाथो से उसके लंड को पाकर लिया और मुस्कुराती हुई बोली “मैं कहती थी ना की तेरे बस का नही है, तू रह नही पाएगा, अभी तो मैने पूरा खोला भी नही है तू शुरू हो गया” बाहर खूब जोरो की बारिश शुरू हो रही थी. ऐसे मस्ताने मौसम में मामी-भानजे का मस्ताना खेल अब शुरू हो गया था.
ना तो अब उर्मिला देवी रुकने वाली थी ना ही राजू. उर्मिला देवी ने राजू का हाथ अपने ब्रा में क़ैद चुचियों के उपर रख दिया और बोली “तू ऐसे तो मानेगा नही इधर मैं खोल के दिखाती रहूंगी इधर तू मूठ मारता रहेगा, ले अब खुद ही खोल के देख” राजू ने काँपते हुए हाथो से अपनी मामी के ब्रा के स्ट्रॅप खोलने की कोशिश की मगर ब्रा इतनी टाइट थी की खुल नही रही थी. उर्मिला देवी ने हस्ते हुए अपने बदन को थोड़ा ढीला किया खुद अपने हाथो को पीछे ले जा कर अपनी ब्रा के स्ट्रॅप को खोल दिया और हस्ते हुए बोली “ब्रा भी नही खोलना जानता है, चल कोई बात नही मैं तुझे पूरा ट्रेंड कर दूँगी, ले देख अब मेरी नंगी चुचिया जिनको देखने के लिए इतना तरसता था” मामी के कंधो से ब्रा के स्ट्रॅप को उतार कर राजू ने जल्दी से ब्रा को एक झटके में निकाल फेंका. उर्मिला देवी हस्ते हुए बोली “बड़ी जल्दी है, आराम से उतार, अब जब बोल दिया है तो दिखा दूँगी तो फिर मैं पीछे नही हटने वाली”. मामी के उठे हुए मोटे मोटे मम्मे देख कर राजू तो जैसे पागल ही हो गया था. एक टक घूर घूर कर देख रहा था उनकी मलाई जैसे चुचो को. एक दम बेल के जैसी ठोस और गुदाज चुचिया थी. निपल भी काफ़ी मोटे मोटे और और हल्का गुलबीपन लिए हुए थे उनके चारो तरफ छ्होटे छ्होटे दाने थे. मामी ने जब राजू को अपने चुचियों को घूरते हुए देखा तो राजू का हाथ पकड़ कर अपनी चुचियों पर रख दिया और और मुस्कुराती हुई बोली “कैसा लग रहा है, पहली बार देखी है ना”
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Likhavat bahut badhiya hei. Man bhi bhar diya aur land bhi tan diya.