Fantasy sex story – कुत्ता कमीना!

आँखें बंद थीं समीरा की मगर दिमाग जैसे किसी नशे से बाहर आ रहा था और अपने पैरों के साथ इस चीज़ को जाँचने की कोशिश कर रहा था। जानने की कोशिश में था कि ये क्या है जो उसके पैरों के साथ टकरा रहा है। दोनों पैर अब उसके दिमाग की मदद कर रहे थे… इस चीज़ को कोई नाम देने के लिये और फ़िर समीरा के दिमाग में एक छनका सा हुआ… लंड… लौड़ा… लन्न… एक साथ ही इस चीज़ के कईं नाम उसके दिमाग में आये और अचानक से ही उसके दोनों पैर इस चीज़ से दूर हट गये। मगर टॉमी की ज़ुबान की उसकी चूत पर रगड़ और चूत से बहते हुए चिकने पानी ने उसे सब कुछ एक बार फ़िर से भूलने पर मजबूर कर दिया और वो फ़िर से सिसकने लगी। थोड़ी ही देर में उसका पैर एक बार फ़िर से टॉमी के पेट के नीचे उसके लंड की तरफ़ बढ़ा और अगले ही लम्हे उसके पैरों ने एक बार फ़िर से टॉमी के लंड को छूना शुरू कर दिया… आहिस्ता-आहिस्ता… टॉमी को डिस्टर्ब किये बिना। फ़िर वो आहिस्ता-आहिस्ता टॉमी के लंड को अपने दोनों पैरों के बीच में ले कर… एक सैंडल के तलवे से दूसरे पैर के ऊपर दबाते हुए… सहलाने लगी। टॉमी की ज़ुबान के लम्स के साथ ही वो अपनी मंज़िल को पहुँच रही थी। उसकी चूत के अंदर गर्मी बढ़ती जा रही थी और वो पानी छोड़ने वाली थी।

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अगले ही लम्हे समीरा ने मज़बूती से टॉमी के सिर को अपने हाथों से जकड़ लिया और फ़िर उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया। चंद लम्हों में ही समीरा का जिस्म ढीला पड़ने लगा। उसकी साँसों की रफ़्तार तेज़ हो गयी। वो लंबे-लंबे साँस लेती हुई अब खुद को नॉर्मल कर रही थी और टॉमी अपनी ज़ुबान के साथ समीरा की चूत से निकलने वाला गाढ़ा-गाढ़ा पानी चाटता जा रहा था। चूत का पानी निकलने के बाद समीरा ने टॉमी को खुद से आहिस्ता से पीछे को ढकेला और इस बार टॉमी उसको छोड़ कर उससे दूर हो गया… मगर उसके सिर की तरफ़… उसके हाथों की पहोंच में ही उसके करीब बैठ कर हाँफने लगा। उसका जिस्म भी हिल रहा था और ज़ुबान भी बाहर लटक रही थी। समीरा उसी की तरफ़ देख रही थी… बड़े ही प्यार से… बड़ी ही चाहत से… क्योंकि आज जिस कदर इस जानवर ने उसे मज़ा दिया था वो उसे कभी पहले नहीं आया था और इस मज़े के लिये वो दिल से टॉमी की शुक्र गुज़ार थी। वहाँ क़लीन पर से उठने को उसका दिल भी नहीं कर रहा था… चेहरे पर सुकून ही सुकून था… और एक मुस्कान…!

समीरा का बेडरूम अजीब मंज़र पेश कर रहा था। समीरा जैसी खूबसूरत औरत अपने खूबसूरत जिस्म के साथ बिल्कुल नंगी… सिर्फ़ ऊँची पेन्सिल हील की सैंडल पहने अपने कमरे के कार्पेट पर पड़ी हुई थी और उसका वफ़ादार कुत्ता उसके करीब ही बैठा हुआ था। चूत का पानी निकलने के बाद समीरा ने अपना सिर घुमा के टॉमी की तरफ़ देखा और फ़िर मुस्कुरा के अपना हाथ आगे बढ़ाया और उसके मुँह को सहलाने लगी। कुत्ता भी अपनी मालकिन की तरफ़ से अपने काम को… अपनी करकरदगी को पसंद किये जाने पर खुश हो रहा था। समीरा आहिस्ता-आहिस्ता उसके सिर को सहला रही थी। समीरा मुस्कुराते हुए उसको देखते हुए अपनी उंगली को उसके नोकीले दाँतों पर फिराने लगी। उसे थोड़ा अजीब लग रहा था मगर उसे ये भी पता था… ये भी एहसास था कि उसके उन दाँतों ने उसे किस तरह मज़ा दिया था… उसके मम्मों को काटते हुए।

टॉमी के मुँह पर से समीरा का हाथ उसकी गर्दन पर आ गया और फिर उसके पेट को सहलाने लगी। जब समीरा की नज़र टॉमी की खुली और फ़ैली हुई टाँगों पर पड़ी… और उसे वहाँ वो ही चीज़ नज़र आयी जिसे वो थोड़ी देर पहले अपने पांव और सैंडल से सहला रही थी। समीरा की नज़र उसी पर जम कर रह गयी… टॉमी के लंड पर! वो उसे देखे जा रही थी… बिना किसी और तरफ़ देखे… बिना अपनी पलकें झपकाये। वो सुर्ख रंग का लंबा सा… चमकता हुआ किसी हड्डी की तरह ही लग रहा था। मगर इस वक़्त बहोत ज्यादा अकड़ा हुआ नहीं था फ़िर भी काफ़ी लंबा लग रहा था। करीब-करीब आठ इंच तो होगा वो इस वक़्त भी। आगे से बिल्कुल पतला सा नोकदार और पीछे को जाते हुए मोटा होता जाता था… फैलता जाता था। उसके लंड के अगले सुराख में से भी हल्का-हल्का पानी रिस रहा था। समीरा का हाथ अभी भी टॉमी के जिस्म पर था और उसकी पसलियों को सहला रहा था। समीरा का हाथ आहिस्ता-आहिस्ता आगे को सरकने लगा… टॉमी के लंड की तरफ़! उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था।
वो खुद को रोकना चाह रही थी मगर उसका जिस्म उसके काबू में नहीं था। हाथ आहिस्ता-आहिस्ता सरकता हुआ आगे को बढ़ रहा था। चंद लम्हों में ही समीरा का हाथ टॉमी के लंड के करीब पहुँच चुका हुआ था। अपने धड़कते हुए दिल के साथ समीरा ने अपनी उंगली से उसके लंड की नोक को छुआ और फ़ौरन ही अपना हाथ वापस खींच लिया… जैसे उसमें कोई करंट हो… या जैसे उसका लंड उसकी उंगली को काट लेगा… या उसे डंक मार देगा! मगर टॉमी के लंड में ज़रा सी हरकत पैदा होने के सिवा और कुछ भी नहीं हुआ। उसका लंड वैसे का वैसे ही उसकी रान के ऊपर पड़ा रहा।

कुछ ही देर के बाद समीरा ने दोबारा से अपनी उंगली से टॉमी के लंड को छूना शुरू कर दिया। इस पोज़िशन में लेटे हुए समीरा का हाथ बड़ी ही मुश्किल से टॉमी के लंड तक पहुँच रहा था। कुछ सोच कर समीरा थोड़ा सी हरकत करते हुए टॉमी के जिस्म के निचले हिस्से की तरफ़ सरक गयी। अब उसकी उंगली बड़ी आसानी के साथ टॉमी के पूरे लंड पर सरक रही थी… उसे सहला रही थी। समीरा ने टॉमी के चेहरे की तरफ़ देखा मगर उस जानवर ने कौनसा कोई अपने चेहरे से तासुरात देने थे जो वो समीरा की हरकत से खुशी का इज़हार करता। लेकिन एक बात की समीरा को तसल्ली थी कि टॉमी कोई नापसंदीदगी भी नहीं दिखा रहा था और उसी की तरफ़ देखते हुए समीरा के हाथ की पूरी उंगलियाँ उसके लंड के गिर्द लिपट गयीं। बहोत ही गरम… चिकना-चिकना और सख्त और लंबा और मज़बूत महसूस हो रहा था उसे टॉमी का लंड। समीरा ने उसे अपने हाथ में ले कर आहिस्ता-आहिस्ता अपनी मुठ्ठी के अंदर ही उसे आगे पीछे करना शुरू कर दिया। टॉमी का लंड उसकी मुठ्ठी में आगे पीछे को सरक रहा था और उसके लंड के चिकनेपन से समीरा का हाथ भी चिकना हो रहा था। उसके लंड को महसूस करती हुई वो उसका मवाज़ना इंसानी लंड के साथ भी कर रही थी यानी अपने शौहर के लंड के साथ और बिना किसी चीज़ को नापे वो आसानी से कह सकती थी कि टॉमी का लंड उसके शौहर के लंड से लंबा और मोटा है।

समीरा के सहलाने से… उसकी मुठ मारने से… टॉमी को भी शायद मज़ा आने लगा था। वो पहले तो उसी तरह लेटा रहा मगर फ़िर अपनी जगह से उठ कर खड़ा हो गया। समीरा अभी भी टॉमी के करीब नीचे कार्पेट पर ही लेटी हुई थी और अब टॉमी उसके सामने खड़ा था। मगर अब समीरा को उससे कोई भी… किसी किस्म का भी खौफ़ महसूस नहीं हो रहा था। उसके अचानक उठ कर खड़ा होने से उसका लंड समीरा के हाथ से निकल गया था मगर उसे अपनी जगह से कहीं आगे ना जाते हुए देख कर समीरा ने एक बार फ़िर से उसका लंड पकड़ लिया और आहिस्ता-आहिस्ता उसे सहलाने लगी। टॉमी अगर अपने लंड को अभी भी समीरा के हाथ में दिये रखना चाहता था तो समीरा का दिल भी उसके लंड को अपने हाथ से छोड़ने को नहीं चाह रहा था। अब वो नीचे कार्पेट पर पड़ी हुई टॉमी के पेट के नीचे उसके फ़र में से खाल में हो रहे हुए सुराख में से निकालते हुए लंड को देख रही थी… उसे छू रही थी और अपने हाथ में ले कर एक बार फ़िर से उसे आगे-पीछे कर रही थी। टॉमी के लंड में से निकलने वाला कोई लेसदार सा मवाद… साफ़ ज़ाहिर है कि… टॉमी की मनी ही थी वो… निकल-निकल कर समीरा के हाथ पर लग रही थी।
मगर वो अपनी ही इस नयी दुनिया में मगन… उसे अपने हाथ आयी हुई ये नयी चीज़ अच्छी लग रही थी। समीरा को महसूस हुआ कि अब टॉमी का लंड पहले की निस्बत अकड़ चुका हुआ है… और भी सख्त हो चुका है! समीरा का हाथ उसके लंड पर पीछे को जाने लगा… उसकी जड़ तक… और पीछे उसे कुछ और ही चीज़ महसूस हुई… कुछ मोटी सी… गोल सी… बहोत बड़ी सी! समीरा अब थोड़ा और भी टॉमी के लंड की तरफ़ सरक आयी। काफ़ी करीब पहुँच चुकी थी वो उसके लंड के और अब वो उसकी तरफ़ देखने लगी। ये टॉमी के लंड का आखिरी हिस्सा था जोकि किसी गेंद की तरह मोटा और फूला हुआ था… मुर्गी के अंडे के जितना मोटा और बड़ा। अब बहोत करीब से टॉमी का लंड देखने पर उसे और भी ये अजीब लग रहा था। लंबा सा मोटा सा हथियार था कुत्ते का जिस पर छोटी-छोटी रग़ें ही रग़ें थीं…. गहरे नीले रंग की! उन गहरी नीली रग़ों की तादाद इतनी ज्यादा थी उसके लंड पर कि उसके लंड का सुर्ख रंग अब जामुनी सा हो रहा था।

अपने हाथ में पकड़ कर टॉमी के सुर्ख लंड को सहलाते हुए समीरा की नज़रों में वो तमाम फ़िल्में चल रही थीं जानवरों से चुदाई की जो उसने पहले देख रखी थीं। उसके दिमाग में घूम रहा था कि कैसे औरतें कुत्तों के लन्न मुँह में ले कर चूसती हैं… कैसे उसे अपनी ज़ुबान से चाटती हैं! पहले जब उसने ये सब देखा था तो उसे हैरत होती थी मगर अब इस वक़्त हक़ीक़त में एक कुत्ते का लंड अपने हाथ में पकड़ कर उसे सहलाते हुए उसका ज़हन कुछ बदल रहा था। अब उसे इतना अजीब नहीं लग रहा था। बल्कि उसका दिल चाह रहा था कि आज एक बार… सिर्फ़ एक बार… पहली और आखिरी बार… वो भी इस कुत्ते के लंड को अपनी ज़ुबान लगा कर चेक तो करे कि कैसा लगता है उसका ज़ायका! और क्या सच में कोई मज़ा भी आता है या कि नहीं! यही सोचते हुए बिल्कुल ग़ैर-इरादी तौर पर और ऐसे कि जैसे वो किसी जादू के ज़ैर असर हो… आहिस्ता-आहिस्ता टॉमी के लंड की तरफ़ बढ़ रही थी… बिल्कुल करीब! उसके होंठ टॉमी के लंड के बिल्कुल करीब पहुँच चुके थे। उसका अपना दिमाग बिल्कुल बंद हो चुका हुआ था। वो कुछ भी और नहीं सोच रही थी। बस उसे टॉमी का लंड ही नज़र आ रहा था। बिना सोचे समझे आखिरकार समीरा ने अपने होंठों के साथ टॉमी के लंड को छू लिया… सिर्फ़ एक लम्हे के लिये… और फ़ौरन ही उसका मुँह पीछे हट गया। समीरा को हैरत हुई कि उसे ये बुरा नहीं लगा था।

डरते-डरते समीरा ने टॉमी की तरफ़ देखा… फ़िर अपने इर्द गिर्द एक नज़र दौड़ायी… ये देखने के लिये कि कोई उसे देख तो नहीं रहा। फ़िर अपनी तसल्ली करने के बाद उसने दोबारा अपने होंठ टॉमी के लंड की तरफ़ बढ़ाये और एक बार फ़िर उसके लंड को अपने होंठों से छुआ। अपना हाथ पीछे के हिस्से में ले जा कर समीरा ने उसके लंड के मोटे गोल हिस्से के पीछे से टॉमी के लंड को अपने हाथ की गिरफ़्त में लिया और अपने होंठों को जोड़ कर उसके लंड पर लंबाई के रुख फिराने लगी। अजीब सा मज़ा आने लगा था समीरा को। वो अपने होंठों से जैसे उसके लंड को सहला रही थी… चूस रही थी!

कुछ देर तक ऐसे ही अपने होंठों के साथ टॉमी के लंड को सहलाने के बाद समीरा का खौफ़ और झिझक खतम हो रही थी। उसे जैसे-जैसे ये सब अच्छा लग रहा था… वो वैस- वैसे ही खुलती जा रही थी। साथ ही उसके होंठ भी खुले और उसकी ज़ुबान बाहर निकली और उसने अपनी ज़ुबान की नोक के साथ टॉमी के लंड को सहलाना शुरू कर दिया। वो उसके लंड पर अपनी ज़ुबान आहिस्ता-आहिस्ता फिराने लगी… उसकी नोक से ले कर उसकी पीछे की मोटी गोलाई तक। समीरा अब अपनी ज़ुबान फिराती हुई उसके लंड को महसूस कर रही थी। कुछ अजीब सी चीज़ लग रही थी… नयी सी… अर्जुन के लंड से मुखतलीफ़… अजीब सा मगर अच्छा! समीरा ने अपनी ज़ुबान को टॉमी के लंड की नोक पर रखा और उसे अपनी ज़ुबान से चाटने लगी। समीरा को हैरत हुई कि उसमें से वक्फ़े-वक्फ़े से थोड़ा-थोड़ा पानी निकल रहा था… हल्की सी धार की सूरत में और एक बार तो जब समीरा की ज़ुबान उसकी नोक पर थी तो वो ही पानी उसकी ज़ुबान पर आ गया। समीरा ने फ़ौरन अपन मुँह पीछे हटा लिया मगर ज़ुबान पर उसका ज़ायका रह गया। तभी समीरा को लगा… एहसास हुआ कि उसका ज़ायका कुछ इतना भी बुरा नहीं है। समीरा ने अब एक बार फ़िर अपनी ज़ुबान से उसके लंड को चाटना शुरू कर दिया और फ़िर पीछे अपनी ज़ुबान ले जा कर उसकी मोटी गेंद को चाटा। समीरा ने एक बार फ़िर हिम्मत करके उसके लंड की टोपी को अपने होंठों के बीच में लिया और उसे चूसने लगी… आँखें बंद करके… कुछ भी ना सोचते हुए… मगर उसके लंड से निकलने वाले पानी को कबूल करते हुए!

फ़िर टॉमी के लंड से उसका हल्का-हल्का पानी निकल कर समीरा के मुँह के अंदर गिरने लगा मगर इस बार समीरा ने उसके लंड को अपने मुँह से बाहर नहीं निकाला और उसे चूसने लगी। उसके लंड का पानी निकल-निकल कर समीरा के मुँह के अंदर गिरने लगा। कुछ अजीब सा ज़ायका लग रहा था उसे… मर्द के लंड से मुखतलीफ़! गाढ़ा पानी नहीं था मर्द की तरह बल्कि पतला-पतला सा था… नमकीन सा… कसैला सा… जोकि अब समीरा के हलक़ से नीचे उतर रहा था… उसके गले में से होता हुआ उसके पेट के अंदर। समीरा को ये ज़रा भी बुरा नहीं लग रहा था। वो अब अपने हाथों और घुटनों के बल झुकी हुई थी और टॉमी का लंड अपने हाथ में पकड़ कर उसे अपनी ज़ुबान से चाट रही थी और कभी उसे मुँह के अंदर लेती और चूसने लगती। सब कुछ भूलभाल कर समीरा अब सिर्फ़ मज़ा ले रही थी। खुद को पूरी तरह से अपने कुत्ते के साथ मस्त कर चुकी हुई थी… जानवर और इंसान का फ़र्क़ खतम कर चुकी थी और उसके लंड को चूसती चली जा रही थी।

टॉमी ने अपनी जगह से हरकत करते हुए अपना लंड समीरा के हाथ में से छुड़वाया और घूम कर समीरा के पीछे आ गया और समीरा की गोरी-गोरी गाँड को चाटने लगा। उसकी ज़ुबान समीरा की गाँड के बीच में घुसती हुई उसकी चूत तक पहुँच रही थी। और जैसे ही एक बार फ़िर से टॉमी की ज़ुबान समीरा की चूत से टकराने लगी तो समीरा की चूत की आग एक बार फ़िर से भड़कने लगी। टॉमी अब पूरी तरह से मुथर्रक हो चुका हुआ था। कभी वो समीरा की चूत को चाटता तो कभी उसकी गाँड को चाटने लगता। इधर समीरा का भी बुरा हाल हो रहा था लज़्ज़त के मारे। वो अपनी कोहनियाँ ज़मीन पर टिका कर अपना सिर अपने हाथों पर रखे अपनी गाँड को और भी ऊपर के उठा कर नीचे झुकी हुई थी। टॉमी उसकी चूत को चाट रहा था और समीरा मुँह से निकलने वाली सिसकारियों से पूरा कमरा गूँज रहा था।अचानक टॉमी ने एक छलांग लगायी और अपनी दोनों अगली टाँगें समीरा की कमर पर रख कर उसके ऊपर चढ़ गया। उसके अगले दोनों पांव समीरा की कमर पर थे और पीछे से उसने अपने लंड को समीरा की गाँड से टकराना शुरू कर दिया। समीरा समझ गयी कि वो अब अपना लंड उसकी चूत में दाखिल करना चाहता है। वो घबरा गयी। ऐसा तो उसने नहीं सोचा था। इस हद तक जाना उसके प्रोग्राम में शामिल नहीं था। वो तो बस अपनी चूत चटवाने तक का मज़ा चाहती थी। मगर अब तो शायद बात उसके कंट्रोल से निकल रही थी। टॉमी उसके ऊपर चढ़ कर उसको चोदने की तैयारी में था। समीरा घबरा गयी। उसने जल्दी से उठ कर अपनी जगह से खड़ी होना चाहा मगर टॉमी ने अपना पूरा वज़न समीरा की कमर पर डाल दिया और अपने अगले पैरों की गिरफ़्त उसके कंधों पर और मज़बूत कर दी। और पीछे से अपना लंड और भी तेज़ी के साथ उसकी गाँड की दरार में मारने लगा… उसे समीरा की चूत में दाखिल करने के लिये। समीरा अब काफ़ी खौफ़ज़दा थी मगर कुछ और भी तो अजीब हो रहा था। वो ये कि जब-जब टॉमी का लंड समीरा की चूत से टकराता तो उसे अलग ही मज़ा मिलता… उसे अलग ही दुनिया की सैर करवाता।

एक तरफ़ तो समीरा को अच्छा लग रहा था। उसका दिल चाह रहा था कि वो खुद टॉमी का लंड अपनी चूत में ले ले… ये सोच कर कि अगर इतना मज़ा सिर्फ़ लंड के बाहर से उसकी चूत से टकराने से मिल रहा है तो अगर ये लंड चूत के अंदर चला जायेगा तो फ़िर उसे कितना मज़ा देगा। मगर दूसरे ही लम्हे उसे कुछ और खयाल आने लगता… अपनी हैसियत का… अपने एक इंसान… एक औरत होने का… और ये कि वो तो एक जानवर है… कुत्ता है… तो वो कैसे एक कुत्ते का लंड अपनी चूत के अंदर डलवा कर खुद को उससे चुदवा सकती है। कैसे एक कुत्ते के सामने कुत्तिया बन कर खड़ी हो सकती है… कैसे एक कुत्ते को खुद को चोदने की इजाज़त दे सकती… कैसे एक कुत्ते को इजाज़त दे सकती है कि वो उसे अपनी कुत्तिया समझ कर चोद डाले! ये सोच कर उसने एक बार फ़िर से खुद को अपनी उस पोज़िशन से… कुत्तिया की पोज़िशन से… खड़ा करने का इरादा किया… एक कोशिश की… मगर… मगर अब तो सब कुछ उसके बस से बाहर था। वो तो अब अपने टॉमी की… एक कुत्ते की गुलामी में थी… उसके नीचे… और वो कुत्ता अपना लंड उसकी चूत के अंदर डालने की कोशिश में था।

जैसे ही टॉमी ने महसूस किया कि समीरा एक बार फ़िर से उसके नीचे से निकलने के लिये ज़ोर लगा रही है… उसे अपनी चूत दिये बिना उसके नीचे से निकलना चाहती है… तो उसने अपनी गिरफ़्त उसके जिस्म पर और भी सख्त कर दी और फ़िर अपना आखिरी हरबा भी आज़मा लिया। उसने अपना मुँह खोल कर समीरा की गर्दन को अपने नोकीले लंबे-लंबे खौफ़नाक दाँतों के बीच में ले लिया और उसकी गर्दन पर अपने दाँतों का दबाव बढ़ाने लगा। जैसे ही समीरा को अपनी गर्दन के गोश्त में टॉमी के दाँत घुसते हुए महसूस हुए तो वो खौफ़ के मारे अपनी जगह पर साकीत हो गयी कि कहीं टॉमी सच में ही उसकी गर्दन को ना काट ले। जैसे ही समीरा ने अपनी हरकत बंद की तो ये एक लम्हा टॉमी के लिये काफ़ी था। उसने दोबारा से समीरा की चूत पर हमला शुरू कर दिया। उसका लंड अब समीरा की चूत के सुराख से टकरा रहा था और आखिर ऐसे ही एक ज़ोरदार धक्के के साथ टॉमी का मोटा लंड समीरा की चूत की गहराइयों में उतर गया। और उसके साथ ही कमरे में समीरा की एक दर्द भरी… बहोत ही तेज़ चींख गूँज गयी। समीरा ने दोबारा से टॉमी की गिरफ़्त से निकलने की कोशिश की मगर फ़ौरन ही उसे अपनी गर्दन में कील से घुसते हुए महसूस हुए और वो मज़ीद नहीं हिल सकी।

इधर पीछे से अब टॉमी का लंड पूरे का पूरा समीरा की चूत के अंदर जा रहा था। समीरा के कंधों को पकड़े हुए वो दनादन घस्से मार रहा था… समीरा की चूत को चोद रहा था। उसका लंबा लंड बहोत गहरायी तक जा रहा था समीरा की चूत के अंदर। समीरा बिल्कुल बेबस हो चुकी हुई थी। वो चाहते हुए भी हिल नहीं पा रही थी। एक बात जो समीरा को अजीब लग रही थी वो ये थी के टॉमी के धक्के मारने का अंदाज़ ऐसा था कि जैसे कोई मशीन चल रही हुई हो। इतनी तेज़ी के साथ टॉमी का लंड समीरा की चूत के अंदर बाहर हो रहा था कि समीरा को यक़ीन नहीं हो रहा था। मगर उसे अब ये बात भी कबूल करने में कोई शरम महसूस नहीं हो रही थी कि उसे भी टॉमी के लंड से चुदाई में मज़ा आना शुरू हो रहा था।
समीरा ने अब अपनी मुज़ाहमत बिल्कुल खतम कर दी हुई थी और दोबारा से कार्पेट पर अपने हाथों के ऊपर अपना सिर रख कर अपनी गाँड को और भी हवा में ऊपर को उठाती हुई अपनी गाँड को पीछे को धकेल रही थी। समीरा की आँखें बंद हो रही थीं और चूत थी कि बस पानी ही छोड़ती जा रही थी। तेज़ रफ़्तार के साथ धक्के मारते हुए टॉमी का लंड समीरा की चूत में से निकल गया। समीरा ने फ़ौरन ही अपना हाथ पीछे अपनी रानों के बीच में ले जा कर टॉमी का लंड अपने हाथ में पकड़ा और उसकी नोक को दोबारा से अपनी चूत के सुराख पर टिका दिया और अगले ही लम्हे टॉमी का लंड एक बार फ़िर से समीरा की चूत में उतर चुका था… और फ़िर से उसकी चूत की धुनाई शुरू हो चुकी थी!

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2 Comments

  1. Priyank Puroh

    Kutte se chudaai? Meri girlfriend ka kutta use bada chipkata hei aur thanno pr aur niche chaddi par bhi chatata hei. Aur uske paas ek video bhi hei, jisme wo so rahi thi to uske upar chad ke chodne ki action kar raha tha. Wo bhi kamina to nahi?

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