Fantasy sex story – कुत्ता कमीना!

शराब का नशा समीरा पर अभी भी छाया हुआ था और समीरा को ये सुरूर बहोत खुशगवार लग रहा था। शराब के नशे की कैफ़ियत में हमेशा ही समीरा के जिस्म की गर्मी बढ़ जाती थी और चूत में मीठी सी मस्ती भरी कसक उठने लगती थी। वो आँखें बंड करके बैठी हुई टॉमी के बारे में सोचने लगी। वो कुछ फ़ैसला नहीं कर पा रही थी कि कल की तरह आज भी टॉमी के साथ मज़े और लज़्ज़त का वो ही खेल खेले या कि नहीं। एक तरफ़ उसे ये बात रोक रही थी कि वो एक इंसान है तो कैसे किसी जानवर को अपने जिस्म से इस तरह खेलने दे सकती है जबकि ये बात मुआशरे… मज़हब… और इख्लाकियत… सबके खिलाफ़ थी। मगर दूसरी तरफ़ शैतान उसे बहका रहा था कि जो मज़ा उसे कल एक कुत्ते की ज़ुबान से मिला है वो कभी उसे मर्द… एक इंसान की ज़ुबान से नहीं मिला था। और फ़िर अंग्रेज़ औरतें तो पता नहीं क्या-क्या करती हैं जानवरों के साथ… और वो तो सिर्फ़ थोड़ा बहोत अपने टॉमी के साथ खेल ही रही है ना। वो औरतें तो कुत्तों से ही नहीं बल्कि गधे-घोड़ों से भी अपनी चूत तक चुदवा लेती हैं और वो तो बस अपने जिस्म को ही अपने कुत्ते से चटवा रही है ना। यही सब सोचते हुए उसका हाथ तौलिये के नीचे अपनी चूत तक पहुँच चुका था और वो अपनी चूत को सहला रही थी। उसे इस बात का पता भी नहीं चला था कि कब उसका हाथ अपनी चूत पे पहुँच के उसे सहलाने लगा था। आखिर में समीरा ने सब कुछ हालात पर छोड़ दिया कि जो होगा देखा जायेगा।

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बेडरूम का दरवाज़ा लॉक नहीं था… बस हल्का सा ही बंद था। थोड़ी देर में समीरा को दरवाज़ा खुलने की आवाज़ सुनायी दी। उसने आँखें खोल कर दरवाज़े की तरफ़ देखा तो खुले हुए दरवाज़े में से टॉमी कमरे में दाखिल हो रहा था। उसे अपने कमरे में दाखिल होता हुआ देख कर समीरा का दिल ज़ोर से उछल पड़ा और उसके हाथ भी एक लम्हे के लिये तो काँप ही गये और उसने अपनी चूत सहलाना बंद कर दिया। टॉमी छोटे-छोटे क़दमों के साथ आहिस्ता-आहिस्ता दौड़ता हुआ समीरा की तरफ़ आया और आकर अपना मुँह समीरा की नंगी बाज़ू से रगड़ने लगा। समीरा ने भी अपने एक हाथ के साथ टॉमी के सिर को सहलाना शुरू कर दिया।समीरा सोफ़े की कुर्सी पर ऐसे बैठी हुई थी के सिर्फ़ उसका तौलिया उसके जिस्म पर था। उसके मम्मों का ऊपरी हिस्सा और उनके दर्मियान बनती हुई गहरी लकीर भी साफ़ नज़र आ रही थी। निचले हिस्से में उसका तौलिया उसकी आधी रानों तक चढ़ा हुआ था और उसकी गोरी-गोरी आधी रानें और उनसे नीचे पूरी की पूरी चिकनी टाँगें बिल्कुल नंगी थीं। पैरों में बेशक ऊँची पेन्सिल हील के सैंडल मौजूद थे। टॉमी ने जब अपनी मालकिन को उसकी मोहब्बत का जवाब मोहब्बत से देते हुए देखा तो वो फ़ौरन ही समीरा के घुटनों को अपनी ज़ुबान से चाटने लगा।

समीरा हौले से चिल्लायी, “ऐऐऐ टॉमी! क्या कर रहे हो यार! अभी मैं पार्टी में से थकी हुई आयी हूँ और तुम फ़िर से मेरा जिस्म चाटने लगे हो… हटो पीछे प्लीज़्ज़्ज़!”

समीरा उसे कह तो रही थी मगर उसे अपने पास से हटाने के लिये कोई ज़ोर नहीं लगा रही थी। बल्कि उसके सिर पे हाथ फेरते हुए उसे पीछे हटाना चाह रही थी। मगर टॉमी कहाँ मानने वाला था। था तो कुत्ता ही ना… उसने भला किसी की क्या बात माननी है। वो अपनी मर्ज़ी की मुताबिक़ नीचे समीरा के सैंडलों के तलवों से ले कर उसकी घुटनों तक उसकी टाँगों को चाटने लगा और अपनी लंबी सी गुलाबी गीली-गीली ज़ुबान से समीरा की टाँगों को गीला करने लगा। बूरा तो समीरा को भी नहीं लग रहा था। अभी जो काफ़ी देर तक यहाँ बैठी वो सोच रही थी वो सब कुछ एक बार फ़िर उसके साथ होने लगा था। एक बार फ़िर उसका जिस्म-ओ-दिल, दिमाग का साथ छोड़ कर लज़्ज़त का साथ देने लगे थे और बहकने लगे थे… इस अनोखे प्यार… अनोखी चाहत में खोने लगे थे। “आह… हे.. हे… हे… ऊँममम… सीईईई!” उसके मुँह से सिसकारियाँ सी निकलने लगी थीं। वो टॉमी को खुद से दूर करने की बजाय आहिस्ता-आहिस्ता उसका जिस्म और सिर सहला रही थी। टॉमी को और भी शह दे रही थी।

टॉमी था तो कुत्ता… मगर था ज़हीन। अपनी मालकिन की मर्ज़ी को समझ गया था। वो भी अब समीरा के पैरों और घुटनों को चाटना छोड़ कर अब समीरा के नंगे बाज़ुओं को चाटने लगा था। टॉमी भी पूरे जोश में था। उसकी ज़ुबान बड़ी तेज़ी के साथ उसके मुँह में अंदर-बाहर हो रही थी और समीरा के नंगे गोरे-गोरे बाज़ुओं को चाट रही थी। फ़िर वो उसके कंधों तक पहुँच गया और समीरा के कंधों को अपनी ज़ुबान से चाटने लगा। फ़िर टॉमी ने अपना मुँह खोल कर समीरा के कंधे की गोलाई को अपने अगले नोकदार दाँतों के बीच में लिया और आहिस्ता से उसे अपने अगले दाँतों में दबाने लगा जैसे कि वो समीरा को काटने लगा हो। मगर वो काट नहीं रहा था बल्कि जानवरों के मखसूस अंदाज़ में वो समीरा से… अपनी मालकिन से… प्यार कर रहा था।

पहले-पहल तो समीरा को डर लगा कि टॉमी उसे काटने लगा है मगर जब टॉमी के नोकीले दाँतों का बस हल्का-हल्का दबाव ही उसे अपने कंधों पर महसूस हुआ तो उसका खौफ़ कम हुआ और जब टॉमी के इस तरह से हौले-हौले काटने से समीरा को लुत्फ़ आया तो उसके मुँह से भी बे इख्तियार सिसकरी निकल गयी और साथ में ही लज़्ज़त के मारे उसकी आँखें बंद हो गयीं। टॉमी के दाँत समीरा को अपने गोश्त में धंसते हुए महसूस तो हो रहे थे मगर उसे लग रहा था कि इस में उसे कोई तकलीफ नहीं हो रही थी। इसी लिये वो भी उसे अब रोक नहीं रही थी। टॉमी ने अपने दाँत हटाये तो समीरा के कंधे पर उसके दाँतों के हल्के-हल्के निशान पड़ रहे थे और टॉमी ने इसी जगह को अपनी ज़ुबान से चाटना शुरू कर दिया।

लज़्ज़त के मारे समीरा की आँखें बंद हो रही थीं। टॉमी उसके नंगे गोरे-गोरे कंधे को चाटता हुआ उसकी गर्दन की तरफ़ बढ़ने लगा और उसकी गर्दन को अपनी ज़ुबान से चाटने लगा। टॉमी से समीरा का हर तरह का खौफ़ खतम हो चुका हुआ था। अब वो उसे रोक नहीं रही थी बल्कि उसके जिस्म पर अपना हाथ फ़ेर रही थी और उसके जिस्म को सहला रही थी… उसकी गर्दन को सहला रही थी। जैसे ही टॉमी की ज़ुबान… लंबी खुरदरी ज़ुबान समीरा के चेहरे पर पहुँची तो उसने आज एक बार फ़िर से समीरा के गोरे-गोरे गालों को चाटना शुरू कर दिया। वो गाल जो आज तक सिर्फ़ उसके शौहर ने ही चूमे और चाटे थे और अब एक कुत्ता भी इस में उसके शौहर का हिस्सेदार हो चुका था। अर्जुन कुमार जैसे बड़े आदमी की खूबसूरत बीवी के गोरे-गोरे गालों को एक कुत्ता… उनका अपना कुत्ता चाट रहा था और अपने थूक से उसका पूरे का पूरा चेहरा भर रहा था। अब तो उसकी ज़ुबान समीरा के होंठों पर भी पहुँच रही थी और उसके होंठों को चाटने लगी। आज समीरा ने टॉमी की इस हरकत का कुछ बुरा नहीं मनाया। बल्कि अपने सामने खड़े हुए टॉमी की गर्दन को सहलाती रही। समीरा सोफ़े की कुर्सी पर बैठी हुई थी और टॉमी उसके सामने खड़ा था। इस पोज़िशन में टॉमी का मुँह समीरा के चेहरे के बराबर आ रहा था। इस क़दर बड़ा कद और जसामत थी टॉमी की।

जैसे-जैसे टॉमी की ज़ुबान समीरा के होंठों को चाटती जाती थी, वैसे-वैसे समीरा की मस्ती में इज़ाफ़ा होता जा रहा था। उसे आज ये सब कुछ बुरा नहीं लग रहा था और उसने एक बार भी टॉमी को पीछे हटाने की कोशिश नहीं की और अपने होंठों को उसके सामने से हटाये बगैर टॉमी के सामने बैठी थी। आहिस्ता-आहिस्ता समीरा के होंठ खुलने लगे। दोनों होंठों के दर्मियान में खला बनने लगा और पता नहीं क्यों और कैसे, बिना सोचे समझे, बंद आँखों के साथ ही। समीरा की ज़ुबान उसके मुँह से बाहर निकल आयी और अगले ही लम्हे समीरा की ज़ुबान टॉमी की ज़ुबान से टकरा रही थी। टॉमी की ज़ुबान तेज़ी के साथ हरकत करती हुई समीरा की ज़ुबान को चाट रही थी और अब तो समीरा की ज़ुबान ने भी थोड़ी हरकत शुरू कर दी हुई थी। दोनों की ज़ुबानें एक दूसरे से टकरा रही थीं और समीरा टॉमी के साथ ऐसे मस्त थी जैसे कि वो कोई जानवर नहीं बल्कि उसका कोई आशिक़ हो जिसके साथ वो मस्ती कर रही हो। एक बार तो समीरा ने खुद टॉमी की लंबी सी ज़ुबान को अपने होंठों में पकड़ने की कोशिश की और एक-दो बार की कोशिश के बाद इसमें कामयाब हुई। मगर सिर्फ़ थोड़ी देर के लिये ही वो उसकी ज़ुबान को चूस सकी और फ़िर टॉमी की ज़ुबान उसके मुँह में से सरक गयी और फिसल कर बाहर निकल गयी।

ऐसे ही टॉमी के साथ कीसिंग करते हुए और उसके साथ ज़ुबान लड़ाते हुए समीरा को पता भी नहीं चला कि कब उन दोनों के जिस्मों की हरकत से समीरा के जिस्म पर लिपटा हुआ तौलिया जो उसके सीने के उभारों को… उसके मम्मों को ढाँपे हुए था, वो खुल कर उसके सीने से सरक कर उसकी गोद में आ गिरा। उसके साथ ही समीरा के खूबसूरत गोरे-गोरे मम्मे टॉमी के सामने नंगे हो गये। समीरा के होंठों और फ़िर ठोढ़ी को चाटता हुआ टॉमी नीचे उसके सीने की तरफ़ आने लगा और फ़िर समीरा के गोरे-गोरे सीने को अपनी लंबी ज़ुबान से चाटने लगा। उसकी ज़ुबान जैसे ही समीरा के मम्मे से टकरायी तो समीरा के मुँह से सिसकारी निकल गयी। मगर टॉमी कहाँ रुकने वाला था। वो तेज़ी के साथ समीरा के मम्मों को चाटने लगा… कभी एक को तो कभी दूसरे को। जैसे-जैसे टॉमी की ज़ुबान समीरा के निप्पलों को रगड़ने लगी तो समीरा तो जैसे तड़पने लगी। मुँह से सिसकारियाँ निकालते हुए वो टॉमी के सिर को अपने सीने की तरफ़ खींचने लगी। अजीब हालत हो रही थी समीरा की। आज तक कभी पहले समीरा को अपने निप्पलों के छुए जाने से इस क़दर मज़ा नहीं आया था जितना आज उसे टॉमी की ज़ुबान अपने निप्पलों से छूने की वजह से मिल रहा था।

कुछ देर तक समीरा के सीने और मम्मों को चाटने के बाद एक बार फ़िर से टॉमी ने समीरा को अपने तरीके से काटना शुरू कर दिया। इस बार टॉमी ने अपना मुँह खोला और समीरा के पूरे के पूरे मम्मे को अपने बड़े से मुँह के अंदर लेने लगा। अपने दाँतों के दर्मियान और अपने दाँतों में लेकेर उसने एक बार फ़िर से आहिस्ता-आहिस्ता समीरा के मम्मे को काटना शुरू कर दिया और अपने दाँतों के बीच में उनको दबाने लगा। समीरा के मुँह से हल्की-हल्की चींखें निकलने लगीं… दर्द और खौफ़ के मारे नहीं बल्कि लज़्ज़त के साथ। टॉमी समीरा के मम्मों को बारी-बारी ऐसे जगह-जगह से काट रहा था कि जैसे वो उनको खाने की कोशिश कर रहा हो। ऐसे ही तेज़ी के साथ अपनी काटने की जगह तबदील करते हुए समीरा का एक निप्पल उसके दाँतों के बीच आ गया और जैसे ही टॉमी ने उसे काटा तो समीरा की तो जैसे जान ही निकल गयी। एक तेज़ सिसकारी और चींख उसके हलक़ से निकली… अपने निप्पल में होने वाले हल्के से दर्द की वजह से। मगर उसके साथ ही उसके सारे जिस्म में लज़्ज़त-अमेज़ लहरें दौड़ने लगीं। उसकी चूत गीली होने लगी जोकि इस वक़्त उसके जिस्म का वाहिद हिस्सा था जोकि तौलिये से ढका हुआ था।
समीरा को इस क़दर लज़्ज़त मिली… इतना मज़ा आया कि उसने टॉमी का सिर अपने दोनों हाथों में पकड़ा और अपने मुँह की तरफ़ लाते हुए अपने होंठ टॉमी के मुँह के अगले काले हिस्से यानी उसके होंठों पर रख दिये और एक बार उसे चूमने के बाद उसके होंठों पर अपनी ज़ुबान फिराने लगी। टॉमी की हरकतें समीरा को मस्त करती जा रही थीं। कुछ देर पहले तक वो टॉमी के साथ कुछ करने या ना करने का फ़ैसला नहीं कर पा रही थी और अब वो खुद को टॉमी के रहम-ओ-करम पर छोड़ चुकी थी और हालात की लहरों पर बहती चली जा रही थी… टॉमी के साथ… जो मस्ती और अनोखी लज़्ज़त के सफ़र में समीरा के साथ था। बल्कि इस सफ़र पे समीरा को ले जाने वाला भी टॉमी ही था।

कुछ देर के बाद समीरा ने अपने जिस्म पर मौजूद आखिरी मगर बे-मक़सद कपड़ा… अपनी रानों पर पड़ा हुआ तौलिया भी उतार के नीचे कार्पेट पे फेंक दिया और अब वो टॉमी के सामने ऊँची हील के सैंडल के अलावा बिल्कुल नंगी थी और टॉमी…वो तो अज़ल से ही नंगा था। जैसे ही टॉमी ने समीरा की नंगी रानों को देखा तो फ़ौरन ही नीचे को आकर उसकी रानों को चाटने लगा… कभी एक तो कभी दूसरी को… कभी यहाँ से तो कभी वहाँ से… समीरा की रानों को चाटता हुआ टॉमी उसकी रानों के अंदर के हिस्सों की तरफ़ आने की कोशिश कर रहा था और हवस की मारी समीरा उसे रोक भी नहीं सकी। उसकी टाँगें खुद-ब-खुद ही खुल गयीं और टॉमी की ज़ुबान समीरा के जिस्म के सबसे नाज़ुक और सबसे खास और सब से प्राइवेट हिस्से उसकी चूत की तरफ़ बढ़ने लगी। जैसे ही टॉमी की ज़ुबान ने एक बार में ही समीरा की फूल जैसी खुली हुई चूत को पूरे का पूरा चाटा तो समीरा का तो पूरे का पूरा जिस्म ही अपनी जगह से उछल कर रह गया। उसने खुद को गिरने से बचाने के लिये टॉमी के मज़बूत जिस्म को जल्दी से दोनों हाथों से पकड़ लिया। अब टॉमी बिना किसी रोकटोक के समीरा की चूत को चाट रहा था।

दो दिन के अंदर ही समीरा जैसी इज़्ज़तदार और खूबसूरत औरत इस हद तक खुल चुकी हुई थी कि इस वक़्त वो बिल्कुल नंगी हो कर बैठी हुई अपने कुत्ते से अपनी चूत चटवा रही थी। इसमें इस बेचरी औरत का भी कोई क़सूर नहीं था। ये तो कमाल था टॉमी जैसे समझदार और तजुर्बेकार कुत्ते का जो अपनी हरकतों और अपनी ज़ुबान के साथ किसी भी औरत को मदहोश करके अपने सामने बेबस कर देने में माहिर था। हक़ीकत में टॉमी कोई आम कुत्ता नहीं था। वो खास तौर से तरबियत-याफ़्ता था। अपने काम में माहिर था यानी उसे तरबियत ही ये दी गयी हुई थी कि एक औरत को कैसे गरम करना और कैसे उसे चोदना है। अपनी इसी खूबी और अपने काम में मुकम्मल महारत की वजह से ही टॉमी अपनी पुरानी मालकिन भूमि का पसंदीदा कुत्ता था जिससे चुदवा-चुदवा कर भूमि कभी भी बोर नहीं हुई थी। और आज समीरा भी सिर्फ़ एक दिन की मुज़ाहमत के बाद ही टॉमी के सामने अपनी सारी मुज़ाहमत खतम कर बैठी हुई थी और इस वक़्त इस कुत्ते के सामने अपनी चूत खोल के बैठी इससे अपनी चूत चटवाती हुई मज़े ले रही थी। कुत्ता भी ऐसे मज़े ले-ले के समीरा की चूत से बह कर निकलने वाले पानी को ऐसे चाट रहा था कि जैसे अंदर से कोई शहद निकल रहा हो जिसका वो एक क़तरा भी ज़ाया जाने नहीं देना चाहता हो।

टॉमी की खुरदरी, लंबी गुलाबी ज़ुबान इतनी बुरी तरह से समीरा की चूत को चाट रही थी कि समीरा के जिस्म से उसकी जान निकली जा रही थी। उसके मुँह से ज़ोर दार सिसकरियाँ निकल रही थीं जोकि पूरे कमरे में फैल रही थीं। शराब के नशे और कुत्ते की ज़ुबान के चाटने की मस्ती में चूर समीरा के लिये सोफ़े की कुर्सी पर टिक कर बैठना और अपना तवज़ुन बरकरार रखना बहोत मुश्किल हो रहा था क्योंकि उसके चूतड़ फिसल कर आगे किनारे पे टिके हुए थे और सोफ़े की कुर्सी भी बिना हथों वाली थी। मगर फ़िर भी वो किसी ना किसी तरह टॉमी को पकड़ कर अपने थरथराते हुए जिस्म को सहारा देने की कोशिश कर रही थी। अचानक टॉमी की लंबी ज़ुबान फिसल कर समीरा की चूत के सुराख के अंदर चली गयी… सिर्फ़ एक लम्हे के लिये। मगर वो लम्हा तो जैसे कोई करंट सा लग गया समीरा के जिस्म में और समीरा का पूरे का पूरा जिस्म अपनी जगह से उछल पड़ा और अगले ही लम्हे समीरा नीचे कार्पेट पे गिरी हुई थी। उसने नीचे कार्पेट से उठने की कोई कोशिश नहीं की और ना ही टॉमी ने उसे उठने का कईं मौका दिया। वो जल्दी से अपनी जगह से घूम कर एक बार फ़िर से समीरा की चूत की तरफ़ आ गया और समीरा की रानों को चाटने लगा।

समीरा ने भी फौरन अपनी टाँगों को खोलते हुए टॉमी को दोबारा अपनी चूत की तरफ़ मुतवज्जह कर लिया था। अब तो जैसे टॉमी चाहता था… जो चाहता था… समीरा के साथ वो ही कर रहा था और समीरा भी बिल्कुल वैसा ही कर रही थी… बिना कोई मुज़ाहमत किये… बिना कोई इंकार किये।
मुज़ाहमत और इंकार… ये तो वहाँ होते हैं ना जहाँ इंसान को मज़ा नहीं आ रहा हो जबकि यहाँ… यहाँ तो समीरा को इस सब में पूरा-पूरा मज़ा आ रहा था। टॉमी की ज़ुबान समीरा की चूत पर चल रही थी और उसके पूरे जिस्म को जला रही थी उसमें पैदा होने वाली आग के साथ। समीरा तो अपनी रानों को पूरा खोले हुए टॉमी के आगे पड़ी हुई थी और वो उसकी दोनों टाँगों के बीच में खड़ा… अपना सिर झुकाये… अपना मुँह समीरा की चूत पर रखे हुए… अपनी लंबी ज़ुबान के साथ समीरा की चूत को चाटता जा रहा था। टॉमी की लंबी ज़ुबान तेज़ी के साथ चल रही थी। कभी वो उसकी पूरी की पूरी चूत को अपनी ज़ुबान से एक साथ ही चाटने लगता और कभी उसकी चूत के ऊपरी हिस्से पर अपनी पूरी तवज्जो लगा देता।

समीरा की चूत के दोनों लबों के दर्मियान… बिल्कुल ऊपर के हिस्से में उसकी चूत का दाना… टॉमी की बेरहम खुरदरी ज़ुबान के रहम-ओ-करम पर था… जिसे टॉमी की ज़ुबान मुसलसल रगड़ रही थी… चाट रही थी और कुछ ही देर पहले तक टॉमी को रोकने का इरादा करने वाली समीरा अब अपनी आँखें बंद किये हुए उसके सामने सिर्फ सैंडल पहने बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी… तड़प रही थी… सिसक रही थी। मगर ये तड़प और सिसक किसी तकलीफ या दर्द के मारे नहीं थी बल्कि लज़्ज़त की वजह से थी और उसके मुँह से निकलने वाली तेज़ सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं। उसके दोनों हाथ टॉमी के सिर पर थे… उसे अपने से दूर करने के लिये नहीं बल्कि उसके मुँह को और भी अपनी तरफ़ खींचने के लिये।

कुछ ही देर में समीरा ने अपनी दोनों टाँगें उठायीं और उनको टॉमी की कमर के ऊपर रखते हुए उसके हेवानी जिस्म को अपनी गोरी-गोरी नाज़ुक और सैक्सी टाँगों के बीच में दबाने लगी ताकि वो कहीं भाग ना जाये। समीरा अपने सैंडल के तलवों और गोरे-गोरे पैरों के ऊपरी हिस्से के साथ टॉमी की नरम-नरम फ़र को सहला रही थी। उसके पैर उसकी पूरी कमर पर सरक रहे थे और कभी वहाँ से नीचे उसकी टाँगों को सहलाने लगती… कुछ भी ना सोचते हुए… बस आँखें बंद किये हुए। अपनी चूत पर उसकी ज़ुबान के मज़े लेते हुए उस जानवर के जिस्म को अपने पैरों से सहलाना उसे अच्छा लग रहा था। टॉमी के जिस्म और उसकी टाँगों को अपने सैंडल और पैरों के साथ सहलाते हुए पता नहीं कब और कैसे उसका पैर नीचे जाने लगा… टॉमी के पेट के नीचे की तरफ़ और ऐसे ही उसका पैर किसी सख्त सी चीज़ से टकराया… जिसकी समीरा को फौरी तौर पे कुछ समझ नहीं आयी। वो उसे भी उसकी टाँग की कोई हड्डी ही समझी… सख्त सी लंबी सी। Doggy ki fantasy sex story apko jarur maja de rahi hogi… read more on next page.

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2 Comments

  1. Priyank Puroh

    Kutte se chudaai? Meri girlfriend ka kutta use bada chipkata hei aur thanno pr aur niche chaddi par bhi chatata hei. Aur uske paas ek video bhi hei, jisme wo so rahi thi to uske upar chad ke chodne ki action kar raha tha. Wo bhi kamina to nahi?

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