Fantasy sex story – अर्जुन कुमार एक बहोत बड़ा और कामयाब बिज़नेस मैन था। उसकी उम्र चालीस साल थी। उसकी बीवी समीरा उससे करीब बारह साल छोटी थी। अठाइस साल की समीरा बेहद जवान और खूबसूरत थी। मक्खन की तरह नरम, दूध की तरह सफ़ेद गोरी चिट्टी और गुलबदन और नाज़नीन हुस्न की मालिक थी। वो अपनी जवानी और हुस्न का खूब खयाल रखती थी। अपने जिस्म पर एक भी ग़ैर ज़रूरी बाल नही रहने देती। रोज़ाना इंपोर्टेड बेबी लोशन के साथ अपने जिस्म का मसाज करती। बक़ायदगी के साथ ब्यूटी पर्लर जाती और अपने हुस्न को चार चाँद लगवाती। हर वक्त अच्छे मॉडर्न कपड़े और काफी ऊँची-ऊँची ऐड़ी वाले सैंडल पहने रहती थी। उसका कद पाँच फुट तीन इंच था… समीरा को इस बात का काम्प्लेक्स था और इसी वजह से वो हर वक़्त हाई हील के सैंडल पहनना पसंद करती थी। वो जानती थी कि अगर वो अपनी जवानी और खूबसूरती का खयाल नहीं रखेगी तो अर्जुन कुमार जैसा मालदार आदमी उसे छोड़ कर किसी और के पास भी जा सकता है। अपनी अदाओं के जलवे अर्जुन कुमार को दिखाती रहती और वो भी एक भरपूर और वाजीह मर्द था और हर तरह से समीरा का खयाल रखता और उसकी माली और जिस्मानी ज़रूरतों को निहायत ही अच्छे अंदाज़ में पूरा करता… समीरा की मुकम्मल तसल्ली तक। पार्टियों में हमेशा ही उनकी जोड़ी की तारीफ़ होती थी। दोनों ही एक दूसरे का बहोत खयाल रखते थे और एक दूसरे से बहोत मोहब्बत करते थे।
अर्जुन कुमार अपने बिज़नेस में काफी मसरूफ रहता था और समीरा ज्यादातर घर पे ही रहती थी। घर… घर क्या था एक बहोत बड़ा बंगला था। नौकर चाकर, कारें, ड्राइवर, सब कुछ था। घर पे काम काज कोई करने को था नहीं। नौकर ही सारा काम करते थे। खाना पकाने के लिये भी किशन काका था जो खाना बनाने के बाद अपने क्वार्टर में चला जाता था जहाँ वो अपनी बीवी के साथ रहता था। इस तरह वो घर के अंदर ज्यादातर अकेली ही होती थी। समीरा का जहाँ दिल करता वो ड्राइवर के साथ जा सकती थी और जाती भी थी। खूब शॉपिंग वगैरह करती थी… रुपये- पैसों की तो कोई कमी थी नहीं। समीरा अर्जुन कुमार के साथ बाहर के मुल्कों के बिज़नेस टूर पे भी जाती और तमाम किस्म की बिज़नेस और सोशल पार्टियों में भी शामिल रहती और शराब वगैरह भी पीती थी। हमारे मुल्क में शराबनोशी पर पाबंदी जरूर है लेकिन अमीर – गरीब हर तबके के लोग खुल्लेआम शराब पीते हैं। फर्क सिर्फ़ इतना है कि गरीब लोग देसी शराब से काम चलाते हैं जबकि अमीरों को हर किस्म की कीमती शराब मुयस्सर होती है। आजकल तो मॉडर्न लड़कियाँ और औरतें भी सर-ए-आम शराब नोशी का मज़ा लेती हैं और समीरा भी लिहाज़ा इसी तरह की खातूनों में शामिल थी और पार्टियों और घर पे भी बाक़ायदा शराब पीने की शौकीन थी।
एक बार जब अर्जुन कुमार और समीरा अमेरिका के टूर पर गये तो वहाँ इनका मेज़बान दिलीप था। उसने उनको होटल में ठहराने की बजाय अपने घर में ठहराया। दिलीप और उसकी खूबसूरत बीवी भूमि बहोत ही अच्छे और मिलनसार लोग थे। उन्होंने उनकी खूब खातिरदारी की। उनके घर में दो कुत्ते भी थे जोकि उनके घर में ही पल के जवान हुए थे। सफ़ेद रंग के जिस्म पर काले रंग के बहोत खूबसूरत धब्बे-धब्बे बने हुए थे। करीब चार फुट लंबा और ढाई फुट ऊँचा कद था। भारी मगर बहोत मज़बूत और बेहद चुस्त और फुर्तीला जिस्म था इनका। दिलचस्प बात ये थी कि दोनों कुत्ते बिल्कुल एक जैसे थे। यानी वो दो जुड़वाँ कुत्ते थे – जिम्मी और टॉमी। समीरा को भी वो कुत्ते बहोत अच्छे लगे थे। दोनों ही बहोत अच्छे सधे हुए थे। अपने मालिकों से बहोत प्यार करते थे। समीरा ने देखा कि दोनों कुत्ते रेहान और भूमि के आगे पीछे फिरते रहते अपनी दुम्म हिलाते हुए उनके हुक्म का इंतज़ार करते हुए। दोनों कुत्ते घर के अंदर फिरते थे मगर समीरा को कहीं भी कोई उनकी फैलायी हुई गंदगी नज़र नहीं आयी। दिलीप ने जब अपने मेहमानों की पसंदीदगी और दिलचस्पी अपने कुत्तों में देखी तो उसे और भी अच्छा लगा और उसने उनको अपना एक कुत्ता तोहफ़े में देने की ऑफर कर दी। अर्जुन कुमार और समीरा इस ऑफर पे बहोत हैरान और खुश हुए और समीरा ने अर्जुन कुमार से वो कुत्ता अपने साथ ले जाने की फ़रमाइश की। कुत्ता तो अर्जुन को भी पसंद आया था इसलिये उन्होंने दिलीप की ऑफर को शुक्रिया के साथ कबूल कर लिया। समीरा को खुश होते हुए देख कर दिलीप ने माइनी खेज़ नज़रों से अपनी बीवी भूमि की तरफ़ देखा और दोनों मुस्कुरा दिये।
समीरा बोली, “भूमि… आप लोगों का बहोत-बहोत शुक्रिया! ये तो सारा-सारा दिन घर से बाहर रहते हैं और मैं घर में बोर होती रहती हूँ… अब आपने एक डॉगी हमें दिया है तो चलो उसके साथ मेरी कुछ मसरुफ़ियत बनी रहेगी और वक़्त भी पास हो जायेगा!”
भूमि मुस्कुरा के बोली, “येस… टॉमी के साथ आप का वक़्त सच में बहोत अच्छा गुज़रेगा और आप हमेशा हमें याद करोगी। टॉमी मेरा पसंदीदा कुत्ता है। उसकी बहोत अच्छी तरबियत की हुई है हमने। उसकी Pet Care बोहोत अच्चेसी की गयी है। आप लोगों को कभी भी इससे किसी किस्म की कोई शिकायत नहीं होगी!”
समीरा खुश और पुरजोश होती हुई बोली, “मुझे बहोत अच्छा लगेगा जब ये मेरे इशारों पे चलेगा।”
दिलीप हंसते हुए बोला, “ये इशारों पे चलता भी है और अपने इशारों पे चलाता भी है!”
उसकी बात पे भूमि हंसने लगी और समीरा भी बिना कुछ समझे उनके साथ हंसने लगी। जब अमेरिका से दोनों वापस आये तो टॉमी भी उनके साथ था और दोनों बहोत खुश थे।
टॉमी ने अर्जुन कुमार के घर में रहना शुरू कर दिया। वो सच में ही बहोत शानदार जानवर था… बहोत ही मोहज़्ज़ब और तरबियत-याफ़्ता… बिल्कुल अमेरिकी आवाम की तरह। शुरू- शुरू में वो नये माहौल में आके घबराया हुआ था। थोड़ा तंग किया। वो भी डरा हुआ था और अर्जुन कुमार और समीरा भी उससे थोड़ा दूर-दूर रहते। मगर आहिस्ता-आहिस्ता उनका खौफ़ जाता रहा और वो उसके करीब आने लगे और वो भी बहोत जल्द अर्जुन कुमार और समीरा के साथ मानूस हो गया। घर के अंदर ही रहता और समीरा के आगे-पीछे फिरता रहता। समीरा खुद उसे अपने हाथों से खिलाती… उसे सैर करवाती। शुरू में तो उसके गले में पट्टा डाला गया था मगर आहिस्ता-आहिस्ता वो समीरा ने उतार फेंका और अब टॉमी घर के अंदर बिना रोकटोक और बिना किसी रुकावट के फिरता था। उसकी देख भाल के लिये एक खास नौकर रखा था मगर टॉमी तो ज्यादा वक़्त समीरा के साथ ही गुज़ारता और समीरा के साथ ही खुश रहता। समीरा को भी अपना फ़ारिग़ वक़्त गुज़ारने का एक शुगल मिल गया था। टॉमी समीरा के साथ खेलता… उसके सैंडलों और पैरों को चाटता… अपना मुँह और सिर उसके सैंडलों और पैरों से रगड़ता और समीरा भी उसके सिर पे और जिस्म पे हाथ फ़ेर के उसके जिस्म को सहलाती और उसकी मोहब्बत का जवाब मोहब्बत से देती।
शुरू में जब टॉमी ने समीरा के पैरों को चाटने के लिये अपना मुँह उसके पैरों पर रखना चाहा तो वो डर के मारे उछल ही पड़ी थी और उसके करीब बैठा हुआ अर्जुन कुमार भी हंसने लगा था। मगर धीरे-धीरे वो उसकी आदि हो गयी थी और अब उसे अच्छा लगता था जब टॉमी की ज़ुबान उसके सैंडलों को चाटते हुए सैंडल की बारीक पट्टियों के बीच में सरकते हुए उसके पैरों को चाटती थी। अब तो उसका अपना भी दिल चाहता था कि वो उसके सैंडलों को चाटते हुए उसके पैरों पे अपनी ज़ुबान फेरते रहे। शाम में टॉमी समीरा के साथ लॉन में खेलता। समीरा गेंद फेंकती और वो उस गेंद के पीछे-पीछे भाग कर उसे पकड़ने की कोशिश करता। कभी-कभी समीरा नीचे घास पर बैठ जाती तो वो उस पर चढ़ जाता और उसे नीचे गिराने की कोशिश करता और समीरा भी हंसती हुई नीचे उसके सामने लेट जाती। टॉनी फ़िर उसके सैंडल और पैरों को चाटने लगता और कभी अपना सिर उसके मुँह के साथ रगड़ने लगता। ये सब समीरा खूब इंजॉय करती।
समीरा मॉडर्न और आज़ाद खयाल औरत थी। वो हर तरह के मॉडर्न लिबास पहनना पसंद करती थी। मगर घर के अंदर वो और भी आज़ादी के साथ रहती थी। अक्सर घर के अंदर उसका लिबास बहोत बोल्ड होता था… घुटनों से ऊपर छोटी स्कर्ट और स्लीवलेस टॉप पहनना तो उसका मामूल था। ऐसे ही एक रोज़ वो टीवी लाऊँज में सोफ़े पे आधी लेटी हुई फ्रेंच वाईन पीती हुई एक इंडियन मूवी देख रही थी और टॉमी भी वहीं बैठा हुआ था। समीरा ने छोटी सी स्कर्ट और बिना बाजू वाली टॉप पहनी हुई थी और पैरों में हमेशा की तरह ऊँची पेन्सिल हील के सैंडल पहने हुए थे। स्कर्ट उसके घुटनों से ऊपर तक थी और उसकी गोरी-गोरी और चिकनी टाँगें नंगी हो रही थीं। टॉप भी उसके जिस्म के साथ चिपकी हुई थी जिस में उसके सीने के उभा क़यामत लग रहे थे। टॉमी ने समीरा के क़रीब आकर उसके सैंडल पहने हुए पैरों में अपना सिर रगड़ना शुरू कर दिया। अपने सिर के साथ वो समीरा के पैर को सहलाने लगा। समीरा ने भी अपने दूसरे पैर के साथ कुत्ते के सिर को सहलाना शुरू कर दिया। बड़े ही प्यार से उसके सिर पे अपने सैंडल का तलवा फिराने लगी। टॉमी ने उसके प्यार भरे अंदाज़ को देखा तो खुश हो कर वो समीरा के पैर को अपनी लंबी गुलाबी ज़ुबान निकाल कर चाटने लगा। टॉमी ने पहले समीरा के सैंडल के तलवे को अपनी ज़ुबान से चाटना शुरू किया और फिर जब वो समीरा के पैर के तलवे और सैंडल के बीच के गैप में अपनी ज़ुबान घुसा कर चाटने लगा तो समीरा को हल्की-हल्की गुदगुदी होने लगी और उसके साथ ही मज़ा भी आने लगा।
टॉमी की नरम-नरम ज़ुबान कभी समीरा के सैंडल के तलवे को चाटती तो कभी पैर के तलवे और सैंडल के दर्मियान घुस कर चाटती और कभी पैर के ऊपर के हिस्से को सैंडल की पट्टियों के बीच में से चाटने लगती। बड़े ही प्यार और जोश के साथ टॉमी समीरा के सैंडल और पैरों को चाट रहा था जैसे के उसके सैंडल और पैरों पे कोई शहद लगा हो जिसे चाटने में उसे मज़ा आ रहा हो। लज़्ज़त के मारे समीरा की तवज्जो भी अब टीवी पर से हट चुकी थी और वो भी अपनी वाइन पीती हुई टॉमी को ही देख रही थी और उसके सिर के सहला रही थी अपने दूसरे पैर के सैंडल के तलवे के साथ। टॉमी भी कभी समीरा के एक पैर को चाटता और कभी दूसरे पैर के चाटने लगता। धीरे-धीरे उसकी ज़ुबान समीरा के पैर से ऊपर को जाती हुई उसकी गोरी-गोरी टाँग के निचले हिस्से को चाटने लगी और वहाँ उसने अपनी ज़ुबान फेरनी शुरू कर दी ।
टॉमी की लंबी खुरदरी गुलाबी ज़ुबान जैसे-जैसे समीरा के पैरों और टाँग के निचले हिस्से को चाटती जाती तो वैसे-वैसे ही उसे मज़ा आने लगा। पहले पहल तो वो उसे टॉमी का रोज़ का काम ही समझ रही थी और उसकी तरफ़ कोई तवज्जो नहीं दे रही थी मगर धीरे-धीरे समीरा को भी मज़ा आने लगा….. अच्छा लगने लगा…. उसकी तवज्जो टीवी की तरफ़ से हट के अब सिर्फ़ अपने कुत्ते की ज़ुबान से मिलने वाली लज़्ज़त की तरफ़ ही थी। उसका दिल चाह रहा था कि टॉमी की ज़ुबान और ऊपर को आती जाये उसके जिस्म को चाटती हुई। टॉमी भी आहिस्ता-आहिस्ता समीरा के जिस्म के नंगे हिस्सों को चाटते हुए आगे बढ़ रहा था। उसकी लंबी गीली ज़ुबान अपने थूक के साथ समीरा की टाँगों को गीला कर रही थी। जहाँ-जहाँ से वो चाटता जाता था वहाँ वो उसके जिस्म को गीला करता जा रहा था। समीरा को भी बुरा नहीं लग रहा था। बल्कि इस तरफ़ तो उसका ध्यान ही नहीं था कि कुत्ते के मुँह का थूक उसके जिस्म को गीला या गंदा कर रहा है। उसे तो बस अपने मज़े का ही एहसास था बस… जो इस कुत्ते की ज़ुबान से मिल रहा था। उसने वाइन के बड़े-बड़े घूँट पीते हुए गिलास खाली करके नीचे कार्पेट पे ही रख दिया था।
टॉमी का मुँह अब समीरा की नंगी रानों तक पहुँच रहा था। उसने अपनी लंबी ज़ुबान के साथ समीरा की गोरी-गोरी चिकनी नंगी रान को चाटना शुरू कर दिया। समीरा ने खुद ही अपनी स्कर्ट को अपनी रान पे थोड़ा ऊपर को सरका लिया… अपनी गोरी-गोरी रानों को और भी नंगा करते हुए… अपने इस कुत्ते के लिये। जैसे-जैसे टॉमी ने समीरा की नंगी रानों को चाटना शुरू क्या वैसे-वैसे समीरा लज़्ज़त के मारे तड़पने लगी। वाइन की हल्की सी खुमारी समीरा की लज़्ज़त और ज्यादा बढ़ा रही थी। लज़्ज़त के मारे उसकी आँखें बंद होने लगीं। कुत्ते का जिस्म अब समीरा के करीब था… उसके हाथ के करीब। समीरा ने अपना हाथ बढ़ाया और उसके जिस्म पे रखा और उसके जिस्म को सहलाने लगी। उसका हाथ तेज़ी के साथ टॉमी के जिस्म पे हरकत कर रहा था और वो उसे सहलाती हुई अपनी तरफ़ खींच रही थी। अर्जुन कुमार ने भी कईं बार उसके जिस्म को चूमा और अपनी ज़ुबान से चाटा था मगर जो मज़ा समीरा को टॉमी की ज़ुबान से मिल रहा था वो लज़्ज़त उसे आज पहली बार मिल रही थी। समीरा का एक हाथ अब टॉमी के सिर को सहला रहा था और दूसरा हाथ अपनी रान पे था। टॉमी की ज़ुबान समीरा की रानों को चाटती हुई कभी उसके हाथ को भी चाटने लगती। समीरा को अजीब सा एहसास हो रहा था… उसे अपनी चूत के अंदर सरसराहट सी महसूस होने लगी थी… हल्का-हल्का गीलापन अपनी चूत के अंदर भी महसूस कर रही थी वो।
उसे यक़ीन नहीं हो रहा था कि एक कुत्ते की ज़ुबान इस क़दर लज़्ज़त दे सकती है। उसे थोड़ा खौफ़ और डर भी लग रहा था इस कुत्ते से कि कहीं वो उसे काट ना ले मगर उसके साथ-साथ… उसकी ज़ुबान से मिलने वाली लज़्ज़त उसे सब कुछ भूल भाल कर इसी मज़े में खो जाने को कह रही थी। आज से पहले भी टॉमी ने कईं बार समीरा के सैंडलों और पैरों को चाटा था मगर वो कभी भी उसके पैरों से आगे नहीं बढ़ा था पर आज उसकी ज़ुबान उसके पैरों से आगे उसकी नंगी टाँगों से होती हुई उसकी नंगी गोरी चिकनी रानों तक पहुँच चुकी थी… और उसके साथ ही समीरा लज़्ज़त की बुलंदियों की तरफ़ जा रही थी।
कुत्ते की ज़ुबान समीरा की रानों के ऊपरी हिस्से को चाट रही थी… उसकी चूत के इर्द-गिर्द… जैसे अभी के अभी उसकी स्कर्ट के अंदर चूत तक पहुँच जायेगी जिसे उसकी पैंटी ने ढक रखा था। समीरा की आँखें बंद थीं… टाँगें पूरी खुली हुई थीं… मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं… पूरे का पूरा जिस्म झटके खा रहा था। कुत्ते टॉमी की ज़ुबान उसके पूरे जिस्म में आग लगा रही थी। उसका दिल चाह रहा था कि वो अपने जिस्म पर मौजूद सारे के सारे कपड़े उतार फ़ेंके… और टॉमी की ज़ुबान के लम्स को अपने पूरे जिस्म पर महसूस करे.. पूरे जिस्म पर उसकी ज़ुबान को फिरवा कर मज़े ले। अभी वो अपने दिमाग में पैदा होने वाली इस ख्वाहिश को पूरा करने या लंट्रोल करने के बारे में फ़ैसला नहीं कर पा रही थी कि घर के अंदर के दरवाज़े की बेल बज उठी। समीरा जैसे होश में आ गयी… अपनी आँखें खोलीं… टॉमी को अपने जिस्म पर से पीछे हटाया। वो भी बेल की आवाज़ से चौंक कर चौकन्ना हो चुका हुआ था। समीरा ने शर्मिंदा नज़रों से टॉमी की तरफ़ देखा और फ़िर सोफ़े पर से उठ कर अपनी पेंसिल हील की सैंडल खटखटाती हुई दरवाज़ा खोलने के लिये बढ़ गयी। उसका जिस्म हौले-हौले काँप रहा था और चेहरा सुर्ख हो रहा था… मुँह खुश्क हो रहा था।
दरवाज़ा खोला तो सामने किशन काका था जोकि खाना पकाने के लिये आया था। समीरा ने टीवी लाऊँज में वापस आते हुए उसे ठंडा पानी ला के पिलाने को कहा और वापस जा कर सोफ़े पर बैठ गयी और अपने से कुछ दूर बैठे हुए टॉमी को देखने लगी। किशन काका पानी दे गया तो पानी पीने के बाद उसने फिर कालीन पर पड़े पहले वाले वाइन-गिलास में वाइन भरी और आहिस्ता-आहिस्ता वाइन पीती हुई टॉमी के बारे में ही सोचती रही कि किस क़दर अजीब बात है… किस क़दर अजीब लज़्ज़त और मज़ा था उसकी ज़ुबान में।
Kaun leta hei kutto ka. Kuttachod sale…
Kutte se chudaai? Meri girlfriend ka kutta use bada chipkata hei aur thanno pr aur niche chaddi par bhi chatata hei. Aur uske paas ek video bhi hei, jisme wo so rahi thi to uske upar chad ke chodne ki action kar raha tha. Wo bhi kamina to nahi?