Erotica वासना का भंवर – Jija Sali Sex

बारटेंडर- “नहीं सर मैं आपको और नहीं दे सकता!” इतना सुनते ही राज ने वहाँ पड़े गिलास तोड़ दिये।

“क्यों नहीं दे सकते… पैसे दूँगा कितने चाहिए?” कि अब वहाँ कुछ और वैटेर्स आ गये उन्होंने राज को पकड़कर कुर्सी पे बिठाया और राज एक बात बड़बड़ा रहा था, “मुझे शराब दो!” कि तभी किसी ने राज के रूम नंबर 331 में इंटरकोम लगाकर डॉली को बताया

कि उसके हसबंड बार में तमाशा कर रहे हैं। इतना सुन डॉली लिफ़्ट में दौड़कर नीचे आयी और कमलेश नाम के एक वेटर की मदद से राज को ऊपर ले गयी।

डॉली लड़खड़ाते हुए राज को कमरे के अंदर ले आकर आयी और बैड पर लेटा दिया। डॉली ने राज के जूते उतारे। उसने देखा के राज बड़बड़ाये जा रहा था।

“बहुत बुरा आदमी हूँ मैं… बहुत बुरा..” उसने देखा कि डॉली उसके एक दम नज़दीक बैठी उसके माथे को सहला रही थी।

राज- “डॉली तुम बहुत अच्छी हो, मैं बहुत बुरा..”

डॉली- ” नहीं आप बहुत अच्छे हो..” कहते हुए उसने राज के सर को अपने वक्षों में प्यार से दबा लिया। राज की हालत देख उसके भी आँसू निकल आये थे।

“आप सो जाइये बाद में बात करेंगे.. आप इस वक़्त होश में नहीं हैं..”

राज- “हाँ होश? साला होश में जब भी आना चाहूँ.. वो मुझे… वो मुझे..” उसको इतनी चढ़ गयी थी कि उससे बात नहीं हो रही थी।

डॉली- “वो… कौन? किसकी बात कर रहे हो आप?” राज ने ज़ोर लगाकर हिम्मत की, “वो ने………..” और बेहोश हो गया। वो ओंधे मुँह डॉली की गोद में पड़ा था। राज की ये हालत देखकर उसकी आँख में आँसू आ गये थे कि अचानक उसने देखा कि राज की जेब में उसका मोबाइल वाइब्रेटर पे बज रहा है। उसने बड़ी मुश्किलों से राज को सीधा करके उसकी जेब से उसका मोबाइल निकला। राज की मम्मी का फ़ोन था। डॉली ने देखा कि राज गहरी नींद में है उसने फ़ोन अटेंड किया।

डॉली- “पाए लागु मम्मी जी..”

मम्मी- “अरे डॉली कैसी हो… और ये राज कहाँ है?.. जब से तुम्हारे साथ गया है उसके फ़ोन आने ही बंद हो गये!” प्यार से छेड़ते हुए उसने डॉली से कहा।

डॉली- “नहीं वो सो रहे हैं… रात को ज़्यादा देर तक जाग रहे थे तो…”

मम्मी- “समझ गयी… चल जब उठे तो बात करवा देना… और तू ख़ुश है न?” डॉली ने अपने आँसू सँभालते हुए कहा-

“हाँ मम्मी जी… बहुत ख़ुश!”

मम्मी- “चलो ख़ुश रहो.. रखती हूँ..”

“हाँ..” कहकर डॉली ने फ़ोन नीचे कर लिया। वो अभी भी राज को इस हाल में देख रही थी। उसके लिए ये भी एक नया ही अनुभव था। उसने कभी किसी लड़के को इस तरह शराब के नशे में चूर अपने बैड पर नहीं देखा था। वो भी जो उसका पति था। उसने अपने आँसू पहुँचे और जैसे ही राज का मोबाइल टेबल पर रखने को थी उसकी नज़र उसके मोबाइल के मैसेज बॉक्स पे गयी। उसे कुछ परिचित नाम दिख रहे थे।

उसने राज के मोबाइल में मैसेजस खँगालने शुरू कर दिए। अचानक उसने पाया कि राज की नींद खुल गयी है उसे शायद उल्टी आ रही थी। डॉली ने झट से उसका मोबाइल वहाँ साइड में रख दिया और उसे बाथरूम में ले गयी। जहाँ से राज के उल्टी करने की आवाज़ें आ रही थीं और डॉली उसे सहारा दे रही थी।

केरल के एक हॉस्पिटल में राज जय और कुणाल को अपना बयान दे रहा था। उसने आगे बताया कि जब उसकी नींद खुली तो डॉली उसके कमरे में नहीं थी। वो उसे ढूँढ़ने बाहर गया तो 224 नंबर रूम का दरवाज़ा खुला था जिसमें ज्योति ठहरी हुई थी। वहीं उसे डॉली की लाश मिली। उसके सीने में चक्कू गड़ा हुआ था और फिर किसी ने उसके सर पर वार कर दिया।

ये बात तो जय और कुणाल पहले से ही जानते थे। ख़ैर उन्होंने इस बात की पुष्टि तो कर दी कि राज और ज्योति के बयान कुछ हद तक मेल खा रहे थे कि तभी नर्स अंदर आ गयी उसने जय और कुणाल को बाहर जाने के लिए कहा।
कुणाल जय के साथ बाहर खुली हवा में आ गया। उसे अभी भी इन कहानियों की उन कड़ियों की तलाश थी जो डॉली के क़त्ल से जुड़ती हैं। लिहाज़ा उन्होंने ज्योति की कहानी को पूरी करने का फ़ैसला लिया और फिर वो दोनों उसी कमरे में ज्योति के साथ बैठे थे। वो उससे उस रात के बारे में जानना चाहते थे जिस रात वो होटल छोड़कर गयी थी।

Dosto jija sali sex kahani kaise lagi comments me jarur batana please ! aur acchi kahani padhne ke liye indisexstories.com padhte rahiye

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