बर्दाश्त नहीं होता अब – holi sex story

“आह किशन मेरी जान ,मजा आ गया “
“साली रंडी तुझे तो मजा आएगा ही तू तो है ही सबसे बड़ी रंडी,ओह साली सोमनी तेरी चुद है की मख्खन है ,जितना मथो उठाना ही मजा आता है,”
“तू चोद साले और ये रंडी किसे बोल रहा है रंडी होगी तेरी मा समझा “
“ओह साली इतने लंडो से चुदवाने वाली को रंडी ही बोलते है मेरी रानी ,ओह मादर ओह….”
“मादरचोद अंदर नही बाहर निकाल “
किशन सोमनी के योनि से अपना लिंग निकलता है और अपना गाढ़ा गाढ़ा वीर्य सोमनी के पेट में छोड़ देता है ,दोनो ही हाँफने लगते है और एक दूसरे के बाजू में लेट जाते है, aage padhiye holi ki sex story kya kya hota hai


“रानी यू छत में करने में मजा नही आता कभी हमे भी तो अपने घर बिस्तर में ले जाओ “
“चुतिया हो गया है क्या मा बाबा जाग गए ना तो मर जाएंगे,यही सही है समझे,करना है तो करो वरना ..”
“वह मेरी जान तू तो नाराज हो गई ,ऐसे मेरी पिचकारी कैसे लगी तुझे “
सोमनी के चहरे पर एक मुस्कान आ जाती है और वो अपने पेट में पड़े हुए वीर्य को अपनी चुन्नी से पोछती है,


“होली में भी ऐसे ही भिगोना मुझे “वो हल्के से हँसती है,
“तुझे तो होली में पूरा गांव भिगोने को तैयार रहता है मेरी जान ,जंगल में चलेंगे दारू पियेंगे और फूल चुदाई करेंगे,मैं ,अकरम,केशव ,भुजंग सभी तैयार बैठे है होली के लिए “
सोमनी जोरो से हँसने लगती है
“तुम साले सब मिलकर होली में मेरी फाड़ ही डालोगे…”दोनो ही हँसने लगते है तभी कुछ टकराने से गिरने की आवाज आती है दोनो ही जल्दी से उठ जाते है और आवाज की दिशा में देखने लगते है ,
“है भगवान ये कौन था,”
दूसरी छत से किसी शख्स को अंदर जाते देख कर किशन कह पड़ा …
“फिकर मत करो वो रघु चाचा होंगे “
“है भगवान रघु ,वो साला सांड वो तो हमे मार ही देगा “
“फिकर मत करो वो ऐसे ही मुझे देखकर बस आहे भरता रहता है ,साला कमीना रिस्ते में तो मेरा चाचा लगता है लेकिन मुझे चोदना चाहता है ..”
“अरे तो क्या हुआ ,कौन सा तेरा सगा चाचा है वो ,पड़ोसी ही तो है “
“हा लेकिन हम बचपन से ही साथ साथ रहे ,और उस साले ने मुझे प्रपोज कर दिया,मैं ठहरी रांड किस्म की मुझे ये प्यार मोहोब्बत समझ नही आता”
“तो चुदवा ही ले ना,ऐसे भी ना जाने कितने लोगो ने तो तेरी मारी है वो भी सही बेचारे का दिल ही रख ले “


सोमनी जोरो से हँसने लगी
“वो भी तो वही चाहता है लेकिन उसके चहरे में आये असहाय भाव को देखकर मुझे तो बड़ा मजा आता है ,वो भी मुझे दुसरो से चुदते हुए देख देख कर और भी जल जाता है ,मुझे तो उसे और भी जलाना है उसे जलाने में ही मुझे मजा आता है ,हा हा हा साला बड़ा आया मुझे चोदने के सपने देखने वाला …”
सोमनी के आंखों में गुस्सा भर गया ,पता नही ऐसा क्या था की जब भी वो रघु का नाम सुनती वो बौखला जाती लेकिन फिर भी वो जानबूझकर रघु को दिखाने के लिए तरह तरह के कारनामे करती ,आज भी उसे समझ आ गया था की रघु उसे देख रहा है वो उसे जलाने के लिए जोरो से आहे ले रही थी उसे इसमें ही मजा आता था…

इधर रघु बेचारा फिर से अपने कमरे में पहुचकर अपना लिंग अपने हाथो में लिया हिलाने लगा ,
“मादरचोद साली सोमनी ,एक बार मुझे भी अपनी दे दे यू तो सबको अपनी जवानी बांटती रहती है ,ओह एक दिन ये जरूर होगा की मैं तुझे चोदूँगा ना सिर्फ नंगा करके बल्कि कुत्तों की तरह नोच नोच कर ओह ओह”
वो बस ऐसे ही अपने को शांत कर लेता था लेकिन उसके दिमाग में ये बात हमेशा चलती रहती थी की उसे क्या करना है और शायद सोमनी और किशन की बाते सुनकर उसने कुछ मन ही मन ठान लिया था……

रघु की हवस सोमनी के लिए बढ़ते ही जा रही थी वही सोमनी भी उसे नीचा दिखाने में कोई भी कमी नही छोड़ती ,एक दिन फिर से वो छत में ही थी ,किसी आशिक के इंतजार में ,
उसे रघु के आने की आहट सुनाई दी ,वो पटल कर उसे देखती है की रघु की तो धड़कने ही रुक गई ,
“आप ऐसे क्यो घूर रहे हो चाचा जी “
“कुछ नही क्या कर रही हो अकेले “
सोमनी के चहरे पर एक व्यंग्यात्मक मुस्कान छलक गई ,
“जैसे आपको पता नही की यहां क्या होता है”उसकी हँसी रघु के दिल को छेद रही थी,
“सोमनी अगर मुझसे तुम्हे परेशानी है तो ठीक है लेकिन आखिर मैं भी तुम्हारे रिस्ते में चाचा लगता हु रिस्तो का भी लिहाज भूल गई हो तुम “
सोमनी के चहरे पर गुस्से के भाव साफ झलकने लगते है ,
“चाचा ,शर्म करो कुछ रोज यहां मुह उठाकर चले आते हो ,और मेरे जिस्म को देखकर लार टपकाते हो और मुझे रिस्तो का मतलब समझा रहे हो ,आरे जाओ जाओ जाकर मेरा नाम लेकर अपना लंड हिलाओ वही करते आये हो और वही करते रहोगे “
सोमनी के तीखे जवाब को सुनकर रघु का मुह ही लटक गया ,तभी किशन वहां आ गया आज उसके साथ उसका दोस्त भी था,दोनो ही रघु को देखकर एक तीखी सी मुस्कान देते है जिसे देखकर रघु का खून और भी खोल जाता है लेकिन वो बेचारे सा मुह लटकाया अपने कमरे में भारी पाव से वापस जाने लगता है लेकिन तभी उसके कानो में जो आवाज पड़ती है उसे सुनकर वो वो मानो शर्म से पानी पानी ही हो जाता है ,
“अरे सोमनी तेरे चाचा के ही सामने मारे क्या तेरी “
तीनो जोरो से हँसते है,
“अरे छोड़ो इस नामर्द को ,तुम अपना काम शुरू करो बहुत खुजली हो रही है “
फिर तीनो हँसते है ,
“साला चुतिया “
किशन की आवाज से रघु शर्म से पानी पानी हो जाता है ,वो कभी सोचता है की सोमनी के माता पिता को ये सब बाते बता दे लेकिन इससे उसका वो बदला और वो अरमान तो पूरे नही होने थे उसे अब बस होली का इंतजार था…………

आखिर होली का दिन आ ही गया,जैसा की सोमनी प्लान किया था वो अपने सहेली का बोलकर अपने आशिकों के पिचकारियों से भीगने जाने वाली थी ,रघु भी तैयार बैठा था ,सोमनी को जंगल तक तो अपनी सहेलियों के साथ ही जाना था उसके बाद उसे अपनी सहेलियों को अलविदा कह चुपचाप अलग हो जाना था ,इससे किसी को पता भी नही चलता और वो 4-5 घण्टो के लिए अपने आशिकों के साथ पूरे मजे कर लेती ,वो जंगल तक तो पहुची और अपने सहेलियों से अलग होकर चुपचाप जंगल में थोड़ी आगे बड़ी तभी एक वेन उसके पास आकर रुकी उसने अंदर देखा तो एक मर्द बैठा था जो चहरे पर मुखोटा पहने था,वो भारी आवाज में बोला ,
“चल जल्दी से अंदर आ जा ,सब तेरा ही इंतजार कर रहे है “


उसने वो आवाज पहले नही सुनी थी लेकिन उसे लगा की ये कोई नया दोस्त होगा,वो इस किस्म की छिनाल थी की उसने इतनी भी फिक्र नही की कि कोई नया लड़का आज उसकी लेने वाला है ,वो जल्दी से वेन के अंदर बैठी और जैसे ही वो अंदर बैठी एक रुमाल उसके नाक पर पड़ा वो थोड़ी छटपटाई लेकिन थोड़ी ही देर में निढल होकर बेहोश हो गई……..

“रघु चाचा तुम “
“क्यो मादरचोद बहुत तड़फाय है तुमने मुझे अब बताता हु की दर्द किसी कहते है “
रघु की आंखों में खून उतर गया था,वो लाल आंखे देख कर सोमनी की रूह जी कॉप जा रही थी ,इस समय सोमनी किसी अनजान जगह में थी ,उसके दुप्पटे से ही उसका हाथ बंधा गया था ,उसकी सफेद सलवार और कमीज पूरी तरह से रंग से भीगा हुआ था जिससे उसकी गदराई जवानी का नजारा मिलता था,वो दीवाल से सटी हुई बैठी थी,वो थोड़ी छटपटाई लेकिन हिल छूट नही पा रही थी …
“चाचा प्लीज़ जाने दो “वो लगभग रोती हुई बोली
“क्यो ताकि तू अपने यारो के साथ जाकर गुलछर्रे उड़ाए ,तुझे तो आज बताऊंगा साली बहुत तड़फाय है तूने मुझे “
“अगर तुम ऐसा कुछ करने की सोच रहे हो तो समझ लेना की मैं तुम्हे छोडूंगी नही “सोमनी के अंदर गुस्से की एक लहर दौड़ी ये स्वाभाविक ही था ,क्योकि आजतक वो रघु को अपने इशारों पर नचाती आई थी लेकिन आज वो ही उसके ऊपर हावी होने की कोशिश कर रहा था वो कैसे उससे हार सकती थी …


“साली कुतिया तुझे क्या लगता है की तू जाकर गांव वालो से बोलेगी की रघु ने तेरा जबरदस्ती किया तो सब मान लेंगे …ये देख “
रघु के हाथो में मोबाइल था और स्क्रीन में सोमनी और किशन के अंतरंग दृश्य थे साथ ही होली का उनका प्लान भी रिकॉड था जिसमे सोमनी खुद अपने मुह से कई लड़को के साथ सेक्स का प्लान कर रही थी
“इसे देखने और सुनने के बाद तेरी तो कोई नही सुनेगा,सबको तो पता ही है की तू एक रांड है लेकिन इसके बाद तेरे घर वालो को भी पता चल जाएगा की तू कितनी बड़ी रांड है “
रघु जोरो से हँसने लगा और उसकी गूंज से पूरा कमरा ही गूंज उठा ,सोमनी सुबकते हुए अपनी नजर उठाई और पहली बार उस कमरे को देखा वो तो दंग ही रह गई ये तो उसके कमरे से लगा हुआ कमरा था जो की मेहमानों के लिए बनाया गया था ,उसके चहरे में डर साफ झलकने लगा
“फिकर मत कर तेरे घर वाले मेरे घर में होली खेल रहे है ,मैंने सबके खाने में इतना भांग मिलाया है की कोई भी रात तक हमे डिस्टर्ब करने नही आएगा ,और अगर तूने होशियारी दिखाने की कोशिश की तो सोच ले बोल दूंगा की तुझे ढूंढता हुआ जब मैं जंगल पहुचा तो तू वँहा पर अपने आशिकों के साथ दंगल कर रही थी ,और जब मैंने तुझे पकड़ लिया तो तू मेरे ऊपर ही इल्जाम लगाने लगी,,”


सोमनी को समझ आ चुका था की वो अब पूरी तरह से फंस चुकी है और अब रघु से उसके लिए लड़ना फिजूल है उसे बस उसका कहा ही मानना पड़ेगा ,
“ठीक है चाचा मैं आपकी हर बात मानूँगी “
“गुड ये हुई ना बात “
रघु जाकर उसके हाथो को खोल देता है ,सोमनी झट से रघु के मोबाइल को पकड़ लेती है और अपनी सफलता पर हँसने लगती है ,
“साले क्या समझा था मुझे ,आज तक तो तुझे बस जलाया है लेकिन अब तो ,साले मादरचोद मुझे चोदेगा तू तेरा तो लंड कटवाऊंगी मैं अपने यारो से मिलकर “
सोमनी का गुस्सा सातवे आसमान पर था लेकिन रघु की आंखों में कोई भी ख़ौफ़ नही था बल्कि वो हँसने लगा जिसे देखकर सोमनी भी आश्चर्य से भर गई
“साली तूने क्या समझा था की मैं इतना बड़ा चुतिया हु जो इस वीडियो की कॉपी नही रखा होऊंगा ,ये वीडियो मेरे गूगल ड्राइव में भी सेव है ,और मैं जंहा से चाहू इसे खोल सकता हु ,”

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