Adultery माशूका बनी दोस्त की बीवी – Dost Ki Biwi ko choda

अब मुझे भी घर जाना था, मैंने कपड़े पहने, बिस्तर पर लेटी नीता को चुम्बन किया और विकास से नीचे दरवाजा खोलने को कहा और दबे पाँव नीचे आ गया।
अगले दिन 11 बजे नीता का फोन आया, एक लम्बे किस के बाद उसने मुझे थैंक्स बोला।
मैंने उससे पूछा कि वो इतनी खूबसूरत है और विकास भी बहुत सेक्सी है… फिर मुझे बीच में क्यों घुसा लिया?
नीता ने बताया कि पता नहीं क्यों पर मैं उसे बहुत अच्छा लगता हूँ। सेक्स के दौरान नीता और विकास ने पाया कि अगर वो किसी तीसरे का नाम लेते हैं तो उन्हें सेक्स में ज्यादा मजा आता है।
विकास उस दौरान नीता की चचेरी बहन जो नीता की ही हमउम्र और गठीले बदन की है, का नाम लेता था और नीता मेरा नाम लेती थी।
नीता ने बताया कि उसकी चचेरी बहन कावेरी तो फिलहाल नीता की पकड़ में नहीं आ रही थी विकास के लिए, हालाँकि नीता और कावेरी आपस में बहुत खुले हुए हैं और एडल्ट जोक्स खूब शेयर करतें हैं और एक दो बार एक बिस्तर पर दोनों ने एक दूसरे के मम्मे दबाये और चूत में उंगली की है। पर यह कहने की कि कावेरी विकास से चुदा ले, अभी तक नीता की हिम्मत नहीं हो पाई है।
हाँ पर जब नीता मेरा नाम लेती थी तो विकास की चोदने की स्पीड बढ़ जाती थी और पिछले दिनों एक बार विकास ने नीता से पूछ ही लिया था कि अगर वो मुझसे नीता को चुदा दे तो क्या नीता कावेरी को विकास से चुदने के लिए मना लेगी।
इस पर नीता ने विकास को कहा था कि वादा तो नहीं है पर अगले महीने कावेरी 2-3 दिनों के लिए यहाँ आएगी, उस दौरान नीता पूरी कोशिश करेगी कि कावेरी विकास से चुद जाए।
नीता के बर्थडे वाले दिन जब मैं अचानक वापस आ गया तो नीता बहुत घबरा गई थी कि चुदाई भी हुई नहीं और बात भी खुल गई कि नीता मुझमें इंटरेस्ट रखती है।
तब उसने विकास को कहा था कि बस एक बार विकास मुझे घर बुला लाये, बाकी नीता खुद सम्भाल लेगी।
नीता ने मुझसे पूछा- सच बताना तुम्हें कैसा लगा?
मैंने कहा- मुझे तो अभी तक यकीन नहीं हो रहा कि नीता जितनी प्यारी और ख़ूबसूरत लड़की मेरे साथ बिस्तर पर थी, वो भी अपने पति की मौजूदगी में!
नीता ने कहा कि उसे मेरे बात करने का और सलीके में रहने का स्टाइल बहुत पसंद था, पर अब उसे मेरा सेक्स करने का स्टाइल भी बहुत पसंद है।

उसने मेरे लंड का नाम ‘चैम्प’ रखा और मैंने उसकी चूत का नाम ‘परी’ रखा।
हमने अपने सेक्स का नाम ‘मस्ती’ रखा।
कुल मिलकर हमारे बीच अब एक नया रिश्ता जुड़ चुका था जिसमें रोमा और विकास कहीं नहीं थे।
नीता बोली कि मर्द कुछ भी बोले पर शक्की बहुत होता है। नीता ने बताया कि विकास को आज सुबह लग रहा था कि कहीं नीता मुझसे जुड़ तो नहीं गई है इसलिए अब वो मुझे फोन विकास से छिप कर करेगी, रोज ठीक 11 बजे, क्योंकि 11 बजे विकास दुकान जाता है और अगले एक घंटा उसे फुर्सत नहीं मिलती।
इसलिए नीता ने विकास से कह रखा है कि अगर 11 से 12 के बीच नीता का फोन व्यस्त आये तो विकास समझ ले कि नीता या तो अपने मायके वालों से बात कर रही है या अपनी सहेलियों से!
इसलिए इस बीच नीता मुझे किया करेगी, वो भी लैंडलाइन पर…

सच बेवफाई और प्यार बहुत शातिर बना देता है। मैं और नीता अब रोज 11 से 12 अपनी ‘मस्ती’ की बातों में डूबने लगे।
एक दिन विकास ने मुझे कहा कि कल वो और नीता सूरजकुंड मेला देखने जा रहें हैं।
उसने मुझसे कहा साथ चलने के लिए!
हालाँकि में उस दिन दिल्ली जा भी रहा था, पर मैंने उनके साथ जाने को मना कर दिया, कहा- जाओ और मस्ती कर के आओ!
शाम को नीता भाभी का फोन आया और उसने मुझे साथ चलने के लिए दवाब दिया।
आखिर मैंने उससे इस बात के लिए बोल दिया- ठीक है, मैं दोपहर को सूरजकुंड पहुँच जाऊँगा।
अगले दिन मैं अपना काम निपटा कर दोपहर एक बजे करीब मेले में पहुँचा।
मुझे नीता और विकास मिल गए, नीता ने जीन्स और टॉप पहना था।
हम लोगों ने रेस्टोरेंट में खाना खाया।
नीता बोली- मुझे तो नींद आ रही है!
और ऐसा कहते उसने मेरी ओर विकास से छुपा कर आँख मारी।
मैं समझ गया कि वह चुदासी हो रही है, मैंने उससे धीरे से कहा कि होटल में कमरा लेना पड़ेगा और दो हजार से कम का कमरा मिलेगा नहीं, क्यों दो तीन घंटों के लिए पैसा बर्बाद करती हो।
मगर उसे और विकास को तो चुदाई सूझ रही थी। वहीं कॉटेज भी थीं जिनका किराया एक हज़ार रूपये था, जो शायद चुदाई के ही काम आती होंगी।
खैर, हम लोग एक कॉटेज में गए।
मैंने उन्हें एकांत देने के मूड से कहा- तुम लोग आराम कर लो, मैं घूम कर आता हूँ।
तब विकास बोला- पहले हम बाथटब में नहा कर आते हैं, फिर बैठ कर गप्पें मारेंगे।
एक्स्ट्रा कपड़े तो लाये नहीं थे इसलिए उन दोनों ने अपने कपड़े कमरे में ही उतार कर तौलिये लपेट लिए थे।
तौलिये में नीता का चिकना और संगमरमरी बदन क़यामत ढा रहा था, गोरी चिकनी उँगलियों पर उसने लाल नेल पॉलिश लगा रखी थी।
सच मेरा चैम्प तो जीन्स फाड़ कर बाहर आने को तैयार था मगर समय की मजबूरी थी, बिना विकास से न्यौता मिले मैं कुछ नहीं कर सकता था।
मेरा खड़ा करके नीता और विकास नहाने चले गए।
अंदर से उनके चूमने, चिपटने की आवाज आ रही थी, मैं अपना लंड बाहर निकाल कर मुठ मारने की सोच ही रहा था कि नीता तौलिया लपेट कर बाहर आई और मुझे एक चुम्मी देकर कान में फुसफुसा कर बोली- अभी विकास नखरे कर रहा है, शायद आज चुदाई न हो!
सही बात यह थी कि विकास इस बात से डर गया था कि कहीं नीता उसके हाथ से निकल कर मुझसे प्यार न कर बैठे!
अब विकास को कौन समझाए कि जिस बात से वो डर रहा है, वो तो हो चुका…
अब नीता बीवी तो सिर्फ उसकी है पर माशूका मेरी है।
अब बीवी और माशूका में दीवाना कौन होता है… पति और आशिक में ज्यादा चाहत किसकी होती है… यह तो सब जानते ही हैं।

विकास को इस बात का डर था कि कहीं नीता को मुझसे प्यार न हो जाए!
मेरी माशूका की चूत में बाथटब में नहाकर आग लगी हुई थी, जो शायद उसका पति नहाते समय न बुझा पाया हो, या फिर वो अपने आशिक के लंड की प्यासी हो रही हो!
तभी विकास भी तौलिया लपेट कर बाहर आ गया।
नीता ने बड़े स्टाइल से मुझसे आँख मारकर कहा- तुम प्लीज बाहर चले जाओ जिससे मैं कपड़े बदल सकूँ।

मैं दरवाजे से निकला ही था कि नीता ने अपना तौलिया हटा दिया और विकास का भी तौलिया खींच दिया।
नीता ने ये सब क्यों किया?
सनी के लंड के लिए में बहुत बैचैन हूँ, पर विकास से कह नहीं सकती।
और विकास डर रहा है कि कहीं मैं सनी के लंड की दीवानी न हो जाऊँ।
विकास को क्या मालूम कि मैं विकास से बहुत प्यार करती हूँ पर सनी की दीवानी हो गई हूँ, उसका बात करने का, कपड़े पहनने का, चोदने का, होठों पर चूसने का अंदाज़ अलग है।
मैंने सोचा कि कुछ ऐसा करूँ जिससे विकास को लगे कि मैं सिर्फ उससे नजदीकी चाहती हूँ और मैं उसे यह विश्वास दिला दूँ कि कावेरी की चूत उसे दिलाने के लिए मैं अपनी पूरी कोशिश कर रही हूँ।
मैं ऐसा करती हूँ कि सनी को बाहर भेज देती हूँ तो विकास को लगेगा कि मैं सनी की मौजूदगी में मजे नहीं ले पा रही हूँ, इसलिए मैंने सनी को आँख मारकर बाहर भेज दिया ताकि उसे बुरा न लगे।
और उसके जाते ही खुद भी नंगी हो गई और विकास को भी नंगा कर दिया।
जब दो बदन नंगे हों तो आग तो लग ही जानी है…
विकास ने मुझे अपने नंगे बदन से चिपटा लिया।
मैंने अब उससे एक झूठ बोला- तुम्हारे लिए एक खुशखबरी है, कावेरी अगले हफ्ते आ रही है और वो बजाये दो तीन दिन के चार पांच दिन रुकेगी और मैंने उससे कुछ सेक्सी नाईट ड्रेस लाने को कहा है। मेरा पूरा प्रयास होगा कि पहले या दूसरे दिन ही हम तीनों बिस्तर पर एक साथ हों!
विकास यह सुनते ही बेकाबू हो गया और मुझे बेतहाशा चूमने लगा।.
अब मैंने अपना आखिरी तीर मारा, मैंने विकास से पूछा- विकास सच बतओ तुम सनी को लेकर मुझसे डर रहे हो न?
विकास चुप रहा।
मैंने उसके होठों पर एक जोरदार चुम्मी लेकर कहा- इसमें कोई शक नहीं कि मुझे सनी के साथ बहुत मजा आया, पर वो सब कुछ विकास और मेरे संबंधों की कीमत पर नहीं!
मैंने विकास को यह विश्वास दिलाया कि मेरे लिए जो विकास है वो कोई दूसरा हो ही नहीं सकता।
और अगर विकास को पसंद नहीं तो मैं सनी से कोई नजदीकी नहीं चाहती!
बस इतना सुनते ही विकास ने मुझे कस के भींच लिया और बोला- जानू, बस मुझे यही सुनना था! अब मुझे कोई डर नहीं… मेरी जान को कोई चीज ख़ुशी दे रही है तो अब मुझे इसमें कोई एतराज नहीं होगा!
विकास बोला- अब मुझे यकीन है कि सनी की वजह से उसके और नीता के सबंधों पर कोई दिक्कत नहीं आएगी।
विकास ने मुझसे यह भी कहा कि अब वो मुझ और सनी पर कोई शक नहीं करेगा, मैं जब चाहे सनी को घर बुला सकती हूँ या फोन पर बात कर सकती हूँ।
विकास बहुत खुश था और उससे ज्यादा मैं खुश थी।
मैंने विकास से कहा- अब कपड़े पहन लो, बेचारा सनी बाहर खड़ा है।
विकास ने तौलिया लपेटा और मैंने भी केवल तौलिया ही लपेट लिया।
विकास ने इण्टरकॉम पर पनीर पकोड़े और चिल्ड बियर का आर्डर दिया और सनी को बुलाने बाहर गया।
अब सनी बताएगा कि क्या हुआ आगे!
मुझे नीता ने बाहर भेज तो दिया पर मैं बाहर क्या करता, बाहर एक हट में स्नैक्स शॉप थी… मैं उस पर जाकर खड़ा हो गया और चिप्स और कोल्ड ड्रिंक ले ली।
मुझे नीता पर यकीन था कि वो कुछ भी करके मुझे अन्दर बुलाएगी और हम सब मस्ती करेंगे।
लगभग पंद्रह मिनट की बोरियत के बाद मुझे विकास अपनी ओर आता दिखाई दिया, मेरे दिल के धड़कन बढ़ गई… पता नहीं अन्दर क्या गुल खिला हो!
विकास ने मेरे पास आकर मेरा हाथ पकड़ा और मुझसे गले लगकर बोला- सॉरी… चल अन्दर चल!
मैं और विकास कॉटेज में गए।
विकास तो तौलिया लपेटे था, अन्दर नीता ने एक फ्रॉक डाल ली थी।
मैं विकास के पीछे था, नीता ने आगे बढ़कर मुझे अपने होठों से लगा लिया।
विकास के सामने मुझे उससे एसी उम्मीद नहीं थी पर अब मैंने भी बेशर्मी से उसे भींच लिया, उसके गोल गोल मम्मे उसके जलते होंठ और उसका मेरे बालों में हाथ फेरना… बता नहीं सकता… आग लग गई थी।
मैंने फ्रॉक के ऊपर से ही उसकी चूत का दाना मसल दिया।
पीछे से विकास हंसकर बोला- जरा सब्र कर, वेटर खाने का सामान लेकर आता ही होगा!
तभी गेट पर आहट हुई।
नीता अन्दर बाथरूम में चली गई, वेटर आया था सामान लेकर… उसके जाने के बाद विकास ने दरवाजा बंद कर दिया।
नीता बाहर आ गई।
उसने पकोड़े प्लेट में कर दिये, विकास ने बियर की बोतल खोल ली और मेरी ओर कर दी।
मुझे मालूम था कि नीता बियर ले लेती है, मैंने एक घूँट भर कर नीता को दोबारा होंठ से चिपका लिया और अपने मुँह की बियर उसके मुँह में डाल दी।
विकास ने बियर की बोतल उसकी चूत में घुसा कर थोड़ी सी लुढ़का दी और फिर नीचे लेटकर उसकी चूत चूसने लगा।
अब नीता की आग भड़क चुकी थी, उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिये, मैंने भी उसका साथ दिया और अपने साथ ही उसे भी नंगी कर दिया।
विकास ने भी तौलिया पलंग पर फेंक दिया था।
मैंने नीता को कमर से उठाया, उसने अपनी टाँगें मेरी कमर पर लपेट ली और एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत की ओर किया।
मैंने भी पूरा जोर लगा कर लंड को भाभी की चिकनी चूत में घुसा दिया।मैंने खड़े खड़े ही दो-चार धक्के मारे तो नीता मुझ पर और झूल गई। उसने अपनी बाहें ढीली की और खुद भी झटके देते हुए अपनी जीभ मेरे मुख में कर दी।
अब मुझ से बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने उसे पलंग पर लिटाया और चढ़ गया उसके ऊपर…
विकास भी जोश में था, उसने अपना लंड नीता के मुँह में घुसा दिया।
नीता एक हाथ से उसका लंड चूस रही थी और दूसरे हाथ से उसने मेरे बाल पकड़े हुए थे। दस मिनट की धक्का मुक्की के बाद उसकी चूत और मम्मे मेरे और विकास के वीर्य से भरे हुए थे।
विकास ने अपना लंड उसके मुख से निकाल कर अपना माल उसके मम्मों पर खाली कर दिया था।
एक ऐसा वासना का माहौल बना था जिसे हम तीनों ने एन्जॉय किया।
नीता बाथरूम चली गई और शावर लेकर तौलिया लपेट कर बाहर आई।
हम लोगों ने पकौड़े और बियर निबटाई।
शाम हो चुकी थी, हम लोग वापस आ गए।
इसके बाद तो हमारा रूटीन ही बदल गया, विकास से हरी झंडी पाकर नीता मुझसे जुड़ती चली गई। नीता और मैं रोज कई बार बात करते!
नीता ने मुझे कह रखा था कि जब तक विकास मेरे पीछे पड़कर मुझे घर नहीं बुलाये, मैं नहीं आऊँ…
जब मैंने पूछा ‘ऐसा क्यों…?’
तो वो बोली- विकास कितनी भी कसम खा ले… पर शक हमेशा करेगा! इसलिए अगर मैं अपनी मर्जी से उनके घर गया तो शायद चुदाई न हो… और अगर विकास मुझे खुशामद करके ले जाएगा तो वो चुदाई भी करवाएगा।
और ऐसा ही हुआ।
विकास ने दो-तीन दिन बाद मुझ से घर आने को कहा तो मैंने काम का बहाना बना कर टाल दिया।

अगले दिन विकास ने मुझे फ़ोन पर काफी जोर दिया और घर आने को कहा।
मेरा भी लंड तो जोर मार ही रहा था, मैं शाम को घर से नहा कर खाना जल्दी खाकर निकला, रोमा को बोल दिया कि लौटने में देर हो जाएगी।
मैं सीधा विकास के घर गया।
नीचे चाचीजी बोली- कभी रोमा को भी ले आया कर?
अब मैं उनको क्या कहता?
पर दिमाग में एक आईडिया आया कि क्यों न रोमा को भी इस खेल में शामिल कर लिया जाए!
पर इसमें मुझे विकास और रोमा दोनों की नीयत जाननी जरूरी थी।
‘चलो अभी तो ऊपर चलूँ और अपनी माशूका की प्यास बुझाऊँ…’ यह सोच कर में तेजी से ऊपर गया।
ऊपर विकास अकेला था, नीता कहीं दिखाई नहीं दे रही थी।
मैं बड़ा उदास हुआ कि मुझे विकास ने बुलाया क्यों है?
विकास मेरी परेशानी समझ गया और हंस कर बोला- नीता नहा रही है!
तभी नीता ने विकास को आवाज दी और कहा- जरा मेरी पीठ पर साबुन लगा दो…
विकास ने मेरी ओर आँख मार कर कहा- सनी तू जा!
मैंने कहा- मेरे कपड़े भीग जायेंगे!
तो विकास ने कहा- कपड़े उतार दे और तौलिया लपेट कर चला जा!

मुझे संकोच हो रहा था तो विकास ने मेरे हाथ में तौलिया थमा दिया।
मैं समझा कि यह सब नीता की बनाई कहानी है।
मगर ऐसा था नहीं, यह विकास ने प्लान किया था क्योंकि इससे उसे लगा कि नीता खुश हो जाएगी।
अब मैं केवल तौलिया लपेट कर बाथरूम में घुसने के लिए तैयार हुआ, विकास ने नीता को आवाज दी- दरवाजा खोल दो।
और खुद बाथरूम में घुसा और लाइट बंद कर दी।
फिर वो बाहर आ गया और मुझे बाथरूम में कर दिया।
अन्दर अँधेरा था और दो बदन नंगे थे।
मैंने नीता को टटोला और उसे अपने होंठों से चिपका लिया।
नीता दंग रह गई, बोली- तुम कब आये और विकास कहाँ है?
मैंने उसे बताया- विकास ने ही मुझे भेजा है तुम्हें नहलाने के लिए!
नीता यह सुन कर गर्म हो गई और मुझे शावर के नीचे खींच ले गई।
एक तो नंगे बदन ऊपर से शावर की बौछार… मानो सावन में आग लग गई थी।

मैंने उसे उठाना चाहा तो नीता ने अपना एक पैर टोंटी पर रख दिया और अपनी चिकनी चूत मेरे आगे कर दी।
मैंने भी अपना लंड उसकी चूत के मुंह पर रख कर अन्दर धकेल दिया।
सच जन्नत का मजा आ रहा था, नीचे चूत और लंड मिल रहे थे, बीच में उसके मम्मे मेरी छाती से टकरा रहे थे और ऊपर दोनों की जीभ एक दूसरे को चूस रही थी।
तभी विकास की बाहर से आवाज आई- कुछ मेरे लिए भी छोड़ दो…
हमने अपने को संभाला और तौलिया लपेट कर बाहर आ गए।
बाहर आकर नीता ने एक लम्बा चुम्बन विकास को दिया और उसकी शॉर्ट्स में हाथ डाल कर उसका लंड पकड़ लिया।
विकास सारी शिकायत भूल कर नीता को उठा कर बेड पर ले गया और उसका तौलिया निकाल कर उसके मम्मे चूसने लगा।
मैं भी बेड पर आ गया, अब नीता का एक मम्मा मैं चूस रहा था दूसरा विकास!
नीता के दोनों हाथों में हम दोनों के लंड थे।
विकास ने अपनी उंगली उसकी चूत में कर रखी थी जिसकी स्पीड वो बढ़ाता जा रहा था।
नीता ने भी अब आवाजें निकालनी शुरु कर दी थी, नीता अब विकास से बोली- जल्दी से मेरी चूत में आ जाओ।
नीता अब हाँफ रही थी और बड़बड़ाते हुए कह रही थी- विकास… सनी… मेरी चूत की आग बुझा दो, दोनों मिल कर फाड़ दो मेरी.. आ जाओ जानू मेरी चूत आज तुम दोनों के लंड खा जाएगी!
विकास ने भी कहा- हाँ जानू, आज हम तेरी चूत का भोसड़ा बना देंगे, दोनों मिलकर तेरे को बहुत मजा देंगे! तेरी चूत फाड़ ही देंगे!
विकास नीचे लेट गया और अपने ऊपर उसने नीता को लिटा लिया पीठ के बल और अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया।
वो नीचे से धक्के दे रहा था।
विकास ने कहा- सनी तू ऊपर से आ जा!एक बार तो मुझे लगा कि वाकयी इससे तो नीता की चूत फट ही जाएगी… एक चूत में दो लंड…
मुझे सकुचाता हुआ देख कर विकास बोला- घबरा मत, कुछ नहीं होगा… आज इस हरामजादी की चूत बिल्कुल रंडी की चूत बनी हुई है, जितनी मर्जी लंड खा लेगी!
नीता भी बोली- हाँ सनी, आज देखूँगी कि तुम दोनों के लंडों में कितना दम है!
यह सुनकर में भी अपना लंड अपने हाथ में लेकर बिस्तर पर चढ़ गया और नीता की चूत में पेल दिया।
एक बार तो नीता चीखी फिर मेरे को अपनी बाँहों में भर लिया।
अब उसकी चूत में दो दो लंड थे, मैंने भी चुदाई शुरू कर दी।
नीता बड़बड़ा रही थी- मजा आ गया सनी और जोर से.. आज सारी कसर निकाल दो… मेरी प्यास बुझा दो दोनों मिलकर…
विकास के धक्के तो तेज नहीं लग पा रहे थे पर मैंने अपनी रफ़्तार राजधानी एक्सप्रेस जैसी कर दी। दो मिनट के बाद मेरा होने को आया तो मैंने नीता से पूछा- जानू क्या मैं तुम्हारे मुँह में आ जाऊँ या मम्मों पर?
नीता बोली- जहाँ तुम्हारा मन आये वहीं आ जाओ, मैं तो अब तुम दोनों की हूँ!
मैंने अपना लंड निकालकर उसके मुँह में कर दिया, मेरा फव्वारा छूटा तो उसने अपने हाथों से मेरा लंड पकड़ लिया और लोलीपॉप की तरह चूस कर चाट कर साफ़ कर दिया।
उधर विकास ने भी अपना माल उसकी चूत में खाली कर दिया।
मैंने नीता को दोबारा होंठों से चिपका लिया और उसके मुँह में अपनी जीभ डाल दी।
उसके मुँह में मेरे वीर्य का स्वाद था।
अब वक़्त हो चुका था मेरे घर जाने का!
अब मेरे और नीता को कोई रोकने वाला नहीं था!
और कोई यानि विकास रोकता भी क्यों और कैसे… उसको यह अहसास हो चुका था कि वो अपने खेल में फँस चुका है। अब केवल एक ही रास्ता है कि वो इसे एन्जॉय करे
और अब वो यह कर भी रहा था।
हम लोगों ने यह तय किया कि अब हम लोग हफ्ते में एक बार जरूर मिलेंगे और जोरदार मस्ती होगी।
एक दिन नीता ने मुझे बताया कि अगले दिन उसकी चचेरी बहन कावेरी आ रही है और इस बार नीता को कावेरी की सेटिंग विकास से करनी है तो अगले चार पाँच दिन वो बिजी रहेगी।
अगली कहानी में आपको बताऊँगा कि नीता, कावेरी और विकास ने क्या गुल खिलाये!

कावेरी और नीता खूब खुली हुई हैं… दोनों हम उम्र हैं… दोनों सेक्सी हैं… दोनों शादी से पहले लेस्बीयन सेक्स करते हुए हमबिस्तर हो चुकी हैं और आज भी व्हाट्सएप पर एडल्ट्स जोक्स और फोटोज शेयर करती हैं। aise hi dost ki biwi wali kahani padhne ke liye yaha click kare

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1 Comment

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